Sangat Ep. 7 | Anamika on her Poetry, Novel, Life & Sahitya Akademi Award | Anjum Sharma | Hindwi

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  • Опубликовано: 27 окт 2024

Комментарии • 67

  • @mridulagarg1075
    @mridulagarg1075 Год назад +27

    देखा। जैसा अनामिका से अपेक्षित था, वैसा ही कवितामय, और पारिवारिक स्निंग्धता से परिपूर्ण। लिख कर निस्संग हो जाने की इच्छा से संचालित‌ होना मन को ख़ूब भाया। कितना हो पाता है, कितना नहीं, हम निर्णय लेने वाले कौन?
    हम तो शुभकामना ही दे सकते हैं। रचती रहो सखी। या कि दादी !! और खुश रहो।
    मृदुला

  • @गिरिजाकुलश्रेष्ठ

    बन्धन में मुक्ति है और स्त्री को पुरुष होने की ज़रूरत नहीं.. जैसे वाक्य अनामिका जी को सबसे अलग स्थापित करते हैं। बहुत कुछ नया और अच्छा सुनने मिला है इस साक्षात्कार से। और अंजुम जी तो हमेशा की तरह सटीक और खोजी।

  • @riddhibhatt3328
    @riddhibhatt3328 10 месяцев назад +2

    अनामिका को पहली बार सुना,
    मन ने न जाने क्या क्या बुना,

  • @sanju10520
    @sanju10520 Год назад +2

    संगत अर्थात समय का सदुपयोग...
    संगत में बहुत से लोगों को सुना, लेकिन अनामिका जी को सुनना सबसे अलग, सबसे ख़ास लगा। आपका, उदाहरणों से बातें समझाना और बातें करने का ढंग बड़ा ही स्वाभाविक, काव्यात्मक और निराला है । जैसा कि अंजुम ने कहा - उसमें संगीतात्मकता है, सच ही कहा । आप हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहें। शुभकामनाएं और प्रणाम 🙏🏻
    💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

  • @harishsamyak2413
    @harishsamyak2413 Год назад +8

    'जीवन मे कहीं अतिरेक नही चाहिए,'बस ये वाक्य इस साक्षात्कार की उपलब्धि है ।

  • @hemantdeolekar11
    @hemantdeolekar11 Год назад +5

    प्रिय कवि को देखना और सुनना रोम हर्षक रहा। कैसी रवानीदार भाषा है। जैसे कविता ही बोल रही हों। कितना गहरा बोध। कितनी आत्मीयता। प्रेम से भरपूर। बहुत प्रेरक रहा उन्हें सुनना और जानना।
    बहुत शुक्रिया अंजुम जी, हिंदवी। अनामिका जी को सादर अभिवादन और हार्दिक शुभकामनाएं

  • @satyabalasingh7594
    @satyabalasingh7594 10 месяцев назад +1

    अंजुम शर्मा जी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई। आपने बहुत तसल्ली से सभी का साक्षात्कार लिया। संगत सीरीज बधाई का पात्र है

  • @vimalkumarprabhakar4662
    @vimalkumarprabhakar4662 Месяц назад

    अनामिका जी को सुनकर अच्छा लगा। अंजुम जी जब आप कहते हैं मैं उसपर बाद में आऊँगा, रोक देते हैं वह मुझे ठीक नही लगता।

  • @deekshatyagi4927
    @deekshatyagi4927 Год назад +1

    साहित्य के क्षेत्र बहुत विस्तृत, इसी क्रम में एक साहित्य शोधक अपने चित्त के विस्तार को प्रकृति के विकास के साथ नापता चला जाता हैं।अनामिका जी का हृदय इस सृष्टि के हर जीव, प्रकृति और सबसे महत्वपूर्ण मानव की प्रवृत्ति के कोने कोने तक पहुंच रहा है। हम पाठकों को, हमारे जैसे विद्यार्थियों को वो अपनी खोजी हुईं समस्त अनुभूतियों से अवगत लगातार करा रहीं हैं। आपको देखा नही पर सुना बहुत हैं, आपको सुनना ही सबसे अद्भुत और प्रिय हैं मैम 🙏

  • @azranaqvi6757
    @azranaqvi6757 Год назад +4

    She is one of my favourite personality . very good interview . enjoyed every minute of it..thanks Hindwi

  • @shreesandeepji
    @shreesandeepji Год назад +1

    अद्भुत व्यक्तित्व है अनामिका जी का, परिचय कराने के लिए अनेकों धन्यवाद हिंदवी🙏🙏🙏

  • @deveshpandey00
    @deveshpandey00 Год назад +3

    एक कलाकार कितना कुछ ग्रहण करता है, समूची प्रकति के, संबंधों के, परिस्थितियों के एवं दु:ख-सुख के कोने-कोने की अनुभूति कर लेता है। इतनी सहजता से प्रश्नों के उत्तर देती हुईं अनामिका जी की आंखें और उनकी गहराई बताती है कि कलाकार कुछ भावों को भर लेता गहराई में, कुछ उलीच लेता है। जो भरा है वह उलीचे हुए से अधिक महत्वपूर्ण है, रहस्यपूर्ण है।
    उसे बिरले ही समझ सकते हैं।

  • @drmanojkhali1376
    @drmanojkhali1376 Год назад +2

    अंजुम जी आपकी कहन शैली और साहित्यिक साक्षात्कार का अंदाज-ए-बयाँ; जीवंत और सटीक।साधुवाद।

  • @shubhschiesser6951
    @shubhschiesser6951 Год назад

    Anamika ji you are my favorite poet and novelist. The way you talk so slowly, measured words, With the time your expansion on human behavior is truth. You are open minded, don’t shy to criticize sweetly, and very frankly share whatever you have experienced in your life and around you, makes you a very natural person!

  • @pratimapreet4232
    @pratimapreet4232 Год назад +1

    आज पहली बार सुना अनामिका जी को 💐💐💐

  • @arpanjamwal2066
    @arpanjamwal2066 Год назад

    बहुत सुंदर और प्रेरणादायक बातें कहीं, जीवन हो या लेखन अतिरेक नहीं होना चाहिए...अनामिका मैम को सुनना सुखद रहा।

  • @Tathastuतथास्तु
    @Tathastuतथास्तु Год назад +1

    बहुत सुंदर. सादर आभार आदरणीय अनामिका जी और विशेष आभार श्री अंजुम जी 🙏💐

  • @hemathakur0269
    @hemathakur0269 6 месяцев назад

    ना जाने क्या है इनकी बातों मे मै तीसरी बार ये इंटरव्यू देख चुकी हूं 🤭🥰❤❤🎶🙏

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 Год назад +2

    जीवन की सीख मिलती है आपको सुनकर मैम। आपमें बनावटीपन नहीं है, जो भी है बहुत खाटी है, शुद्ध है। सारगर्भित चर्चा। प्रणाम मैम।🙏

  • @subhashsharma7409
    @subhashsharma7409 Год назад

    कवियत्री के बचपन का स्मरण बिल्कुल कवितामय है। विख्यात काव्य सृजन की यात्रा विलक्षण है। सामाजिक चेतना, व्यक्ति के मन मष्तिष्क का गहन अध्ययन और नारी अस्मिता और मुक्ति का सम्यक चिंतन इनके समग्र साहित्य के विविध विधाओं में अभिव्यक्त हुआ है। इसमें भारतीय परिवेश में नारी विमर्श का एक अलग अंदाज दिखाई देता है।

  • @manojghildiyal6854
    @manojghildiyal6854 Год назад +1

    बहुत ही सुन्दर
    सहज एवं सारगर्भित साक्षात्कार।

  • @kdubey2060
    @kdubey2060 10 месяцев назад

    अंजुम भाई आप बहुत ही अच्छा साक्षात्कार लेते हो कमाल 🙏

  • @kusumsimein2095
    @kusumsimein2095 Год назад +1

    सहज और सरल व्यक्तित्व का खूबसूरत साक्षात्कार ।

  • @manishakulshreshtha1991
    @manishakulshreshtha1991 Год назад

    अनामिका जी की सहजता को सच में लोग निकट जाकर जान पाते हैं। वे सच में स्नेहिल हैं।

  • @veenakumari2865
    @veenakumari2865 Год назад +1

    बहुत -बहुत आभार हिंदवी 😊🙏🏼💐
    अनामिका मैंम को सुनना बहुत सुखद लगा ।

  • @drgarima1
    @drgarima1 Год назад +1

    बहुत अच्छा साक्षात्कार बधाई अंजुम जी और अनामिका जी

  • @shinys575
    @shinys575 6 месяцев назад

    ❤अनामिका जी...संगत का एपिसोड..."एक लंबी कविता"❤

  • @anuradhamohrir3953
    @anuradhamohrir3953 Год назад

    बहुत शुक्रिया अंजुम शर्मा जी 🌹🌹

  • @manishaaryasoni
    @manishaaryasoni Год назад +1

    मैं अनामिका जी के काव्य संग्रह टोकरी मे दिगंत का राजस्थानी मे अनुवाद कर रही हूं । इस कविता संग्रह को पढ़ना यानी शब्द संसृति के परोक्ष से निकल कर आ रहे किसी पांचवे वेद के पदचाप को सुनना है। अभिभूत हूं । निशब्द हूं।

  • @AnshuKumari-dk8cx
    @AnshuKumari-dk8cx Год назад +2

    बहुत बहुत शुक्रिया ❤️ हिंदवी 🙏💐
    विशेषतः अंजुम सर 🙏
    हमें इतने महान विद्वानों को सुनवाने के लिए 🙏😊

  • @anuradhamohrir3953
    @anuradhamohrir3953 Год назад

    आनामिका जी को सुनना था बस,,,,, जो उन्होंने कहा नही anamikaji के आँखों से सब कुछ सुन लिया,, समझ लिया❤❤❤❤🙏

  • @shaziyaahmad8012
    @shaziyaahmad8012 Год назад

    अनामिका जी जैसे कविता ही सुना रही हैं । "जीवन में कहीं अतिरेक नहीं चाहिये,स्त्री को पुरुष नहीं, पुरुष को स्त्री जैसा होने की ज़रूरत," समृद्ध करता इंटरव्यू ।

  • @Srvworld16
    @Srvworld16 8 месяцев назад

    Bhaiyya ji , aapka abhar , aapne hindi bhasa ka ek vaicharik platform banaya , like jasne rehta 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @JYOTIKUMARI-sd6hj
    @JYOTIKUMARI-sd6hj Год назад

    बहुत शानदार भैया 🤗 आपके जरिये लेखकों को करीब से जानने का मौका मिलता है ।

  • @devendrapareek3206
    @devendrapareek3206 Год назад

    ओह वाह आदरणीया हमें हमारे बचपन में ले चली....वाह अंजुम जी धन्यवाद।

  • @vinodshankarjha3059
    @vinodshankarjha3059 18 дней назад

    Kisi ko kisi dusare ke saman nahi hona chahiye. Naari aur Purush apni apni jimmedari samjhen. Yahi jaruri hai.

  • @priyanka4601
    @priyanka4601 Год назад

    Jaipur literature festival me inse milne ka moka mila
    Esa lga jese jadu hua
    Itni humble itni achhi h ye

  • @JG-lx8se
    @JG-lx8se Год назад

    कितना आनंद ! आहा!! ❤❤🙏

  • @gopalsoni6760
    @gopalsoni6760 Год назад +1

    एकबार फ़िर हिन्दवी समूह को हृदयसिक्त धन्यवाद 😊❤️
    शानदार बातचीत 😊
    अनामिका जी को सुनना मेरे समय का बड़ा सुख है 😊😊❤️❤️

  • @stripathi637
    @stripathi637 Год назад

    ये तो काव्य है जैसे कविता पाठ हो,लहर जो बह निकली हो,ये साक्षात्कार नहीं एक लय है

  • @MadhavYadav199
    @MadhavYadav199 Год назад

    बहुत बहुत शुक्रिया!🥰

  • @bharatshaw7734
    @bharatshaw7734 Год назад +1

    ❤️❤️.... बेहतरीन

  • @lakshmipriyasworld14
    @lakshmipriyasworld14 10 месяцев назад

    बहुत सुंदर

  • @sushmasingh8008
    @sushmasingh8008 10 месяцев назад

    "स्त्री को पुरुष जैसे होने की ज़रूरत नहीं पुरुष को स्त्री जैसा होने की ज़रूरत हैं।" गहरी बात, दोनों के समझने की बात।

  • @JaleshMakad
    @JaleshMakad Год назад

    आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा

  • @aagaazbyrashmileher2194
    @aagaazbyrashmileher2194 Год назад

    संगत! सार्थक..

  • @vedsharma5304
    @vedsharma5304 9 месяцев назад

    👍👍

  • @chandrabhanyadav8647
    @chandrabhanyadav8647 Год назад

    अंजुम सर वेरी गुड, सर विश्वनाथ त्रिपाठी को उनकी आत्म कथा तथा लोकजीवन, या लोकपरक interview करा दो सर

  • @MaheshKumar-ex3kc
    @MaheshKumar-ex3kc Год назад

    अनामिका मैम की ऑंखें कितनी बोलती हैं! उनके बातचीत में कितनी आत्मीयता है।

  • @atulkumarsingh7215
    @atulkumarsingh7215 Год назад

    बहुत खूब...✍️🙏🙇

  • @shyamgopalgupta3589
    @shyamgopalgupta3589 Год назад +1

    अच्छी प्रस्तुति

  • @anuradhamohrir3953
    @anuradhamohrir3953 Год назад

  • @withdr.shammi5532
    @withdr.shammi5532 Год назад

    दार्शनिक लफ्जो में स्त्री मन और उसके काव्यात्मक अनुराग को महसूस कराने वाला साक्षात्कार।

  • @jawedjahadpoetry1267
    @jawedjahadpoetry1267 Год назад

    बहुत शानदार 💐

  • @premkrshaw920
    @premkrshaw920 Год назад

    ❤❤❤❤❤

  • @dr.shahid1966
    @dr.shahid1966 4 месяца назад

    دکھ تو ہوتا ہے دیکھ کر اُن کو
    ظلم کیوں ہے یاں ناریوں پہ روا
    جانے کب سے تلاش کرتی ہیں
    جستجو میں وہ گوتموں کی ہیں
    کیسے کہہ دوں کہ میں ہراساں ہوں
    ڈر ہے میں توڑ دوں نہ دل اُن کا
    کیسے کہہ دوں کہ جستجو بیکار
    کیسے کہہ دوں کہ اس جہان میں اب
    جنس گوتم کی ہو گئی معدوم
    ڈاکٹر شاہدؔ محمود

  • @chandanyadav177
    @chandanyadav177 Год назад

    i can add captions in hinglish.

  • @aagaazbyrashmileher2194
    @aagaazbyrashmileher2194 Год назад

    हर आत्मा में..

  • @premchandbansal2759
    @premchandbansal2759 Год назад

    आपका मतलब है कि पुरुषों को स्त्रैण होना चाहिए ?

  • @happydose456
    @happydose456 Год назад

    मैम को सुनना था बस

    • @devendrapareek3206
      @devendrapareek3206 Год назад

      इनको सुनना ही कविता है।

  • @PhiloUniverse95
    @PhiloUniverse95 Год назад

    उनकी आंख नहीं बदली...गहरी बात।