Mahabharat का लाक्षागृह Barnawa में अब कैसा है? || Barnawa Bagpat UP | Mahabharat | Lakshagraha

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  • Опубликовано: 26 янв 2025

Комментарии • 16

  • @GopalRaju
    @GopalRaju Год назад

    लाखा मण्डल तो हमने देखा और सुना जो कि हमारे उत्तराखंड में है | तो क्या महाभारत काल में दो लाक्षागृह बने थे, कृपया देखें

  • @yadavshaili
    @yadavshaili 3 года назад

    सुनील शास्त्री जी का नम्बर मिल सकता है क्या भाई? आपकी वीडियो बहुत अच्छी लगी। वीडियो देखने के बाद जाने का प्लान कर रहे हैं ।

  • @pradumantyagi9224
    @pradumantyagi9224 2 года назад

    Achhi place. H ghumne k lia

    • @eaglespower26
      @eaglespower26 2 года назад

      Ye ghumne ki place nai he ye ek gathaa he aise logo ki jo ati khatarnak yoddha thee or 11 foot lambe thee

  • @roshanpandet9340
    @roshanpandet9340 2 года назад

    क्या बरनावा के लाक्षागृह में महानंद नाम का कोई स्कूल या पाठशाला चलती है जो जानते हैं वह बताएंगे भाई

    • @Kanhavlog1947
      @Kanhavlog1947 11 месяцев назад

      गुरुकुल है भाई वहां एक संस्कृत पढ़ते हैं बच्चे वहां, बागपत से 40 किलोमीटर दूर है ये, थोड़ा खंडित हो गया है क्योंकि कांग्रेस सरकार में इसका धयान नहीं दिया गया और मुस्लिम लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है अब यहाँ

    • @roshanpandet9340
      @roshanpandet9340 11 месяцев назад +1

      @@Kanhavlog1947 Maharishi shringi Rishi ki Atma ne
      Uttar Pradesh ke Muradabad Jile cake Puranpur Gaon Mein
      Julahe ke ghar Krishna Dutt Naam Se Janm liya tha
      Mahanand ki Atma Unka shishya hai
      Mahananda Naam Se yah Hai Sanskrit Pathshala Hogi
      Aap Iske aaspaas se hai ya Nahin kripya bataenge

  • @kumkumkasana2403
    @kumkumkasana2403 9 месяцев назад

    *मुनिवरों! राष्ट्र उस काल में पवित्र बनेगा जब यहाँ प्रत्येक मानव अपने कर्तव्य का पालन करेगा क्योंकि कर्तव्यवाद ही तो हमारे यहाँ धर्म माना गया है धर्म केवल उसको नहीं कहा जाता है कि आज हम शिवालय में चले जाए इससे कदापि भी राष्ट्र ,समाज धर्म कभी ऊँचा नहीँ बनता। धर्म और मानवता उस काल में ऊँची बनती है जब मानव मानव के विषय में विचारना आरम्भ कर देता है। जहाँ कर्तव्यवाद नहीँ रहता केवल स्वार्थवाद आ जाता है उस काल में धर्म और राष्ट्र दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का जो समाज जो मुझे दृष्टिपात आ रहा है आज तो प्रत्येक मानव के हृदय में स्वार्थ भरे वाक्यों से प्रश्न किया जाता है तो वहाँ केवल एक अग्नि ऐसी प्रदीप्त होती है कि उनका हृदय यही कह रहा है कि यह आर्यव्रत राष्ट्र कदापि भी ऊँचा नहीँ बनेगा। राष्ट्र में जो मृत्यु आ गयी है इसका मूल कारण संसार में कर्तव्यवाद का न होना है और स्वार्थवाद का आ जाना है। धन को अधिक प्रधानता दे देना और हृदय में कुछ है और बाहय जगत उनका कुछ और है। मनोवैज्ञानिक ऋषि कहते है की राजा के राष्ट्र में कर्णधारों के मष्तिष्क में ऐसी विचारधारा है तो उस समय प्रजा और राष्ट्र अग्नि के मुखारविंद पर विराजमान हो जाता है। यह संसार आज अग्नि के उस मुखारविंद पर विराजमान हो गया है, आज वह व्यक्ति और राष्ट्र नेता ऊँचा माना जाता है जो सबसे ज्यादा मिथ्या उच्चारण करे। उन व्यक्तियों को लोग कहते है कि यह कितना बुद्धिमान है। यह इसीलिये आज का समाज अधोगति को जा रहा है। इस जगत का आज एक ही उपाय है की शिक्षालयों में ब्रह्मचारी और छात्र पवित्र बनें।*

  • @pradumantyagi9224
    @pradumantyagi9224 2 года назад

    Ma barnawa ka hu

  • @SalimAnsari-ni5vd
    @SalimAnsari-ni5vd 3 года назад

    Or pandw ke raxha musalmano ne
    Ke the is laxy garha me pandaw ko
    Muslalmano ne bachaya tha

    • @BhanuPratapSingh-qh3pl
      @BhanuPratapSingh-qh3pl Год назад +5

      तब तो पूरी दुनिया मे इस्लाम का नाम तक नही था तो मुसलमान कहा से पैदा हो गए 🤣
      मोहम्मद पैंगबर का जन्म 622 ईसा पूर्व हुआ जो महाभारत काल से काफी बाद का समय है तो महाभारत मे मुस्लिम कहा से आ गए 🤔
      मतलब कुछ भी बकचोदी कर देते है तुम लोग🤣

    • @WanderMohit
      @WanderMohit Год назад

      Bhag bhos dike tab Tera Allah bhi paida nahi hua th laudu

    • @surendrasinghnegi885
      @surendrasinghnegi885 Год назад

      Katu baskar

  • @MukulKumar-l7l
    @MukulKumar-l7l Месяц назад

    Hota h pura veda ka yajya hmare yha.. aisa mt khiye ki khin ni hota 12:36