रावण कि ओपमा लगाई गई है अर्थात् उस राजा को रावण बराबर माना गया है सही अर्थ से देखा जाए तो पाबूजी महाराज उंटो को सिंध प्रदेश के लंकाथली गांव से लाये थे वहां का शासक दोदा सुमरे था इसी राजा को रावण उपाधी देकर भोपा गाते हैं कि रावण राजा था और लंकाथली गांव से कहते है कि लंका से लाऐ ऊंट राजा रामजी ने पापी रावण का वध किया वो वर्तमान में श्रीलंका है अर्थात् यह दोनों अलग अलग है
@@jaipabujirathodstudioदोदा सूमरा की तो रबारियो ने मदद की थी अलाउद्दीन खिलजी के साथ युद्ध में जिसमें दोदा सूमरा मारा गया और खिलजी जीत गया , सिंध में अपने राजा की हार और मौत से दुखी होकर रबारी समाज ने तब से काले कपड़े पहन कर सोग मनाना शुरू कर दिया जो सिंध के कुछ इलाकों और गुजरात में आज भी काले कपड़े पहनते है doda सूमरो की याद में 🙏
पाबुजी माराज का जनम विक्रम संवत 1299मे हुआ था ओर सोडयो लकणा से लाई थी लकणा पाकिस्तान मे आया हुआ है ये बात तो 800साल पुरानी है आपको पाबुजी राठोड़ बारे में जानकारी लेनी है तो पाबु प्रकाश कि पोथी मोडजी आसीया कृत किताब मगवा कर देख ले रावन को तो हजारो साल हुए हैं जय हो
परम आदरणीय भोपा जी आपने बिल्कुल सही फरमाया राईका और भील समाज ने जो पाबूजी महाराज का गुणगान पड़ और परवाडा को अमर किया है लेकिन आज हमारी सुनने वाला कोई नहीं हमारे पुरखों के इतिहास को मिटा कर पाबूजी महाराज केसर घोड़ी पर बैठते थे लेकिन उनको ऊट पर बिठाकर हरमल राईका का इतिहास मिटाया और पाबूजी महाराज का भी अपमान किया आजकल के राजनीतिक लोग पाबूजी महाराज सब देख रहे हैं
देवासी समाज जनरल में आए गा,इंडियन पीनल कॉड act के तहत ,और रबारी समाज ही ओबीसी में रहेगा,इंडियन पीनल कोड act तहत,,तो आप देवासी समाज वाले और rabari समाज वाले में आ frak है,और इंडियन पीनल कोड act से इंडिया में देवासी समाज कोई भी कैटेगरी में नहीं है।
पाबुजी महाराज कि बात सही बताओं आप तो राजा रावण से युद्ध बता रहे है रावण तो भगवान श्री राम से युद्ध मे लड़ा था ओर मारा गया ऊसको तो कम से कम बीस हजार बरस बीत गए है और हमारे विर पुरुष पाबुजी राठोड़ तो अब हुए है राव धोधल जी कै पुऋ थै राव धोधल जी के कुल 14 बेटे थे पाबुजी की माताजी एक राजा भगवान इन्द्र के राज की अप्सरा थी एक बार पाबु प्रकाश कि पोथी मंगवाये आपको ये पोथी राजस्थान ग्रन्थागार जोधपुर में मीलेगा ऐसी बातें सुनके आप अपने इतिहास को लुप्त कर रहे हैं जय पाबु जी राठोड़
मेरै पास है पाबू प्रकाश ग्रंथ मेनै पढ़ा भी है सायरा वाघाणी से लड़ाई करके साढियां लाये थै। आप जिद्द मत करों जब मे आपको बोल रहा हूं की रावण की उपमा लगाई गयी है । यानी रावण जेसा क्रूरतम राजा था। यह बात मुहणोत नैणसी ने अपनी ख्यात मे लिखी है कि लंकाथली से दुदै सुमरे से झगड़ा कर साढिया लाये
सिंध के दोदै सुमरे से झगड़ा करके पाबुजी ऊंट लेकर आये थे । दोदै सुमरे का क्रूरतापूर्ण राज था इसलिए उसकी तुलना रावण के बराबर की गयी । वहां के स्थान का नाम लंकाथली बताया गया है । भोपा गाने मे ओपमा लेकर गाते हैं
@@jaipabujirathodstudioदोदा सूमरा को तो सिंध का रबारी समाज बहुत मानता है, अलाउद्दीन ख़िलजी के खिलाफ युद्ध में रबारियों ने दोदा सूमरा की सहायता की थी ,लेकिन इस युद्ध में दोदा सूमरा मारा गया जिसके सोग में सिंध और गुजरात के रबारी समाज ने काले कपड़े पहनने शुरू कर दिए जो आज तक रबारी समाज की महिलाएं पहन रही हैं 😢
रावण को पेहले हि मारा था राम ने पाबूजी के टाईम कहा से आया
रावण कि ओपमा लगाई गई है अर्थात् उस राजा को रावण बराबर माना गया है सही अर्थ से देखा जाए तो पाबूजी महाराज उंटो को सिंध प्रदेश के लंकाथली गांव से लाये थे वहां का शासक दोदा सुमरे था इसी राजा को रावण उपाधी देकर भोपा गाते हैं कि रावण राजा था और लंकाथली गांव से कहते है कि लंका से लाऐ ऊंट
राजा रामजी ने पापी रावण का वध किया वो वर्तमान में श्रीलंका है अर्थात् यह दोनों अलग अलग है
सही बात है
लंका भी गाँव बताया है या देश
गांव बताया है
@@jaipabujirathodstudioदोदा सूमरा की तो रबारियो ने मदद की थी अलाउद्दीन खिलजी के साथ युद्ध में जिसमें दोदा सूमरा मारा गया और खिलजी जीत गया , सिंध में अपने राजा की हार और मौत से दुखी होकर रबारी समाज ने तब से काले कपड़े पहन कर सोग मनाना शुरू कर दिया जो सिंध के कुछ इलाकों और गुजरात में आज भी काले कपड़े पहनते है doda सूमरो की याद में 🙏
बिल्कुल सही इतिहास है आप नेमाअ मोटा भूप रंग जय हो पाबूजी राठौड़ जी रंग हरमल जी राईका जी ने🔱🚩🙏🙏
Jay Pabuji maharaj Jay Chanda ji se Ambaji Veer Jay Harmal Devasi❤❤
जय श्री पाबूजी महाराज
जो लोग पाबूजी महाराज को मानते हैं उन लोगों की बहुत हम बहुत इज्जत करते❤❤❤❤❤
JAI RABARI
वहां अमरारामजी,वहां
पाबुजी माराज का जनम विक्रम संवत 12
आगे का भाग लाओ सा
❤❤
PROUD TO BE RABARI
राईका सामाज व भील सामाज दोनों ही हमारे आंख के तारे है हम आपको कभी नहीं भुल सकते
८०% राजपूत भुल गए है, राईका को , अब राईका भी भुल जायेगें
Jay ho pabuji maraj ki jay ❤
जय भील समाज जय राईका समाज जय पाबूजी राठौड़
जय हो
बिल्कुल सही जय हो पाबूजी महाराज री सा जय श्री हड़मल जी राईका ❤️🙏🏻
पाबुजी माराज का जनम विक्रम संवत 1299मे हुआ था ओर सोडयो लकणा से लाई थी लकणा पाकिस्तान मे आया हुआ है ये बात तो 800साल पुरानी है आपको पाबुजी राठोड़ बारे में जानकारी लेनी है तो पाबु प्रकाश कि पोथी मोडजी आसीया कृत किताब मगवा कर देख ले रावन को तो हजारो साल हुए हैं जय हो
दुदै सुमरै राजा को रावण बरोबर माना है यानी रावण की उपमा लगाई है दुदे सुमरे सिध के लकेऊ का राजा था रावण की भांती क्रूर था
राव जोधा जी थें वहां के राजा
परम आदरणीय भोपा जी आपने बिल्कुल सही फरमाया राईका और भील समाज ने जो पाबूजी महाराज का गुणगान पड़ और परवाडा को अमर किया है लेकिन आज हमारी सुनने वाला कोई नहीं हमारे पुरखों के इतिहास को मिटा कर पाबूजी महाराज केसर घोड़ी पर बैठते थे लेकिन उनको ऊट पर बिठाकर हरमल राईका का इतिहास मिटाया और पाबूजी महाराज का भी अपमान किया आजकल के राजनीतिक लोग पाबूजी महाराज सब देख रहे हैं
बहुत बहुत धन्यवाद आपका जो आप समझै
जय पाबु जी महाराज
जय हड़मल जी राईका
तुम रावण कहा से लाए
Joy ho
RABARI TOP BRAND OF UNIVERSE
jai ho
बिल्कुल सत्य
देवासी समाज जनरल में आए गा,इंडियन पीनल कॉड act के तहत ,और रबारी समाज ही ओबीसी में रहेगा,इंडियन पीनल कोड act तहत,,तो आप देवासी समाज वाले और rabari समाज वाले में आ frak है,और इंडियन पीनल कोड act से इंडिया में देवासी समाज कोई भी कैटेगरी में नहीं है।
Fokla,tere ko kya karna he
सुपर
जय पाबूजी पाल बनासा
बासा दावे जीयू का किदु ओ🤣😂 रावण वसमे कटे आयो 😅
रावण कि उपमा ली गयी है
लंकाथली से दोदै सुमरे से साढिया लाये थे । दोदै सुमरे को क्रूर राजा कहा गया है इसलिए रावण शब्द से संबोधित किया।
इतिहास पढ़ो
पाबुजी महाराज कि बात सही बताओं आप तो राजा रावण से युद्ध बता रहे है रावण तो भगवान श्री राम से युद्ध मे लड़ा था ओर मारा गया ऊसको तो कम से कम बीस हजार बरस बीत गए है और हमारे विर पुरुष पाबुजी राठोड़ तो अब हुए है राव धोधल जी कै पुऋ थै राव धोधल जी के कुल 14 बेटे थे पाबुजी की माताजी एक राजा भगवान इन्द्र के राज की अप्सरा थी एक बार पाबु प्रकाश कि पोथी मंगवाये आपको ये पोथी राजस्थान ग्रन्थागार जोधपुर में मीलेगा ऐसी बातें सुनके आप अपने इतिहास को लुप्त कर रहे हैं जय पाबु जी राठोड़
मेरै पास है पाबू प्रकाश ग्रंथ मेनै पढ़ा भी है सायरा वाघाणी से लड़ाई करके साढियां लाये थै।
आप जिद्द मत करों जब मे आपको बोल रहा हूं की रावण की उपमा लगाई गयी है ।
यानी रावण जेसा क्रूरतम राजा था। यह बात मुहणोत नैणसी ने अपनी ख्यात मे लिखी है कि लंकाथली से दुदै सुमरे से झगड़ा कर साढिया लाये
Jaysurasavat
Jaypabuji
Rather is ok
जय रेबारीप
बाकी सब ठीक है पर रावण नहीं था
Jay pabuji maharaj
तब बिबिशन का राज था रावण तो मर गया था तब तो लक्ष्मण का अवतार है पाबूजी
Hm log sabki rkete h hamare sath wo hamare dilo me aaj bhi gav me rayka or bhelo ko hmse ijaat dete Karan yahi h pabuji Rathore ke sath diya thaa
वा भोपजी पाबू जी ने रावण ने लड़ा दिया रावण तोप और बंदूक लेन आ गयो 😀😀😀
सिंध के दोदै सुमरे से झगड़ा करके पाबुजी ऊंट लेकर आये थे ।
दोदै सुमरे का क्रूरतापूर्ण राज था इसलिए उसकी तुलना रावण के बराबर की गयी । वहां के स्थान का नाम लंकाथली बताया गया है ।
भोपा गाने मे ओपमा लेकर गाते हैं
@@jaipabujirathodstudioदोदा सूमरा को तो सिंध का रबारी समाज बहुत मानता है, अलाउद्दीन ख़िलजी के खिलाफ युद्ध में रबारियों ने दोदा सूमरा की सहायता की थी ,लेकिन इस युद्ध में दोदा सूमरा मारा गया जिसके सोग में सिंध और गुजरात के रबारी समाज ने काले कपड़े पहनने शुरू कर दिए जो आज तक रबारी समाज की महिलाएं पहन रही हैं 😢
हां
हो सकता है ऐसा ही कुछ
मुहुणोत नैणसी ने इनका जिक्र किया है
पाबुजी ने दोदा सुमरा को नही मारा था जिवीत छोड़ा था
अलाउद्दीन खिलजी भी उसी समकालीन था
@@jaipabujirathodstudio पाबूजी के समय बंदूक थी क्या
जो पाबूजी भीलों के साथ खाते पीते थे भीलो के साथ खेलकर बड़े हुए उसी भील समाज को नीच बताकर पाबूजी के मंदिर कोलू में जाने से रोका गया
🙏👏🐪❤️
मोतीराम राठौड़़
रावन कहा था जिन्दा ऊस समय वो तो पेहले ही मर गया था
रावण की ओपमा ली गयी है अर्थारथ उस राजा को रावण माना गया है
झुठ मत बोलो
एक दम झूठ केड़ो राजा रावण हुतो कठै सांडीयां को हती नी पाबुजी रि माँ ने ऊंठ माथे लाया अंणदजी मिषण पछै परणाया पाबुजी रा पिताजी धांधलजी ने पाबु परकास पढियो या सुणीयो कांई
पाबुजी री वात '' मुहणुत नैणसी द्वारा लिखी है उसे भी पढलो थोडा़ ।
❤❤