जय जिनेंद्र भैया जी, आपने पूज्य पाद स्वामी द्वारा रचित महान कृति इष्टोपदेश का हम सभी को अध्ययन कराया आपने 51 श्लोकों को बड़े ही मार्मिक व सरल व सहज तरीके से पढ़ा कर के हम सबको आध्यात्मिक गहराइयों का अवलोकन कराया हम सभी आपके आभारी हैं जैसे धर्म द्रव्य चलते हुए व्यक्ति को चलने में सहायक होता है वैसे ही गुरु जी शिष्य को अध्ययन कराने में सहायक होते हैं धन्यवाद
जीव द्रव्य के 8 सामान्य गुण अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, चेतनत्व, अमूर्तत्व. अजीव द्रव्य के 8 सामान्य गुण अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, अ चेतनत्व, मूर्तत्व.
वीर जिनेश्वर को अर्थात श्री महावीर भगवान को अथवा 24 तीर्थंकरो अथवा विशेष रूप से मोक्ष लक्ष्मी को देने वाले वीर भगवान को नमस्कार किया गया है ।जय जिनेन्द
पुरुषार्थ सिद्धि परीक्षा पे चर्चा
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Jai Jinendra Bhaiya Ji Allap paddhati padhna hai send linc .
Sulekha vidyarthi damoh
भैया जी जयजिनेन्द मैं बीना अलवर से मुझे अलाप पद्धति से जुड़ना है क्लास में शामिल होना है।
जय जिनेन्द्र भैया जी 🙏🏻 में अनिता जैन अलाप पद्धति स्वाध्याय में जुड़ना चाहती हूं
Arihant bhagwaan ko
जय जिनेंद्र भैया जी, आपने पूज्य पाद स्वामी द्वारा रचित महान कृति इष्टोपदेश का हम सभी को अध्ययन कराया आपने 51 श्लोकों को बड़े ही मार्मिक व सरल व सहज तरीके से पढ़ा कर के हम सबको आध्यात्मिक गहराइयों का अवलोकन कराया हम सभी आपके आभारी हैं जैसे धर्म द्रव्य चलते हुए व्यक्ति को चलने में सहायक होता है वैसे ही गुरु जी शिष्य को अध्ययन कराने में सहायक होते हैं
धन्यवाद
आदरणीय भैया जी जयजिनेन्द्र भैया जी आपके दारा आचार्य पूज्य पाद जी द्वारा रचित प्रसिद्ध इषटोपदेश गंत्री का
Teen indriye jiv ant
वैतरणी नदी
Anita jain
Dahod, Gujarat
जय जिनेंद्र भैया जी धर्म द्रव्य के विशेष गुण तीन है
जीव द्रव्य के विशेष गुण_छह है_ज्ञान_दर्शन_सुख_वीर्य_चेतनत्व_अमूर्तत्व
पंडित जी जन्म हाथरस उत्तर प्रदेश में हुआ था
जय जिन्नेद्र भैया धर्म द्रव्य में तीन विषेश गुण हैं गतिहेतुत्व अमूतर्रत्व। अचेतनत्व
धर्म द्रवय के गति हेतुत्व अचेतन त्व अमूर्तत्व ,
धर्म धर्म के 3 विशेष गुण हैं गति हेतुतत्व अमूर्त त्वम अचेतत्वम
3 vishesh gun
गति हेतुत्व
अचेतत्व
अमूर्तत्व
साधना जैन अजमेर
गतिहेतुत्व अचेतनत्व अमूरतत्व
जयजिनेन्द्र भैया जी🙏धर्म दर्व्य में विशेष गुण तीन होतेहैं गति हेतुत्व अचेतनत्व अमूर्तत्व
जय जिनेन्द्र भइया जी अरूणा जैन गैरतगंज धर्म द्रव्य के तीन विषेश गुण होते हैं गति हेतुत्व अचेतनत्व अमूर्तित्व
धर्म द्रव्य में तीन विशेष गुण होते हैं
गति हेतुत्व, अमूर्तत्व, अ चेतनत्व
जीव द्रव्य के 8 सामान्य गुण
अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, चेतनत्व, अमूर्तत्व.
अजीव द्रव्य के 8 सामान्य गुण
अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, अ चेतनत्व, मूर्तत्व.
आलापपदति नयचक्र के आधार पर लिखित गयीहै जयजिनेनदभैया जी निमॆला जैन कोटा राजस्थान
जीव द्रव्य के विशेष गु ण 6होते हैं
ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतना अमूर्त तत्व
जय जिनेन्द्र भईयाजी जीव द्रव्य के विशेष गुण 6 है ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतन्त्व अमूर्ततत्व
धर्म द्रव्य में 3 विशेष गुण पाए जाते हैं
गतिहेतुत्व, अमुर्तत्व, अचेतनत्त्व
धर्म द्रव्य में तीन गुण पाये जाते हैं 1गतिहेतुतव 2अमूतॆत्व 3अवचेतनत्व जयजिनेनदभैया जी
इन्द १०० होते हैं
नरक में सेमर वृक्ष है
जीव द्रव्य के 6 विशेष गुण होते हैं.
ज्ञान दर्शन सुख विर्य, चेतनत्व, अमूर्तत्व
जीव के के विशेष गुण ज्ञान दर्शन सुख वीर्य अमूर्त व चेतना
जीव द्रव्य के विशेष गुण 6 है
ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व अमूरतत्व
जय जिनेन्द्र भैयाजी धर्म द्रव्य के तीन विशेष गुण है गतिहेतत्त्व अचेतन्त्व अमूर्तत्वम
मनोयोग वचन योग काययोग
6 gun
ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व अमूर्तत्व
जय जिनैद भैयाजी धर्म दृवय तीन विशेष गुण है
धर्म द्रव्य के तीन विशेष गुण हैं
धर्म दृव्य मे तीन विशेष गुण है
मंगलाचरण मै विशेष रूप से मोक्षलक्ष्मी को देने वाले वीर भगवान को नमस्कार किया है जयजिनेनदभैया जी निमॆला जैन कोटा
धर्म द्रव्य के विशेष गुण तीन है गतिहेतुत्व अचेनत्व अमुर्तत्वॅ रतन जैन जयपुर
6 गुण जीव के विशेष है। ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व अमूर्त
Jay Jinendra bhaiya ji Dharm dravya ke Vishesh gun 3 Hote Hain
Asha Dr Dilip Jain Sagar
Aapka swadhyay accha laga
जय जिनेन्द्र भैयाजी
जीव और पुद्गल में इक्कीस स्वभाव पाए जाते हैं।
Bhagwan Mahaveer को नमस्कार किया गया hai
जय जिनेन्द्र भइया जी अरूणा जैन गैरतगंज जीव द्रव्य के छः विशेष गुण होते हैं ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व अमूर्तित्व
चींटी 3 इंद्रिय जीव है
Jai Jinendra bhaiya ji 🙏🙏 प्राण दस होते है
जीव द्रव्य के विशेष छह गुण हैं
ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व अमूर्तत्व
Sunita jain Guwahati Rihabari 🙏🏻
आनलाईन पढना है 🙏🏻
जीव द्रव्य के 6 गुण है ज्ञान दर्शन सुख वीरे चेतन और अमूर्त
विशेष गुण 6 होते हैं, ज्ञान,दर्शन,सुख, वीर्य,चेतनत्व, अचेतन्त्व
गतिहेतुत्व ,अमुर्तत्व ,अचेतनत्व
जय जिनेन्द्र भइया जी अरूणा जैन गैरतगंज मंगलाचरण में वीर जिनेश्वर को अर्थात् 24 तीर्थंकरों को नमस्कार किया है
मन योग बचन योग काय योग
मंगलाचरण में मोक्ष लक्ष्मी को देने वाले 24 भगवान को नमस्कार किया गया है 🙏🙏 जय जिनेंद्र भैया जी
भगवान महावीरस्वामिको।
जीव द्रव्य के विशेष गुण 6 होते हैं ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतन अमूर्त
मंगला चरण में वीर भगवान एवं चौबीस तीर्थंकर भगवान को नमस्कार किया गया
मंगलाचारण में भगवान महावीर स्वामी को नमस्कार किया गया है
साधना जैन,अजमेर
मंगलाचरण में श्री महावीर भगवान को चौबीस तीर्थंकरों को व गणधर परमेष्ठी को नमस्कार किया गया है
जय जिनेंद्र
नयचक्र ग्रथ के आधार से जिनवानी माता की जय
जीव के छह बिसेन गुण होते हैं
ज्ञान,दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व अमूर्तत्व
प्रमाण दो होते हैं एक प्रत्यक्ष प्रमाण दूसरा परोक्ष प्रमाण
जय जिनेन्द्र
आलाप पद्धति ग्रंथ नय चक्र के आधार पर लिखा गया है।
जीव द्रव्य के ६ विशेष गुण होते हैं दर्शन ,ज्ञान,सुख,वीर्य, चेतन्त्व,अमूर्तत
जीव द्रव्य के विशेष गुण 6हैं
ज्ञान,दर्शन,सुख,वीर्य,चेतनत्व, अमूर्तत्व
जय जिनेन्द्र
Jai jinendra 🙏
सेमर वृक्ष
धर्म द्रव्य के ३ विशेष गुण होते हैं १. गति हेतूत्व २.अचेतनत्व३., अमूर्तत्व
जीव मे विशेष छ गुण ज्ञान दर्शन सुख वीर्य चेतनत्व मूर्तिकत्व
धर्म द्रव्य के तीन विशेष गुण हैं
गतिहेतुत्व अचेतनत्व अमूर्तत्व
वैशाली जैन , मुबंई ,
जीव तीन प्रकार के होते है
बहिरात्मा , अन्तरात्मा, परमात्मा 🙏
Jay Jinendra bhaiya ji
Naye chakra granth
Jai jinendra
जय जिनेन्द्र।. प्राण चार है। इंद्रिय , बल, आयु, श्वाछोश्वास।
धर्म द्रव के तीन विशेष गुण होते है
Vimla jain kota
मनोयोग,वचनयोग और काययोग
Parinamik bhav tin jivtva bhayatva abhayatva Jai jinendra bhaiyaji 🙏
जय जिनेन्द्र भइया जी अरूणा जैन गैरतगंज आलाप पद्धति ग्रंथ प्राकृत मय नय चक्र नामक ग्रन्थ के आधार पर रचना हुई है
Jai jinendra
Vimla jain sanganer Jaipur
वीर जिनेश्वर को अर्थात श्री महावीर भगवान को अथवा 24 तीर्थंकरो अथवा विशेष रूप से मोक्ष लक्ष्मी को देने वाले वीर भगवान को नमस्कार किया गया है ।जय जिनेन्द
जय जिनेन्द्र भईयाजी आलाप पद्धति ग्रन्थ जी प्राकृत नय चक्र के आधार पर लिखा गया है
सामान्य गुण 10 है जय जिनेंद्र भैया जी🙏🙏
Jay Jinendra bhaiya ji Nigam Nayaki teen Bhed hai Asha doctor Dilip Jain Sagar
महावीर भगवान को अथवा चौबीस तीर्थंकर को मंगलाचरण मैं नमस्कार किया है
हालात पद्धति ग्रंथ में चक्र पर आधारित है
मंगलाचरण में वीर भगवान अर्थात् महावीर भगवान या चौबीस तीर्थंकर भगवान को नमस्कार किया
महावीर भगवान को
जीव दृव्य में छह विशेष गुण है
6,दर्शन, ज्ञान, वीर्य, सुख, चेतनत्व, अमूर्तित्व
तीन विशेष गुण है
धर्म द्रव्य के 3 विशेष गुण है
ज्ञान,दशॅन,सुख,वीयॅ,चेतनत्व, अमूर्तत्व
गतिहेतुतत्व, अचेतंत्त्व, अमूर्त्त
धर्म द्रव्य के विशेष गुण तीन है
धर्मद्रव्य के विशेष गुण ___गतिहेतुत्व
अमूर्त और अचेतनत्व
मंजू गोधा गुवाहाटी
जय जिनेंद्र भैया जी आलाप पद्धति ग्रंथ नए चक्र ग्रंथ के ऊपर लिखा गया है
उत्तर -प्राण चार होते हैं, इंद्रिय प्राण,बल प्राण,आयु प्राण, श्वासोच्छवास प्राण।
मंगलाचरण में वीर भगवान अर्थात महावीर भगवान को और 24 तीर्थंकरों को नमस्कार किया गया है
Aalap padhdhti Naya chakra granth ke aadhar par likhi gayi hai.
नयचक्र शास्त्र के आधार पर आलाप पद्धति ग्रंथ की रचना हुई है
श्री महावीर भगवान
3 विशेष गुण है १)गतीहैतुत्व २)अचैनत्व ३)अमुर्तत्व
anhubrat our mhabrat ke duara devpad praptyh
मंगलाचरण में महावीर भगवान को, 24 तीर्थंकर को और सर्वज्ञ भगवान को नमस्कार किया गया है.