भारत कि रेल्वे से अंग्रेज अच्छे थे जिन्होंने मात्र चार साल कि अवधि में खंडवा से इंदौर तक रेल्वे लाईन डाल दी थी। इतने साल हो गए हैं प्रोजेक्ट कि घोषणा कर के अभी केवल एक टनल का हि टेंडर निकाला है। ऐसे तो कम से दस साल तो लगना है और। अंग्रेजो जैसे हंटर मारने वाला कोई नहीं है इसलिए सब धिमी गती से काम कर रहे है।
Aisa nhi hai Britishers ka objective development ka nhi tha. Unko bas easy trade ke hisab se jaldi poora kam karna tha. Agar woh chahte toh poore India mein pehle se hi broad guage daal dete par iss route par broad guage nhi dal sakti thi zyada gradiant ki wajah se. Isliye nayi broadgauge bhi alag route pe ban rahi hai. But yeh baat toh sahi hai railways aur forest department ke projects mein papar work aur sanction hone mein hi bahut time laga dete hai.
नर्मदा नदी पर अंग्रेजों द्वारा बनाया गया पुल अंत तक भी जितना मजबूत था, ब्रॉड गेज का नया पुल बनते ही, उतना मजबूत नहीं होगा ,यह मेरी गारंटी है. जय हो भ्रष्टाचार शिरोमणि रेलवे विभाग की.
भाई साहब, इंदौर से एक साथ इतने सारे प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं। ऐसा हाल तो होना ही है। देखिए इंदौर-खंडवा, इंदौर-मनमाड़, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी....। इतनी लाइन तो देश के किसी बड़े शहर में भी नहीं होगी। माना कि इंदौर शुरू से ही रेलवे नेटवर्क में काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मतलब ये नहीं कि सब काम एक साथ शुरू कर दो। पश्चिम रेलवे पर पूरा भार आ गया। स्टॉफ तो सीमित ही होगा। बेहतर होता कि इंदौर-खंडवा को प्राथमिकता मिलती। ये प्रोजेक्ट इंदौर के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
भाई साहब, इंदौर से एक साथ इतने सारे प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं। ऐसा हाल तो होना ही है। देखिए इंदौर-खंडवा, इंदौर-मनमाड़, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी....। इतनी लाइन तो देश के किसी बड़े शहर में भी नहीं होगी। माना कि इंदौर शुरू से ही रेलवे नेटवर्क में काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मतलब ये नहीं कि सब काम एक साथ शुरू कर दो। पश्चिम रेलवे पर पूरा भार आ गया। स्टॉफ तो सीमित ही होगा। बेहतर होता कि इंदौर-खंडवा को प्राथमिकता मिलती। ये प्रोजेक्ट इंदौर के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
भाई साहब, इंदौर से एक साथ इतने सारे प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं। ऐसा हाल तो होना ही है। देखिए इंदौर-खंडवा, इंदौर-मनमाड़, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी....। इतनी लाइन तो देश के किसी बड़े शहर में भी नहीं होगी। माना कि इंदौर शुरू से ही रेलवे नेटवर्क में काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मतलब ये नहीं कि सब काम एक साथ शुरू कर दो। पश्चिम रेलवे पर पूरा भार आ गया। स्टॉफ तो सीमित ही होगा। बेहतर होता कि इंदौर-खंडवा को प्राथमिकता मिलती। ये प्रोजेक्ट इंदौर के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
नमस्ते, भाईसाहेब,आप ने म. प्र. में होनवाले इस काम की जाणकारी देदी, इधर महाराष्ट्र राज्य में तुकाईथड से diverted route का एक स्टेशन खाकनार कलान तक की gauge conversion का टेंडर इधर के न्यूज paper में दिया है,ये टेंडर ४५६ करोड rs का है,ऑर काम की अवधी १८ महिने(देढ साल) है,ऑर ये टेंडर 6/6/2024 तारीख को खुलेगा,तो लग रहा है 2030 तक ये महू से अकोट तक काम पूरा होकर ट्रेन दौड सकती है, मोर्टक्का ब्रीज का टेंडर निकल चुका है क्या? सनावद से बल्वादा तक के काम का क्या स्टेटस है?
Ji , aaj hi uski jankari mili, kal ayega detail video, ekdam se nahi bana sakte thoda study karna padti he,,, mortakka bridge ka kaam chal Raha he,, sanawad se omkareshwar ka kaam chal Raha he, hamare update dekhte rahiye
भारत कि रेल्वे से अंग्रेज अच्छे थे जिन्होंने मात्र चार साल कि अवधि में खंडवा से इंदौर तक रेल्वे लाईन डाल दी थी। इतने साल हो गए हैं प्रोजेक्ट कि घोषणा कर के अभी केवल एक टनल का हि टेंडर निकाला है। ऐसे तो कम से दस साल तो लगना है और। अंग्रेजो जैसे हंटर मारने वाला कोई नहीं है इसलिए सब धिमी गती से काम कर रहे है।
bilkul sahi
मोदी है तो मुमकीन है😂
Aisa nhi hai Britishers ka objective development ka nhi tha. Unko bas easy trade ke hisab se jaldi poora kam karna tha. Agar woh chahte toh poore India mein pehle se hi broad guage daal dete par iss route par broad guage nhi dal sakti thi zyada gradiant ki wajah se. Isliye nayi broadgauge bhi alag route pe ban rahi hai. But yeh baat toh sahi hai railways aur forest department ke projects mein papar work aur sanction hone mein hi bahut time laga dete hai.
पहले मजदूरो से काम करवाया जाता था, फिर भी बहुत जल्दी काम होते थे। आज ईतनी टेक्नोलोजी होने के बावजुद दस साल तक काम पूरा नहीं होता है।
जिस देश में कई स्थानों पर डामर का 5 कि.मी. का रोड चोड़ा करके बनाने में साल भर लग जाता हो, वो देश चीन को कैसे टक्कर दे सकता है?
नर्मदा नदी पर अंग्रेजों द्वारा बनाया गया पुल अंत तक भी जितना मजबूत था, ब्रॉड गेज का नया पुल बनते ही, उतना मजबूत नहीं होगा ,यह मेरी गारंटी है. जय हो भ्रष्टाचार शिरोमणि रेलवे विभाग की.
सही बात है।
अच्छी खबर है परन्तु बड़ी सुरंग के बाद की सुरंगों का कार्य तुरंत शुरू होना चाहिए.
बहुत बढ़िया अपडेट दी एक साथ सभी टनल का टेंडर निकलना था नहीं तो प्रोजेक्ट और लेट होगा l
कोंकन रेलवे को काम सौप देना चाहिए
1975 में इस काम की डिमांड हुई थी जो इंदौर - खंडवा करीबन 180 km ki दूरी है , इसे ही पूरा कर दिया होता तो यह क्षेत्र विकास की और ऊंचाई छू लेता।
Ek saal ye tender nikalne m laga dete h ! Fir jab tender allot hoga aur kaam start krna hoga tab mansoon ka rona royege !
बहुत ही शानदार, एक कदम और बढ़ गई हमारी सपनो की ट्रेन 👌
Super bhai
जीस हिसाब से काम की समझ और टेनडर निकल रहे है ओर जब काम चालु हुआ है उस हिसाब से तो आब तक वापस ईन्दौर से खंडवा रलेवे लाईन डल जाना था
Ha, bilkul sahi
बधाई बहुत बहुत
इन्दौर से सम्बंधित रेलवे उपक्रमों को शनि देव,राहू केतु काल की दशा लगी हुई है❓कूछ पुजा पाठ हो जायें।😅😃
🚩🚩🚩🇮🇳🚩🚩🚩
😂
भाई साहब, इंदौर से एक साथ इतने सारे प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं। ऐसा हाल तो होना ही है। देखिए इंदौर-खंडवा, इंदौर-मनमाड़, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी....। इतनी लाइन तो देश के किसी बड़े शहर में भी नहीं होगी। माना कि इंदौर शुरू से ही रेलवे नेटवर्क में काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मतलब ये नहीं कि सब काम एक साथ शुरू कर दो। पश्चिम रेलवे पर पूरा भार आ गया। स्टॉफ तो सीमित ही होगा। बेहतर होता कि इंदौर-खंडवा को प्राथमिकता मिलती। ये प्रोजेक्ट इंदौर के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
भाई साहब, इंदौर से एक साथ इतने सारे प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं। ऐसा हाल तो होना ही है। देखिए इंदौर-खंडवा, इंदौर-मनमाड़, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी....। इतनी लाइन तो देश के किसी बड़े शहर में भी नहीं होगी। माना कि इंदौर शुरू से ही रेलवे नेटवर्क में काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मतलब ये नहीं कि सब काम एक साथ शुरू कर दो। पश्चिम रेलवे पर पूरा भार आ गया। स्टॉफ तो सीमित ही होगा। बेहतर होता कि इंदौर-खंडवा को प्राथमिकता मिलती। ये प्रोजेक्ट इंदौर के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
भाई साहब, इंदौर से एक साथ इतने सारे प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं। ऐसा हाल तो होना ही है। देखिए इंदौर-खंडवा, इंदौर-मनमाड़, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी....। इतनी लाइन तो देश के किसी बड़े शहर में भी नहीं होगी। माना कि इंदौर शुरू से ही रेलवे नेटवर्क में काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मतलब ये नहीं कि सब काम एक साथ शुरू कर दो। पश्चिम रेलवे पर पूरा भार आ गया। स्टॉफ तो सीमित ही होगा। बेहतर होता कि इंदौर-खंडवा को प्राथमिकता मिलती। ये प्रोजेक्ट इंदौर के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
Medta City se Pushkar Bhumi adhigrahan kab shuru hoga
UDAIPUR AHMEDABAD RAILWAY LINE ELECTRIFICATION KA BHI UPDATE DEVE
👍🙏
MODASA SAMLAJI NEW RAILWAY LINE KA UPDATE BHI DEVE
छोटा उदयपुर धार रेलवे लाइन पे विडियो बनाऐ
Very good comments
Aisa hi kam hota raha to 2035 Tak bhi train chlu nhi ho payegi 😂😅
Aasha , vishwas he project 2-3 sal me complete ho jayega 😊
Good joke, saal bhar to tender nikalne me ho Gaya
Angrejo ka kam time to time hota tha dil pol nhi katre the wo log
2030 take
Sir ji mavli marwar ka update batao
नमस्ते, भाईसाहेब,आप ने म. प्र. में होनवाले इस काम की जाणकारी देदी, इधर महाराष्ट्र राज्य में तुकाईथड से diverted route का एक स्टेशन खाकनार कलान तक की gauge conversion का टेंडर इधर के न्यूज paper में दिया है,ये टेंडर ४५६ करोड rs का है,ऑर काम की अवधी १८ महिने(देढ साल) है,ऑर ये टेंडर 6/6/2024 तारीख को खुलेगा,तो लग रहा है 2030 तक ये महू से अकोट तक काम पूरा होकर ट्रेन दौड सकती है, मोर्टक्का ब्रीज का टेंडर निकल चुका है क्या? सनावद से बल्वादा तक के काम का क्या स्टेटस है?
Ji , aaj hi uski jankari mili, kal ayega detail video, ekdam se nahi bana sakte thoda study karna padti he,,, mortakka bridge ka kaam chal Raha he,, sanawad se omkareshwar ka kaam chal Raha he, hamare update dekhte rahiye
Metro ki line dal ab
Hab 😂😂😂
Bhut let bngi ye to 10 sall to lga hee daigye lgta
Mili bhgat trspotar ki lgti hai yhi bolne mai ata hai