Размер видео: 1280 X 720853 X 480640 X 360
Показать панель управления
Автовоспроизведение
Автоповтор
सांगोपांग 🎉
वाह वाह कवि राज गिरधर दान बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🚩🙏🙏
शानदार हुक्म
Ati sundar🎉
साहित्य महारथी को धन्यवाद ❤️🙏
अद्भुत। विसर काव्य का गौरवपूर्ण इतिहास।
Bahut sunder hukum
Waiting for next part eagerly
वाह वाह कविराज गिरधरदान सा।बहुत शानदार प्रस्तुति सा।।अणमोल आखरां सूं ओल़खाण सारु घणा घणा साधुवाद सा।
साहित्य सृजन और साहित्य सेवा के लिए आपके भागीरथी प्रयासों का चारण समाज ही नहीं वरन् संपूर्ण साहित्य जगत सदैव ऋणी रहेगा। दिनेश आसिया देशनोक।
हर दिन आप से संदेश सुन कर एक नया पन मिलता हुक्म l जे माता जी री सा
Jai mata ji ri sa hukm
जय माता जी री
Jai mata ji re saa hkm
🙏🏻🙏🏻
चारण काव्य धारा राज के अच्छे कार्य सत्व कार्यों के लिए अच्छी कविता या प्रशस्ति भी की है और अन्यायपूर्ण शासन के खिलाफ चरण साहित्य भी खूब लिखा सूर्य मल मिश्रण केसरीसिंह बारहट, दूर सा आढ़ा आदि
भली बातां कहणी पण भली
बहुत जोरदार हुक्म विकट भट्ट चारण कवि की कविता का अनुवाद है सा वो चारण कवि कौन थे और वह कविता कौनसी थी
विकट भट्ट चारण नहीं थे अपितु देवीसिंह जी,सवाईसिंहजी,व जैतसिंह जी थे।इनकी हत्या की खुलेआम निंदा करने वाले ब्रहृमदासजी चारण थे।
सांगोपांग 🎉
वाह वाह कवि राज गिरधर दान बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🚩🙏🙏
शानदार हुक्म
Ati sundar🎉
साहित्य महारथी को धन्यवाद ❤️🙏
अद्भुत। विसर काव्य का गौरवपूर्ण इतिहास।
Bahut sunder hukum
Waiting for next part eagerly
वाह वाह कविराज गिरधरदान सा।
बहुत शानदार प्रस्तुति सा।।
अणमोल आखरां सूं ओल़खाण सारु घणा घणा साधुवाद सा।
साहित्य सृजन और साहित्य सेवा के लिए आपके भागीरथी प्रयासों का चारण समाज ही नहीं वरन् संपूर्ण साहित्य जगत सदैव ऋणी रहेगा।
दिनेश आसिया
देशनोक।
हर दिन आप से संदेश सुन कर एक नया पन मिलता हुक्म l जे माता जी री सा
Jai mata ji ri sa hukm
जय माता जी री
Jai mata ji re saa hkm
🙏🏻🙏🏻
चारण काव्य धारा राज के अच्छे कार्य सत्व कार्यों के लिए अच्छी कविता या प्रशस्ति भी की है और अन्यायपूर्ण शासन के खिलाफ चरण साहित्य भी खूब लिखा सूर्य
मल मिश्रण केसरीसिंह बारहट, दूर सा आढ़ा आदि
भली बातां कहणी पण भली
बहुत जोरदार हुक्म विकट भट्ट चारण कवि की कविता का अनुवाद है सा वो चारण कवि कौन थे और वह कविता कौनसी थी
विकट भट्ट चारण नहीं थे अपितु देवीसिंह जी,सवाईसिंहजी,व जैतसिंह जी थे।इनकी हत्या की खुलेआम निंदा करने वाले ब्रहृमदासजी चारण थे।
जय माता जी री