बाबा की पोती ज्योति मिर्धा का प्लान, नाथूराम जी मिर्धा मूर्ति अनावरण समारोह मेड़ता। हरिराम किंवाड़ा

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  • Опубликовано: 7 окт 2024
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    भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप जी धनखड़ साहब के मुख्य आतिथ्य और बाबा नाथूराम जी मिर्धा की पोती पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा जी की अध्यक्षता के साथ राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री लालचंद जी कटारिया और लोकप्रिय किसान नेता रिछपाल जी मिर्धा के विशिष्ट आतिथ्य और हजारों लाखों जन समुदाय की गरिमामय उपस्थिति में शक्ति और भक्ति की धरा मेड़ता सिटी में किसान कौम के रहनुमा श्री नाथूराम जी मिर्धा की मूर्ति का अनावरण मिर्धा साहब के चाहने वालों के लिए स्वर्णिम दिन है।
    राजस्थान के किसान गांधी, मरुधर रत्न और जाट शिरोमणि जैसी उपाधियों और सम्मान से विभूषित श्री नाथूराम जी मिर्धा का राजस्थान में टेनेंसी एक्ट लागू करने से लेकर, शिक्षा, कृषि, पशुपालन, वित्त, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, सिंचाई, सहकारिता, राजस्व और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्यकाल किसान कौम के लिए पुनरुद्धार का युग रहा है।
    20 अक्टूबर 1921 में पिता श्री थानाराम जी मिर्धा के घर माता श्री गोगी देवी की पावन कोख में जन्म लेने वाले नाथूराम जी मिर्धा ने 75 साल के जीवन में कठिनाइयों और संघर्षों के बीच साहस व पुरुषार्थ के बल पर विराट व्यक्तित्व का निर्माण किया है।
    नाथूराम जी मिर्धा ने कुचेरा से प्राथमिक शिक्षा, जोधपुर से हाई स्कूल व कॉलेज की शिक्षा लेने के बाद 1946 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी और अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। मिर्धा साहब ने सभी कक्षाओं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
    वर्ष 1936 में नाथूराम जी मिर्धा का वैवाहिक जीवन डेह गांव की लाडली बेटी केसर देवी के साथ शुरू हुआ।
    कानून की पढ़ाई करने के बाद नाथूराम जी मिर्धा ने 1946 में जोधपुर उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की और वहां पर गरीब जरूरतमंद किसान भाइयों के मुकदमों की निशुल्क पैरवी करके आपने किसान कौम के प्रति अपने कर्ज और फर्ज को अदा किया।
    सन् 1940 में किसान केसरी श्री बलदेव राम जी मिर्धा के सानिध्य में मारवाड़ किसान सभा की स्थापना हुई और 1946 में बलदेव राम जी मिर्धा ने सर छोटू राम जी की अध्यक्षता में ऐतिहासिक किसान सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें नाथूराम जी मिर्धा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह किसान सम्मेलन मारवाड़ में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का मूल मंत्र बना।
    किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी और किसान केसरी श्री बलदेव राम जी मिर्धा के सानिध्य में राजनीति का पाठ पढ़ने वाले श्री नाथूराम मिर्धा जी मिर्धा 6 मार्च 1948 में जोधपुर स्टेट में बनी जनप्रतिनिधि सरकार में राजस्व मंत्री बने ‌।
    तीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह जी, और वीपी सिंह जी के मंत्रिमंडल में काम करने वाले श्री नाथूराम जी मिर्धा जनकल्याण के सच्चे मसीहा थे।
    जनसेवक से जननायक का सफर तय करने वाले श्री नाथूराम जी मिर्धा की लोकप्रियता का प्रमाण यह है कि वर्ष 1977 में संपूर्ण उत्तरी भारत में जनता दल की लहर के विपरीत अकेले सांसद का चुनाव जीतकर देश भर में जननायक होने का एहसास कराया।
    श्री नाथूराम जी मिर्धा केन्द्र में पंचायती राज संशोधन समिति के अध्यक्ष और संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष भी रहे और उनके दिए सुझाव आज देश में पंचायती राज के सशक्तिकरण और राजभाषा के उन्नयन व संरक्षण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
    लगभग 55 वर्ष के राजनीतिक जीवन में दर्जनों देशों की यात्राएं, सैकड़ों परियोजनाएं, हजारों कार्य , लाखों नौकरियां और करोड़ों जनमानस के ख्वाबों को पूरा करने का इतिहास मिर्धा साहब के खाते में दर्ज है।
    राजनीतिक मजबूती के साथ श्री नाथूराम जी मिर्धा ने शिक्षा संत स्वामी केशवानंद जी के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए संगरिया में ग्रामोत्थान विद्यापीठ की स्थापना, बड़ायली नागौर में श्री साईं बाबा शिक्षण संस्थान का निर्माण, नई दिल्ली में महाराजा सूरजमल शिक्षण संस्थान की स्थापना और विकास एवं डीडवाना और नागौर में ग्रामोत्थान विद्यापीठ की परिकल्पना को साकार करने में श्री नाथूराम जी मिर्धा का अद्भुत योगदान है।
    जनमानस में बाबा के नाम से प्रसिद्ध नाथूराम जी मिर्धा गरीब जरूरतमंदों को बीमारियों के समुचित इलाज के लिए आर्थिक सहायता और मानसिक संबल देते थे, जो उनकी करुणा और वात्सल्य का श्रेष्ठ उदाहरण है।
    सैकड़ों हार्ट के ऑपरेशन और हजारों नेत्र चिकित्सा का लाभ लेने वाले लोग उन्हें धरती का देवता कह कर संबोधित करते हैं।
    अपनी माताजी की धर्म परायणता और करुणा वत्सल भाव को देखते हुए श्री नाथूराम जी मिर्धा ने श्रीमती गोगी देवी सेवा ट्रस्ट की स्थापना की जिसके माध्यम से जन सेवा और सरोकारों के अनेकों प्रकल्प चल रहे हैं।
    पुष्कर का जाट शिव मंदिर और ग्रामोत्थान विद्यापीठ नागौर का गोगी बाई गर्ल्स हॉस्टल सेवा और समर्पण का शानदार उदाहरण है।
    मारवाड़ के गांधी और बाबा नाथूराम मिर्धा के सेवा कार्यो और उनकी पुण्य स्मृतियों को अक्षुण्ण रखने के लिए मेड़ता सिटी के मीरा प्रवेश द्वार पर मिर्धा साहब की अष्टधातु की सवा 11 फीट ऊंची दिव्य प्रतिमा लगाई गई है, जिसकी जमीन अलॉटमेंट में तत्कालीन राजस्व मंत्री रामनारायण जी डूडी और सरपंच मोतीराम जी जाजड़ा का उल्लेखनीय योगदान है।
    इस मूर्ति समारोह के आयोजन को ऐतिहासिक और सफल बनाने के लिए जज साहब हरसुखराम जी पूनिया, पूर्व प्रधान रामकरण जी कमेड़िया, चीफ इंजीनियर आरके झींझा, घासीराम चौधरी समेत अनगिनत लोगों का तन मन और धन का समर्पण है।
    जेवीपी मीडिया ग्रुप के चेयरमैन हरिराम किंवाड़ा ने डॉ. गणेश नारायण गुरुजी की प्रेरणा, जनमानस की भावना और मोहन राम मारूका के द्वारा लिखित राजस्थान के किसान गांधी श्री नाथूराम जी मिर्धा पुस्तक के संकलन और अध्ययन से यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म महामहिम उप राष्ट्रपति महोदय की गरिमामय उपस्थिति में आप सबके बीच में प्रस्तुत की है । आपके बहुमूल्य सुझाव और सहयोग अपेक्षित है ।

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