मानव अधिकार दिवस विशेष :- आज मानवाधिकार दिवस है और कथित रूप से दूनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के अंदर देश के अंदर बैठे तथाकथित योग्यताधारी तमाम शासन प्रशासन के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं और तथाकथित बुद्धिजीवियों के कार्यालयों में जाकर अपने मानव अधिकारों की रक्षा हेतु प्रार्थना पत्र के द्वारा आज से लगभग तीन वर्ष पूर्व अपने मानवाधिकारों की रक्षा हेतु गुहार लगाया । लेकिन इतने समय बीत जाने के बाद भी किसी पास मे इतना समय नही है की कोई मेरी प्रार्थना सुने । एक तरफ तो मैने यह सुना और देखा भी है की हमारे देश में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकार आयोग नामक संस्थान भी कथित रुप से कार्य करती है वही दूसरी ओर सुनने मे देखने मे आता है की ये तथाकथित वामपंथी बुद्धजीवीयों मे भी बहुत बडे़ बडे़ मानवाधिकार के रखवाले बनकर बैठे हुए लोग रहतें है । लेकिन मेरे मामले मे तो अपराधी भी प्रायः यही लोग हैं । फिर यहां मानव अधिकार के कार्यकर्ता कौन है ? फिर यहां मानव अधिकार कहां है ? कौन है जो मानव अधिकारों का धज्जियां उडा़ रहे हैं ? कौन हैं जो मानव अधिकारों का मजाक बना रहे हैं ? अब तो मै खुद ही अपने आस पास मे मानवाधिकारों को ढूंढ रहा हूँ !!! ये लाइने यहां पर कितनी सटीक है उसे कृपया पाठकगण बताए - "जहां से हम निकले थे , वही वापस जाना पडा़ |और जो गुनेहगार थे , उन्ही से न्याय कराना पडा़ |"( अज्ञात ) लेख :- चित्रेश कुमार, जे एन यू
Dhanyabad betu .. aapka kathor parishram safalta ki kadam chumte jaye..
🙏🙏🙏
बहुत शानदार सर जी । मुख्य परीक्षा हेतु सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
ऐसे ही आप हमारे साथ जुड़े रहिए।
आप जल्द ही मुख्य परीक्षा के लिए एक बेहतर स्थिति में होंगे।
Bhaut hi khoob jankaarii
🙏🙏
Thank you to provide guidance
Thank you sir
It means alot
🙏🙏🙏
short but great helping video ❤thank you sir
Good work on human rights.👍
🙏🙏
Bahut accha
Dhanyawad
Very well descbribed sir
Keep watching...
You will get all informations like this.
मानव अधिकार दिवस विशेष :-
आज मानवाधिकार दिवस है और कथित रूप से दूनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के अंदर देश के अंदर बैठे तथाकथित योग्यताधारी तमाम शासन प्रशासन के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं और तथाकथित बुद्धिजीवियों के कार्यालयों में जाकर अपने मानव अधिकारों की रक्षा हेतु प्रार्थना पत्र के द्वारा आज से लगभग तीन वर्ष पूर्व अपने मानवाधिकारों की रक्षा हेतु गुहार लगाया । लेकिन इतने समय बीत जाने के बाद भी किसी पास मे इतना समय नही है की कोई मेरी प्रार्थना सुने । एक तरफ तो मैने यह सुना और देखा भी है की हमारे देश में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकार आयोग नामक संस्थान भी कथित रुप से कार्य करती है वही दूसरी ओर सुनने मे देखने मे आता है की ये तथाकथित वामपंथी बुद्धजीवीयों मे भी बहुत बडे़ बडे़ मानवाधिकार के रखवाले बनकर बैठे हुए लोग रहतें है । लेकिन मेरे मामले मे तो अपराधी भी प्रायः यही लोग हैं । फिर यहां मानव अधिकार के कार्यकर्ता कौन है ? फिर यहां मानव अधिकार कहां है ? कौन है जो मानव अधिकारों का धज्जियां उडा़ रहे हैं ? कौन हैं जो मानव अधिकारों का मजाक बना रहे हैं ? अब तो मै खुद ही अपने आस पास मे मानवाधिकारों को ढूंढ रहा हूँ !!!
ये लाइने यहां पर कितनी सटीक है उसे कृपया पाठकगण बताए -
"जहां से हम निकले थे , वही वापस जाना पडा़ |और जो गुनेहगार थे , उन्ही से न्याय कराना पडा़ |"( अज्ञात )
लेख :- चित्रेश कुमार, जे एन यू
Very nice 👍 well explained
Good
Nice bro 👍
Thanku so much sir
Tnx
Thanks 😊
😍😍😍😍
Thanks sir
👌🏻
national human rights and civil empowerment foundation. Ye kya hai iske bare me btaiye please please
Plz pdf send kr dijiye telegram m pure ayog ki
SHANDAR VIDEO HAI SIR JII