योग का सम्पूर्ण प्रयोजन

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  • Опубликовано: 10 фев 2025
  • वार्ताकार : डॉ जय प्रकाश सिंह

Комментарии • 3

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 14 дней назад +1

    डाॅ0 जे पी सिंह ने 'योग के प्रयोजन' पर बहुत मौलिक विचार व्यक्त किए हैं। अज्ञान का विलोम ज्ञान नहीं है, यह वाक्य विचारशील व्यक्ति को चिन्तन करने के लिए प्रेरित करता है। सुकरात ने भी इसी तरह कहा कि अज्ञान का ज्ञान ही ज्ञान है। दूसरा वाक्य ' समन्वय आत्मा की भाषा है' डाॅक्टर साहब के आध्यात्मिक अनुभूति से निकला है।
    दानी चैरिटेबॅल ट्रस्ट समाज को सही मार्ग दिखा रहा है।

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 11 дней назад

    अत्यधि क ज्ञान पूर्ण वार्ता को उसी प्रकार बार-बार श्रवण करना होगा जैसे गीता को......
    जितना पढ़ो कम है।

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 11 дней назад

    31:36