सारी दिल्ली का अनसुना राज: रागनी में उजागर

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  • Опубликовано: 10 окт 2024

Комментарии • 11

  • @shubhamalewaofficial5067
    @shubhamalewaofficial5067 7 месяцев назад +2

    कवि नै तो चाला कर ऐ राख्या सै
    बाकी तनै भी जमा चाला कर दिया गजब लहदारी भाई राहुल

  • @kamleshgoyatofficial4976
    @kamleshgoyatofficial4976 7 месяцев назад +1

    जय हो

  • @RK_2194_Media
    @RK_2194_Media 7 месяцев назад +1

    बहुत बढ़िया राहुल

  • @Dinupandit0001
    @Dinupandit0001 7 месяцев назад +1

    गजब कविराज गजब♥️♥️

  • @gopukaushik1265
    @gopukaushik1265 7 месяцев назад +2

    Great

  • @gopukaushik1265
    @gopukaushik1265 7 месяцев назад +1

    Ram Ram G

  • @sunilvashisth1885
    @sunilvashisth1885 7 месяцев назад +1

    O ho

  • @gopukaushik1265
    @gopukaushik1265 Месяц назад +1

    Ram Ram g

    • @gaampurane
      @gaampurane  Месяц назад

      राम राम जी

  • @sunilvashisth1885
    @sunilvashisth1885 7 месяцев назад +2

    Super

  • @satyawanmehra6254
    @satyawanmehra6254 4 месяца назад +1

    जगदीश जी जैसी कविताई का उस समय की तो छोड़ दो आज भी कोई तोड़ नहीं है जी। बहुत सीधे साधे आदमी थे, अक्सर हमारे बुजुर्गों के पास आते जाते थे। हमने भी उनको नजदीक से देखा है। अक्सर गंगाना गाँव में उनका आना जाना होता था