अंग्रेज़ी भौंकने वाले गँवार || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव (2022)
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- Опубликовано: 26 июл 2022
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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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वीडियो जानकारी: 25.06.2022, वेदांत महोत्सव, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ हिंदी भाषा का जीवन में क्या महत्त्व है?
~ युवाओं में हिंदी भाषा के प्रति पूर्ण सम्मान व स्वीकार क्यों कम देखने को मिलता है?
~ भारत की संस्कृति में हिंदी भाषा का क्या महत्त्व व योगदान रहा है?
~ हिंदी भाषा का चलन इतना कम क्यों हो गया है?
~ हिंदी भाषा का संस्कृति में, और धर्म में क्या योगदान है?
~ हिंदी भाषा का विधायक प्रचार-प्रसार करने के लिए हमें क्या करना होगा?
~ हिंदी भाषा के पतन के प्रमुख कारण?
~ हिंदी भाषा को कैसे फैलाएं?
~ भारत ने हिंदी का सम्मान क्यों नहीं किया?
~ अंग्रेजी न आने पर ग्लानि क्यों होती है?
~ आजकल सभी लोग उन्हें ही क्यों पसंद करते हैं जिनको अंग्रेजी आती है?
संगीत: मिलिंद दाते
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वाकई आपकी एक एक बात बहुत मार्गदर्शन करती है
हर मुद्दे पर आप बहुत ही बारीकी से चीजों को बताते हैं ।
धन्यवाद।।
Excellent acharya ji
Jabardast terefic excellent acharya ji ese hi baate batya karye aur hum logo ko janwar se insaan bana dijye
वाकई में मैंने अपने 33 साल के जीवन में आचार्य प्रशांत जी जैसे तर्क के साथ बात समझाने वाले गुरु नहीं देखा अब तो ये लग रहा कि वाकई में आचार्य प्रशांत जी जो ये प्रेरणात्मक कार्य कर रहे है उससे देश सुधार कि ओर जाएगा जो नित्नत आवश्यक है । Shraday नमन है आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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सच कहा
मूल बात यही है की हम में हिन्दी को लेकर प्रेम नहीं। शत प्रतिशत सत्य कथन आचार्य जी। ♥️🕉🚩
Sehi kaha logg hai hi gawaar... Dusre countries ko dekho sab aapni aapni bhashaon m baat krte hn. But hum yahn angreji bolne pe hi educated mane jate hn🤦♀️
प्रेम आएगा कहां से जब तक उसको समझेंगे नहीं हिंदी को हिंदी में 84 हजार शब्द और अंग्रेजी में सिर्फ 12000 शब्द hai कितनी गरीब भाषा है अंग्रेजी यह अमीर लोग फिर अंग्रेजी गरीब भाषा को क्यों अपनाते हैं अमीर भाषा को क्यों नहीं अपनाते हिंदी को यह पढ़े-लिखे मूर्ख लोग है
मे देख रहा था एक हॉकी प्रतियोगिता का फाइनल था और मैच था भारत और जापान का और जब मैच खत्म हुआं और मीडिया सवाल जवाब कर रही थी और जब जापानी टीम के कप्तान की बारी आई थी तो वो एक अनुवादक साथ लेकर आये थे और हर सवाल का जवाब मातृभाषा जापानी में जवाब दे रहे थे
और इस देश का हाल ये है कि यहां शानदार से शानदार कोई क्रिकेटर हो लेकिन अगर उसको अंग्रेजी नहीं आती हो तो इस बात की पुरी संभावना है कि वो आगे करियर नहीं बना पायेगा
और ऐसे कई विदेशी है जो भारत आकर हिंदी सीखते हैं
जापान की मायो और कोहे
कोरिया से कोरिया का लाला
चीन से मीरा
अपनी मातृभाषा पर क्या हीन भावना
चाहे वो कोई भी भाषा हो
Sahi h
@@shadowtechz9O9O cricketer me virat kohli match fixer he.
भाषा मात्र भाषा नहीं होती है वो एक संस्कृति की पहचान होती है....।🙏🏻
हम मराठी हैं और हम अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा हिंदी का सम्मान करते हैं.और भारत के और राज्य की भाषा सिखने का प्रयास कर रहे है.
Bahut badhiya 👌👌👌
কে বললো হিন্দী রাষ্ট্র ভাষা
ভারতের কোনো রাষ্ট্রভাষা নেই
Jai Maharashtra
हिंदी पढ़े, हिंदी पढ़ाए
देश को समृद्ध और संस्कृत मय बनाए
हिंदी के प्रति सम्मान लाए,
🙏🙏
Wahh...kya baat hai 👏👏🙏
Hindi nai sanskrit
गुरुकुल शिक्षणपद्धती ही एक अच्छा पर्याय हे
Not only Hindi sabhi ki apni language h apni matribhasa
@@harmoniumyaman709একদম মাতৃভাষা সর্বশ্রেষ্ঠ জয় ভারত জয় বাংলা
अंग्रेज़ी सीखना गलत नहीं है, अंग्रेज़ बन जाना गलत है🙏
भाषा सीखो, पर अपनी संस्कृति को न भूलो, किसी भाषा को सीखने में 🙏🙏🙏
Yes Bhai.
Our history books glorify the englishness in everything..and yeah there's no word called as Englishness but I wrote this to prove my point.
Good👍
Learn English but don't become like Sashi Tharoor
@@demonking4492 why not
हिंदी को छोड़कर लोग अंग्रेजी की ओर भागते हैं उनकी मानसिकता ये है कि अंग्रेजी बोलेंगे , लिखेंगे तो हम आधुनिक समझे जाएंगे। इस आधुनिक बनने के चक्कर में अपनी संस्कृति ,सभ्यता मातृ भाषा सब भूलते जा रहे हैं ।।
Bhulane se kya hoga 😐
सही कहा आपने
English language ko bolne ya padhne ka mtlb ye bhi hein ki job professional specially IT sector or research jobs mein Hindi mein kaam nhi kr skte, wha aapko English ko bolna bhi pdega, or likhna, world se connect krna h to, baki time Hindi language or apni mother tongue bolo, kon rok rha h
Bharat ke saare bhashaon ka ye haal hai.
आचार्य जी यहाँ हिंदुस्तान ही नहीं पूरा विश्व आएगा . क्योंकि जब बात सत्य और प्रेम की होगी तो हर कोई आकर्षित होगा🙏
कल मैंने यही बातें अपने विद्यार्थियोंको आपका बिना लेक्चर देखे ही बताई थी इसीलिए हम आपको दिल से प्रणामकरती हूं आप वास्तव में एक महान व्यक्तित्व के स्वामी हैं
हिंदी के प्रति आपका प्रेम देखकर हार्दिक प्रसन्नता हुई गुरुजी🙏🙏❤❤
हिंदी बोलने से अपने मन मे नम्रता का भाव पैदा होती है
वही अंग्रेजी बोलने से अपने मन मे घमंड का भाव पैदा होता है
💯
बिल्कुल सही कहां आपने
💯💯💯💯
👍...
मुझे बिलकुल शर्म नहीं आती हिंदी बोलने में मैं कविताएं लिखती तो मुझे तो प्रेम है हिंदी से👏👏
हिंदी हमारी मातृभाषा है हम कभी नहीं भूल सकते
सुप्रभात प्रशांत जी।आपने सच में दिल जीत लिया। हृदय से नमन करती हूं आपको 🙏🙏
जय महादेव
जय गुरुदेव
भारत से अंग्रेज गये परन्तु अंग्रेजी भाषा का भारतीय अभी तक गुलाम है जो अंग्रेज ने भारतीय स्त्री और लोगों पर अत्याचार किए हमारी संस्कृति पर भी फीर भी अंग्रेजी भाषा बोल रहे हैं और अपने आप को होशीयार महान व्यक्ति समझते हैं
में एक गुजराती हु मुझे हिंदी और गुजराती पर गर्व है
हिंदी पर आपके विचार सुन कर अत्यन्त आनंद प्राप्त हुआ।
हिंदी में बात करना कही से गवार नही है, अंग्रेज़ी का पर्याप्त ज्ञान होने और बोलने के बाद भी, मैं हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करता हूँ, मुझे इसपर गर्व है।
जय हिन्द, जय हिंदी
बिल्कुल सत्य हम विदेशी भाषा को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारी भाषा कितनी मधुर और सुभोभित है हमें अपने देश और देश कि अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए।
હું એક ગુજરાતી છું અને મને મારી માતૃભાષા પર અને હિન્દી રાષ્ટ્રભાષા પર ગર્વ છે..!!
સત સત નમન આચાર્યજી..!! 🙏🏻🌹
હિન્દી રાષ્ટ્રીય ભાષા નથી.
@@vishantbayani2177 આપણે બનાવીશુ તો ચોક્કસ બનશે..!!
@@vipulmakvana7171 yes sir ,
राष्ट्र भाषा हिन्दी एक दिन जरूर होगी....
तो हिन्दी में लिखते
Britisher Lord Macaulay said that "if Indians think that all that is foreign and english is good and greater than their own, they will lose their self esteem, their native culture and they will become what we want them, a truly dominated nation".
यदा यदा धर्माश्या...अर्थात जब जब धर्म की हानि होती है,तब तब मैं पृथ्वी पर अवतरित होऊंगा।लगता है आचार्य जी के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार हो चुका है। जिस तरह से आचार्य जी ने गीता कि व्याख्या की है वो किसी ने नहीं।सभी ने अपने हित को ध्यान में रखकर गीता को परिभाषित किया ,लेकिन आचार्य जी ने गीता को गीता की तरह ही व्याख्या किया है। अर्थात कृष्ण कि तरह .... कोटि कोटि नमन।🙏
अंग्रेजी सीखो.. पर उसे सिर पर मत चढाओ...और..हिंदी बोलने में कोई भी आंतरिक हिनभावना मत रखो 👌👌👌नमन आचार्यजी 🙏🙏🌹
Agreed
सब मरे जा रहे हैं consumption के लिए, मूल और सच बात 🙏🙏🙏अचार्यजी❤️
सौभाग्य है कि हमें अनगिनत हीरे दिए इस माटी ने, और एक हीरा आचार्य जी भी हैं।
और दुर्भाग्य इस देश का की हीरे को पहचान नहीं पा रहा।
नमन आचार्य जी।
जो भी मेरे पास आता है अगर वह भारतीय और वह अंग्रेज़ी में बोल रहा है है तो मैं उसके साथ हिंदी में ही बात करता हूं। हिन्दी के प्रति यह विश्वास आप से आता है आचार्य जी।
😊The most educated and staright forward Guru ❤️🙏
इतना ज्ञान दिया फिर भी भाई तू
कमेंट हिंदी मै भी कर सकते है
@@pranjalpandey4205 😂😂
👍
@@pranjalpandey4205 sahi kaha kintu main Bengali hoon islea Hindi sentence main nhi likh sakta
सत्य वचन - जो प्रदर्शन प्रिय है, कायर हैं, हीन भावना से ग्रस्त हैं, मानसिक रूप से गुलाम है वो अंग्रेजी की ओर भागते हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
विदेश के लोग हंसते होंगे हम हिंदुस्तानीयो पर ...की कैसे मूर्ख है जो अपने देश की भाषा को छोड़ कर दूसरो की भाषा का रट्टा लगाते हैं ... पड़े लिखे मूर्ख है ...
बिल्कुल सही बात है आज विदेशी लोग भारत मे आकर यहाँ की संस्कृति को अपना रहे हैं और कुछ अंग्रेज़ बने फिर रहे भारतीय इसको ढोंग मूर्खता और पता नही कैसे कैसे शब्दो मे अपनी संस्कृति का मज़ाक बनाते हैं।। पहनावा या अंग्रेज़ी भाषा बोलना गलत नही है ।मगर अपनी मातृभाषा और अपनी संस्कृति को मूर्खता या ढोंग या हिंदी बोलने वालों को कम स्तर का समझना भारतीयों की सबसे बड़ी मूर्खता है । सब भाषा सब देश बढिया है ।मगर हिंदी और हमारा भारत महान था । है । और रहेगा ।जय भारत
मेरे ख़्याल से ये समस्या भारत की हर भाषा से संबंध रखती है चाहे पंजाबी हो,हिंदी हो या कोई और🙏🙏
चीफ की दावत 😌 हमने तो दसवी में पढ़ा आज फिर याद आ गया ♥️♥️ महाराष्ट्र बोर्ड 😌
On the other hand there are Punjabis who have converted Canada into Brampton Pind. I play Punjabi songs at my workplace here in Australia. The culture would only spread if you are proud of it.
प्रणाम आचार्य जी, बुरे लोग आसानी से एक हो जाते हैं, जबकि अच्छे लोगों को एक साथ लाना बहुत कठिन होता है, जिस दिन ये एकजुट हो जायेंगे मेरा देश सच में महान हो जाएगा ,जय श्री कृष्ण राधे राधे.
भारत में ज्यादातर लोग अंग्रेजी भाषा का प्रोयोग दूसरे को दिखाने के लिए करते है और अपने आप को दूसरो से ऊपर होने का शो ऑफ करते हैं।
हिंदी को लेकर हमारे मन में बहुत हीनभावना है ,प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻
हिंदी हमारा स्वाभिमान है । वंदे मातरम्
शत शत नमन आचार्य जी🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳
बहुत आभारी रहेंगे हम हिन्दी भाषी आपने जो उपकार
किया इतने सारे गुढ बाते हम आम लोगो को पता चल रहा है |
गुरू जी आप की चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩😭🕉️
जब तक हमारी अपनी भाषा हिन्दी के प्रति सम्मान नही होगा, हमारे भाषा का उत्थान नहीं हो सकता, , प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अन्य भाषाएँ भारत के अंग हो सकती हैं परन्तु हिंदी इसकी आत्मा है । 😘
आप इतने पढ़े लिखे है आचार्य जी और आपकी हिंदी बहुत अच्छी और मुझे आपकी हिंदी ही पसन्द आयी थी।
हिंदी में हमारे देश की आत्मा बसती है ...भाषा का अत्यंत ही सुंदर विश्लेषण ...
वाह ! हिंदीमय कॉमेंट सेक्शन पढ़के आनंद आ गया 😄
शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏❤️
जिस देश ने अपनी भाषा अपनी जुबान को सबसे ज्यादा अहमियत दी, सबसे ऊपर रखा, उन देशों ने ज़्यादा उन्नति कि, वो देश बहुत आगे गए, चीन को देख सकते हैं एशिया और यूरोप के दर्जनों देशों को हम देख सकते हैं ☺️
आचार्य जी,
ये हमारी आंतरिक खोखलापन ही तो है।
जो अपनी विकसित संस्कृति को छोड़कर ,एक अविकसित संस्कृति को अपनाते हैं।
आचार्य जी प्रणाम! ज्यादातर प्रतिक्रियाएं हिंदी में आनी प्रारम्भ हो गई हैं : बहुत अच्छा लगा | 🙏
कितना प्रकाश मिलता है आपके सानिध्य में 🙏
भीतर गुलामी की हीनता की इतनी गहरी चोट मन पर पड़ी है कि अभी तक उससे उबर नहीं पाये है उस हीनता को छुपाने के लोग इतना दिखावा करते हैं अंग्रेज़ी बोलना अलग बात है और अंग्रेज बन बिल्कुल अलग बात है 🙏🙏
9:16-9:40 अंतर्मन को छू गई😇
ईमानदारी-निष्ठा ज़रूरी है🙏🏼😊🌸
शत शत नमन गुरुजी।
🙏❤️🕉️
प्रणाम आचार्या जी 🙏
मै एक शिक्षिका हूं ।जब छोटे छोटे बच्चो को पाठ के प्रश्न - उत्तर,रिक्त स्थान, सही गलत आदि अंग्रेजी में याद करने को के देती हूं तो मुझे उनकी स्थिति पर बहुत बुरा लगता है,बेचारे छह सात साल के बच्चे उन्हीं प्रश्नों का उत्तर हिंदी में अच्छे से समझ जाते हैं और अपनी भाषा में लिख भी लेते पर फिर भी उन्हे रटना परता है। पहले spelling, फिर word meaning , फिर grametically arangement करना।
इस वजह से कई बच्चो को पढ़ाई बहुत बोझिल लगने लगता है।
Bilkul shi.. maine bhi 7 sal school me padhaya.. bht bchche yad h aise jinki bhasha k prati bebasi abhi bhi aise hi yad aati h .. kitne mushkil me h aajkal bchche...
"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।”
भावार्थ: __ निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।
मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं है।
विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान,
सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा के द्वारा ही करना चाहिये।
__ प्रणाम आचार्य जी ✍️
किसी भी काम में आंतरिक खोखलापन हमें किसी भी हद तक गिरा सकता है।🙏🙏
वो देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता जो अपनी मातृभाषा का सम्मान नहीं करते l
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी आप जैसे लॉगो की इस देश को जरूरत है |
आज बहुत जरुरी है कि आचार्य जी के साथ मिल के अपने धर्म और देश की रक्षा करें l
मैं जिस विद्यालय में पढ़ाने गई थी , वहां जाकर दिल टूट गया, वहां संस्कृत पढ़ाने का मन था और हमेशा से संस्कृत पढ़ाने का मन है पर समस्या ये है कि, बच्चों का मन नहीं है, संस्कृत पढ़ने का , और प्राथना भी अब आंग्ल भाषा में हो रही है जन गण मन भी😭😞 ऐसे कैसे चलेगा आचार्य जी आप अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आपका महोत्सव करिए आचार्य जी बहुत बहुत निवेदन है आपसे, हम 90 के बच्चे हैं नहीं देखते बनता ये सब😭🙏
बहुत ही सही कहा आचार्य जी आपने 🙏💐आज हम सब इंग्लिश के शिकार हो रहे हैं,उसी को अहमियत मिल रही है,यहां तक कि स्कूलों में अगर किसी शिक्षक को इंग्लिश नही आती तो उनको विद्यालय में रखते भी नही हैं।।🙏प्रणाम आचार्य जी
असली बात ये है कि हमारे अंदर गुलामी की इतनी बड़ी छाप छोड़ी गई है कि 800 साल गुलामी करके वो गुलामी हमारे खून में घुस चुकी है । हम दूसरे के बाप को अपना बाप मानने लगे हैं , अपने बाप को बाप कहने में हम शर्म महसूस करते हैं।
You are my favourite sir🙏🙏
Mine also 😊🙏
ये बात आप हिंदी मै लिख सकते थे। लगता है आपको अपनी भाषा से प्यार नहीं है।
देवनागरी में भी लिखो
शत शत नमन गुरुजी 🍂❤
Thanks!
पहले तो प्रणाम है नमन है प्रणाम है नमन है प्रणाम है नमन है नाम है नमन है आचार्य जी आप क्या है आप भगवान करें इतनी ऊंचाई पाई देश का हर व्यक्ति आपको जाने नई पौध खासकर लड़कियां जो आपसे आपके द्वारा वह ज्ञान हासिल करेंगी जो उन्हें बहुत जरूरत है
Behad ki param param mahashanti hai 🙏🙏🙏💐🙏
आज यही हो रहा है जो अचार्य जी ने बोले बिल्कुल 100 प्रतिशत सच्च है 🙏🙏
चरण स्पर्श आचार्य जी❤️❤️🙏🙏🙏
लोग बड़े गर्व से बोलते हैं कि , हमें हिंदी नहीं आती।
ये बोलना आजकल smartness का प्रतीक हो गया है।
शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जो दिखावे और smart बनने के चक्कर में अपनी भाषा छोड़कर दूसरी भाषा की गुलामी कर रहे हैं।
💯💯
आचार्य जी को प्रणाम। बहुत सुंदर तरीके से हमारे देश के अंग्रेजों को समझाया है आचार्य जी ने बहुत बहुत धन्यवाद
आपने बिल्कुल सत्य कहा. भले ही अंग्रेजी सीखना आवश्यक हो, पर अपनी मातृभाषा और अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी को सबसे अधिक महत्व देना चाहिए. आधुनिक बनने के लिए अंग्रेजी भाषा अनिवार्य नहीं हैं आप अपनी भाषा सीख कर भी आधुनिक बन सकते हैं. जापानी और कोरियन प्रजा इसका श्रेष्ठ उदाहरण हैं. अपनी भाषा और संस्कृति भी नहीं छोड़ी और आधुनिकता और तकनीकी विकास मेे भी श्रेष्ठता प्राप्त की हैं.
प्रणाम आचार्य जी 🙏☺️🇮🇳
जरूरत है आचार्य जी आपकी इस देश को 🇮🇳🙏
हिन्दी भाषा "अ" अज्ञानता/अनपढ़ अक्षर से शुरू हो कर "ज्ञ" के ज्ञानता पर आ कर पूर्ण होती है.
हिन्दी भाषा में कोई भी अक्षर को चुप/silent न कर के आधे शब्द को अगला शब्द उसे सहायक/पूर्ण करता है.
गर्व है हिन्दी भाषा पर और बोलने में.
आपसे मिलने से पहले बहुत बेवकूफों से मिला,
किन्तु जबसे आप मिले और कोई भाता नहीं आचार्य जी।🙏🙏🙏🙏
मुझे भारत में भारत के लोगों को आपस में अंग्रेजी बोलते देखना सबसे अधिक मूर्खतापूर्ण लगता है।
पिछले कही महीनो से मैं भी अपनी हिंदी सुधारने का प्रयत्न कर रहा हूं और दूसरो को भी हिंदी बोलने और लिखने के लिखे प्रोत्साहित करता हूं ।
आचार्य जी के द्वारा बारी- बारी से आंतरिक हास्यास्पद इस्तेमाल करने से हंसी आ ही जाती है.😁 Hey Bro..
सत्य वचन अचार्य जी के चरणों में बारम्बार प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
उच्च चेतना के इंसान हो आप
आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हमारे प्रधानमंत्री जी पी तो हिंदी में बात करते हैं लोगों के साथ
हमने तो भईया जी हिंदी माध्यम से ही अध्ययन किया है और बढ़िया हिंदी जानता हूं और उपयोग भी यही करता हूं। रही बात हिंदी के महत्व की, तो हम हिंदी पर अडिग रहते हैं सामने वाला जहां अंग्रेजी बोलना शुरू करता है हम शुद्ध और परिष्कृत हिंदी का उपयोग करते हैं तो वो स्वयं ही पूछता है कि भैया अपरिहार्य का क्या अर्थ? परिष्कृत का क्या मतलब? ज़रा सरल भाषा में बोलो न, तो हम भी यही बोलते हैं कि सरल एवम् सहज बोलो न, काहे को अपने देशवासियों से अंग्रेजी झाड़ते हो? वो भी केवल दिखावे के लिए! अपने घर में, अंग्रेजी में ही बातें करते हो?
भारतीय भाषाओं में कितना प्रेम है। हमारे लिए शांति,गर्व और गहरा आनंद तो अवधी,बांग्ला,हिंदी,मराठी,असमिया,तमिल,संस्कृत आदि भाषाओं में ही है❤️
मैं भी ऐसा ही करता हूं भ्राता
बहुत बढिया भैय्या 😎👌😘
बहुत ही अच्छे बड़े भाई
@@harshitkumar9745 जी भईया जी
@@businessmind3288 धन्यवाद भैया
आचार्य जी प्रणाम आपके बोधयुक्त वक्तब्यों से मन स्थिर एवं हृदय पबित्र हो जाता है आपको कोटिश. प्रणाम चरण स्पर्श
अत्यंत सरल भाषा में आचार्य जी अपनी बातों को बखूबी कह देते हैं
शत् -शत् नमन आचार्य जी🙏
आप अगर हिन्दी में नही बोलते तो मैं आपके ज्ञान से वंचित ही रह जाता आचार्य जी🙏🙏🙏🙏
🙏🙏 आचार्य जी आप बहुत सही बात कहे रहे हो हम ही लोग है जो हिन्दी का पतन कर रहे है सोचने वाली बात हिन्दु ही हिन्दी नही बोलगे तो बाकी देशों मैं हम कैसे बोलगे अपनी मात्र भाषा ये सोचना का विषय है
🙏🌹🇮🇳 नमस्कार प्रिय सम्माननीय व आदरणीय आचार्य जी।
बहुत अच्छा बोला आपने हमारी राष्ट्रीय भाषा हिन्दी के लिए।🇮🇳
वन्देमातरम् 🇮🇳
अचार्य प्रशांत जिस मैं आपकी बात से सहमत और हमारी राष्ट्रीय भाषा मैं सारी बात करनी चाहिए मैं हमेशा हिंदी में ही बात करता हूं -और मैं गुजराती हूं तो ज्यादा हिंदी और गुजराती बोलता हूं इंग्लिश मुझे भी पसंद नहीं मतलब अपने देश इंग्लिश का काम के अलावा इस्तेमाल ना करें
🙏🙏🙏🙏, बहुत ही सही और स्पष्ट वक्तव्य, धन्यवाद आचार्य जी सही मार्ग दर्शन के लिए🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏💐💐❤❤
हिंदी भाषा की महिमा ही अलग है..
प्रणाम आचार्य जी! 🙏🏻
Very true, Acharya ji. I am glad that I always spoke in Hindi with confidence.
आचार्य जी हम हिंदी भाषा छोड़ नहीं रहे है बल्कि सरकार, संस्थाएं, दफ्तर, विद्यालय, कुछ उच्च पद पर बैठे लोग हमें जबरन छुड़वा रहे है
लोग लाचार है , ये हैं सच गुरु जी😐
अंग्रेज़ी अगर एक भाषा होता तो कितना अच्छा होता ॥ लेकिन लोग इसे अपना स्टैंडर्ड समझते हैं ।। हिन्दी बहुत हैं प्यारा भाषा है ॥
आंतरिक खोखलापन हमें गिरा सकता है.. बहुत खूब आचार्य जी!
प्रणाम आचार्य जी अद्भुत हैं आप श्रीकृष्ण जी ने वरदान स्वरूप आप को हमारे जीवन में प्रवेश दिया है.. 🙏🙏
English should be taken just as tool, and mother tongue must be promoted highly. Salute to Acharya Ji.
😂
यही बात हिन्दी में कह सकते थे मित्र 😄😄😄
@@macksequeira4233 har kisika matri bhasa hindi nahi hota bhaiji . Hindi me hi bole ye jaruri nahi , par apne matri bhasa aur uske sath sath baki bharatiya bhasao ki bhi samman karna sahiye .
आचार्य जी आप बिल्कुल सही कह रहे हैं , यहाँ गाँव और कस्बों मे भी ऐसे ऐसे विद्यालय बन रहे हैं ,जहाँ बच्चो को हिन्दी बोलने पर भी दंड मिलता है ।
भले ही बच्चे कुछ समझ आए न आए मगर बोलना और पढा़ना सिर्फ अंग्रेजी ही है ।✍️✍️✍️✍️
आपका व्याख्यान व्यक्ती को आत्मविश्वास से पुरा भर देता हैं आचार्य जी. मै नोकरी पर हुं मगर मेरे बस मे जितना काम हैं उतना काम मैं मेरी मातृभाषा मराठी मे ही करता हुं,मैं मेरी स्वाक्षरी भी मातृभाषा मे ही करता हुं,काम का बस १०% होगा जो बस मे नाही मगर चलना,उठणा,सोना, जगना,खाना पिणा सबमे हमने खुद इंग्रजी को लाके खडा कर दिया हैं.भाषा ज्ञान तो हमे जरूर होना चाहिए मगर खुद को भाषा को मरवा कर नाही.
हम सब बेवफा हो गाए। हिन्दी राष्ट्रभाषा है और रहेगी। जय हिन्द वन्देमातरम 👍🥰
only listening to osho discourses and acharya prashant made me understand how beautifully one can speak in hindi.
प्रणाम आचार्य जी। भारत में यदि धर्म और अध्यात्म की बात शुद्ध हिंदी में ना हो तो उसका स्वयं से संबंध नजर सा नही आता है।
शुद्ध धर्म और अध्यात्म की गहरी बातो को शुद्ध हिंदी भाषा में सुनने में जो आनंद की अनुभूति होती है वही अध्यात्म और हमारे बीच एक मौलिक कड़ी का काम करती है।
बाकी अंग्रेजी भाषा को आज भारत में लोग बहुत हद तक व्यर्थ में ढो रहे है।
आचार्य जी आपने अध्यात्म को और उपनिषद के शुद्ध ज्ञान को हिंदी भाषा में बताकर भारत में पुनर्जीवित कर दिया है। आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम।
"हिंदी"पीछे नहीं हट गई है।
बोलने वाले कायर हो गए हैं।। आचार्य प्रशान्त