गो.जीवकाण्ड/वीडियो62/169से170।भरतचक्रवर्ती द्वारा सूर्य में स्थित जिनबिम्ब दर्शन की विस्तृत विवेचना।

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  • Опубликовано: 13 янв 2025

Комментарии • 6

  • @nidhijain5052
    @nidhijain5052 5 дней назад +1

    जय जिनेन्द्र भैय्याजी ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद आभार🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @manjujain5180
    @manjujain5180 8 часов назад

    भैया जी आप ने बहुत अच्छी तरह से समझाया ।
    आपके क्षयोपशम ज्ञान को हम नमन करते हैं 🎉

  • @shakuntalajain1898
    @shakuntalajain1898 21 день назад +1

    जय जिनेन्द्र भैयाजी।
    अत्यधिक मेहनत से समझाने के लिए बहुत2 आभार।नई जानकारी प्राप्त हुई।

  • @alpanajain8176
    @alpanajain8176 21 день назад +2

    भरत चक्रवर्ती महाराज कैसे सूर्य के विमान में अरिहंत परमेष्ठि का दर्शन कर्क संक्रांति पर करते हैं यह विषय बहुत ही अच्छे से समझ आया ,धन्यवाद।

  • @padmash9446
    @padmash9446 20 дней назад +1

    जय जिनेन्द्र भैया जी बहुत अच्छे से समझाया आपने किस प्रकार से भरत चक्रवर्ती सूर्य विमान से स्थिति जिन प्रतिमा ओ के दर्शन करता हे बहुत बहुत आभार

  • @priyamvadajain2096
    @priyamvadajain2096 3 дня назад

    भैया जी आपने बहुत ज्यादा अच्छी तरह से हमें समझाया है इसलिए हमें समझ मे आ गया है।आपकी मेहनत की वंदना करती हूं।