रामदेव जी पैदल यात्रा,,,गांव थलवाड़,,,।। kariban 7 din Lage pahunchne mein,,,Ramdevra Dham Jaisalmer

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  • Опубликовано: 6 фев 2025
  • बाबा रामदेव राजस्थान के लोक देवता है लेकिन इनके भक्त राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश मे भी सर्वाधिक है। यहां भादवा माह में मेला भरा जाता है, इस दौरान 35 से 40 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। बाबा रामदेव 14वीं सदी के शासक थे। मान्यता के अनुसार उनके पास चमत्कारिक शक्तियां थी और उन्होंने कई पर्चे भी दिए थे। उन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों तथा दलितों के उत्थान के लिए समर्पित किया। भारत में कई समाज उन्हें अपने इष्टदेव के रूप में पूजते हैं।बाबा रामदेव संस्था:रामदेव मंदिर का सबसे बड़ा ट्रस्ट, 1767 सदस्य है जुड़े, बच्चे के जन्म के साथ ही ट्रस्ट में होती एंट्री
    जैसलमेर2 वर्ष पहले
    बाबा रामदेव राजस्थान के लोक देवता है लेकिन इनके भक्त राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश मे भी सर्वाधिक है। यहां भादवा माह में मेला भरा जाता है, इस दौरान 35 से 40 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। बाबा रामदेव 14वीं सदी के शासक थे। मान्यता के अनुसार उनके पास चमत्कारिक शक्तियां थी और उन्होंने कई पर्चे भी दिए थे। उन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों तथा दलितों के उत्थान के लिए समर्पित किया। भारत में कई समाज उन्हें अपने इष्टदेव के रूप में पूजते हैं।
    इनके वंशज आज भी समाधि स्थल पर पूजा अर्चना करते हैं। बाबा रामदेव मंदिर समिति के नाम से ट्रस्ट है जो कि संभवतया किसी मंदिर का सबसे बड़ा ट्रस्ट है। इसमें वर्तमान में 1767 सदस्य है। जानकारी के अनुसार इनके वंशजों में बच्चे का जन्म होने के साथ ही उसका नाम ट्रस्ट में सदस्य के तौर पर शामिल कर लिया जाता है। इसके अलावा मंदिर में मुखिया के तौर पर गादीपति का दर्जा भी दिया जाता है।
    वर्तमान में गादीपति पर राव भोमसिंह है जाे मंदिर समिति के अध्यक्ष भी हैं। मंदिर समिति द्वारा आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था की जाती है। मंदिर परिसर में करीब 500 कर्मचारी कार्यरत है। जिसमें 200 से अधिक सुरक्षा गार्ड है। मंदिर समिति मंदिर के साथ ही रामदेवसर तालाब की देखरेख भी करती है।
    रामदेवरा ट्रस्ट के सबसे बुजुर्ग और सबसे छोटा सदस्य मंदिर समिति में 1767 सदस्य हैं। जिसमें सबसे बुजुर्ग सदस्य के रूप में तगसिंह तंवर है जो कि 87 वर्ष के हैं। ये बाबा रामदेव की 16वीं पीढ़ी है। वहीं नए सदस्य के तौर पर छह दिन पहले जन्मा बच्चा है जिसका नामकरण तो नहीं हुआ लेकिन ट्रस्ट में उसकी एंट्री हो चुकी है। वह बाबा रामदेव की 20 वीं पीढ़ी है। समिति का सिस्टम अनूठा है। रामदेवरा में रहने वाले बाबा रामदेव के सभी वंशज मंदिर से जुड़े हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं में जुटे रहते हैं।

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