@@sayajigardade4482 uttrakhand himanchal Sikkim jaisi jagah sayad bhot Kam hai bhyi nature h uttrakhand me to har jagah paani h but developed ni h gov ne loot dya dam Bana kr
जय देव भूमि उत्तराखंड हम लोग एक दूसरे को बोलते रहते हैं कि पहाड़ छोड़ कर आ गए हो शहर में अपने घर बार छोड़ के आ गए हो पर हम भी तो अपने घर बार छोड़ के आ गए हैं अगर हम लोग 2 महीने गर्मियों में अपने परिवार को लेकर पहाड़ जाया करें तो हमारे बच्चों का भी पहाड़ से लगाओ हो जाएगा
ये ,,,पलायन,, वाला विडियो मेरी अंतरात्मा के मर्म को छू गया,, किसी का घर उजड़ना एक सामान्य बात नहीं है,,कितनी वेदना,कितनी पीड़ा होती है विस्थापन व पलायन की,,, ये मैं समझता हूं।।। क्योंकि,,प्यारे राज्य उत्तराखंड ने बीते कुछ वर्षो से इस दर्द को बहुत सहा है।।।ये देवभूमी है,, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि अब कोई आपदा यहां नहीं आवे,, यहां से कोई पलायन न करे,, परमेश्वर की असीम कृपा इस राज्य पर अटूट रूप से बनी रही,, फूलचंद,, चितौड़गढ़, राजस्थान
पलायन के लिए हर कोइ जिम्मेदार है आप मैं जो लोग अपनी भाषा का प्रयोग शहर में जाते ही भूल जाते है पहाड़ी भाषा बोल्ने में उन्हें शर्म लगती है रोजगार ही नहीं है तो खाएन्गे क्या खेती अब कोइ करता नहीं ! अपने गान्व की हालत देखकर मन में रोना आता हैं गान्व खाली होता देखकर
Rajdhani Gairsain hone se yahan ki sarkaar pahado ke anurup policies banayengi. Dehradun and Lucknow are the same. Dehradun brought no changes in the life and development of the hills.
हिंदुस्तान का हर राज्य सरकारी रोजगार के लिए रेलवे जैसे फैक्ट्री मांगता है। लेकिन मेरे उत्तराखंड के समझदार लोग आज इतने साल बाद भी राजधानी परिवर्तन की मांग कर के राज्य को और पीछे भेजने मैं लगे है
I am from Uttar Pradesh but i always attract towards Uttarakhand . One of my relative is living in Uttarakhand and I was went Uttarakhand last year in the the month of September . I feeling very bad after seeing this documentary regarding the migration problem in Uttarakhand. The main cause of migration in Uttarakhand in my opinion is the lack and scarcity of basic facilities like roads , hospitals, schools and employment. All these basic facilities is far away from the reach of rural resident of Uttarakhand . After becoming a separate and free State all the government's has been fail in Making a bonding with Uttarakhand People's. All the government's have focused on the development of plain and famous areas of Uttarakhand like Dehradun Haridawar Nanital Mussorie Rishikesh and many other places. If Local Uttarakhand resident and government will cooperate with each other I think migration problem may be solved. Current Trivander Singh Rawat govt did some serious efforts in solving this migration problem. A migration commission has been set up by the govt and head office of this migration commission is formed in Podi District. I hope one day in near future this problem may be solve and we all will see a happy and prosperous Uttarakhand Jai Devbhomi 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏.
बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधाएं हों तो काफी हद तक पलायन रोका जा सकता है। कुछ जनता आगे आए और बाकी सरकार काम करे तो इस पर काबू पाया जा सकता है। हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल में सरकारों ने जो काम किया है और लोगों ने जो अपनी सोच बदली है उसी का परिणाम है कि वहां पलायन ना के बराबर है और वह अपेक्षाकृत काफी संपन्न है।
Mra jamin mra asman Mri family uttrakhand ki hai But m u.p m hoi a din suceesfull hokar m nayi roshni lekar aoghi uttrakhand ki sudar state m muje dur krni hai sbki samsya .
Rajpoot Neha Negi rehne do ab bohot der ho chuki hai, uttarakhandi logon ne to uttarakhand ko dhokha de diya ab bahar ke logon ko ise saunp dena chahiye.
sahi ho raha h playan.or jyada ho jaye to bdiya h.saare uttrakhand ko chor do.bdiya h.mt jao koi waha.acchi baat h ye to playan ho raha h.esa agey bhi hota rahe. khanndar bna do .
Sarkar ki koi galti nahi ,hum log fashion ,jeans pahnkar kar koi kheti me kaam nahi karega ,, sab aram ki ckkar ,aur mafiya ki log district banao ,rajdhani banao. Aise faltu ki mudde ,sabko Apne ghar tak road chaye ,,city me kya sabko tode road milte h sab bahana ab pahadi log hard work nahi karna chahta h
पलायन के जिम्मेदार हम खुद ह ।।।।। हमारा उत्तराखण्ड राज्य अलग बनाने का सपना तो पूरा हुआ लेकिन हुम्ने क्यू अलग राज्य बनाया इस मकसद से हम भटक गए ह।।।।।।।लडकिया बी आजकल सादी के बाद गओं मे रेह्ने को तेयार नी ।।।।।। लडकी बी तब ही मिल रही ह की गओं मे नी रहेगी बहर रहेगी।।।।।पहले एसा नी था सोचो एक बार पलायन का कारन सरकार से ज्यादा हम खुद ह ।।।।क्या जरुरत ह दिल्ली या दूसरे सहरॉ मे जने की एक आदमी अग्र कमाने गया ह तो बकी तो गओं मे रह सकते ह ।।।।।कमाते ह खते ह कुच बच्ता नी ह क्या फायदा ।।।।।।पुरने जमाने मे बी तो लोग रेह्ते थे ।।।।।आजकल हाय क्यो पलायन हो रहा ह ।।।कोई तेयार हाय नी हुमे अपनी सोच बदलनी होगी ।।।।।कौ जॉब से retire हो रहा हे तो सिधे दिल्ली मे फ्लते ।।।।सरि कमाई एक या दो कमरो के फ्लते मे ।।। ।पतनी क्या होगा झूती जिन्दगी मत जियो भाईयो ये राज्य कोई एसी ही नी मिला ह हमे।।हमरे पहाडी भाईयो ने अपनी जान दी ह इसके लिये ।।।ओर आज आप गाओ छोडकर ही जा रहे हो।।।ओर जो बी लोग बहर रह्ते ह ।।।कम से कम अपने पहाडो के मकानो को बंजर मत पडने दो।।।।।खेर रुकेगा पलायन बहुत जल्द सरकार कुछ नी कर पायेगी हमे हाय कर्ना पडेगा।।।।।।।।।जय उत्तराखंड ।।।।हर हर महादेव
हमारे गओँ मे तो एक बी पलायन नी ह यहा तक की 30 किलोमिटर के दायरे मे बी कोई पलायन नी ह लेकिन फिर बी जो लोग पलायन कर रहे ह किरपा करके पलायन ना करे जो कर बी चुके ह अपने पुराने घर को बंजर ना होने दे ।।।।वर्ना भविस्या मे स्तिती घम्बीर होने वाली ह ना बाहर के रहोगे ना पहाडो के ।।।।जय उत्तराखंड
Simple si baat hai dosto, hum log gaon me rehkar mehnat nahi krna chahte, hame sehron ki hawa lag gyi hai or ab hm esi hi jindagi jina chahte he jaha nokri to kr rhe he lekin boss ki gali kha kha kr...or ab hm yaha se bol rhe he ki govt kuch ni kr rhi ..
Bahut dukh ki baat hai Aaj hmare pahad ke makan sune pade hai iska mukhya kaaran hai Garibi agar Uttarakhand ki sarkare samay per Jag gayi Hoti toh Aaj Uttarakhand ke logon ko playan Karna Nahi padta cunaw ke time per hath jodne aa jate hai lekin logon ki pida koi Nahi samjta hai
Right yha ki youth ko bhi krna chaiye kashmiri ki trh y sb hume nhi rhna india ka sth ab maan nhi krta humra youth khtm horha hai humra culture khtm horha hai humra traditional 😭😭
नमस्कार मैं कुमार अभिषेक उपाध्याय देवभूमि उत्तराखंड से पलायन होनेवाले मेरे भाईओ को मेरी विनती हैं। अगर हो सके तो करीब के किसी टाउन में छोटी सी नौकरी करलीजिये , थोड़ी बहुत विपदा उठा लीजिये, पर ये पावन भूमि ना छोड़े , फिरभी अगर मजबूरन छोड़नी पड़े तो परिवारों के साथ ना ही छोडो तो अच्छा है। बड़े शहरो में आकर आप और भी मुसीबत में पड़ सकते हो। क्यों की यहाँ ज़्यादातर लो निक्कम्मे और नियत और नियम के खोटे होते हैं। थोड़ा बहुत पैसा ज़्यादा मिलेगा तो साथ में आपसे आपका सुकून भी छीन लिया जायेगा , यहाँ सुख हैं पर चैन नहीं हैं। मेरा आशय आपको डराने का क़तई नहीं हैं। मैं उत्तराखंड बहुत साल पहले आया था पर मजबूरन जब मैं लौटा तो मुझे बहुत दुःख हुआ था जब की मेरी मातृभूमि तो गुजरात हैं। दोस्तों बस इतना ही कहना चाहता हूँ। बहुत अच्छे वीडियो बनाइए मैं इसी बहाने अपने मन को तसल्ली देता रहुगा। धन्यवाद्
शहरो में आकर आप और भी मुसीबत में पड़ सकते हो। क्यों की यहाँ ज़्यादातर लो निक्कम्मे और नियत और नियम के खोटे होते हैं ___वैरी गुड कमेंट भाई दिल जित लिया आपने तो , लेकिन ज्यादा खुश न हो क्योकि मैं शहर का हूँ झूठा हूँ नियत और नियम का खोटा हूँ , आप नियत और नियम के पक्के है
It's a fault of all the people who are migrating from villages but their is also an important role of government who is not providing facilities to the people.
उत्तराखंड की संस्कृति ओर रहन सहन ओर इलाके से बेहतर थी. प्लेन्स मे पहले झुग्गी झोपड़ी हुआ करती थी आज वहा बँगले बन गए ओर पहाड़ मे गरीब से गरीब के पास अपना पक्का घर होता था लेकिन अब रोटी के चक्कर मे शहर मे झुग्गी झोपरी मे रहने को या किराये के मकान मे जिंन्दगी गुजार रहे हे. हम क्या करें.
भै बंधु सादर प्रणाम बंधुवर यु पलायन होण मा सबसी बडु हाथ हम पाहाडी लोखु च मै अपरा गों मां चो मकान देहरादून भी च पर जबर तक जिंदा चो अपरू गों नी छोडण भै बंधु जू लोग बोलणा चन पलायन च होणू अरे त कैन करी पलायन हमून करी या मा सरकार नी हमारी गलती च आज तक जतना भी पाहाड का लोग जू भैर चन कैकी इतना हिम्मत नी होणी की सब ऐकजुट होऐग तै शासन प्रसासन कू घेराव व मांग करा की हमतै पाहाड मा शिक्षा व स्वास्थ्य व रोजगार देवा अर बातकरदन पलायन की अरे जू शिक्षक अपरा बच्चों तै आफू पडोण की हिम्मत व ओकात नी रखदन वोन दुसरा बच्चों तै कनकै पडोण तनखाह 50000 हजार अर अ आ नी ओंदू धिक्कार च यों शिक्षकू पर भैर कि लोग यख रोजगार चन करणा अर पाहाडी अपरा लांखो का मकान छोडी किराया की भितरी मू गुजारू चन करणा अबै वो सी बडीया त हम चा जू घोर मूं चा भै बंधु अभी भी संभल जा नथर ओण वाला समय मा तुमतै पाहाड मा भी नेपालियों अर मुसलमानों मू अपरै गों मा कमरा किराया पर लेण पडण
पहाड़ों से पलायन के लिए मुख्य रूप से सुविधाओं की कमी है रोजगार की कमी है खेती में उत्पादन कैसे हो सिंचाई के लिए जल की कमी और सरकार की तरफ से विशेष रूप से आर्थिक पैकेज शिक्षा ,स्वास्थ्य,व्यवसाय के लिए निशुल्क शिक्षा और धन प्रदान करना चाहिए तभी कुछ वापसी हो पाएगी लोगों की
jaat waat baman bit doom lohar yebsab h yaha h or kuch nahi h.pandit log Neechi casts ko dekh nahi paate. Kaflta kaand to pta hi hoga aap logo ko?iske chlte koi ekta nahi h jiske karan koi bda jan andolan nahi ho pata netao k kheelaf.Neta log chor h sab.jinko suvidhao ki bhoot jaroorat h unhe nahi dete blki wo log jinhe pehle se hi sab suvida prapt h wo inka upbhog krte h.uttrakhand m teen type k hi log reh rahe h *(1) Army(2)Teacher(3) koi shope keeper .kissan aam log nahi h waha .shadi karo to ldki city wala pati doondti h.pahadi ldki pahadi ldko se friendship nahi karti or dussre ldko se friendship karti h.yaar kuch karo .uttrakhand ko khanndar bnte der nahi lagegi.aap meri baato se sehmat h to like kare.chahe wo koi bhi garhwali bhai ho uchi jaati ka ho ya Neechi jaati ka hume milkar rehna padega. iss dharti ko bachana padega. yaar abhi bhi time h.wo time kaha h jab tum ek khet or paed k liye ldte they.ki mera h mera h.ab to tum logo ne usey chor hi diya?ab bolo kiska h wo?me ek group baane ki soch raha hu. "UTTRAKHAND YUVA GROUP " agr aap iske support m aana chahte ho to .join kare like kare.iska kaam gao m rozgar k option dhoondna iske baare m sarkar ko btana or berozgaari ko khatam karna .mere pass bhoot ideas h.friends.jai uttrakhand. me apne uttrakhand k baare m sochta hu.kuch ho yaha. .hum ajkal k yuva log kar sakte h.kuch.sarkar soyee huyee h.jai uttrakhand
Mai IAS banungii n uttrakhand ka gaw mai hi choose karungi achi rank lakr or apne uttrakhand ka gaw se ya sb rokungii jaise himachal or Kashmir ka gaw hai sb banungii wha mero uttrakhand😭😭😭😭😭😭
All the governments of new state has failed the hill people. I have noticed entire state machinery and politicians are disgustingly corrupt. I think only a regional party can address these problems. Shift state capital to any hill town and do away with these IPS or IAS officers and replace them with local hand. Follow NE modal
" वो सभी जा रहे, इस पार से उस पार, पुर्व की पुरवाई, अब आति नहीं इस पार, चोराहों की चोपाल, सुनी सी है, वो पिपल की छाया, अपने को सिमेट कर बैठी है, सियासी गलियारों का सार, पोस्टरों पै लिखा पड़ा है, पढ़ता है उसे हर कोई, अपनी मोन आंखों से, चोराहों का चहरा, आज भी वैसे ही है, हर मोड़ पै टकी फोटो, हर बार बोलती है, परिवर्तन लाने की, अपनी फुटी पुरानी जुबान से, आखिर कब तक? महावीर चौधरी,| (वीर तेजा मार्बल्स, कोटद्वार)
only 1 soution. make strength/menpower/crowd/BHEED of people in UK. Nobody metured pahari wants to live in metro city. But ........ everybody knows. Large amount of Army personnel retired form service every Month/ Year. If Goverment realised and promise them to get Govt Job in UK. 1 Soldier has 5 menpower as Mother, Father, Wife & Children also. Everybody knows that Ex Army personnel has already lot of experience, wealth, health, dicipline & facilities. All these things could be grow a new live cycle in Uttrakhand. Other option may be as: Transport Turism Industries Forest But all option dependent on socity & culture with Bheed/Manpower/Human/log/live/Insan means AADMI in the sence of PALAYAN. Please think a deep......
कुछ मत करो सिर्फ हमारे गांवों से जंगली जानवर का इलाज कर दो बस और कुछ करने की जरूरत नहीं है सूवर बन्दर लंगूर का इतना आंतक है घर से दूर तो छोडिये घर के पास भी कुछ सांग सब्जी नहीं बूत सकते थोड़ी सी तो जमीन होती है यहां लोगों की उसको भी जानवर का जाते हैं इसलिए उक्त बिषय पर सरकार को और यहां के लोगों को जागरूक होना पड़ेगा वरना यहां इनसान नहीं सिर्फ जंगली जानवर रह जायेगा जागने का अब भी समय है जाग जाओ जय भैरवनाथ जय उत्तराखंड,
सरकार को यहाँ लोगों को वापस लाने के लिये कुछ ना कुछ आफर और पैकेज देना ही चाहिए हमारे भाई बहन मजबूर होकर घर द्वार छोड़ रहे है इनकी सुधि लिजिये कोई ना कोई कानून जरूर बनाये
Sabse pehle to other states ka property purchase band kiya jaaya... Himachal jese yha bhi law hona chahiye... Yha k mool niwaasi Ko hi yhaa property purchase ka right ho... Property dealers kujh peso k liye duniya ka gand ukd me bhar rhe h
Gaav m sabshe bdi problem h study ki or hospital ki . Jo dur dur tkka bhi nahi hote h Ashe m baccho ka future shi nhi hota sabhse phle school clg acche ho.
Development hona chaheye, pr China toh bhut sasta maal khud India ko bechta h Bhai toh bhla China se trade kaise hoga...mujhe uk bhut pasand h..Maine yha padhaya bhi h Dehradun m
@@sandeepbhardwaj1428 Right yha ki youth ko bhi krna chaiye kashmiri ki trh y sb hume nhi rhna india ka sth ab maan nhi krta humra youth khtm horha hai humra culture khtm horha hai humra traditional 😭😭
mere gaon m 20 saal pahle tak 50-60 parivar the ab 15 rah gye h. kheti hi yanha per playan ko rok sakti h. subhod uniyal jo kirshi mantri h wo bahut achcha kam kr re h. dekhte h 4-5 saal m kya result ata h.
when people/public were in each and every village of uttrakhand, no roads were for them. but when each and every village were almost vacated by people/public, government connected by road to each and every village. (its happens only in India) which is not good for people of uttrakhand, those who left their everything in uttrakhand.
@Nagendra Singh hii men Rakesh Adhikari himachal pardesh c hin and uk men job karta tha champawat m us c phle tihri garval m b kam kiya ap k uk men horticulture ka bhut bda scop h champawat men only 6 month job kiya or us k baad resign kiya y june 2016 ki bat h or us k baad july 2017 ko mene champawat men 500 apple ki plantation kiya h jo chapawat c 17 km ki duri par h es. saal 5000 tre plantation ka oam krna h or logo ko aware b karna h taki jo ab phad m h vo payan na karen ap kahan c ho or abhi kya kar rhy ho contact men my no 9816543618
Rajnetik paristithi bhi bahut h....pahad ki rajniti sabse kharab h ye bhi karan h palayan ka....or yahin kbhi na khtm hone wala caste system jiss wajah se bahar ke log bhi yahan rkhna pasand ni krte.....uttrakhand me ek nyi soch ki jarurat h
Janta ne jan aandolan kia jo ki kuch log ke manmrji ke rajdhani banane se janta ne dhukhi hokar pllayan kia jo ki AAJ pahad ke villages khali karke aapna rojgar ko talas raha hai jinke hathon me uttrakhnd shonpa wahi pallayan kar bahar makan banakar khushi ki need le rahe......fuko...ujado...banjar.............lakh kosis karo sab asfal hi rahega...Legal.. ak. Upay...rajdhani. Hi pahad me
जबकि आन्दोलन था पहाड़ का विकास हो पर राजधानी का फैसला नहीं कर पाये विकास कब होगा अब पलायन हीं तो वहा का, ,आखिरी ,कदम रह गया है, , राजधानी पहाड़ में बनेगी तो विकास तब होगा शासन भी कर्मचारी भी वहाँ के हालात से अवगत होगा तो ठीक है जंगली जानवरों का हमला कब हो जाय स्वास्थ्य बीमारी का इलाज रोजगार का न हो ना पलायन का कारणों पर काम न हो ना
Waha ke logo ki soch hi alag hai , ,vo log apni bhesh bhusha bhasha apne pehnawe pe apne paramparawo par garv karte hain, jo log apni paramparik topi nahi chod sakte vo log gawn kya chodenge, esliye aaj india me sabse jada paryatan bhi himanchal me hi hain, whan seb hote hain aalu hote hain gehu hote hain, chawal hote hain sabjiya hoti hai, hum logo ko bhi apni bhasha paramparik bhesh bhusha paramparawo ko bachana hoga, halaki ab thoda sthithi badal rahi hai lekin abhi bahut jarurat hai
@micky virus Bhai tumhari baat bilkul sahi hai mainta hoon main pauri se hooon aur toursm ka hi kaam hai mera , camping ka aur main sirf utna hi bol sakta hoon jitna mujhe knowledge hai usase jada nahi bolta, phli baat 18 saal uttrakhand ko bane huye hain, 18 saal me bahut kuch nahi ho sakta kyonki aaj bhi ajadi ke 70 saal baad bhi india europe ki barabari ki bhi nahi soch sakta ,ab uttrakhand ki baat kare uttrakhand pehle UP me tha to uttrakhand ko koi janta bhi nahi tha, uttrakhand sirf musoorie nainitaal tak simit tha eske alawa koi nahi janta tha uttrakhand ki hamesha andekhi hui hai, ek book hai mujhe name yaad ayega to aapko jarur batawunga jab angrej aye the to angrejo ko uttrakhand himanchal se jada pasand aya tha, himanchal me shimla tk hi angrej gaye baki wahan sirf boddh dharam faila , aur uttrakhand me angrej kaushani musoorie nainitaal chakrata ranikhet pauri lansdown tk gaye aur aaj v unki apni virasate hain wahan, hamari hi galati hai hum kisi v gvt ko uk me 10 sal nahi dete uttrakhand me project bahut hai lekin ek to avi 18 saal huye dusra koi bhi govt lagatar 10 sal nahi rahi to jab dusri govt ati hai agli govt ka project rok deti hai, aur agar uttrakhand ke logo ki hi soch aisi ho gai ki haldwani dehradun rishikesh rhna hai to isme govt ko dosh nahi de sakte ,dhire dhire development hota hai ek dum se kuch nahi hota aur fir developmen na hone ka ek karan a bhi hai ki sarakre badalti rehti hai uttrakhand me ,aap thoda sa research karna abhi dhire dhire bade hospital school college politechnic engineering sari vyawasthaye ho rahi hai, durasth gawo me to himanchal me bhi nahi hai ye vyawasthaye aur sambhaw bhi nahi hai , aur rahi transport ki baat main aapko bata deta hu, himanchal me dharmshala , shimla , kullu manali ke alawa na kahi road achi hai na transport , esase better uttrakhand me hai kyonki ye vyawastha uttrakhand me uttrakhand bane se phle se hai, baki ye aapki galat fehami hai ki yahan tourist nahi ate ,pichle 3 -4 saalo me uttrakhand ke do tin jagah bahut famous hui hai, ek DHANAULTI, HARSHIL, CHOPTA , AULI AUR MUNSIYARI BAHUT LOG ane lage hain bhai, google me find karna , auli dhundoge to phle google bhi himanchal wala auli search karke deta hai appko jabki himanchal wala auli kuch bhi nahi hai uk ke auli ke samne, to bhai famous hone me time lagta hai , aap 10 saal wait karo uttrakhand me toursm aur transport himanchal se jada hoga, last no doubt himanchal uttrakhand se bahut jada developed hai , lekin hoga apna uttrakhand bhi hoga usse famous karna padega
@micky virus Bhai , sab jagah ka name suna hai bahut jagah gaya b hoon, bas aapki baat sahi hai jagah famous nahi hui hai ye, warna Kaushani, Khirshu, Harshil, Chopta , Almoda, brahamtaal, Kedarkantha, Sankari village, inse achi jagah sayad hi kahi aur mile, Munsiyari aur chakrata ka water fall bahut khubsurat hai, bas development ki jarurat hai, Bhai ab kaam to chal rha hai all weather road ka, railway ka , lekin kuch ghar ke bhedi hi hai jo development nahi chahte , NGO hai koi NGT ki clearance ke against case file kar diya all weather road ke khilaf filhaal supreme court ne stay order laga diya , china kahan kahan pahunch gaya switzerland me pahado ke andar se gadiya train nikalti hai , lekin ye so called paryawaranwid sale uttrakhand me hi developmen nahi hone dete , aur logo ke dimag me galat bhadkate hain ki jamin mat do , developmen ke liye sab karna padata hai, sara theka parkirti ka kya uk ne hi le rakha hai, ye sab bipakshi hai supreme court me NGO me sab sale development hone hi nahi de rahe,, agar ek baar all weather road ban jaye, train pahunch jaye to uk ki tasveer hi kuch or hongi, log reverse palayan karenge,
@micky virus bhai tourism safal tb hota hai jab tourism me whi ke log ho, jaise village tourism, himanchal me koti village hai, malana village hai, tosh village hai jahan wahi ke log es business me hain, esliye log jana pasand karte hain, aur han apaki baat sahi hai badmismati se uttrakhand up vihaar ki boarder pe hai jahan se mulle bihari sab aa ke gandagi aur gundagirdi faila rahe hain, jabki himanchal kashmir dogri aur punjab boarder par hai, baki aapki thinking ye galat hai ki uttrakhand me himanchal se achi jagah nahi hai, uttrakhand ki hamesha disaster ki news aai hai, jab bhi snow fall hota hai to news wale bhi bas shimla kullu manali kurfi ya kashmir ki taraf bhagte hain , ek baar unse pucho chakrata , sankari village auli cchopta hemkund sahib dhanaulti munsiyari bhi camera lawo , ya sirf jab barish ati hai distaster hota hai tb hi apne camera udhar late hain, mere bhai distaster himanchal me bhi hota hai lekin wahan sirf positive news ati hai, sab famous hone pe baat hai kabhi uttarkashi jawo harshil jawo, sankri village jana kya gajab ki location hai wapas ane ka man nahi karta aur agr uttrakhand me parampra bhesh bhusha aur pahadi log kahi bache hai to Jonsar aur uttarkashi ke logo ne bacha rakha hai, aur ha bhai ye all weather road ka kaam ke liye agar court se clearance mil jati hai to road ka pura kaam 2020 ke end ya 2021 me pura ho jayega , 989 km ka kam hona hai, jisme first phase me 450 km pe kaam chal rha hai aur bahut teji se chal rha hai, baki rishikesh karnparyag railway ka kaam suru pichle saal ho gaya tha, aur usme jo tunnel surange banani hai vo march se start ho jayengi , lekin mujhe nahi lagta rail ka karya agle 10-15 saal se phle complete ho payega, halaki inka target 2025 hai lekin ye possible nahi hai
bhai kyun ...hate faila rahe ho ...koi kabza ni kar raha hai ...mai bhi rehta hun ...Haldwani me rehta hun job kar raha hun ..Lucknow se hun...sab pahad se hi a rahe hai ...Achhi education , swast suvidhaye aur rojgaar ke liye ..mai abhi gya tha bheemtaal ke ek gaon me sab khush hai waha ..
@@shahrukhali4465 haan yar me to nfrat fela raha hu....isis pyar fela raha he jawano ke shaheed hone pr hanse wale bhi pyar fela rahe the .......din me 5 baar mashido se chillana ki allah ke alwa sab jhoot3 he ye bhi pyar felana he love jehad population jehad gazwa e hind halala ye sab pyar he..
उत्तराखंड में गांव में रहने की बात वही करते हैं जो खुद शहरो में रहते हैं । गांव में रहकर तो देखो पता चलेगा ।
Kya Baat khi Apne..!!
❤❤❤❤❤❤😊😊😊
Ha bhai sach kaha aapne muze bhi uutrakhand me jamin leni hai...
@@sayajigardade4482 uttrakhand himanchal Sikkim jaisi jagah sayad bhot Kam hai bhyi nature h uttrakhand me to har jagah paani h but developed ni h gov ne loot dya dam Bana kr
एक तो सरकारी नियम दूसरा पहाड़ी लोग मैदानी लोगो को खभी नहीं अपनाते बहुत हद तक हेट ही करते है
और जब खुद मैदानी इलाको में आकर बस जाते है
Mai Uttrakhand vapis jaunga
Please go back work hard my blessings
palayan hmari majburi
Saadi majboori , Saadi responsibility ,
Log swarth ko majboori ka naam de dete hain.
जय देव भूमि उत्तराखंड हम लोग एक दूसरे को बोलते रहते हैं कि पहाड़ छोड़ कर आ गए हो शहर में अपने घर बार छोड़ के आ गए हो पर हम भी तो अपने घर बार छोड़ के आ गए हैं अगर हम लोग 2 महीने गर्मियों में अपने परिवार को लेकर पहाड़ जाया करें तो हमारे बच्चों का भी पहाड़ से लगाओ हो जाएगा
Bahut mushkil.he ek baar bacho ko aaram.mil.jaye to vo kaam.nahi karte
2-4din ki chutti to milti nahi
Private nokari Mai
ये ,,,पलायन,, वाला विडियो मेरी अंतरात्मा के मर्म को छू गया,, किसी का घर उजड़ना एक सामान्य बात नहीं है,,कितनी वेदना,कितनी पीड़ा होती है विस्थापन व पलायन की,,, ये मैं समझता हूं।।। क्योंकि,,प्यारे राज्य उत्तराखंड ने बीते कुछ वर्षो से इस दर्द को बहुत सहा है।।।ये देवभूमी है,, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि अब कोई आपदा यहां नहीं आवे,, यहां से कोई पलायन न करे,, परमेश्वर की असीम कृपा इस राज्य पर अटूट रूप से बनी रही,, फूलचंद,, चितौड़गढ़, राजस्थान
🙏🙏खम्मा घणी सा 🙏
उत्तराखंड से मारवाड़ी
sindhu ghaati
पलायन के लिए हर कोइ जिम्मेदार है आप मैं जो लोग अपनी भाषा का प्रयोग शहर में जाते ही भूल जाते है
पहाड़ी भाषा बोल्ने में उन्हें शर्म लगती है रोजगार ही नहीं है तो खाएन्गे क्या खेती अब कोइ करता नहीं ! अपने गान्व की हालत देखकर मन में रोना आता हैं गान्व खाली होता देखकर
Har Koi jimdar hai bhai
Sacha bat he bhai
इस हरियाली में हम फिर से मुस्कान लाएंगे । जय हो जन्म भूमि की । वापिस आयेंगे । नई विचार और बाहरी ज्ञान लेकर ।
Shi kha bhai
Bhai ham v wahi bulao
Right
पानी और जवानी कभी पहाड़ो के काम नहीं आती ☺️☺️
welcome nepali.
लवडा नेपाली यहाँ भी आ गया चौकीदार अपनी माँ चुदवाने💩💩
जो बचे है उन्हे ही बचा दो सहाब
Ho saabji 🖕
Rajdhani Gairsain hone se yahan ki sarkaar pahado ke anurup policies banayengi. Dehradun and Lucknow are the same. Dehradun brought no changes in the life and development of the hills.
you are right
हिंदुस्तान का हर राज्य सरकारी रोजगार के लिए रेलवे जैसे फैक्ट्री मांगता है।
लेकिन मेरे उत्तराखंड के समझदार लोग आज इतने साल बाद भी राजधानी परिवर्तन की मांग कर के राज्य को और पीछे भेजने मैं लगे है
Good work
I am from Uttar Pradesh but i always attract towards Uttarakhand . One of my relative is living in Uttarakhand and I
was went Uttarakhand last year in the the month of September . I feeling very bad after seeing this documentary regarding the migration problem in Uttarakhand.
The main cause of migration in Uttarakhand in my opinion is the lack and scarcity of basic facilities like roads , hospitals, schools and employment. All these basic facilities is far away from the reach of rural resident of Uttarakhand . After becoming a separate and free State all the government's has been fail in Making a bonding with Uttarakhand People's. All the government's have focused on the development of plain and famous areas of Uttarakhand like Dehradun Haridawar Nanital Mussorie Rishikesh and many other places.
If Local Uttarakhand resident and government will cooperate with each other I think migration problem may be solved.
Current Trivander Singh Rawat govt did some serious efforts in solving this migration problem. A migration commission has been set up by the govt and head office of this migration commission is formed in Podi District.
I hope one day in near future this problem may be solve and we all will see a happy and prosperous Uttarakhand
Jai Devbhomi 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏.
Thankyou
Your comment motivate us a lot..Be connected to our jonsari uttarakhand culture
@@ROYALJONSARI 🙏🙏🙏🙏
Excellent collection
agreed
सुन्दर
पलायन समस्या को सही तरीके से दिखाया गया ।
बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधाएं हों तो काफी हद तक पलायन रोका जा सकता है। कुछ जनता आगे आए और बाकी सरकार काम करे तो इस पर काबू पाया जा सकता है। हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल में सरकारों ने जो काम किया है और लोगों ने जो अपनी सोच बदली है उसी का परिणाम है कि वहां पलायन ना के बराबर है और वह अपेक्षाकृत काफी संपन्न है।
Himanchl me log..apne hako k liye lade hai...tbi us bjh se aaj ghr ghr tk facilities pahuchi hai
Aao Sab Milkar Uttarakhand ke palayan ko rokay
I m ready
Kaise role RUclips par comment karke 😂
@@johnclark3108 bahoot khoob
Hariom haribol...
Mra jamin mra asman
Mri family uttrakhand ki hai
But m u.p m hoi a din suceesfull hokar m nayi roshni lekar aoghi uttrakhand ki sudar state m muje dur krni hai sbki samsya .
Hum wait krenge
ठीक छु पे
6 mahine hogaye aap nhi aaye uttarakahnd ko rohan krne.. khte sab ha mero pahad pr jana koi ni chata
Rajpoot Neha Negi rehne do ab bohot der ho chuki hai, uttarakhandi logon ne to uttarakhand ko dhokha de diya ab bahar ke logon ko ise saunp dena chahiye.
Tu rehne de behen tujhse na ho payega
उत्तराखंड के मर्द न मर्द है उन में अब पहाड़ो में काम करने की हिम्मत नही रही वो भूल गए है उन के पूर्वजो ने कैसे इन पहाड़ियों में अपनी जिंदगी जी है
Sahi kaha inko daru ki bottle dedo bas
@Rangila Rasul job bi tabi hoga na jab vahan log rahenge
Accha tum aa ke Karo
,👌👌🙏
sahi ho raha h playan.or jyada ho jaye to bdiya h.saare uttrakhand ko chor do.bdiya h.mt jao koi waha.acchi baat h ye to playan ho raha h.esa agey bhi hota rahe. khanndar bna do .
मैने तो कर दी सुरुवात अपने गांव मे रहकर यही काम करने की आप कब कर रहे
🙏🙏🙏
jb aap bolo
Ab ho chuka h palayan 🥵🥵🥵
DD kisan the legend channel
A
🙂🙂🙂
Hum Uttarakhandi palayan nahi karege kuch bhi Ho jaye
Se palayan ya ko playan
पलायन -फलों के उत्पादन की समस्या , डॉक्यूमेंट्री के द्वारा एक अन्य पहलू को दिखाया है -
ruclips.net/video/Qhc9G14lSgQ/видео.html
Aap Sabi utarkhand nivasi koo bakri palan Karna chahia
Real khani sir nice post
Bahut dukh hota hai Uttrakhand ke band ghro Ko dekh kar
इसके जिम्मेदार प्रशासन व सरकार दोनों है,
Pahar main chote chote udyog biksit kiye Jay jise logo Ko rojgar mil skte hain
Sarkar ki koi galti nahi ,hum log fashion ,jeans pahnkar kar koi kheti me kaam nahi karega ,, sab aram ki ckkar ,aur mafiya ki log district banao ,rajdhani banao. Aise faltu ki mudde ,sabko Apne ghar tak road chaye ,,city me kya sabko tode road milte h sab bahana ab pahadi log hard work nahi karna chahta h
AAPNE EK DUM SAHI BOLA HAI ,
Jao magar yad rakhna tisra viswa youdh hoga to pahado me mat ana apni aane wali pidi ko bhi kah dena
पलायन के जिम्मेदार हम खुद ह ।।।।। हमारा उत्तराखण्ड राज्य अलग बनाने का सपना तो पूरा हुआ लेकिन हुम्ने क्यू अलग राज्य बनाया इस मकसद से हम भटक गए ह।।।।।।।लडकिया बी आजकल सादी के बाद गओं मे रेह्ने को तेयार नी ।।।।।। लडकी बी तब ही मिल रही ह की गओं मे नी रहेगी बहर रहेगी।।।।।पहले एसा नी था सोचो एक बार पलायन का कारन सरकार से ज्यादा हम खुद ह ।।।।क्या जरुरत ह दिल्ली या दूसरे सहरॉ मे जने की एक आदमी अग्र कमाने गया ह तो बकी तो गओं मे रह सकते ह ।।।।।कमाते ह खते ह कुच बच्ता नी ह क्या फायदा ।।।।।।पुरने जमाने मे बी तो लोग रेह्ते थे ।।।।।आजकल हाय क्यो पलायन हो रहा ह ।।।कोई तेयार हाय नी हुमे अपनी सोच बदलनी होगी ।।।।।कौ जॉब से retire हो रहा हे तो सिधे दिल्ली मे फ्लते ।।।।सरि कमाई एक या दो कमरो के फ्लते मे ।।।
।पतनी क्या होगा झूती जिन्दगी मत जियो भाईयो ये राज्य कोई एसी ही नी मिला ह हमे।।हमरे पहाडी भाईयो ने अपनी जान दी ह इसके लिये ।।।ओर आज आप गाओ छोडकर ही जा रहे हो।।।ओर जो बी लोग बहर रह्ते ह ।।।कम से कम अपने पहाडो के मकानो को बंजर मत पडने दो।।।।।खेर रुकेगा पलायन बहुत जल्द सरकार कुछ नी कर पायेगी हमे हाय कर्ना पडेगा।।।।।।।।।जय उत्तराखंड ।।।।हर हर महादेव
हमारे गओँ मे तो एक बी पलायन नी ह यहा तक की 30 किलोमिटर के दायरे मे बी कोई पलायन नी ह लेकिन फिर बी जो लोग पलायन कर रहे ह किरपा करके पलायन ना करे जो कर बी चुके ह अपने पुराने घर को बंजर ना होने दे ।।।।वर्ना भविस्या मे स्तिती घम्बीर होने वाली ह ना बाहर के रहोगे ना पहाडो के ।।।।जय उत्तराखंड
jai Uttrakhand Dev Bhumi har har Ganga
Surjansingh Kaintura
hunn ta paaji Dev Bhumi ton Dev Bhumaru ban gya aa saada Uttarakhand 😊
Simple si baat hai dosto, hum log gaon me rehkar mehnat nahi krna chahte, hame sehron ki hawa lag gyi hai or ab hm esi hi jindagi jina chahte he jaha nokri to kr rhe he lekin boss ki gali kha kha kr...or ab hm yaha se bol rhe he ki govt kuch ni kr rhi ..
Bahut dukh ki baat hai Aaj hmare pahad ke makan sune pade hai iska mukhya kaaran hai Garibi agar Uttarakhand ki sarkare samay per Jag gayi Hoti toh Aaj Uttarakhand ke logon ko playan Karna Nahi padta cunaw ke time per hath jodne aa jate hai lekin logon ki pida koi Nahi samjta hai
उजड़ते पहाड़, अब कौन मना रहा है ‘फूलदेई’ www.theindiapost.com/headline/ujadte-pahad/
Ghazabbbbbbbbbbbbbbbbbb
Documentary
Rojgar do... Rail chalao
Right yha ki youth ko bhi krna chaiye kashmiri ki trh y sb hume nhi rhna india ka sth ab maan nhi krta humra youth khtm horha hai humra culture khtm horha hai humra traditional 😭😭
नमस्कार
मैं कुमार अभिषेक उपाध्याय
देवभूमि उत्तराखंड से पलायन होनेवाले मेरे भाईओ को मेरी विनती हैं। अगर हो सके तो करीब के किसी टाउन में छोटी सी नौकरी करलीजिये , थोड़ी बहुत विपदा उठा लीजिये, पर ये पावन भूमि ना छोड़े , फिरभी अगर मजबूरन छोड़नी पड़े तो परिवारों के साथ ना ही छोडो तो अच्छा है। बड़े शहरो में आकर आप और भी मुसीबत में पड़ सकते हो। क्यों की यहाँ ज़्यादातर लो निक्कम्मे और नियत और नियम के खोटे होते हैं। थोड़ा बहुत पैसा ज़्यादा मिलेगा तो साथ में आपसे आपका सुकून भी छीन लिया जायेगा , यहाँ सुख हैं पर चैन नहीं हैं। मेरा आशय आपको डराने का क़तई नहीं हैं। मैं उत्तराखंड बहुत साल पहले आया था पर मजबूरन जब मैं लौटा तो मुझे बहुत दुःख हुआ था जब की मेरी मातृभूमि तो गुजरात हैं। दोस्तों बस इतना ही कहना चाहता हूँ। बहुत अच्छे वीडियो बनाइए मैं इसी बहाने अपने मन को तसल्ली देता रहुगा। धन्यवाद्
Great Echo bhool jao ab. Bahri logon ka hak hai ab uttarakhand pe apno ne to dhokha de diya.
शहरो में आकर आप और भी मुसीबत में पड़ सकते हो। क्यों की यहाँ ज़्यादातर लो निक्कम्मे और नियत और नियम के खोटे होते हैं ___वैरी गुड कमेंट भाई दिल जित लिया आपने तो , लेकिन ज्यादा खुश न हो क्योकि मैं शहर का हूँ झूठा हूँ नियत और नियम का खोटा हूँ , आप नियत और नियम के पक्के है
please Palawan par write
First job ye hai ki village ka pradhan youngster ho aur elections time sarab aur rupiya batne ka virodh kiya jaye ye kam yuwa hi kar sakte hai
Aj kl dikhawa cahiye logo ko
geeta rawat sahi baat, or fr bolte he govt kuch nhi kr rhi bl
Sarkare Kaya Kar rahi hai
It's a fault of all the people who are migrating from villages but their is also an important role of government who is not providing facilities to the people.
agreed
उत्तराखंड की संस्कृति ओर रहन सहन ओर इलाके से बेहतर थी. प्लेन्स मे पहले झुग्गी झोपड़ी हुआ करती थी आज वहा बँगले बन गए ओर पहाड़ मे गरीब से गरीब के पास अपना पक्का घर होता था लेकिन अब रोटी के चक्कर मे शहर मे झुग्गी झोपरी मे रहने को या किराये के मकान मे जिंन्दगी गुजार रहे हे. हम क्या करें.
भै बंधु सादर प्रणाम बंधुवर यु पलायन होण मा सबसी बडु हाथ हम पाहाडी लोखु च मै अपरा गों मां चो मकान देहरादून भी च पर जबर तक जिंदा चो अपरू गों नी छोडण भै बंधु जू लोग बोलणा चन पलायन च होणू अरे त कैन करी पलायन हमून करी या मा सरकार नी हमारी गलती च आज तक जतना भी पाहाड का लोग जू भैर चन कैकी इतना हिम्मत नी होणी की सब ऐकजुट होऐग तै शासन प्रसासन कू घेराव व मांग करा की हमतै पाहाड मा शिक्षा व स्वास्थ्य व रोजगार देवा अर बातकरदन पलायन की अरे जू शिक्षक अपरा बच्चों तै आफू पडोण की हिम्मत व ओकात नी रखदन वोन दुसरा बच्चों तै कनकै पडोण तनखाह 50000 हजार अर अ आ नी ओंदू धिक्कार च यों शिक्षकू पर भैर कि लोग यख रोजगार चन करणा अर पाहाडी अपरा लांखो का मकान छोडी किराया की भितरी मू गुजारू चन करणा अबै वो सी बडीया त हम चा जू घोर मूं चा भै बंधु अभी भी संभल जा नथर ओण वाला समय मा तुमतै पाहाड मा भी नेपालियों अर मुसलमानों मू अपरै गों मा कमरा किराया पर लेण पडण
shi baat
कबी त ल्ग्द की जुला उत्तराखंड का वस्ता बलिदान दे ऊ काम नी आयी
@@snegi7749 सही बात च जोन बलिदान दिनी खुद आज वोंकी अगनै की पिडी भुली गै अर वु ऐस चन करणा वोंका बलीदान का पैथर
सबसी पैहली अपरा बच्चों तै अपरी बोली भाषा सिखावा जू भै बंद भैर चन नथर हमारी संस्कृति बिल्कुल विलुप्त होऐ जाण
पहाड़ों से पलायन के लिए मुख्य रूप से सुविधाओं की कमी है रोजगार की कमी है खेती में उत्पादन कैसे हो सिंचाई के लिए जल की कमी और सरकार की तरफ से विशेष रूप से आर्थिक पैकेज शिक्षा ,स्वास्थ्य,व्यवसाय के लिए निशुल्क शिक्षा और धन प्रदान करना चाहिए तभी कुछ वापसी हो पाएगी लोगों की
jaat waat baman bit doom lohar yebsab h yaha h or kuch nahi h.pandit log Neechi casts ko dekh nahi paate. Kaflta kaand to pta hi hoga aap logo ko?iske chlte koi ekta nahi h jiske karan koi bda jan andolan nahi ho pata netao k kheelaf.Neta log chor h sab.jinko suvidhao ki bhoot jaroorat h unhe nahi dete blki wo log jinhe pehle se hi sab suvida prapt h wo inka upbhog krte h.uttrakhand m teen type k hi log reh rahe h *(1) Army(2)Teacher(3) koi shope keeper .kissan aam log nahi h waha .shadi karo to ldki city wala pati doondti h.pahadi ldki pahadi ldko se friendship nahi karti or dussre ldko se friendship karti h.yaar kuch karo .uttrakhand ko khanndar bnte der nahi lagegi.aap meri baato se sehmat h to like kare.chahe wo koi bhi garhwali bhai ho uchi jaati ka ho ya Neechi jaati ka hume milkar rehna padega. iss dharti ko bachana padega. yaar abhi bhi time h.wo time kaha h jab tum ek khet or paed k liye ldte they.ki mera h mera h.ab to tum logo ne usey chor hi diya?ab bolo kiska h wo?me ek group baane ki soch raha hu. "UTTRAKHAND YUVA GROUP " agr aap iske support m aana chahte ho to .join kare like kare.iska kaam gao m rozgar k option dhoondna iske baare m sarkar ko btana or berozgaari ko khatam karna .mere pass bhoot ideas h.friends.jai uttrakhand. me apne uttrakhand k baare m sochta hu.kuch ho yaha. .hum ajkal k yuva log kar sakte h.kuch.sarkar soyee huyee h.jai uttrakhand
Bheji me gaun jakr kheti karunga. Kyunki mughe rojgar nhi milra h, isley Shero me dhakke khane se accha h gaun me rehkr kheti kiya jaye
Ye to mera gaon hai
Mai IAS banungii n uttrakhand ka gaw mai hi choose karungi achi rank lakr or apne uttrakhand ka gaw se ya sb rokungii jaise himachal or Kashmir ka gaw hai sb banungii wha mero uttrakhand😭😭😭😭😭😭
Barojgari hai kya kare
Mushroom ki kheti karo aur reverse migration Karo
U have not suggested
one solution
Govt ko sochana chahiye
tumhari Govt gai oil lene 😂😂 , jao aap bhi oil lene fr gaana , sir jo tera chakare ya dil dubba jaye . Aana pyaare paas hamare kahey ghabare kiley ghabare
और जंगली जानवरों से भी काफी परेशान हे वाहा के लोग
Himachal m playan hai pr itna ni sirf young log job krte hai bahr Baki parents gao m
All the governments of new state has failed the hill people. I have noticed entire state machinery and politicians are disgustingly corrupt. I think only a regional party can address these problems. Shift state capital to any hill town and do away with these IPS or IAS officers and replace them with local hand. Follow NE modal
Aao kabhi jaunsar m bhi .Logo ko motivate kro ki playan n kre . Plz. It's my humble request
" वो सभी जा रहे,
इस पार से उस पार,
पुर्व की पुरवाई,
अब आति नहीं इस पार,
चोराहों की चोपाल,
सुनी सी है,
वो पिपल की छाया,
अपने को सिमेट कर बैठी है,
सियासी गलियारों का सार,
पोस्टरों पै लिखा पड़ा है,
पढ़ता है उसे हर कोई,
अपनी मोन आंखों से,
चोराहों का चहरा,
आज भी वैसे ही है,
हर मोड़ पै टकी फोटो,
हर बार बोलती है,
परिवर्तन लाने की,
अपनी फुटी पुरानी जुबान से,
आखिर कब तक? महावीर चौधरी,|
(वीर तेजा मार्बल्स, कोटद्वार)
01:36 ...... nachani ka scene h
only 1 soution.
make strength/menpower/crowd/BHEED of people in UK.
Nobody metured pahari wants to live in metro city. But ........ everybody knows.
Large amount of Army personnel retired form service every Month/ Year.
If Goverment realised and promise them to get Govt Job in UK.
1 Soldier has 5 menpower as Mother, Father, Wife & Children also.
Everybody knows that Ex Army personnel has already lot of experience, wealth, health, dicipline & facilities.
All these things could be grow a new live cycle in Uttrakhand.
Other option may be as:
Transport
Turism
Industries
Forest
But all option dependent on socity & culture with Bheed/Manpower/Human/log/live/Insan means
AADMI in the sence of PALAYAN.
Please think a deep......
ghanta kar ri he rajiya sarkar
नाइस सर बहुत हार्ट टचिंग वीडियो
बहुत सुन्दर विडियो बनायि सहाब आपने सही मै आंखों में पानी आ गया बचपन याद आ गया कुन्दन लाल
Phir bhee jamin sasti nahi karan kya he
उत्तराखंड की सरकार ही वह से पलायन का कारण है वह ना रोजगार ना शिक्षा के साधन
कुछ मत करो सिर्फ हमारे गांवों से जंगली जानवर का इलाज कर दो बस और कुछ करने की जरूरत नहीं है सूवर बन्दर लंगूर का इतना आंतक है घर से दूर तो छोडिये घर के पास भी कुछ सांग सब्जी नहीं बूत सकते थोड़ी सी तो जमीन होती है यहां लोगों की उसको भी जानवर का जाते हैं इसलिए उक्त बिषय पर सरकार को और यहां के लोगों को जागरूक होना पड़ेगा वरना यहां इनसान नहीं सिर्फ जंगली जानवर रह जायेगा जागने का अब भी समय है जाग जाओ जय भैरवनाथ जय उत्तराखंड,
Jungli janwar to Yaha Himachal m Bhi bot hai pr log fir Bhi kheti krte ae
Kuch Karo sarkar
Sarkaar Kiya karte Rahi hai Mera uk khatam ho giya hai
Main apne ghar main rehna chhhta huin muje 5lac ka loan do main ek hafte ghar pahunch jaunga
बहुत दुख होता है आज भी अपने क्षेत्र और गॉवो के हालात देखकर जहॉ कि आज तक सड़क लाईट और भी बहुत सारी समसयायें हैं जो इन 17 सालो मे पूरा नहीं हो सका।
Mai Punjabi hu par uttrakhndi hu par Mai apne hridvaar sod k ni Jana chta
Vikram singh tu kya h pehle fix it
😅😅😅😅
सरकार को यहाँ लोगों को वापस लाने के लिये कुछ ना कुछ आफर और पैकेज देना ही चाहिए हमारे भाई बहन मजबूर होकर घर द्वार छोड़ रहे है इनकी सुधि लिजिये कोई ना कोई कानून जरूर बनाये
Sabse pehle to other states ka property purchase band kiya jaaya... Himachal jese yha bhi law hona chahiye... Yha k mool niwaasi Ko hi yhaa property purchase ka right ho... Property dealers kujh peso k liye duniya ka gand ukd me bhar rhe h
उत्तराखंड राज्य बनने से पलायन सुरू हो गया था और सरकारों ने ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया।
Uttar khand is Nepal ki terriitory.
Gaav m sabshe bdi problem h study ki or hospital ki . Jo dur dur tkka bhi nahi hote h Ashe m baccho ka future shi nhi hota sabhse phle school clg acche ho.
Very said
🤔🤔 btw , it's sad not said
Gov. Agar 3 chiz day day road, hospital, job to hum phir say gauo. Chalaya jayaga may to tayar hu kya gov. Tayar hai
We need reservation as ST and opening of trade route with China.
Han ki Kal vo usi paise se ham par dubara hamla kare
Development hona chaheye, pr China toh bhut sasta maal khud India ko bechta h Bhai toh bhla China se trade kaise hoga...mujhe uk bhut pasand h..Maine yha padhaya bhi h Dehradun m
@@sandeepbhardwaj1428 Right yha ki youth ko bhi krna chaiye kashmiri ki trh y sb hume nhi rhna india ka sth ab maan nhi krta humra youth khtm horha hai humra culture khtm horha hai humra traditional 😭😭
@@namannfxattri2792 tera baap Ka hai kya reservation Jo TM up Bihar Muslim wc at wo me tekha le rakha
Bhai ye koin si chhil hai
So sad
Pahadi log desi logo se nafrat karte h . Plain ke logo se nafrat karte h.or khud Plain me Aakar rehte h . Or hum inko dil se Apna mante h .
mere gaon m 20 saal pahle tak 50-60 parivar the ab 15 rah gye h. kheti hi yanha per playan ko rok sakti h.
subhod uniyal jo kirshi mantri h wo bahut achcha kam kr re h. dekhte h 4-5 saal m kya result ata h.
palayan tabhi rukeka jab tak UK me job creation nahi hogi
me kar sakta hu .support me
when people/public were in each and every village of uttrakhand, no roads were for them.
but when each and every village were almost vacated by people/public, government connected by road to each and every village. (its happens only in India) which is not good for people of uttrakhand, those who left their everything in uttrakhand.
MAHARANA SATENDRA SINGH even today the kings types people in every village do not want these roads because the already have shifted to roadsides....
eske jimedar hum khud hai ....dosto ........mai rokunga playan kya aap mere sath hai
vipin singh ji haan main bhi.
vipin singh जरूर
#negicooking
Nic vipin singh .. aaj jrurat hame nahi hamare old parents ko bhi h ..
परन्तु कैसे मित्र ?क्या आपके पास कोई ब्लु प्रिंट है इसका
@Nagendra Singh hii men Rakesh Adhikari himachal pardesh c hin and uk men job karta tha champawat m us c phle tihri garval m b kam kiya ap k uk men horticulture ka bhut bda scop h champawat men only 6 month job kiya or us k baad resign kiya y june 2016 ki bat h or us k baad july 2017 ko mene champawat men 500 apple ki plantation kiya h jo chapawat c 17 km ki duri par h es. saal 5000 tre plantation ka oam krna h or logo ko aware b karna h taki jo ab phad m h vo payan na karen ap kahan c ho or abhi kya kar rhy ho contact men my no 9816543618
Govt.ne palayan ayog bana diya , duty khatm.
Bhai aapne aeisa dardnak Kahani kyu dikhai hai ,subko hath badhana hai
Rajnetik paristithi bhi bahut h....pahad ki rajniti sabse kharab h ye bhi karan h palayan ka....or yahin kbhi na khtm hone wala caste system jiss wajah se bahar ke log bhi yahan rkhna pasand ni krte.....uttrakhand me ek nyi soch ki jarurat h
Friends utrakhand se playan to sab bholte h bt desh we v to playan ho Ra koi ni bholta
Janta ne jan aandolan kia jo ki kuch log ke manmrji ke rajdhani banane se janta ne dhukhi hokar pllayan kia jo ki AAJ pahad ke villages khali karke aapna rojgar ko talas raha hai jinke hathon me uttrakhnd shonpa wahi pallayan kar bahar makan banakar khushi ki need le rahe......fuko...ujado...banjar.............lakh kosis karo sab asfal hi rahega...Legal.. ak. Upay...rajdhani. Hi pahad me
जबकि आन्दोलन था पहाड़ का विकास हो पर राजधानी का फैसला नहीं कर पाये विकास कब होगा अब पलायन हीं तो वहा का, ,आखिरी ,कदम रह गया है, , राजधानी पहाड़ में बनेगी तो विकास तब होगा शासन भी कर्मचारी भी वहाँ के हालात से अवगत होगा तो ठीक है जंगली जानवरों का हमला कब हो जाय स्वास्थ्य बीमारी का इलाज रोजगार का न हो ना पलायन का कारणों पर काम न हो ना
यार हिमाचल भी तो उतराखंड जैसा है पर यहा कोई पलायन नी करता
Waha ke logo ki soch hi alag hai , ,vo log apni bhesh bhusha bhasha apne pehnawe pe apne paramparawo par garv karte hain, jo log apni paramparik topi nahi chod sakte vo log gawn kya chodenge, esliye aaj india me sabse jada paryatan bhi himanchal me hi hain, whan seb hote hain aalu hote hain gehu hote hain, chawal hote hain sabjiya hoti hai, hum logo ko bhi apni bhasha paramparik bhesh bhusha paramparawo ko bachana hoga, halaki ab thoda sthithi badal rahi hai lekin abhi bahut jarurat hai
@micky virus Bhai kabhi uttrakhand aawo .. uttrakhand abhi 18 saal ka bacha hai esliye explored nahi hua,, yahan bhi bahut achi achi jagah hai, Harshil Sankari,Kaushani, Auli, Chopta, Munsiyari, Khirshu, Dhanaulti, Rishikesh , Ranikhet, almora CHar dham, badrinath, kedarnath,gangotri,yamnotri, bahut jagah hai bhai bus himanchal ki trah explored nahi hai kyonki Uttrakhand was part of UP till 2000 , Harshil aao kabhi , chopta aawo kabhi,
@micky virus Bhai tumhari baat bilkul sahi hai mainta hoon main pauri se hooon aur toursm ka hi kaam hai mera , camping ka aur main sirf utna hi bol sakta hoon jitna mujhe knowledge hai usase jada nahi bolta, phli baat 18 saal uttrakhand ko bane huye hain, 18 saal me bahut kuch nahi ho sakta kyonki aaj bhi ajadi ke 70 saal baad bhi india europe ki barabari ki bhi nahi soch sakta ,ab uttrakhand ki baat kare uttrakhand pehle UP me tha to uttrakhand ko koi janta bhi nahi tha, uttrakhand sirf musoorie nainitaal tak simit tha eske alawa koi nahi janta tha uttrakhand ki hamesha andekhi hui hai, ek book hai mujhe name yaad ayega to aapko jarur batawunga jab angrej aye the to angrejo ko uttrakhand himanchal se jada pasand aya tha, himanchal me shimla tk hi angrej gaye baki wahan sirf boddh dharam faila , aur uttrakhand me angrej kaushani musoorie nainitaal chakrata ranikhet pauri lansdown tk gaye aur aaj v unki apni virasate hain wahan, hamari hi galati hai hum kisi v gvt ko uk me 10 sal nahi dete uttrakhand me project bahut hai lekin ek to avi 18 saal huye dusra koi bhi govt lagatar 10 sal nahi rahi to jab dusri govt ati hai agli govt ka project rok deti hai, aur agar uttrakhand ke logo ki hi soch aisi ho gai ki haldwani dehradun rishikesh rhna hai to isme govt ko dosh nahi de sakte ,dhire dhire development hota hai ek dum se kuch nahi hota aur fir developmen na hone ka ek karan a bhi hai ki sarakre badalti rehti hai uttrakhand me ,aap thoda sa research karna abhi dhire dhire bade hospital school college politechnic engineering sari vyawasthaye ho rahi hai, durasth gawo me to himanchal me bhi nahi hai ye vyawasthaye aur sambhaw bhi nahi hai , aur rahi transport ki baat main aapko bata deta hu, himanchal me dharmshala , shimla , kullu manali ke alawa na kahi road achi hai na transport , esase better uttrakhand me hai kyonki ye vyawastha uttrakhand me uttrakhand bane se phle se hai, baki ye aapki galat fehami hai ki yahan tourist nahi ate ,pichle 3 -4 saalo me uttrakhand ke do tin jagah bahut famous hui hai, ek DHANAULTI, HARSHIL, CHOPTA , AULI AUR MUNSIYARI BAHUT LOG ane lage hain bhai, google me find karna , auli dhundoge to phle google bhi himanchal wala auli search karke deta hai appko jabki himanchal wala auli kuch bhi nahi hai uk ke auli ke samne, to bhai famous hone me time lagta hai , aap 10 saal wait karo uttrakhand me toursm aur transport himanchal se jada hoga, last no doubt himanchal uttrakhand se bahut jada developed hai , lekin hoga apna uttrakhand bhi hoga usse famous karna padega
@micky virus Bhai , sab jagah ka name suna hai bahut jagah gaya b hoon, bas aapki baat sahi hai jagah famous nahi hui hai ye, warna Kaushani, Khirshu, Harshil, Chopta , Almoda, brahamtaal, Kedarkantha, Sankari village, inse achi jagah sayad hi kahi aur mile, Munsiyari aur chakrata ka water fall bahut khubsurat hai, bas development ki jarurat hai, Bhai ab kaam to chal rha hai all weather road ka, railway ka , lekin kuch ghar ke bhedi hi hai jo development nahi chahte , NGO hai koi NGT ki clearance ke against case file kar diya all weather road ke khilaf filhaal supreme court ne stay order laga diya , china kahan kahan pahunch gaya switzerland me pahado ke andar se gadiya train nikalti hai , lekin ye so called paryawaranwid sale uttrakhand me hi developmen nahi hone dete , aur logo ke dimag me galat bhadkate hain ki jamin mat do , developmen ke liye sab karna padata hai, sara theka parkirti ka kya uk ne hi le rakha hai, ye sab bipakshi hai supreme court me NGO me sab sale development hone hi nahi de rahe,, agar ek baar all weather road ban jaye, train pahunch jaye to uk ki tasveer hi kuch or hongi, log reverse palayan karenge,
@micky virus bhai tourism safal tb hota hai jab tourism me whi ke log ho, jaise village tourism, himanchal me koti village hai, malana village hai, tosh village hai jahan wahi ke log es business me hain, esliye log jana pasand karte hain, aur han apaki baat sahi hai badmismati se uttrakhand up vihaar ki boarder pe hai jahan se mulle bihari sab aa ke gandagi aur gundagirdi faila rahe hain, jabki himanchal kashmir dogri aur punjab boarder par hai, baki aapki thinking ye galat hai ki uttrakhand me himanchal se achi jagah nahi hai, uttrakhand ki hamesha disaster ki news aai hai, jab bhi snow fall hota hai to news wale bhi bas shimla kullu manali kurfi ya kashmir ki taraf bhagte hain , ek baar unse pucho chakrata , sankari village auli cchopta hemkund sahib dhanaulti munsiyari bhi camera lawo , ya sirf jab barish ati hai distaster hota hai tb hi apne camera udhar late hain, mere bhai distaster himanchal me bhi hota hai lekin wahan sirf positive news ati hai, sab famous hone pe baat hai kabhi uttarkashi jawo harshil jawo, sankri village jana kya gajab ki location hai wapas ane ka man nahi karta aur agr uttrakhand me parampra bhesh bhusha aur pahadi log kahi bache hai to Jonsar aur uttarkashi ke logo ne bacha rakha hai, aur ha bhai ye all weather road ka kaam ke liye agar court se clearance mil jati hai to road ka pura kaam 2020 ke end ya 2021 me pura ho jayega , 989 km ka kam hona hai, jisme first phase me 450 km pe kaam chal rha hai aur bahut teji se chal rha hai, baki rishikesh karnparyag railway ka kaam suru pichle saal ho gaya tha, aur usme jo tunnel surange banani hai vo march se start ho jayengi , lekin mujhe nahi lagta rail ka karya agle 10-15 saal se phle complete ho payega, halaki inka target 2025 hai lekin ye possible nahi hai
Muslims pahado pe kabja kr rahe he ...mere ek garhwali dost ne bataya ....bhaiyao apne purkho ki zameeno pr kabja mat hone do..
Kon mere saath he
@@vijayrawat1797 me
@@sandeep3874 such keh rahe ho
bhai kyun ...hate faila rahe ho ...koi kabza ni kar raha hai ...mai bhi rehta hun ...Haldwani me rehta hun job kar raha hun ..Lucknow se hun...sab pahad se hi a rahe hai ...Achhi education , swast suvidhaye aur rojgaar ke liye ..mai abhi gya tha bheemtaal ke ek gaon me sab khush hai waha ..
@@shahrukhali4465 haan yar me to nfrat fela raha hu....isis pyar fela raha he jawano ke shaheed hone pr hanse wale bhi pyar fela rahe the .......din me 5 baar mashido se chillana ki allah ke alwa sab jhoot3 he ye bhi pyar felana he love jehad population jehad gazwa e hind halala ye sab pyar he..
पलायन क्यु...?
पलायन का कारण कौन हैं ..?
Pleas Give me Answer..??
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😍😍Uttrakhand is full of rivers and naturral beuty . but development Nd facility ni h isliye log chor rhe nhi to itni sundr jagah q chorta koi ..
School aur medical facility ho to Kon karega palayan..
Pankaj Negi lifestyle bhi kafi alag honi chayea water electrcity and medical