बजट तो खर्च कर रहे हो लेकिन शिक्षा पर नहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के जेब में जा रहा है सारा बजट। जितनी भी योजनाएं हैं बेंच- डेक्स, सबमर्सिबल, शौचालय भवन निर्माण बैग सप्लाईज सब में घोटाला हुआ है।
खेल के क्षेत्र में भी सुशासन की सरकार लंबे लंबे भाषण देते हैं कि खेलेगा बिहार तो खिलेगा बिहार और खेल शिक्षक को मात्र 8000 वेतन में 2 वर्षों से जीवन जीने पर विवश कर दिया गया है
बिहार में शिक्षक शिक्षिका को परेशान करना सरकार का काम रह गया है। 500 किलो मीटर दूर सब शिक्षक शिक्षिका का स्थानांतरण कर दिया है ,टीचर्स किया खाक पढ़ाएंगे।वो तो आते जाते ही माथा खराब हो जाता है पढ़ाएंगे किया खाक?
बिहार में शिक्षको का गृह प्रखंड नही बदला तो सर्वनाश ही नही महा विनाश होगी। 15 से20 किमी तो जरूरी है।मैं भी शिक्षक हूं इसलिए सरजमीं की हालत हमें पता है।
मध्य विद्यालय मथुरापुर खगड़िया मैं नामांकित सारे 500 बच्चे हैं लेकिन कमरों की संख्या मात्र दो है और बच्चों की उपस्थिति लगभग 400 रहता है इस विद्यालय में भी पेड़ नीचे पढ़ना पड़ता है
आर जे डी का माला जप करके कब तक सरकार चलाइयेगा। पन्द्रह वर्षों से गद्दी पर है और इन्फ्रा स्ट्रक्चर में सुधार नहीं हुआ। कानून का राज स्थापित करने के नाम पर सभी कार्यालयों में घुसखोरी की खुली छूट दे रखा है।
आज अभिषेक जी बिल्कुल चौथे स्तंभ कि तरह दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण से लोग निजी स्कूल में भेजने को मजबूर हैं।बिहार के शिक्षा विभाग में लूट हो रही है और ये खर्चा चुनाव के में करते है नीतीश कुमार।
बिहार के हर विद्यालय मे आंगनबारी केंद्र चल रहा है। बिहार मे सर्व शिक्षा अभियान नहीं। सर्वनाश शिक्षा अभियान चल रहा है। शिक्षको को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा किया बात कर रही है।
शिक्षक 9 से 4:30 तक रह रहे हैं न स्कूल में ये क्या कम है। बहुत बड़ी उपलब्धि है साहब विभाग के लिए 😂 चाहे ताड़ के पेड़ के नीचे रहें या तिरपाल तान के रहें।
अधिकारी हो या जनप्रतिनिधी या फिर स्थानीय शिक्षक और विद्यालय प्रभारी सब अपना भविष्य उज्ज्वल कर रहे बिहार से या बिहारियों से किसी का कोई लेना देना नहीं है
1 से 5 तक कि कक्षा मात्र 2 रुम में ही चलता है।ई सरकार शिक्षा का मजाक बनाकर रख दिया है।पढ़ाई हो न हो शिक्षक केवल रिपोर्ट बनाने में ही ब्यस्त हैं।रोज रोज कोई न कोई रिपोर्ट मांगा जाता है।
सरकारी आकड़ा के अनुसार विद्यालय की संख्या 75 हजार है तो फिर 90 हजार विद्यालय कैसे बन गया? 15 हजार विद्यालय कहाँ गया? कहीं नेता, अधिकारी के जेब में तो नहीं।
Bihar me education system experimental ho gya hai. Abhi tak school timing nhi proper fix hua hai. Cm bole 10;00 to 4:00 pm lekin office kabhi 8:00 am to 5:30 pm , kabhi 9:00 am to 4:30 pm .isliye minister and officer ko meeting karke strong system develop karna chahiye. Lekin abhi officer jaruri karo ko chhodkar kewal teacher ke picche pade rahna quality education ka sign nhi hai.
एन डी ए की सरकार में शिक्षा की स्थिति और भी बद्तर है शिक्षा विभाग के बजट में से आधे का बंदरबांट कर दिया जाता है और आधे बजट से शिक्षा के नाम पर लीपा पोती की जाती है
Aaj kal education deptt ke log kewal teacher ka inspection hota hai. Jaki complete inspection hona chahiye for example school me class room , washroom, bench table, books, bag distribution, mid day meal quality. Village level per available transportation facility. School ki saf safai ke liye employ . Student ke hisab se class room ityadi ka bhi inspection kar education deptt ko inform karna chahiye.
बिहार के बच्चे ही नहीं पालकी पूरे भारत में बच्चों का मौलिक अधिकार खेल है जब खेल को ही इन्होंने अंशकालिक कर दिया तो फिर विद्यालय में अनुशासन में बच्चों को रखने की जिम्मेदारी किसकी है बच्चों को अनुशासन जरूरी है जब तक अनुशासन नहीं रहेगा तब तक बच्चे आगे डेवलप नहीं कर पाएंगे और संपूर्ण विषय का मेरुदंड अगर है तो वह है शारीरिक शिक्षा शारीरिक शिक्षा के बगैर कोई भी विद्यालय में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का माहौल को तैयार करना असंभव है
आप को यह जानकारी दू कि बिहार शिक्षा परियोजना के पास जब तक इंजीनियर की फौज टेक्निकल सुपरवाइजर था तब तक विद्यालय का विकाश हो रहा था यथा विद्यालय भवन निर्माण से लेकर तमाम विकाश कार्य हो रहा था। आप जो विद्यालय भवन देख रहे है वह इन्ही टेक्निकल सुपरवाइजर की देन है।वर्ष2019 से शिक्षा के विरोधी टेक्निकल सुपरवाइजर से काम लेना छोड़ दिए है।तब से निर्माण कार्य धीमी है भ्रष्टाचार से लैस है।तमाम पैसे की लूट हो रही है।एक समय यह भी आयेगा की बरबादी से मुक्ति के लिए फिर से निर्माण कार्य के लिए टेक्निकल सुपरवाइजर को लगाना होगा।नौटंकी बंद करना होगा।पैसे की लूट हो रही है।
सिर्फ एसी मे बैठकर और सदन में भाषण मात्र देने से कुछ नहीं होगा । जरा बाहर निकलिए जनाब । समस्तीपुर जिला में भी दर्जनों वि0 जर्जर हैं । पर विभाग कुम्भकरनी निंद्रा में सोई हुई । नित नए नियम बनाकर शिक्षकों को परेशान करने के अलावे इनका कोई एजेंडा नहीं है ।
बिहार में सरकार और अधिकारी सिर्फ फरमान जारी करते है और किस फंड में कहा से पैसा लुटा जाए इस पर सिर्फ ध्यान रखना है पढ़ाई से सरकार और अधिकारी को कोई मतलब नहीं है
असली मुद्दा बोल रहे हैं। शिक्षक खास तौर पर niyojit को Badnam किया जा रहा है। पाठक राज में अति हो गया। एक कमरा मे तीन क्लास। पांच prakar का शिक्षक। जो बचा है Sidharth बाबू पूरा कर देगे।
पत्रकार हो तो अभिषेक जी जैसा सही को सही झूठ को झूठ बोलता है ऑन कैमरा ❤❤
Good anchor sir 🙏
आज शिक्षक नेता ब्रजवासी जी ने आवाज उठाया तो उन्हे बर्खास्त कर दिया शिक्षक जुल्म सहे पर आवाज न उठाये
सरकार तानाशाही हो गया है।
शिक्षा के नाम पर फंड आवंटित कर अधिकारी लोग मिल बांट कर खा जाते है 😢😢
18% के शिक्षा बाजार का 90% पैसा नेता और पदाधिकारी मिल कर खा जाते हैं
Bilkul satya hai
Sahi baat hai sir
मेरा विद्यालय में भी दो कमरे है जिसमे वर्ग 1से 5 तक वर्ग संचालन किया जा रहा है।
वर्ग कक्ष निर्माण हेतु विद्यालय में भूमि भी उपलब्ध है।
कात्यान जी ।
आज आप बहुत ही अलग और आक्रामक रूप में नजर आए यह मुहिम चलाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
शिक्षा विभाग में बहुत बड़ा घटौला हुआ है। अगर सही से जाँच हो जाये तो मंत्री, अधिकारी जेल जायेगा।
Deo, Beo ki sampati ki jaach honi chahiye.
बजट तो खर्च कर रहे हो लेकिन शिक्षा पर नहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के जेब में जा रहा है सारा बजट।
जितनी भी योजनाएं हैं बेंच- डेक्स, सबमर्सिबल, शौचालय भवन निर्माण बैग सप्लाईज सब में घोटाला हुआ है।
नीतीश और उनके नेताओं ने बिहार के शिक्षा विभाग को वोट प्रोडक्शन यूनिट बना कर रख दिया है
खेल के क्षेत्र में भी सुशासन की सरकार लंबे लंबे भाषण देते हैं कि खेलेगा बिहार तो खिलेगा बिहार और खेल शिक्षक को मात्र 8000 वेतन में 2 वर्षों से जीवन जीने पर विवश कर दिया गया है
Sahi bat hai lut ho rahi hai
कात्यायन जी
आज आप बेहद अलग और सराहनीय रूप में नजर आए।
ये मुहिम चलाने के लिए साधुवाद।
Cm नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री ने सदन की भी लाज नहीं रखा।
Thanks sir
Bilkul sahi relayi hua hai
School ka badhai ka jimmedar paksh or bipasha dono hai
बिहार का शिक्षा बजट अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव में खर्च होता है।
धीरे धीरे सब कुछ हो रहा है सर
नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री दोनो जिम्मेदार हैं
For the improvement in education, admission of wards of leaders, teachers and education officers must be necessary
बिहार के स्कूल में कोई सफाई कर्मचारी नहीं है तो विद्यालय की सफाई कौन करेगा, शिक्षक या छात्र ? पहले इसका जवाब दे सरकार।
Shikshak karenge..
स्कूल में सुधार तभी होगा जब भी राजनीति का बेटा बेटी पड़ेगा
बिहार में शिक्षक शिक्षिका को परेशान करना सरकार का काम रह गया है। 500 किलो मीटर दूर सब शिक्षक शिक्षिका का स्थानांतरण कर दिया है ,टीचर्स किया खाक पढ़ाएंगे।वो तो आते जाते ही माथा खराब हो जाता है पढ़ाएंगे किया खाक?
अभिषेक कात्यायन जी से विनम्र निवेदन है कि फिजिकल टीचर 8000 की मुद्दे को भी लेकर डिबेट रखिए और सरकार को कटघरे में खड़ी कीजिए
बिहार में शिक्षको का गृह प्रखंड नही बदला तो सर्वनाश ही नही महा विनाश होगी। 15 से20 किमी तो जरूरी है।मैं भी शिक्षक हूं इसलिए सरजमीं की हालत हमें पता है।
विद्यालय भवनों की गुणवत्ता आपके पुलों और बच्चों को हालिया वितरित स्कूल बैग की तरह ही हैं।
मध्य विद्यालय मथुरापुर खगड़िया मैं नामांकित सारे 500 बच्चे हैं लेकिन कमरों की संख्या मात्र दो है और बच्चों की उपस्थिति लगभग 400 रहता है इस विद्यालय में भी पेड़ नीचे पढ़ना पड़ता है
हर जिले में यही हाल है।सब जगह बस शिक्षक पर करवाई करो लेकिन संसाधन की कमी करने वाले पर कोई करवाई नहीं।
आर जे डी का माला जप करके कब तक सरकार चलाइयेगा। पन्द्रह वर्षों से गद्दी पर है और इन्फ्रा स्ट्रक्चर में सुधार नहीं हुआ। कानून का राज स्थापित करने के नाम पर सभी कार्यालयों में घुसखोरी की खुली छूट दे रखा है।
मधुबनी जिले में भी ऐसे अनेकों विद्यालय का संचालन पौधे के नीचे पढ़ाई हो रही हैं।
जो भी स्कूल का भवन बना है उसकी गुणवत्ता प्रथम दृष्टि डालते दिख जाती है😄😄
5 class tak school chal raha hai room do hi hai
मधुबनी जिला मे 2 कमरे मे 1 से 8 तक 43 डिग्री सेल्सियस मे टीन के सेड मे भी पढाई होती है
बिहार मे जितना प्राथमिक विधालय है उसमे एक साथ 2 _3 क्लास चलता है
सरकार को इस बिषय मे संज्ञान लेना अतिआअशयक हो गया। है
बिहार के शिक्षा ही भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है
विद्यालय भवन निर्माण 20% स्कूल में नहीं हैं। बच्चे अभी भी खुले आसमान में बिहार में पढ़ाई होती हैं।
Real Attendance of 90% School will not be more than 30%. But on paper it would be more than 80%.
जनता ही लापरवाह है,,,,,,बाकी नेताओं को क्या कहा जाए इन बेशर्मों को
आज अभिषेक जी बिल्कुल चौथे स्तंभ कि तरह दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण से लोग निजी स्कूल में भेजने को मजबूर हैं।बिहार के शिक्षा विभाग में लूट हो रही है और ये खर्चा चुनाव के में करते है नीतीश कुमार।
बिहार के हर विद्यालय मे आंगनबारी केंद्र चल रहा है। बिहार मे सर्व शिक्षा अभियान नहीं। सर्वनाश शिक्षा अभियान चल रहा है। शिक्षको को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा किया बात कर रही है।
शिक्षक 9 से 4:30 तक रह रहे हैं न स्कूल में ये क्या कम है। बहुत बड़ी उपलब्धि है साहब विभाग के लिए 😂 चाहे ताड़ के पेड़ के नीचे रहें या तिरपाल तान के रहें।
Sari Rashi netao ke liye hai.
इसकी बहुत जरूरत थी कात्यायन जी! बहुत बड़बोलापन आ गया है शिक्षा विभाग के सरकारी महकमे में। धन्यवाद 🙏!
डेढ़ सौ रुपया के बैग 1200 में दिया गया
Good.niuj.
Abhishek sir school me koi baibastha nahi hai teacher ko paresan Kiya jata hai aap aabaj uthaye aapka bhanybad
इन्फ्रास्ट्रक्चर में कोई सुधार नहीं हुआ है।केवल शिक्षकों पर अत्याचार करने में यह सरकार लगी हुई है।
Sir...physical teachers के मुद्दे पर भी चर्चा हों.....aapko bahut 2 धन्यवाद Abhishek sir
आपके माध्यम से जो दिखाया जा रहा है बिल्कुल सत्य है बिहार का शिझा विभाग और सरकार के अनुसार बहुत सुधार हुआ है
अधिकारी हो या जनप्रतिनिधी या फिर स्थानीय शिक्षक और विद्यालय प्रभारी सब अपना भविष्य उज्ज्वल कर रहे बिहार से या बिहारियों से किसी का कोई लेना देना नहीं है
शिक्षा बजट को भारी करके पॉकेट में डालने का काम किया जाता है उदाहरण के लिए मधेपुरा जिला में 3करोड़ लगभग विभागीय पदाधिकारी द्वारा फर्जी निकासी
बिहार में शिक्षा बजट इतना है कि हर स्कूल DPS की तरह बन जाये ,लेकिन सरकार चाहती नही है।
बेसर्म प्रवक्ता क्या बोलेंगे सिवाय झूठी दलीलों के। लाज सरम सब उठाकर पी गए हैं।
बिल्कुल
Sir aap roj school me ripoting kijiye school ka baibastha samajh aajaye ga
1 से 5 तक कि कक्षा मात्र 2 रुम में ही चलता है।ई सरकार शिक्षा का मजाक बनाकर रख दिया है।पढ़ाई हो न हो शिक्षक केवल रिपोर्ट बनाने में ही ब्यस्त हैं।रोज रोज कोई न कोई रिपोर्ट मांगा जाता है।
सारे नेता मिलकर लूट रहे हैं
शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से फेल बिहार में
लेकिन नेता जी को एसी गाड़ी बंगला गार्ड चाहिए। सिर्फ लूट और वो भी विभागीय लूट।
Right
सरकारी आकड़ा के अनुसार विद्यालय की संख्या 75 हजार है तो फिर 90 हजार विद्यालय कैसे बन गया? 15 हजार विद्यालय कहाँ गया?
कहीं नेता, अधिकारी के जेब में तो नहीं।
नीतीश की सरकार ने सिर्फ विद्यालय बनाने में काम किया लेकिन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में असमर्थ रही है यह भी सत्य है
गुरुकूल के समान जब तक गरीब से ले कर राज नेता के बच्चे एक स्कूल एक कक्षा में नहीं पढ़ेंगे तक तक सुधार असम्भव है
Bihar me education system experimental ho gya hai. Abhi tak school timing nhi proper fix hua hai. Cm bole 10;00 to 4:00 pm lekin office kabhi 8:00 am to 5:30 pm , kabhi 9:00 am to 4:30 pm .isliye minister and officer ko meeting karke strong system develop karna chahiye. Lekin abhi officer jaruri karo ko chhodkar kewal teacher ke picche pade rahna quality education ka sign nhi hai.
बिहार के विद्यालय में सफाई कर्मी को 9 महीनों से पैसा नहीं मिला है। ये लोग काम छोड़ने को मजबूर हैं।
👌🙏🙏बिलकुल सही सर
बेवकूफ को बेवकूफ बनाना ही चाहिए। बिहार की जनता है ही ऐसी तो कोई क्या ही कर सकता है?? कोई नई पार्टी कों सरकार में लाओ।
जब सदन में ही सरकार शिक्षा और शिक्षक को लेकर झूठ बोलती हो ,उससे क्या आशा की जा सकती है ।10 से 4
एन डी ए की सरकार में शिक्षा की स्थिति और भी बद्तर है
शिक्षा विभाग के बजट में से आधे का बंदरबांट कर दिया जाता है
और आधे बजट से शिक्षा के नाम पर लीपा पोती की जाती है
रोहतास जिला के नोखा प्रखंड में भी एक प्लस टू विद्यालय है जहां पर कमरे की घोर कमी है वहां पर केवल तीन ही कमरे हैं और प्लस टू तक की पढ़ाई होती है
Aaj kal education deptt ke log kewal teacher ka inspection hota hai. Jaki complete inspection hona chahiye for example school me class room , washroom, bench table, books, bag distribution, mid day meal quality. Village level per available transportation facility. School ki saf safai ke liye employ . Student ke hisab se class room ityadi ka bhi inspection kar education deptt ko inform karna chahiye.
बिहार के बच्चे ही नहीं पालकी पूरे भारत में बच्चों का मौलिक अधिकार खेल है जब खेल को ही इन्होंने अंशकालिक कर दिया तो फिर विद्यालय में अनुशासन में बच्चों को रखने की जिम्मेदारी किसकी है बच्चों को अनुशासन जरूरी है जब तक अनुशासन नहीं रहेगा तब तक बच्चे आगे डेवलप नहीं कर पाएंगे और संपूर्ण विषय का मेरुदंड अगर है तो वह है शारीरिक शिक्षा शारीरिक शिक्षा के बगैर कोई भी विद्यालय में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का माहौल को तैयार करना असंभव है
MDM से शिक्षक को अलग करें, शिक्षा मे सुधार दिखने को मिल जायेगा।
एमडीएम बंद हो। तभी शिक्षा का विकाश सम्भव हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट आदेश है 12 मांस जो काम कर लिया उनको परमानेंट किया जाए और नहीं किया जाता है तो उसे पैर अवहेलना का केस किया जाए 100% होगा
Thankyou sir
Sachhai dikhane ke liye
Ye 22 percent budgets ki rashi kaha gaya sir
Please ise jarur uthaya Jana chahiye.
सही बोला राहें
Sahi bat
आप को यह जानकारी दू कि बिहार शिक्षा परियोजना के पास जब तक इंजीनियर की फौज टेक्निकल सुपरवाइजर था तब तक विद्यालय का विकाश हो रहा था यथा विद्यालय भवन निर्माण से लेकर तमाम विकाश कार्य हो रहा था। आप जो विद्यालय भवन देख रहे है वह इन्ही टेक्निकल सुपरवाइजर की देन है।वर्ष2019 से शिक्षा के विरोधी टेक्निकल सुपरवाइजर से काम लेना छोड़ दिए है।तब से निर्माण कार्य धीमी है भ्रष्टाचार से लैस है।तमाम पैसे की लूट हो रही है।एक समय यह भी आयेगा की बरबादी से मुक्ति के लिए फिर से निर्माण कार्य के लिए टेक्निकल सुपरवाइजर को लगाना होगा।नौटंकी बंद करना होगा।पैसे की लूट हो रही है।
Thanks
Kewal teacher ko presan krna sarkar ki kam hai
Bihar me 80% bachche school bheje jate hai parhne ke liye nahi sirf sarkari yojna ke labh pane ke liye.
अभिषेक कात्यान सही बोले हैं सब स्कूल कि यही बेबस्था है 😂😂
शुद्ध शुद्ध हिंदी नहीं पढ़ सकता है सरकारी विद्यालय के बच्चे आज हमारे विद्यालय में वर्ग 8में तीन बच्चे उपस्थित थे
बिहार मे बांका जिले धनकुड मध्य भी एक रूम में पांच कक्षा तक क्लास चलता है
सिर्फ एसी मे बैठकर और सदन में भाषण मात्र देने से कुछ नहीं होगा । जरा बाहर निकलिए जनाब ।
समस्तीपुर जिला में भी दर्जनों वि0 जर्जर हैं । पर विभाग कुम्भकरनी निंद्रा में सोई हुई । नित नए नियम बनाकर शिक्षकों को परेशान करने के अलावे इनका कोई एजेंडा नहीं है ।
धन्यवाद चैनल को ऐसे ही लोकतंत्र में आवाज बुलंद कर के बोला जाता है।अच्छा लगा सुन कर।
मध्य विद्यालय बाबिल अनुसूचित मे दो कामरा में आठ क्लास चल रहा है ? खगड़िया बेलदौर!
शिक्षा के क्षेत्र में जमीनी स्तर मजबुत नहीं है
बिहार में सरकार और अधिकारी सिर्फ फरमान जारी करते है और किस फंड में कहा से पैसा लुटा जाए इस पर सिर्फ ध्यान रखना है
पढ़ाई से सरकार और अधिकारी को कोई मतलब नहीं है
नीतिश कुमार शिक्षा को बर्बाद करके छोड़ेगा।
सिर्फ शिछको पर उँगली उठाने से शिछा मे सुधार नही होगा
बीत रहे कॉलेज में बेंच टेबल क्लास लाइब्रेरी साडी चीज फैसिलिटी है सर सर्कार के यहाँ 8 साल से अनुदान नहीं दिया गया भुखमरी कितने टीचर मर्जी गए
अगर स्कूल मे बिल्डिंग था तो पाठक जी के द्वारा इतने सारे विधालय को मर्ज क्यो किया गया।
असली मुद्दा बोल रहे हैं। शिक्षक खास तौर पर niyojit को Badnam किया जा रहा है। पाठक राज में अति हो गया। एक कमरा मे तीन क्लास। पांच prakar का शिक्षक। जो बचा है Sidharth बाबू पूरा कर देगे।
शिक्षा विभाग मे निचले स्तर से उपर तक सिर्फ मलाई खाया जा रहा है।
बिहार में शिक्षा विभाग में सारे अधिकारी और ठेकेदार और सत्ता धारी नेता पैसे लुट रहे हैं
R.t e rule पूर्णत लागू करे सरकार...🇮🇳😎