जीवन में प्रथम बार आज सिखने को मिला की प्रभू के दर्शन कैसे करने होते हैं. बहोत बहोत सुंदर वर्णन , हर साधर्मी , हर व्यक्ती जरूर जरूर यह प्रवचन सूने औरो को सुनाए..!! One of the best best explanation by pandit ji....🙏🙏👌🏻
Rest in Peace Guruji. This is an irreparable loss to the Indian spiritual community. You were a National Asset. It is said that Guru's do not die but merely discard their mortal forms of their own free will to merge in the Supreme. Such souls expand into the whole cosmos, crossing beyond the limited boundaries of the human body. My heartfelt condolences to the entire community and Guruji s family members.
आज हमें पहली बार इतने प्यारे इतने प्रिय वचन सुनने को मिले हमें लगता है कि आज तक हम अधूरे दर्शन करते आ रहे थे दर्शन करने का सही तरीका आज ज्ञात हुआ है ऐसे ही मार्गदर्शन आगे भी करते रहें जिससे हमें ज्ञान प्राप्त हो
जय जिनेन्द्र देव की डॉक्टर साहब, आप द्वारा सरल भाषा मे की गई प्रत्येक व्याख्या सीधे हृदय और मस्तिष्क मे जाती है। जैन धर्म मे आज ऐसे लोग कम है जो मन और वचन एकाकार है। सत्य मे सत्य केवल एक है। आभार, प्रीति जैन
Superbly described an actual process of जिन दर्शन & निज दर्शन। । Manytimes, we r touching वेदी & still doing many mistakes. After listening this, will surely helped all of us to do जिन दर्शन & निज दर्शन। 🙏🙏
प्रारम्भ में कह रहे थे भगवान और आपके बीच में कोई नहीं आना चाहिए फिर खुद ही प्रदिक्षणा देने की बात करते समय ही शादी के फेरे की बात करने लगा।खुद ही अपनी कही बात पर स्थिर नहीं रह पाया। मिथ्यादृष्टि के बारे में आचार्य उमास्वामी महाराज ने तत्त्वार्थसूत्र के प्रथम अध्याय के ३२मे सूत्र में लिखा है सदसतोरविशेषाद्यदृक्षोपलब्धैरूनमत्तवत अर्थात मिथ्यादृष्टि को तत्त्वों के संबंध में बिशेषता से ज्ञान नहीं होने के कारण जव जैसी इच्छा होती है तव तैसा पागल की भांति बकबास करता रहता है। इस पंडित की यही दशा हो रही है।खुद अपने मुंह से कह रहा है रोज रोज क्यो परेशान करता है सुधरता है नहीं।। भगवान को संसारी बना रहा है भगवान कभी बोलते नहीं इस मिथ्यादृष्टि से बात करेंगे।
आदिनाथ से अनादिनाथ तक एवं देवदर्शन से सम्यग्दर्शन तक !!! बहुत बढ़िया !!! चैतन्य चैतन्य चैतन्य...
देवदर्शन से निजदर्शन तक ! चैतन्य चैतन्य चैतन्य...
चैतन्य चैतन्य चैतन्य 🙏
Jai jinendra. Bahot Sunder
jai jinendra
Jai Jinendra Dev ki 🙏bahut sunder Jin Daeshan Swarup Pandit ji 👌👍
बहुत सुन्दर और सरल भाषा
जय जिनेंद्र आदरणीय पंडित जी साधना मनीष जैन अशोकनगर एमपी 🙏🙏🙏🙏👍🏻🎉👍🏻👍🏻
jai jinendra dev ki
जय जिनेंद्र पंडित जी साहब
Best explanation Guruji 🙏🙏
Bhut sunder
Very nice panditji ....Jai Jinendra🙏
Jai Jinendra. Dt. 7-5-24.
जय जिनेन्द्र 🙏
आपके भी अनंत उपकार है जो हमे सच्चा मार्ग दिखा रहे हैं
जिन दर्शन कर निज दर्शन करने की सही विधि आज जानी है 🙏
Jay jinendra Panditji 🙏🙏
सादर, जय जिनेन्द्र जी।
Ashok gangwal
सभी परमात्माओ को सादर जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
Jai jinendra 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻
Jai jinendra Pt ji Sheela Jain Florida
जय जिनेन्द्र आदरणीय पंडित जी साहब 🙏🙏🙏
आपने बहुत अच्छा जिन दर्शन का स्वरूप समझाया, बहुत-बहुत आभार पंडित जी साहब 🙏🙏🙏
आज पहली बार जिन दर्शन का स्वरूप समझ मे आया
जय जिनेन्द्र
Achrya Bgwaan Vidyasagar ji maharaj ki jai jai jai
डा साहब आप अमरत्व प्राप्त कर गये।
जय जिनेन्द्र आदरणीय पंडितजी🙏🙏🙏🙏🙏
Jaijinender pandit ji👌
आनंद ही आनंद
Bhout-bhout sunder👌👌👏👏
🙏🙏
Best explanation. Jai jinendra 🙏🙏🙏
Bahut hee sunder prastuti 🙏👌
Jaijinedr pandith ji ko👏👏👏👏👏👏👏
जय जिनेंद्र आदरणीय पंडित जी साहब 🙏🙏🙏
Lllll
Jai jinendra Manisha Jain mumbai 🙏🙏
Pune jai jinendra
Sec'bad Jai jinendra 🙏
Excellent
Jai jinendra panditji2🙏🏼
Jai jinendra 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Great excellent lecture. How to do prayer in temple.👏👏👏
Jai jinendra pandit ji
जय जिनेंद्र जी ।।
Jai jinandra🙏🙏
Jai Jinendra 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Bahut hi sunder
Bahut sundar
Jai jindra
जीवन में प्रथम बार आज सिखने को मिला की प्रभू के दर्शन कैसे करने होते हैं. बहोत बहोत सुंदर वर्णन , हर साधर्मी , हर व्यक्ती जरूर जरूर यह प्रवचन सूने औरो को सुनाए..!! One of the best best explanation by pandit ji....🙏🙏👌🏻
G gdgà
जय जिनेन्द्र
@@latasangole7022 from Spain
@@hmjain3172 bnjko
Kkkkkkk))]P]]i
Jai Jinendra🙏👍👌👌👌
Thanks a lot🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र पंडित जी
Rest in Peace Guruji. This is an irreparable loss to the Indian spiritual community. You were a National Asset. It is said that Guru's do not die but merely discard their mortal forms of their own free will to merge in the Supreme. Such souls expand into the whole cosmos, crossing beyond the limited boundaries of the human body. My heartfelt condolences to the entire community and Guruji s family members.
❤❤🎉😂❤
Om shanti. Not rest in peace.
Ja jinendra 🙏🙏🙏
Ja jinendra🙏🙏
Jai jinendra ji
Jsca
जय जिनेन्द्र
Adbhut margdarshn 🙏 jp
Thank you पंडितजी 🙏
आज हमें पहली बार इतने प्यारे इतने प्रिय वचन सुनने को मिले हमें लगता है कि आज तक हम अधूरे दर्शन करते आ रहे थे दर्शन करने का सही तरीका आज ज्ञात हुआ है ऐसे ही मार्गदर्शन आगे भी करते रहें जिससे हमें ज्ञान प्राप्त हो
qQ
Jai Jinendra
Sundar 🙏
साधर्मी, सत्कार 🙏
Jay jinendra thanks
Jaijendra pandit ji 🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र 🙏 🙏🙏
Jaijendra pandit ji
🙏🙏🙏
Jai jiaendra padit ji👌👌👌🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र पंडित जी इंदिरा जैन गुना
जय जिनेन्द्र देव की डॉक्टर साहब,
आप द्वारा सरल भाषा मे की गई प्रत्येक व्याख्या सीधे हृदय और मस्तिष्क मे जाती है।
जैन धर्म मे आज ऐसे लोग कम है जो मन और वचन एकाकार है। सत्य मे सत्य केवल एक है।
आभार, प्रीति जैन
🙏🙏🙏🙏
Ĺ
sardar shahr jai jinendraji
🙏🙏🙏
Jai jeenandra 🙏🙏🙏
Aapka pravachan Aatmavlokan karata h . 👍👍🙏🙏Meena Dasharda
Jay jinendra
भगवान कितने के नहीं कितनों के है सभी पुण्य शाली जीवों के क्या में सही हूं
दिगंबरत्व के बिना मोक्ष संभव नहीं है।
Oho gajab
👌👌🙏🙏🙏
Jai jinendra 🙏
Jay jinendra
🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👌👌
🙏🙏🙏🙏 जितेंद्र आदरणीय पंडित जी उल्का शेटे
Jai ho
Udaipur🙏🙏🙏
Anumodna 🙏 Bhopal
🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Jai jinendra Pandit Ji 🙏🙏🙏
Thank you
👌👌👌☑️☑️☑️
🙏🙏🙏
Drishti apane aap par
જય જિનેંદ્ર. આદરણીય પંડિતજી સાહેબ. 🙏🙏🙏. હમે ભગવાનકે દશૅન કરનારા મૌકા નહીં મિલતા.☹️.
Nishakriy
Bohot sundar 😊
Jaijinendra ghatkopar
Superbly described an actual process of जिन दर्शन & निज दर्शन। । Manytimes, we r touching वेदी & still doing many mistakes. After listening this, will surely helped all of us to do जिन दर्शन & निज दर्शन। 🙏🙏
Padi uska
Nai jankari
Apurv chintan
Shrenik ghoda
प्रारम्भ में कह रहे थे भगवान और आपके बीच में कोई नहीं आना चाहिए फिर खुद ही प्रदिक्षणा देने की बात करते समय ही शादी के फेरे की बात करने लगा।खुद ही अपनी कही बात पर स्थिर नहीं रह पाया।
मिथ्यादृष्टि के बारे में आचार्य उमास्वामी महाराज ने तत्त्वार्थसूत्र के प्रथम अध्याय के ३२मे सूत्र में लिखा है
सदसतोरविशेषाद्यदृक्षोपलब्धैरूनमत्तवत
अर्थात मिथ्यादृष्टि को तत्त्वों के संबंध में बिशेषता से ज्ञान नहीं होने के कारण जव जैसी इच्छा होती है तव तैसा पागल की भांति बकबास करता रहता है।
इस पंडित की यही दशा हो रही है।खुद अपने मुंह से कह रहा है रोज रोज क्यो परेशान करता है सुधरता है नहीं।।
भगवान को संसारी बना रहा है भगवान कभी बोलते नहीं इस मिथ्यादृष्टि से बात करेंगे।
Bal
Jai jinendra 🙏🙏🙏
Jai jinandra🙏🙏
Jai ho
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Jai jinendra
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Jai jinendra 🙏