तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
सत्य पुरूष कबीर है, चारों युग प्रमाण। झूठे गुरुआ मर गए, बन गए भूत मसान। बन्दी छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज जी के चरणों में गुरदेव दास का कोटि कोटि दण्डवत प्रणाम
नर-नारायण देहि पाय कर, फेर चौरासी जांही। उस दिन की मोहे डरनी लागे, लज्जा रह के नांही।। हमें नर शरीर मिला है। यदि मनुष्य शरीर प्राप्त करके सत्य भक्ति नहीं कर के हम चौरासी लाख योनियों वाले चक्र में जा रहे हैं तो धिक्कार है हमारे मानव जीवन को।
सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा दिया गया ज्ञान सभी धार्मिक शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान है। ये मैं पूर्ण विश्वास के साथ कहता हूं कि जो पुण्य आत्माएं वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान और उस एक सर्व शक्तिमान अविनाशी भगवान की खोज में लगे हैं उनकी खोज और संतुष्टि केवल जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर अवश्य पूरी होगी।🙇🙇🙇🙇🙏🙏🙏🙏
गीता अः 2 श्लोक 46 छोटे जलाशय में स्थित मानव यदि बड़े जलाशय की प्राप्ति हो जाए तो अर्थात तत्वज्ञान( तेतीस कोटि )से परिचित होने से तत्व ब्रह्म (पूर्ण ब्रह्म) की खोज करना चाहिए
Only Supreme Lord’s True Saint can guide us with the most authentic spiritual knowledge which is based on all our holy scriptures and can make us attain ultimate peace and salvation. At present, only Great @SaintRampalJiM is the one & only True Saint.
तत्वदर्शी संत की आवश्यकता गीता अध्याय 4 श्लोक 32-34 के अनुसार केवल तत्वदर्शी संत से प्राप्त ज्ञान से ही मोक्ष संभव है। जैन धर्म के अनुयायी बिना तत्वदर्शी संत की मार्गदर्शन में साधना कर रहे हैं, जो उन्हें पूर्ण मोक्ष नहीं दिला सकती। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा। 👏🌸👏🌸👏
गरीब, जल थल पृथ्वी गगन में, बाहर भीतर एक। पूर्णब्रह्म कबीर है, अबिगत पुरूष अलेख ।। विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं और सभी सतग्रंथों के आधार पर ज्ञान देते हैं
कबीर, सात द्वीप नौ खण्ड में, गुरु से बड़ा ना कोय। करता करे ना कर सकै, गुरु करे सो होय।। तीन ताप का कष्ट तथा पाप कर्म से उत्पन्न कर्म लेख केवल संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई सतभक्ति से ही समाप्त हो सकते हैं। वही सच्चे सतगुरु हैं। उनसे दीक्षा लें।
सांसो का चूक रहा जखीरा अपनी धुन पर बजा मंजीरा जी भर मैली कीन्ही चादर बस कानों तक रहा कबीरा ठोकर पाए खुली हैं अखियां अब दीखत हैं दाग साधु मन लीन्हो बैराग____ कबीर साहिब को समर्पित__🙏🙇
संत रामपाल जी महाराज द्वारा चौबीसों घंटे नि:शुल्क नामदीक्षा, तीन दिवसीय अखंड भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक रमैणी विवाह कार्यक्रम, विशाल सत्संग समारोह आयोजित किए जायेंगे। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
ब्रह्मा विष्णु महेश सभी नाशवान है। अविनाशी परमात्मा, परमात्मा कबीर साहेब है उन्ही की सत भक्ति करने से मनुष्य के सभी दुख दूर होते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। तत्वदर्शीसंत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने पर उनकी भक्ति का मंत्र प्राप्त होता है। वर्तमान में इस धरती पर पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं।।
सतगुरु सन्त रामपाल जी महाराज जी के पावन चरण कमलों में इस तुच्छदास का कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम। इस संसार में सतगुरु सन्त रामपाल जी महाराज जी के अलावे किसी संतों के पास ऐसा अलौकिक अदभुत ज्ञान नहीं है।सभी नकली गुरु बनकर जगत के लोगों को शाश्त्र विरुद्ध साधना बताकर गुमराह कर रहें हैं। जय हो बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की ।
मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रथम इन तीनों देवताओं की वंदना यानि साधना करनी होती है। फिर सतगुरू का उपदेश सुनो जो परम अक्षर ब्रह्म की पूजा की सही भक्ति विधि बताएगा जिसके विषय में गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में बताया है। वर्तमान में वह तत्वदर्शी संत सदगुरु रामपाल जी महाराज है।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
सतगुरु के उपदेश का सुनिया एक विचार , जे सतगुरु मिलता नहीं जाता यम द्वार यम द्वार में दूत सब करते खिंचा तान उनसे कबहु न छुटता फिरता चारों खाने चार खानी में भरमता कबहु न लगता पार सो फेरा सब मिट गया मेरे सतगुरु के उपकार
संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी धर्म के शास्त्रों से प्रमाणित कर दिया की कभी नहीं सच्चे भगवान है सच्चे परमेश्वर हैं सच्चे अल्लाह है सच्चे गोद में सच्चे वाहेगुरु
गीता अध्याय 17 श्लोक 23 ॐ मन्त्र ब्रह्मको , तत् यो सांकेतिक मंत्र परब्रह्मको , सत् यो सांकेतिक मन्त्र पूर्णब्रह्मको हो, यसरी यी तीन प्रकारका तीन प्रकारका पूर्ण परमात्माको नाम सुमिरणको आदेश भनिएको छ
कबीर साहेब चारों युगों में आते हैं अपनी प्यारी पुण्य आत्माओं को मिलते हैं कविताओं, लोकोक्तियों और दोहों के माध्यम से सृष्टि रचना की वास्तविक जानकारी व स्वयं का ज्ञान खुद ही देते हैं। धन्यवाद है संत रामपाल जी महाराज जी🙏 को जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाण लेकर यह साबित कर दिया कि सर्व शक्तिमान, सारी सृष्टि के मालिक, पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी ही है।
*💎बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी 🔹महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती, न मोक
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
Jai ho sat saheb ji jai ho sat guru ram pal ji Maharaj ki koet koet parnam dhan ho yapki satsngh parbhu ji bhagti kariye wush rabko jo hai mallik kulshabh ko sat saheb ji
परम्ं सन्त रामपाल जी महाराज के प्रमाणित ज्ञान को सुनने के बाद ही पता चलता है कि किस तरह हर धर्म के धर्मगुरू अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं और साथ में भोले श्रद्धालुओं का जीवन नास करने का महापाप शिर पर चढ़ा रहे हैं। विवेक जाग्रत तभी होता है जब सत्संग की प्राप्ति हो और आज वो सत्संग एकमात्र परम्ं सन्त रामपाल जी महाराज के पास ही है। बिन सत्संग विवेक न होई।राम कृपा बिन सुलभ न सोई।। 🙏🏻🙏🏻🙇🏻♂️🙇🏻♂️
गीता अध्याय 18 के श्लोक नंबर 62 में बताया गया है की है अर्जुन उस परमेश्वर की शरण में जाकर उस परम पद की खोज कर जहां जाने के बाद साधक वापस लौटकर नहीं आता। वर्तमान में तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी है
🪴🪴 गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।
बहुत अछा सतसंग सुने जगत् गुरु तत्व दर्शी संत रामपाल जी❓ के मगल प्रवचन साधना टीवी पर व अन्य चनलों पर सत्ये ज्ञान सत्ये भगति विधि जाने जगत् गुरु के माध्यम से
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं तीनों देवा दिल में बसें ब्रह्मा, विष्णु, महेश। प्रथम इनकी वंदना, फिर सुन सतगुरु उपदेश।।परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
🔹 श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
🔹महावीर जैन की जीवनी में लिखा है कि उन्होंने 84 लाख जूनी भोगी। वर्तमान के जैन धर्म के साधक भी वही शास्त्र विरुद्ध साधना करके लख चौरासी में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है। 🔹
आदि राम कबिर जै सतगुरू की संगत करते, सकल कर्म कटि जाईं। अमर पुरि पर आसन होते, जहाँ धूप न छाँइ।। संत गरीबदास जी ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते।
महावीर जैन की जीवनी में लिखा है कि उन्होंने 84 लाख जूनी भोगी। वर्तमान के जैन धर्म के साधक भी वही शास्त्र विरुद्ध साधना करके लख चौरासी में जाने की तैयारी कर रहे हैं। श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
सत्य पुरूष कबीर है, चारों युग प्रमाण।
झूठे गुरुआ मर गए, बन गए भूत मसान।
बन्दी छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज जी के चरणों में गुरदेव दास का कोटि कोटि दण्डवत प्रणाम
कबीर परमेश्वर जी कहते हैं:-👇
सतयुग में सत् सुकृति कह टेरा, त्रेता नाम मुनिन्द्र मेरा।
द्वापर युग करूणामय कहलाया, कलयुग नाम कबीर धारा।।
कल्पे कारण कौन है , कर सेवा निष्काम।
मन इच्छा फल देऊंगा, जब पड़े मेरे ते काम।।
नर-नारायण देहि पाय कर, फेर चौरासी जांही।
उस दिन की मोहे डरनी लागे, लज्जा रह के नांही।।
हमें नर शरीर मिला है। यदि मनुष्य शरीर प्राप्त करके सत्य भक्ति नहीं कर के हम चौरासी लाख योनियों वाले चक्र में जा रहे हैं तो धिक्कार है हमारे मानव जीवन को।
गरीब, जठराग्नि से राखियां, भक्ति हेत के काज।
भूलि गया जगदीश कूं, मन लोचत है राज।। 🌱
सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा दिया गया ज्ञान सभी धार्मिक शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान है। ये मैं पूर्ण विश्वास के साथ कहता हूं कि जो पुण्य आत्माएं वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान और उस एक सर्व शक्तिमान अविनाशी भगवान की खोज में लगे हैं उनकी खोज और संतुष्टि केवल जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर अवश्य पूरी होगी।🙇🙇🙇🙇🙏🙏🙏🙏
Sat saheb ji 🙏🏾 jl
मोक्ष पाने के लिए शब्द गुरु के शरण में जाने से अर्थात मंत्र मिलने से मोक्ष होता है जय हो बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो
❤❤ Jai Ho Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj Ji Ki Jai Ho
गीता अः 2 श्लोक 46 छोटे जलाशय में स्थित मानव यदि बड़े जलाशय की प्राप्ति हो जाए तो अर्थात तत्वज्ञान( तेतीस कोटि )से परिचित होने से तत्व ब्रह्म (पूर्ण ब्रह्म) की खोज करना चाहिए
Only Supreme Lord’s True Saint can guide us with the most authentic spiritual knowledge which is based on all our holy scriptures and can make us attain ultimate peace and salvation.
At present, only Great @SaintRampalJiM is the one & only True Saint.
जगत गुरू तत्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज सभी धर्मिक ग्रंथो और शास्त्रों के प्रमाणित सच्चा ज्ञान बताते हैं
तत्वदर्शी संत की आवश्यकता
गीता अध्याय 4 श्लोक 32-34 के अनुसार केवल तत्वदर्शी संत से प्राप्त ज्ञान से ही मोक्ष संभव है। जैन धर्म के अनुयायी बिना तत्वदर्शी संत की मार्गदर्शन में साधना कर रहे हैं, जो उन्हें पूर्ण मोक्ष नहीं दिला सकती। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
👏🌸👏🌸👏
बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की जय हो 🙏🌹🌹🙏🙏
❤❤❤jai ho Bandi chord ki Jay ho ❤❤❤❤❤
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान वेद, गीता एवं अन्य आध्यात्मिक ग्रंथों पर आधारित सत्य ज्ञान है ।
इस पूरे विश्व में एकमात्र सच्चा सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही है 🙏🙏
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Bhagwan ki Jay Ho
भगवान् का ज्ञान तो अनमोल है और बड़ी कठोर सत्य है 🙏 जो अपने जिस्म में यह ज्ञान उतार लिया उसका जिवन मोक्ष प्राप्त कर दिया।❤
पूरे विश्व में एकमात्र जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज है जिन्होंने सभी पवित्र शास्त्रों पर आधारित सत्य और प्रमाणित ज्ञान बताया है।
कबीर
और ज्ञान सब ज्ञानडी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान
जेसे गोला तोब का, अब करता चले मैदान 🙏🙏🙇♀️♥️
गरीब, जल थल पृथ्वी गगन में, बाहर भीतर एक।
पूर्णब्रह्म कबीर है, अबिगत पुरूष अलेख ।।
विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं और सभी सतग्रंथों के आधार पर ज्ञान देते हैं
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब जी भगवान है
कबीर, सात द्वीप नौ खण्ड में, गुरु से बड़ा ना कोय।
करता करे ना कर सकै, गुरु करे सो होय।।
तीन ताप का कष्ट तथा पाप कर्म से उत्पन्न कर्म लेख केवल संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई सतभक्ति से ही समाप्त हो सकते हैं। वही सच्चे सतगुरु हैं। उनसे दीक्षा लें।
पवित्र सतग्रंथों के अनुसार असली जगन्नाथ भगवान कबीर जी ही हैं जिनकी भक्ति करने से हमें पूर्ण मोक्ष मिलेगा।
सांसो का चूक रहा जखीरा
अपनी धुन पर बजा मंजीरा
जी भर मैली कीन्ही चादर
बस कानों तक रहा कबीरा
ठोकर पाए खुली हैं अखियां
अब दीखत हैं दाग
साधु मन लीन्हो बैराग____
कबीर साहिब को समर्पित__🙏🙇
🪷गरीब, साध-साध सब नेक है, आप आपनी ठोर।🪷💞
🤍🪷 जो सतलोक लें जायेंगे, वो साधु कोई और ।।🪷❤️
🪷🙇🏻♀️ Sᴀɴᴛ Rᴀᴍᴘᴀʟ ᴊɪ Mᴀʜᴀʀᴀᴊ 🙇🏻♀️🪷
God given spiritual knowledge
अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान अवश्य सुनो जगत् गुरु तत्वदर्शी पुर्ण संत रामपाल जी महाराज के मुखकमल से अमृत वचन
संत रामपाल जी महाराज द्वारा चौबीसों घंटे नि:शुल्क नामदीक्षा, तीन दिवसीय अखंड भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक रमैणी विवाह कार्यक्रम, विशाल सत्संग समारोह आयोजित किए जायेंगे। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
ब्रह्मा विष्णु महेश सभी नाशवान है। अविनाशी परमात्मा, परमात्मा कबीर साहेब है उन्ही की सत भक्ति करने से मनुष्य के सभी दुख दूर होते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। तत्वदर्शीसंत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने पर उनकी भक्ति का मंत्र प्राप्त होता है। वर्तमान में इस धरती पर पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं।।
संय रामपाल जी महाराज ने बताया है कि गीतामें बताया हैं कि सच्चे सःत से दीक्षा लेकर शास्त्र अनुकूल साधना करने से जीवन का कल्याण होता है।
Only supreme lord's true Sant can guide us with the most authentic spritual knowledge which is based on all our holy scriptures
जबतक हम शास्त्र अनुसार भक्ति नहीं करेंगे तब तक हमारा मोक्ष नहीं हो गा
जै सतगुरू की संगत करते , सकल कर्म कटि जाईं।
अमर पुरि पर आसन होते , जहाँ धूप न छाँइ।।
सत भक्ति से ही मोक्ष संभव है शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से ही हमारा जन्म मरण का चक्कर हट सकता है अन्यथा हम जन्म मरण के चक्कर से नहीं दूर हो सकते
Sat gyaan sant rampal ji maharaj dawara diya jaa rha hai ❤❤❤
सतगुरु सन्त रामपाल जी महाराज जी के पावन चरण कमलों में इस तुच्छदास का कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम।
इस संसार में सतगुरु सन्त रामपाल जी महाराज जी के अलावे किसी संतों के पास ऐसा अलौकिक अदभुत ज्ञान नहीं है।सभी नकली गुरु बनकर जगत के लोगों को शाश्त्र विरुद्ध साधना बताकर गुमराह कर रहें हैं।
जय हो बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की ।
Santrampal ji purn parmatma h jo dharti pe aaye huye hai... 🙏🙏 sat saheb malik
पूरा गुरु संत रामपाल जी महाराज ही हैं सत् ज्ञान बताने वाला भगवान
Very nice satsang
Bandichhod Jagatguru Taptadarsi Saint Rampal Ji Maharaj Ki Jai ho... 🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज शास्त्र में प्रमाणित ज्ञान बताते है जिससे सारे लाभ मिलता है अधिक जानकारी के लिए देखिए संत रामपाल जी महाराज का मंगल प्रवचन
कबीर ज्ञान और सब ज्ञानडी कबीर ज्ञान सो ज्ञान जैसे गोला तोप का करता चले मैदान
आओ जाने जैन धर्म का इतिहास के बारे आज ही ज्ञान गंगा पुस्तक आर्डर करें निशुल्क
मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रथम इन तीनों देवताओं की वंदना यानि साधना करनी होती है। फिर सतगुरू का उपदेश सुनो जो परम अक्षर ब्रह्म की पूजा की सही भक्ति विधि बताएगा जिसके विषय में गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में बताया है। वर्तमान में वह तत्वदर्शी संत सदगुरु रामपाल जी महाराज है।
⚜राम नाम जपते रहो, जब तक घट में प्राण।
कबहु तो दीन दयाल के, भिनक पड़ेगी कान।।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
सतगुरु के उपदेश का सुनिया एक विचार ,
जे सतगुरु मिलता नहीं जाता यम द्वार
यम द्वार में दूत सब करते खिंचा तान
उनसे कबहु न छुटता फिरता चारों खाने
चार खानी में भरमता कबहु न लगता पार
सो फेरा सब मिट गया मेरे सतगुरु के उपकार
Universal truth spritual leder Saint Rapala ji maharaj. 🙏🏻 😢
संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी धर्म के शास्त्रों से प्रमाणित कर दिया की कभी नहीं सच्चे भगवान है सच्चे परमेश्वर हैं सच्चे अल्लाह है सच्चे गोद में सच्चे वाहेगुरु
गीता अध्याय 17 श्लोक 23
ॐ मन्त्र ब्रह्मको , तत् यो सांकेतिक मंत्र परब्रह्मको , सत् यो सांकेतिक मन्त्र पूर्णब्रह्मको हो, यसरी यी तीन प्रकारका तीन प्रकारका पूर्ण परमात्माको नाम सुमिरणको आदेश भनिएको छ
मानुष जन्म दुर्लभ है मिले न बारम बार तरुवर से पत्ते टूट गिरे भीर बहुर न लगता डार। पूर्ण गुरु के सारण में रहकर भक्ति करने से मोक्ष निश्चित हैं।
FactsAndBeliefsOfJainism
🔹महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती, न मोक्ष।
कबीर साहेब चारों युगों में आते हैं अपनी प्यारी पुण्य आत्माओं को मिलते हैं कविताओं, लोकोक्तियों और दोहों के माध्यम से सृष्टि रचना की वास्तविक जानकारी व स्वयं का ज्ञान खुद ही देते हैं।
धन्यवाद है संत रामपाल जी महाराज जी🙏 को जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाण लेकर यह साबित कर दिया कि सर्व शक्तिमान, सारी सृष्टि के मालिक, पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी ही है।
*💎बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी
🔹महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती, न मोक
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान जी की जय
Sat saheb ji 🌹🙂🙏🙏🙏🌹🙂🙏🙏🙏
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
Jai ho sat saheb ji jai ho sat guru ram pal ji Maharaj ki koet koet parnam dhan ho yapki satsngh parbhu ji bhagti kariye wush rabko jo hai mallik kulshabh ko sat saheb ji
संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान के आगे सब ज्ञान फीकी पड़ी है
संत रामपाल जी महाराज केवल एकमात्र ऐसे संत है जो सिर्फ सच्चाई बता रहे हैं बाकी सब संत अज्ञानी है उनको शास्त्रों का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं है
परम्ं सन्त रामपाल जी महाराज के प्रमाणित ज्ञान को सुनने के बाद ही पता चलता है कि किस तरह हर धर्म के धर्मगुरू अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं और साथ में भोले श्रद्धालुओं का जीवन नास करने का महापाप शिर पर चढ़ा रहे हैं।
विवेक जाग्रत तभी होता है जब सत्संग की प्राप्ति हो और आज वो सत्संग एकमात्र परम्ं सन्त रामपाल जी महाराज के पास ही है।
बिन सत्संग विवेक न होई।राम कृपा बिन सुलभ न सोई।।
🙏🏻🙏🏻🙇🏻♂️🙇🏻♂️
⚜राम राम सब जगत बखाने,
आदि राम कोई बिरला जाने।
जानिए कौन है आदि राम। अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
पर्वत पर्वत मैं फिरा, कारण अपने राम।
राम जैसे संत मिले, जिन सारे सब काम।।
जानिए ऐसे ही सच्चे संत के बारे में और अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो🙏🙏🙏
🙏Bandi chod sat guru rampal ji maharaj 🙏🌷🙏Koti koti dandwat charan sparsh 🙏Sat saheb 🙏
गीता अध्याय 18 के श्लोक नंबर 62 में बताया गया है की है अर्जुन उस परमेश्वर की शरण में जाकर उस परम पद की खोज कर जहां जाने के बाद साधक वापस लौटकर नहीं आता। वर्तमान में तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी है
🪴🪴
गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।
Bandichhoda sadguru rampalji bhagban ki jay 🙇🙇🙇🙇🙇🙇
महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती, न मोक्ष।
गुरु जी का ज्ञान पहले भी चार दिवारी में देते थे, अब। भी चार दिवारी में ही है।
बहुत अछा सतसंग सुने जगत् गुरु तत्व दर्शी संत रामपाल जी❓ के मगल प्रवचन साधना टीवी पर व अन्य चनलों पर सत्ये ज्ञान सत्ये भगति विधि जाने जगत् गुरु के माध्यम से
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं
तीनों देवा दिल में बसें ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
प्रथम इनकी वंदना, फिर सुन सतगुरु उपदेश।।परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
🔹 श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
वेदों में परमाण है कबीर साहेब भगवान है
कल्पकारण कौन है कर सेवा निष्काम मन इच्छा फलदूंगा जब पड़े मेरे ते काम
कबीर सात समुद्र की मसि करूं लेखनी करूं बनराय। धरती का कागज करूं गुरु गुण लिखा न जाय।
Sant rampal ji maharaj hi tatv darsi sant h jo sabhi manav samaj ko satlok le jane ke liye aaye huye h.
🔹महावीर जैन की जीवनी में लिखा है कि उन्होंने 84 लाख जूनी भोगी।
वर्तमान के जैन धर्म के साधक भी वही शास्त्र विरुद्ध साधना करके लख चौरासी में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
Konsi pustak me likha hai re ...kuch bhi likh raha
धार्मिक ज्ञान बहुत अच्छा है
श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
🔹
कोटि कोटि सिजदा करूं कोटि कोटि प्रणाम।
चरण कमल में राखियों मै बांदी जाम गुलाम। ।
. संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्रों के अनुसार भक्ति बताते हैं और कोई भी शांत पृथ्वी पर नहीं है यह पूर्ण परमात्मा आए हुए हैं
मात पिता मिल जाएंगे लक चौरासी माही सतगुरु सेवा बंदगी फिर मिलन की नाही
आदि राम कबिर
जै सतगुरू की संगत करते, सकल कर्म कटि जाईं।
अमर पुरि पर आसन होते, जहाँ धूप न छाँइ।।
संत गरीबदास जी ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते।
Sadguru Dev ji bhagwan ki jai Ho koti koti dandwat pranam data das ka 🙏🙇🙏🙇🙏🙇🙏🙇🙏🙇
जीव हमारा जाती है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा सत कबीर
Rampalji Maharaj Anmol satsang Laga sant Rampal Ji Bhagwan ji ka
Bandi chhod ki jai, 🌺🙇♀️🙇♀️🌺
He is a true sant sant rampal Ji maharaj hai aur koi nhi hai jo hame sant rampal Ji maharaj duara bhakti bata sake .
Sant Rampal Ji Maharaj hi purn sant hai jo sabhi dharmik Granth ko vistar sahit batate Hain
गरीब, कोटिक तीरथ ब्रत करी, कोटि गज करी दान।
कोटि अश्व बिपरो दिए, मिटे न खैंचातान
पीछे लाग्या जाऊ था लोक वेद के साथ।
रास्ते में सतगुरू मिले दीपक दे दिया हाथ।।
महावीर जैन की जीवनी में लिखा है कि उन्होंने 84 लाख जूनी भोगी।
वर्तमान के जैन धर्म के साधक भी वही शास्त्र विरुद्ध साधना करके लख चौरासी में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
रामपाल जी महाराज और शास्त्र वेदों से ज्ञान बता रहे हैं अनमोल ज्ञान
The tru knowalledge of sant rampalji maharaj
महावीर जैन की जीवनी में लिखा है कि उन्होनें गुरू नहीं बनाया और हठयोग किया। जबकि सद्ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं कि गुरु बिन मोक्ष असंभव है।
🔹महावीर जैन ने कोई गुरु नहीं बनाया।
कबीर परमात्मा कहते हैं :-
गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना।
ज्यों थोथा भुस, छड़े मूढ़ किसाना।
कबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक हैं।
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32