चाहे जिस पद पर हो धनी हो,पढ़े लिखे हो, __चिंता,शोक,भय से बच नहीं सकते "श्री प्रेमानंदजी महाराज "

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  • Опубликовано: 6 сен 2024
  • भगवान का भरोसा जागृत हो जाए तो जैसे मन कहता है कहीं ऐसा हो गया तो ____ तो श्री भगवान है ना प्रभु है ना निर्भय निश्चिंत हो जाते हो अब प्रभु का भरोसा ना हो तो किसी भी बात को सोच कर नकारात्मक सोच आने लगती है कारात्मक सोच से ही सुख है

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