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Комментарии

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 2 дня назад

    डाॅ0 जे0 पी0 सिंह जी एक परिपक्व साधक हैं और उनकी वाणी सीधे हृदय में उतर जाती है। उन्होंने बहुत अच्छे तरीक़े से 'गीता' में व्यक्त किए भगवान् श्रीकृष्ण के विचार की व्याख्या की। सम्पूर्ण जगत् के लिए 'गीता' अमृतसमान है। आज के अवसादग्रस्त जीवन को आनन्दमय बनाने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है अपने को परम सत्ता के पूरी तरह से समर्पित कर देना। 'गीता' में सर्वाधिक श्लोक (11) समर्पण पर कहे गए हैं। ट्रस्ट द्वारा प्रति सप्ताह एक-से-एक उत्कृष्ट आध्यात्मिक व्याख्यान आयोजित करके आज के समाज का मार्गदर्शन करने के लिए आभार।

  • @mukultyagi968
    @mukultyagi968 8 дней назад

    Beautiful

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 8 дней назад

    जीवन जीने का जो तरीक़ा डाॅ0 चरण सिंह उदाहरण के साथ बताया है, वही आज की पीढ़ी के लिए परमावश्यक है। आज न तो भौतिक विकास सही दिशा में हो रहा है न मानसिक। आध्यात्मिक विकास की बात सोची भी नहीं जा सकती। हमें प्रकृति के साथ सामञ्जस्य बैठाना ही होगा अन्यथा प्रकृति का रोष हमें नष्ट कर देगा। कोरोना के ज़रिए प्रकृति ने हमें चेतावनी दे दी है, लेकिन हम अभी भी जाग्रत नहीं हैं।

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 15 дней назад

    डाॅ0 चरण सिंह की वार्ता आज की पीढ़ी के लिए बहुत उपयोगी है। वे एक साधक हैं, इसलिए उनके शब्द हृदयस्पर्शी होते हैं।

  • @tathagatthakur6548
    @tathagatthakur6548 16 дней назад

    Sadar dhanyawaad ❤❤

  • @KuldeepShukla-d7r
    @KuldeepShukla-d7r Месяц назад

    भाई साहब डिबेट कराया भिन्न भिन्न भिन्न धर्म के स्कॉलर को बुलाकर आईआईटी के शिक्षार्थी के द्वारा

  • @KuldeepShukla-d7r
    @KuldeepShukla-d7r Месяц назад

    पेरियार विषय में बताएं संस्कृत कितनी पुरानी है आजकल यह बहुत इस पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है

  • @KuldeepShukla-d7r
    @KuldeepShukla-d7r Месяц назад

    श्रीमान लाइव डिबेट करायाकरिए बहुत अच्छी विचारधारा बहुत अच्छी सोच है इसमें भिन्न भिन्न स्कॉलर ओं के साथ डिबेट कराया जाय

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 Месяц назад

    बहुत ही सुन्दर वार्ता ! आनन्द आ गया । लगता है आपको सुनते ही रहें ।👏👏👏शब्द नहीं मिल रहे !!!!!!!! सुनते ही रहें …….. 👏

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 Месяц назад

    Excellent..... Excellent..... Excellent. talk

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 Месяц назад

    Excellent…..excellent……excellent talk मज़ा आगया

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 2 месяца назад

    🙏🙏🙏🌷🌷🌷

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 2 месяца назад

    अत्यधिक सुन्दर , रोचक , गहन वार्ता

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 2 месяца назад

    आचार्य रविदेव गुप्त का 'मानस नवनीत' विषय पर व्याख्यान बहुत प्रासंगिक है। आज तथाकथित धर्मोपदेशकों के द्वारा मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम तथा योगेश्वर श्रीकृष्ण के महान् चरित्र बारे में जो हास्यास्पद बातें कहकर आम जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा है, उसे दूर करने के लिए आचार्य गुप्त जी के विचार पर गम्भीरतापूर्वक चिन्तन होना चाहिए और इस वीडियो को अधिकतम लोगों तक पहुँचाना चाहिए।

  • @anilkakkar5695
    @anilkakkar5695 2 месяца назад

    🎉🎉🎉❤❤❤

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 2 месяца назад

    वार्ता में सहजता प्रशंसनीय है।

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 2 месяца назад

    very knowledgeable for me . Thank you for your lecture.

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 2 месяца назад

    Unbelievable , very new experience . My god……..

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 2 месяца назад

    Excellent. बहुत सुन्दर

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 2 месяца назад

    डाॅ0 अनिल गर्ग का 'क्या इच्छित संतान संभव है?' पर व्याख्यान भारतीय संस्कृति के अनुरूप है। चूँकि वे डाॅक्टर हैं, इसलिए उनकी बातें वैज्ञानिक भी हैं और आधुनिक मानसिकता वाले लोगों की समझ में ज़रूर आएँगी। हम लोग केवल स्थूल चीज़ों पर ही फोकस करके विचार करते हैं जबकि सूक्ष्म चीज़ों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। कितना ही अच्छा बीज हो, किन्तु बोने के बाद यदि उसकी देखभाल ठीक से न की जाए, तो वह एक अच्छा पौधा नहीं हो सकेगा। हम चाहे जितना क़ानून बना लें, चाहे जितने बलात्कारियों को फाँसी पर चढ़ा दें, बलात्कार और यौनहिंसा बिना मानसिकता बदले कभी नहीं रोकी जा सकेगी। हमारी बहनों को गर्भ धारण करने के पूर्व इस व्याख्यान को ध्यान से सुनने और तदनुरूप आचरण करने की आवश्यकता है। मैंने कई महिलाओं को इसे फार्वर्ड किया है। दानी ट्रस्ट को कोटिशः धन्यवाद कि उन्होंने डाॅ0 गर्ग का अत्यंत जीवनोपयोगी व्याख्यान सुनवाया।

  • @advbansal8944
    @advbansal8944 2 месяца назад

    Superb

  • @ashokjha5033
    @ashokjha5033 3 месяца назад

    अतिमानस सत्य और प्रेम की सर्वोच्च चेतना है उस आधार पर क्या संकेत मिले हैं उस दृष्टि से चर्चा निराश करती है।

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 3 месяца назад

    जीवन को मधुर यज्ञ बनाने के लिए सात सोपान आपने बताए । लग रहा है अत्यन्त सहज , किन्तु मैं सतत चिन्तन में हूँ कि वर्तमान परिदृश्य में स्वयं के जीवन को सात्विक यज्ञ में परिवर्तित करना सम्भव होगा ?

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 3 месяца назад

    मनोज भाई बहुत सुन्दर ।

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 3 месяца назад

    👏👏👏👏👏😇🙏🙏👏

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 3 месяца назад

    बहुत सुन्दर । मनोज भाई ने अत्यधिक सहजता से -सरलता से जीवन यज्ञ को समझा दिया । अभी पुन: पुन: सुनना होगा। धन्यवाद ,आपकी दूसरी वार्ता सुनने की उत्सुकता है ।

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 3 месяца назад

    इं0 मनोज शर्मा जी ने जीवन को मधुर बनाने के लिए 'गीता' की शिक्षा के माध्यम से जो उपाय बताए हैं, वह आज के आपाधापी वाले जीवन जीनेवालों के लिए बहुत ज़रूरी है। टेक्नालॉजी की गिरफ़्त में आज बच्चे, युवा और वृद्ध बुरी तरह आ चुके हैं और यदि उन्हें इस लत से छुटकारा न दिलाया जा सका, तो देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। विडम्बना है कि हमारे ग्रन्थों में जीवन को मधुर बनाने के असंख्य नुस्ख़े भरे पड़े हैं, लेकिन न तो हम ख़ुद उनका पालन कर रहे हैं और न अपने बच्चों से करवा पा रहे हैं।

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 3 месяца назад

    'युग युगीन भारत: विदेशियों की नज़र में' विषय पर श्री अनिल बाजपेई की वार्ता ने चिन्तन के कई बिन्दु हमारे समक्ष रख दिए हैं, जिन पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। हमें राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की अमरकृति "रश्मिरथी " से निम्नोद्धृत पंक्तियों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है: "हम कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी। आओ विचारें आज मिलकर, यह समस्यायें अभी।।" मैं गोयल जी के विचार से सहमति व्यक्त करते हुए यह स्वीकारता हूँ कि हमारा देश गहरे गढ्ढे में गिरता जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, नौकरशाही में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। नेताओं के चरित्र का तो कुछ कहना ही नहीं! कब कौन किस दल में शामिल हो जाए, कुछ पता नहीं!? चरित्र नाम की चीज़ अब रह ही नहीं गई है। अब गाँवों में आस-पड़ोस के अपने खानदान में ही खुलेआम शादियाँ की जा रही हैं। यह भी चिन्तनीय है कि गौतम बुद्ध, स्वामी महावीर, नानक, दयानन्द सरस्वती, श्रीअरविन्द, स्वामी विवेकानन्द सदृश अनेक विभूतियों ने समाज को सही दिशा देने के लिए अथक प्रयास किए, लेकिन समाज की दिशा ठीक न की जा सकी। दानी जी ने एकदम सही कहा कि जो 20-25 लोग यह वार्ता सुन रहे हैं, यदि वे ही सदाचारी हो जाएँ, तो भी कुछ-न-कुछ अच्छा होना शुरू हो जाएगा।

  • @deepikabaranwal1599
    @deepikabaranwal1599 4 месяца назад

    Bahut sundar vyakhan sir

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 4 месяца назад

    'यह जीवन मधुर यज्ञ' विषय बहुत ही प्रासंगिक है, क्योंकि आज के समय में ढेर सारे लोग जीवन को एक भार की तरह ढो रहे हैं । मनोज जी साधक हैं। उन्होंने बहुत अच्छे तरीक़े से जीवन जीने का ढंग समझाया है। हम जब तक अपने भीतर स्थित परमात्मा से नहीं जुड़ सकेंगे, तब तक जीवन का आनन्द नहीं ले सकेंगे। अगली वार्ता की बेसब्री से प्रतीक्षा। दानी परिवार को कोटिशः धन्यवाद कि वे सप्ताह में एक-से-एक उत्कृष्ट विषय पर व्याख्यान सुनाकर समाज का मार्गदर्शन कर रहा है।

  • @murlidharchandniwala376
    @murlidharchandniwala376 4 месяца назад

    प्रिय भाई मनोज जी, अभी पूरा देखा और सुना। आपने इतना अधिक महत्व दे दिया मुझे। यह तो माँ और श्री अरविन्द का अनुग्रह है। आपकी प्रस्तुति बहुत ही अद्भुत थी इस बार। दिव्य प्रेरणा आपके साथ काम कर रही थी। विषय प्रतिपादन अनूठा था। जिसने भी सुना, जो भी सुनेगा, वह इसे विस्मृत नहीं कर सकता। हार्दिक बधाई हम दोनों की ओर से। आप ऐसे ही निश्छल, निष्कपट और सरल बने रहिए। माँ का आशीर्वाद सदैव आपके ऊपर है। आपकी चेतना को प्रणाम करता हूँ।🙏🙏

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 4 месяца назад

    सामान्य शब्दों में इतनी गहन बातें ??? Wonderful , बहुत सुन्दर। आनन्द आ गया।

  • @divyanagar828
    @divyanagar828 4 месяца назад

    Excellent lecture 👏👏👏🙏

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 4 месяца назад

    बहुत प्रभावी विमर्श

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 4 месяца назад

    बहुत सुन्दर

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 5 месяцев назад

    Excellent धर्म पर सुलझी हुई चर्चा Really very interesting. अच्छा लगा। तीन बार सुना।अब आगे बढ़ती हूं।

  • @vijayamane7650
    @vijayamane7650 5 месяцев назад

    बहोत बढिया जाणकारी देने के लिये बहुत धन्यवाद.

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 5 месяцев назад

    डाॅ0 चरण सिंह विषय के साथ पूरा न्याय करते हैं। वे हृदय से बोलते हैं। आज के वक्तव्य में जो सबसे अच्छी बात मुझे लगी, वह हिन्दू-मुस्लिम एकता के सन्दर्भ में गोयल जी तथा पोद्दार जी के प्रश्नोत्तर में कही गई बात थी। इस्लाम और ईसाई धर्म की आधारशिला ही हिंसा पर रखी गई है, वे तो सबको अपने साथ लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। जहाँ तक सनातन धर्म की बात है, तो वह तो सबको यहाँ तक कि पशु-पक्षी तक को साथ लेकर चलने की बात करता है। लेकिन इस्लाम के प्रभाव में अब हिन्दू भी हिंसक होने को विवश हो रहे हैं। एक बात मैं और कहना चाहूँगा कि पढ़े-लिखे मुस्लिम भी अंधभक्त होते हैं, वे चाहकर भी अपने धर्म के ख़िलाफ़ उस तरह नहीं बोल सकते हैं, जिस तरह हिन्दू लोग अपने धर्म के विरुद्ध बोल लेते हैं। यह भी सही है कि इस्लाम जिस रास्ते पर चल रहा है, वह उसके विनाश का कारण बनेगा।

  • @charansinghkedarkhandi11
    @charansinghkedarkhandi11 5 месяцев назад

    हृदय से आभार

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 5 месяцев назад

    धर्म पर चर्चा बहुत सुन्दर है।

  • @bhagwatiprasadkapruwan2758
    @bhagwatiprasadkapruwan2758 6 месяцев назад

    डीआर केदार खंडी जी द्वारा जो व्याख्यान दिया गया उत्कृष्ट श्रेणी का है आपकी जितनी पकड़ अंग्रेजी पर है उससे ज्यादा हिंदी साहित्य पर है 0:15 सनातन संस्कृति की भाषा संस्कृत पर भी आपका अध्ययन किसी भी स्तर पर कम नहीं है😮 सराहनीय है महर्षि अरविंद पर आपके शोध का लाभ हमारे क्षेत्र की जनता को भी समय समय पर प्राप्त होता है इसके लिए वह साधु बाद के पात्र है

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 6 месяцев назад

    सनातन धर्म पर केदारखण्डी जी के पूरे व्याख्यान का संदेश आदरास्पद पोद्दार जी ने समेट दिया यह कहकर कि हम 'गीता' को अपने सामने रखकर यथासामर्थ्य भगवान् श्रीकृष्ण के वचनों को अपने आचरण में उतारें। यही नहीं हो रहा है। मैं इस समय जर्मनी में 18 दिन से हूँ, एक आवाज़ तक नहीं सुनाई दी है अब तक। न जल प्रदूषण, न वायु प्रदूषण, न ध्वनि प्रदूषण। सड़कें इतनी साफ़ कि आप सफ़ेद शर्ट पहनकर लेट जाएँ, तो शायद दाग़ न लगे। हम भारतीय बातें तो बहुत ऊँची-ऊँची करते हैं, लेकिन आचरण कौड़ी भर का नहीं। हम महान् व्यक्तित्वों को भगवान् बनाकर अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। निश्चित दिवस पर उन्हें माला पहनाकर कुछ देर अच्छी-अच्छी बातें (जो केवल बकवास होती हैं) करके फिर ऐज यूजुअल हो जाते हैं।

  • @raghunandandimri897
    @raghunandandimri897 6 месяцев назад

    Pranam

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 6 месяцев назад

    केदारखण्डी जी साधक हैं और साथ-साथ अध्यवसायी भी। उन्होंने महर्षि श्रीअरविन्द के आलोक में राष्ट्र और सनातन पर बहुत अच्छा व्याख्यान दिया। मैं इस समय दस दिनों से जर्मनी में हूँ। यहाँ की आदर्श स्थिति देखकर मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ कि हमारा देश भारत कहीं से भी जर्मनी के समकक्ष नहीं खड़ा हो सकता। हम बातें तो बहुत ऊँची-ऊँची करते हैं, लेकिन कर्म अत्यंत निम्न स्तर का करते हैं। चाहे कोई भी किसी भी पद पर है, वह देश के बारे में न सोचकर केवल अपने बारे में सोच रहा है। इं0 मनोज शर्मा ने जो चिन्ता व्यक्त की, वह बहुत गम्भीर चिन्ता का विषय है। भाजपा सरकार ने कुछ काम अच्छे किए हैं और जनता ने उन्हें सर-आँखों पर लिया भी, लेकिन सामाजिक समरसता को जितना नुक़सान इस सरकार ने पहुँचाया है, उतना किसी ने नहीं। नेहरू जी देश को आधुनिक बनाने में जितना किया, उसे नकारना सूर्य पर थूकने-जैसा कार्य है। किसी की अच्छाई को नकारना हीनग्रन्थि का परिचायक है। चिन्ताजनक है कि सभी दल धर्म, जाति के मुद्दे पर ही राजनीति करते रहे हैं, भ्रष्टाचार, हिंसा, बेरोज़गारी जैसे गम्भीर मुद्दे कहीं भी सुनाई ही नहीं देते। आदरणीय पोद्दार जी का 'स्वयं को सुधारने' सम्बन्धी विचार प्रशंसनीय है। 'अमरत्व' पर कुछ दिन पूर्व डाॅ0 श्रुतिनाद जी का विचार वैज्ञानिक है। उसे प्रश्नकर्ता सुन सकते हैं। सभी प्रश्न विचारणीय हैं और केदारखण्डी जी ने सबका सही उत्तर दिया है। दानी परिवार का यह कार्यक्रम देश के लिए बहुत हितकारी है।

  • @pradeepnarang5587
    @pradeepnarang5587 6 месяцев назад

    I miss at the right time but listen later. I listened to Charan Singh today. Regards

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 6 месяцев назад

    डॉक्टर साहब ने बहुत ही उपयोगी व्याख्यान किया है। आज तो लोगों को रात-दिन केवल काम-ही-काम लगा रहता है, न सोने का कोई समय ,न खाने का। यदि डाॅक्टर साहब के मुताबिक जीवनशैली अपना ली जाय, तो बीमार होने से काफ़ी कुछ बचा जा सकता है।

  • @prafullanagar5308
    @prafullanagar5308 7 месяцев назад

    हर सुबह मुझे लगता है कि पुनर्जन्म हो गया। ईश्वर को धन्यवाद देती हूं। बहुत अच्छा व्याख्यान रहा। 👍👌👌👌

  • @omdani6037
    @omdani6037 7 месяцев назад

    bahut sundar

  • @Dp30-e1q
    @Dp30-e1q 11 месяцев назад

    सनातन धर्म की जो विवेचना केदारखण्डी जी ने की, वह प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। आज हर चीज़ को नारा बना दिया गया है, सोशॅल मीडिया पर निरन्तर ज्ञान बाँटे जा रहे हैं, लेकिन समाज पतन के मार्ग पर तेजी के साथ जा रहा है। यह बहुत महत्त्वपूर्ण बात उन्होंने ऋषि श्रीअरविन्द के माध्यम से कही कि सोचना, जानना और वही हो जाना ही सनातन धर्म का लक्ष्य है। और हम हैं कि दाढ़ी बढ़ाकर, भगवा पहनकर सनातन धर्मी बनने का स्वाँग कर रहे हैं। यूट्यूब पर असंख्य प्रवचन लोडेड हैं और जो प्रवचनकर्ता / प्रवचनकर्त्री हैं, उन्हीं के व्यक्तिगत जीवन में झाँक लीजिए तो ऐसी दुर्गन्ध मिलेगी कि जो और कहीं न मिल सकेगी। ऐसे कुछ लोग इस समय आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। मैं दानी चैरिटेबॅल ट्रस्ट को अशेष धन्यवाद देता हूँ कि वह प्रति सप्ताह वैचारिक क्रान्ति लानेवाले व्याख्यान का श्रवण करा रहा है।

  • @omdani6037
    @omdani6037 11 месяцев назад

    BAHUT KHUB