गांधी, सुभाष या भगत सिंह? किसकी वजह से मिली भारत को आजादी?

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  • Опубликовано: 12 ноя 2024

Комментарии • 27

  • @vishvajeet4355
    @vishvajeet4355 4 дня назад

  • @BhanwarsinghChapmpawat
    @BhanwarsinghChapmpawat 2 месяца назад +2

    एकदम सटीक जानकारी
    अतिसुंदर

  • @vitaanclasses
    @vitaanclasses 2 месяца назад

    बहुत शानदार🎉

  • @Rakeshkhandelwal14
    @Rakeshkhandelwal14 2 месяца назад

    🎉🎉🎉

  • @ramniwasodint7834
    @ramniwasodint7834 2 месяца назад +2

    अतिसुंदर हैं ❤❤❤❤❤❤❤

  • @ramkishannandramchoyal8648
    @ramkishannandramchoyal8648 2 месяца назад +1

    Very good podcast. Loved the content.

  • @shriramsharma745
    @shriramsharma745 Месяц назад +1

    Superb, haven't seen anything better than this one on our history

  • @Monikabhaskar07
    @Monikabhaskar07 2 месяца назад

    💯❤️

  • @KhushiShekhawat_07
    @KhushiShekhawat_07 2 месяца назад +1

    👍🏻👍🏻👍🏻❤️

  • @mukeshbhargaw9809
    @mukeshbhargaw9809 Месяц назад

    Civil disobedience movement -1920
    Non cooperation movement -1930
    Quite India movement -1942
    Time duration about 10years
    is beech koi bhi Neta nhi huva jise itne logon ne follow kiya ho
    Kisike kaam pe comment karna bahut easy hai
    Gandhi not a person Gadhi is an ideology
    Aur aaj ke samay me apne ancestors ke favor ko bhul jate h fir vo to Gandhiji h
    Shyam ji hmare ganv ke h but i am not content with his fact which he delivered in our mind

    • @ThisThatVagairahVagairah
      @ThisThatVagairahVagairah  Месяц назад +2

      Mukesh everyone has a right to form his own opinion, so we can agree to disagree.
      Baaki podcast me kahi gayi har baat ka refrence aur proof diya hua hai, koi bhi baat whatsapp university se nahi uthaai gayi hai.. if you can prove otherwise, comment box is open.
      is beech me doosra neta kyon nahi hua, ye hum GANDHI par alag se podcast me detail se discuss karenge.. Hope you watch (with open-mind) that podcast too. 😊

  • @gunjanshekhawat4361
    @gunjanshekhawat4361 2 месяца назад

    ❤👍🏻👍🏻

  • @bhaveshjoshi149
    @bhaveshjoshi149 2 месяца назад

    ❤️👍

  • @Manu_RAS1
    @Manu_RAS1 Месяц назад

    फिल्म मेकर🤡Talking about history ??

    • @ThisThatVagairahVagairah
      @ThisThatVagairahVagairah  Месяц назад

      Why not?
      इतिहास (या कोई भी विषय) किसी की बपौती थोड़ी है? कोई भी इसे पढ, समझ सकता है और अपनी राय बना सकता है।
      जिनको आप "इतिहासकार" मानते हो वो भी तो चंद्रगुप्त मौर्य के साथ क्रिकेट नहीं खेले होंगे, वो भी तो कहीं से पढ कर ही चंद्रगुप्त मौर्य के बारे में लिख रहे हैं? इंटरनेट के इस युग में आप भी वही सब पढ सकते हो जो वो पढ रहे हैं। उसके लिए "इतिहासकार" का लेबल लगा होना जरूरी नहीं है।
      वीडियो में बताए गए हर फैक्ट, कथन या घटना का रेफरेंस दिया हुआ है, फिर भी आपको किसी चीज पर फैक्चुअल आपत्ति है तो बताओ।

    • @Manu_RAS1
      @Manu_RAS1 Месяц назад

      ​​@@ThisThatVagairahVagairahबपौती नहीं है मेरे भाई लेकिन इतिहास इधर उधर से उठाए गए तथ्यों का नाम नहीं है इतिहास जैसा है वैसा समझने के लिए अपना नेरेटिव साइड में रखना पड़ता है , ये भाई साहब बोल रहे है की गांधी जी का खिलाफत आंदोलन में भाग लेना भारत की आजादी के लिए सेंस नहीं बनाता , अपना चस्मा साइड में उतार कर देखोगे तो किसी पक्ष को साथ लेने के लिए उसके धार्मिक आंदोलन का सहारा कोई नई बात नहीं , तिलक जी ने महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के नाम पर क्रांति कर दी थी , जो इतिहास को समझ कर पढ़ता है वो ये जानता है की गांधी जी का उद्देश्य खलीफा को पुनर्स्थापित करना नहीं था वे बस इस आंदोलन के माध्यम से मुस्लिमो को भी इस लड़ाई का हिस्सा बनाना चाहते थे जो की उनके असहयोग आंदोलन में दिखता भी है , पर ये भाई साहब की तो अकल और समझ 10 वी के सामान्य छात्र जितनी भी नहीं है और आप हां में हां मिला रहे है । ये मैने एक उदाहरण दिया है आप चाहते है तो मैं लाइन लगा दूंगा लेकिन उसके लिए आपको दिमाग खोलना पड़ेगा , इतिहास जैसा है वैसा समझना पड़ेगा ।

    • @OdintWala
      @OdintWala Месяц назад

      ​@@Manu_RAS1पहली बात तो आप यह बेसिक फर्क ही नहीं समझ पा रहे कि गणेश उत्सव और खिलाफत आंदोलन में बहुत फर्क है। तिलक धर्म को नेशनलिज्म से जोड़ रहे हैं, जबकि ख़लीफा कॉन्सेप्ट ही Religious Superemacy को establish करता है कि देश-वेश कुछ नहीं मजहब सर्वोपरि है, चाहे तुम किसी भी देश में रहो खलीफा ही तुम्हारा political leader है। यह एकदम ही विपरीत है Nationalism के।
      "आंदोलन के माध्यम से मुस्लिमों को भी इस लड़ाई का हिस्सा बनाना चाहते थे" 🤣🤣 आपकी यह समझ वाकई 10वीं क्लास जितनी ही है। इन रटी रटाई बातों से आगे बढो। बस उन्होंने लिख दिया और आपने मान लिया.. इससे आगे खुद दिमाग लगा कर सोचो..
      कि मुस्लिमों को इस लड़ाई का हिस्सा बनाने के लिए खिलाफत आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी होगी? मतलब आपका तात्पर्य है कि मुसलमान आजादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं थे? नहीं थे, तो क्यों नहीं थे?? क्या यह देश मुसलमानों का नहीं था जो उनको अलग से शामिल करने के लिए इन्विटेशन देना पड़े?? और खिलाफत आंदोलन के बाद कितने मुसलमान "गांधीजी की इस लड़ाई" का हिस्सा बन गए?
      और खिलाफत आंदोलन से मुसलमानों की अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में गांधीजी शामिल हो रहे हैं, ना कि गांधीजी की लड़ाई में मुसलमान।
      इतिहास पढने-समझने का सही तरीका यह है कि कुछ भी पढने के बाद इस प्रकार तरह तरह के सवाल खुद से पूछा करो, तब कुछ नया explore कर पाओगे वरना यही कचरा रटे हुए घूमोगे और दूसरों को चश्मा लगा हुआ बताओगे।
      आगे समाचार यूं है कि यूट्यूब एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, फेसबुक की तरह बहस का अखाड़ा नहीं। और पॉडकास्ट में सबसे पहले ही क्लीयर किया गया है कि same facts के आधार पर हर किसी का अपना अलग conclusion हो सकता है, हर कोई अपनी अलग धारणा बना सकता है। कोई भी धारणा गलत या सही नहीं होती।
      और इससे पहले Education System वाले पॉडकास्ट में यह भी क्लीयर किया गया है फैक्ट्स/डाटा/इन्फॉर्मेशन आप कहीं से पढ सकते हैं, धारणा आपकी खुद की बनाई होनी चाहिए कहीं से पढी हुई नहीं।
      इसलिए अगर वीडियो में दिए गए किसी फैक्ट पर आपत्ति है तो आगे कमेंट करें, रिप्लाई में उसका रेफरेंस दिया जाएगा (लगभग हर चीज का रेफरेंस वीडियो में दिया हुआ ही है)। धारणा के बारे में आपत्तियों का कोई जवाब नहीं दिया जाएगा। उम्मीद है कि आपको ऑपिनियन और फैक्ट में फर्क पता होगा।
      जय हिंद।

    • @OdintWala
      @OdintWala Месяц назад

      ​@@Manu_RAS1ruclips.net/user/shorts5V0QJ-IDR7k?si=h29wmfHl9KStvKF6

    • @Manu_RAS1
      @Manu_RAS1 Месяц назад

      आपनी मां ने डाकन कुन के भाई ?😅, बाकी मेरी पढ़ाई कितनी है , मैने क्या रटा है शायद आपको बताने की जरूरत नहीं पर आपके इन महाशय की तरह में अपने स्वतंत्रता लड़ाकों पर या उनकी नियत पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाता ,पर आपका ये सवाल अच्छा है की मुस्लिम आंदोलन का हिस्सा नहीं थे क्या ये देश उनका नहीं था ? पर इस हिसाब से क्या ये देश RSS का नहीं था ? क्योंकि आंदोलन का हिस्सा तो वो भी नहीं थे ? क्या ये देश अंबेडकर का नहीं था ? क्योंकि वे भी आजादी से पहले दलित कल्याण चाहते थे ! भाई भगवान का लाख लाख शुक्र है आपकी जैसी सोच वाले आजादी की लड़ाई में नहीं थे ।दूसरी बात क्या फर्क है ? टू नेशन थियरी वाले सावरकर और 14 सूत्री मांगो वाले जिन्ना में ? बस ये की सावरकर मेरी जात का है । सच बात ये है की कांग्रेस ही थी जो आजादी की लड़ाई लड़ रही थी चाहे वो आंदोलन की विंग हो या क्रांतिकारियों की , सबका मकसद आजादी था आपसी मतभेद हो सकते क्युकी आपके तरीके अलग हो सकते है आजादी के पर नियत में खोट नहीं । मुस्लिम लीग और ये कहने वाले की भारत आजाद इसलिए हुआ की अंग्रेज चले गए , हमने कुछ किया नहीं ,दोनो एक ही पलड़े में है ।आपकी ये बात भी सही है की फैक्ट एक ही होता है आपकी धारणाएं अलग हो सकती है लेकिन इस धारणा को इतिहास बनाकर पेश करना आपकी नियत पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है , और एक अंतिम बात भाई , आपके इन महाशय ने सुभाष चंद्र बोस को गांधी के अगेंस्ट खड़ा कर दिया आप तो मुझे इतना बता दीजिए को गांधी जी को बापू कहां किसने था ? आप कहेंगे तो में बोस की उस "रंगून रेडियो स्टेशन" वाली पूरी स्पीच का लिंक दे दूंगा पढ़ लीजिएगा।