चरणप्रणाम सरजी ! ॐनमंः शिवाय ! सत्य अहिसा शांतता" ईस तीन मानवतावाद को सारे विश्व तक प्रसार करके महात्मा संतो मे एक थे भगवान महावीर तिर्थंकर,दुसरे थे महात्मा गौतम बुध्द और तिसरे महात्मा बसवेश्वर."उन तिन्ही संतो का वचन एकही वाणीजैसी थी. आत्मविश्वास कि श्रध्दा ही सच्ची भक्ती होती है.श्रम तथा कर्म करते हुए भगवान को याद करना ही मोक्ष है.ऐसे 'कायकवे कैलास'सिध्दांत बनानेवाले लिंगायत धर्मप्रसार क्रांतीकारी संत महात्मा बसवेश्वर की विचारधारा वचनसाहित्य में महत्वपुर्ण मानी जाती है. ऊन्ही महात्मा को आत्मभक्ती ज्ञानसाधना का यह अनसुना सच्चा अनुभव सरजी आपकेद्वारा आज श्रवण का आनंद मिला.यह हमारा भाग्य है.
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चरणप्रणाम सरजी !
ॐनमंः शिवाय !
सत्य अहिसा शांतता" ईस तीन मानवतावाद को सारे विश्व तक प्रसार करके महात्मा संतो मे
एक थे भगवान महावीर तिर्थंकर,दुसरे थे महात्मा गौतम बुध्द और तिसरे महात्मा बसवेश्वर."उन तिन्ही संतो का वचन एकही वाणीजैसी थी.
आत्मविश्वास कि श्रध्दा ही सच्ची भक्ती होती है.श्रम तथा कर्म करते हुए भगवान को याद करना ही मोक्ष है.ऐसे 'कायकवे कैलास'सिध्दांत बनानेवाले लिंगायत धर्मप्रसार क्रांतीकारी संत महात्मा बसवेश्वर की विचारधारा वचनसाहित्य में महत्वपुर्ण मानी जाती है.
ऊन्ही महात्मा को आत्मभक्ती ज्ञानसाधना का यह अनसुना सच्चा अनुभव सरजी आपकेद्वारा
आज श्रवण का आनंद मिला.यह हमारा भाग्य है.
Best story 🙏
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