I love Himachal Pradesh. No Violence, No Cheat Only Peace And Simplicity in Himachal Pradesh. There is no substitute of Himachal Pradesh in Natural Beauty. It is like Heaven and full of Natural Peace and Prosperity. Love You A Lot.
*जहा बुद्ध है वहा शत्रु नहीं..! बुद्धत्व की ओर... Journey to self Discovery..!* _"अपने सामने वाले मानव के अंदर जो नैसर्गिक तत्व है वहीं तत्व हमारे अंदर भी होता है।" हम सभी मानव प्राणीमात्र एक ही पंच तत्त्व से निर्मित है और वापस उसी तत्व में विलीन होना है। यह निसर्ग का शाश्वत नियम है।"_ सामनेवाले मानव में वहीं बुद्ध तत्व मौजूद है वहीं तत्व हमारे अंदर मौजूद है, यह भावना जागृत होती है तब हम अलग नहीं वल्कि एक ही तत्व की उपज है, यह सिद्ध होता है। बुद्ध कहते है _हम सब में बुद्ध तत्व याने सत्य, Bodhi Mind, याने निरपेक्ष मन, True Nature होता है।_ इस तत्व को जब हम समझ लेते है तब मानवी मन में होनेवाले राग, द्वेष और मोह की भावना मिट जाती है और करुणा भावना जागृत होती है। हर समय करुणा बढ़ती है तब हम शत्रुत्व कीस के साथ करोगे..? अपनी करुणा के साथ नहीं कर सकते। उस के लिए मानव समाज का होना जरूरी है, यदि समाज ही ना रहे तो तुम अकेले उस धरती पर क्या करोगे..?? *तुम हो इसलिए मै हूं..! तुम्हारा अस्तित्व है इसलिए मेरा अस्तित्व है..!* यह खुद को पूछना होगा..! शरीर के पंच इन्द्रियों द्वारा होने वाली विविध आसक्तियां ही मन में विकार पैदा करते है, मन ही विकार से होनेवाले दुःख का उद्गम है। बुद्ध समझाते है कि मन को विकार रहित परिशुद्ध रखना ही बुद्धत्व की ओर ले जाना होता है। शांति परम शांति की ओर..! शिक्षा से ज्ञान आता है अहंकार नहीं..! यहीं बुद्ध की महान शिक्षा है और इसका हर समय पालन किया जाता है, तो राग द्वेष, मोह रहता ही नहीं, नष्ट होता है और मेत्ता भावना, मित्रत्व की भावना निर्माण होती है, याने समाज में रह कर ही बुद्ध से बुद्धत्व की ओर जाने का मार्ग सुकर होने लगता है। _....गते गते पारगते पार संगते बोधी स्वाहा..!_ इतना साधा-सीधा मार्ग बुद्ध ने दिखाया है। इस लिए बुद्ध कहते है _मै इश्वर नहीं मार्ग दाता हूं..!_ _बुद्धि को सत्य की ओर, भावना को मानवता की ओर और नश्वर शरीर को कर्म की ओर ले जानेवाला मार्ग याने संस्कार..! यही धम्म का मार्ग है..!_ कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नहीं आता, हमारा व्यवहार और शब्द-वाणी ही लोगो को मित्र या शत्रु बनाती है..! इस मार्ग पर चलने से हात में तलवार लेने की जरूरत ही नहीं..! सभी प्राणीमात्र को बुद्धत्व की ओर जाने का यही एक सीधा मार्ग बुद्ध ने सभी प्राणीमात्र को दिखाया है। यदि मानवजात इसका हर वक्त पालन करती है तो वे सभी बुद्धत्व को प्राप्त हो सकते है। *_इश्वर कहीं भी नहीं है, उसके लिए अपना समय और धन बर्बाद मत करना, संसार का केवल एकमात्र सच है, और वह है सत्य का मार्ग..!! जिसने यह समझ लिया वही बुद्धत्व के प्रवास की ओर निकल गया..!! शांति की ओर..!_* बहुत मेत्ता भावना... सब का मंगल हो..! *नमो बुद्धाय..!!*
Next Birth.. I wish.. to be HERE in LAHAUL.. NOT joking.. Wishing this from my core of HEART.. I AM 64..NOW.. VERY BEAUTIFUL REGION of my Country.. Peace everywhere.. Calm nature of the people of this land.. Great Thanks for this Upload...
ॐनमःशिवाय । अदभुत हे ये गाव सायद हि स्वर्ग इस से अच्छा होगा ओर यहा के लोगो का संगर्स भरी जीदगी हे मगर ये कितना आंनद ओर खुशी से रहते हे क्या मुबइ ओर दिल्ही के लोग अपने पैसे से ये खुशी खरीद सक्ते हे नसीब वाले हे ये लोग ।
*त्रिलोकेनाथ मंदिर, लाहौल हिमाचल प्रदेश, मंडी* के इस बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध पदमसंभव यहां आए थे। पदमस्संभव तिब्बत के बुद्ध है। उन्होंने यहां *त्रिलोकेश्वर बुद्ध की मूर्ति* की स्थापना की थी। असल में यह *त्रिलोकेश्वर बुद्ध* का विहार है। बुद्ध जेडी मूर्ति के सुर के ऊपर बुद्ध मूर्ति का होना यह बुद्धत्व की पहेचान होती है। शंकर के माथे पर गंगा के बजाय बुद्ध का होना तेहि षड्यंत्र की निशानी है। कारण ब्राह्म्णवादियों का महादेव, शंकर शिव, शिवलिंग भारत की सीमा लांघ कर क्यो नहीं गया..? मगर भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को व्याप लिया है..! जहा उस काल में बुद्ध धम्म की शिक्षा देने के लिए बड़े बड़े विहारों का दूसरी शती से निर्माण सम्राट कनिष्क, चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट हर्षवर्धन सम्राट अशोक के समय बुद्ध धम्म के ८४००० विहारों का निर्माण पूरे भारत में हुआ था। बुद्ध की पहली मूर्ति राजा कनिष्क द्वारा बनाई गई थी, यह "भारत का प्राचीन इतिहास' में बताया जाता है। राजा कनिष्क का साम्राज्य मध्य भारत से अफगानिस्तान तक फैला था, उसी कारण आज भी बुद्ध के हजारों अवशेष, विहार और खंडित तक्षशीला बुद्ध विश्वविद्याल अफगानिस्तान में दिखाई देते है। पूरा भारत १२ वी शती तक बुद्धमय था। भारत में कुल २३ बुद्ध विश्वविद्यालय में धम्म का अध्ययन किया जाता था जीस ने ग्रीक ईरान, तिब्बत, चाइना से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। जीजस येशु क्राइस्ट ने अपने उम्र के १३ से २९ सालो तक तिब्बत में, कश्मीर, हिमाचल के बुद्ध विहारों में गुरु भंते लामा से बूद्घ धम्म की पढ़ाई की ध्यान किया और उस के बाद ही वे *बुद्धत्व* को प्राप्त होने के बाद जेरुसलेम गए। जब वे पश्चाताप से वापस आए तब वे अपने बुद्ध मोनिस्ट्री के गुरु के पास पहुंच नहीं सके और कश्मीर में *खानामारी* गाव में उनका अंत हुआ, वहा उनकी समाधि है। ९वी शती बाद ही आदी शंकराचार्य द्वारा ब्राह्मणवाद शुरू हुआ और सारे बुद्ध के विहारों पर इन विदेशी लोगों ने कब्जा जमाया जो आज के साकेत नगरी तक..! जैसे साकेत में एक विश्वविद्याल था, उसी को तोड कर फर्जी रामायण और राम की आयोध्या बनाई गई। जिसका असर प्लेसिबो इफेक्ट की तरह पूरे भारत में फैलाया। वह राम नहीं बल्कि पुष्य मूत्र शृंग ही था। सारे बड़े बुद्ध विहारों में बुद्ध की मूर्ति को शिव, महादेव को प्रस्थापित किया या २१ शिवलिंग मंदिर बनाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ११/१२/१९९५ के आदेश में सरकार को लिखा है कि "इन सारे शिवलिंग मंदिरो की जांच दो न्यायाधीशों की समिति द्वारा की जाय और उस का रिपोर्ट पेश किया जाय..!" वैसे ही यह आदेश और फैसला सुनाया गया है कि "हिन्दू कोई धर्म नहीं है, और इस शब्द का प्रयोग सरकारी कामकाज में ना करे कारण "हिन्दू" एक नीच घिनौनी गाली गलौज है..!" मगर ब्राह्मणवादी नेताओ ने उस आदेश को जनमन से छुपा कर रखा है। इस शड़यंत्र को हमे समझना चाहिए। १२ शती तक भारत ने एक भी ब्राह्म्णवादियों का एक भी मंदिर नही था, ये सारे मंदिरो की उपज १२ शती के बाद हुई है जब बुद्ध धम्म को भारत भूमि से आदी शंकराचार्य द्वारा हटाया गया बौद्ध विहारों पर कब्जा किया और मंदिर में बैठ कर अपने पेट पालने का धंधा शुरू हुआ, और आज सारे देवालय को देवदासी के रूप में वेशालय बना डाले..! बुद्ध के *अष्टमंगल गाथा* पढ़ने से जातक का मंगल हो जाता है, इसलिए बुद्ध को *विनायक* कहा जाता है उसी को ध्यान में रखते हुए बुद्ध को अष्टविनायक में तब्दील किया। और महाराष्ट्र में आठ बुद्ध स्टूपो को, चैत्य को अष्टविनायक दर्शन का धंधा बना डाला। पंचशील का पालन, विश्वशांति और प्राणी हत्या ना करने से बौद्ध धम्म का धीरे धीरे हनन होते गया, जो आजतक..! ये ब्राह्मणवादी जानकारी देनेवाले गुरु घंटाल होते है..!
Boss.. it is indeed a perfect documentary.. m speechless.. don't have enough words to describe how well scripted, how well captured, how well voice narrated.. it's just breathtaking.. wonderful.. 👍
Bahut hi sundar jagah hai main 2008 mein gaya tha september mein unseasonal snow fall mein humlog 10 din Kaza mein ruke the and that was lifetime experience hai.
हिमाचल कहो या स्वर्ग ऐक ही बात लगती हे
I love Himachal Pradesh. No Violence, No Cheat Only Peace And Simplicity in Himachal Pradesh. There is no substitute of Himachal Pradesh in Natural Beauty. It is like Heaven and full of Natural Peace and Prosperity. Love You A Lot.
इस विषय पर अब तक जितने भी रिपोर्ट और वीडियो देखा हूँ उनमे से सबसे बेस्ट वीडियो यही है आपकी पूरी टीम को थैंक्स बहुत ही शानदार प्रस्तुति 👍👍💐
मेरा प्यारा लाहौल, मेरा प्यारा हिमाचल
Ba bahut hi khubsurat aur bahut hi romantic kar dene wala video I wish to go lahaul spiti
बहुत ही सुंदर चित्रण, simply superb 👌🙏🙏
लाहौर और कलम को शत-शत नमस्कार करता हूं बहुत अच्छा है
एक शानदार साफ सुथरा ईलाका
ईमानदार ओर मेहनती लोग
बहुत बडीया
Puri Duniya ghoom lega to Bhi Koi Imandar Nahin Milega
*जहा बुद्ध है वहा शत्रु नहीं..! बुद्धत्व की ओर... Journey to self Discovery..!*
_"अपने सामने वाले मानव के अंदर जो नैसर्गिक तत्व है वहीं तत्व हमारे अंदर भी होता है।" हम सभी मानव प्राणीमात्र एक ही पंच तत्त्व से निर्मित है और वापस उसी तत्व में विलीन होना है। यह निसर्ग का शाश्वत नियम है।"_
सामनेवाले मानव में वहीं बुद्ध तत्व मौजूद है वहीं तत्व हमारे अंदर मौजूद है, यह भावना जागृत होती है तब हम अलग नहीं वल्कि एक ही तत्व की उपज है, यह सिद्ध होता है। बुद्ध कहते है _हम सब में बुद्ध तत्व याने सत्य, Bodhi Mind, याने निरपेक्ष मन, True Nature होता है।_ इस तत्व को जब हम समझ लेते है तब मानवी मन में होनेवाले राग, द्वेष और मोह की भावना मिट जाती है और करुणा भावना जागृत होती है। हर समय करुणा बढ़ती है तब हम शत्रुत्व कीस के साथ करोगे..? अपनी करुणा के साथ नहीं कर सकते। उस के लिए मानव समाज का होना जरूरी है, यदि समाज ही ना रहे तो तुम अकेले उस धरती पर क्या करोगे..?? *तुम हो इसलिए मै हूं..! तुम्हारा अस्तित्व है इसलिए मेरा अस्तित्व है..!* यह खुद को पूछना होगा..!
शरीर के पंच इन्द्रियों द्वारा होने वाली विविध आसक्तियां ही मन में विकार पैदा करते है, मन ही विकार से होनेवाले दुःख का उद्गम है। बुद्ध समझाते है कि मन को विकार रहित परिशुद्ध रखना ही बुद्धत्व की ओर ले जाना होता है। शांति परम शांति की ओर..!
शिक्षा से ज्ञान आता है अहंकार नहीं..! यहीं बुद्ध की महान शिक्षा है और इसका हर समय पालन किया जाता है, तो राग द्वेष, मोह रहता ही नहीं, नष्ट होता है और मेत्ता भावना, मित्रत्व की भावना निर्माण होती है, याने समाज में रह कर ही बुद्ध से बुद्धत्व की ओर जाने का मार्ग सुकर होने लगता है।
_....गते गते पारगते पार संगते बोधी स्वाहा..!_
इतना साधा-सीधा मार्ग बुद्ध ने दिखाया है। इस लिए बुद्ध कहते है _मै इश्वर नहीं मार्ग दाता हूं..!_
_बुद्धि को सत्य की ओर, भावना को मानवता की ओर और नश्वर शरीर को कर्म की ओर ले जानेवाला मार्ग याने संस्कार..! यही धम्म का मार्ग है..!_
कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नहीं आता, हमारा व्यवहार और शब्द-वाणी ही लोगो को मित्र या शत्रु बनाती है..!
इस मार्ग पर चलने से हात में तलवार लेने की जरूरत ही नहीं..! सभी प्राणीमात्र को बुद्धत्व की ओर जाने का यही एक सीधा मार्ग बुद्ध ने सभी प्राणीमात्र को दिखाया है। यदि मानवजात इसका हर वक्त पालन करती है तो वे सभी बुद्धत्व को प्राप्त हो सकते है।
*_इश्वर कहीं भी नहीं है, उसके लिए अपना समय और धन बर्बाद मत करना, संसार का केवल एकमात्र सच है, और वह है सत्य का मार्ग..!! जिसने यह समझ लिया वही बुद्धत्व के प्रवास की ओर निकल गया..!! शांति की ओर..!_*
बहुत मेत्ता भावना...
सब का मंगल हो..!
*नमो बुद्धाय..!!*
बोहोत सुकून मिलता है हिमालय की इन वादियों को देख कर 🙏
Masha Allah beauiful village
Beautiful palace
It is heaven
ये एक स्थान नही जनत है। awesome
Very nice video and very very nice place
बहोत ही शानदार वीडियो सर 👌👌
waaoo sundar
Next Birth.. I wish.. to be HERE in LAHAUL..
NOT joking.. Wishing this from my core of HEART..
I AM 64..NOW..
VERY BEAUTIFUL REGION of my Country..
Peace everywhere.. Calm nature of the people of this land..
Great Thanks for this Upload...
Sir ladakh bee
प्यारा हिमाचल सुंदर हिमाचल
It's not only lahul it lahul and spiti which is the heaven of Himalaya
ॐनमःशिवाय । अदभुत हे ये गाव सायद हि स्वर्ग इस से अच्छा होगा ओर यहा के लोगो का संगर्स भरी जीदगी हे मगर ये कितना आंनद ओर खुशी से रहते हे क्या मुबइ ओर दिल्ही के लोग अपने पैसे से ये खुशी खरीद सक्ते हे नसीब वाले हे ये लोग ।
Wonderful place
Jai jawan jai kisan....👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
wow - my birth place, worked in these fields during school, college time. great short documentary
wakai....lahol ke logo ki jeewtta ko koti prnam ....
Lahaul & Spiti
Jai Himachal
Wow osm 👌👌👌
Himachli Heaven .....😊😊💋
शानदार
Dev bhoomi himachal ati sunder
Excellent view aane ko dil krta hai but kia krain, kaasshhh kbi moqa milay, I'm from Pakistan
this is like heaven on Earth. Wow
i travel this place good peole nice place
I will visit once this place
Apna himachal
Respect for our brothers & sisters in spiti great people grand culture
Yaar njara aa geya natural places dekh k
Mera bharat mahaan hai
There is lot of place to torisum
I love my india
Самый замечателние природа. Лайк.
Love, the vdo, from Bangalore
अति सुंदरप्रस्तुति
Video aisihi upload karni chahiye bhai. Jo bhi video ko dekhe uskahi Dil khusiyo se bhar jay👍👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
*त्रिलोकेनाथ मंदिर, लाहौल हिमाचल प्रदेश, मंडी* के इस बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध पदमसंभव यहां आए थे। पदमस्संभव तिब्बत के बुद्ध है। उन्होंने यहां *त्रिलोकेश्वर बुद्ध की मूर्ति* की स्थापना की थी। असल में यह *त्रिलोकेश्वर बुद्ध* का विहार है। बुद्ध जेडी मूर्ति के सुर के ऊपर बुद्ध मूर्ति का होना यह बुद्धत्व की पहेचान होती है। शंकर के माथे पर गंगा के बजाय बुद्ध का होना तेहि षड्यंत्र की निशानी है। कारण ब्राह्म्णवादियों का महादेव, शंकर शिव, शिवलिंग भारत की सीमा लांघ कर क्यो नहीं गया..? मगर भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को व्याप लिया है..!
जहा उस काल में बुद्ध धम्म की शिक्षा देने के लिए बड़े बड़े विहारों का दूसरी शती से निर्माण सम्राट कनिष्क, चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट हर्षवर्धन सम्राट अशोक के समय बुद्ध धम्म के ८४००० विहारों का निर्माण पूरे भारत में हुआ था। बुद्ध की पहली मूर्ति राजा कनिष्क द्वारा बनाई गई थी, यह "भारत का प्राचीन इतिहास' में बताया जाता है। राजा कनिष्क का साम्राज्य मध्य भारत से अफगानिस्तान तक फैला था, उसी कारण आज भी बुद्ध के हजारों अवशेष, विहार और खंडित तक्षशीला बुद्ध विश्वविद्याल अफगानिस्तान में दिखाई देते है। पूरा भारत १२ वी शती तक बुद्धमय था। भारत में कुल २३ बुद्ध विश्वविद्यालय में धम्म का अध्ययन किया जाता था जीस ने ग्रीक ईरान, तिब्बत, चाइना से विद्यार्थी पढ़ने आते थे।
जीजस येशु क्राइस्ट ने अपने उम्र के १३ से २९ सालो तक तिब्बत में, कश्मीर, हिमाचल के बुद्ध विहारों में गुरु भंते लामा से बूद्घ धम्म की पढ़ाई की ध्यान किया और उस के बाद ही वे *बुद्धत्व* को प्राप्त होने के बाद जेरुसलेम गए। जब वे पश्चाताप से वापस आए तब वे अपने बुद्ध मोनिस्ट्री के गुरु के पास पहुंच नहीं सके और कश्मीर में *खानामारी* गाव में उनका अंत हुआ, वहा उनकी समाधि है।
९वी शती बाद ही आदी शंकराचार्य द्वारा ब्राह्मणवाद शुरू हुआ और सारे बुद्ध के विहारों पर इन विदेशी लोगों ने कब्जा जमाया जो आज के साकेत नगरी तक..!
जैसे साकेत में एक विश्वविद्याल था, उसी को तोड कर फर्जी रामायण और राम की आयोध्या बनाई गई। जिसका असर प्लेसिबो इफेक्ट की तरह पूरे भारत में फैलाया। वह राम नहीं बल्कि पुष्य मूत्र शृंग ही था।
सारे बड़े बुद्ध विहारों में बुद्ध की मूर्ति को शिव, महादेव को प्रस्थापित किया या २१ शिवलिंग मंदिर बनाए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने ११/१२/१९९५ के आदेश में सरकार को लिखा है कि "इन सारे शिवलिंग मंदिरो की जांच दो न्यायाधीशों की समिति द्वारा की जाय और उस का रिपोर्ट पेश किया जाय..!" वैसे ही यह आदेश और फैसला सुनाया गया है कि "हिन्दू कोई धर्म नहीं है, और इस शब्द का प्रयोग सरकारी कामकाज में ना करे कारण "हिन्दू" एक नीच घिनौनी गाली गलौज है..!"
मगर ब्राह्मणवादी नेताओ ने उस आदेश को जनमन से छुपा कर रखा है। इस शड़यंत्र को हमे समझना चाहिए।
१२ शती तक भारत ने एक भी ब्राह्म्णवादियों का एक भी मंदिर नही था, ये सारे मंदिरो की उपज १२ शती के बाद हुई है जब बुद्ध धम्म को भारत भूमि से आदी शंकराचार्य द्वारा हटाया गया बौद्ध विहारों पर कब्जा किया और मंदिर में बैठ कर अपने पेट पालने का धंधा शुरू हुआ, और आज सारे देवालय को देवदासी के रूप में वेशालय बना डाले..!
बुद्ध के *अष्टमंगल गाथा* पढ़ने से जातक का मंगल हो जाता है, इसलिए बुद्ध को *विनायक* कहा जाता है उसी को ध्यान में रखते हुए बुद्ध को अष्टविनायक में तब्दील किया। और महाराष्ट्र में आठ बुद्ध स्टूपो को, चैत्य को अष्टविनायक दर्शन का धंधा बना डाला। पंचशील का पालन, विश्वशांति और प्राणी हत्या ना करने से बौद्ध धम्म का धीरे धीरे हनन होते गया, जो आजतक..!
ये ब्राह्मणवादी जानकारी देनेवाले गुरु घंटाल होते है..!
Always proud to be a Pahadi💖💖💖💖🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏
Osho himachal osho g
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है
Excellent documentary. Salute to hard working pahadi people.
ब्यूटी फुल नजारा
Incredible 😍😍😍😍😍
I'm from lahoul
And ur words and documentry reminds me my hometown thanx sir
yo sonm baba
Sishu naal lahoul
Sonm Wangial mai bhi ghumna chata hu
U r so lucky
Number plz
Very exciting 🇮🇳
Very tough life in mountains ...dare to live
Really bro ..
Things are changing now. I belong to kullu valley. Lahaul is beautiful❤ place.
Awesome place
Wow gjb
Bahut Sunder nice presentation love Lahaul from utter Pradesh
WAH YAE HI MERA BHARAT KA SWARG 👌👍🙏
Good
Super
Beautiful place
Nice
Proud to be Himachali.
bhut khubsurat jagah hai
Good 👌👌👌
Lahaul n spiti is my dream city
Love you himachal
Wlcm to himachal pradesh🙏
Jai MA naina
Fantastic video💕💕💕....proud to be a himachali✔️🙏❤
Me too
Bahut khub 😘
Mystery land of Himalaya #lahaul
Being himachali I am proud
abhishek kashyap गर्व से कहो हम हिंदु हिमालय के वासी है
love himachal
Wonderful
I love nature. Your documentary of lahoul is good for our knowledge. Its inspire me to visit of lahoul
Beautiful
Very nyc
👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍for entire team ,for this flawless video ❤️❤️
I have visited keylong once ,its beautiful 👌👌👌
Amazing Video
Beautiful ...
Mera slaam h
Kisano ko ✌✌✌✌👌👌👌👍👍👍
Nice me bhi Himachal ka hu pr lahul nhi gya jarur jaunga
Boss.. it is indeed a perfect documentary.. m speechless.. don't have enough words to describe how well scripted, how well captured, how well voice narrated.. it's just breathtaking.. wonderful.. 👍
Jyotsana Wahal hi.g
Hi
I want go there
india is rich country where poor people live
I visited in lahaul spiti its a unbelieveable nd geourgious place
Masha allah bohot khubsurat jagah hai moka mila to hokar aaunga inshallah
Very nice
Ilove nature 🌿🍃wonderful
Dd Kisan ka bahut hi manmohak aur various places ke logo ki life style aur chunotiyon ka gyan karane vala show "चुनौती" I LOVE IT.
Perfectly choosen words to describe the part of heaven on earth....
Awesome place and very hard working people with rich culture,,,,love this this ,,,love you babe from khinang village
Hlw...... Pooja
World Best in lohul
Good job nice
Bahut hi sundar jagah hai main 2008 mein gaya tha september mein unseasonal snow fall mein humlog 10 din Kaza mein ruke the and that was lifetime experience hai.
i request central govt please provide all facilities in hilly areas
Happy Christmas 😍 🎄
Do visit shimla
Love you nature