बहोती सुंदर जानकारी शिवजी आदिवासी है ए तो पूरा भारत मानता है शंकर जी का पेहराव रहन सहन जंगल पहाडोमे रहना गोंडी पाटामे शम्भु नाम आना मराठी , हिन्दी में भी शम्भु का उल्लेख आया है जय सेवा जय जोहार जय भीम जय आदिवासी जय महाराष्ट्र जय भारत
गोंडवाना है कँहा गोंडवाना मुगल काल मे एक राज्य होता था MP में और वंहा की रानी थी रानी दुर्गावती जो चन्देल राजा की पुत्री थी और जो कहानी ये सुना रहा है वो केवल एक काल्पनिक कहानी है और कुछ नही वामपंथियो का यही रहेता है काल्पनिक कहानियां बनाओ और भोले भाले लोगो को गुमराह करके अपनी राजनीति को चमकाओ हिन्दू समाज को तोड़ो
@@GhumakkadYogeshRajput har chij mein apko Vampant hi najar kyu ata hai, jis party ko india mein koi puchta nhi, jiski ideology india mein jami nahi, us ideology se kyu itni dittak. Bat aisi hai bhai ki hamare desh mein knowledge system sirf Brahmins ke pass tha. Tho unnone apne perspective se apne dharm grant likhe. Iska ye matlab nhi hota hai ki koi aur interpretation ya history na ho. Bas yehi history is channel ke through dikhai ja rahi hai. Aur ek baat , saare log Bakt nhi ho Aaj har koi padta hai so let the people decide whom to follow.
महादेव प्रत्येक धरतीवासी के आदि देव हैं, इनको सिर्फ किसी समुदाय विशेष के दायरे में बंधना अनुचित है, यह भूल इतिहास में पहले भी हुवे हैं जिनका परिणाम वर्ग संघर्ष के रूप में आया ।
जय जोहार जय झारखंड जगत भैया जी हम महाराष्ट्र से हैं, चंद्रकांत बर्डे 2009 साल में झारखंड आये थे राऊरकेला से सेरेगंदा बहुत प्यारे हैं हमारे आदिवासी लोग अभी भी याद आती हैं!🙏🙏
Wonderful history of our ancient prakrit culture: आज के अहीर ठाकुर जाट गुजर कापू रेड्डी गोरखो नायक कापू मराठा अहोम डोगरा काठियावाडी सिख मुंडा संथाल भील डोगरा नायक वेलारि सभी का संबंध इसी शंभू शेक से ही है,मेरे पास भी वैदिक पुरातात्विक साक्ष्य का प्रमाण है। सारी अज्ञानता यूरेशियन नस्ल के बाह्ममेनियन लोगो द्वारा फैलाई गई है,ताकि उनकी देव संस्कृति के वैदिक धर्म का प्रचार हो सके।लिंगोपिंड शिलिंग बौद्ध स्तूप की आकृतियां एक जैसी ही है,बस कोई छोटो है कोई बड़ी।ये तो कामन बात है गरीब का शिवलिंग छोटा होगा अमीर का बड़ा और राजा का कुछ अलग(बौद्ध स्तूप जैसा,)
शिव जी ही बोल लो अब ब्रेनवाश घृणा मे खुद है शैव महादेव ने तामसिक लोग जो मांस खाते थे उन्हे भी सही मार्ग अनुयायी बनाया लेकिन उठाके उसको अलग ही थ्योरी बना रहे है
🙏 Jay bheem 💪 Jay bharat thank you soooooo much Rahul ❤️👍 very good aap hame hamare purkhon ki jankari de rahe hai very great job bahooooot bahot upkaar 🙏 thank you so much
Damm lipi bolte ho uski likhavat khgshti bharm lipi me hoti hai Dhamm lipi Koi algse Nahi hai? Bhai tu kushva boy Aur esainc jarni ki ki jugal bandi dekhe RUclips pe keval ashabdo shod kar
भाई आप एक विडियो महादेव पर हि ओर बनाओ उसमे एक जानकारी बताओ कि भीलो की उत्पत्ती केसेस हुई भील महादेव को फूपा क्यो कहते हैं और पारवति माता को भूआ से संबोधित करते है
Brahma Vishnu Mahesh ,teeno mein Keval mahesh ko hi bhartiye mante Hain, & shiv mandir hi banate hai, Humne a to Brahma Vishnu ke mandir Aaj Tak Nahin Dekhen
इतिहास भूगोल हमारा है।जो आज भी देश की महिलाओं ने संरक्षित करके रखी है।बाद में बुद्ध धम्म के साथ मिश्रित होगी है। इसलिए आज भी उपासक,गौडी और धम्म दोनों को अपनाते हैं। उत्तर प्रदेश में।
अपने इतिहास को कथा के रूप में अपने समाज के लोगों के बीच में गाना चाहिए। इनको सुनने से कुछ लोगों में लाभ होगा।उसलाभ को समाज को बताया जाय।ठीक ब्राह्मणों की तरह तभी लोग जागरूक होंगे।
राहुल सर आपने पहले जो 88 शंभू शेख की बात बताई थी। कृपया आप सभी 88 शंभू शेख का नाम बताईए और समयकाल सहित बताईए। हमें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए हम रिक्वेस्ट कर रहे हैं। 🙏🙏 please 🙏🙏
आदिवासी अनादि काल से इस धरती पर रह रहा है जबकि गौतम बुध का जन्म 563 वर्ष ईसा पूर्व का बताया जाता है इसलिए आदिवासियों को गौतम बुद्ध की शरण में जाने की कोई आवश्यकता नहीं
@@lostbolt2236' Lingo' is shabd ka asal matlab hai 'Adivashi logonke' 'Guru/Taranhar' aur 'Pind' is shabd ka matlab hai 'Smarak chinha'. yani 'Guru/Taranhar ka Smarak chinha'.
शंकर, शिव, महादेव और शंभु आदि सभी मूल निवासियों के आदि पुरुष थे और सम्माननिय थे जिन्हें कि विभिन्न नामों से विभिन्न प्रजातियों में पूजा जाता था यानि कि आदर दिया जाता था, यही कारण है कि उन्हें राम और रावण दोनों मान्यता देते थे। कालांतर में शिव का प्रभुत्व देखते हुये षड़यंत्रकारियों ने त्रिदेव का फार्मूला बनाया और ब्रह्मा विष्णु महेश का निर्माण कर दिया, क्योंकि शंभु विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नाम से जाने जाते थे इसलिये महेश को उन सभी नामों से जोड़ दिया और यह सब विष्णु को उनके समकक्ष बैठाने के लिये। यही कारण है शिव के नाम के पर्याय मिलते हैं जबकि विष्णु के अवतार, अवतार मतलब षडयंत्रों की श्रृंखला। रामायण भी इन षडयंत्रों का परिणाम था। रामचरितमानस में तुलसी वर्णित करते हैं कि राम के जन्म के पूर्व शिव उमा को राम कथा सुनाते हैं। शुरुआत होती है देवता, ऋषि, मुनि जो विलासी प्रजातियां थीं (इंद्र अहिल्या प्रकरण) रावण द्वारा कुबेर को कैद यानि खजाने पर नियंत्रण करने के कारण इनकी विलासिता नियंत्रित हो रही थीं तो वे विष्णु से सहायता लेने पहुंचे,(कोई मानव यानि मूल निवासी अत्याचार की फरियाद लेकर नहीं गया था) और विष्णु ने राम के नाम से अवतार लेने और देवता ऋषि मुनियों को आम जनता को बर्गलाने के लिये विभिन्न प्रजातियों में जन्म लेने यानि फैल जाने की बात की। आगे रामचरितमानस को इसी प्रस्तावना और संदर्भ में यदि पढते हैं तो महसूस होता है कि रामायण विष्णु के षड़यंत्रों की कथा है। अधिकांश वरदान शिव और ब्रह्मा से ही दिलवाये गये बताए जाते हैं। विष्णु कोई वरदान नहीं देते क्योंकि विष्णु को शिव और ब्रह्मा के दिये गये वरदानों के नाम से प्रपंच रचने होते हैं। यही कारण विष्णु अवतार लेते हैं बाकि दो नहीं। जबकि त्रिदेव में महेश की भूमिका संहारक की बताई गई है, जबकि विष्णु की पालक की जबकि कथाओं में शिव को पालक (आशीर्वाद देने वाला) और विष्णु को संहारक (अवतार लेकर विध्वंश करने वाला) बताया गया है। वास्तव में संहारक को पूजनीय बताने का प्रयास किया गया, उसी का महिमा मंडन किया गया। वे कथाएं सर्वकालीन हैं। आज भी षडयंत्रकारी इसी तरह के प्रपंच करते दिखाई देते हैं। और यही है वास्तविक राम राज्य जिसका ढोल पीट कर षडयंत्र किये जाते हैं
सर जी जय सेवा जोहार आप मुला दाई बारे मैं भी जानकारी देने की कृपा करे मुला दाई का मायका कौन सा था और आज उसे किस नाम से जानते है और मुला दाई के माता पिता कौन थे
Jhoot bilkul navbauddho ka buddh se pehle mahadev shaiv purane h tum navbauddh channel se padhke aaye ho aadiwasi buddh ko baap banaye ghum rahe h aur baki yeshu ko kyonki sirf jhoot khud bhara jaaraha brahman ki hate me ki buddh hi baap h .
बहुत बहुत सेवा जोहार दादा आदिवासी गोड़वाना का इतिहास को आप जैसे युवा शक्ति ही बचा सकते हैं।
महादेव आदिवासी का देवता है और रहेगा जय जोहार जय आदिवासी भील जोहार महादेव
Sahi kaha Saga bhai..Jay Sewa Johar..JAY GONDWANA..
बिल्कुल संकर भगवान मूलवासी राजा था आर्य उनके आमने सामने हराया नही सकते इस्लिये सुदरियों को लगा कर उनको कैफ़ी द्रव्यों पिलाक़े नसेड़ी बनाके हराया था
जय महादेव जय आदिवासी
@@जवानभाईजवानभाई अरे भाई 🤣🤣🤣🤣
@@जवानभाईजवानभाई शिव को प्रथम स्थान दिया है हिन्दुओं ने
बहुत बढ़िया जानकारी दी गई है सर इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद और आभार 🙏।
जय श्री संभूशेक जय बूढा देव जय आदिवासी हर हर महादेव जय गौरा माँ
Jay aadivasi, jai badadev, jai ravan
बहोती सुंदर जानकारी शिवजी आदिवासी है ए तो पूरा भारत मानता है शंकर जी का पेहराव रहन सहन जंगल पहाडोमे रहना गोंडी पाटामे शम्भु नाम आना मराठी , हिन्दी में भी शम्भु का उल्लेख आया है जय सेवा जय जोहार जय भीम जय आदिवासी जय महाराष्ट्र जय भारत
नमस्कार महाशय जी जयभीम "समृद्धशाली गोंडवाना साहित्य पीडीएफ में करवाये ताकि हर बहुजन समाज तक घर घर पहुंच सके।
गोंडवाना है कँहा गोंडवाना मुगल काल मे एक राज्य होता था MP में और वंहा की रानी थी रानी दुर्गावती जो चन्देल राजा की पुत्री थी और जो कहानी ये सुना रहा है वो केवल एक काल्पनिक कहानी है और कुछ नही वामपंथियो का यही रहेता है काल्पनिक कहानियां बनाओ और भोले भाले लोगो को गुमराह करके अपनी राजनीति को चमकाओ हिन्दू समाज को तोड़ो
@@GhumakkadYogeshRajput har chij mein apko Vampant hi najar kyu ata hai, jis party ko india mein koi puchta nhi, jiski ideology india mein jami nahi, us ideology se kyu itni dittak.
Bat aisi hai bhai ki hamare desh mein knowledge system sirf Brahmins ke pass tha. Tho unnone apne perspective se apne dharm grant likhe. Iska ye matlab nhi hota hai ki koi aur interpretation ya history na ho.
Bas yehi history is channel ke through dikhai ja rahi hai.
Aur ek baat , saare log Bakt nhi ho
Aaj har koi padta hai so let the people decide whom to follow.
Jai सेवा जोहार
@@GhumakkadYogeshRajput apki ramayan bhi kalpanik kahani se kam nahi hai
Bro is Shambushek history or mythology?
जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश दादा को तेह दिल से लाख लाख जोहार
जय संभूसेक🔱❤️
जय गोंडवाना 🌍 🌈 🏹
जय शंभू गवरा🌾🌾
गोंडवाना कहा है
@@GhumakkadYogeshRajput ये भूभाग है
हर हर महादेव जय आदिवासी जय जोहार
महादेव प्रत्येक धरतीवासी के आदि देव हैं, इनको सिर्फ किसी समुदाय विशेष के दायरे में बंधना अनुचित है, यह भूल इतिहास में पहले भी हुवे हैं जिनका परिणाम वर्ग संघर्ष के रूप में आया ।
अच्छा ज्ञान रख ते हैं धन्यबाद । जोहार । जय झारखंड । जय सरना ।
जय जोहार जय झारखंड जगत भैया जी हम महाराष्ट्र से हैं, चंद्रकांत बर्डे 2009 साल में झारखंड आये थे राऊरकेला से सेरेगंदा बहुत प्यारे हैं हमारे आदिवासी लोग अभी भी याद आती हैं!🙏🙏
बहुत बढ़िया दादा,, सेवा सेवा जोहार
Wonderful history of our ancient prakrit culture: आज के अहीर ठाकुर जाट गुजर कापू रेड्डी गोरखो नायक कापू मराठा अहोम डोगरा काठियावाडी सिख मुंडा संथाल भील डोगरा नायक वेलारि सभी का संबंध इसी शंभू शेक से ही है,मेरे पास भी वैदिक पुरातात्विक साक्ष्य का प्रमाण है। सारी अज्ञानता यूरेशियन नस्ल के बाह्ममेनियन लोगो द्वारा फैलाई गई है,ताकि उनकी देव संस्कृति के वैदिक धर्म का प्रचार हो सके।लिंगोपिंड शिलिंग बौद्ध स्तूप की आकृतियां एक जैसी ही है,बस कोई छोटो है कोई बड़ी।ये तो कामन बात है गरीब का शिवलिंग छोटा होगा अमीर का बड़ा और राजा का कुछ अलग(बौद्ध स्तूप जैसा,)
Right
बहुत उपयोगी और सटीक प्रमाणिक जानकारी
बहुत खूब जॉब भाई जय सेवा जोहार साथियों के साथ बहुत ही जानकारी दी गई है भाई मैं आपका आभारी हूं
एक बार से आपको साधूवाद देना चाहुंगा आपकी खूबियां जानकारी अति सहारानिये है आप 27 बुद्धों पर भी एक वीडियों 🙏🙏🙏
सायन्स जर्नी यूट्यूब चैनल देखे 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@@SSS.G.145 सर जी चैनल लिंक शेयर करें 🙏
Bro is Shambushek history or mythology?
@@ritik1413 it's history mythology is ramayanby rama Nad sager all over mahabhart puran granth
शिव के अंदर सभी चीजे देखे तो आदिवासी संस्कृति से ही मैल खाती हैं इस लिए शिव ही शंकर आदिवासी हे।
शिव जी ही बोल लो अब ब्रेनवाश घृणा मे खुद है शैव महादेव ने तामसिक लोग जो मांस खाते थे उन्हे भी सही मार्ग अनुयायी बनाया लेकिन उठाके उसको अलग ही थ्योरी बना रहे है
राहुल दादा आप प्राचीन मातूपुजक समाज पर व्हिडियो बनाईये ताकि मुल निवासी पितूपुजक व मातूपुजक समाज कि संस्कृति सबको पता चल सके
जय वलेखन जय दादाजी
जय सेवा दादा निकुंन कोटी कोटी धन्यवाद जो अपुन ता सगा समाज तक इतिहास ता खोज किसी कुन समझ तक पहुची के तनि
सही बात है भाई जी इसलिए हम लोग हर मूर्ति विसर्जन के विरोध में हर हर शंभू कहते हैं।
जय जोहार जय आदिवासी जय गोंडवाना
बहुत विस्तार से जानकारी मिला आज तो !!
हर हर महादेव अपने सबके महादेव
जय सेवा सेवा जोहार
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी
जय सेवा भाई
हमारी जानकारी के लिए ऐसे ही विडियो बनाते रहना
मै गोण्डीय सभ्यता, संस्कृति, अध्यात्म का हृदय से सम्मान करता हूँ.। आज सनातन हिन्दू समाज मे शिव सर्वाधिक प्रतिष्ठित, पूज्य, श्रद्धा के केन्द्र हैं।
Good information for Mulwasi-- Gond & Santhal Aadiwasi.Jay sees, Jay Johar Jay Bhim ,Rahul brother.
बिल्कुल,सच,भैया,राहुल,जी जय सेवा,
ये सब षड्यंत्रों इन्होंने दान दक्षिणा के लिए किए हैं।
Jay bheem namo buddhay ✍️🙏 जय संविधान निर्माता 🙏 जय मूलनिवासी 🐘 jay ✍️ aadivasi ✍️🇪🇺⚔️⚔️
🙏 Jay bheem 💪 Jay bharat thank you soooooo much Rahul ❤️👍 very good aap hame hamare purkhon ki jankari de rahe hai very great job bahooooot bahot upkaar 🙏 thank you so much
Right Rahul Bhai JAI SEVA JAI JOHAR JAI GONDWANA
बहुत बढिया सर।। जय सेवा।।
जय भीम जय सेवा जय मूलनिवासी जय संविधान जय गोंडवाना दादा
गुड इन्फोरमेशन 🙏👌
राहुल जी आप जो ढुंढ के विडीयो बनाते हो वो बहुत सराहनीय हो ईस से आदीवासी ओको अपना ईतिहास बताना जरुरी हे तब आदीवासी देश के कोन हे
शंभू महादेव आदिवासी के मूल देवता हैं। अतः आदिवासी हिन्दू हैं। आदिवासियों को भटकाया जा रहा है।
आप अपने डिस्क्रिप्शन में हमेशा बुक कहां से और कैसे लेना है तो बेहतर होगा, या फिर लिंक दे दिया करें पीडीएफ का बुक के तो हमारे लिए और अच्छा होगा।
बहुत अच्छा ईतिहास का जानकारी देते हैं जय मुलनिवासी जय आदिवासी
प्राग ऐतिहासिक काल में सभी आदिवासी थे।जो आज विकसित समाज है वह भी कभी आदिवासी थे। प्राग ऐतिहासिक काल में सभी लोग जंगलों में रहते थे।
Nnice information👍
बहुत अच्छी जानकारी दी🙏🙏🙏
Mahadev Shiv Adivasyonke Bhagwan Hai Bolna Galat Hai Wah Sabke Hai!!!😁🥰🤩🤩🤩🙏
जय सेवा
जय जोहार
बहुत सारी जानकारी हैं ।
हमारे भारत की इतनी महान संस्क्रति को लॉप में डाल दिया ,सही इतिहास ही नही पता
आदिवासी मूल निवासी हे वो मास मछली खाया हे इस लिए आदिवासी समाज को ही राक्षस बोला हे समझ गए दादा जोहार
वेरी गुड very good नॉलेज
ब्रह्मी लिपि नहीं वह धम्म लिपि कहलाती है जिसको ब्राह्मणों ने ब्रह्मी लिपि नाम दे दिया।
💯
एकदम सही . धम्मलिपी है.
@@SEVA750 षषषषडजषफसषषषसषषसषफफफषफडफषषडषजषफफसफजषफफसषषजफषसषषसषषफसषषफषषषफषषषषफषषषषषषषफफषषषषषघघषषफफसषषषषफसषषडषफसफषषषषषषषषषषषफषषषषषसषषषषषजषषफफफडषफषसषषषषषषषषषषषषसषषजषषषषसफषससषषषसषषषजषसषसषफफषषससफषषषषस
Damm lipi bolte ho uski likhavat khgshti bharm lipi me hoti hai Dhamm lipi Koi algse Nahi hai? Bhai tu kushva boy Aur esainc jarni ki ki jugal bandi dekhe RUclips pe keval ashabdo shod kar
@@vibhadubey2416 क्या?
कहना क्या चाहते हो? जरा ढंगसे typing करना तो सिखो.
जय सेवा जय जोहार l सम्भु मुला न सेवा सेवा
🙏🙏🙏 जोहार जय भोलेनाथ
Bahut achha jaankari di aapne,Thank you very much.
Nice information provided me👍
Good information rahul Bhai.
Aage Bhai prayas jari rakhe
भाई आप एक विडियो महादेव पर हि ओर बनाओ उसमे एक जानकारी बताओ कि भीलो की उत्पत्ती केसेस हुई भील महादेव को फूपा क्यो कहते हैं और पारवति माता को भूआ से संबोधित करते है
સરસ માહીતી ધન્યવાદ
इसलिये शिवजी को राक्षसो का देवता बताया जाता है क्युंकि राक्षस और कोई नहीं आदिवासी ही थे।
RAKSHAS KA MATALAV KEYA HAI IS ES PAR KOI VICHAR ...DOGE....
@@manbodhlaguri9425 rakcha karne wala prakrti ka sanskrit ka.
Brahman dharm granthon me 85% ko Giant kaha gaya hai. Aur 15% videshi Aryan khud ko Devta kahlane lage. Hum Man- Eater Danav nahi re baba.
आज तक देवता विज्ञान ठिकसे किसीने बताया होगा तो वो बस अनिरूद्धबापू ने।भगवान किसी एक मानव या मानव समूहका नही होता,वो सबका होता है।
Shiv koi devta nahi hai. Study kar badiya se. Shivling baudh stup hi hai
सेवा जोहर ! आप ने शम्भू सेक के बारे में विस्तृत जानकारी दी ! बहुत बहुत धन्यबाद !
जय आदिवासी
Nice
Very very nice jay sew jay johar jankari ke liye
🏹 JAI JOHAR 🏹 JAI ADIVASI 🏹 🌱 PRAKRUTI PREMI 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही बड़िया जानकारी।। सेवा जोहार 🙏🏻🙏🏻
Brahma Vishnu Mahesh ,teeno mein Keval mahesh ko hi bhartiye mante Hain, & shiv mandir hi banate hai, Humne a to Brahma Vishnu ke mandir Aaj Tak Nahin Dekhen
बहुत बढ़िया ये शिव लिंग बोद्ध स्पुत से आय या सम्बुपीठ से कुछ डाउट हे
Salute dada jai sewa super
इतिहास भूगोल हमारा है।जो आज भी देश की महिलाओं ने संरक्षित करके रखी है।बाद में बुद्ध धम्म के साथ मिश्रित होगी है। इसलिए आज भी उपासक,गौडी और धम्म दोनों को अपनाते हैं। उत्तर प्रदेश में।
Good analysis....
Yaaa
Good information dada seva johar 🙏
बहुत अच्छी बात कहते हैं आपको जय सेवा
आदिवासी जनजाति समुदाय का भी इतिहास जानने का भी कोई माध्यम बताइये
आपके पहिले शंभू शेख के 88 जोडीओ के बारे में
कहा था आपको जितने भी जोडी के नाम पता हैं उस एक व्हिडिओ बनाए
अपने इतिहास को कथा के रूप में अपने समाज के लोगों के बीच में गाना चाहिए। इनको सुनने से कुछ लोगों में लाभ होगा।उसलाभ को समाज को बताया जाय।ठीक ब्राह्मणों की तरह तभी लोग जागरूक होंगे।
Gane aaj bhi chandrapur dist me gaye jate devkaran ke din raat bhar gondi katha hoti hai history apne purkhaonko yaad kiya jata hai
राहुल सर आपने पहले जो 88 शंभू शेख की बात बताई थी। कृपया आप सभी 88 शंभू शेख का नाम बताईए और समयकाल सहित बताईए।
हमें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए हम रिक्वेस्ट कर रहे हैं।
🙏🙏 please 🙏🙏
Dear, sir. Trying of your mulnivasi heritage knowledge is proud us.
Thanks Rahul kanake sir .Jay bheem.
Good information sir thank you
Jai badadev🔥🔥🔥
सेवा जोहर सेवा जोहर सेवा जोहर
महादेव आदिवासीयो कय साथ थ्य और रहेंगे, सामान्यत महादेवभिल्ल कय रूप मे ही रहते थ्य महादेव को प्रसन्न करणे कय लिए मास मछली ही बहोत था 🙏🏻🙏🏻
Rahul daada is video say adivasi ethihash ko thoda jan chuka hoon
Jai adivasi
Great malumat diye sir....
Jai Johar 🙏🏹 aadivasi jindabad ...🏹🏹🏹🏹🏹
जय भीम जय भारत जय मूलनिवासी जय संविधान जय जोहार नमो बुद्धाय
आदिवासी अनादि काल से इस धरती पर रह रहा है जबकि गौतम बुध का जन्म 563 वर्ष ईसा पूर्व का बताया जाता है इसलिए आदिवासियों को गौतम बुद्ध की शरण में जाने की कोई आवश्यकता नहीं
@@lakshmankhatki3121buddha samantawadi the aur paidal chalkar 140 des me apna gyan diya
आटे के लिंगोपिंड और स्तुप भी बनाऐ जाते है🙂
*Wow i don't know about this*
@@lostbolt2236' Lingo' is shabd ka asal matlab hai 'Adivashi logonke' 'Guru/Taranhar' aur 'Pind' is shabd ka matlab hai 'Smarak chinha'. yani 'Guru/Taranhar ka Smarak chinha'.
अदभुत माहीती दी सर
Well done bro keep up
शंकर, शिव, महादेव और शंभु आदि सभी मूल निवासियों के आदि पुरुष थे और सम्माननिय थे
जिन्हें कि विभिन्न नामों से विभिन्न प्रजातियों में पूजा जाता था यानि कि आदर दिया जाता था, यही कारण है कि उन्हें राम और रावण दोनों मान्यता देते थे। कालांतर में शिव का प्रभुत्व देखते हुये षड़यंत्रकारियों ने त्रिदेव का फार्मूला बनाया और ब्रह्मा विष्णु महेश का निर्माण कर दिया, क्योंकि शंभु विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नाम से जाने जाते थे इसलिये महेश को उन सभी नामों से जोड़ दिया और यह सब विष्णु को उनके समकक्ष बैठाने के लिये। यही कारण है शिव के नाम के पर्याय मिलते हैं जबकि विष्णु के अवतार, अवतार मतलब षडयंत्रों की श्रृंखला।
रामायण भी इन षडयंत्रों का परिणाम था। रामचरितमानस में तुलसी वर्णित करते हैं कि राम के जन्म के पूर्व शिव उमा को राम कथा सुनाते हैं। शुरुआत होती है देवता, ऋषि, मुनि जो विलासी प्रजातियां थीं (इंद्र अहिल्या प्रकरण) रावण द्वारा कुबेर को कैद यानि खजाने पर नियंत्रण करने के कारण इनकी विलासिता नियंत्रित हो रही थीं तो वे विष्णु से सहायता लेने पहुंचे,(कोई मानव यानि मूल निवासी अत्याचार की फरियाद लेकर नहीं गया था) और विष्णु ने राम के नाम से अवतार लेने और देवता ऋषि मुनियों को आम जनता को बर्गलाने के लिये विभिन्न प्रजातियों में जन्म लेने यानि फैल जाने की बात की। आगे रामचरितमानस को इसी प्रस्तावना और संदर्भ में यदि पढते हैं तो महसूस होता है कि रामायण विष्णु के षड़यंत्रों की कथा है।
अधिकांश वरदान शिव और ब्रह्मा से ही दिलवाये गये बताए जाते हैं। विष्णु कोई वरदान नहीं देते क्योंकि विष्णु को शिव और ब्रह्मा के दिये गये वरदानों के नाम से प्रपंच रचने होते हैं। यही कारण विष्णु अवतार लेते हैं बाकि दो नहीं।
जबकि त्रिदेव में महेश की भूमिका संहारक की बताई गई है, जबकि विष्णु की पालक की जबकि कथाओं में शिव को पालक (आशीर्वाद देने वाला) और विष्णु को संहारक (अवतार लेकर विध्वंश करने वाला) बताया गया है। वास्तव में संहारक को पूजनीय बताने का प्रयास किया गया, उसी का महिमा मंडन किया गया।
वे कथाएं सर्वकालीन हैं। आज भी षडयंत्रकारी इसी तरह के प्रपंच करते दिखाई देते हैं। और यही है वास्तविक राम राज्य जिसका ढोल पीट कर षडयंत्र किये जाते हैं
BJP ko vote nhi dena sidhe sidhe ye bolo bs kyon chutiya bna rhe ho
जय आदिवासी भाऊ असेच विडिओ टाकत राहा🙏🙏💐💐🌹🤝
sir. buda dev. and bada dev me braman shankriti. nahi he. to. samaj to keio feeling. Karte hea. markam
Jay johar Jay adivasi Jay beel pardsh
Shiv Roop Se Har Tarah ka Kam Kartehen 🙏🙏🙏🙏🙏
जय आदिवासी जोहार आदिवासी
Super video🙏
संकर भगवान मूलवासी राजा था हिमालय प्रदेश का उनकी पेरवेस से साफ हो जाता है वो आदिवासी ही होगा
Great job sir g.
अपनी पशुओं की तरह प्रवृत्तियों पर नियंत्रण पाकर विवेक से अपना जीवन जीने वाले को पशुपति नाथ कह सकते हैं।
नही,,,,,,पशु के मालिक,,,,,,यह पति शब्द का मतलब हकदार या मालिक लगाया जाता है,,,,,
आदिवासी भील समाज, को भोले भगवान को गया जाता है
Sahi bat dada.... hum santhalon me bhi Marang buru ki puja hoti hai iska arth bhi Shiv nikala jata hai...
सर जी जय सेवा जोहार
आप मुला दाई बारे मैं भी जानकारी देने की कृपा करे मुला दाई का मायका कौन सा था और आज उसे किस नाम से जानते है और मुला दाई के माता पिता कौन थे
Jay sewa jay Gondwana
Jai masi jay bheem jay adiwasi
Kya Bara DEV,Mahadev Bhagwan BUDDHA ke Upasak hain..
Jhoot bilkul navbauddho ka buddh se pehle mahadev shaiv purane h tum navbauddh channel se padhke aaye ho aadiwasi buddh ko baap banaye ghum rahe h aur baki yeshu ko kyonki sirf jhoot khud bhara jaaraha brahman ki hate me ki buddh hi baap h .