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Turiy stithi last nahi. Turiya awastha me aham brahsmi ki anubhuti hai. Aham ke civa kuch nahi Aham ka gyan lekin vishwa ka nahi Esake Uppar samadhi samadhi me aham aur vishwa jagat ka ekrup ki anubhuti Vo bhi sanjivan Niranjan aur Nirvikalp samadhi. Viswa jagat aur khudaka gyan jagruti awastha swapn awastha swapna jagat ka gyan lekin aham aur Viswa jagat ka gyan nahi Sushupti me na khudaka gyan na viswa jagat ka gyan Na neniv na janiv _ brahm stithi Turiya Sirf aham ka gyan vishwa jagat bhi aham Samadhi Viswa jagat aur aham ka ekdeshiy (at a time) gyan rahata hai Chetana nitya shudhya hai sirf pragatikaran kam jyadha ashudhya maya tatwonke karan hota hai esliye uske Uppar ashudhutwonki shudhata jaruri hoti hai.
बिरले होते हैं वो जो आनंदमय कोष को साधनमात्र, मार्गमात्र समझते हैं आत्मा तक पहुँचने का। जो आनंदमय कोष का भी अतिक्रमण कर गया वो आत्मा तक पहुंच जाता है। -आचार्य प्रशांत
१) अन्नमय-कोष: संसार से दाना-पानी लेकर हमने जिस कोष का निर्माण किया उसे कहते हैं अन्नमय-कोष २) प्राणमय कोष: जिसमें चौदह तरह की वायु रहती हैं। ३) मनोमय कोष: जहां अव्यवस्थित मानसिक गतिविधि चलती ही रहती है लगातार। मन वृत्तियों द्वारा संचालित है और मन उतश्रृंखल है। मन पूरे तरीके से मात्र, प्राकृतिक गति कर रहा है उसको प्रकृति से आगे जाने की कोई अभीप्सा नहीं है। बिखरा हुआ विचार, वृत्तियों द्वारा शासित विचार आएंगे मनोमयकोष में। ४) विज्ञानमय कोष: वो तल जिसपर बहुत कम लोग पहुँचते हैं। विज्ञानमय कोष विचारणा का वो विरलतल है जिसमें विचार पहली बात तो व्यवस्थित हो जाता है और दूसरी बात अपनी ओर मुड़ जाता है। विचार जैसे किसी जबरदस्त ताकत के प्रभाव क्षेत्र में आ गया है। अब विचार की पूरी शक्ति एकाग्र होकर के कुछ पाना चाहती है। विचार की इस अवस्था को कहते हैं- विज्ञान। एकाग्र विचार, अनुशासित विचार, व्यवस्थित विचार आएंगे विज्ञानमय कोष में। ५) आनंदमय कोष: विज्ञानमय कोष में जो साधना कर रहा है विचार, जो आत्माजिज्ञासा कर रहा है विचार तो विचार फिर कटने लगता है, विचार अपनी ही आँच में पिघलने लगता है। और रह जाता है एक निर्विचार आनंद। जिसको कहते हैं आनंदमय कोष। आनंद है पर उस आनंद का कारण कोई विचार या विषय नहीं है। एक विषयहीन आनंद है ये आनंदमय कोष है, इसमें अहम विषयहीन हो गया है। -आचार्य प्रशांत
एक एक अक्षर मोती जैसा इतना सुंदर समझाया है इतनी स्पष्ट ता आचार्य जी जैसे गुरु ही कर सकते हैं आचार्य जी को कोटि-कोटि प्रणाम आचार्य जी को जितना सुनो उतना ही कम लगता है लगता है सुनते जाओ सुनते जाओ आचार्य जी के शब्दों में जादू ही जादू है
आचार्य जी कोई शब्द नहीं है हमारे पास जिससे मैं आपका आभार प्रकट कर सकूं बस आपको सामने पाते ही मैं खो चूका होता हूँ जैसे मैं अपनी किसी खोई हुई चीजों को पा रहा हूँ 🙏🙏🙏
आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति भगवद्गीता के कृष्ण प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन 🙏आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l नमन है इस युगपुरुष को 🙏❤️
❤️U , आचार्य जी, इस तरह के वीडियो को देखने की बड़ी गहरी चाहत थी। और मैं क्षमा चाहता हूँ आप से , इस लिए की जो ज्ञान आपने दिया है इस वीडियो के माध्यम से मिल रहा है , यह ज्ञान मैंने तय ही कर लिया था अपने अंदर की , आप से नहीं मिल सकता , या आप दे ही नहीं सकते। और यह भ्रम मुझे इसलिए रहता था क्योंकि आपके किसी भी वीडियो में जब मैं आपके हाउ-भाउ देखता था, या आप हस्ते हुए नहीं दिखते थे और इसी के साथ यह तय कर लिया था कि जो हस नहीं सकता वो प्रेम भी नहीं जनता और प्रेम कर भी नहीं सकता। लेकिन आज मेरा यह भ्रम टूट गया। इतने गहरे ज्ञान की समझ आप के पास थी और मैं आपकी हसी और हाउ-भाउ पर आकर रुक गया था। लेकिन आज मेरे मन से एक और पर्दा उठ जाने की खुशी के कारण शिथिल आनंद का खजाना और बढ़ गया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी।
Clearmost explained by the GURUDEV ACHARYA PRASHANT JI MAHARAJ JI'S PRAVACHAN IS TOP MOST IMPORTANT TO ALL SADHAKA'S ABOUT DEEPLY PANCH KOSH & FOUR BODIES AS WELL AS THEIR AVASTHA (JAGRITI,SVAPNA,SUSHUPTI & TURYA). I AM VERY GLAD OF THIS PRAVACHAN WICH IS PROVIDED BY AIRTEL 4G THANKS AGAIN & AGAIN.
The best acharya for vedant. (To demolish all that is false) आचार्य जी की वाणी से आत्मा तृप्त हो जाता है हम बहुत भाग्यशाली है की आज के जमाने मे ऐसे आचार्य प्रोफेशनल करिअर छोडके ऐसे काम कर रहे है
Guruji muje aisa lagta he kudrat ne hum par kripa ki sapne de ke... Taki jo adhure anubhav hum jagrit avastha me nahi pure kar paye wo sapno ke madhyam se pure ho jaye ..taki atript chetna sant ho jaye
Ek sawal hai acharya ji galat hua to maaf kardena bcz i am 18 years old. Dhyan aur pranayam samajdari badate hai zaroor apne kaha ki dhyan initiator hona chahiye phir apko dhyan me rahna chahiye dhyan me jeete vakt samajdari ka vikas kaise kare. Thank you with the bottom of my heart for giving direction to young people
अप्रतिम...सविस्तर जानकारी प्राप्त हुई है..बहुत प्रसन्नता, शांतता प्रस्थापित होने का अनुभव आया है... कोटी कोटी धन्यवाद.. आचार्य जी...सांष्टाग नमन....🙏🏻😊💐
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जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु: solutions.acharyaprashant.org
Sir please bhgvan per video banao
Kya bhgvan hotel h
Please God per video banao
Thanks
आचार्य जी आज वास्तव में सुनकर आनंद की अनुभूति हुई
यह बात भी बिल्कुल सही है की अध्यात्म समझने के लिए भी वो मानसिक स्तर होना चाहिए!
तुम्हारा मानसिक स्तर गिराया जाता है,मीडिया ke द्वारा
Thanks!
तुरीय ही आत्मा है, तुरीय ही साक्षी है।
-आचार्य प्रशांत
सरकार को सनातन व संस्कृति मंत्रालय बनाना चाहिए भारत
को पश्चिम संस्कृति से बचाने के लिए
खुशकिस्मत है हम जिन्हें आपका सानिध्य प्राप्त हुआ। कोटि -कोटि प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ध्यान की विधियाँ भी आख़िरकार आत्मा के ख़िलाफ़ एक अवरोध बन जाती हैं।
-आचार्य प्रशांत
तो कैसे चेतना को जाग्रत किया जाय बिना ध्यान के
जो बुद्धिजीवी हो गये, वो रहने लग गए विज्ञानमय कोष में।
-आचार्य प्रशांत
ट्रांसपेरेंट मामला है आचार्य जी का
Jai ho Aacharya ji Satyam Shivam Sundaram Yhi Param Satya h Sabhi Koso Se Bhar Nikal Jao Anand May Kos m Isthapit ho Jao ❤❤❤❤❤
भारत का नाम इंडिया से (भारत )हो ,इंडिया गुलामी का प्रतीक है
उपनिषदों को पढ़ना भी अपने आप में एक कला है। लगातार पूछना पड़ता है कि ये जो बात कही जा रही है ये किससे कही जा रही है?
-आचार्य प्रशांत
😀
इतना स्पष्ट लेक्चर पहली बार सुने।
आपने ऋषियों के वचनों को सरल सूत्र में बदल दिया।
जब चेतना बिल्कुल स्वच्छ और शुद्ध हो जाती है,
विशुद्ध चेतना मात्र हो जाती है
तो तुरीय कहलाती है।
-आचार्य प्रशांत
Parmatma gyaniyon ke liye nahin pagalon ke liye hai
Turiy stithi last nahi. Turiya awastha me aham brahsmi ki anubhuti hai. Aham ke civa kuch nahi Aham ka gyan lekin vishwa ka nahi
Esake Uppar samadhi samadhi me aham aur vishwa jagat ka ekrup ki anubhuti
Vo bhi sanjivan Niranjan aur Nirvikalp samadhi.
Viswa jagat aur khudaka gyan jagruti awastha
swapn awastha swapna jagat ka gyan lekin aham aur Viswa jagat ka gyan nahi
Sushupti me na khudaka gyan na viswa jagat ka gyan Na neniv na janiv _ brahm stithi
Turiya Sirf aham ka gyan vishwa jagat bhi aham
Samadhi Viswa jagat aur aham ka ekdeshiy (at a time) gyan rahata hai
Chetana nitya shudhya hai sirf pragatikaran kam jyadha ashudhya maya tatwonke karan hota hai esliye uske Uppar ashudhutwonki shudhata jaruri hoti hai.
Charad sparsh Aacharya ji 🙏👩🦰
Thank you sir
This channel deserves 1 billion subscribers and 100+ billion views
तुरीय चेतना की कोई अवस्था होती ही नहीं है।
तुरीय विशुद्ध चेतना मात्र है।
-आचार्य प्रशांत
जो ज्ञान हम लोग पढते थे लेकिन समझ मे नहीं आता आपको दो बार सुनकर कुछ हद तक समझ मे आ जाता है |बहुत उपकार हैं | प्रणाम
बिरले होते हैं वो जो आनंदमय कोष को साधनमात्र, मार्गमात्र समझते हैं आत्मा तक पहुँचने का।
जो आनंदमय कोष का भी अतिक्रमण कर गया वो आत्मा तक पहुंच जाता है।
-आचार्य प्रशांत
Anadmay kosh ko sadhan samjke ke aatma tak pahuche kese?
Anandmay kosh ka sadhan ki tarah ethemal kese kare
Wo bhi bta diya to krupa hogi
Dhanyavad Acharyaji apne Pancho cosho ke vishya me bahut ache se samjhaya
१) अन्नमय-कोष: संसार से दाना-पानी लेकर
हमने जिस कोष का निर्माण किया
उसे कहते हैं अन्नमय-कोष
२) प्राणमय कोष: जिसमें चौदह तरह की वायु रहती हैं।
३) मनोमय कोष: जहां अव्यवस्थित मानसिक गतिविधि चलती ही रहती है लगातार।
मन वृत्तियों द्वारा संचालित है और
मन उतश्रृंखल है।
मन पूरे तरीके से मात्र, प्राकृतिक गति कर रहा है उसको प्रकृति से आगे जाने की कोई अभीप्सा नहीं है।
बिखरा हुआ विचार, वृत्तियों द्वारा शासित विचार आएंगे मनोमयकोष में।
४) विज्ञानमय कोष: वो तल जिसपर बहुत कम लोग पहुँचते हैं।
विज्ञानमय कोष विचारणा का वो विरलतल है जिसमें विचार पहली बात तो व्यवस्थित हो जाता है और दूसरी बात अपनी ओर मुड़ जाता है। विचार जैसे किसी जबरदस्त ताकत के प्रभाव क्षेत्र में आ गया है। अब विचार की पूरी शक्ति एकाग्र होकर के कुछ पाना चाहती है। विचार की इस अवस्था को कहते हैं- विज्ञान।
एकाग्र विचार, अनुशासित विचार, व्यवस्थित
विचार आएंगे विज्ञानमय कोष में।
५) आनंदमय कोष: विज्ञानमय कोष में जो साधना कर रहा है विचार, जो आत्माजिज्ञासा कर रहा है विचार
तो विचार फिर कटने लगता है,
विचार अपनी ही आँच में पिघलने लगता है।
और रह जाता है एक निर्विचार आनंद।
जिसको कहते हैं आनंदमय कोष।
आनंद है पर उस आनंद का कारण
कोई विचार या विषय नहीं है।
एक विषयहीन आनंद है ये आनंदमय कोष है, इसमें अहम विषयहीन हो गया है।
-आचार्य प्रशांत
Aap to bade serious ho gaye.... 👌
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
Osho , Budh , Krishan , Ram
Sab Chetna hai
Aap bhi Acharya ji
आचार्य जी आपको इन निशुल्क वीडियोज के लिये बहुत धन्यवाद। वेदांत के इस प्रकार के महत्वपूर्ण व गूढ़ तथ्यों से हमें परिचित कराते रहें ऐसी आपसे आशा है!🙏🙏🙏🙏
Naman acharya ji 🎉
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी❤आपके चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम🙏🕉🙏🙏🙏🙏🙇♀🙇♀🙇♀🙇♀
🙏🙏🙏 Pranaam Acharyaji. Thank you so much.
Prnaam acharya ji bhot bhot shukriya aapka kitna mehnat karte hai aap humare liye videos Banate hai.
Sat sat naman ACHARAYJI...🙏🙏
इतनी गहराई से कभी नहीं जाना ये सब, धन्यवाद गुरु जी ❤️🙏
जो आध्यात्मिक साधक हो गए
उन्हें स्वाद मिलने लग जाता है- आनंदमय कोष का।
-आचार्य प्रशांत
चार अवस्था का रहस्य केवल आज जाना - बीसों बार पढ़ा और सुना . आचार्य जी का आभार
ज्ञान और विज्ञान के महासागर आचार्य प्रशांत 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️❤️🤗🤗🤗😌😌😇😇😇
Bahut logo ko suna aap bilkul alag ho...
Pranam
सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपगार।
लोचन अनंत उघाडिया, अनंत दिखावणहार ।।
बहुत बहुत आभार आचार्य जी! 🙏
Pranam acharya ji
Troublesome topic, very easy explanation, Thank you so much.
एक एक अक्षर मोती जैसा इतना सुंदर समझाया है इतनी स्पष्ट ता आचार्य जी जैसे गुरु ही कर सकते हैं आचार्य जी को कोटि-कोटि प्रणाम आचार्य जी को जितना सुनो उतना ही कम लगता है लगता है सुनते जाओ सुनते जाओ आचार्य जी के शब्दों में जादू ही जादू है
दिल को छू लेते है आचार्य जी।
मैं आपको सुन कर आनन्दमय कोष की अवस्था में पहुंच गया ।।
आचार्य जी कोई शब्द नहीं है हमारे पास जिससे मैं आपका आभार प्रकट कर सकूं बस आपको सामने पाते ही मैं खो चूका होता हूँ जैसे मैं अपनी किसी खोई हुई चीजों को पा रहा हूँ 🙏🙏🙏
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏
आनन्द ही आनन्द
मुझे जीवन एक छलावा लगता है🌻
Seriously I am blessed to listen and understand his videos....🎉😊❤
Itna clarity milta Hai ki...kya hee bolu...
आप जो सपने ले रहे हैं,
वो आपके अनुभव लोलुपता के प्रदर्शक हैं।
-आचार्य प्रशांत
अरबों साष्टांग प्रणाम ☘🍂🍁✨❄🌼🙏
आचार्य जी को सादर प्रणाम आप की सदा ही जय हो जय जय हो🙏🙏🙏
जाग्रत, स्वप्न , सुषुप्ति
ये चेतना की तीन अशुद्ध अवस्थाओं के नाम हैं।
-आचार्य प्रशांत
Aanand May kosh se paar karke aatma ke tal par kese jay....
Apko naman
आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति भगवद्गीता के कृष्ण प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन 🙏आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l
नमन है इस युगपुरुष को 🙏❤️
प्रणाम आचार्य जी 🙏
अंतःकरण चतुष्ट है जिसमें मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार है। 🙏🙏🙏 अति दुर्लभ व गूढ़ जानकारी हेतु धन्यवाद आचार्य जी ।🙏🙏 धन्य है आप आचार्य जी। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
pranamji hajur aachary ji 🎆🙏🌺 bahut sundar saral tarika se samjhaya koti koti pranamji 🙏🙏🙏🌺🎆❤️🙏
धन्यवाद आचार्य श्री ☘🍁🍂✨❄🌼🙏
आप श्री ने अच्छी तरह समझाया,
🙏🙏🙏🙏🙏🙏।
आप श्री को ह्रदय से धन्यवाद।
अद्भुत है आपके समझाने का तरीका आचार्य जी।
❤️U , आचार्य जी, इस तरह के वीडियो को देखने की बड़ी गहरी चाहत थी। और मैं क्षमा चाहता हूँ आप से , इस लिए की जो ज्ञान आपने दिया है इस वीडियो के माध्यम से मिल रहा है , यह ज्ञान मैंने तय ही कर लिया था अपने अंदर की , आप से नहीं मिल सकता , या आप दे ही नहीं सकते। और यह भ्रम मुझे इसलिए रहता था क्योंकि आपके किसी भी वीडियो में जब मैं आपके हाउ-भाउ देखता था, या आप हस्ते हुए नहीं दिखते थे और इसी के साथ यह तय कर लिया था कि जो हस नहीं सकता वो प्रेम भी नहीं जनता और प्रेम कर भी नहीं सकता। लेकिन आज मेरा यह भ्रम टूट गया। इतने गहरे ज्ञान की समझ आप के पास थी और मैं आपकी हसी और हाउ-भाउ पर आकर रुक गया था। लेकिन आज मेरे मन से एक और पर्दा उठ जाने की खुशी के कारण शिथिल आनंद का खजाना और बढ़ गया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी।
Koti koti Naman aaur Aabhar Aacharya ji 🙏🏻🌹 Lots of blessings and gratitude to you 🙏🙇🌹
अति सुंदर व्याख्यान गुरु जी मजा आ गया 😊🌹❤️🌻🌼🌺💐🌸👍🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌
Clearmost explained by the GURUDEV ACHARYA PRASHANT JI MAHARAJ JI'S PRAVACHAN IS TOP MOST IMPORTANT TO ALL SADHAKA'S ABOUT DEEPLY PANCH KOSH & FOUR BODIES
AS WELL AS THEIR AVASTHA
(JAGRITI,SVAPNA,SUSHUPTI &
TURYA). I AM VERY GLAD OF THIS PRAVACHAN WICH IS PROVIDED BY AIRTEL 4G THANKS AGAIN &
AGAIN.
हम इस कोस का उपयोग करके अहंकार को आत्मा को जानने मे पूरी तरह जोक दे बस। 🙏
जी समझ में आयी, प्रभु जी,
आखिरी अवरोध और आत्मा का विवेचन....आनन्दं
अभिनंदन, अनुकम्पा 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🚩🌺
This clarified most of my doubts regarding meditation experiences . Thanks a ton 🙏🙏🙏
🌹🙏🙏प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🌹
The best acharya for vedant. (To demolish all that is false) आचार्य जी की वाणी से आत्मा तृप्त हो जाता है हम बहुत भाग्यशाली है की आज के जमाने मे ऐसे आचार्य प्रोफेशनल करिअर छोडके ऐसे काम कर रहे है
शत-शत नमन आचार्य जी।
खूब खूब धन्यवाद आचार्यजी खूब खूब धन्यवाद एस सत्संग के लिये खूब धन्यवाद
Naman Acharya g
pranam guruvar!
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य श्री ☘🍁🍂✨❄🌼🙏
Guruji muje aisa lagta he kudrat ne hum par kripa ki sapne de ke... Taki jo adhure anubhav hum jagrit avastha me nahi pure kar paye wo sapno ke madhyam se pure ho jaye
..taki atript chetna sant ho jaye
सुनकर ऐसे लगा जैसे अहम अपने आप को छोटे सुखों मे स्थापित करके ऊँचे आनंद से वंचित कर रहा है।लोभ और लालच का ,तमासा का उपयोग कर के।
you are the only one successor of Osho ❤
हमारे प्रिय आचार्य जी के चरणो में कोटि कोटि वंदन🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤❤❤ इतनी स्पष्ट रूप से हमें आचार्य जी ही समझा सकते हैं🙏🏻🙏🏻
Wah acharya wah pranam gurudev sabd nahi h mere paas kuch kahne ko.
Thanks guruji
🙏🙏 Aacharya Ji ko S Hriday Pranam
Smjhane wala , achary jaisa spst pragat guru ho to bat smjh me aa hi jayegi .
संख्या ,वेदान्त योग तीनो दर्शन पढ़ा दिए आचार्य जी ने🙏🙏
कोटि कोटि नमन 🙏❤💐
O my teacher, very beautiful question and well explained answer , repeating this whole answer second time , to develop more understanding..
Ek sawal hai acharya ji galat hua to maaf kardena bcz i am 18 years old. Dhyan aur pranayam samajdari badate hai zaroor apne kaha ki dhyan initiator hona chahiye phir apko dhyan me rahna chahiye dhyan me jeete vakt samajdari ka vikas kaise kare. Thank you with the bottom of my heart for giving direction to young people
धन्यवाद आचार्य जी इस वीडियो से बहुत सीखने को मिला 🙏🙏🙏
Aacharyaji aaj spast hua haibahu t bahut dhanyabad .
इतने सुंदर और सरल ढंग से समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी🙏🙏
शत शत नमन आचार्य श्री 🙏
Pranam achrya ji...
Bahut badhiya samjhaya acharya ji ne chetna ke baare me....
Har baat mere se sambandhit lg rhi thi..
Very Nice. Best explained. Thanks from heart. Touching your feet.
अप्रतिम...सविस्तर जानकारी प्राप्त हुई है..बहुत प्रसन्नता, शांतता प्रस्थापित होने का अनुभव आया है... कोटी कोटी धन्यवाद.. आचार्य जी...सांष्टाग नमन....🙏🏻😊💐
Thank you so much🙏🙏🙏
जय हो आचार्य जी की बहुत कुछ स्पष्ट हुआ
The best and most useful video I have ever watched.
धन्यवाद आचार्य जी.
Kitna sahi vislashan, bilkul jivan par mera
Bahut achchha 🙏🙏
🙏🏼 🙏🏼 सादर प्रणाम आचार्य जी
Excellent satya 👌🏻🙏
प्रणाम आचार्य जी...🙏❤😍😊