Sangat Ep. 7 | Anamika on her Poetry, Novel, Life & Sahitya Akademi Award | Anjum Sharma | Hindwi
HTML-код
- Опубликовано: 17 дек 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ 'संगत' के सातवें एपिसोड में देखिए सुपरिचित कवयित्री और कथाकार अनामिका को। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए अनामिका ने बताया कि कविता और उपन्यास लिखते हुए वे किन बातों का ख़याल रखी हैं। अपने आलोचकों को वे जवाब क्यों नहीं देती, साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिलने पर उन्होंने क्यों उसे संयोगशासित कहा? क्या वे बनावटी हैं? नई पीढ़ी कैसा लिख रही है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब उन्होंने इंटरव्यू में दिए।
Watch well-known writer Anamika in seventh episode of 'Sangat'. In this episode talking to Anjum Sharma, Anamika told about those things she has kept in her mind while writing poetry and novels. Why doesn't she answer her critics, why did she call the Sahitya Akademi award a coincidence? Are they fake? How is the new generation writing? She answered all such questions in the interview.
अनामिका की संपूर्ण रचनाएँ : www.hindwi.org...
Hindwi channel is part of Hindwi.org website. the website is a venture of Rekhta Foundation, dedicated to Hindi literature.
***
हिन्दवी के सोशल मीडिया चैनलों से जुड़िए :
Facebook : / hindwiofficial
Instagram : / hindwi_offi. .
Twitter : / hindwiofficial
Telegram : t.me/Hindwioff...
#sangat #hindwi
अनामिका को पहली बार सुना,
मन ने न जाने क्या क्या बुना,
देखा। जैसा अनामिका से अपेक्षित था, वैसा ही कवितामय, और पारिवारिक स्निंग्धता से परिपूर्ण। लिख कर निस्संग हो जाने की इच्छा से संचालित होना मन को ख़ूब भाया। कितना हो पाता है, कितना नहीं, हम निर्णय लेने वाले कौन?
हम तो शुभकामना ही दे सकते हैं। रचती रहो सखी। या कि दादी !! और खुश रहो।
मृदुला
🙏
🙏🙏😊
प्रणाम मैम 🙏उचित कहा आपने 👏
🙏🙏
सही कहा , बेहद सटीक संवेदनशील, सारगर्भित।
उत्कृष्ट इंटरव्यू. एक उम्र मे आकुल व्याकुल और एक उम्र के बाद मुस्करा देना खुद पर
वाह अंजुम तुम तो हो ही कमाल पर अनामिका से कुछ भी पूछने की जरुरत नहीं. बातों का सतत प्रवाह दिल लुभा गया
संगत अर्थात समय का सदुपयोग...
संगत में बहुत से लोगों को सुना, लेकिन अनामिका जी को सुनना सबसे अलग, सबसे ख़ास लगा। आपका, उदाहरणों से बातें समझाना और बातें करने का ढंग बड़ा ही स्वाभाविक, काव्यात्मक और निराला है । जैसा कि अंजुम ने कहा - उसमें संगीतात्मकता है, सच ही कहा । आप हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहें। शुभकामनाएं और प्रणाम 🙏🏻
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
'जीवन मे कहीं अतिरेक नही चाहिए,'बस ये वाक्य इस साक्षात्कार की उपलब्धि है ।
बन्धन में मुक्ति है और स्त्री को पुरुष होने की ज़रूरत नहीं.. जैसे वाक्य अनामिका जी को सबसे अलग स्थापित करते हैं। बहुत कुछ नया और अच्छा सुनने मिला है इस साक्षात्कार से। और अंजुम जी तो हमेशा की तरह सटीक और खोजी।
अंजुम शर्मा जी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई। आपने बहुत तसल्ली से सभी का साक्षात्कार लिया। संगत सीरीज बधाई का पात्र है
बहुत ही सुन्दर, बंधनों में मुक्ति,,
आज पहली बार सुना अनामिका जी को 💐💐💐
प्रिय कवि को देखना और सुनना रोम हर्षक रहा। कैसी रवानीदार भाषा है। जैसे कविता ही बोल रही हों। कितना गहरा बोध। कितनी आत्मीयता। प्रेम से भरपूर। बहुत प्रेरक रहा उन्हें सुनना और जानना।
बहुत शुक्रिया अंजुम जी, हिंदवी। अनामिका जी को सादर अभिवादन और हार्दिक शुभकामनाएं
अंजुम जी आपकी कहन शैली और साहित्यिक साक्षात्कार का अंदाज-ए-बयाँ; जीवंत और सटीक।साधुवाद।
बहुत सुंदर और प्रेरणादायक बातें कहीं, जीवन हो या लेखन अतिरेक नहीं होना चाहिए...अनामिका मैम को सुनना सुखद रहा।
अद्भुत व्यक्तित्व है अनामिका जी का, परिचय कराने के लिए अनेकों धन्यवाद हिंदवी🙏🙏🙏
She is one of my favourite personality . very good interview . enjoyed every minute of it..thanks Hindwi
साहित्य के क्षेत्र बहुत विस्तृत, इसी क्रम में एक साहित्य शोधक अपने चित्त के विस्तार को प्रकृति के विकास के साथ नापता चला जाता हैं।अनामिका जी का हृदय इस सृष्टि के हर जीव, प्रकृति और सबसे महत्वपूर्ण मानव की प्रवृत्ति के कोने कोने तक पहुंच रहा है। हम पाठकों को, हमारे जैसे विद्यार्थियों को वो अपनी खोजी हुईं समस्त अनुभूतियों से अवगत लगातार करा रहीं हैं। आपको देखा नही पर सुना बहुत हैं, आपको सुनना ही सबसे अद्भुत और प्रिय हैं मैम 🙏
एक कलाकार कितना कुछ ग्रहण करता है, समूची प्रकति के, संबंधों के, परिस्थितियों के एवं दु:ख-सुख के कोने-कोने की अनुभूति कर लेता है। इतनी सहजता से प्रश्नों के उत्तर देती हुईं अनामिका जी की आंखें और उनकी गहराई बताती है कि कलाकार कुछ भावों को भर लेता गहराई में, कुछ उलीच लेता है। जो भरा है वह उलीचे हुए से अधिक महत्वपूर्ण है, रहस्यपूर्ण है।
उसे बिरले ही समझ सकते हैं।
बहुत ही सुन्दर
सहज एवं सारगर्भित साक्षात्कार।
बहुत सुंदर. सादर आभार आदरणीय अनामिका जी और विशेष आभार श्री अंजुम जी 🙏💐
अनामिका जी को सुनकर अच्छा लगा। अंजुम जी जब आप कहते हैं मैं उसपर बाद में आऊँगा, रोक देते हैं वह मुझे ठीक नही लगता।
अनामिका जी जैसे कविता ही सुना रही हैं । "जीवन में कहीं अतिरेक नहीं चाहिये,स्त्री को पुरुष नहीं, पुरुष को स्त्री जैसा होने की ज़रूरत," समृद्ध करता इंटरव्यू ।
सहज और सरल व्यक्तित्व का खूबसूरत साक्षात्कार ।
कवियत्री के बचपन का स्मरण बिल्कुल कवितामय है। विख्यात काव्य सृजन की यात्रा विलक्षण है। सामाजिक चेतना, व्यक्ति के मन मष्तिष्क का गहन अध्ययन और नारी अस्मिता और मुक्ति का सम्यक चिंतन इनके समग्र साहित्य के विविध विधाओं में अभिव्यक्त हुआ है। इसमें भारतीय परिवेश में नारी विमर्श का एक अलग अंदाज दिखाई देता है।
चरण स्पर्श मां ❤❤
बहुत अच्छा साक्षात्कार बधाई अंजुम जी और अनामिका जी
आनामिका जी को सुनना था बस,,,,, जो उन्होंने कहा नही anamikaji के आँखों से सब कुछ सुन लिया,, समझ लिया❤❤❤❤🙏
बहुत शुक्रिया अंजुम शर्मा जी 🌹🌹
Thanks Anjum
अंजुम भाई आप बहुत ही अच्छा साक्षात्कार लेते हो कमाल 🙏
ना जाने क्या है इनकी बातों मे मै तीसरी बार ये इंटरव्यू देख चुकी हूं 🤭🥰❤❤🎶🙏
जीवन की सीख मिलती है आपको सुनकर मैम। आपमें बनावटीपन नहीं है, जो भी है बहुत खाटी है, शुद्ध है। सारगर्भित चर्चा। प्रणाम मैम।🙏
Anamika ji you are my favorite poet and novelist. The way you talk so slowly, measured words, With the time your expansion on human behavior is truth. You are open minded, don’t shy to criticize sweetly, and very frankly share whatever you have experienced in your life and around you, makes you a very natural person!
अनामिका जी की सहजता को सच में लोग निकट जाकर जान पाते हैं। वे सच में स्नेहिल हैं।
बहुत -बहुत आभार हिंदवी 😊🙏🏼💐
अनामिका मैंम को सुनना बहुत सुखद लगा ।
❤अनामिका जी...संगत का एपिसोड..."एक लंबी कविता"❤
ये तो काव्य है जैसे कविता पाठ हो,लहर जो बह निकली हो,ये साक्षात्कार नहीं एक लय है
ओह वाह आदरणीया हमें हमारे बचपन में ले चली....वाह अंजुम जी धन्यवाद।
आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा
मैं अनामिका जी के काव्य संग्रह टोकरी मे दिगंत का राजस्थानी मे अनुवाद कर रही हूं । इस कविता संग्रह को पढ़ना यानी शब्द संसृति के परोक्ष से निकल कर आ रहे किसी पांचवे वेद के पदचाप को सुनना है। अभिभूत हूं । निशब्द हूं।
बहुत ही सुन्दर कार्य, चेतना के धरातल पर विष्लेषण, व्यवहार, ऊंचाई और सार्थक प्रयास अत्यावश्यक है 💕🌹
बहुत सुंदर
कितना आनंद ! आहा!! ❤❤🙏
एकबार फ़िर हिन्दवी समूह को हृदयसिक्त धन्यवाद 😊❤️
शानदार बातचीत 😊
अनामिका जी को सुनना मेरे समय का बड़ा सुख है 😊😊❤️❤️
बहुत बहुत शुक्रिया ❤️ हिंदवी 🙏💐
विशेषतः अंजुम सर 🙏
हमें इतने महान विद्वानों को सुनवाने के लिए 🙏😊
अच्छी प्रस्तुति
👍👍
संगत! सार्थक..
बहुत शानदार भैया 🤗 आपके जरिये लेखकों को करीब से जानने का मौका मिलता है ।
❤️❤️.... बेहतरीन
बहुत बहुत शुक्रिया!🥰
Jaipur literature festival me inse milne ka moka mila
Esa lga jese jadu hua
Itni humble itni achhi h ye
बहुत खूब...✍️🙏🙇
Kisi ko kisi dusare ke saman nahi hona chahiye. Naari aur Purush apni apni jimmedari samjhen. Yahi jaruri hai.
Bhaiyya ji , aapka abhar , aapne hindi bhasa ka ek vaicharik platform banaya , like jasne rehta 🙏🙏🙏🙏🙏
"स्त्री को पुरुष जैसे होने की ज़रूरत नहीं पुरुष को स्त्री जैसा होने की ज़रूरत हैं।" गहरी बात, दोनों के समझने की बात।
❤
अंजुम सर वेरी गुड, सर विश्वनाथ त्रिपाठी को उनकी आत्म कथा तथा लोकजीवन, या लोकपरक interview करा दो सर
अनामिका मैम की ऑंखें कितनी बोलती हैं! उनके बातचीत में कितनी आत्मीयता है।
❤❤❤❤❤
बहुत शानदार 💐
दार्शनिक लफ्जो में स्त्री मन और उसके काव्यात्मक अनुराग को महसूस कराने वाला साक्षात्कार।
हर आत्मा में..
دکھ تو ہوتا ہے دیکھ کر اُن کو
ظلم کیوں ہے یاں ناریوں پہ روا
جانے کب سے تلاش کرتی ہیں
جستجو میں وہ گوتموں کی ہیں
کیسے کہہ دوں کہ میں ہراساں ہوں
ڈر ہے میں توڑ دوں نہ دل اُن کا
کیسے کہہ دوں کہ جستجو بیکار
کیسے کہہ دوں کہ اس جہان میں اب
جنس گوتم کی ہو گئی معدوم
ڈاکٹر شاہدؔ محمود
i can add captions in hinglish.
मैम को सुनना था बस
इनको सुनना ही कविता है।
आपका मतलब है कि पुरुषों को स्त्रैण होना चाहिए ?
उनकी आंख नहीं बदली...गहरी बात।