"आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं? लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
Acharya ji session ki sankhya ko ar jyada kariye ar logo ko politics ke bare me bhi bataiye.Hamare Desh ki sarkar chunane vale logo ke 80 percent log es Gyan se anjan hai.sayad yhi tarika hai Desh ke vikas.Log jab Tak dharm ar jati se upar uthkar Desh ke vikas ke liye nhi vote karenge tab Tak shayad hm developed nation nahi ban payenge. Acharya ji ap jaise logo par hi bharosha hai
मैं कोई पंडित नहीं हूं और ना ही मैंने कभी कोई भविष्यवाणी की है लेकिन मैं इतना जानता हूं की इस कलयुग में जहां सब लोग दोनों हाथों से दूसरों को लूटने में लगे हुए थे तब एक व्यक्ति ने प्रकृति के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया इस महान व्यक्तित्व को दिल से प्रणाम आने वाले लाखों सालों तक समाज आपका ऋणी रहेगा🙏🙏🙏♥♥♥
मैने एक बात नोटीस कि जब आचार्य बोल रहे the tab मेरा पुरा फोकस उनकी बातो मी अच्छे se तल्लीन हुआ था जब कि आम तौर पर अन्या धार्मिक विडिओ देखणे मी इतनी रुची नाही लागती जितनी अभि लागी थी धन्यवाद...
सर परफेक्ट कोई देश नहीं होता, उसको परफेक्ट बनाना पड़ता है। तुम बदलो न देश को। अपने स्तर से जिम्मेदारी उठाइए, जितना कर सकते हो उतना तो कीजिए। लेकिन तुम तो भागने की फ़िराक में लगे हो, प्रॉब्लम सब जगह है कहीं कम तो कहीं ज्यादा । आप जितने भी विकसित देश हैं उनका इतिहास पढ़ लीजिए, एक दिन में कहीं भी बदलाव नहीं आया है। धीरे धीरे ही चीज़े बदलती हैं।
भारत में रोगी ज्यादा हैं , इसलिए आपलोगों जैसे अपने क्षेत्र में योग्य हैं कुछ कर पाने लायक हैं तो अगर दया बस यहां भारत में रुकते हैं तो यह बहुत बहुत आभार रहेगा यह बीमार देश । यहां पढ़े लिखे लोग भी आप की बात समझ नहीं पा रहे हैं यह अफसोस की बात है ।
Doctor sahab, you have echoed my feelings. Myself MS, PhD from states and 5 years work experience Canada. I too returned to India with intention of serving people but looks like heavy degradation in human values and lack of civic sense. Corruption is pervading every where
Yes brother The path is tough I too want to do something but is constantly bogged down by the sheer magnitude of it The only way out seems to be to let go of any expectation of success and just do the right thing and devote your life to it
आचार्य जी ने एक बात कही हे जहां गंदगी हे वहा तुम या तो रुक के उसका मजा लेने लगो या गंदगी को साफ करो चाहे कितनी भी तकलीफ मिले ❤❤❤ आज भारत में वही काम आचार्य जी कर रहे ही सफाई का 🎉🎉🎉🎉🎉 ❤❤❤
मैं पंजाब से सम्बंधित हूँ। मैं और मेरा परिवार सिख धर्म से जुड़ा हुआ है। आचार्य जी को पिछले एक दो साल से सुन रहा हूं। इनकी बात कभी किसी भी धर्म, संप्रदाय जा जाती विशेष को कट्टर नहीं बनती न ही कभी किसी धर्म जा समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत की बयानबाजी करने वाली होती है। आचार्य जी हमेशा practical और logic के साथ बात करते हैं। ऐसे वीर पुरुष देश जा कौम में बहुर कम होते हैं। जो चारों ओर से दबाव को आपने ऊपर झेल कर भी देश के युवाओं को उनके फर्ज, उनके समाज के लिए कुछ करने को प्रेरित करते हैं।
खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी-पानी में। खड़े रहो तुम अविचल होकर सब संकट तूफानी में । डिगो ना अपने प्राण से तो तुम, सब कुछ पा सकते हो प्यारे ।। तुम भी ऊँचा उठ सकते हो, छू सकते हो नभ के तारे ।। आचार्य प्रशांत सर को मेरा कोटि कोटि प्रणाम 🙏
jahan jahan mujhe jarurat hui acharaya prashant sir waha waha sath khade hue. Thanku Sir. Great Line - You should follow what is right not what is common and accepted.
हमें जिज्ञासा मूलक संस्कृति चाहिए । जहां कोई भी बात समझाकर बोली जाए। जहां विद्यालयों में बच्चों का मूल्यांकन उनके उत्तरों से नहीं उनके प्रश्नों से किया जाए। ऐसी संस्कृति चाहिए।
सिर्फ सुने ही नही , जीवन मे भी उतारे तभी लाभ होगा। आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 40 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद
Once this happened, during our trip to Hampi with friends, we met an amazing French couple. The woman, who was 50, looked much younger, maybe 35, and her husband, 63, seemed younger too, like he was in his 40s. We were curious about them, so we started talking. We found out she's a teacher in France, and he's a doctor. When we asked about their family, they said they had 7 kids. We were surprised and asked if they were all their own kids. They smiled and told us they chose not to have their own kids, but instead adopted orphaned children to give them love, care, and education. We asked why they didn't have their own kids, especially since they could afford it. They explained that they believe in adoption and giving orphaned kids a good life. Their words made us realize how different our beliefs were. They inspired us with their kindness towards orphaned children, Especially in a country like India, where many people exploit other people's children, harbor jealousy towards others' success, and prioritize only their own children's future, their selflessness made us feel both happy and ashamed of our society's selfishness.
जिस देश का नागरिक कायर की तरह सुखभोगने की चाहत मे विदेश भागना चाहता हो!थू उसकी सोच पर!देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा न हो ऐसे मुर्दो को देश में पैदा होने का हक नही 🤫
गुरुजी मैं आपके भाषण से ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया क्योंकि मैं प्रमादी हूं परंतु मैं इतना जनता हूं की ----सर्वधर्मान् परित्यज्य, मामेकम् शरणम् व्रज ! अहं त्वां सर्व पापेभ्यो, मोक्षयिष्यामि मा शुच: !!
बहुत ही दुख की बात है हमीं सभी लोगो ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपने पर्यावरण अपना भोजन अपना जल अपनी वायु सब कुछ नष्ट कर रहे है आने वाले समय में अपनी पीढ़ियों को क्या देकर जाओ ghe सभी लोग भाई ने कहा मैं उससे सहमत नही भागना सलूसन नई यदि हमने बिगड़ा तो हमे ही सुधारना पड़ेगा भागने से कान नही चलेगा
Baba saheb ne desh ki azadi ke liye Kiya kya tha yaha hindustan.me bhagat singh chandrashekhar azad kurbani de rahe the aur ambedkar England me angrezo ka case Ladd rahe the.bakwash Matt kiya karo
संस्कृति हमे चाहिए जो जिज्ञासा पर आधारित हो ✨️ जहां उन प्रश्नों के उत्तर भी दिए जाएं जो प्रश्न पूछे ही नहीं गए ✨️ जहाँ बच्चों का मूल्यांकन उनके उत्तरों से ज्यादा उनके सवालों पर किया जाय ✨️ 🙏🏻🙏🏻♥️♥️💐
मेरा आप लोगो से निवेदन है हम लोग आचार्य जी को सुनते है इनको मानते है इसका मतलब है की आचार्य जी जो कुछ कर थे है उसका हिस्सा हम बन सकते है आप लोग भी सबको भी तो lge जिसको आप समझा सकते है आपके घर में भी कोई जो सकता है आपके रिस्तदार हो सकते है कृपया आप लोग जरूर समझाए तभी हम लोगो भारत को एक अच्छा रास्ते पर ला सकते है धन्यवाद।।
स्वयं नहीं जानता कि सामने जो मनुष्य खड़ा हैं चेतना के रूप में वह सर्वप्रथम एक मनुष्य है स्त्री बाद में है, और मनुष्य की पहचान उसकी देह से नहीं होती है उसकी चेतना से है,
डॉक्टर साहब जो आपने कहा है वही विचार बिल्कुल मुझे भी आते हैं मैं भी यहां पर इस गंदगी में नहीं रहना चाहता हूं यहां के भ्रष्टाचार प्रदूषण हर जगह मारामारी से मैं भी बहुत ज्यादा परेशान हूं।
धर्म का मतलब ही होता है जानना।किसी भी चीज को मान लेना ही धर्म नहीं होता।जानने में अहंकार को चोट लगती है,पर उसी चोट की वजह से जाना जा सकता है,और मान्यता में कभी कोई संघर्ष नही होता,लेकिन फिर उसमे सिर्फ मान्यताओं की गुलामी करनी पड़ती है,और जीवन सिर्फ ऐसे ही बीत जाता है।
जो समझता है वह कभी अपने शरीर का गुलाम नहीं बनेगा, जो समझता है वह कभी भी अपने मानसिक वृत्तियों का गुलाम नहीं बनेगा, जो नहीं समझता है वह अधिक से अधिक दमन कर पायेगा
Dr. Sahab ka prashan itna sahi hai ke acharya ji ko bhi koi steek uttar Dena mushkil jo gya. Yeh haal hai ab Bharat ka....log reh rahe hain par nark bhog rahe hain.
We are the first publisher in India who published an Article about acharya Prashant in 2019 and it was in Google 1st position. That time only I understood that he will go ahead in life. We wrote very positive things about acharya prashant
जहां बीमारी है इलाज़ वहीं तो करा जाता है, मैंने भी वायदा क्या है अपनेआप से भागेंगे नहीं ~ आचार्य प्रशांत सूरा के मैदान में अब क्यों डरना वीर। खड़े रहना मैदान में सम्मुख सहना तीर।।❤
True... can start at home. Getting the kids to read from the time they are able to is one way of learning emotional intelligence. Getting the kids to do housework will help them understand the being in another's shoes, thereby getting them to think about others.
Sir ke video se...mujhe jine ki ummid jgi h....suru se mere bhi vichar aacharya ji jese hi the..unhe sunne ke bad se pta chla... family, society and reletive etc ke dwab me me dab gyi...but ab ati ho gyi or mene bgawt kr di...5 month pregnant hu or 5 sal ka ldka h..office work aata h.. graduate hu..pr na sr pr chat h...or na koi job..age 27 year..na future h...but ye truth h ak din khud ko sabit krungi...😊.. aacharya ji ki or meri manjil..spne.. thought same h🎉bcha huaa jivn unhi ke mission ko samarpit karungi...jay hind
"आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं?
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आत्मज्ञान के अलावा और कोई धर्म नहीं!प्रणाम आचार्य जी 🙏
Acharya ji session ki sankhya ko ar jyada kariye ar logo ko politics ke bare me bhi bataiye.Hamare Desh ki sarkar chunane vale logo ke 80 percent log es Gyan se anjan hai.sayad yhi tarika hai Desh ke vikas.Log jab Tak dharm ar jati se upar uthkar Desh ke vikas ke liye nhi vote karenge tab Tak shayad hm developed nation nahi ban payenge.
Acharya ji ap jaise logo par hi bharosha hai
❤❤
Jab me acharya Prashant ji ko follow Kiya tha us time 24.5 million subscribers the aaj 43 million hone ja raha h ❤❤❤🎉😊
Janaab Allah na kush janver hamara khana kaa lia or khush hamari sawari kaa lia pada kia haa bas ya yaad rakha
मैं कोई पंडित नहीं हूं और ना ही मैंने कभी कोई भविष्यवाणी की है लेकिन मैं इतना जानता हूं की इस कलयुग में जहां सब लोग दोनों हाथों से दूसरों को लूटने में लगे हुए थे तब एक व्यक्ति ने प्रकृति के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया इस महान व्यक्तित्व को दिल से प्रणाम आने वाले लाखों सालों तक समाज आपका ऋणी रहेगा🙏🙏🙏♥♥♥
Jahrit hoiye yehi hmra Dharma hai acharya ji yehi chahte hai
Mene suna abhi kalyug nahi koi aur yug chal raha hai?
Ek no. Bhai
🌹♥️👌
🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿❤❤❤❤
मैने एक बात नोटीस कि जब आचार्य बोल रहे the tab मेरा पुरा फोकस उनकी बातो मी अच्छे se तल्लीन हुआ था जब कि आम तौर पर अन्या धार्मिक विडिओ देखणे मी इतनी रुची नाही लागती जितनी अभि लागी थी धन्यवाद...
जो नींद में है वो ही भाग सकता है
जो जाग गया वो चैतन्य है।
~आचार्य जी 🙏
मैं डॉक्टर साहब से सहमत हु ऐसे संवेदनहीन समाज को देख कर मन द्रवित हो जाता है।
Aap Acharya ji ko Varanasi se sunte ho bhaiya
Mai bhi 100℅sahmat hu
100%
He is my farther ❤❤
सर परफेक्ट कोई देश नहीं होता, उसको परफेक्ट बनाना पड़ता है। तुम बदलो न देश को। अपने स्तर से जिम्मेदारी उठाइए, जितना कर सकते हो उतना तो कीजिए। लेकिन तुम तो भागने की फ़िराक में लगे हो, प्रॉब्लम सब जगह है कहीं कम तो कहीं ज्यादा । आप जितने भी विकसित देश हैं उनका इतिहास पढ़ लीजिए, एक दिन में कहीं भी बदलाव नहीं आया है। धीरे धीरे ही चीज़े बदलती हैं।
सच भी हमको झूठ के आवरण में चाहिए | सच बोलने वाले की दुर्दशा होती है और झूठ बोलने वाले की प्रशंसा |
Bilkul sahi
Salute doctor sir ko... Bahut achhi soche hai....
भारत की दुर्दशा का कारण :
1. अध्यात्म से वंचित
2.विज्ञान से वंचित ।
~आचार्य प्रशांत 🙏🙏🙏🙏🙏
Development ki jagah vote bank politics
Vimal aur Pan parag ka jyada Matra me apurti...📈😢
3. तकनीक से सम्मोहित
Naitikta ka abhav
Jaruratse jyada population Hindustan ko barbad karegahi samjo
Dr sahab aap se poori tarah sahmat hoon lekin sharm aati hai ki aap jaise sensitive aur educated logon ki bhi aisi durdashaa hai iss desh me
जानना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है
जो जान गया वो भाग नही सकता
🔥युद्धस्व 🔥🙏🙏🙏🙏🙏
We live in a country where our biggest achievement is to leave it.
😢😢😢😢😢😢😢😢
😢😢Right
"जो जान गया वो भाग नहीं सकता ।
भागा सिर्फ नींद में जा सकता है।"
👍👍👍👍👍
Bilkul sahi
True
❤❤
भारत में रोगी ज्यादा हैं , इसलिए आपलोगों जैसे अपने क्षेत्र में योग्य हैं कुछ कर पाने लायक हैं तो अगर दया बस यहां भारत में रुकते हैं तो यह बहुत बहुत आभार रहेगा यह बीमार देश ।
यहां पढ़े लिखे लोग भी आप की बात समझ नहीं पा रहे हैं यह अफसोस की बात है ।
Sahi baat hai humare log bilkul soye huye hai unko kisi chij se koi fark nhi padta.
सूत्र: जो सवाल नहीं कर सकता वो धार्मिक नहीं हो सकता।
धार्मिकता- मेरी सबसे उच्चतम संभावना है😮
❤
👍♥️🙏🏻
Dharmik viyakti se kisi bhi tarah ke tarak ki umeed nhi ki jaa sakti, voh lambe samay se paani mein pathar fek raha h
धार्मिक व्यक्ती को सवाल अच्छा नही लगता
Doctor sahab, you have echoed my feelings. Myself MS, PhD from states and 5 years work experience Canada. I too returned to India with intention of serving people but looks like heavy degradation in human values and lack of civic sense. Corruption is pervading every where
Yes brother
The path is tough
I too want to do something but is constantly bogged down by the sheer magnitude of it
The only way out seems to be to let go of any expectation of success and just do the right thing and devote your life to it
मनुष्य की पहचान देह से नहीं होता , मनुष्य की पहचान चेतना से होती है 🙏🏻🙏🏻♥️
Kya baat kya baat ..he raised an amazing question
आचार्य जी ने एक बात कही हे
जहां गंदगी हे वहा तुम या तो रुक के उसका मजा लेने लगो या गंदगी को साफ करो चाहे कितनी भी तकलीफ मिले ❤❤❤
आज भारत में वही काम आचार्य जी कर रहे ही सफाई का 🎉🎉🎉🎉🎉 ❤❤❤
लोग खुद ही नर्क का जीवन जीना चाहते हैं। क्योंकि शिक्षा तो है नहीं
नरक में जूझ रहे लोगों को बचाने के लिए, बचाने वाले को घोर नरक से होकर गुजरना पड़ता है।
KYA BAAT HAI SIR EK HI LINE ME ITNA BADA MARGDARSHAN KAR DIYA
Correct
😅
Bilkul sahi Bhai ❤❤❤❤
Right 👍👍👍
शिवोऽहम् शिवोऽहम्
"जहां संघर्ष है वहीं आपको अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलता है।" - आचार्य जी।🌿
👍👍👍👍👍
This line is actually pretty damn doable for any normal person with or without any religious beliefs.
This is big line
मैं पंजाब से सम्बंधित हूँ। मैं और मेरा परिवार सिख धर्म से जुड़ा हुआ है। आचार्य जी को पिछले एक दो साल से सुन रहा हूं। इनकी बात कभी किसी भी धर्म, संप्रदाय जा जाती विशेष को कट्टर नहीं बनती न ही कभी किसी धर्म जा समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत की बयानबाजी करने वाली होती है। आचार्य जी हमेशा practical और logic के साथ बात करते हैं। ऐसे वीर पुरुष देश जा कौम में बहुर कम होते हैं। जो चारों ओर से दबाव को आपने ऊपर झेल कर भी देश के युवाओं को उनके फर्ज, उनके समाज के लिए कुछ करने को प्रेरित करते हैं।
खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी-पानी में।
खड़े रहो तुम अविचल होकर सब संकट तूफानी में ।
डिगो ना अपने प्राण से तो तुम, सब कुछ पा सकते हो प्यारे ।। तुम भी ऊँचा उठ सकते हो, छू सकते हो नभ के तारे ।।
आचार्य प्रशांत सर को मेरा कोटि कोटि प्रणाम 🙏
Wow 😮😮 my childhood poem 👍👍
मैंने बचपन मे ये पंक्तियां पढ़ी थी। धन्यवाद आपने तो मेरा बचपन ही स्मरण करवा दिया
Kavita padhkar mazaa aa gaya😊
डॉक्टर साहब ने बतौर अर्जुन बहुत अच्छा सवाल किया।
धर्म का अर्थ होता है जिज्ञासा करना न की झुक जाना।❤
प्रणाम आचार्य श्री।😌
jahan jahan mujhe jarurat hui acharaya prashant sir waha waha sath khade hue. Thanku Sir.
Great Line - You should follow what is right not what is common and accepted.
हम माननें के लिए नहीं पैदा हुए हैं,हम समझने के लिए पैदा हुए हैं,
बोधों अहम् शिवोहम
जब तक जानूँगी नहीं तब तक करूंगी नहीं चाहे वो खुद के शरीर का आदेश हो या किसी बाहर वाले का।
जब तक लोग खुद सजग होके अपने को बेहतर नही होना चाहते तब तक बेईमानी ही होगी
जब तक जानूंगा नही,तब तक करूंगा नही यही धर्म है Ap sir 🙏😇😇
हमें जिज्ञासा मूलक संस्कृति चाहिए ।
जहां कोई भी बात समझाकर बोली जाए।
जहां विद्यालयों में बच्चों का मूल्यांकन उनके उत्तरों से नहीं उनके प्रश्नों से किया जाए। ऐसी संस्कृति चाहिए।
🎉
🌴®⛎🌴♓
Behtareen ❤
सिर्फ सुने ही नही , जीवन मे भी उतारे तभी लाभ होगा। आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 40 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद
जानना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जो जान गया वो भाग नहीं सकता , भागा सिर्फ नींद में जा सकता है ✨️
🙏🏻🙏🏻♥️
PRASHANT JEE, BHARAT MEIN DHARM EK DHANDHA BAN CHUKA HAI !! AB KABIR TO AYEN GE NAHI !! AAP JAISE LOGON SE HEE AASHA HAI !!
🌸मनुष्य की पहचान उसकी देह से नहीं, उसकी चेतना से होती है।🌸
इन महाशय की बात का मैं पूर्ण रूप से समर्थन करता हूं । आज भारत देश सभ्य लोगों के रहने लायक नहीं रहा ।
भक्ति का अर्थ होता है कि अहम् को आत्मा से प्रेम हो गया है, प्रेम मार्ग होता है भक्ति मार्ग
जब से आचार्य जी के गीता सत्र जुरा हूँ तब से, बहुत सारे समस्याओं का समाधान हो गया, धन्यवाद आचार्य जी ❤🙏
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
*जो तुम्हें देह समझेगा, वो रोज़ तुम्हें माँस समझ कर नोचेगा।*
आम आदमी झुक इसलिए जाता है हर जगह क्योंकि उसको धर्म का मतलब ही नहीं पता है।
धर्म का मतलब है - जानना।
क्या? जानना।
Once this happened, during our trip to Hampi with friends, we met an amazing French couple. The woman, who was 50, looked much younger, maybe 35, and her husband, 63, seemed younger too, like he was in his 40s. We were curious about them, so we started talking. We found out she's a teacher in France, and he's a doctor. When we asked about their family, they said they had 7 kids. We were surprised and asked if they were all their own kids. They smiled and told us they chose not to have their own kids, but instead adopted orphaned children to give them love, care, and education. We asked why they didn't have their own kids, especially since they could afford it. They explained that they believe in adoption and giving orphaned kids a good life. Their words made us realize how different our beliefs were. They inspired us with their kindness towards orphaned children, Especially in a country like India, where many people exploit other people's children, harbor jealousy towards others' success, and prioritize only their own children's future, their selflessness made us feel both happy and ashamed of our society's selfishness.
जहां संघर्ष है , वहीं तो अपनी काबिलियत दिखाने का मौका है
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🔥
भारत देश में आप जैसे लोगो की बहुत जरुरत है 🙏🙏🙏🙏🙏
हम नहीं सुधारें गे जी , हजारों साल गुलाम रहें लेकिन एक बात है हम अपनो से नही झुकते है।
हमें कहानी संघर्ष वाली अच्छी लगती है।
लेकिन, अपना जीवन नहीं।
संघर्ष ही जीवन है।
कितनी प्यारी बात है।
प्रणाम आचार्य जी।
❤❤❤❤
आचार्य जी सादर प्रणाम, डॉक्टर जी ने बहुत अच्छे मुद्दे को उठाया, आज चाटुकारिता,मिलावट सब जगहों पर है। और जड़ता हावी है। क्या होगा इस देश का?...
Kyuki anpadh jayda hain 😂😂😂..
जिस देश का नागरिक कायर की तरह सुखभोगने की चाहत मे विदेश भागना चाहता हो!थू उसकी सोच पर!देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा न हो ऐसे मुर्दो को देश में पैदा होने का हक नही 🤫
Aise logo ki ijjat jarur honi chaiye jo desh ke liye sochte hai
Swarthy is duniya me aisi mahan hastiyo ko koti koti 🙏
मेरे पापा कहते थे,कार्य कठिन है इसलिए करने योग्य है ,
अरे वह
❤❤
गगन दमामा बाजिया, पड़े निसाने घाव। खेत बुहारे सूरमा, मोहे मरण का चाव ॥
☝🏼- संत कबीर
जहा संघर्ष है वही तो काबिलियत का पता चलता है 🙏🙏
काबिलियत का प्रदर्शन करना ज़रूरी ही क्यो है !
और वैसे भी काबिलियत , काबिलो के बीच नापी जाती है।😅
Acharyaji is a blessing to mankind. Acharya ji ko Koti-Koti Naman 🙏🙏🙏
जो सवाल नहीं कर सकता वो धार्मिक नहीं हो सकता। 🙏🙏
जब तक जानूंगा नहीं तब तक करूंगा नहीं यही धर्म है ❤ धन्यवाद आचार्य जी
❤
जब जानूंगा नही तब तक मानूंगा नही यही विज्ञान है।
गुरुजी मैं आपके भाषण से ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया क्योंकि मैं प्रमादी हूं परंतु मैं इतना जनता हूं की ----सर्वधर्मान् परित्यज्य, मामेकम् शरणम् व्रज !
अहं त्वां सर्व पापेभ्यो, मोक्षयिष्यामि मा शुच: !!
भारत के लिए तीसरी आंख हैं आचार्य जी
बहुत ही दुख की बात है हमीं सभी लोगो ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपने पर्यावरण अपना भोजन अपना जल अपनी वायु सब कुछ नष्ट कर रहे है आने वाले समय में अपनी पीढ़ियों को क्या देकर जाओ ghe सभी लोग भाई ने कहा मैं उससे सहमत नही भागना सलूसन नई यदि हमने बिगड़ा तो हमे ही सुधारना पड़ेगा भागने से कान नही चलेगा
धर्म के केंद्र में जिज्ञासा है। जो सवाल नही कर सकता वो धार्मिक नही हो सकता।
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏
तर्क में बाते, चेहरे पर तेज, शब्दों का ना दोहराव, ज्ञान के समुंदर, आज के समय के स्वामी विवेकानन्द प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏
❤❤
बाबा साहेब आंबेडकर के आगे शीश झकाना मेरे मन का रोम रोम खिल जाता है।
आपके विचार बाबा साहेब आंबेडकर से मिलते जुलते है इसलिए आप भी मेरे आदर्श है।
Baba saheb ne desh ki azadi ke liye Kiya kya tha yaha hindustan.me bhagat singh chandrashekhar azad kurbani de rahe the aur ambedkar England me angrezo ka case Ladd rahe the.bakwash Matt kiya karo
Yaha serious mamla chal raha or yeh bheem ko la gaye beech me
Jaroori hai thoda padh lo... Koi bhi comment karne se pehle... Dr Prashant bhi yahi kehte hai bina jana bolna sirf murkhta hai@@ShashiSingh-mz1qo
जय भीम 👍💖
संस्कृति हमे चाहिए जो जिज्ञासा पर आधारित हो ✨️
जहां उन प्रश्नों के उत्तर भी दिए जाएं जो प्रश्न पूछे ही नहीं गए ✨️
जहाँ बच्चों का मूल्यांकन उनके उत्तरों से ज्यादा उनके सवालों पर किया जाय ✨️
🙏🏻🙏🏻♥️♥️💐
Nice 💡
मेरा आप लोगो से निवेदन है हम लोग आचार्य जी को सुनते है इनको मानते है इसका मतलब है की आचार्य जी जो कुछ कर थे है उसका हिस्सा हम बन सकते है आप लोग भी सबको भी तो lge जिसको आप समझा सकते है आपके घर में भी कोई जो सकता है आपके रिस्तदार हो सकते है कृपया आप लोग जरूर समझाए तभी हम लोगो भारत को एक अच्छा रास्ते पर ला सकते है धन्यवाद।।
अब आपकी वीडियो सुनते सुनते चिड़ियों को चावल डालने जा रही हूं
आप खुशकिस्मत हो कि चिड़िया को दाना डाल रही हो, हमारे यहां तो अब चिड़िया दिखाई ही नहीं देती है, जब मैं छोटा था तब मैं भी रोटी खिलाता था
चिड़िया को बाजरा खाने को दें चावल नहीं देना
धर्म का तो अर्थ है अहं को मुक्ति की ओर ले जाना।
अहं को जानते नहीं तो तुम धार्मिक कैसे हो गए?
अहं मरीज़ है, मुक्ति स्वास्थ्य है।
-आचार्य प्रशांत
स्वयं नहीं जानता कि सामने जो मनुष्य खड़ा हैं चेतना के रूप में वह सर्वप्रथम एक मनुष्य है स्त्री बाद में है, और मनुष्य की पहचान उसकी देह से नहीं होती है उसकी चेतना से है,
मैने सत्य और धर्म की वास्तविक चर्चा जीवन मे किसी महापुरुष से पहली बार सुनी है।
डॉक्टर साहब जो आपने कहा है वही विचार बिल्कुल मुझे भी आते हैं मैं भी यहां पर इस गंदगी में नहीं रहना चाहता हूं यहां के भ्रष्टाचार प्रदूषण हर जगह मारामारी से मैं भी बहुत ज्यादा परेशान हूं।
This is the reason i consider him acharya....india needs acharya Prashant
धर्म वह नही जो आपको ही आपसे अलग करता हो।
धर्म वह है जो आपको ही आपसे मिला दे।
धर्म का मतलब ही होता है जानना।किसी भी चीज को मान लेना ही धर्म नहीं होता।जानने में अहंकार को चोट लगती है,पर उसी चोट की वजह से जाना जा सकता है,और मान्यता में कभी कोई संघर्ष नही होता,लेकिन फिर उसमे सिर्फ मान्यताओं की गुलामी करनी पड़ती है,और जीवन सिर्फ ऐसे ही बीत जाता है।
जिंदगी को नई दिशा दे दी सर आपने
Same ❤👍
" जो सवाल नहीं कर सकता , वो धार्मिक नहीं हो सकता "
- आचार्य प्रशांत🪔🪔🪔
जाना है तो जिऊँगा,
ये होता है ज्ञान !
~आचार्य प्रशांत
आत्मज्ञान के बिना धार्मिकता नही हो सकती। धर्म का अर्थ है जानना, झुकना नही।हमें जिज्ञासामूलक संस्कृति की जरूरत है।🙏❤️
हम लोग बड़ा दिखने के लिए परेशान है बनने के लिए नहीं ।गाड़ी भी लेते है अपनी आवश्यकतानुसार नही पड़ोसियों की देख कर।
I Love You
मैं (अहम) तुम(आत्मा) से प्रेम करता है।
केवल ज्ञानी ही प्रेम कर सकता है बाकी तो केवल प्रेम का स्वांग करता है मूल मे कामना रहता है ।
सकारात्मकता बढ़ाए , नकारा लोगों को क्या कहे ।
जय श्रीराम ।
ज्ञानी मार्गी ही धार्मिक हो सकता है मगर लोग ज्ञानी मार्गी से बहुत दूर भागते और डरते है।
भविष्यद्वक्ताओं ने सभी पीड़ाओं को स्वीकार किया और उस पर भरोसा किया। क्योंकि जल कभी आग से नहीं डरता।”
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼🕊️
आपकी video देखकर मेरे जीवन में परिवर्तन हो रहा है धीरे-धीरे
जो समझता है वह कभी अपने शरीर का गुलाम नहीं बनेगा, जो समझता है वह कभी भी अपने मानसिक वृत्तियों का गुलाम नहीं बनेगा, जो नहीं समझता है वह अधिक से अधिक दमन कर पायेगा
Dr. Sahab ka prashan itna sahi hai ke acharya ji ko bhi koi steek uttar Dena mushkil jo gya. Yeh haal hai ab Bharat ka....log reh rahe hain par nark bhog rahe hain.
❤❤❤
Dia toh unhone answer
शत शत नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏❣️
We are the first publisher in India who published an Article about acharya Prashant in 2019 and it was in Google 1st position. That time only I understood that he will go ahead in life. We wrote very positive things about acharya prashant
शिक्षा का कार्य व्यक्ति को गहनता से सोचना और आलोचनात्मक ढंग से सोचना - सिखाना है। बुद्धि और चरित्र - यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है।
जो होता आया है वो नहीं होना चाहिए बल्कि जो सही है वही होना चाहिए❤️🙏🙏Love You My Hero ❤️👈
ये विचार पहले ही मेरे मन मे घर कर रखा है
Ye sach h mujhe apna des nhi psnd me 57 sal ki hu
@@VivekSingh-wi5nxab tak aapne kuch bhi sudhaar Kiya h
Mujhe bhi aisa hi feel hota hai
Balki pareshan kerti hai her minute
Hyper sensitive person hona apne aap me ek saza hai
जहां बीमारी है इलाज़ वहीं तो करा जाता है, मैंने भी वायदा क्या है अपनेआप से भागेंगे नहीं ~ आचार्य प्रशांत
सूरा के मैदान में अब क्यों डरना वीर।
खड़े रहना मैदान में सम्मुख सहना तीर।।❤
जिसको जानने में रूचि नहीं होती है सिर्फ जो सुन लिया उसे मान लिया वह व्यक्ति एक चलती फिरती लाश है, जिज्ञासु होना ही हमारे जीने होने का प्रमाण है 🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर प्रश्न न.. और बहुत सुन्दर जवाब...❤❤
Kids can learn maths and science but noone teaches emotional intelligence in Indian schools. That's the biggest problem.
True... can start at home. Getting the kids to read from the time they are able to is one way of learning emotional intelligence. Getting the kids to do housework will help them understand the being in another's shoes, thereby getting them to think about others.
यही शिक्षा अगर हमारे स्कूलों में दी जाए तभी हम बदलाव ला सकते हैं
प्रेम पियाला जो पिये, शीश दच्छिना देय,
लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का ले।
❤
Sir ke video se...mujhe jine ki ummid jgi h....suru se mere bhi vichar aacharya ji jese hi the..unhe sunne ke bad se pta chla... family, society and reletive etc ke dwab me me dab gyi...but ab ati ho gyi or mene bgawt kr di...5 month pregnant hu or 5 sal ka ldka h..office work aata h.. graduate hu..pr na sr pr chat h...or na koi job..age 27 year..na future h...but ye truth h ak din khud ko sabit krungi...😊.. aacharya ji ki or meri manjil..spne.. thought same h🎉bcha huaa jivn unhi ke mission ko samarpit karungi...jay hind
बात सही है कही आचार्य जी ने कि अगर आप ज्ञान की बात करो तो लोग गुस्सा हो जाते हैं
Wo admi ne sahi kaha . Hamare desh ke logo ka mentality ekdam sa khatam ho chuka hai or😢 ye kabhi v thik na hopaiga this is reality.
Desh ke har school college me apke jaisa teacher hona chahiye 😊