पं. मांगे राम जी का प्रसिद्ध ऐतिहसिक सांग पिंगला भ्रतृहरी का बहुत ही मनमोहक मंचन। बाबू दान सिंह जी चौहान व सभी साथियों ने बड़ा हृदयस्पर्शी अभिनय कर चार चांद लगा दिए। इस सुरीली प्रस्तुति के लिए एन. के. शर्मा मण्ढाणा का हार्दिक धन्यवाद।
भाई बाबू मै आपकी कला से बहुत ही बहुत खुश हूँ, पर आप पढने का केवल ब्राह्मणो का काम बता रहे हो, यह बात कहने पर आपकी कला पर लान्क्षन आप स्वयं ही लगा देते हो, फिर तो आप एक राजपूत होकर क्षत्रिय का काम करने के बजाय गाने बजाने का काम कर रहे हो जो सदा ही भांड और नकालों का रहा है, आप एक सामाजिक प्रचारी बनो, ब्राह्मणों की तरहं तेल लगाने व समाज को भ्रमित कर ने वाले ध्रुत वर्ग मे मत सामिल हो, क्षत्रिय हो, क्षत्रिय की ही भाषा बोला करो
Very nice 👍👍👍👍👍👍👍👍❤❤❤❤
बहुत बढ़िया सांग प्रस्तुति ।
Very nice
पं. मांगे राम जी का प्रसिद्ध ऐतिहसिक सांग पिंगला भ्रतृहरी का बहुत ही मनमोहक मंचन। बाबू दान सिंह जी चौहान व सभी साथियों ने बड़ा हृदयस्पर्शी अभिनय कर चार चांद लगा दिए। इस सुरीली प्रस्तुति के लिए एन. के. शर्मा मण्ढाणा का हार्दिक धन्यवाद।
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Bhai ye kemane ka denda h enka .babu ji candar la ji ka saag kera kero
तेल लगाकर कर बात करने काम भांड और नकालों का होता है क्योंकि उनको सिर्फ आमदनी बढ़ाने का काम होता, सचाई से नहीं
Ye kya kush keberi h
bhai DANSINGH KYA GYAN Ke BatSuni Hye
वैसे भी चौहान वंशीय हो, इसलिए अपने वंशज की संस्कृति का ख्याल रखकर ही स्टेज पर बोला करो
भाई बाबू मै आपकी कला से बहुत ही बहुत खुश हूँ, पर आप पढने का केवल ब्राह्मणो का काम बता रहे हो, यह बात कहने पर आपकी कला पर लान्क्षन आप स्वयं ही लगा देते हो, फिर तो आप एक राजपूत होकर क्षत्रिय का काम करने के बजाय गाने बजाने का काम कर रहे हो जो सदा ही भांड और नकालों का रहा है, आप एक सामाजिक प्रचारी बनो, ब्राह्मणों की तरहं तेल लगाने व समाज को भ्रमित कर ने वाले ध्रुत वर्ग मे मत सामिल हो, क्षत्रिय हो, क्षत्रिय की ही भाषा बोला करो