तात्या टोपे और राजस्थान में उनका योगदान

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  • Опубликовано: 4 окт 2024
  • तात्या टोपे और राजस्थान (Tatya Tope and Rajasthan) तात्या टोपे का राजस्थान अभियान तात्या टोपे ने सर्वप्रथम 8 अगस्त, 1857 को भीलवाड़ा से राजस्थान में प्रवेश किया जहाँ 'कुआड़ा' नामक स्थान पर जनरल राबर्ट्स की सेना से परास्त होकर अकोला, चित्तौड़ होता हुआ झालावाड़ पहुँचकर राणा पृथ्वीराज को हराकर झालावाड़ की सेना के साथ छोटा उदयपुर होता हुआ ग्वालियर चला गया। तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचन्द्र पाण्डुरंग था ।
    ✓ ग्वालियर में पराजित होने के उपरान्त 5000 सैनिकों के साथ ताँत्या टोपे ने राजस्थान में प्रवेश किया। ✓ तात्या टोपे सर्वप्रथम हिण्डोन (Hindon) होते हुए लालसोट (Lalsot) पहुंचें। यहां से दौलतपुरा (लालसोट) होते हुए टोंक पहुंचे। फिर टोंक से नाथद्वारा पहुंचे। यहां से सन्त गिरधर तिलायक जी ने इन्हे श्रीनाथ जी के दर्शन कराये । ✓ तात्या टोपे जैसलमेर रियासत के अलावा राजस्थान की सभी रियासतों में घुमें, इनके साथी मानसिंह नरूका (नरवर के जागीरदार) के विश्वासघात के चलते 7 अप्रेल 1859 को इन्हे कोटा के पास नरवर के जंगलों से गिरफ्तार कर लिया गया तथा 18 अप्रेल 1859 को शिप्री नामक स्थान पर फांसी दे दी गई। (यह स्थान मध्यप्रदेश में स्थित है)

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