आचार्य सद्गुरु श्री महान साहेब जी के पावन चरणों में कोटि कोटि नमन एवं सभी पारखी संतों को कोटि कोटि नमन त्रय बार साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी रामेश्वर प्रसाद मीना दौसा राजस्थान से
मेरे हृदय मंदीर के आराध्य सतगुरु कबीर साहेब जी के चरण कमलो मे कोटी कोटी बंदगी करते हुवे पुज्य संत समाज ओर साहेब के सभी नेमी प्रेमी हंस भक्तजनो को सप्रेम 🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏 🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏 🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏
गुरु की श्रेणी तीन तरह की है। 1- अधम गुरु, वे हैं जो पुस्तकीय ज्ञान ज्यादा पर व्यावहारिक जानकारी बहुत ही कम रखते हैं। पर जो कुछ भी रखते हैं, शिष्य को सिखाते हैं। सिखाने के बाद शिष्य से भौतिक दान दक्षिणा लेकर दूर चले जाते हैं। शिष्य का आत्मिक विकाश हो रहा है कि नहीं , इससे उनको कोई मतलब नहीं होता। 2- मध्यम गुरु- जो साधना करके अपने को आत्मिक क्षेत्र में ऊपर उठाते हैं। लेकिन पूर्ण सर्वज्ञ नहीं होते। जैसे-भगवान बुद्ध, भगवान जैन, क्राइस्ट, गुरु नानक, रहीम, रैदास, कबीर आदि।ये जितना आत्मिक विकाश कर चुके होते, उतने ऊपर तक शिष्य को भी उठाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन मुक्ति मोक्ष देने में सक्षम नहीं होते । 3- सदगुरु- वे हैं जो जन्म से ही सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, सभी सिद्धियों से युक्त होते हैं।इन्हे तारक ब्रह्म कहते हैं। ये साधारण गृहस्थ जीवन बिताते हुए मनुष्य के सर्वांगीण विकास की पूरी व्यवस्था कर जाते हैं।ये जब तक इस पृथ्वी पर रहते हैं , अपने आप को बहुत ही छिपा कर रहते हैं। सोई जानत जेई देत जनाई। यही सदगुरु होते हैं। जैसे भगवान शिव, भगवान कृष्ण और भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति। ये लगभग 3500 वर्षों के अंतराल में इस धराधाम में आते हैं। सही मायने में यही मनुष्य के आराध्य हैं। घर परिवार से सामंजस्य बनाकर गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए इनके द्वारा दी गई साधना पद्धति का शुवह शाम अनुशीलन करना ही सही मायने में गुरु पूजा होती है।
कृष्णा के मां बाप का सबको पता है और जब कृष्ण जी का शरीर पूरा हुआ उसका भी सबको पता है, कबीर साहेब के जन्म का और शरीर पूरा होने के बाद बॉडी का क्या हुआ किसी को पता है?
आचार्य सद्गुरु श्री महान साहेब जी के पावन चरणों में कोटि कोटि नमन एवं सभी पारखी संतों को कोटि कोटि नमन त्रय बार साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी रामेश्वर प्रसाद मीना दौसा राजस्थान से
❤❤❤❤saheb bandgi saheb ji 🙏 mere hrday me virajmaan mere Shri Gurudev Ji ke Charan kamalo me try baar bandgi
Saheb bandagi🤲🤲🤲🌹🌹🌹
Saheb bandagi saheb
🎉 બે
श्रद्धेय परम पूज्यनीय श्री शद गुरु देव जी के पावन चरण कमलों में तिरबार बन्दगी करता हूं साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब जि 🙏🙏🙏🌼🌼🌼🤲
मेरे हृदय मंदीर के आराध्य सतगुरु कबीर साहेब जी के चरण कमलो मे कोटी कोटी बंदगी करते हुवे पुज्य संत समाज ओर साहेब के सभी नेमी प्रेमी हंस भक्तजनो को सप्रेम
🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏
🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏
🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏
Mere hrday me viraz maan mere prm pujy gurudev ji ko Saheb bandgi svikaar ho
जय हो गुरु देवजीआपककीजयजयहो
साहेब बंदगी 🌷🙇🙏🤍
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
साहेब बंदगी जी को कोटि कोटि वंदना
पूज्य साहेब जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम, त्रयवार सप्रेम साहेब बंदगी।
Saheb bandagi saheb ji bhut hi sundar prvachan h aapke saheb ji
gurudev ji av mahatmaji koti koti naman
Saprem saheb bandgi gurudev ji
साहेब बंदगी साहेब
साहेब बंदगी🤲🤲🤲 गुरुदेव जी🙏🙏🙏👍👍👍👍👍👍👍
Saheb bandagi Saheb ji
बहुत सुन्दर प्रस्तुति साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
साहेब बंदगी जी
Saprem saheb bandagi saheb ji
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब जी महान साहेब जी की जय हो
Shaheb🙏🙏🙏
Sahib bandagi Sahib bandagi Sahib bandagi. Bhola Delhi
शाहेब बन्दगी, शाहेब बन्दगी, शाहेब बन्दगी।
Saheb badagi saheb ji
Saheb bandgi
Saheb bndagi
સદ્ ગુરુ મહાન સાહેબ કી જય
👍👍👍
प्रणाम
Kabir is god
Mahnt ramdas ka pota kabir t.tripathi sidhi mp
Pujjay guru ji se 21/06/2024 ko milne ka avshar milega,, janm dhanyya ho jayega Mera..mujhe bahut besabri se intjaar hai guru ji se milne ka🎉🎉🎉
प्राणी मात्र के कल्याण के पोषण
To
गुरु की श्रेणी तीन तरह की है।
1- अधम गुरु, वे हैं जो पुस्तकीय ज्ञान ज्यादा पर व्यावहारिक जानकारी बहुत ही कम रखते हैं। पर जो कुछ भी रखते हैं, शिष्य को सिखाते हैं। सिखाने के बाद शिष्य से भौतिक दान दक्षिणा लेकर दूर चले जाते हैं। शिष्य का आत्मिक विकाश हो रहा है कि नहीं , इससे उनको कोई मतलब नहीं होता।
2- मध्यम गुरु- जो साधना करके अपने को आत्मिक क्षेत्र में ऊपर उठाते हैं। लेकिन पूर्ण सर्वज्ञ नहीं होते। जैसे-भगवान बुद्ध, भगवान जैन, क्राइस्ट, गुरु नानक, रहीम, रैदास, कबीर आदि।ये जितना आत्मिक विकाश कर चुके होते, उतने ऊपर तक शिष्य को भी उठाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन मुक्ति मोक्ष देने में सक्षम नहीं होते ।
3- सदगुरु- वे हैं जो जन्म से ही सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, सभी सिद्धियों से युक्त होते हैं।इन्हे तारक ब्रह्म कहते हैं। ये साधारण गृहस्थ जीवन बिताते हुए मनुष्य के सर्वांगीण विकास की पूरी व्यवस्था कर जाते हैं।ये जब तक इस पृथ्वी पर रहते हैं , अपने आप को बहुत ही छिपा कर रहते हैं। सोई जानत जेई देत जनाई। यही सदगुरु होते हैं। जैसे भगवान शिव, भगवान कृष्ण और भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति। ये लगभग 3500 वर्षों के अंतराल में इस धराधाम में आते हैं। सही मायने में यही मनुष्य के आराध्य हैं। घर परिवार से सामंजस्य बनाकर गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए इनके द्वारा दी गई साधना पद्धति का शुवह शाम अनुशीलन करना ही सही मायने में गुरु पूजा होती है।
कृष्णा के मां बाप का सबको पता है और जब कृष्ण जी का शरीर पूरा हुआ उसका भी सबको पता है,
कबीर साहेब के जन्म का और शरीर पूरा होने के बाद बॉडी का क्या हुआ किसी को पता है?
Harilal Shrimali
Guru dev vakai hi ap kahan hai
जयपुर मे कहा हों
Jaipur jawahar nagar
🎉🎉❤❤❤