उत्तराखंड पृथक राज्य आंदोलन | Uttarakhand prithak rajya andolan | uttarakhand rajya nirman

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  • Опубликовано: 21 ноя 2024

Комментарии • 74

  • @JARDHARICLASSES
    @JARDHARICLASSES  3 года назад +11

    दोस्तों उत्तराखंड क्रांति दल के प्रथम अध्यक्ष देवीदत्त पंत थे वीडयो में mistake हो गयी थोड़ा पंत की जगह पांडे बोला गया आप पंत कर दें

  • @JARDHARICLASSES
    @JARDHARICLASSES  3 года назад +21

    कुछ लोगों का Comment आ रहा है कि कौशिक समिति का गठन 1993 में हुआ तो मैं आपको बता दूं कि कुछ जगह आपको 1993 मिलेगा जबकि कहीं 1994 लेकिन हमने इसपे रिसर्च किया तो अधिकांशतः 4 जनवरी 1994 मिला और आपको बता दें कि एक बार UKSSSC के Exam में भी ये Question पूछा गया है और उसमें भी 1994 ही सही बताया गया है

    • @lokeshkumarpandey3943
      @lokeshkumarpandey3943 3 года назад

      Dhanyvaad sir. Apne confusion dur kiya. Aise hi kuch purane video m bhi kuch comments hai jinse doubt ho jata hai. Please unhe bhi clear kr dijiyega 🙏🙏🙏

    • @aravnegi3296
      @aravnegi3296 3 года назад +3

      उत्तराखंड कैसे बना?
      Part-1
      क्या आप यह सब जानते हैं? यदि नहीं तो अवश्य पढ़िए.हर उत्तराखंडी को यह पता होना चाहिए
      1): 24- 25 जुलाई 1979, को मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन आयोजित किया गया और उसमें उत्तराखंड क्रांति दल(UKD)का गठन किया गया. प्रथम अध्यक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी पंत नियुक्त हुए.
      2): पर्वतीय दल का गठन पृथक राज्य तथा 8 जिलों को बनाने के लिए किया गया था. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल.
      .
      3): 23 नवंबर 1987 :काशी सिंह ऐरी जी की अध्यक्षता में दिल्ली के बोट क्लब तक की पैदल यात्रा की और राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में पहली बार हरिद्वार जनपद को भी शामिल करने की बात कही गई.
      4): 23 अप्रैल 1987: यूकेडी के उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने उत्तराखंड के निर्माण के लिए संसद में पत्र बम फेंका. इस कार्य के लिए त्रिवेंद्र पवार जी को काफी यातनाएं दी गई .
      5): 1987 बीजेपी ने एक सम्मेलन अल्मोड़ा में किया जिसकी अध्यक्षता आडवाणी जी द्वारा की गई. इस आंदोलन में उन्होंने उत्तराखंड नाम न रखकर उत्तरांचल की मांग कि
      6):1988 में श्री सोबान सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद का गठन किया गया.
      7): 1989 - सभी दलों ने मिलकर उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया. सभी दल एक बैनर के नीचे कार्य करने लगे अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी जी बने.
      8): 1990 में यूकेडी (UKD) के विधायक श्री जसवंत सिंह बिष्ट ने पहली बार पृथक उत्तराखंड के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखा |
      9) इस बीच आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल चुका था . बीबीसी ने तब कहा था कि आप को जीवित और चलते फिरते गांधी को देखना है तो आप उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं वहां गांधी आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज में विराट जन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है.
      10) 1 सितंबर 1994 को खटीमा और 2 सितंबर को मसूरी कांड के बाद 15 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु मसूरी कूच किया गया जिसमें पुलिस ने बडोनी जी को जोगीवाला, देहरादून में ही गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज दिया.
      11) इस दमन की सर्वत्र निंदा हुई .मुजफ्फरनगर कांड की सूचना मिलने के बाद 2 अक्टूबर की दिल्ली रैली में उत्तेजना फैल गई मंच पर अराजक तत्वों के पथराव से बडोनी जी चोटिल हो गए मगर उत्तराखंड के इस गांधी ने उफ तक नहीं की और यूपी हाउस आते ही फिर उत्तराखंड के लिए चिंतित हो गए .
      12) उन तूफानी दिनों में आंदोलनकारी जगह-जगह अनशन कर रहे थे धरने पर बैठे थे और विराट जुलूस के रूप में सड़कों पर निकल पड़ते थे. इनमें सबसे आगे चल रहा होता था दुबला पतला लंबी बेतरतीब दाढ़ी वाला शख्स इंद्रमणि बडोनी.
      13) इस ऐतिहासिक जन आंदोलन के बाद भी 1994 से 1999 तक बडोनी जी की उत्तराखंड राज्य के लिए जूझते रहे मगर कई सारी यात्राओं और अनियमित खान-पान से वह बीमार रहने लगे. देहरादून के अस्पतालों, चंडीगढ़ पीजीआई में, हिमालयन अस्पताल में इलाज कराते हुए भी मरणासन्न स्थिति मैं वह उत्तराखंड की बात करते रहते थे.
      14) गुर्दे के खराब हो जाने से दो चार बार डायलिसिस के लिए भी उनके पास धन का अभाव था.
      15) 18 अगस्त 1999 को उत्तराखंड का यह सपूत अनंत यात्रा की तरफ महाप्रयाण कर गया.
      **शत शत नमन**
      Kindly share!
      ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और उत्तराखंड राज्य निर्माण की सच्चाई जो की राष्ट्रिय पार्टियाँ आज तक दबाने का प्रयास करती आई है उसे आज की जनरेशन को बताएं की कैसे और कितने बलिदानों व संघर्षों के बाद हमारे उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      याद रखियेगा उत्तराखंड किसी राष्ट्रिय दल की मेहरबानी से नही मिला है, उत्तराखंड क्रान्ती दल के संघर्षों और 42 शहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      जय उत्तराखंड🙏

  • @indrapalchandra2671
    @indrapalchandra2671 3 года назад +3

    Exelent topic guru ji 🙏🙏🙏

  • @hjkumaun2768
    @hjkumaun2768 3 года назад +6

    Bahut bahut dhanyawad sir ❤️❤️ #champawat

  • @atul4you804
    @atul4you804 3 года назад +1

    Good topic most awaited

  • @anilrjmusic5720
    @anilrjmusic5720 3 года назад +3

    Kyu pde ho chkkr me jab susheel bhai hai takkar me..♥️♥️ uttrakhand me pratiyogi parikshaon ke liye ek matr vishwashniya channel 🙏🙏🔥🔥🔥

  • @thapliyalpriyanka3108
    @thapliyalpriyanka3108 3 года назад +2

    🙏🏻🙏🏻 dhanyabad guruji 🙏🏻

  • @NishaKumari-dd7nw
    @NishaKumari-dd7nw 2 года назад

    Very good video

  • @gamebhai1073
    @gamebhai1073 3 года назад +1

    Nice topic sir

  • @sanjaysinghchauhan8063
    @sanjaysinghchauhan8063 3 года назад +3

    nice sir ji

  • @ishwarmahara284
    @ishwarmahara284 3 года назад +9

    Sir, श्रीनगर अधिवेशन के अध्य्क्ष प्रताप सिंह नेगी थे

    • @lokeshkumarpandey3943
      @lokeshkumarpandey3943 3 года назад

      Pariksha vani mai bhi jawahar lal nehru likha h

    • @ishwarmahara284
      @ishwarmahara284 3 года назад +1

      @@lokeshkumarpandey3943 glt diya h

    • @lokeshkumarpandey3943
      @lokeshkumarpandey3943 3 года назад +1

      Latest sanskaran hai book ka 2020-2021

    • @aravnegi3296
      @aravnegi3296 3 года назад

      उत्तराखंड कैसे बना?
      Part-1
      क्या आप यह सब जानते हैं? यदि नहीं तो अवश्य पढ़िए.हर उत्तराखंडी को यह पता होना चाहिए
      1): 24- 25 जुलाई 1979, को मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन आयोजित किया गया और उसमें उत्तराखंड क्रांति दल(UKD)का गठन किया गया. प्रथम अध्यक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी पंत नियुक्त हुए.
      2): पर्वतीय दल का गठन पृथक राज्य तथा 8 जिलों को बनाने के लिए किया गया था. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल.
      .
      3): 23 नवंबर 1987 :काशी सिंह ऐरी जी की अध्यक्षता में दिल्ली के बोट क्लब तक की पैदल यात्रा की और राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में पहली बार हरिद्वार जनपद को भी शामिल करने की बात कही गई.
      4): 23 अप्रैल 1987: यूकेडी के उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने उत्तराखंड के निर्माण के लिए संसद में पत्र बम फेंका. इस कार्य के लिए त्रिवेंद्र पवार जी को काफी यातनाएं दी गई .
      5): 1987 बीजेपी ने एक सम्मेलन अल्मोड़ा में किया जिसकी अध्यक्षता आडवाणी जी द्वारा की गई. इस आंदोलन में उन्होंने उत्तराखंड नाम न रखकर उत्तरांचल की मांग कि
      6):1988 में श्री सोबान सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद का गठन किया गया.
      7): 1989 - सभी दलों ने मिलकर उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया. सभी दल एक बैनर के नीचे कार्य करने लगे अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी जी बने.
      8): 1990 में यूकेडी (UKD) के विधायक श्री जसवंत सिंह बिष्ट ने पहली बार पृथक उत्तराखंड के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखा |
      9) इस बीच आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल चुका था . बीबीसी ने तब कहा था कि आप को जीवित और चलते फिरते गांधी को देखना है तो आप उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं वहां गांधी आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज में विराट जन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है.
      10) 1 सितंबर 1994 को खटीमा और 2 सितंबर को मसूरी कांड के बाद 15 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु मसूरी कूच किया गया जिसमें पुलिस ने बडोनी जी को जोगीवाला, देहरादून में ही गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज दिया.
      11) इस दमन की सर्वत्र निंदा हुई .मुजफ्फरनगर कांड की सूचना मिलने के बाद 2 अक्टूबर की दिल्ली रैली में उत्तेजना फैल गई मंच पर अराजक तत्वों के पथराव से बडोनी जी चोटिल हो गए मगर उत्तराखंड के इस गांधी ने उफ तक नहीं की और यूपी हाउस आते ही फिर उत्तराखंड के लिए चिंतित हो गए .
      12) उन तूफानी दिनों में आंदोलनकारी जगह-जगह अनशन कर रहे थे धरने पर बैठे थे और विराट जुलूस के रूप में सड़कों पर निकल पड़ते थे. इनमें सबसे आगे चल रहा होता था दुबला पतला लंबी बेतरतीब दाढ़ी वाला शख्स इंद्रमणि बडोनी.
      13) इस ऐतिहासिक जन आंदोलन के बाद भी 1994 से 1999 तक बडोनी जी की उत्तराखंड राज्य के लिए जूझते रहे मगर कई सारी यात्राओं और अनियमित खान-पान से वह बीमार रहने लगे. देहरादून के अस्पतालों, चंडीगढ़ पीजीआई में, हिमालयन अस्पताल में इलाज कराते हुए भी मरणासन्न स्थिति मैं वह उत्तराखंड की बात करते रहते थे.
      14) गुर्दे के खराब हो जाने से दो चार बार डायलिसिस के लिए भी उनके पास धन का अभाव था.
      15) 18 अगस्त 1999 को उत्तराखंड का यह सपूत अनंत यात्रा की तरफ महाप्रयाण कर गया.
      **शत शत नमन**
      Kindly share!
      ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और उत्तराखंड राज्य निर्माण की सच्चाई जो की राष्ट्रिय पार्टियाँ आज तक दबाने का प्रयास करती आई है उसे आज की जनरेशन को बताएं की कैसे और कितने बलिदानों व संघर्षों के बाद हमारे उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      याद रखियेगा उत्तराखंड किसी राष्ट्रिय दल की मेहरबानी से नही मिला है, उत्तराखंड क्रान्ती दल के संघर्षों और 42 शहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      जय उत्तराखंड🙏

    • @gautamrawat2990
      @gautamrawat2990 3 года назад +2

      Bhai Admin ne hamare liye bahut mehnat kr k notes provide kiye h, plz confusion na create kre. 10 book Ko 1 Baar padhne se achcha 1 book Ko 10 baar padho, jitne jyada book utna jyada confusion.

  • @SameerShah-fm1vp
    @SameerShah-fm1vp 3 года назад +2

    Thnx sir ji

  • @SAMEERKUMAR-xy1fz
    @SAMEERKUMAR-xy1fz 3 года назад +2

    Thank you brother. Boht acha padhate ho ap👌😊

  • @rinkeyrawat2532
    @rinkeyrawat2532 3 года назад +1

    Thanks a lot sir

  • @sneha_chand
    @sneha_chand 3 года назад +1

    Thank you sir ji 🙏

  • @aravnegi3296
    @aravnegi3296 3 года назад

    उत्तराखंड कैसे बना?
    Part-1
    क्या आप यह सब जानते हैं? यदि नहीं तो अवश्य पढ़िए.हर उत्तराखंडी को यह पता होना चाहिए
    1): 24- 25 जुलाई 1979, को मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन आयोजित किया गया और उसमें उत्तराखंड क्रांति दल(UKD)का गठन किया गया. प्रथम अध्यक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी पंत नियुक्त हुए.
    2): पर्वतीय दल का गठन पृथक राज्य तथा 8 जिलों को बनाने के लिए किया गया था. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल.
    .
    3): 23 नवंबर 1987 :काशी सिंह ऐरी जी की अध्यक्षता में दिल्ली के बोट क्लब तक की पैदल यात्रा की और राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में पहली बार हरिद्वार जनपद को भी शामिल करने की बात कही गई.
    4): 23 अप्रैल 1987: यूकेडी के उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने उत्तराखंड के निर्माण के लिए संसद में पत्र बम फेंका. इस कार्य के लिए त्रिवेंद्र पवार जी को काफी यातनाएं दी गई .
    5): 1987 बीजेपी ने एक सम्मेलन अल्मोड़ा में किया जिसकी अध्यक्षता आडवाणी जी द्वारा की गई. इस आंदोलन में उन्होंने उत्तराखंड नाम न रखकर उत्तरांचल की मांग कि
    6):1988 में श्री सोबान सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद का गठन किया गया.
    7): 1989 - सभी दलों ने मिलकर उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया. सभी दल एक बैनर के नीचे कार्य करने लगे अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी जी बने.
    8): 1990 में यूकेडी (UKD) के विधायक श्री जसवंत सिंह बिष्ट ने पहली बार पृथक उत्तराखंड के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखा |
    9) इस बीच आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल चुका था . बीबीसी ने तब कहा था कि आप को जीवित और चलते फिरते गांधी को देखना है तो आप उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं वहां गांधी आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज में विराट जन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है.
    10) 1 सितंबर 1994 को खटीमा और 2 सितंबर को मसूरी कांड के बाद 15 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु मसूरी कूच किया गया जिसमें पुलिस ने बडोनी जी को जोगीवाला, देहरादून में ही गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज दिया.
    11) इस दमन की सर्वत्र निंदा हुई .मुजफ्फरनगर कांड की सूचना मिलने के बाद 2 अक्टूबर की दिल्ली रैली में उत्तेजना फैल गई मंच पर अराजक तत्वों के पथराव से बडोनी जी चोटिल हो गए मगर उत्तराखंड के इस गांधी ने उफ तक नहीं की और यूपी हाउस आते ही फिर उत्तराखंड के लिए चिंतित हो गए .
    12) उन तूफानी दिनों में आंदोलनकारी जगह-जगह अनशन कर रहे थे धरने पर बैठे थे और विराट जुलूस के रूप में सड़कों पर निकल पड़ते थे. इनमें सबसे आगे चल रहा होता था दुबला पतला लंबी बेतरतीब दाढ़ी वाला शख्स इंद्रमणि बडोनी.
    13) इस ऐतिहासिक जन आंदोलन के बाद भी 1994 से 1999 तक बडोनी जी की उत्तराखंड राज्य के लिए जूझते रहे मगर कई सारी यात्राओं और अनियमित खान-पान से वह बीमार रहने लगे. देहरादून के अस्पतालों, चंडीगढ़ पीजीआई में, हिमालयन अस्पताल में इलाज कराते हुए भी मरणासन्न स्थिति मैं वह उत्तराखंड की बात करते रहते थे.
    14) गुर्दे के खराब हो जाने से दो चार बार डायलिसिस के लिए भी उनके पास धन का अभाव था.
    15) 18 अगस्त 1999 को उत्तराखंड का यह सपूत अनंत यात्रा की तरफ महाप्रयाण कर गया.
    **शत शत नमन**
    Kindly share!
    ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और उत्तराखंड राज्य निर्माण की सच्चाई जो की राष्ट्रिय पार्टियाँ आज तक दबाने का प्रयास करती आई है उसे आज की जनरेशन को बताएं की कैसे और कितने बलिदानों व संघर्षों के बाद हमारे उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
    याद रखियेगा उत्तराखंड किसी राष्ट्रिय दल की मेहरबानी से नही मिला है, उत्तराखंड क्रान्ती दल के संघर्षों और 42 शहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
    जय उत्तराखंड🙏

  • @lyricalbeats.
    @lyricalbeats. 3 года назад +1

    🍀It was great thanku sir

  • @mahenderkumar4141
    @mahenderkumar4141 3 года назад +1

    1938 ke Adhiveshan Mai -
    Adhyaks - *Pratap Singh Negi*
    Nehru ji is Adhiveshan m bhaag liya tha..

  • @NoMaDiC566
    @NoMaDiC566 3 года назад +3

    सिर एक विडियो शुरू से लेकर अंत तक(2021) बना दीजिये उत्तराखंड history की शॉर्ट फॉर्म में

  • @jyotiarya4029
    @jyotiarya4029 3 года назад +1

    Thanks sir

  • @hemaaswal8826
    @hemaaswal8826 3 года назад +1

    Thank u sir

  • @deepikapaneru2002
    @deepikapaneru2002 Год назад

    ऊँचे बुग्याल क्षेत्र में रहने वाले चरवाहों को क्या कहते हैं

  • @Its_mansvi
    @Its_mansvi 2 года назад +1

    Apne pdf me jaswant singh bisht 1991 Dee rhka h or video m 1990
    Dono Mee se sahi kon sa hai ??????

  • @vishalchauhan4442
    @vishalchauhan4442 3 года назад +2

    Thank you sir...... 🙏🙏🙏 Bohot acha topic hai

    • @deepaknirala5542
      @deepaknirala5542 3 года назад

      Thnkyu sir 🙏sir uttrakhand pariwahn tantra pe vedio bna do🙏

  • @rakeshsinghbisht3192
    @rakeshsinghbisht3192 3 года назад

    देवी दत्त पन्त

  • @writergeetakhati3824
    @writergeetakhati3824 3 года назад +1

    Thanks

  • @oldisgold6809
    @oldisgold6809 3 года назад +2

    Thank you sir...🙏
    Sir kya aap world history bhi padhooge...

  • @TravellerLust
    @TravellerLust 3 года назад

    पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह 'रावत'... आप किस बारे में बात कर रहे हैं

  • @AartiSharma-ds5rp
    @AartiSharma-ds5rp 3 года назад +1

    Waiting for part 2

    • @JARDHARICLASSES
      @JARDHARICLASSES  3 года назад +1

      Kal a jayega part 2

    • @aravnegi3296
      @aravnegi3296 3 года назад

      उत्तराखंड कैसे बना?
      Part-1
      क्या आप यह सब जानते हैं? यदि नहीं तो अवश्य पढ़िए.हर उत्तराखंडी को यह पता होना चाहिए
      1): 24- 25 जुलाई 1979, को मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन आयोजित किया गया और उसमें उत्तराखंड क्रांति दल(UKD)का गठन किया गया. प्रथम अध्यक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी पंत नियुक्त हुए.
      2): पर्वतीय दल का गठन पृथक राज्य तथा 8 जिलों को बनाने के लिए किया गया था. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल.
      .
      3): 23 नवंबर 1987 :काशी सिंह ऐरी जी की अध्यक्षता में दिल्ली के बोट क्लब तक की पैदल यात्रा की और राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में पहली बार हरिद्वार जनपद को भी शामिल करने की बात कही गई.
      4): 23 अप्रैल 1987: यूकेडी के उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने उत्तराखंड के निर्माण के लिए संसद में पत्र बम फेंका. इस कार्य के लिए त्रिवेंद्र पवार जी को काफी यातनाएं दी गई .
      5): 1987 बीजेपी ने एक सम्मेलन अल्मोड़ा में किया जिसकी अध्यक्षता आडवाणी जी द्वारा की गई. इस आंदोलन में उन्होंने उत्तराखंड नाम न रखकर उत्तरांचल की मांग कि
      6):1988 में श्री सोबान सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद का गठन किया गया.
      7): 1989 - सभी दलों ने मिलकर उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया. सभी दल एक बैनर के नीचे कार्य करने लगे अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी जी बने.
      8): 1990 में यूकेडी (UKD) के विधायक श्री जसवंत सिंह बिष्ट ने पहली बार पृथक उत्तराखंड के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखा |
      9) इस बीच आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल चुका था . बीबीसी ने तब कहा था कि आप को जीवित और चलते फिरते गांधी को देखना है तो आप उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं वहां गांधी आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज में विराट जन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है.
      10) 1 सितंबर 1994 को खटीमा और 2 सितंबर को मसूरी कांड के बाद 15 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु मसूरी कूच किया गया जिसमें पुलिस ने बडोनी जी को जोगीवाला, देहरादून में ही गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज दिया.
      11) इस दमन की सर्वत्र निंदा हुई .मुजफ्फरनगर कांड की सूचना मिलने के बाद 2 अक्टूबर की दिल्ली रैली में उत्तेजना फैल गई मंच पर अराजक तत्वों के पथराव से बडोनी जी चोटिल हो गए मगर उत्तराखंड के इस गांधी ने उफ तक नहीं की और यूपी हाउस आते ही फिर उत्तराखंड के लिए चिंतित हो गए .
      12) उन तूफानी दिनों में आंदोलनकारी जगह-जगह अनशन कर रहे थे धरने पर बैठे थे और विराट जुलूस के रूप में सड़कों पर निकल पड़ते थे. इनमें सबसे आगे चल रहा होता था दुबला पतला लंबी बेतरतीब दाढ़ी वाला शख्स इंद्रमणि बडोनी.
      13) इस ऐतिहासिक जन आंदोलन के बाद भी 1994 से 1999 तक बडोनी जी की उत्तराखंड राज्य के लिए जूझते रहे मगर कई सारी यात्राओं और अनियमित खान-पान से वह बीमार रहने लगे. देहरादून के अस्पतालों, चंडीगढ़ पीजीआई में, हिमालयन अस्पताल में इलाज कराते हुए भी मरणासन्न स्थिति मैं वह उत्तराखंड की बात करते रहते थे.
      14) गुर्दे के खराब हो जाने से दो चार बार डायलिसिस के लिए भी उनके पास धन का अभाव था.
      15) 18 अगस्त 1999 को उत्तराखंड का यह सपूत अनंत यात्रा की तरफ महाप्रयाण कर गया.
      **शत शत नमन**
      Kindly share!
      ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और उत्तराखंड राज्य निर्माण की सच्चाई जो की राष्ट्रिय पार्टियाँ आज तक दबाने का प्रयास करती आई है उसे आज की जनरेशन को बताएं की कैसे और कितने बलिदानों व संघर्षों के बाद हमारे उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      याद रखियेगा उत्तराखंड किसी राष्ट्रिय दल की मेहरबानी से नही मिला है, उत्तराखंड क्रान्ती दल के संघर्षों और 42 शहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      जय उत्तराखंड🙏

  • @poojakhattrikhattri9741
    @poojakhattrikhattri9741 3 года назад +1

    Tq sir 😊😊

  • @shivamjoshi3894
    @shivamjoshi3894 3 года назад +1

    D.D pant

  • @kailashmehra689
    @kailashmehra689 3 года назад +1

    Dear aap bahut aage se story bata rahe ho. 1857 ki kranti se uttarakhand ki sanghthan banne suru ho gaye the. Pls detail se barik points do. Taki hum kuch naya dhud paye.

  • @kamaljoshi8096
    @kamaljoshi8096 3 года назад +1

    Part 2 plz kl ko daal dena sir🙏

    • @JARDHARICLASSES
      @JARDHARICLASSES  3 года назад

      Ji bilkul a jayega

    • @aravnegi3296
      @aravnegi3296 3 года назад +1

      उत्तराखंड कैसे बना?
      Part-1
      क्या आप यह सब जानते हैं? यदि नहीं तो अवश्य पढ़िए.हर उत्तराखंडी को यह पता होना चाहिए
      1): 24- 25 जुलाई 1979, को मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन आयोजित किया गया और उसमें उत्तराखंड क्रांति दल(UKD)का गठन किया गया. प्रथम अध्यक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी पंत नियुक्त हुए.
      2): पर्वतीय दल का गठन पृथक राज्य तथा 8 जिलों को बनाने के लिए किया गया था. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल.
      .
      3): 23 नवंबर 1987 :काशी सिंह ऐरी जी की अध्यक्षता में दिल्ली के बोट क्लब तक की पैदल यात्रा की और राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में पहली बार हरिद्वार जनपद को भी शामिल करने की बात कही गई.
      4): 23 अप्रैल 1987: यूकेडी के उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने उत्तराखंड के निर्माण के लिए संसद में पत्र बम फेंका. इस कार्य के लिए त्रिवेंद्र पवार जी को काफी यातनाएं दी गई .
      5): 1987 बीजेपी ने एक सम्मेलन अल्मोड़ा में किया जिसकी अध्यक्षता आडवाणी जी द्वारा की गई. इस आंदोलन में उन्होंने उत्तराखंड नाम न रखकर उत्तरांचल की मांग कि
      6):1988 में श्री सोबान सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद का गठन किया गया.
      7): 1989 - सभी दलों ने मिलकर उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया. सभी दल एक बैनर के नीचे कार्य करने लगे अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी जी बने.
      8): 1990 में यूकेडी (UKD) के विधायक श्री जसवंत सिंह बिष्ट ने पहली बार पृथक उत्तराखंड के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखा |
      9) इस बीच आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल चुका था . बीबीसी ने तब कहा था कि आप को जीवित और चलते फिरते गांधी को देखना है तो आप उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं वहां गांधी आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज में विराट जन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है.
      10) 1 सितंबर 1994 को खटीमा और 2 सितंबर को मसूरी कांड के बाद 15 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु मसूरी कूच किया गया जिसमें पुलिस ने बडोनी जी को जोगीवाला, देहरादून में ही गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज दिया.
      11) इस दमन की सर्वत्र निंदा हुई .मुजफ्फरनगर कांड की सूचना मिलने के बाद 2 अक्टूबर की दिल्ली रैली में उत्तेजना फैल गई मंच पर अराजक तत्वों के पथराव से बडोनी जी चोटिल हो गए मगर उत्तराखंड के इस गांधी ने उफ तक नहीं की और यूपी हाउस आते ही फिर उत्तराखंड के लिए चिंतित हो गए .
      12) उन तूफानी दिनों में आंदोलनकारी जगह-जगह अनशन कर रहे थे धरने पर बैठे थे और विराट जुलूस के रूप में सड़कों पर निकल पड़ते थे. इनमें सबसे आगे चल रहा होता था दुबला पतला लंबी बेतरतीब दाढ़ी वाला शख्स इंद्रमणि बडोनी.
      13) इस ऐतिहासिक जन आंदोलन के बाद भी 1994 से 1999 तक बडोनी जी की उत्तराखंड राज्य के लिए जूझते रहे मगर कई सारी यात्राओं और अनियमित खान-पान से वह बीमार रहने लगे. देहरादून के अस्पतालों, चंडीगढ़ पीजीआई में, हिमालयन अस्पताल में इलाज कराते हुए भी मरणासन्न स्थिति मैं वह उत्तराखंड की बात करते रहते थे.
      14) गुर्दे के खराब हो जाने से दो चार बार डायलिसिस के लिए भी उनके पास धन का अभाव था.
      15) 18 अगस्त 1999 को उत्तराखंड का यह सपूत अनंत यात्रा की तरफ महाप्रयाण कर गया.
      **शत शत नमन**
      Kindly share!
      ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और उत्तराखंड राज्य निर्माण की सच्चाई जो की राष्ट्रिय पार्टियाँ आज तक दबाने का प्रयास करती आई है उसे आज की जनरेशन को बताएं की कैसे और कितने बलिदानों व संघर्षों के बाद हमारे उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      याद रखियेगा उत्तराखंड किसी राष्ट्रिय दल की मेहरबानी से नही मिला है, उत्तराखंड क्रान्ती दल के संघर्षों और 42 शहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
      जय उत्तराखंड🙏

  • @naveensinghnegi1429
    @naveensinghnegi1429 3 года назад

    Puri pariksha vani copy paste kia h..Sir apne ap se v bata dete kuch..

  • @anant1069
    @anant1069 3 года назад +2

    Sir UKSSSC ke syllabus mein " समास " bhi included hai ??

    • @JARDHARICLASSES
      @JARDHARICLASSES  3 года назад

      Syllabus me to nhi h but kayi bar exam m vha se bhi question a jate hn esliye समास vala topic bhi kra rkha h

  • @payalsajwanuttarakhand6313
    @payalsajwanuttarakhand6313 3 года назад

    प्रताप सिंह ने की अध्यक्षता की

  • @arunbhartari7623
    @arunbhartari7623 3 года назад

    UKD 1st adhyaksh D.D pant

  • @somsinghnegi5911
    @somsinghnegi5911 3 года назад +1

    thanks you sir I m waiting for this video

  • @viratuniyal7319
    @viratuniyal7319 3 года назад +1

    Aapne kalyan singh rawat do baar keha. Koi nhi galti ho jaati h

  • @bbmsingh4082
    @bbmsingh4082 3 года назад

    Ye book ki pdf mil jayegii

  • @Almorians
    @Almorians 3 года назад

    Sir iska bhi pdf available hoga kya

  • @illogicalcollection785
    @illogicalcollection785 3 года назад

    कल्याण सिंह रावत ??????????????

  • @anjalithapliyal8638
    @anjalithapliyal8638 2 года назад

    Sir patrabom kya hota h ???

  • @preetirana1247
    @preetirana1247 3 года назад +1

    Boht time se intjar tha mjhe es topic ka kai bar padh liya book me confusion ho jati hr bar ....sir aapka connect number milega

    • @JARDHARICLASSES
      @JARDHARICLASSES  3 года назад

      Telegram me contact kre- t.me/JardhariClasses

  • @vagishatiwari3503
    @vagishatiwari3503 2 года назад

    D D pant na ki pandey

  • @as-wn4he
    @as-wn4he 4 месяца назад

    .........

  • @brotherhood641
    @brotherhood641 3 года назад

    Sirf kalyan singh hai kalyan singh rawat nhi heeeehahaa😂😂😂

  • @sangeetarawat8092
    @sangeetarawat8092 3 года назад

    Uk ko to pm hi thik s nhi mil pa rhy uk ka kbada krne pr tule h,

  • @tauseefmalik551
    @tauseefmalik551 3 года назад

    उन्नीस सौ seventy nine 😂😂

  • @abhi10able
    @abhi10able 3 года назад

    Kaushik samiti ne rajdhani kha banane ki sifarish ki thi

    • @dollyrawat4425
      @dollyrawat4425 3 года назад

      कौशिक समिति ने राजधानी पर सिफारिश नहीं कि थीं
      उसने उत्तराखंड राज्य प्रिथक पर अपनी राय दि की उसमे 8 जनपद और 3 मंडलों की सिफारिश की

    • @abhi10able
      @abhi10able 3 года назад

      @@dollyrawat4425 Kaushik samiti ne bhi rajdhani gairsain par sujhav diya tga

    • @dollyrawat4425
      @dollyrawat4425 3 года назад

      @@abhi10able ok ji

  • @armyloverak472
    @armyloverak472 2 месяца назад

    Pdf

  • @xyzboy2474
    @xyzboy2474 3 года назад +1

    Sare hramkhor h koi bhi like ni krta jyada dekhte hai buss tabhi to niklte ni sale

  • @aravnegi3296
    @aravnegi3296 3 года назад +1

    उत्तराखंड कैसे बना?
    Part-1
    क्या आप यह सब जानते हैं? यदि नहीं तो अवश्य पढ़िए.हर उत्तराखंडी को यह पता होना चाहिए
    1): 24- 25 जुलाई 1979, को मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन आयोजित किया गया और उसमें उत्तराखंड क्रांति दल(UKD)का गठन किया गया. प्रथम अध्यक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी पंत नियुक्त हुए.
    2): पर्वतीय दल का गठन पृथक राज्य तथा 8 जिलों को बनाने के लिए किया गया था. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल.
    .
    3): 23 नवंबर 1987 :काशी सिंह ऐरी जी की अध्यक्षता में दिल्ली के बोट क्लब तक की पैदल यात्रा की और राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में पहली बार हरिद्वार जनपद को भी शामिल करने की बात कही गई.
    4): 23 अप्रैल 1987: यूकेडी के उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने उत्तराखंड के निर्माण के लिए संसद में पत्र बम फेंका. इस कार्य के लिए त्रिवेंद्र पवार जी को काफी यातनाएं दी गई .
    5): 1987 बीजेपी ने एक सम्मेलन अल्मोड़ा में किया जिसकी अध्यक्षता आडवाणी जी द्वारा की गई. इस आंदोलन में उन्होंने उत्तराखंड नाम न रखकर उत्तरांचल की मांग कि
    6):1988 में श्री सोबान सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद का गठन किया गया.
    7): 1989 - सभी दलों ने मिलकर उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया. सभी दल एक बैनर के नीचे कार्य करने लगे अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी जी बने.
    8): 1990 में यूकेडी (UKD) के विधायक श्री जसवंत सिंह बिष्ट ने पहली बार पृथक उत्तराखंड के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखा |
    9) इस बीच आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल चुका था . बीबीसी ने तब कहा था कि आप को जीवित और चलते फिरते गांधी को देखना है तो आप उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं वहां गांधी आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज में विराट जन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है.
    10) 1 सितंबर 1994 को खटीमा और 2 सितंबर को मसूरी कांड के बाद 15 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु मसूरी कूच किया गया जिसमें पुलिस ने बडोनी जी को जोगीवाला, देहरादून में ही गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज दिया.
    11) इस दमन की सर्वत्र निंदा हुई .मुजफ्फरनगर कांड की सूचना मिलने के बाद 2 अक्टूबर की दिल्ली रैली में उत्तेजना फैल गई मंच पर अराजक तत्वों के पथराव से बडोनी जी चोटिल हो गए मगर उत्तराखंड के इस गांधी ने उफ तक नहीं की और यूपी हाउस आते ही फिर उत्तराखंड के लिए चिंतित हो गए .
    12) उन तूफानी दिनों में आंदोलनकारी जगह-जगह अनशन कर रहे थे धरने पर बैठे थे और विराट जुलूस के रूप में सड़कों पर निकल पड़ते थे. इनमें सबसे आगे चल रहा होता था दुबला पतला लंबी बेतरतीब दाढ़ी वाला शख्स इंद्रमणि बडोनी.
    13) इस ऐतिहासिक जन आंदोलन के बाद भी 1994 से 1999 तक बडोनी जी की उत्तराखंड राज्य के लिए जूझते रहे मगर कई सारी यात्राओं और अनियमित खान-पान से वह बीमार रहने लगे. देहरादून के अस्पतालों, चंडीगढ़ पीजीआई में, हिमालयन अस्पताल में इलाज कराते हुए भी मरणासन्न स्थिति मैं वह उत्तराखंड की बात करते रहते थे.
    14) गुर्दे के खराब हो जाने से दो चार बार डायलिसिस के लिए भी उनके पास धन का अभाव था.
    15) 18 अगस्त 1999 को उत्तराखंड का यह सपूत अनंत यात्रा की तरफ महाप्रयाण कर गया.
    **शत शत नमन**
    Kindly share!
    ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और उत्तराखंड राज्य निर्माण की सच्चाई जो की राष्ट्रिय पार्टियाँ आज तक दबाने का प्रयास करती आई है उसे आज की जनरेशन को बताएं की कैसे और कितने बलिदानों व संघर्षों के बाद हमारे उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
    याद रखियेगा उत्तराखंड किसी राष्ट्रिय दल की मेहरबानी से नही मिला है, उत्तराखंड क्रान्ती दल के संघर्षों और 42 शहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
    जय उत्तराखंड🙏