लेखिका ने किटी के माध्यम से विचारणीय विषय उठाया है, बेहतर है, नारी ही नारी के विरोध में अक्सर रहती है, नारी को अपना मूल्यांकन कर सुधारात्मक कदम लेना चाहिए, अच्छी कहानी और बहुत सोचने समझने पर मजबूर करती, आपका वाचन v, nice कभी अपनी भी कहिए
Samvedansheel, jese aapne kaha 💜Purn roop se sahmat hun kahani ke vishay par, jo har pahlu ko darshaati hai 🌷Aapka vaachan Nadi ki dhaaraa, jo har mod par naye anubhav laataa hai ❤Aapki mehnat har leher ki tarah jeevan mein aage badhne ki prerana deti hai ♥️You are the Aurora borealis ( Amazing light of North Pole) and the Aurora Australis (most delightful light of South Pole), painting the sky with colours of wonder and splendour 💖Admire your wisdom and Adore your magic 🌹
वास्तव में यह मुद्दा विचारणीय है बेटी अपने मायके वालों के लिए अच्छी बेटी तो ससुराल वालों के लिए बुरी बहु क्यों बन जाती है क्या ससुराल में बहु को मायके वाला प्यार मिलता है सास भी तो अपनी बेटी के लिए अच्छी माँ होती है पर बहु को भी उतना प्यार देती है कहते है ताली दो हाथों से बजती है अगर बहु को ससुराल में बेटी जैसा प्यारइलने लगेगा तो शायद वो भी ससुराल वालों को प्यार देने लगेगी
सास और बहू एक दूसरे से डर कर रहती हैं। यह डर बहू के मन में भर दिया जाता है। और सास के मन में उसका पाला पोसा बेटा अब पूरा उनका नहीं रहा यह डर। डर को तो समझ दारी से वहीं हटा सकती है।रिश्ता परे कर केवल एक औरत समंझें तो ही हल निकलेगा अन्यथा सदा अधूरा संबंध बना रहेगा। 🙏
वास्तव में मुद्दा विचारणीय है,पर मैं यह भी देख रही हूँ कि अपने आसपास कोई ऐसा परिवार नहीं दिखता जहाँ सास ससुर को प्रताड़ित किया जा रहा हो,कहानियों में इस मुद्दे को कुछ अधिक ही उठाया जाता है..पर फिर भी विचार किया ही जाना चाहिए जो अपेक्षा हम अपने भाई भाभी से करते हैं वही सम्मान,परवाह अपने सास ससुर को भी देनी चाहिए,ननद देवर,जेठ को भी..किटी पार्टी के बहाने एक ज्वलंत समस्या पर चर्चा एच् नही लगी
जहाँ पर सास ससुर आर्थिक रूप से समर्थ हैं या अभी अशक्त नहीं हुए हैं वहाँ दिक्कत नहीं है क्योंकि तब आजादी में खलल नहीं होता है फिर भी सास की बुराई एक आम विषय है...
कई बार न चाहते हुए भी बहू को अपने सास ससुर के प्रति ऐसा वर्ताव करना पड़ता है जब सास के एक से अधिक बेटे हैं और वह छोटे बेटे बहू को ज्यादा प्यार करें फिर मेरी तो कहानी ही कुछ अलग है जिस पर भी एक कथा संग्रह बन सकता है यदि सीमा जी उचित समझे तो मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपनी जीवन गाथा के कुछ अंश 17:48 17:48 17:48
मुद्दा विचारणीय हैं ।महिलाओं को सम्मान दोनों तरफ़ के लोगों को देना ही चाहिए
Bilkul sahi baat👍 hai bdiya yeh toh phele ke jmane m nhi tha
कहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त इस सोच से में सहमत हूं इस पर सभी महिलाओं को सुधारने का प्रयास करना चाहिए
❤🎉👌
बहुत संवेदनशील कहानी एक विचारणीय मुद्दे पर 👌🏻👌🏻🙏🏽🙏🏽♥️
लेखिका ने किटी के माध्यम से विचारणीय विषय उठाया है, बेहतर है, नारी ही नारी के विरोध में अक्सर रहती है, नारी को अपना मूल्यांकन कर सुधारात्मक कदम लेना चाहिए, अच्छी कहानी और बहुत सोचने समझने पर मजबूर करती, आपका वाचन v, nice कभी अपनी भी कहिए
जी सही...जरूर अपने बारे में एक दिन रूबरू होकर बताऊंगी।
मेरी सद्य प्रकाशित संग्रह “डेढ़ बूँद पानी”का शीर्षक इसी मुद्दा की ओर संकेत कर रहा है। सीमा जी यह कहानी संग्रह आपको प्रेषित
किया हैं
जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपको ❤️
Samvedansheel, jese aapne kaha 💜Purn roop se sahmat hun kahani ke vishay par, jo har pahlu ko darshaati hai 🌷Aapka vaachan Nadi ki dhaaraa, jo har mod par naye anubhav laataa hai ❤Aapki mehnat har leher ki tarah jeevan mein aage badhne ki prerana deti hai ♥️You are the Aurora borealis ( Amazing light of North Pole) and the Aurora Australis (most delightful light of South Pole), painting the sky with colours of wonder and splendour 💖Admire your wisdom and Adore your magic 🌹
Bless you dear Anju 🙌❤️
👌👌
समाज की बहुत कङवी सच्चाई है यह
घर घर की यहीं कहानी है।😮
✅️✅️
वास्तव में यह मुद्दा विचारणीय है बेटी अपने मायके वालों के लिए अच्छी बेटी तो ससुराल वालों के लिए बुरी बहु क्यों बन जाती है क्या ससुराल में बहु को मायके वाला प्यार मिलता है सास भी तो अपनी बेटी के लिए अच्छी माँ होती है पर बहु को भी उतना प्यार देती है कहते है ताली दो हाथों से बजती है अगर बहु को ससुराल में बेटी जैसा प्यारइलने लगेगा तो शायद वो भी ससुराल वालों को प्यार देने लगेगी
✅️✅️
Biggest fan of your voice
My pleasure dear friend ❤️❤️
समाज की कड़वी सच्चाई है ये 😢
सास और बहू एक दूसरे से डर कर रहती हैं। यह डर बहू के मन में भर दिया जाता है। और सास के मन में उसका पाला पोसा बेटा अब पूरा उनका नहीं रहा यह डर। डर को तो समझ दारी से वहीं हटा सकती है।रिश्ता परे कर केवल एक औरत समंझें तो ही हल निकलेगा अन्यथा सदा अधूरा संबंध बना रहेगा। 🙏
जी सही ♥️
Main is Baat se sahmat hun SAS sasur ko bhi bahut apne मां-बाप Ki Tarah h samjhe to yah samasya Hi khatm Ho Jaaye aur SAS Bahu ko beti samjhe ❤
वास्तव में मुद्दा विचारणीय है,पर मैं यह भी देख रही हूँ कि अपने आसपास कोई ऐसा परिवार नहीं दिखता जहाँ सास ससुर को प्रताड़ित किया जा रहा हो,कहानियों में इस मुद्दे को कुछ अधिक ही उठाया जाता है..पर फिर भी विचार किया ही जाना चाहिए जो अपेक्षा हम अपने भाई भाभी से करते हैं वही सम्मान,परवाह अपने सास ससुर को भी देनी चाहिए,ननद देवर,जेठ को भी..किटी पार्टी के बहाने एक ज्वलंत समस्या पर चर्चा एच् नही लगी
जहाँ पर सास ससुर आर्थिक रूप से समर्थ हैं या अभी अशक्त नहीं हुए हैं वहाँ दिक्कत नहीं है क्योंकि तब आजादी में खलल नहीं होता है फिर भी सास की बुराई एक आम विषय है...
कई बार न चाहते हुए भी बहू को अपने सास ससुर के प्रति ऐसा वर्ताव करना पड़ता है जब सास के एक से अधिक बेटे हैं और वह छोटे बेटे बहू को ज्यादा प्यार करें फिर मेरी तो कहानी ही कुछ अलग है जिस पर भी एक कथा संग्रह बन सकता है यदि सीमा जी उचित समझे तो मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपनी जीवन गाथा के कुछ अंश 17:48 17:48 17:48
सहमत तो हू हि, मगर ये प्रश्न सुलाझा हि नही जा सकता. 😂
😀😀😀