बांझपन में मरने वालों की आत्मा कभी किसी का भला हो ऐसा नहीं सोचता है। वहीं तांत्रिको को भी नियम लागू पडता है। ऐसे एक तांत्रिक ने 1895 के समय में काशी में ब्रह्म भोजन करवाया था जो गुजरात में जन्म लिया था लेकिन उन्हें मरते समय विधा दुसरे को नहीं दी थी क्योंकि वह तांत्रिक को सर्वोत्तम पद पर रहना था इसलिए सभी को निचा दिखाने के लिए सभी देशों के साथ सभी दैवी दैवताओ को भी सुक्ष्म जगत में भी अपने वस में शामिल किया गया था हैं। किसी को भी निचले स्तर दिखना वहीं मरते समय मन था। तो काशी में जो भी घाट मंदिर बगैर जो विकास हुआ है वहीं उनकी मेहनत है ऐसा अभी तक मन है वहीं तांत्रिक ने वर्तमान में जो स्थिति है उनके जवाब दार है जी हां सत्य है। और जो ज्ञानवापी की झंझटों है वहीं भी उनके बनाया खेलों है। और उनके उपर भी ऐसा ही तांत्रिक है जो उनसे सभी कार्य करवा रहे हैं। पानी पानी आदित्यनाथ फादितयनाथ क्या जाने मामले कुछ ऐसा है। तो यह सभी घाट को खोखला करने के लिए बारिश योग समय में बनाया गया है। लेकिन वहीं तांत्रिको सभी दुसरे देश में है वहीं उनकी सभी भोगविलास पुरे करने के भगवान् ने योजना बना रहे हैं। क्योंकि सर्वश्रेष्ठ तो जगत के रचयिता है नहीं कोई तांत्रिको नहीं नरेंद्र मोदी नहीं योगी आदित्यनाथ। नहीं कोई था नहीं कोई है। पुरी के शंकराचार्य को भी लपेट में ले लिया था उनका गुरु अखंडानंद सरस्वती था हम उनके आश्रम में रहा हूँ। तो मुझे भगवान् ने जो कुछ भी लिखने के लिए बुधि दिया है वहीं सत्य है और 10000 साल पुराना योगी के योग रचना की गयी थी वहीं सभी पर पानी फेरने की जरूरत थी ऐसा मुझे लगता था क्योंकि भारत को पुरी तरह मुस्लिम राष्ट्र बनाने के योग रचना की गयी थी जो भारत के साथ धरती के लिए हानिकारक होता था। 46 की उम्र है लेकिन 10 हजार साल पुराना योगी मिलने आया करते थे है। जहां सभी को सुनने के बाद निर्माण करना चाहिए वहीं कर्ता हु। हम बाबा महेश्वर राज राजेश्वरी गुजरात के चुडा पीनकोड 363410 (कोई राजनीतिक दलों दैवी दैवताओ से दूर है हम)
हर साल बाढ़ आने का मुख्य कारण नदी ( गंगा) से सफाई का न होना (बालू का न निकाला जाना) है।
Bhagwan naraz hai bhai
jai bhole nath ki jai mha kal ki jai ma parwti ki jai shiv sapriwar
Mai 27 August 2022 ko gai thi usi time pani ka lever upar tha
aap ghumne gyii thii ??
बांझपन में मरने वालों की आत्मा कभी किसी का भला हो ऐसा नहीं सोचता है। वहीं तांत्रिको को भी नियम लागू पडता है। ऐसे एक तांत्रिक ने 1895 के समय में काशी में ब्रह्म भोजन करवाया था जो गुजरात में जन्म लिया था लेकिन उन्हें मरते समय विधा दुसरे को नहीं दी थी क्योंकि वह तांत्रिक को सर्वोत्तम पद पर रहना था इसलिए सभी को निचा दिखाने के लिए सभी देशों के साथ सभी दैवी दैवताओ को भी सुक्ष्म जगत में भी अपने वस में शामिल किया गया था हैं। किसी को भी निचले स्तर दिखना वहीं मरते समय मन था। तो काशी में जो भी घाट मंदिर बगैर जो विकास हुआ है वहीं उनकी मेहनत है ऐसा अभी तक मन है वहीं तांत्रिक ने वर्तमान में जो स्थिति है उनके जवाब दार है जी हां सत्य है। और जो ज्ञानवापी की झंझटों है वहीं भी उनके बनाया खेलों है। और उनके उपर भी ऐसा ही तांत्रिक है जो उनसे सभी कार्य करवा रहे हैं। पानी पानी आदित्यनाथ फादितयनाथ क्या जाने मामले कुछ ऐसा है। तो यह सभी घाट को खोखला करने के लिए बारिश योग समय में बनाया गया है। लेकिन वहीं तांत्रिको सभी दुसरे देश में है वहीं उनकी सभी भोगविलास पुरे करने के भगवान् ने योजना बना रहे हैं। क्योंकि सर्वश्रेष्ठ तो जगत के रचयिता है नहीं कोई तांत्रिको नहीं नरेंद्र मोदी नहीं योगी आदित्यनाथ। नहीं कोई था नहीं कोई है। पुरी के शंकराचार्य को भी लपेट में ले लिया था उनका गुरु अखंडानंद सरस्वती था हम उनके आश्रम में रहा हूँ। तो मुझे भगवान् ने जो कुछ भी लिखने के लिए बुधि दिया है वहीं सत्य है और 10000 साल पुराना योगी के योग रचना की गयी थी वहीं सभी पर पानी फेरने की जरूरत थी ऐसा मुझे लगता था क्योंकि भारत को पुरी तरह मुस्लिम राष्ट्र बनाने के योग रचना की गयी थी जो भारत के साथ धरती के लिए हानिकारक होता था। 46 की उम्र है लेकिन 10 हजार साल पुराना योगी मिलने आया करते थे है। जहां सभी को सुनने के बाद निर्माण करना चाहिए वहीं कर्ता हु। हम बाबा महेश्वर राज राजेश्वरी गुजरात के चुडा पीनकोड 363410 (कोई राजनीतिक दलों दैवी दैवताओ से दूर है हम)
कुछ भी काशी एक बहोत बड़ा शहर है चुटीए,पूरा शहर नही डूबा है,गंगा तट ही पूरा बनारस नही है
Ham sa dunia basaw Digbo sokte in Assam