गुरुजी आपके चरणो में कोटि कोटि प्रणाम करते हैं आपने हमें बहुत कुछ समझाया है आपका कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं गुरुजी मुझे हम शिवजी के मंदिर सावन में जाते हैं पर शिवजी की पूजा करते हैं तो मंत्र भूल जाते हैं और और अंदर जा के आ जाते हैं मैं टाइम का पता ही नहीं चलता ऐसा नहीं लगता कि हम मिंदर जाके आ गए और गुरु जी एक बात और समझा दीजिए हमें बैठे-बैठे कभी-कभी कोई छोटी सी बात पर पुरानी बातें ताजा हो जाती है गुरु जी यह क्यों होता है प्लीज हमें बता दीजिए आपका से धन्यवाद आप आप किसी से पहले भगत हम आप के वीडिय इंतजार करते रहते हैं गुरु जी 🌿🌺
अगर आपसे सहज रूप से मंत्र जाप आदि नहीं हो पाता तो कोई बात नहीं, भगवान भाव यानि प्रेम के भूखे होते हैं, अगर आप पूरी निष्ठा, श्रद्धा, प्रेम व भक्ति से परमात्मा का स्मरण करते हैं तो यही सब से बड़ा मंत्र है । और यदि मंदिर जाने मे, प्रभु स्मरण मे यदि आपको समय का भान ही नहीं रहता और पता ही नहीं चलता की समय कब बीत गया तो इसका मतलब आपकी भक्ति सच्ची है और आप स्मरण मे इतना डूब जाते हैं की उसके आनन्द मे समय का पता ही नहीं चलता।
Sir jyda sans left nose se hi aati hai ,right nose ki haddi thodi badi huyi hai right to jyadatar band hi rehti hai ,,,right band nose ko kaise active kre please help sir thank you 🙏🙏🙏🙏
सर ये वीडियो देखकर लगा जैसे मेरे लिए ही बनी है..मेरी इडा नाड़ी बोहोत सक्रिय है और मेरे विचार समाज से बिल्कुल हटके हैं। मन कुछ ना कुछ सोचते ही रहता है कभी शांत नहीं होता.. तो सिर इस ऊर्जा का रूपांतरण कैसे करू। सारी शक्ति सोचने में चली जाती है दिन भर थकान लगी रहती है इसके कारण
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा। कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी
य़ह इस बात पर निर्भर करता है की आपका तृतीय नेत्र यानि आज्ञा चक्र पर कितने लम्बे समय से साधना चल रहीं हैं और वह कितना विकसित हुआ है, कोई भी चक्र बिजली के बटन की तरह ऑन या ऑफ नहीं होता की खुल गया या बंद हो गया, वस्तुतः हमारे चक्र तो सभी के सभी जागृत ही है बस फर्क ये है की वो अपनी क्षमता से बहुत कम जागृत होते हैं और साधना के द्वारा उनकी शक्ति को बढ़ाया जाता है। और आज्ञा चक्र हो या कोई भी चक्र हो वो तब तब अधिकतम सक्रीय होते जाते हैं जब जब उन पर ध्यान किया जाता है और जब सालों लंबी साधना के बाद कोई कोई चक्र स्थाई रूप से भी अपनी अधिकतम शक्ति के साथ जागृत बना रहता है, लेकिन अधिकतर तो या सामान्यत तो यदि हम प्रॉपर ध्यान करना यदि छोड देगे तो चक्र वापिस अपनी अधिकतम से न्यूनतम क्षमता पर आ सकता है इसलिए किसी भी चक्र की स्थाई जागृति के लिए बरसो बरस लंबी साधना की जरूरत होती हैं।
गुरुदेव, क्या आप कोई मेडीटेशन सेंटर भी चलाते हैं??यदि हाँ तो भारत में कौनसे शहर में आपका ध्यान केन्द्र संचालित होता है ,में वहाँ आना चाहता हूँ, अगर आप बताते है तो आपकी मुझ पर बोहत बडी कृपा होगी
Sir mera ek question hai please answer jaroor dena ,,sir mai last 5 month se brahmcharya ka palan kar raha hu or morning 3 a m uth kar 1 hour dhyaan krta ho,,thode dino se sir job PE Nasha sa ho jata hai,,esa kyo hota hai
ऐसी स्थिति मे आपको निरन्तर अपनी नस नाड़ियों को तंदरुस्त व स्वस्थ्य रखने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करके सूर्य स्नान, मालिश व विभिन्न प्रकार के व्यायाम करते रहना चाहिए। और प्राणायाम मे कपालभाँति व अनुलोम विलोम का विशेष रूप से अभ्यास करना चाहिए।
@@Dhyankagyan777 pranam guruj dhanyavad me teen Sal se vyayam kapal bhati or anulom vilom kar rahi hun. meri ye samashya ke sath me dhyan me age badha sakti hun ?
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। सूर्य भेदी प्राणयाम करे, मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा। कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी
मेरी eda नाड़ी ओवर एक्टिव है और आप के बताए सारे दूष प्रभाव से ग्रसित हु। क्या सूर्याविलोम ओर सूर्याबेदी प्राणायाम से ठीक हो जाएगा। मुझे ७साल से बहोत्त ज्यादा जुखाम और सारा कफ जमा रेहेता है। ओर धीरे धीरे अब आलस्या मुझे पकड़ रही है। ओर मुझे मेरा काम करने में भी अब रुचि नहीं रहती है।नींद भी बहोत काम आती है और आती है तो में समय से उठ भी नही पाती हू। मेने बहोत दावा ली है आयुर्वेदिक होमियोपैथिक एलोपैथिक पर मुझे किसी से फर्क नही पड़ा है। ओर में सच में देख रही हु को खुद को सब से दूर कर के में सिर्फ फोन और टेलीविजन अपना समय दें के खुद को उस में व्यस्त रखती हु।में सच में इस में से बाहर निकलना चाहती हुं। कृपया मार्गदर्शन करे।
जी हाँ, आपको अपनी पिंगला नाड़ी को विकसित करने की आवश्यकता है और आप इडा नाड़ी को संतुलित करके इसके दुष्परिणामों से बच सकती हैं। अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। सूर्य भेदी प्राणयाम करे, मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा। कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी
प्रकृति के तीन गुणों से ऊपर उठना बहुत बड़ी बात है और य़ह अंतिम सोपान है लेकिन उससे पहले हमें तीनों गुणों मे संतुलन लाना सीखना होगा जो उससे नीचे का पायदान है और एक बार यदि तीनों तत्व संतुलित हो जाये तो इनसे ऊपर उठने की घटना स्वयं ही परिणाम स्वरूप घट जाती है। हमें अपना स्वाभाविक और समान्य जीवन जीने के लिए तीनों गुणों की आवश्यकता है और इन तीन गुणों के मिश्रण मे ही हमारे सफल जीवन की नींव पड़ती है। अतः य़ह आवश्यक है की हम शिखर को ना देखकर नीव को देखे और तीनों गुणों की जो जो जरूरतें है वो स्वयं मे पूरी करे और आगे बढ़े। जीवन में क्रियाशील रहने के लिए रजस की, विश्राम के लिए तमस की और शांति के लिए सत्व की आवश्यकता रहती है अगर जीवन में तीनों गुणों की समुचित और संतुलित उपलब्धता व्यक्ती अर्जित कर लेता है तो यही अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि होगी। योग व ध्यान के अभ्यास से इस उपलब्धि को हम प्राप्त कर सकते हैं।
मैं आपका गुरु बनकर तो नहीं किंतु एक मार्गदर्शक बनकर आपकी सहायता कर सकता हूं, आपको अगर कभी भी ध्यान से सम्बन्धित कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।
My ida is very active and mentally there is worry and fear. How many times should I do surya bhedi pranayama and surya viloma in a day? I feel lethargy and cold hands and feet as well.
In summer you can practice surya viloma for 5 minutes and surya bhedi for 10 minutes but in winter you can double the time But if you feel that hotness is increasing in the body very much then you can reduce the time to your comfort level
Guruji after recovering from long time I'll Health., I am getting only chandranadi activated whole day..only very few times may be 1-2 times Surya nadi activates but lasts for only few minutes..because of this my body is cold, lethargic, digestion is very week, constipation., fatigue, always sleeping, dull, could u pls let me know how to activate suryanadi immediately & long time..how ever I am trying right side sleep but its not helping me at all., I heard a occupation point navel but Dont know exact position pls & also Brahma dand holding under armpit but not helping me much pls help
सर मैं नौकरी की तैयारी कर रहा हूं और बोहोत मेहनत की है पर जब पहली बार एग्जाम दिया था तो वहां नर्वस हो गया जिससे पेपर अच्छा नहीं गया। तो इस बार पेपर से पहले कौनसी नाड़ी एक्टिवेट करके जाऊ जिससे आत्मविश्वास बना रहे
पेपर हो या जीवन का कोई भी आयाम हो, हर जगह दोनों नाड़ियों की बराबर की महत्ता है, इसलिए आपको इडा हो या पिंगला दोनों को संतुलित रखना होगा, इससे आपके पेपर भी अच्छे होगे और बाकी की लाइफ पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। और इसके लिए जो बेस्ट उपाय है वो है अनुलोम विलोम प्राणयाम का नित्य अभ्यास, इस प्राणयाम से आपकी दोनों नाड़ी संतुलित हो जायेगी
Mera ida nadi completely block hai ...i am extremely feel cold ... from childhood i have been experiencing hottness in my body i can do any work without any ease..now i am feeling lethargic..whenever i smoke ny left nostril blocks instantly...what pranayam to do ???:how to clear life energy
जब सूर्य यानि पिंगला नाड़ी ओवर ऐक्टिव हो जाये तो शरीर मे पित्त कुपित होकर गर्मी बढ़ जाती हैं, तब ऐसी स्थिति मे इस नाड़ी को संतुलित करने की आवश्यकता होती है। ऐसे मे व्यक्ती को शीतलता व संतुलन प्रदान करने वाले प्राणायाम जैसे चंद्र भेदी, सीतकारी, शीतली व अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए । तामसिक और उत्तेजक आहार व गर्म प्रकृति का आहार नहीं लेना चाहिए और सात्विक व ठण्डी तासीर का आहार लेना चाहिए। जब भी लेटे तो अपनी दाई करवट लेटे ताकि बाया नथुना ऊपर आ जाये, ऐसा करने से पिंगला नीचे दबकर बंद हो जायेगी और बाई यानि इडा चल पड़ेगी । इसके अलावा जब आप ध्यान मे बैठे तो आप जल मुद्रा यानि अपनी सबसे छोटी अंगुली को अपने अंगूठे से नीचे दबा कर रखे, इससे आपकी पिंगला नाड़ी शांत हो जायेगी।
Namaste...this may sound weird but is there any connection between three witches and ida pingala sushmana??? M extremely sorry if u find it offensive but am experiencing something very bad. And trying to find answers. Anyone who knows any details please share.
ऐसी स्थिति मे आपको अपनी पिंगला नाड़ी को भी इडा नाड़ी के बराबर संतुलित करना चाहिए और इसको बैलेंस करने के लिए आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा। कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा व पिंगला दोनों नाड़िय संतुलित हो जायेगी ।
नमस्कार गुरूदेव. आपका व्हिडिओ बहुत ग्यान वर्धक है
Thank u bro...bahut acha or bahut pyar se samjhaya ji....
Sir, very nice explained, DHANYAWAD . NAMAH SHIVAY.
Sr apne bohut acha explain kiya👌👌
So Many Thanks for explaining in so much detail
इड़ा नाड़ी को बैलेंस करने के लिए गुरु जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद आपने बहुत अच्छी जानकारी दी।❤❤
Very detailed explanation.Thanks
Thanks for sharing this Video
perfectly matching symptoms
Beautiful video
Good information.
Awesome
thanks for detailed explanation
ATI Sundar jay ho
Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har
Well explained sir thanks 🙏
Dhanyawaad Guruji.. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thank you very much Guru ji.Very informative😊🙏
Gratitude Dil Se!
Thanks a lot Guru jii
Thank you guru ji hari Om guru ji ap bohot achi tara samjati ho or yug bi achi tara ho rha he meri to zedngi badal gai he guru ji
Very good sir thank you
Thankyou sir
Naice
Beautiful
Thank you so much
Thanks sir
Best, God bless you.
Very nice, thanks
Thank you ❤
Thank you
V useful
Thank you🙏🙏
Thank you
Sirji sab acha hi explain kiya hai pr baat karne ki suvidha bhi rakh dethe toh aur acha hota samjhne me
Wonderful🙏🐯🇵🇰
Please प्रकृति के तीन गुण के video बनाए
Ida nadi is also related to stuck weight?
Yes
थैंक यू सर
Thank you so much for detailed info
गुरुजी आपके चरणो में कोटि कोटि प्रणाम करते हैं आपने हमें बहुत कुछ समझाया है आपका कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं गुरुजी मुझे हम शिवजी के मंदिर सावन में जाते हैं पर शिवजी की पूजा करते हैं तो मंत्र भूल जाते हैं और और अंदर जा के आ जाते हैं मैं टाइम का पता ही नहीं चलता ऐसा नहीं लगता कि हम मिंदर जाके आ गए और गुरु जी एक बात और समझा दीजिए हमें बैठे-बैठे कभी-कभी कोई छोटी सी बात पर पुरानी बातें ताजा हो जाती है गुरु जी यह क्यों होता है प्लीज हमें बता दीजिए आपका से धन्यवाद आप आप किसी से पहले भगत हम आप के वीडिय इंतजार करते रहते हैं गुरु जी 🌿🌺
अगर आपसे सहज रूप से मंत्र जाप आदि नहीं हो पाता तो कोई बात नहीं, भगवान भाव यानि प्रेम के भूखे होते हैं, अगर आप पूरी निष्ठा, श्रद्धा, प्रेम व भक्ति से परमात्मा का स्मरण करते हैं तो यही सब से बड़ा मंत्र है । और यदि मंदिर जाने मे, प्रभु स्मरण मे यदि आपको समय का भान ही नहीं रहता और पता ही नहीं चलता की समय कब बीत गया तो इसका मतलब आपकी भक्ति सच्ची है और आप स्मरण मे इतना डूब जाते हैं की उसके आनन्द मे समय का पता ही नहीं चलता।
गुरु जी आपका सर धन्यवाद आपने हमें बहुत अच्छा ज्ञान दिया आपका कोटि-कोटि धन्यवाद
.i
Sir jyda sans left nose se hi aati hai ,right nose ki haddi thodi badi huyi hai right to jyadatar band hi rehti hai ,,,right band nose ko kaise active kre please help sir thank you 🙏🙏🙏🙏
Dhanyawad sir
Mai Ida pradhan hu, overactive hai aur Pingla under active
Mai ab nadi shodhan pranayam kar rahi hu
Nadi Shodhan Pranayam is best
@@Dhyankagyan777 thank u
सर ये वीडियो देखकर लगा जैसे मेरे लिए ही बनी है..मेरी इडा नाड़ी बोहोत सक्रिय है और मेरे विचार समाज से बिल्कुल हटके हैं। मन कुछ ना कुछ सोचते ही रहता है कभी शांत नहीं होता.. तो सिर इस ऊर्जा का रूपांतरण कैसे करू।
सारी शक्ति सोचने में चली जाती है दिन भर थकान लगी रहती है इसके कारण
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी
अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा।
कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी
🙏🙏🌺
Sir anapansathi meditation se kon c nadi active hoti ha
Sir mere ko left brain lacunar interact left brain basal ganglia hai to meri konsi nadi block hai batao na plz
Guru g eda nadi kitno din me active ho jati ha
Guruji pranam
Guruji kya tisara netra ek bar open hone ke bad hamesha ke liye open rahata hai
य़ह इस बात पर निर्भर करता है की आपका तृतीय नेत्र यानि आज्ञा चक्र पर कितने लम्बे समय से साधना चल रहीं हैं और वह कितना विकसित हुआ है, कोई भी चक्र बिजली के बटन की तरह ऑन या ऑफ नहीं होता की खुल गया या बंद हो गया, वस्तुतः हमारे चक्र तो सभी के सभी जागृत ही है बस फर्क ये है की वो अपनी क्षमता से बहुत कम जागृत होते हैं और साधना के द्वारा उनकी शक्ति को बढ़ाया जाता है।
और आज्ञा चक्र हो या कोई भी चक्र हो वो तब तब अधिकतम सक्रीय होते जाते हैं जब जब उन पर ध्यान किया जाता है और जब सालों लंबी साधना के बाद कोई कोई चक्र स्थाई रूप से भी अपनी अधिकतम शक्ति के साथ जागृत बना रहता है, लेकिन अधिकतर तो या सामान्यत तो यदि हम प्रॉपर ध्यान करना यदि छोड देगे तो चक्र वापिस अपनी अधिकतम से न्यूनतम क्षमता पर आ सकता है इसलिए किसी भी चक्र की स्थाई जागृति के लिए बरसो बरस लंबी साधना की जरूरत होती हैं।
गुरुदेव, क्या आप कोई मेडीटेशन सेंटर भी चलाते हैं??यदि हाँ तो भारत में कौनसे शहर में आपका ध्यान केन्द्र संचालित होता है ,में वहाँ आना चाहता हूँ, अगर आप बताते है तो आपकी मुझ पर बोहत बडी कृपा होगी
Sir koi aise book jisme ye sab knowledge ho sab mudra or pranayama ki please
Shivasvaroday from gorakh press
Sir mera ek question hai please answer jaroor dena ,,sir mai last 5 month se brahmcharya ka palan kar raha hu or morning 3 a m uth kar 1 hour dhyaan krta ho,,thode dino se sir job PE Nasha sa ho jata hai,,esa kyo hota hai
Pranam guruj mujhe 8 Sal pahale lakava huà tha right said band ho gaya tha ab thik he mujhe kon sa pranayam karna chahiye kripa margdarsan de?
ऐसी स्थिति मे आपको निरन्तर अपनी नस नाड़ियों को तंदरुस्त व स्वस्थ्य रखने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करके सूर्य स्नान, मालिश व विभिन्न प्रकार के व्यायाम करते रहना चाहिए। और प्राणायाम मे कपालभाँति व अनुलोम विलोम का विशेष रूप से अभ्यास करना चाहिए।
@@Dhyankagyan777 pranam guruj dhanyavad me teen Sal se vyayam kapal bhati or anulom vilom kar rahi hun. meri ye samashya ke sath me dhyan me age badha sakti hun ?
@@prabhaverma5673 बिल्कुल बढ़ सकते हैं, इसमे आपको कोई रुकावट या हानि नहीं है।
Bhayia ji aise he pingls nadi par bhi jrur nnayen ji jaise ye bnayi h ji ida nafi par ji sane like that
Satat ida nadi se swas Aarti hoto kyakare
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी
अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। सूर्य भेदी प्राणयाम करे, मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा।
कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी
मेरी eda नाड़ी ओवर एक्टिव है और आप के बताए सारे दूष प्रभाव से ग्रसित हु। क्या सूर्याविलोम ओर सूर्याबेदी प्राणायाम से ठीक हो जाएगा। मुझे ७साल से बहोत्त ज्यादा जुखाम और सारा कफ जमा रेहेता है। ओर धीरे धीरे अब आलस्या मुझे पकड़ रही है। ओर मुझे मेरा काम करने में भी अब रुचि नहीं रहती है।नींद भी बहोत काम आती है और आती है तो में समय से उठ भी नही पाती हू। मेने बहोत दावा ली है आयुर्वेदिक होमियोपैथिक एलोपैथिक पर मुझे किसी से फर्क नही पड़ा है। ओर में सच में देख रही हु को खुद को सब से दूर कर के में सिर्फ फोन और टेलीविजन अपना समय दें के खुद को उस में व्यस्त रखती हु।में सच में इस में से बाहर निकलना चाहती हुं। कृपया मार्गदर्शन करे।
जी हाँ, आपको अपनी पिंगला नाड़ी को विकसित करने की आवश्यकता है और आप इडा नाड़ी को संतुलित करके इसके दुष्परिणामों से बच सकती हैं।
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी
अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। सूर्य भेदी प्राणयाम करे, मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा।
कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी
👏👏👏🙏❤️💜🧡
Sir,
प्रकृति के तीन गुनो से ऊपर कैसे उठे
तमस
रजस
सतव
प्रकृति के तीन गुणों से ऊपर उठना बहुत बड़ी बात है और य़ह अंतिम सोपान है लेकिन उससे पहले हमें तीनों गुणों मे संतुलन लाना सीखना होगा जो उससे नीचे का पायदान है और एक बार यदि तीनों तत्व संतुलित हो जाये तो इनसे ऊपर उठने की घटना स्वयं ही परिणाम स्वरूप घट जाती है।
हमें अपना स्वाभाविक और समान्य जीवन जीने के लिए तीनों गुणों की आवश्यकता है और इन तीन गुणों के मिश्रण मे ही हमारे सफल जीवन की नींव पड़ती है।
अतः य़ह आवश्यक है की हम शिखर को ना देखकर नीव को देखे और तीनों गुणों की जो जो जरूरतें है वो स्वयं मे पूरी करे और आगे बढ़े।
जीवन में क्रियाशील रहने के लिए रजस की, विश्राम के लिए तमस की और शांति के लिए सत्व की आवश्यकता रहती है अगर जीवन में तीनों गुणों की समुचित और संतुलित उपलब्धता व्यक्ती अर्जित कर लेता है तो यही अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि होगी।
योग व ध्यान के अभ्यास से इस उपलब्धि को हम प्राप्त कर सकते हैं।
Bhayia ji agar kise ne aapka shishya banna ho to kya vo aapko contact kare ji,
मैं आपका गुरु बनकर तो नहीं किंतु एक मार्गदर्शक बनकर आपकी सहायता कर सकता हूं, आपको अगर कभी भी ध्यान से सम्बन्धित कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।
Meri left nadi hamesha band rehti ... right nostril se hamesha breathing chalti hai
My ida is very active and mentally there is worry and fear. How many times should I do surya bhedi pranayama and surya viloma in a day?
I feel lethargy and cold hands and feet as well.
In summer you can practice surya viloma for 5 minutes and surya bhedi for 10 minutes but in winter you can double the time
But if you feel that hotness is increasing in the body very much then you can reduce the time to your comfort level
Shusmna nadi jab active hoti hai to vah head me chidra bana k niklati hai so isme head k fat ne k chances jyada hai ??
Is baat main koi reality nahi hai
Ham age Jana
Hello Guruji, agar aisa lage ki Ida aur pingla dono imbalance hai to Kya karna chahiye? Thank you.
ऐसी स्थिति मे आपको हर रोज 15 मिनट के लिए अनुलोम विलोम प्राणयाम का अभ्यास करना चाहिए, इससे आपकी दोनों नाड़िया एक साथ संतुलित होगी।
Thank you 🙏
Guruji after recovering from long time I'll Health., I am getting only chandranadi activated whole day..only very few times may be 1-2 times Surya nadi activates but lasts for only few minutes..because of this my body is cold, lethargic, digestion is very week, constipation., fatigue, always sleeping, dull, could u pls let me know how to activate suryanadi immediately & long time..how ever I am trying right side sleep but its not helping me at all., I heard a occupation point navel but Dont know exact position pls & also Brahma dand holding under armpit but not helping me much pls help
Can u suggest good book for nadi's
सर मैं नौकरी की तैयारी कर रहा हूं और बोहोत मेहनत की है पर जब पहली बार एग्जाम दिया था तो वहां नर्वस हो गया जिससे पेपर अच्छा नहीं गया।
तो इस बार पेपर से पहले कौनसी नाड़ी एक्टिवेट करके जाऊ जिससे आत्मविश्वास बना रहे
पेपर हो या जीवन का कोई भी आयाम हो, हर जगह दोनों नाड़ियों की बराबर की महत्ता है, इसलिए आपको इडा हो या पिंगला दोनों को संतुलित रखना होगा, इससे आपके पेपर भी अच्छे होगे और बाकी की लाइफ पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। और इसके लिए जो बेस्ट उपाय है वो है अनुलोम विलोम प्राणयाम का नित्य अभ्यास, इस प्राणयाम से आपकी दोनों नाड़ी संतुलित हो जायेगी
Mera ida nadi completely block hai ...i am extremely feel cold ... from childhood i have been experiencing hottness in my body i can do any work without any ease..now i am feeling lethargic..whenever i smoke ny left nostril blocks instantly...what pranayam to do ???:how to clear life energy
Lekin Sir aisa abhyas kab tak karna hai, Pingla over ho jayegi to???
15 दिन तक करना पर्याप्त है।
मेरी हमेशा सूरज नाडी ही ज्यादा चलती है। चन्द्र नाडी बहुत कम। ऐसे में क्या करे ।🙏
जब सूर्य यानि पिंगला नाड़ी ओवर ऐक्टिव हो जाये तो शरीर मे पित्त कुपित होकर गर्मी बढ़ जाती हैं, तब ऐसी स्थिति मे इस नाड़ी को संतुलित करने की आवश्यकता होती है।
ऐसे मे व्यक्ती को शीतलता व संतुलन प्रदान करने वाले प्राणायाम जैसे चंद्र भेदी, सीतकारी, शीतली व अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए । तामसिक और उत्तेजक आहार व गर्म प्रकृति का आहार नहीं लेना चाहिए और सात्विक व ठण्डी तासीर का आहार लेना चाहिए।
जब भी लेटे तो अपनी दाई करवट लेटे ताकि बाया नथुना ऊपर आ जाये, ऐसा करने से पिंगला नीचे दबकर बंद हो जायेगी और बाई यानि इडा चल पड़ेगी ।
इसके अलावा जब आप ध्यान मे बैठे तो आप जल मुद्रा यानि अपनी सबसे छोटी अंगुली को अपने अंगूठे से नीचे दबा कर रखे, इससे आपकी पिंगला नाड़ी शांत हो जायेगी।
@@Dhyankagyan777 धन्यवाद गुरु जी 🥀🙏
@@Dhyankagyan777 choti anguli angutha niche dbane se to जलतत्वकम ho जायेगा
कुछ लोग ऐसा मानते हैं पर ऐसा नहीं है, ऐसा करने से जल तत्व कम होगा तो बढ़ेगा, ज्यादा होगा तो घटेगा अर्थार्त संतुलित होगा।
@@Dhyankagyan777 last finger Pitt ki he? To Agni tatv ki konsi he
Namaste...this may sound weird but is there any connection between three witches and ida pingala sushmana???
M extremely sorry if u find it offensive but am experiencing something very bad. And trying to find answers. Anyone who knows any details please share.
I do not think, that, there is any connection between three nadis and witches ।
@@Dhyankagyan777 thank u.
My Ida nadi is always active...and pingala is always at rest..what should I do
ऐसी स्थिति मे आपको अपनी पिंगला नाड़ी को भी इडा नाड़ी के बराबर संतुलित करना चाहिए और इसको बैलेंस करने के लिए आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी
अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा।
कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा व पिंगला दोनों नाड़िय संतुलित हो जायेगी ।
Bahot bahot Sukhriya....
Thankyou sir
Very nice thanks🙏