MP Guest Teacher Protest : अतिथि शिक्षक के नियमितिकरण की मांग पर लगी मुहर? | CM Mohan Yadav | Bhopal
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- Опубликовано: 7 ноя 2024
- MP Guest Teacher Protest : अतिथि शिक्षक के नियमितिकरण की मांग पर लगी मुहर? | CM Mohan Yadav | Teacher Protest in Bhopal | Atithi Shikshak in bhopal | Atithi Shikshak Andolan Bhopal | Demonstration By Guest Teachers In Bhopal | Bhopal CM House Guest Teachers Protest Video Update | Atithi Shikshak Protest Latest News | The demand for regularization of guest teachers has been fulfilled
मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है. जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अतिथि शिक्षकों के हित में कोई ना कोई बेहतर फैसला लेने के संकेत दिए हैं. आज इंदौर में इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा 'मैंने भी शिक्षकों के पक्ष में पत्र लिखे थे. अब उनके लिए जितना बेहतर हो सकेगा, करने का प्रयास करेंगे.
There are continuous protests in Madhya Pradesh demanding regularization of guest teachers. Amidst the ongoing protests, Chief Minister Mohan Yadav has indicated to take some better decision in the interest of guest teachers. Today in Indore, Chief Minister Mohan Yadav said in this matter, 'I too had written letters in favor of teachers. Now we will try to do as much better as possible for them.
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अतिथि शिक्षकों की हालत, दर्द को समझकर मुद्दा उठाने के लिए धन्यवाद
News18 Madhya Pradesh आज जो जानकारी आपके द्वारापूरे प्रदेश को दी गई है इस डिबेट से मुझे लगता है कहीं ना कहीं अतिथि शिक्षकों का अवश्य ही हित होगा मध्य प्रदेश अतिथि शिक्षक की ओर से धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूं🙏
भाई आपने हमारे मुद्दे को उठाया आपको हृदय से आभार आप ऐसे ही अतिथि शिक्षक मुद्दे को उठाते रहिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
आप को बहुत बहुत धन्यवाद जो आप हमारे दर्द को समझ कर हमारे संघर्ष बयां कर रहे है 🙏🙏🙏
अतिथि शिक्षक बनना एक कैरियर का ऑप्शन नहीं है बल्कि मजबूरी का ऑप्शन है। और सरकार उसी मजबूरी का फायदा उठाती है और बंधुआ मजदूर की तरह बिहेव करती इन अतिथि शिक्षकों के साथ।
धन्यवाद अतिथि शिक्षकों की पीड़ा समझने के लिए.
जब रिजल्ट अच्छा आता है तो क्रेडिट प्रिंसिपल को और जब खराब आये तो अतिथि शिक्षकों पर थोप देना कहा का न्याय है
पद को रिक्त ना माना जाए और गुरुजियों की तरह विभागीय परीक्षा लेकर सभी अतिथि शिक्षको को नियमित किया जाए धन्यवाद
वर्ग 1, 2 ,3 की जगह आती है उसमें क्यों nhi le paay
Tet nikal nahi pate kuchh guest teacher, Bina tet qualify pada rahe bachcho ko , government job ki bat kar rahe hai sab ke sab , selection tet kyu nahi nikalte ye log
Pahle athithi phir ghar malik banne ki chah exam fight karo job lo
I m agree@@shyamtripathi2487
@@SandeepParihar11281 iss sajjan ko kya takleef hai bhai
News18 मैं बहुत ही खूबसूरती से अतिथि शिक्षकों का मुद्दा रखा है आप जैसे कुछ ही लोगों की वजह से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ जीवंत है
bahut bahut dhanyvad apka
Atithi shikshakon ka aap ne mudda uthaya thank û
आप लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 jo आपने हम सब अतिथि शिक्षकों का दर्द को समझा
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
Bilkul right kha
15 saal ka time Dene ke baad yadi upyukt comment Kiya ja raha hai to isse sharmnaak baat koi nh ho sakti Bhai loga aap jo comment kr rahe hai ye galat hai
@@dropadipatel7403 15 साल सरकार ने बांधकर नहीं रखा था। अतिथि का form भरते हैं तब ही लिखा रहता है कि ये परमानेंट पोस्ट नहीं है, नियमित शिक्षक के आने पर हटना पड़ेगा। ये जानते हुए क्यों की नौकरी?
15 साल में कितनी बार परीक्षा हुई, क्यों exam नहीं निकाला?
अतिथियों ने कोई एहसान नहीं कर दिया सरकार पर। सब नियम जानते हुए फॉर्म भरा, और सेवा free की नहीं दी, उसकी भी सैलरी मिली है उन्हे। बिना परीक्षा के नियमित होने की demand सिर्फ लोभ है और कुछ नहीं। कहावत है - यदि स्वर्ग देखना है तो पहले मरना पड़ेगा। ऐसे ही नियमित शिक्षक बनने के लिए tough competition fight तो करना ही पड़ेगा न।
@@dropadipatel7403 15 साल सरकार ने जबरदस्ती थोड़ी रखा था। नौकरी थी ही temporary और उसकी salary भी मिली है। बिना एग्जाम के नियमितीकरण तो बेईमानी के सिवा कुछ भी नहीं है। ऐसे हर department में जो संविदा पर लगे हैं वो demand करने लगेंगे। फिर जो मेहनती युवा हैं दिन रात पढ़ाई कर रहे हैं उनके साथ क्या अन्याय नहीं है? Vacancy ही नहीं निकल पाएंगी कई साल।
इन 15 सालों में कितनी बार exam हुए, exam निकाल सकते थे ये शिक्षक अगर इतने ही सक्षम थे। कहावत है- यदि स्वर्ग देखना है तो पहले मरना पड़ेगा। उसी तरह नियमित होना है तो tough competition fight करना पड़ेगा।
न्यूज एमपी छत्तीसगढ़ का बहुत बहुत धन्यवाद आपने बहुत अच्छी चर्चा की सुनकर बहुत अच्छा लगा
आपने अतिथि शिक्षको के पक्ष में बातचीतकी धन्यवाद
पहली बार हम लोंगो की आवाज बनने के लिए आप सभी का धन्यवाद
अगर किसी को पुलिस न्याय नहीं दे सकती तो उन पर डंडा भी बिना अपराध के क्यों चलाती है। अतिथि तो कोई दंगा नहीं कर रहे थे। पुलिस को भी कानून का ध्यान रखना चाहिए।
Aap bilkul sahi hain.
कहते है कि अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित किये जाने का कोई नियम नहीं है पर अतिथि शिक्षकों का उपयोग करके उनके जीवन को बर्बाद करने का सरकार के पास नियम है जो सभी योग्यता रखते हैं उनको सीधे नियमित करना चाहिए l कहाँ है न्याय व्यवस्था कहाँ है शोषण के विरुद्ध अधिकार का कानून सब बेमानी है
अतिथि शिक्षकों के साथ कांग्रेस व बीजेपी दोनों ने खिलवाड़ ही किया है, कहीं का नहीं छोड़ा? परीक्षा पास और पांच साल से ऊपर पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाना चाहिए और शेष को अनुभव अंक के साथ गुरुजियों की तर्ज पर परीक्षा लेकर नियमित किया जाना चाहिए। जयहिंद
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
News Madhya Pradesh aur Chhattisgarh ko bahut bahut dhanyavad अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करना चाहिए वर्तमान सरकार को 15 साल 20 साल हो गए इनको राज करते करते
शोषित, पीड़ित अतिथि शिक्षकों की आवाज़ उठाने के लिए आपका कोटि -कोटि धन्यवाद 🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद सर और मध्य प्रदेश टीचर से संबंधित जो भी जानकारी होगी प्लीज आप ऐसे ही कंटिन्यू करते रहिए
Thank you news 18
अतिथियों को तो इतना भी ज्ञान नहीं है कि गुरुजियों ने व्यापम दी थी या विभागीय, नियुक्ति दिनांक से 15 साल बाद गुरूजियो को नियमित शिक्षक बनाया गया ।इसके बाद भी गुरूजियो की नियुक्ति तत्कालीन जनपद पंचायतों के अनुमोदन से शिक्षाकर्मी के समतुल्य आदेश और नियुक्ति की गई है जबकि अतिथि नियुक्तियां तो शिक्षकों व प्राचार्यों की मनमानी से भाई-भतीजावाद में हुई जो सरासर अवैधानिक है।
ये चाहते क्या है सरकार इनको नंबर देती 25% आरक्षण देती हैं में खुद अतिथि शिक्षक रहा और साथ 28 लोग भी टीचर हो गए सीएम राईस छतरपुर में वर्ग 1 टीचर हू नए लोगों को अवसर दे ये सब निकम्मा लोग है
अतिथि शिक्षक को न्याय मिलना चाहिए इनका दर्द सुनने वाले कोई नहीं
Thankyou News18 for supporting Guest teachers
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
बहुत बहुत धन्यवाद आभार न्यूज 18 मध्यप्रदेश को जिसने हम अतिथि शिक्षको की बात सटीक रूप से जनता और सरकार के समक्ष रखी बहुत बहुत धन्यवाद आभार🙏
अतिथि शिक्षकों का १५ वर्षों तक लगातार शासन द्वारा शोषण किया जा रहा है अन्य शिक्षकों के साथ भी सरकार यही रूख है
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
आपने इस मुद्दे को महत्व दिया आपका आभार न्यूज़ 18 मप्र छग
जो अतिथि शिक्षक योग्यता रखते हैं उन्हें परमानेंट किया जाए
Kyu kiya jaye jab wo athiti ke liye gaye hai exam do teacher ka aur bno.gov.
Jo pass hai 02 03 niyamit Karna chahiye Kai varso se alp manday me p
@@mamtasen6397 ye to job krne se phle pta hoga manday par hoga
@damrubala33 yadi guest teacher exam qualify nhi kar pate hai to,unhe guest teacher bhi banne ka adhikar nahi hai, guest teacher tet exam qualify nhi kar sakte hai to,ye guest teacher ke roop me students ko kya Gyan denge, Jo khud exam qualify nhi kar sakte
@@rjsofficial8319 shi kha
Sir ye bat sahi h ki sabhi अतिथि शिक्षक नियमित nhi ho sakte
But Jo Tet qualified h or experience h unko to नियमित करना चाहिए sir
Aap dono ka ❤ dhanyvad
बहुत बहुत धन्यवाद सर, गरीब, लाचार अतिथि शिक्षको की आवाज़ उठाने के लिए
बहुत बहुत धन्यवाद आप का,, अतिथि का मुद्दा उठाने के लिए,,
मध्य प्रदेश में यंदि सरकार को अच्छी शिक्षा व्यवस्था बनानी है तो परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। जो भी वर्तमान समय में अतिथि शिक्षक लगातार पिछ्ले 10 वर्षों से कार्यरत है उन्हें 10 नंबर की विशेष छूट परीक्षा में दे देनी चाहिए 1 वर्ष का एक नंबर उनके मेहनत का मिलना चाहिए। चाहे वे 10 साल से कितना भी ज्यादा सेवा किये हो,गणना नही की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया से स्कूलों को योग्य शिक्षक भी मिलेंगे प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधरेगा प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ भी अन्याय नहीं होगा एवं वर्तमान समय में कार्यरत अतिथि शिक्षको के साथ भी कोई सौतेला व्यवहार / अन्याय नहीं होगा।
पहले ही इन्हें रिजर्वेशन मिला हुआ है exam में। Choice filling में भी priority मिली है
अतिथि शिक्षक का भविष्य होगा तो सरकारी स्कूलों के बच्चों का भविष्य होगा नहीं तो सरकारी स्कूलों का स्वाहा
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपने हमारी बात इतनी राखी पूर्व सीएम ने हमें घोषना दी थी कि 12 महीने का सेवाकाल मिलेगा मगर हमारी मांग को भी नहीं माना गया हमें अफसोस है कि शायद सरकार का ई
विभागीय परीक्षा लेकर नियमितीकरण भी एक मांग थी।।।उसे तो शामिल ही nhi kiya gya
मीडिया को बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏 मांगे दो जो अतिथि शिक्षक पास है उन्हे स्थाई किया जाए जो पास नही है उनकी विभागीय परीक्षा लेकर स्थाई करे
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
आप जैसे पत्रकार रहे सर तो हम जरूर नियमित हो पाएंगे आपका बहुतबहुत धन्यवाद
बहुत अच्छी बात कही है
जों अतिथि शिक्षक टीईटी उत्तीर्ण हैं 10,12 सालों का अनुभव है रिजल्ट हर साल 100,90 रहता है। क्या इन्हें गुरु जी तर्ज पर रेगुलर किया सकता है।जब दिल्ली जैसे स्कूल सुधारें जा सकतें हैं तों क्या मध्यप्रदेश में क्यूं नहीं सुधारे जा सकतें 8 बिन्दुओं में से कोई भी काम का नहीं। धन्यवाद 🙏
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हमारी समस्या को समझा और हमारे दर्द को बयां करने का प्रयास किया 🙏🙏🙏
आवाज उठाने के लिए आपको तहे दिल से धन्यवाद 🙏🏻
आप लोग अतिथि शिक्षक के बारे में बहुत ही सार्थक बातें किए।
धन्यवाद सर
आपको विभागीय परीक्षा लेकर नियमतीकरण करिए ❓❓❓
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने पीड़ित अतिथि शिक्षकों की आवाज उठाई।🙏🙏
आप के विचार कितना महान है काश ये बात की समझ सरकार को ईश्वर प्रदान करें। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आप हमारी आवाज बनकर उभरे हैं।thanks
News 18 ka तह दिल से धन्यवाद आभार
बहुत बहुत धन्यवाद आपको
अतिथि शिक्षक अध्यक्ष ओर उपाध्यक्ष सब बिक चुके है।। सही कहा है नियमिकरण के अलावा कोई दुसरी माग नही है tet पास को स्थाई नुयकती होनी चाहिए। और जो पास नहीं है उन कि विभागी परीक्षा लेकर नुयकती करना चाहिए। जयअतिथि ऐ है मांग।।
जबर जसती ढोल बजारे बात बनगी क्या बन की।। अप्रैल के बाद।। प्ररमानेट भर्ती कर देगा।। अतिथि पद भर जायेगा ।तुम सब बहार हो जायेगे और गुली डनढा खेँलना पद ही नी बचे के तो तुम क्या नौकरी करोगे।। शोषण के अलावा कुछ नहीं है।। जय हिंद।।
Thank you so much guest teacher ki taraf se
Sir ji atithi shikshako ki aawaj uthan ke liye koti koti dhanyawad
Bhut Bhut Dhnybad apka Jo ye news aap dikha rhe hai🎉🎉
बहुत बहुत धन्यवाद ये मुद्दा उठाने के लिए आपका ओर आपके चैनल का🎉
Bhut bhut dhanyawad media hum atithi shikshak par news bnane k liye.
Atithi shikshak ko niyamit kiya jaaye MP Sarkar
Thank you chennal ko bahut bahut dhanybaad
बहुत बहुत धन्यबाद आपने हमारी अतिथि शिक्षकों की पीड़ा को न्यूज़ के माध्यम से बताया 🙏🙏🙏
न्यूज़ 18 मध्य प्रदेश -|वालों के लिए दिल से बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने इतने अच्छे तरीके से हमारा मुद्दा उठाया❤
Thankyou sir bhut sundar
Thanku very much to show the actual condition of mp guest teacher
Thanks esa karya krne ke liye
Atithi shikshakon ki mange Puri ki jaaye
सरकार ने मजबूरी का फायदा उठाकर अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों दोनों का शोषण किया है सरकार फुटबॉल की तरह इन दोनों शिक्षकों को खेलते रहि
अतिथि शिक्षक की सबसे अच्छी आबाज उठाई
अतिथि शिक्षक की मध्य प्रदेश में कोई इज्जत नहीं है। आप लोग ही कुछ करवा सकते है नियमित करवा सकते है।।।
आपको बहुत बहुत धन्यवाद news 18 की टीम को चरण स्पर्श
Dhanyawad
😢😢😢😢
Aapne hamare dard ko samjha
सर आप लोग कुछ करे अतिथि शिक्षक बहुत कष्ट सह रहे है उनको यहा से ऊबारो ।
Jo pass hai unke liye niyamit Karna chahiye Kai varso se alp manday me padha rrahe hai
जिन बातों पर सहमति बताई गई वो सिर्फ सरकार चाहती है ,,अतिथि शिक्षक नही ये सरकार ने बात करने के नाम पर छल किया है सिर्फ
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
Thank you News 18 ki teem hamare dard samjhane ke liye sarkar ko kishi ki dard or tajurbe ki value nahi hai
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे?
अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
सरकार को सही सलाह दें सही कहा आपने स्थाई करें
जब तक प्रकिया पूरी नहीं हो जाती तब तक कोई भरोसा नहीं है इनका ।
महान है सर आप ईश्वर आपके चैनल को तरक्की दे
Thanks for sharing your comments
आपका बहुत बहुत धन्यवाद अतिथि शिक्षक की आवाज़ उठाने के लिए
बहुत बहुत धन्यवाद
ललित जी बहुत शानदार👌👌
सभी कक्षाओं में विषय शिक्षको की भर्ती होनी चाहिए
अतिथि शिक्षक के बीच से भर्ती करेगे तो नेतागण की तिजोरियां कैसे भरेगी।
Thanku so much
आप लोगों ने बहुत अच्छा और बहुत ही ईमान दारी से कवरेज किया लेकिन बीजेपी सरकार एमपी ही नही पूरे देश में युवाओं को बरवाद करने का काम कर रही है। लेकिन जिस दिन युवा जाग गया एमपी को बांग्लादेश बनने में देर नहीं लगेगी।
Astith shikshak ko dhokha de rahe hai.
Kiyonki inhi ki wajah se aaj kai log
aage bad gaye hai but aap inko bewajah bahar kar rhe hai ye bahut bdi galti hai.😢😢😢
Dikha de rhe hai aatith ko 😮
शिक्षकों की भर्ती भी नियमित रूप से करना चाहिए। अतिथि शिक्षकों की भर्ती नियम समाप्त करना चाहिए था। नियमित शिक्षक भर्ती होना चाहिए।
Thanks news channel
News 18 ka thanku so much is mudde ko support k liye
यह जो आठ मांग गवर्नमेंट दि है यह हमें स्वीकार एक भी नहीं है अतिथि शिक्षक ने इसे स्वीकार किया ही नहीं है हम माननीय श्री शिवराज जी की घोषणा की हुई मांगों को मनवाना चाहते हैं
अतिथि शिक्षकों को परमानेंट भी करदो सर मोहन यादव जी
Sahi kaha
धन्यवाद🙏🙏🙏
Aap aapne Chanel ke madham se hamari bat bhut achi rakh rahe ho
हमारा मुद्दा उठाने के लिए news18 का हृदय से धन्यवाद
Thanks न्यूज 18
Dhanywad aapka
किसी भी प्रकार का तरीका अपना का गुरुजी की तरह है अतिथि शिक्षकों का भविष्य निश्चित किया जाए
तहे दिल से धन्यवाद मिडिया टीम को
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏