यदि यदि चुनाव में नोट की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो । Rishika
Nota से कम % vote लाने वाले सभी Politicians और उनकी Party को भी Re-election में 5 साल के लिए Ban करना चाहिए, इससे un-neccessory Political भीड़ से भी राहत मिलेगी....
ये सवाल तो लाज़िम है की NOTA को अगर ज्यादा वोट मिल जाए तो ये लोकतंत्र में आम लोगों के भरोसे को मजबूत करेगा लेकिन लेकिन, जो चुनाव आयोग पक्षपात करता हो और जिसके फ्रीडम को ताख पर रख दिया गया है उससे क्या ही उम्मीद किया जाए। उदाहरण चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर ही देख लें।
यदि चुनाव में नोटा की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए , साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो । Rishika
nota का ऑप्शन बहुत अच्छा है, अगर nota को वोट अधिक मिला तो इलेक्शन दुबारा हो ।अनयथा नोटा कि कोई वैल्यू नही, यह तो वोट न डालने बराबर होगा, जो न्यायचित नहीं,मेरे मत में।
चुनाव आयोग का निर्णय सही है क्योंकि जब नोटा को मिले मतों की कोई कीमत ही नहीं है तो चुनाव करवाने का खर्चा क्यों करना, क्योंकि अगर चुनाव हुआ भी तो जीतेगा तो उम्मीदवार ही
यदि चुनाव में नोटा की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए , साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो ।
NOTA की अहमियत बरकरार रहनी चाहिए क्योंकि NOTA भी एक अदृश्य सशक्त उम्मीदवार हैं अतः: NOTA की मौजूदगी के कारण किसी भी सूरत में किसी भी उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित नहीं किया जा सकता
There must be public opinion poll under Supreme Court judges supervision for bringing back Ballot paper and banning Evms for better transparency fairness in election process and survival of Democracy. Stop Dictatorship Stop Crony Capitalism Stop Communalism and Fascism Save Constitution Save Democracy Save Nation.🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
यदि चुनाव में नोटा की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए , साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो । Rishika
Lota se kam uthane wali ummedwar ko ayogya ghoshit kiya jaaye phone nirvirodh Chunav pratyashi ko Aayog ghoshit kiya jaaye Supreme Court is per Kanoon banaen
मेरे विचार से नोटा अगर जीत जाता है तो एक न्यूट्रल व्यक्ति को संसद में बैठना चाहिए जिसका महत्व ये है जब कोई विधेयक पर अगर नोटा वोट कार्य है तो उस विधेयक को संशोधन के लिए संसदीय कमेटी को भेजना लाज़िम होगा
Suppose the winning candidate gets 40% vote, the second candidate gets 30% vote, 20% NOTA and 10% people don't turn up to vote. The guy with 40% will win but the game will start to change after the election. The opposition will improve their policies to get support from this 20% NOTA vote bank as that can make them win in the next election. Thus the winner too will be forced to change their policies and attitude accordingly. The overconfidence that politicians show nowadays will be gone.
जो लोग वोट नही देते , या किसी कारण वश दे नहीं पाते , उस संख्या को भी नोटा की एक कैटिगरी माना जाये । क्योकि वो लोग भी पसंद का उम्मीदवार न होने के कारण ही अपने मत का प्रयोग नहीं करते ।
Sir, Mera prashn ye hai ki jab desh development ki taraf badh Raha hai to har election bhi degetal karne ke madhyam se aour adhik voting hone se bhi kiya aage suvisha janak nahi hoga . Agar bhavishya ke election mobile app ke madhyam se ho to isme koi burai to nahi hai. Har kisi ke mobile main 1 candidate ko apne vote dene kaa option hone par aasani hogi. Jaise election app main voter no. Adhar no, yaa Jo bhi zaruri ID no.darj kar voting kare jaise hi sambandhit ne apne mobile se vote diya app mobile se hat jaae. Saath hi Jo mobile istemal kar sakte hai unke liye vartmaan suvidhaa uplabdh rahe. Kiya govt. On line shop se bhi voting hosati hai. Kiya security ke saath Aisa hona sambh hai yaa. Is se , govt. Evam market, corporet sector bhi prabhvit nahi hoga. Aisa hone se kin kin kathnaaiya aaegi.Ye kewal mera ek question hai. Kripaya margdarshan karen ki kripa karen..
Nota is also a candidate and so the remaining candidate should be contesting against Nota.The voters may cast more votes to Nota.Therefore there must be Election.
Right to reject kya hota hai ?? Other koi election mein ladna nahi chahta to reject kya ghanta ka karenge ,, nota ke chilgota Ghar mein jhunjhuna bajaye ,,faltu ki bhid na kare polling booth pe
If NOTA get more vote than the candidates then there should be re-election debaring all those candidates in the elections and giving chance to file again candidature. If there is only one candidate in the election then he should not be awarded NIRBIRODH but there should be voting and if NOTA get higher vote than candidate, election should be reschedule and chance be given to other candidate debring already contesting candidate .
नोटा बटन का बेकार है इसको जब चुनाव आयोग के हाथ में घोषित करना होता है तो नोट की तरफ जो नोट जीत रहा है तो उसका अर्थ फिर भी बेकार हो गया है हिंदुस्तान भेड़ियादशर
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सुप्रीम कोर्ट का एप्रोच भी बहुत कमाल का है, यह बात जनहित को करता है और जब फैसला देने का वक्त आता है तो फैसला सरकार के पक्ष में देता है
जब चंडीगढ़ में चुनाव में धांधली हुई थी उसे टाइम पर सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने नहीं बोला था तू क्या उसे टाइम भी सुप्रीम कोर्टगलत थी
Kya hua Anil Masih ko kya koi Saja Sunai gai Adhura Faisla
नोटा की वोट संख्या सबसे अधिक होने पर ,उस क्षेत्र से चुनाव मैदान में लड़े सभी प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित कर,नए लोगों के बीच चुनाव होना चाहिए ।
Dobara election ka kharcha publice ki jeb se jynga vo bhi loss hain
सरकार के पास बहुत पैसा है
Right
No election the distict will be managed by District collector with a tenure.
😊@@Edutola
बिल्कुल सही कोशिश किया जा रहा है मतदाता को अधिकार मिलना चाहिए अगर नोट को सबसे ज्यादा वोट मिलता है तो सभी कैंडिडेट को रद्द कर देना चाहिए
यदि यदि चुनाव में नोट की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो ।
Rishika
Dobara chunav hone se may be achhe neta mil sake desh ko
अगर नोटा को ज्यादा मत मिलता है तो दुबारा चुनाव होना चाहिए नए पत्यासी के साथ
Dismiss all those candidates for 5years who defeated by NOTA.Supreme COURT should give emphasis on public opinion.
Nota से कम % vote लाने वाले सभी Politicians और उनकी Party को भी Re-election में 5 साल के लिए Ban करना चाहिए, इससे un-neccessory Political भीड़ से भी राहत मिलेगी....
,5 saal nhi bhai 5 times ke liye boliye
Yani 25 saal tk
Exactly.
@@Yahya_1432aaaaaaaaaaaaaaaaaà
ये सवाल तो लाज़िम है की NOTA को अगर ज्यादा वोट मिल जाए तो ये लोकतंत्र में आम लोगों के भरोसे को मजबूत करेगा लेकिन लेकिन,
जो चुनाव आयोग पक्षपात करता हो और जिसके फ्रीडम को ताख पर रख दिया गया है उससे क्या ही उम्मीद किया जाए। उदाहरण चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर ही देख लें।
यदि चुनाव में नोटा की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए , साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो ।
Rishika
Right to reject would be a great initiative if it is happen!❤
अगर नोटा को अधिक वोट मिले तो चुनाव दोबारा होना चाहिए
Us area ke candidates ke khilaf supremecourt inquiry bauthaye aur development ki jankari ke according reelection karaya jaye
नोटा को ज्यादा मत मिलता है तो दुबारा चुनाव होना चाहिए नए पत्यासी के साथ..
NOTA को voter list मे सबसे उपर एक नंबर पे रख ना चाहिए.
I think right to reject would be great initiative 👍
NOTA is not a right to reject
@user-de9lr8iu2r I'm not saying NOTA is right to reject
nota का ऑप्शन बहुत अच्छा है, अगर nota को वोट अधिक मिला तो इलेक्शन दुबारा हो ।अनयथा नोटा कि कोई वैल्यू नही, यह तो वोट न डालने बराबर होगा, जो न्यायचित नहीं,मेरे मत में।
Nota को जीत हासिल करने के बाद अन्य सभी उम्मीदवारों को कम से कम 5 साल के लिए अयोग्य घोषित कर देना चाहिए।
चुनाव आयोग का निर्णय सही है क्योंकि जब नोटा को मिले मतों की कोई कीमत ही नहीं है तो चुनाव करवाने का खर्चा क्यों करना, क्योंकि अगर चुनाव हुआ भी तो जीतेगा तो उम्मीदवार ही
जब व्यक्ति उम्मीदवार से ज्यादा nota को पसंद कर रहा है इसका मतलब वह उम्मीदवार कन्हि न कन्ही खराब हैं।
अंध भक्तो को ये सभी ही लगेगा।
NOTA KO IMPORTANCE DENA CHAHE.
It should not be just symbolic.Should carry a message &value.
Nota Right to reject ka option supreme court ko lana chahiye
चुनाव हुआ नहीं जीता कहा समय बढ़ाना चाहिए
यदि चुनाव में नोटा की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए , साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो ।
dagi उम्मीदवार तो नरेन्द्र मोदी और अमितशाह हि हैँ तो चुनाव क्यों लड़ रहे हैँ
Bilkul sahi kaha 💯 Sahi kaha 👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏
Chunaw Ghotala 1st, Chandigarh 2nd SURAT
NOTA की अहमियत बरकरार रहनी चाहिए
क्योंकि NOTA भी एक अदृश्य सशक्त उम्मीदवार हैं
अतः: NOTA की मौजूदगी के कारण किसी भी सूरत में किसी भी उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित नहीं किया जा सकता
abki baar nota par vaar....
Sabhi pratyasiyo ko ayogya krke dobara chunav hona chahiye
THANKS TO SHIV KHERA. NOW 'NOTA' WILL GET LIFE.
Bahut sandar lecture hai sir ji
Harne vale ummidwar ko kV v vote ladane ka hi adhikar na mile q ki koi v usi voter use pasand hi nhi krte h
Bahut achcha
Correct 👍👍
सरजी ,अगर उस क्यांडीडेट नोटासे कम वोट मिले है तो उस व्यक्ती को पांच साल तक खडे रहनेका अधीकार नही देना चाहीए और दुबारा इलेक्शन लेना चाहीए।
As we don't want to cast a vote and select a criminal so there must be a right to reject option while casting vote by voters of a contituency.
नोटा में ज्यादा सुधार करना चाहिए ताकि अयोग्य व्यक्ति को राजनीती से अलग रखा
जाय ।
सरकार को स्थगित कर देना चाहिए 😅
अगर अकेला उम्मीदवार है ओटा में अगर ज्यादा वोट पड़े हैं तो उस उम्मीदवार को हमेशा के लिए इलेक्शन लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए
Re-Election if NOTA gets more VOTES
Mera vote Gaya ,Bihar se NOTA🎉
There must be a right to reject option while casting vote by voters of a contituency.
सही कहा आपने ,नोटा चूंकि बिना दांत का शेर है ,इसलिए ही मतदान कि प्रतिशत इतना कम है , लोग वोटिंग के लिए जाते ही नही।
दुबबारा चुनाव होना चाहिए.
Nota agar jyada vote pa jaye to waha pr us District ke Nyayadhish ko bana dena chahiye
कहीं नोटा का कनेक्शन भी कमल से ना जोड़ दीया जाए मोदी है तो मुमकिन है ballot paper से चुनाव कराओ लोकतंत्र बचाओ
फिर्से चूनाव होना चाहिए.
There must be public opinion poll under Supreme Court judges supervision for bringing back Ballot paper and banning Evms for better transparency fairness in election process and survival of Democracy.
Stop Dictatorship Stop Crony Capitalism Stop Communalism and Fascism
Save Constitution Save Democracy Save Nation.🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Nota ziyada hone par dubara chunao hona chahiye ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
यदि चुनाव में नोटा की संख्या अधिक हो तो उस क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए , साथ ही उसमें एक ऐसा प्रावधान हो जिससे कि उस क्षेत्र में खड़े हुए सभी उम्मीदवार अगले 5 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ पाए एवं चुनाव दोबारा शुरू कराया जाना चाहिए नए उम्मीदवार के साथ जिसमें पूर्व के कोई भी उम्मीदवार शामिल न हो ,साथ ही नए चुनाव कराने में होने वाले खर्च का 49% हिस्सा पूर्व के सभी कैंडिडेट या पार्टी को चुनाव आयोग को देने होंगे, ताकि अगले चुनाव कराने में देश का पैसा कम खर्च हो ।
Rishika
Ya NOTA, hai MOTA haraphare ka leya, Election commission ko Aache khaber hai NOTA ke, or NOTA kisko danna hai, 🙃🙄😳🤔🤣
नोटा की संख्या ज्यादा होने पर चुनाव दुबारा निरापराध उम्मीदवार को टिकट देकर चुनाव करवाना फिर भी पार्टीयां में सुधार न आने पार्टी को बैन कर देना चाहिये
दुबारा चुनाव कराऐ जाने चाहिए यह जनमत का अपमान है,
Yes , there should be re-election if NOTA gets maximum votes
Lota se kam uthane wali ummedwar ko ayogya ghoshit kiya jaaye phone nirvirodh Chunav pratyashi ko Aayog ghoshit kiya jaaye Supreme Court is per Kanoon banaen
मेरे विचार से नोटा अगर जीत जाता है तो एक न्यूट्रल व्यक्ति को संसद में बैठना चाहिए जिसका महत्व ये है जब कोई विधेयक पर अगर नोटा वोट कार्य है तो उस विधेयक को संशोधन के लिए संसदीय कमेटी को भेजना लाज़िम होगा
Right
All candidates kabhi bhi future me election ke part nahi ho sakte
18:30 percentage to percentage hota hai, small area me nikale ya large area me?
जिस पार्टी का देश में जीत का माहोल बना हो और लोग परिवर्तन चहेते हों तो उस पार्टी के खाते में सभी नोट के वोट जाने चाहिए।
नोट में अगर वोट अधिक पढ़ते हैं प्रत्याशी से तो उसे दोबारा चुनाव होना चाह
Nota ko jyada vote milne Percondidate ko badal dena chahiye.
चुनाव रद्द हो जाना चाहिए
नए उम्मीदवारों को लाना चाहिए
Wonderful 😅
Good
Option. A
Option A
mera bhi yahi doubt tha jis din ye hua, achha hua pil daali
دوبارہ چناؤ ہونا چاہیے یہی َعدلاور انصاف کی بات ہے
جبکہ نوٹا پر زیادہ ووٹ پڑا ہو
dant heen sheer ke paas panje ka nakhun hota h sir, nota like vish heen sarp ...
दोबारा चुनाव होना चाहिए ज्यादा वोट क्यों पड़े
and opportunists candidates
.when we discourage unworthy candidates by NOTA VOTE then we indirectly inspire worthy people to contest all election.
Suppose the winning candidate gets 40% vote, the second candidate gets 30% vote, 20% NOTA and 10% people don't turn up to vote. The guy with 40% will win but the game will start to change after the election. The opposition will improve their policies to get support from this 20% NOTA vote bank as that can make them win in the next election. Thus the winner too will be forced to change their policies and attitude accordingly. The overconfidence that politicians show nowadays will be gone.
जो लोग वोट नही देते , या किसी कारण वश दे नहीं पाते , उस संख्या को भी नोटा की एक कैटिगरी माना जाये ।
क्योकि वो लोग भी पसंद का उम्मीदवार न होने के कारण ही अपने मत का प्रयोग नहीं करते ।
Voting should be again
Option A is right
Sir aapke madhyam se cji dy chander chur ji se gujarish hai ki surat seet par dobara naye candidates k sath chunav ho
Nice
Sir, Mera prashn ye hai ki jab desh development ki taraf badh Raha hai to har election bhi degetal karne ke madhyam se aour adhik voting hone se bhi kiya aage suvisha janak nahi hoga . Agar bhavishya ke election mobile app ke madhyam se ho to isme koi burai to nahi hai. Har kisi ke mobile main 1 candidate ko apne vote dene kaa option hone par aasani hogi. Jaise election app main voter no. Adhar no, yaa Jo bhi zaruri ID no.darj kar voting kare jaise hi sambandhit ne apne mobile se vote diya app mobile se hat jaae. Saath hi Jo mobile istemal kar sakte hai unke liye vartmaan suvidhaa uplabdh rahe. Kiya govt. On line shop se bhi voting hosati hai. Kiya security ke saath Aisa hona sambh hai yaa. Is se , govt. Evam market, corporet sector bhi prabhvit nahi hoga. Aisa hone se kin kin kathnaaiya aaegi.Ye kewal mera ek question hai. Kripaya margdarshan karen ki kripa karen..
हमारा मानना है कि जो डाल सप्तम है उसे दल से पब्लिक विरोध में है इसलिए नोट का बटन दबाया जाता है
Nota is also a candidate and so the remaining candidate should be contesting against Nota.The voters may cast more votes to Nota.Therefore there must be Election.
Nota is considered as one candidate, except All of candidates in election , unopposed not be declared except election
Nota ko bahumat mile to chunav dubara karana chahiye air purane candidate ko chunav nahi ladne dena chahiye
Right to reject kya hota hai ?? Other koi election mein ladna nahi chahta to reject kya ghanta ka karenge ,, nota ke chilgota Ghar mein jhunjhuna bajaye ,,faltu ki bhid na kare polling booth pe
What will happen to the people who file nomination from two places and one get Nota and other place candidate win
If NOTA get more vote than the candidates then there should be re-election debaring all those candidates in the elections and giving chance to file again candidature.
If there is only one candidate in the election then he should not be awarded NIRBIRODH but there should be voting and if NOTA get higher vote than candidate, election should be reschedule and chance be given to other candidate debring already contesting candidate .
Sirji nota.ka asar honazurare dekhena cheyaji jaihind jaibharat
नोटा बटन का बेकार है इसको जब चुनाव आयोग के हाथ में घोषित करना होता है तो नोट की तरफ जो नोट जीत रहा है तो उसका अर्थ फिर भी बेकार हो गया है हिंदुस्तान भेड़ियादशर
Vastav Mein rolling party Ka Gulam Ban chuka hai Supreme Court bhi
Vote again
NOTA ki sankhya ummidwarose adhik hogi to jis ummidwar ko sabse kam vote milenge us me joda jaye. Aur use hi Sansad me bheja jaye.
President rule shouldbe imposed if nota is in majority
Dubara hoga chanav agar hoga to ballet paper se karna chahiye
NOTA vote impact on ultimate result is not there in law. This discourages voters to cast NOTA vote so present use of NOTA is negligible Thanks
Noto chahiye
B is the right answer sir ji
Ans a
who allowed NOTA? Same foolish SC - did NOTA applied to contest? Did NOTA fill its candidature forms? Did NOTA pay the deposit money? How can it win?
बीजेपी कांग्रेस सपा तीनो अगर आए तो समझ लो चुनाव फिर से होगा
Nota ki sankhya agar candidate se jyada aati hai to usko reject kar dena chahie aur dwara chunav karane chahie