केदारनाथ मे रुद्राक्ष के महत्व को जाना ।। Value of Rudraksh ।।
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- Опубликовано: 13 сен 2024
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रुद्राक्ष एक प्राचीन और महत्वपूर्ण बीज है, जो हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह बीज रुद्राक्ष पेड़ से प्राप्त होता है, जो भारत, नेपाल, इंडोनेशिया, ताइलैंड, और मलेशिया में पाया जाता है। इसके पेड़ का वैज्ञानिक नाम "Elaeocarpus ganitrus" है।
रुद्राक्ष के मुख्य प्रकार होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से पांचमुख, आठमुख, ग्यारहमुख, बारहमुख, और त्रयोदशमुख रुद्राक्ष प्रसिद्ध हैं। पांचमुख रुद्राक्ष को विशेष रूप से लोग पसंद करते हैं, क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित होता है और उनकी आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है।
रुद्राक्ष का धारणा और जप ध्यान में उपयोग किया जाता है। इसे अध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति, और शक्ति के स्रोत के रूप में माना जाता है। यह ध्यान को गहराई से करने में मदद करता है और व्यक्ति को आत्मा के साथ जुड़ने में मदद कर सकता है।
रुद्राक्ष के बारे में अनेक धार्मिक और तांत्रिक ग्रंथों में विवरण दिया गया है और इसे धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
रुद्राक्ष बीज विभिन्न मुखों (फेसेस) वाले होते हैं और प्रत्येक मुख का अपना महत्व होता है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में प्रमुख है। यहां कुछ प्रमुख रुद्राक्ष मुखों की जानकारी है:
1. **पांचमुख (Five Mukhi Rudraksha)**: यह सबसे पॉपुलर और आम रुद्राक्ष है, जिसमें पांच मुख होते हैं। यह भगवान शिव को समर्पित होता है और मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ावा देने में मदद करता है।
2. **आठमुख (Eight Mukhi Rudraksha)**: इसमें आठ मुख होते हैं और इसे भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। यह समृद्धि, सफलता, और विद्या के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
3. **ग्यारहमुख (Eleven Mukhi Rudraksha)**: इसमें ग्यारह मुख होते हैं और यह भगवान हनुमान को समर्पित होता है। इसका धारणा भक्ति, शक्ति, और साहस में सहायक हो सकता है।
4. **बारहमुख (Twelve Mukhi Rudraksha)**: इसमें बारह मुख होते हैं और यह भगवान सूर्य को समर्पित होता है। इसे दिन की शक्ति, स्वास्थ्य, और सूर्य के गुणों को विकसित करने के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।
5. **त्रयोदशमुख (Thirteen Mukhi Rudraksha)**: इसमें त्रयोदश मुख होते हैं और यह भगवान कामदेव को समर्पित होता है। इसका धारणा प्रेम, आकर्षण, और सुख-शांति को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
हर एक मुख वाले रुद्राक्ष का अपना महत्व और उपयोग होता है, और इन्हें ध्यान और धार्मिक उद्देश्यों के साथ धारण किया जाता है। ध्यान और जप के दौरान ये मुख ध्यानी के मानसिक स्थिति को स्थिर रखने में मदद कर सकते हैं।
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Jai shambhu
Jai shiv shambu
🙏बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है 🙏
🙏🙏
Nepali rudraksh gol hota hai jo yah baba ji ne pehna hai aur jo rudraksh nikla woh kadachit oval shape ka dikhai de raha hai jisse Indian rudraksh ya bhadraksh kehte hai ..
Kedarnath se laya hai 😊 Rudraksh kya usko Puja room rakha sakte h or kese rakha batawo di pandi apko bata raha tha samj nhi aaya video khatm ho gya or please humko bhi Puja room me rakhana par kese rakhe
Hanji rakh skte hai, magar isko pahniye wo aapko jyada falit hoga, iska koi dushpriraam to nahi hai, prashad samjhkar aap Dharan kr lijiye..
Non veg eale bhi pahn sskte h kya
जब भी आप सेवन करो, इसको उतार कर मंदिर में रख दे, फिर नहाने के पश्चात ही धारण करे
नहीं
How much did he take for 1 rudraksh?
At Kedarnath, It's all up to you. (11, 21, 51 & 101)
@@Parmanentpahadi thank you. God bless ❤️
Subscribe kor diya.... India... west Bengal... kolkata... 27.06.2024. Goodnight....
Thank you 🙏