सर मैं पिछले 6 साल से आपको फोलो कर रहा हूं और मैने आपके सारे विडियो को देखा है और मैने यह अनुभव किया है कि हमारे देश में शुरू से ही जो भी महान व्यक्ति हुए हैं उनके लिए अपने स्वार्थ से कई गुना बढ़े उनके नैतिक मूल्य हुवा करते थे भले ही उनको युद्ध में हार का सामना करना पडे आज के समय में हमारे समाज में उन नैतिक मूल्यों का हास हो रहा है आपकी इस तरह की इतिहास की सही प्रस्तुति से हमारे समाज के लोगों में उन उच्च मूल्यों की तरफ आकर्षण होगा
इसीलिए हमारे मेवाड़ की हार हुई......... साथ में हमें गर्व है अपने मेवाड़ी राजपूत वीरो पर............ जिन्होंने तलवार भालो से तोपों का मुकाबला किया...............
हमारे राजपूत राजा, महाराजा युद्ध नीति मे कमजोर थे,,लेकिन अत्यंत बहादुर थे,,,मुगल जीत के लिए हर हथकंडे अपनाते थे जबकि हिंदू राजा नैतिकता से समझौता नहीं करते थे,,,उनकी अच्छी ही हार का कारण बनता था
भाई युद्ध नीति में कमजोर इसलिए थे क्योंकि हमारे राजाओं ने अपना इतिहास और साहित्य छोड़ दिया था नही तो जो तुलुगामा नीति बाबर अपनाई। थी वो त्रिशूल व्यूह हमने 5000 वर्ष पहले use करके छोड़ दिया था
@@SachinChauhan-b3l चलो भाई मान लेते है की युद्ध नीति में हमारे राजा कम नहीं थे तो फिर ये बताओ पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 में मराठा लगभग जीत चुकी युद्ध क्यों हार गई,,पृथ्वीराज चौहान 1191 में जितने के बाद अगले ही वर्ष 1192 में गोरी से युद्ध क्यों हार गए,,,ये दोनो युद्ध मामूली नही थे,,,अगर ये दोनो युद्ध जीते गए होते तो भारत का इतिहास आज कुछ और होता,,,,अपने ही बहादुर राजा जो आखिरी सांस तक लड़े उनकी आलोचना करना हमको या किसीको अच्छा नही लगता,,,उनकी हार अपनी हार भी है,बहुत दुख होता है लेकिन अफसोस भी होता है समय और दुश्मन की छल कपट को ना समझने से सनातन धर्म का कितना नुकसान हुआ
Rajput राजा महाराजा धर्म युद्ध करते थे हाथ में दुस्मन को पकड़ने के बाद छोड़ देते थे दया भी आती थी लेकिन सामने से राजपूतो को कोई जीत नही सकता था काल बनकर टूट पड़ते थे और खत्म कर देते थे
हा क्यूकी उनको बचपन से ही वीरता और शौर्य की कहानियां सुना सुना के ऐसे कंपटीशन के माहोल में बड़ा किया जाता , इसको ब्रेनवॉश करना बोलते हैं। दूसरे तरफ मुस्लिम बेरहम माहोल में बड़े होते जहां लोग ज्यादा और संसlधन कम होते, ताकत के साथ चतुराई की जरूरत होती क्योंकि सपोर्ट सिस्टम नहीं। रहता. खुद को बचा के रखना और आगे बढ़ना उनकी जिंदगी का हिसा था
नमस्कार दोस्तों हमारे पूर्वज दिलेर तो थे परन्तु उन्होंने शायद भगवान श्री कृष्ण कृष्ण के इस उपदेश की तरफ ध्यान नहीं दिया कि अधर्म का नाश करने के लिए अधर्म का सहारा भी ले लेना चाहिए दूसरे उन्होंने वक्त के साथ अपनी सोच नहीं बदली और जो बदलाव आ रहे थे उसके प्रति उदासीन रहे तीसरे उन्होंने माटी को सबसे ऊपर रखने के बजाए अपनी महत्वाकांक्षा को ऊपर रखा इसीलिए मार खा गए जय श्री राम 🙏
सर आप से एक बार पड़ा हुआ मेटर वापस पड़ने की जरूरत नहीं पड़ती है ❤❤ आप इतना अच्छा पढ़ाते हूं फिर से राजस्थान का सामान्य ज्ञान शुरू कर दो अपडेट के साथ please sir 🙏🙏🙏
I saw ,your video, nice analysis - what i could make out is the technology and observation wins( It may sound little harsh but ubdated and aware has better chance always).
Ayse same situation me hemu(hemchandra) ji panipat ke 2nd yudh me gyal ho kar gir gye..jo ki wo yudh jeet rhe the... Unka dhoke se bandi bana kr gala kata gya... Rana sanga ek sher the... Agar wo reh jate to khel or bada hota... Wo amar h unka naam pura bharatiyon ke liye preprana hai❤
Survival of the fittest ,ego kills the dynisties , अभी भी घमंड खतम नही हुवा है अपना , चौड़ में रहना खतम करदेव , वर्ण जो से ऊ बि नही बचे , अमीच महान सेजन यन धोका मां नव रव , समझदारी से काम लेबन तर सब ठीख भए, वरना जो से वोह भी नही बचे ,जय राजपुताना
बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है जी,,,हमे तो ये भी पढ़ाया गया है की,,बाबर को ,,महाराणा सांगा ही बार बार बुला कर लाता था,,रास्ता बताता था,,राशन ,पानी देता था,,,।
जय हिंदू राष्ट्र.... आप बहुत अच्छे वक्ता है विषय इतिहास.....इतिहास हम हिंदुओ ने बनाया..जिहादियों से मिलकर अपने इतिहास को हमने ही मैला किया...जिहादी अपने मिशन पर कायम है जिसका प्रमाण भौगोलिक सीमा से जान पड़ता है कहां तक थे और आज कहां तक है....आप से विनंती है.... इतिहास के ऐसी घाटनाओ को बताएं जिस से सनातन एक हो... ये भी बताएं जिहादियों का साथ देकर हमें क्या मिला और अब हम कहाँ है... ❤
तोपों और गाडियों की व्यवस्था को अरबा कहते थे,, दो के बीच १० फीट का गैप घुडसवारों के लिए रखा,, ,, उस्ताद अली ने उजबेकी तोप पद्धति बाबर को दी ,, सभी लड़ाईयॉ पानीपत में हुई ,, महीनों पहले सेनायें आ जाती होंगीं तो पानीपत वालों ने कर्रा माल भी बनाया होगा हर युद्ध में
It was Salhadi Tawar who one of General of Rana Sanga for involved in negotiations with Babur on behalf of Rana Sanga but deceived Rana Sanga and did not fight with Babur resulting the left flank of Rana Sanga army became weak and Sanga had work hard for repairing this flank but was weak portion resulting to defeat of Sanga as one of reason .
Maharana Sanga ne jo Kiya tha wo agar koi or karne me Safal ho jata to koi akranta 1527 ke Baad is dharti pe nahi tikta Or wo tha sabhi rajao Ko ek jhande ke niche Lana Hamare Mainpuri ke Raja Chandrabhan Chauhan bhi apni Sena ke saath is yuddh me kaam aye Sabhi veero Ko Naman
युद्ध जीतने के लिए सबकुछ जायज़ होता है युद्धक्षेत्र में धर्म अधर्म कुछ नहीं होता युद्ध में या तो जीत होती है या हार होती है और धर्म सत्य सत्ता जीवन सब कुछ विजेता के साथ होते हैं इतिहास विजेता का होता है पराजय के कारणों की बात करना सांप की लकीर पीटने जैसा है
Raw hemun ko yudd men teer laga,rani dugawati ko teer laga,usake pahsle rana sanga ko teer laga,saamane mugal sena ,ya islamik sainik hi the,mtlb ye ki teerdanjon ko khas taur se wirodhi raja ko hi nishana banabe ke liye khas taur se prashikshit kiya jata tha. A aur yudd me rakha jata tha.maharana pratap se ladate hue bhi akabar ki sena men teerandajo ki hi mukhya bhumika rahi .raja ke girate hi sena bhi bhag khadi hitu thi ya titar bitar ho jaati thi.kyon fir jeetane wale raja ki naukari,kaid ya daswta kwrani padati. Vdo se bahut upyogi jaanakari praptbjuyi.👌👍maharana pratap ke samay bhi yudd me jhaka saradar ne hi unaka jhilmil top aur baju men bandhi mani ko dharan kiya tha,aur balidan diya.
Cannons were first seen in India in 1525 when ustad ali kuli a Ottaman artillery expert was brought by Babur. These were used with devastation against Lodi. Even Matchlock guns were very rare and gunpowder hardly available in India. Therefore the statement that Rajputs did not employ modern technology would be wrong because it was simply not available in India. Also most Samants in Rana Sangas Army did not approve of engaging enemy from a distance. They considered it unmanly. This battle saw unmatched raw bravery by Rajputs against a warfare strategy unknown to them.
Yudd me dhurtara jaruri hai,san,dam,dand ,bhed jaruri hota hai.jabaki rajapoot rajaon ki aamane saamane ki ladai ladana pasand tha Isake atirikt dushman par bhi daya dikhana ,kshama kar dena,ye bhi rajapoot rajaon ki kanajori hi kahi jaayegi. Kuchha gaddar raja bhi the jinake karan kuchh rahain ki haar huyi. Barud bhi muslim deshon men pahale pahuncha. Shivaji maharaj ne gurilla yudd se hi muslum rajaon ki nak men nakel dal kar rakhi thi.
Muslam ko mugal nahi khate ..mugal ek area specific hoti jo mangloia or Russia ke area m rahte the mugal m muslim or budha or kuch alag dhram ke log the ..jayse india m Punjabi hote hai muslim,hindu or Sikh v but most Panjabi matalb Sikh samjh lete hai
रघु वंश नीति का प्रयोग की वजह से एक मर्यादा थी................ यदुवंश नीति का प्रयोग वीर शिवा जी ने पल पल पर किया और हर युद्ध जीत लिया.................
Raman sir......maharana sanga ek mahan yoddha thhe sisodiya vansh k fir bhi aaj sanga ki yashkirti utni nh hoti jitna maharana pratap ki hoti hai....rajasthan mei hi kahi bhi..kisi bhi city mei maharana sanga ki koi murti nh hoti...sanga ki jayanti..ya punyatithi nh manayi jati...even udaipur raajparivar ki taraf se bhi social media par ya publicly bhi kahi koi activity nh hoti sanga k naam par.....aisa q..???
Sir agr sanga ki jgh unke bde bhai prithviraj sisodiya mewar ke Rana bnte ar khanwa mai ldte toh kya parinaam hta btaane ki kripa karein agle video mai
वो उड़ना राजकुमार था,अगर वो होता तो 1 घंटे में बाबर की गर्दन पर उनकी तलवार होती। 5000 के सेना से वो 20000 को हराने का अनुभव रखता था,उसकी रणनीति और कौशल सांगा से बेहतर था,परंतु फिर भी राणा सांगा ने अपनी वीरता से बाबर को छटी का दूध याद दिला दिया। देशभक्ति के इस जज्बे को सलाम,सलाम अमर शहीदो को
❤sir ye to Rana Sanga ki bahut badhi galati thi jab war hona tha to itana time kyo diya jis time Babar ana start hone wala tha turant attack kar dena chahiye the
@@ankitsamaria1613 जब मालवा पर पृथ्वीराज 3 ने आक्रमण किया था। तब यही तो किया था चारो और से आक्रमण। और उसको गोरी ने इसी रणनीति से मारा था युद्ध के आखरी वक्त में 1193 मे, यानी महाराणा के वक्त ये रणनीति पुरानी हो गई थी।
मैं आर्मी में हूं आपकी वीडियो देखता हूं तो ऐसा लगता है शायद मैं भी महाराणा की सेना मे कहीं ना कहीं था
बाजीराव पेशवा के अनुसार फौज को तोफ के मारे नही आने देना चाहिए एसी जगह से लडाई लडनी चाहिए। वह तोफ इस्तेमाल नही करते थे।
सर मैं पिछले 6 साल से आपको फोलो कर रहा हूं और मैने आपके सारे विडियो को देखा है और मैने यह अनुभव किया है कि हमारे देश में शुरू से ही जो भी महान व्यक्ति हुए हैं उनके लिए अपने स्वार्थ से कई गुना बढ़े उनके नैतिक मूल्य हुवा करते थे भले ही उनको युद्ध में हार का सामना करना पडे आज के समय में हमारे समाज में उन नैतिक मूल्यों का हास हो रहा है आपकी इस तरह की इतिहास की सही प्रस्तुति से हमारे समाज के लोगों में उन उच्च मूल्यों की तरफ आकर्षण होगा
इसीलिए हमारे मेवाड़ की हार हुई.........
साथ में हमें गर्व है अपने मेवाड़ी राजपूत वीरो पर............
जिन्होंने तलवार भालो से तोपों का मुकाबला किया...............
मेवाड़ का इतिहास स्वयं पढ़ो
हमारे राजपूत राजा, महाराजा युद्ध नीति मे कमजोर थे,,लेकिन अत्यंत बहादुर थे,,,मुगल जीत के लिए हर हथकंडे अपनाते थे जबकि हिंदू राजा नैतिकता से समझौता नहीं करते थे,,,उनकी अच्छी ही हार का कारण बनता था
भाई युद्ध नीति में कमजोर इसलिए थे क्योंकि हमारे राजाओं ने अपना इतिहास और साहित्य छोड़ दिया था नही तो जो तुलुगामा नीति बाबर अपनाई। थी वो त्रिशूल व्यूह हमने 5000 वर्ष पहले use करके छोड़ दिया था
तुम्हारे जानकारी कम है कोई युद्ध नीति में कमजोर नहीं था कमजोर होते तो तुम आज हिन्दू ना होते मुसलमान होते इसीलिए अपने योद्धाओं पर गर्व करो
@@SachinChauhan-b3l चलो भाई मान लेते है की युद्ध नीति में हमारे राजा कम नहीं थे तो फिर ये बताओ पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 में मराठा लगभग जीत चुकी युद्ध क्यों हार गई,,पृथ्वीराज चौहान 1191 में जितने के बाद अगले ही वर्ष 1192 में गोरी से युद्ध क्यों हार गए,,,ये दोनो युद्ध मामूली नही थे,,,अगर ये दोनो युद्ध जीते गए होते तो भारत का इतिहास आज कुछ और होता,,,,अपने ही बहादुर राजा जो आखिरी सांस तक लड़े उनकी आलोचना करना हमको या किसीको अच्छा नही लगता,,,उनकी हार अपनी हार भी है,बहुत दुख होता है लेकिन अफसोस भी होता है समय और दुश्मन की छल कपट को ना समझने से सनातन धर्म का कितना नुकसान हुआ
@@yogeshsharma4567 😅😅 ab is tulgama neeti ka Creadit bhi indian khayenge
@@atmeshsingh1854prithviraj chauhan yuddh kapat ki vjh se haare the lmbi khaani h uska video Raman sir ke channel pr h
आदिवासियों मीणा भील योद्धाओ ने बहुत बलिदान दिया गर्व था मुझे उन पर
❤हाँ हम राजपूत लोग भील मीणा और वनवासी लोगों के बलिदान को नहीं भूल सकते
हमे राजपूत होने पर बहुत गर्व है हमारे पूर्वजो ने देश के लिए हमेसा प्राण का बलिदान दिया है।
जय महाराणा सांगा जी
जय राजपुताना
Rajput राजा महाराजा धर्म युद्ध करते थे हाथ में दुस्मन को पकड़ने के बाद छोड़ देते थे दया भी आती थी लेकिन सामने से राजपूतो को कोई जीत नही सकता था काल बनकर टूट पड़ते थे और खत्म कर देते थे
हा क्यूकी उनको बचपन से ही वीरता और शौर्य की कहानियां सुना सुना के ऐसे कंपटीशन के माहोल में बड़ा किया जाता , इसको ब्रेनवॉश करना बोलते हैं। दूसरे तरफ मुस्लिम बेरहम माहोल में बड़े होते जहां लोग ज्यादा और संसlधन कम होते, ताकत के साथ चतुराई की जरूरत होती क्योंकि सपोर्ट सिस्टम नहीं। रहता. खुद को बचा के रखना और आगे बढ़ना उनकी जिंदगी का हिसा था
धर्म की रक्षा करणों के लिए जो करना है वोह करे ,यही धर्म है ,अपनी चौड़ में रहने से सिर्फ अपना ही नुकसान होता है
@@himanshuambule4386 dharm ka liya nahi matrabhoomi ka liya yuddha hota tha 👍🏻
Very nice video sir, भूतकाल की गलतियों से सीखकर,भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं ।
धन्यवाद सर
Kabhi bhi surkshit nahi rah saktay jati vad mea congrees nea bat diya hai
आपका व्याख्या करने का तरीका बहुत अच्छा है जैसे लगता है एक क्लास में एक अध्यापक हमारा पढ़ाता था उसी तरह😊😊😊
अपने हिन्दू योद्धाओं को नमन जिनकी बजह से आज हिन्दू बच पाया सनातन धर्म बच पाया ।
आप इतनी अच्छी तरह समझाते हैं बहुत अच्छा लगता है। आज की पीढ़ी को इतिहास की जानकारी देने का आपका सुंदर प्रयास है।
मेवाड़ की माटी को कोटि कोटि प्रणाम जिसने ऐसे शूरवीर देशभक्त योद्धा दिये ❤
व्हिडिओ देखने से पहले लाईक कर देता हूं अच्छा हि होगा
खानवा के यद्थ का अति विशद और महत्त्व पूर्ण विश्लेषण। धन्यवाद।
Teaching is art....& Raman sir is artist.... thank you Sir ji.....
नमस्कार दोस्तों हमारे पूर्वज दिलेर तो थे परन्तु उन्होंने शायद भगवान श्री कृष्ण कृष्ण के इस उपदेश की तरफ ध्यान नहीं दिया कि अधर्म का नाश करने के लिए अधर्म का सहारा भी ले लेना चाहिए
दूसरे उन्होंने वक्त के साथ अपनी सोच नहीं बदली और जो बदलाव आ रहे थे उसके प्रति उदासीन रहे
तीसरे उन्होंने माटी को सबसे ऊपर रखने के बजाए अपनी महत्वाकांक्षा को ऊपर रखा इसीलिए मार खा गए
जय श्री राम 🙏
महाराणा संग्राम सिंह सिसोदिया जी की जय हो 🚩🚩🚩
जय राजपुताना 🚩🚩🚩
Compliments for bringing these lost pages of history for the masses. Beautiful research and excellent presentation. Thank you and all the best 🙏👍
ये अपना राजपूताना नाज जिसे तलवारों पर
जय महाराणा जय मेवाड़❤
सर आप से एक बार पड़ा हुआ मेटर वापस पड़ने की जरूरत नहीं पड़ती है ❤❤ आप इतना अच्छा पढ़ाते हूं फिर से राजस्थान का सामान्य ज्ञान शुरू कर दो अपडेट के साथ please sir 🙏🙏🙏
समयानुसार खुद को तैयार करना और बदलना बहुत जरुरी होता है..
तथा खानवा युद्ध महाराणा सांगा और उनकी सेना के प्रति देखने का नया दृष्टिकोण दिया।
खानवा के युद्ध का बहुत विस्तृत वर्णन करने के लिए अनेकों धन्यवाद🙏😊
Maharana sanga is the greatest person 🙏🙏
I saw ,your video, nice analysis - what i could make out is the technology and observation wins( It may sound little harsh but ubdated and aware has better chance always).
बहुत बढ़िया विडिओ ।
Ayse same situation me hemu(hemchandra) ji panipat ke 2nd yudh me gyal ho kar gir gye..jo ki wo yudh jeet rhe the... Unka dhoke se bandi bana kr gala kata gya... Rana sanga ek sher the... Agar wo reh jate to khel or bada hota... Wo amar h unka naam pura bharatiyon ke liye preprana hai❤
Proud to be Rajput 🙏🚩
Jai Rajputana 🚩🚩
Sir You are best history teacher, I admire you ❤
Good 👍
Please write summary of rajasthan history in Hindi
Shandar analysis 🚩🔱jai maharana pratap ❤
सर जी आप बहुत ही अच्छी तरह से समझाते हैं।
Survival of the fittest ,ego kills the dynisties , अभी भी घमंड खतम नही हुवा है अपना , चौड़ में रहना खतम करदेव , वर्ण जो से ऊ बि नही बचे , अमीच महान सेजन यन धोका मां नव रव , समझदारी से काम लेबन तर सब ठीख भए, वरना जो से वोह भी नही बचे ,जय राजपुताना
nice explanation, need more videos like this.
aap bahut badhiya explanation dete ho ....thank your very much sir ji ...
Raman sir i respect you a lot
Hello ser Maharana prtab akebr ki much kati uski video
बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है जी,,,हमे तो ये भी पढ़ाया गया है की,,बाबर को ,,महाराणा सांगा ही बार बार बुला कर लाता था,,रास्ता बताता था,,राशन ,पानी देता था,,,।
😅😅😅 kyon bulakar Lata tha ?
प्रथम विश्व युध्द मे भी हम तलवार और भालू से युध्द किया
जय हिंदू राष्ट्र.... आप बहुत अच्छे वक्ता है विषय इतिहास.....इतिहास हम हिंदुओ ने बनाया..जिहादियों से मिलकर अपने इतिहास को हमने ही मैला किया...जिहादी अपने मिशन पर कायम है जिसका प्रमाण भौगोलिक सीमा से जान पड़ता है कहां तक थे और आज कहां तक है....आप से विनंती है.... इतिहास के ऐसी घाटनाओ को बताएं जिस से सनातन एक हो... ये भी बताएं जिहादियों का साथ देकर हमें क्या मिला और अब हम कहाँ है... ❤
तोपों और गाडियों की व्यवस्था को अरबा कहते थे,, दो के बीच १० फीट का गैप घुडसवारों के लिए रखा,, ,, उस्ताद अली ने उजबेकी तोप पद्धति बाबर को दी
,, सभी लड़ाईयॉ पानीपत में हुई ,, महीनों पहले सेनायें आ जाती होंगीं तो पानीपत वालों ने कर्रा माल भी बनाया होगा हर युद्ध में
सर जी आपके ऐप पर राजस्थान भूगोल की अपडेट क्लास परचेस करनी है प्लीज उपलब्ध करवाओ ना और नई रीजनिंगभी
It was Salhadi Tawar who one of General of Rana Sanga for involved in negotiations with Babur on behalf of Rana Sanga but deceived Rana Sanga and did not fight with Babur resulting the left flank of Rana Sanga army became weak and Sanga had work hard for repairing this flank but was weak portion resulting to defeat of Sanga as one of reason .
Salute to Rana Sangha.. and his solidiers.. brave hearts..
It wasn't his day..
जय हो सनातन धर्म के वीर योद्धा महाराणा सांगा जी🙏🙏🙏🚩🚩🚩🕉️
गुरुजी वीडियो रोज बनाये 🚩🇮🇳🙏 भारत हिस्ट्री बताते रहिये ✍️
पानीपत युद्ध के बारे में महाराणा ने ध्यान नहीं देने के कारण हारका मुंह देखना पड़ा
नई पद्धति के बारे में जानकारी ने रखने के कारण पिछड़ गए
Srinagar Garhwal Uttarakhand se sir ❤
⚔️🚩✨️जय मेवाड़✨️🚩⚔️
Maharana Sanga ne jo Kiya tha wo agar koi or karne me Safal ho jata to koi akranta 1527 ke Baad is dharti pe nahi tikta
Or wo tha sabhi rajao Ko ek jhande ke niche Lana
Hamare Mainpuri ke Raja Chandrabhan Chauhan bhi apni Sena ke saath is yuddh me kaam aye
Sabhi veero Ko Naman
अपने महान हिन्दं राजाओथ चो कोटि नमन।
खानवा युद्ध आधुनिक भरतपुर में हूआ
Hamare RAJPUT ,❤❤❤❤
Amazing presentation 😁😁🤩😍👏😀😄
Dear Sir I am fighter and Sena Nayak of this war I am very confident to winning this Khanwa Yudh.
Sirji saint Xavier jisne goa me narsanghar Kiya tha uska full detail se video banaye 🙏🙏🙏
युद्ध जीतने के लिए सबकुछ जायज़ होता है युद्धक्षेत्र में धर्म अधर्म कुछ नहीं होता युद्ध में या तो जीत होती है या हार होती है और धर्म सत्य सत्ता जीवन सब कुछ विजेता के साथ होते हैं इतिहास विजेता का होता है पराजय के कारणों की बात करना सांप की लकीर पीटने जैसा है
Great video sir 👏👏👏
Good
Ye hi niti aaj bhi 62 mein haar ka karan Raha hai aur ham aaj bhi sachet nahi huye hai
Raw hemun ko yudd men teer laga,rani dugawati ko teer laga,usake pahsle rana sanga ko teer laga,saamane mugal sena ,ya islamik sainik hi the,mtlb ye ki teerdanjon ko khas taur se wirodhi raja ko hi nishana banabe ke liye khas taur se prashikshit kiya jata tha. A
aur yudd me rakha jata tha.maharana pratap se ladate hue bhi akabar ki sena men teerandajo ki hi mukhya bhumika rahi .raja ke girate hi sena bhi bhag khadi hitu thi ya titar bitar ho jaati thi.kyon fir jeetane wale raja ki naukari,kaid ya daswta kwrani padati.
Vdo se bahut upyogi jaanakari praptbjuyi.👌👍maharana pratap ke samay bhi yudd me jhaka saradar ne hi unaka jhilmil top aur baju men bandhi mani ko dharan kiya tha,aur balidan diya.
जय राजस्थान जय भारत अखंड भारत आदरणीय महाराज संग्राम सिंह जी की कोटि कोटि नमन
🙏🙏
वैसे तराइन हो,पानीपत के सारे युद्ध हो खानवा हो रही रणनीति से हारे थे। इस वीडियो से यही परनीत होता है
Cannons were first seen in India in 1525 when ustad ali kuli a Ottaman artillery expert was brought by Babur. These were used with devastation against Lodi. Even Matchlock guns were very rare and gunpowder hardly available in India. Therefore the statement that Rajputs did not employ modern technology would be wrong because it was simply not available in India. Also most Samants in Rana Sangas Army did not approve of engaging enemy from a distance. They considered it unmanly. This battle saw unmatched raw bravery by Rajputs against a warfare strategy unknown to them.
हा । यह बात तो है । हमेशा पहले video like कर लेता हुँ, फिर देखता हुँ।
Yudd me dhurtara jaruri hai,san,dam,dand ,bhed jaruri hota hai.jabaki rajapoot rajaon ki aamane saamane ki ladai ladana pasand tha
Isake atirikt dushman par bhi daya dikhana ,kshama kar dena,ye bhi rajapoot rajaon ki kanajori hi kahi jaayegi. Kuchha gaddar raja bhi the jinake karan kuchh rahain ki haar huyi.
Barud bhi muslim deshon men pahale pahuncha.
Shivaji maharaj ne gurilla yudd se hi muslum rajaon ki nak men nakel dal kar rakhi thi.
❤
Sir yuddh mai Maharana sanga ki sena mai kon kon Zinda bache the ar veergati paane wle sainikon ka antim sanskar kisne Kiya btaane ki kripa karein
Hame apane purawjo par garv hai
Ram ram pandat g
nice video sirji
👍
Jai shree ram
Sir aapne gwalior ke narash ke chal ka tho kaha hi nahi ki vah rana sanga ko tri lagane ke baad 35000 ghudsawar ke sath baber se mil gaya tha
Sir kuchh achhi books hindi m bataiye jyadatar kitabe english me hi h
😢😢😢😢😢😢😢
Ram ram pandat ji 🙏🚩🙏
Ram ram
सर मुझे आज तक यह समझ नहीं आया कि मुसलमान को मुगल क्यों कहा जा रहा है ।
Muslam ko mugal nahi khate ..mugal ek area specific hoti jo mangloia or Russia ke area m rahte the mugal m muslim or budha or kuch alag dhram ke log the ..jayse india m Punjabi hote hai muslim,hindu or Sikh v but most Panjabi matalb Sikh samjh lete hai
आज भी हम हथीयार लेकर लड़ते हैं
ओर दुश्मन के पास कोरोनावायरस जैसे जैविक हथियार है
तो हमे भी जैविक हथियार बनाने चाहिए
Jb Salhadi khan 35000 horse cavellery ko leker war start hote hi Baber se jaker mil gya tb dono ki Armed strength equal ho gyi thi .
Plz Ahome aur Mughal war k upar video lawo
One and only Maharana Sanga 💪💪💪💪💪💪❤️❤️❤️❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Maharaja Rana sanga
रघु वंश नीति का प्रयोग की वजह से एक मर्यादा थी................
यदुवंश नीति का प्रयोग वीर शिवा जी ने पल पल पर किया और हर युद्ध जीत लिया.................
Raman sir......maharana sanga ek mahan yoddha thhe sisodiya vansh k fir bhi aaj sanga ki yashkirti utni nh hoti jitna maharana pratap ki hoti hai....rajasthan mei hi kahi bhi..kisi bhi city mei maharana sanga ki koi murti nh hoti...sanga ki jayanti..ya punyatithi nh manayi jati...even udaipur raajparivar ki taraf se bhi social media par ya publicly bhi kahi koi activity nh hoti sanga k naam par.....aisa q..???
Raman sir thanks 🙏🙏🙏🙏 sir
very nice raman ji
Sir agr sanga ki jgh unke bde bhai prithviraj sisodiya mewar ke Rana bnte ar khanwa mai ldte toh kya parinaam hta btaane ki kripa karein agle video mai
वो उड़ना राजकुमार था,अगर वो होता तो 1 घंटे में बाबर की गर्दन पर उनकी तलवार होती। 5000 के सेना से वो 20000 को हराने का अनुभव रखता था,उसकी रणनीति और कौशल सांगा से बेहतर था,परंतु फिर भी राणा सांगा ने अपनी वीरता से बाबर को छटी का दूध याद दिला दिया। देशभक्ति के इस जज्बे को सलाम,सलाम अमर शहीदो को
Peshwa bajirao rk sainik bhi the aur ek senapati bhi
जय मेवाड़
हिंदी,मारवाड़ी भाषा बहुत अच्छी है,, अपने DNA पर गर्व होना चाहिए,,no need to feel inferior complex about English
पैसा तो बहुत ज्यादा था लेकिन पैसे का मैनेजमेंट करने वाले वर्ग ने अपने धर्म के अस्तित्व बनाने में लगा दिया
आज भी उस वर्ग की यही सोच है
Ye technology ki ladai thi.
Technological advantage did help Babar’s victory. Only and only.
The problem with us was Vijay Ya Veergati, Veergati is not a substitution of Vijay
हमारा,,जोगींदर,,सिर्फ,,माईकसेही,,बाबरको,,हरा,,देता
युध्द पध्दति
❤sir ye to Rana Sanga ki bahut badhi galati thi jab war hona tha to itana time kyo diya jis time Babar ana start hone wala tha turant attack kar dena chahiye the
Canons were first time used by Babar,and Babar brought these canons from kabul.
और जो तुलुगामा युद्ध नीति कोई नई नहीं थी, बहुत पुरानी युद्ध नीति थी।
Par woh neeti yaha k rajao ko nh pta thi.
@@ankitsamaria1613 जब मालवा पर पृथ्वीराज 3 ने आक्रमण किया था। तब यही तो किया था चारो और से आक्रमण। और उसको गोरी ने इसी रणनीति से मारा था युद्ध के आखरी वक्त में 1193 मे, यानी महाराणा के वक्त ये रणनीति पुरानी हो गई थी।