Aatma ko apne iss janam k krama k anusar agla janam milta hai ya to oose adhyatmik janma milega agr oosne addhyatma me pragati ki ho or ya to oose material body milegi agar oosne adhyatma ko seriously nahi liya to agla janam oose 8400000 species me se kuch bhi mil sakta hai
मर के मुक्ति मिली तो काहे कि मुक्ति? किसको मिली? कौन अब उस मुक्ति में आनंदित होगा? तुम तो मर गए। बात तो तब है- जब जीते जी मुक्त हो जाओ। उसे कहते हैं- जीवन मुक्त! -आचार्य प्रशांत
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
@@rahuldeendyal4929 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा, कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। यूहन्ना 3:16-17
As far I know mukt means (Chutkara ya picha chudana ) Jiwan means life . To hame life se picha q chodana hame khud ko behtar banane ki kosis karni chahiye
@@study6g सबसे अच्छे जीवन शैली के गुण भारतीय सनातन वैदिक संस्कृति में ही हैं। पर आज हमारे देश के लोग इसका महत्व नहीं समझ पाये जो हमारी सबसे बड़ी कमी हैं। 🙏
शारीरिक रूप से तकलीफ में होने के बाद भी आचार्य जी और संस्था के स्वयंसेवी एक भी दिन वीडियोस पब्लिश करने से चूक नहीं रहे। हम आपके आभारी हैं।हम भी पूरी कोशिश करेंगे आप ही की तरह मेहनत करने की।🙏
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
फिर गीता में ऐसा क्यों लिखा है की... *श्लोक 2.22* वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नaro'पराणि तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही जैसे मनुष्य पुराने कपड़े को त्यागकर नए कपड़े पहनता है, वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को त्यागकर नए शरीर में प्रवेश करती है. *श्लोक 2.23* नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः न चैनं क्लेदयंत्यापो न शोषयति मारुतः न तो शस्त्र आत्मा को काट सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न पानी भिगो सकता है, और न ही वायु सुखा सकती है. *श्लोक 2.24* अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयम अक्लेद्योऽशोष्य एव च नित्यः सर्वगतः स्थाणुर अचलोऽयं सनातनः आत्मा अविनाशी, अदाह्य, अक्लेद्य, और अशोष्य है। वह नित्य, सर्वगत, स्थाणु, अचल, और सनातन है. *श्लोक 8.6* तदा याति परमं स्थानम तदा याति परमं स्थानम यद्यदाचरितं श्रेष्ठं तद्तदेवेति तत्परः जो जो कर्म मनुष्य करता है, उसे उसी के अनुसार परिणाम मिलता है, और वह उसी के अनुसार अगले जन्म में जाता है. इन श्लोकों में गीता पुनर्जन्म की अवधारणा को स्पष्ट करती है और बताती है कि आत्मा अविनाशी है और शरीर के बदलने से वह नहीं बदलती।
आचार्य जी बचपन से मैं ये सुनता आ रहा हूं कि चौरासी लाख योनियों में जन्म लेने के बाद मनुष्य जन्म मिलता है। इस बात का क्या मतलब है, कृप्या करके इस धार्मिक मुहावरे का भी अर्थ बता दीजिए, मन से एक और संदेह दूर हो जाएगा। 🙏🙏
आरती दीदी (video editor)आप COVID POSITIVE होने के बाद भी अपना काम पूरी लगन के साथ कर रही है। यही तो ऊचे काम की निशानी है। यहा तो हल्का बुखार हो जाए तो भी 10 दिन तक काम नही करते। दिल❤❤ से नमन है दी आपको । 😊😊🙏🙏
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
Aap ki raya me sahamth hun...aajtak mere samajme nahi aaya hai ki kisiki Mirthu k baad Pandit ko anekau chij dene ki riwaj hai jisme mirtha aathma ko santhi milega jaise dharana samaj me gahiri jagha banaya hai kya A sahi hai? Jab Acharya ji ko sunthi hun tho o karya mujya bartha abahas hotha hai
आचार्य जी नमन ! आप द्वारा मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ आधार बनाया जा रहा है, किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करू। इस निम्मित श्रद्धा सुमन स्वीकार कर अनुग्रहीत करें।
आचार्य जी आपने कहा पाप करने के लिए पापी होना पड़ेगा यही अस्तित्व की सजा है, लेकिन अगर कोई पापी किसी बेगुनाह को मारे जो अक्सर हम देखते है तो उनका क्या ? उनके लिए कर्मफल का सिद्धांत किस प्रकार ठीक है ?
जैसे कोई बहुत गरीब हैं या बहुत दुःखी हैं। अगर वो (आत्महत्या ) करले तो वो सारे दुखों से दूर हो जायेगा। उसकी सारी दुःख दूर हो जाएंगे। इसका मतलब हैं की कोई आत्महत्या कर ले तो वो ठीक हैं। Qki मरने के बाद ना उसे दर्द होगा ना उसका पुनर्जन्म होगा 🙏 तो आत्महत्या को गलत कैसे बोल सकते हैं लोग? वैसे भी ये दुनिया माया हैं।
Aatm htya karana karana kyu himmt rakho koi chij kayam nahi tikati rat hay to din jarur Nilkalega manake koi pristhiti bahut kadhin hoti hay sahan karaneke liye tab aap maname iashavra ka smarn kro man ko samajavo sant karo manapasad pravuti jisame aap ko khushi mile or jisme apane aatma ko Boj naho marana ek kayarta hay muskilo ka samana karana shikho hame hi jidagi ko swrg or nark banake rakha hay kese jina he hàme tay karna hy aaj me jio kalaka pata nahi to dusara janmaka kya pata?
Sir aapne kaha ki aatamhatya ke baad gribi kamjori jo bhi dukh h khatam ho jaate h aesa galat h dukh dur nahi hote h and dukh jayada barr jaate h kyoki parmatma ne sarir and pariwar and pristithiya har insan ko karmo se di h aatamhatya ke baad parmatma aatma ko jayada karri saja deta h kayoki uske diye huae sarir ko jo nast karta h sangaras karo aachcha karya karo parmatma se aasirwad mango parmatma madad karega
सभी साथियों से अनुरोध है के इस पवित्र मिशन को आगे बढ़ाने के लिए संस्था मैं समय-समय पर अपना योगदान इच्छा अनुसार करते रहें , ताकि मिशन सुचारु रुप से चलता रहे सभी को धन्यवाद
पाप करते हो तत्क्षण सज़ा मिल जाती है क्योंकि तुम पापी बन गए और पुण्य करते हो तो तुम्हे तत्क्षण पुरस्कार मिल गया क्योंकि पुण्य करने के लिए तुमको चेतना के ऊंची अवस्था में होना पड़ता है🙏🙏
When a person is not feeling the dukh, then what is the issue, he will convinieintly not change. How can we be sure he is feeling the pain? What is the point saying he is in dukh? Truth is that most people feely happy chasing material happiness and is not interested in mukti. We can never be sure what we are saying is the correct philosophy! Ultimate truth is whatever way our minds takes us we go that way.
आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है.. हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....
समष्टि(प्रकृति के कुल अस्तित्व) माने समझ लो सागर और बैष्ठी(व्यक्तिगत अस्तित्व) माने समझ लो सागर की एक लहर तो सागर बार बार लहराता रहेगा , लहरों का बार बार सागर में जन्म होता रहेगा , लेहर उठेगी , गिरेगी ,तो पुनर्जन्म समष्टि का होता है 🙏🙏🙏
मरने के बाद इंसान का शरीर नष्ट हो जाता है और उस शरीर के सारे ज्ञान का भी, इसलिए रावण के मरने के बाद श्री राम जी लक्ष्मण जी को रावण से ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनके पास भेजते है। जो ज्ञान रावण के पास था वह ज्ञान उसके साथ ही चला गया। अब पुनःजन्म की बात, वह तो होता होगा पर ज्ञान तो शुरू से प्राप्त करना पड़ता है। हर मनुष्य को, पुनःजन्म के साथ अगर पुनःजन्म का ज्ञान भी मिलता तो हर कोई विद्वान होता। सब के पास अच्छे बुरे की समझ होती। सब समझदार होते और सब मालिक होते। नौकर कोई नही होता। संसार का संतुलन ही बिगड़ जाता। पृथ्वी रहने लायक नही रहती। हर जगह अशांति फैल जाता। फिर लोग एक दूसरे का खून करते और जनसंख्या कम होने लगती।। पैदा होते ही बदला लेना शुरू कर देते सब लोग। चाहे शक्ति बल से नहीं पर युक्ति बल से हर कोई एक दूसरे की कब्र खोदने में लग जाते।।। और बहुत सी बातें। इसलिए सिर्फ पुनःजन्म होता है #SACH @kstarsonu
जिस मरने से जग डरे, मेरे मन में आनंद जिस मरने से जग डरे, मेरे मन में आनंद | कब मरू कब पाऊ, पूरण परमानन्द || इस दोहे का बहुत दुरपयोग किया गया है नकली अध्यात्मिक गुरुओं द्वारा कि मरने के बाद ही परमानंद मिलेगा 🖕♥️🙏🙏
प्रणाम आचार्य जि , जिबन मुक्त होना हि परम लक्ष है ए बात तो समझ मे आगइ , एक बिशेष जिज्ञाशा ए रही कि " पुनरपी जननम पुनरपी मraणम .." वाला श्लोक क्या हम सामान्य जन के लिए नही कही गयी है ?
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
उपनिषद और जीवन पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org
Hmari Relation me AK bnda ka dobara jnam hua tha aur usko pichle jnam ki bath bi Yaad thi
@@NishantRavanpattibrahmaniya dhongi hote h waise log
Sir hmare krmo ka phl kya hmare privar bhai bhn maa papa ko milta ya unko bhi sja milti h..... Or kya dua or bdua sch me lgti h... Please reply🙏
Aatma ko apne iss janam k krama k anusar agla janam milta hai ya to oose adhyatmik janma milega agr oosne addhyatma me pragati ki ho or ya to oose material body milegi agar oosne adhyatma ko seriously nahi liya to agla janam oose 8400000 species me se kuch bhi mil sakta hai
❤️🙏👍
मर के मुक्ति मिली तो काहे कि मुक्ति?
किसको मिली?
कौन अब उस मुक्ति में आनंदित होगा?
तुम तो मर गए।
बात तो तब है- जब जीते जी मुक्त हो जाओ।
उसे कहते हैं- जीवन मुक्त!
-आचार्य प्रशांत
Sar of the video
Ji bilkul shi
punarjanm nahi hai to muze kis bat ki saja mil rahi hai
mit jana hi behtar hai
To jab kuch nhi to pap our Pun sorg nark ye sab key
@@safiuddinkhan5571- स्वर्ग - नर्क, पाप - पुण्य, जिन्न - जिन्नात, जन्नत - जहन्नुम, भगवान - अल्लाह सब मानवीय कल्पनाएं हैं
मरने से पहले तो हमारा कुछ हो नहीं पाया, मरने के बाद क्या होगा,,👌👌😀😀👍
🙏🙏
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
@@rahuldeendyal4929 भाई जी क्या आप जानना चाहते हैं कि मरने के बाद क्या होगा ??
😂😂😂
जीवन मुक्त होना जीवन का परम लक्ष्य है।
-आचार्य प्रशांत
Matlab jewan se mukti... Matlab mar jana....😮
@@The.Supreme911 Nop
@@The.Supreme911 jivan se mukti matlab mai se mukti ahankar se mukti lehar jab samaj jati hai ki woh sagar hai tab usse mukti milna kehte hai.💗💗💗💗💗
Yes mam you right मृत्य एक सत्य है
Ji
मरने के बाद कुछ भी नहीं होता है। मनुष्य/प्राणी का सदा-सदा के लिए अन्त हो जाता है।
Leken jo consiousness hai uska kya hota apne hone ka अस्तित्व है जो uska kya hota marne ke bad
@@ichbinarchittvo sab bhi khatam hojayega
Toh human consciousness kyu mili, ya jivan kyu mila
Sharir Marta hai ...aatma nahi...Bhagwad Geeta
To fir ache karm ku kre 😂
आपके हम सदा ऋणी रहेंगे आचार्य जी 🙏🙏
बुरा काम करने के लिए हमें पहले बुरा बनना पड़ा। बिलकुल सत्य वचन आचर्य जी।🙏🙏🙏🙏
बहुत ही वास्तव में सच्चा ज्ञान सुनने को मिला। दिल से प्रणाम गुरु जी। वर्षों बाद मन तृप्त हुआ लग रहा है।
अगर पुनर्जन्म व्यक्तिगत नहीं है तो सबका प्रारब्ध अलग अलग कैसे है 🙏🏻 🌹 ?
ruclips.net/video/PpGnD7t6TtM/видео.html
Point hai perantu yadi sab ek hi hai to vyaktigat kya
अर्थ यह है कि जीवन निरंतर चलता रहेगा,
समष्टि अर्थात सृष्टि चलती रहेगी.
पाप करने के लिए पापी होना पड़ता है,वह अपने आप मे सजा है। चेतना का उच्ची अवस्था जीवन मुक्ति है। सत्य वचन आचार्य जी,नमन।
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
@@rahuldeendyal4929 aatma jab paida hi nahi hui to wo mare hi3 kese ?
@@rahuldeendyal4929
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा, कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
यूहन्ना 3:16-17
'जीवनमुक्ति' की बात सबसे विशेष है सनातन परंपरा में।
-आचार्य प्रशांत
सनातन धर्म हो या कोई और धर्म उसकी सबसे अच्छी गुणों को अपनाए ये ही मुक्ति हैं
As far I know mukt means (Chutkara ya picha chudana ) Jiwan means life .
To hame life se picha q chodana hame khud ko behtar banane ki kosis karni chahiye
@@study6g सबसे अच्छे जीवन शैली के गुण भारतीय सनातन वैदिक संस्कृति में ही हैं। पर आज हमारे देश के लोग इसका महत्व नहीं समझ पाये जो हमारी सबसे बड़ी कमी हैं। 🙏
आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम
राजू काजू बन जायेगा । इतनी डीप बात को आसानि से समझा दिया।।
शारीरिक रूप से तकलीफ में होने के बाद भी आचार्य जी और संस्था के स्वयंसेवी एक भी दिन वीडियोस पब्लिश करने से चूक नहीं रहे। हम आपके आभारी हैं।हम भी पूरी कोशिश करेंगे आप ही की तरह मेहनत करने की।🙏
हां सच में दिल से आभार 🙏🙏🙏
kuch donate bhi kro bhai
Kyu bhai kya hua kaisi takleef?
@@s.a.sproductions9994 beemar rehte hain thoda guruji
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
Best logical Answer by AP sir 😎👍
*No chance to manipulate him..*
Aaj mai bahut khush hun thanks aacharye ji😄😄
Baad me bhaut rooagi jab duniya ka hisaab kittab liya jayga
बहुत बड़ा भ्रम दूर हो गया आज। बहुत धन्यवाद आचार्य जी
फिर गीता में ऐसा क्यों लिखा है की...
*श्लोक 2.22*
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नaro'पराणि
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा
न्यन्यानि संयाति नवानि देही
जैसे मनुष्य पुराने कपड़े को त्यागकर नए कपड़े पहनता है, वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को त्यागकर नए शरीर में प्रवेश करती है.
*श्लोक 2.23*
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि
नैनं दहति पावकः
न चैनं क्लेदयंत्यापो
न शोषयति मारुतः
न तो शस्त्र आत्मा को काट सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न पानी भिगो सकता है, और न ही वायु सुखा सकती है.
*श्लोक 2.24*
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयम
अक्लेद्योऽशोष्य एव च
नित्यः सर्वगतः स्थाणुर
अचलोऽयं सनातनः
आत्मा अविनाशी, अदाह्य, अक्लेद्य, और अशोष्य है। वह नित्य, सर्वगत, स्थाणु, अचल, और सनातन है.
*श्लोक 8.6*
तदा याति परमं स्थानम
तदा याति परमं स्थानम
यद्यदाचरितं श्रेष्ठं
तद्तदेवेति तत्परः
जो जो कर्म मनुष्य करता है, उसे उसी के अनुसार परिणाम मिलता है, और वह उसी के अनुसार अगले जन्म में जाता है.
इन श्लोकों में गीता पुनर्जन्म की अवधारणा को स्पष्ट करती है और बताती है कि आत्मा अविनाशी है और शरीर के बदलने से वह नहीं बदलती।
Pandit log bharam me rakhtey hai apne niji sworth ke liye😢😢
आचार्य जी बचपन से मैं ये सुनता आ रहा हूं कि चौरासी लाख योनियों में जन्म लेने के बाद मनुष्य जन्म मिलता है। इस बात का क्या मतलब है, कृप्या करके इस धार्मिक मुहावरे का भी अर्थ बता दीजिए, मन से एक और संदेह दूर हो जाएगा। 🙏🙏
Ye apne badi badhiya baat kahi hai
आरती दीदी (video editor)आप COVID POSITIVE होने के बाद भी अपना काम पूरी लगन के साथ कर रही है। यही तो ऊचे काम की निशानी है। यहा तो हल्का बुखार हो जाए तो भी 10 दिन तक काम नही करते। दिल❤❤ से नमन है दी आपको । 😊😊🙏🙏
Kon hai Aarti?
@@ramapianist7925 video editor
@@defautrr_Chora defaulter chora 😂😂😂 nice name🤣🤣🤣
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
@@rahuldeendyal4929 Bhai G phle atma pr acharya g ki video dekh le tb aapko samaz aayega vastab me atma kya hai ..😊😊
जीवनमुक्ति का अर्थ है- कि जीवन ये संभावना रखता है अपने आप में कि तुम जीते जी मुक्त हो जाओ।
-आचार्य प्रशांत
Aisa hai toh Jeevan Mukt hua kon jab marne ke baad kuch bacha hi nahi? Agar jite ji jivan mukt hue toh mukti ka anand keval jeevan kal tak hi rahega. Marne ke baad atma ko koi aanand nahi milega kya ? Aatma ka kya hoga marne ke baad??
Aap ki raya me sahamth hun...aajtak mere samajme nahi aaya hai ki kisiki Mirthu k baad Pandit ko anekau chij dene ki riwaj hai jisme mirtha aathma ko santhi milega jaise dharana samaj me gahiri jagha banaya hai kya A sahi hai? Jab Acharya ji ko sunthi hun tho o karya mujya bartha abahas hotha hai
Right mai adivasi hu mere yaha bhi riwaj hai😢😢@@pratibhakc9434
बोहोत सही "मरने से पहले तो तुम्हारा कुछ हो नही पाया मरने के बाद क्या होगा तुम्हारा कुछ"😂😂😂😂
😂
🤣🤣🤣🤣
😂😂😂😂
Shi batt hea
आचार्य जी नमन ! आप द्वारा मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ आधार बनाया जा रहा है, किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करू। इस निम्मित श्रद्धा सुमन स्वीकार कर अनुग्रहीत करें।
Shabdon se nahi Jeevan badalkar aabhar vyakt kijiye.
पचपन बाद के जीबन पर गाइड करें नमस्कार जी धन्यवाद आपका झंझोड़ने के लिए
आचार्य जी आपने कहा पाप करने के लिए पापी होना पड़ेगा यही अस्तित्व की सजा है, लेकिन अगर कोई पापी किसी बेगुनाह को मारे जो अक्सर हम देखते है तो उनका क्या ? उनके लिए कर्मफल का सिद्धांत किस प्रकार ठीक है ?
+1
धन्य है वह माता पिता जिनमें आप जैसी शख्सियत को जन्म दिया उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन
Paramsaty Guruji
बहुत महान हैं, आचार्य जी आप। स्वयं के लिए नहीं, दूसरों के लिए जी रहे आप। इतना स्पष्ट बताते हैं कि, कुछ संशय ही नहीं रह जाता
जैसे कोई बहुत गरीब हैं या बहुत दुःखी हैं। अगर वो (आत्महत्या ) करले तो वो सारे दुखों से दूर हो जायेगा। उसकी सारी दुःख दूर हो जाएंगे। इसका मतलब हैं की कोई आत्महत्या कर ले तो वो ठीक हैं। Qki मरने के बाद ना उसे दर्द होगा ना उसका पुनर्जन्म होगा 🙏 तो आत्महत्या को गलत कैसे बोल सकते हैं लोग? वैसे भी ये दुनिया माया हैं।
Aatm htya karana karana kyu himmt rakho koi chij kayam nahi tikati rat hay to din jarur Nilkalega manake koi pristhiti bahut kadhin hoti hay sahan karaneke liye tab aap maname iashavra ka smarn kro man ko samajavo sant karo manapasad pravuti jisame aap ko khushi mile or jisme apane aatma ko Boj naho marana ek kayarta hay muskilo ka samana karana shikho hame hi jidagi ko swrg or nark banake rakha hay kese jina he hàme tay karna hy aaj me jio kalaka pata nahi to dusara janmaka kya pata?
Sir aapne kaha ki aatamhatya ke baad gribi kamjori jo bhi dukh h khatam ho jaate h aesa galat h dukh dur nahi hote h and dukh jayada barr jaate h kyoki parmatma ne sarir and pariwar and pristithiya har insan ko karmo se di h aatamhatya ke baad parmatma aatma ko jayada karri saja deta h kayoki uske diye huae sarir ko jo nast karta h sangaras karo aachcha karya karo parmatma se aasirwad mango parmatma madad karega
कठोर मगर सत्य वाणी ❤
Someone is atleast teaching the ultimate truth.
Pranam achary ji ye sun kar bahut man ko santi mili pahle dar lagta tha ki marne ke bad bhi kuchh hota hai
पुनर्जन्म की आपकी बात तो सही मालूम होती हैं। लेकिन कुछ लोगोको खास कर बच्चों को पिछले जन्म की बाते कैसे याद आती हैं?
Science
बात तो तब है जब जीते जी मुक्त हो जाओ उसे कहते है जीवनमुक्त होना ।। और जीवनमुक्त होना ही जीवन का परम उद्देश्य है 🙏🙏
Awareness जरुरी है ।
बाकी तोता रटनती।
Gajab!! Video dekh kar bahut achha laga or bahut sukoon bhi mila ❤.
Awareness is the main formula
Yeah
आत्मा अमर हैं.
मुक्ति इसलिए नहीं है कि मर के मिल जाएगी।
सनातन धर्म ने तुमको सिखलाया है जीवनमुक्त होना।
-आचार्य प्रशांत
Kon ho devi aap charno me parnam
सभी साथियों से अनुरोध है
के इस पवित्र मिशन को आगे बढ़ाने के लिए संस्था मैं समय-समय पर अपना योगदान इच्छा अनुसार करते रहें , ताकि मिशन सुचारु रुप से चलता रहे
सभी को धन्यवाद
पाप करते हो तत्क्षण सज़ा मिल जाती है क्योंकि तुम पापी बन गए और पुण्य करते हो तो तुम्हे तत्क्षण पुरस्कार मिल गया क्योंकि पुण्य करने के लिए तुमको चेतना के ऊंची अवस्था में होना पड़ता है🙏🙏
🙏
Shahi baat
Sadar charan sparsh
जब हम बड़े व्यक्ति नहीं बन पाए तो बड़े भूत भी नहीं बन सकते हैं।🙏🙏🙏🙏
चलो ये तो अच्छा है भूत भी नहीं बनेंगे
😂😂😂😛😛😛😛😛😛😛
Magar tum jarur bnoge bada wala Bhoot
Bhahut sahi 😂😂😂😂
😂😂
आचार्य जी को सुननें के बाद एसा लगता है की हम( स्वयं भाषा) को ही फिर से सीख रहे हैं।
Bilkul sahi apke comment me like pta nhi logo na km kyu kiy pr boht sunder bat khi apne ap bhi dil k ache ho jiska dil acha h whi bol skta h aisa👍👍
Jeevan mukti !!!!!!
Wah kya bat kahi hai 🙏🙏🙏🙏👌🏻👌🏻👌🏻
गजब वीडियो बनाई आपने दिल को सुकून पहुंचा और बहुत कुछ समझ में आया
Wat an excellent way to explain the truth of life n death👏👏👏🙏
जीवन मुक्त होना जिंदगी का परम लक्ष्य है।
प्रणाम आचार्य जी।
Best answer acharya ji ka
सनातन धर्म ने तुम्हे जीवनमुक्त होना सिखाया है🙏
Raju is also part of समष्टि
मेरा भी यही मानना है आचार्य जी जो जीते जी मुक्ति पा लिया वहीं मुक्त हो गया
This was quite rational Acharyaji !! Its sad people believe in rebirth, when what they should focus on is removing suffering in present life.
Aapne mera hi naam kiyun liya guruji...!
Guruji Aapka Sree carono mai danddawat kooti kooti Pranaam...
Maarg Darshan Deyn...
Aapka Raju...!
Hahahaha
When a person is not feeling the dukh, then what is the issue, he will convinieintly not change. How can we be sure he is feeling the pain? What is the point saying he is in dukh?
Truth is that most people feely happy chasing material happiness and is not interested in mukti.
We can never be sure what we are saying is the correct philosophy!
Ultimate truth is whatever way our minds takes us we go that way.
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🌹
आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है..
हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....
समष्टि(प्रकृति के कुल अस्तित्व) माने समझ लो सागर और बैष्ठी(व्यक्तिगत अस्तित्व) माने समझ लो सागर की एक लहर तो सागर बार बार लहराता रहेगा , लहरों का बार बार सागर में जन्म होता रहेगा , लेहर उठेगी , गिरेगी ,तो पुनर्जन्म समष्टि का होता है 🙏🙏🙏
Sir apki bat sunkar damag ka tala khul jata hai..
❤❤ right 👍 acharya ji🙏🙏🚩
अनेक धन्यवाद!! आचार्य जी 🙏✨
Bhut sunder 🙏
Aacharya g ki ad unhi k chnl pe 🙏 i was searching this kind of vdo as i lost my granny few days back
@@GHULMILTUBE6798 kar diya
Ohh
कृष्ण भगवान ने भगवत गीता में कहा है आत्मा अमर है
❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️🙏🏻❤️
वो एक नव जीवन के तौर पर
Yehi to mae itna din se sunna chahta tha!😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃❤️❤️❤️
Hm me bhi 🥳😀
@@yashnar6752 ab to maze hi maze haii...
Koi tension nhi
@@anujkumarsahu299 maze hai par paap me maza nai hai.
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।
🙏🙏🙏Real insights Guruji. Aaj muje sahii Gyan mila❤️🙏
🙏🙏पाप करने के लिए तुम्हें पापी होना पड़ता है, और पापी होना अपने आप में बहुत बडीअंदरूनी सजा है।
Nice guru ji Anand a gya
तो क्या इसका मतलब " अगर लहर ये जान सके की वो वास्तव मे एक सागर है तो मरने का सवाल ही नहीं उठता " ??
Budham,sharanam gachchami 🙏🙏🙏♥️♥️♥️
आचार्य जी और सभी स्वमसेवको के लिए यही प्रार्थना है आप सभी इस मुश्किल हालातो मे हिम्मत के साथ अपना काम करते रहे और आप जल्दी से ठीक हो जाये !
समष्टि का पुनर्जन्म होता है व्यष्टि का नहीं।।🙏
Paapi hona ek andruni saza hai.... bahut khub....pranam acharya ji....
मरने के बाद इंसान का शरीर नष्ट हो जाता है और उस शरीर के सारे ज्ञान का भी, इसलिए रावण के मरने के बाद श्री राम जी लक्ष्मण जी को रावण से ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनके पास भेजते है।
जो ज्ञान रावण के पास था वह ज्ञान उसके साथ ही चला गया।
अब पुनःजन्म की बात, वह तो होता होगा पर ज्ञान तो शुरू से प्राप्त करना पड़ता है।
हर मनुष्य को, पुनःजन्म के साथ अगर पुनःजन्म का ज्ञान भी मिलता तो हर कोई विद्वान होता।
सब के पास अच्छे बुरे की समझ होती।
सब समझदार होते और सब मालिक होते।
नौकर कोई नही होता।
संसार का संतुलन ही बिगड़ जाता।
पृथ्वी रहने लायक नही रहती।
हर जगह अशांति फैल जाता।
फिर लोग एक दूसरे का खून करते और जनसंख्या कम होने लगती।।
पैदा होते ही बदला लेना शुरू कर देते सब लोग।
चाहे शक्ति बल से नहीं पर युक्ति बल से हर कोई एक दूसरे की कब्र खोदने में लग जाते।।।
और बहुत सी बातें।
इसलिए सिर्फ पुनःजन्म होता है
#SACH
@kstarsonu
Bilkul theek kahte he Prasant ji, ye hi Satya hai. 👍🤔
सर जी प्रणाम आपके विचार और वानि से मे बहुत ही प्रभावित होता हु। आपके विचार से मेरे जीवन मे बहुत ही कांति आई है।
Aapko koti2 pranam gurudev ❤❤❤🙏🙏🙏🙏
Hariom
Aap bahut Jayda Gyani hai
जिस मरने से जग डरे, मेरे मन में आनंद
जिस मरने से जग डरे, मेरे मन में आनंद | कब मरू कब पाऊ, पूरण परमानन्द ||
इस दोहे का बहुत दुरपयोग किया गया है नकली अध्यात्मिक गुरुओं द्वारा कि मरने के बाद ही परमानंद मिलेगा 🖕♥️🙏🙏
पुनर्जन्म की आपकी बात तो सही मालूम होती हैं। तो फिर क्या हमने मरने के बाद वाले रसम - दसवां, तेरावी , शांति, श्राद्ध, ई नही करने चाहिए?
प्रशांत जी व्यष्टि से ही तो समष्टि है.
Aj muze shankrachary jiki yad ayi naman gurudev
Namostu gurudev 🙏
हर कोई ओशो बनना चाहता है...
Bahut sundar
ईश्वर ने सृष्टि क्यों बनाई ? इस सृष्टि का छोर कहाँ है और यदि नहीं तो क्यो?
स्वयं ईश्वर कहाँ से आये ?
Jis Din Ye Sabhi Prashan Gir Jayenge..Aapko Jawab Mil Jayega..
गुरूजी जो आपने कहा वही जिन्दगी की असली वास्तविकता हे
naman acharya ji,🙏 apki bate sun ke bahut shanti mailti he, jivan ka sahi matlab samaj me aata he, jine ki himmat aati he, koti koti pranam guruji,🙏
Well explained .❤❤sir ji
Thank you so much Acharya ji 🙏 . I am glad that I have watched this video. My doubts have been cleared.
Aaj tk punarjanm , pap , jivan Mukti aur atma ko lekar itna logical or practical gyan kisi ne nhi diya...
Very true & scientific.... ❤
Raaju ka punarjanam Hoga toh Kaaju banjayega🤣🤣🤣🤣
🙏😂😂😂😂धन्यवाद महाराज
प्रणाम आचार्य जी, आप भी उपनिषदों की बात करते हैं । कठोपनिषद में नचिकेता और यमराज का सम्वाद क्यों है ?
प्रणाम आचार्य श्री l🙏🏻😌
राजू मिट्टी बनेगा फिर उसे मिट्टी में प्याज उगेगा और फिर उसका प्याजू बनेगा
😂😂
Acharya ji ...jeete ji kaise mukta ho sakte kripya is ke baar mai thoda details se bataye...
Aisa आपने पहले भी समझाया था. मुझे याद है ♥️ ek नंबर हो आप
जय श्री राम आचार्य जी🙏
प्रणाम आचार्य जि , जिबन मुक्त होना हि परम लक्ष है ए बात तो समझ मे आगइ , एक बिशेष जिज्ञाशा ए रही कि " पुनरपी जननम पुनरपी मraणम .." वाला श्लोक क्या हम सामान्य जन के लिए नही कही गयी है ?
Very good and very nice explain