बारामासा को सपोर्ट करें: UPI: Baramasa@icici सब्स्क्राइब करें: baramasa.in/subscribe/ We depend on our viewers. If you like our content, do support Baramasa. You can subscribe us through the link below or can directly support us through our UPI id: Baramasa@icici baramasa.in/subscribe/ #SupportArchivingUttarakhand
महान गायक स्व.चंद्र सिंह रही जी एवं अमर लोकगायक पप्पू कार्की जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि,मेरा भी सौभाग्य रहा इस गीत में अपनी आवाज देना का,समस्त जनों ने गीत को बहुत पसंद किया,सभी का दिल से धन्यवाद👏
Maine bhi unhe suna tha but kuch dusra gaana tha. Unhe hum chandigarh bhi le kar aaye the shadi mai. Unka ek famous dialogue tha " Topdaar" . Mai us time karib 8 se 10 saal ka tha.
बहुत सुन्दर चारु दा। मेरा सौभाग्य है कि मुझे बचपन में सूरदास जी श्री भरोसी लाल जी को लाइव सुनने का सुअवसर मिला है। लोकपुरुष चन्द्र सिंह राही जी यदि इस गीत को नही गाते तो स्व भरोसी लाल जी का पुनर्जन्म नही होता। स्व. भरोसी लाल एवं लोकपुरुष स्व चन्द्र सिंह राही जी को मेरा वन्दन और नमन।
एक दिन नोयडा जब मैंने अपने बेटे के फ्लैट के लिए लिफ्ट ली तो एक ब्यकति एक युवती व एक बच्चा भी लिफ्ट में आये । वे काफी हंसमुख थे और बार बार मुझे देखकर मुस्करा रहे थे। छठे फ्लोर में मैं उतर गया और संकोच बस मैं उनसे गुफ्तगू नहीं कर पाया। दिमाग चकरा रहा था कि ये कौन थे । फिर सोचा अब मिलेंगे तो पूछूंगा। बाद में जब फ्वां बागा रे को देखा तो पता चला कि ये लेखक और गायक चन्द्र सिंह राही जी थे। इतने हंसमुख थे फ्वां बागा ये वाले राही जी
बहुत ही सटीक सुन्दर जानकारी आप लोगों की टीम ने जुटा कर आज की पीढ़ी को बताई है मै 10,12,वर्ष का रहा होगा तब उस महान् गायक को हमने भी सुना है वैसे उस दौर मे वे पहाड़ के लोकगीतों को गाकर मांग कर अपना गुजर बसर कर रहे थे फिर भी मुझे याद है बुजुर्गों व महिलाओं से घिर जाते थे सूरदास जी।धन्यवाद् आपको
बारामास टीम द्वारा, गढ़वाल की सांस्कृतिक धरोहर को सृजन, चित्रण करने के लिए बहुत बहुत बधाई व साधुवाद। उम्मीद है आगे और बहुत कुछ उत्तराखंड की संस्कृति व उत्तराखंडीयो के इतिहास का बारे मे जाकरी मिलेगी।
भरोसी लाल जी कोटि कोटि नमन, हम सदा गौरव महसूस करते हैं कि आप जैसे लोग हमारे देवभूमि में अवतरित हुए l देव रानी जी ने बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया l धन्यवाद पिथौरागढ़ से
बहुत खूब दियाणी उदिता , बारामास की पूरी टीम तैं बहुत बहुत साधुवाद प्यार प्रणाम । स्वर्गीय भरोसी लाल, गढ़वाल का महान लोकसंगीतज्ञ स्वर्गीय चंद्रसिंह राही जी व प्यारे भाई पप्पू कार्की तैं भावभीनी श्रद्धांजलि 🙏🏻
मैं भी कोटद्वार का रहने वाला हूं, और यह दिलचस्प किस्सा सुन कर बहुत उत्साहित हूं। टीम बारामासा को बहुत धन्यवाद इस तरह की लोक कथा लाने के लिए। बहुत बहुत शुभकामनाएं, ऐसे ही गढ़वाल के इतिहास को उजागर करते रहिए👍🏻
श्री भरोसी लाल जी पहले पौड़ी बस स्टैंड पर डफ़ली के साथ गाया करते थे , बाद में रेल के डिब्बे में नजीबाबाद से कोटद्वार तक उनके गाने सुनते हुए आते थे । एक गाना "सात समुंदर पार च जाना bwe" भी अक्सर सुनाते थे । पौड़ी गांव के ही रहने वाले थे । बहुत अच्छा प्रयास पुरानी यादें ताजा हुईं ।
ज़रूरी हैं. ऐसे लेख आलेख, कुछ तो मिले अपनी विरासत जानने के लिए.... आलेख प्रस्तोता, लेखक, छायाकार,गायक,लोक गायक सभी का धन्यवाद,झोंक्कि सूरदास जी,राही जी,पप्पू कार्की सभी लोगों को हार्दिक नमन।
बोहोत सुंदर आप लोंगो का बोहोत बोहोत धन्यवाद उत्तराखंड के प्रति तो मेरा प्यार बोहोत ज्यादा है पर उत्तराखंड से जुडी जानकारियों से मेरा झोला भरने के लिए आपका बोहोत बोहोत धन्यवाद -19 वर्षीय गढ़वाली
'बाssघ कि ह्वे डैssराs' has such a universal appeal that you cannot restrain yourself from ' jhoomimg' ( dancing to the melody of the song ) in where ever position you are, sitting or standing, in bed or on your legs. 'Fuaan baagha', in its different renderings, is so catchy that you're bound to love it. The south Indian film song '...ganeshaa ' also thrills us much. The team Fuaan Baaghaa deserves high commendation and love for presenting the story to us all. God bless !
इतने संक्षिप्त समय में आपने इतना अच्छा वर्णन किया कि अपने पहाड़ को हम हृदय से छू पा रहे हैं आप के ज्ञान को कोटि कोटि नमन 🙏, अपने भाव की कड़ी जुड़ेगी तभी तो माला कहलाएगी, वो भी अपनेपन की, जय उत्तराखंड 🚩 जय भारत 🇮🇳
यह उत्तराखंड का अकेला गीत है जो पूरी दुनिया मे छा गया जिसमें मुख्य भूमिका टिकटोक की रही जिसमे कई देशों के लोगो ने इस पर नृत्य किया । इसलिए कहते है कि संगीत की कोई भाषा नही होती है बस धुन मधुर होनी चाहिए।
अति राम्रो प्रस्तुति ! गीतको पृष्ठभूमि सुन्दा म भावुक भएर आँसु थाम्न सकिन ! गीत, संगीत राज्यको सीमाभन्दा चौडा , दिल छुने, आकर्षण गराउने, मनलाई उद्वेलित तुल्याउने एक अदभुत चिज रहेछ । मलाई यो गीत अति मनपर्छ ! यस गीतका स्वर्गीय सबै सर्जकहरुप्रति हार्दिक श्रध्दाञ्जलि अर्पण गर्दछु । साथै यो गीतको पृष्ठभूमिको बारेमा सुन्दर तरिकाले जानकारी दिने लेखक, प्रस्तुतकर्ता बहिनी लगायत सबैमा धन्यवाद ! इन्द्रप्रसाद चितवन, नेपाल ।
प्रत्येक कहानी की प्रस्तुति में, भाषा का संप्रेषण, उदिता द्वारा अति उत्तम शब्दो के रूप में किया जाता हैं। जो सुनने वालों को अपनी तरफ खींचती हैं। धन्यवाद!
आपने पुरानी यादें ताजा कर दीं। वो समय आज के समय से बहुत अच्छा था। लोग मिलनसार थे। भरोसीलाल जी गढ़वाल के पूरे समाचार दे देते थे। गुड़, चना, इलाइची दाना आदि वस्तुओं के दाम भी बताते थे।
बहुत सुंदर। मैं इस बात का प्रत्यक्ष दर्शी हूं,जब हम बचपन में दिल्ली से अपने गांव जाते थे उस समय मैंने सूरदास जी को देखा व सुना था। आज बचपन की पुरानी यादें ताजा हो गई। धन्यवाद।
बहुत ही सुन्दर आप ने हम लोगों को बचपन कि याद दिला दी हम लोगों ने सूना और अपने आंखों से देखा है उस समय शायद 25/ पैसे या 50/-पैसे देते थे अब तो शायद मसुरी एक्सप्रेस नहीं चलती थी बहुत ही अच्छा समय था लोकगीतों के सही मायने थे
Baramas channel ke sabhi logo ko humari tarf se shubhkamnaein Aise hi channel ki jarorat hai Uttrakhand ko Bahot badiya pori baramaas team ko. Ek hi channel hai jaha hum ye sochte hai kya naya ayega or Jo kuch bhi ayega bahot badiya ayega. Jai Badri Kedar..
Mai ne Surdas ji ko Pauri bus stand me dafali bajate n gate hui 1965 to 1970 me dekha tha. Mai MIC pauri me 6 to 12th tak education li. Purani yad taja ho gai.
अत्यंत रुचिकर प्रस्तुतिकरण ।इतिहास से इसका सम्बंध के बारे में दी गई जानकारी वास्तव में अनुपम है ।उदिता आपने लाजवाब और प्रभावशाली कार्य किया है आपको साधुवाद और धन्यवाद ।
Very nice explanation...please keep up this type of informatic video in future also which remind us our culture and feel proud being the origin of Garhwal. Great job done by team baramasa. Respectfully Bhuvanesh Dabral
आपकी प्रस्तुति मन मोहक और दिल को छू लेने वाली है । मैं 80 के दशक के आरंभ से ही उत्तराखंड से बाहर रहा हू। पिछले कुछ समय से बारहमासा और काफल ट्री के माध्यम से विशुद्ध रूप से सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक जानकारी मिल रही है । इसके लिए आप सब धन्यवाद के पात्र हैं । आशा करता हूं की आप भविष्य में भी इस लौ को जलाएं रखेंगे ।
मुझे ये सोच सोच कर बड़ा दुःख होता है कि आज जिन भरोसी लाल जी के गीतों से लोग इतना धन कमा रहे है वो बेचारे ग़रीबी की मार झेलतेझेलते मर गये । भरोसी लाल जी और उनकी लाचार पत्नी उनका हाथ अपने कंधे पर रख कर रोज़ उनको रास्ता सुझाते हुए कोटद्वार रेलवे स्टेशन की और जाते हुए मुझे आज भी याद आते हैं । मेरा बचपन उनके मधुर गीतों को सुनते हुए बीता है
How much ever we appreciate, it's less! The efforts put in the background work and research in amazing. Each and every word selected while preparing the script is awesome. Hindi to its utmost elegance, which is rare to see now a days. Congratulations Ms. Charu Tiwari. Illustrations are so apt and perfect. And Ms. Udita is all time ❤️ Thank you so much team Baramasa.
बहुत ही अच्छा विचार है हमारे गढ़वाल की पुरानी गाथाओं और पुरानी हकीकत बातों का व घटनाओं का पता चलता है ज्ञान मिलता है और कुछ मनोरंजनों का भी संयोग बनता है धन्यवाद बीरेंद्र सिंह गढ़वाली चंडीगढ़ से
Baramassa team ko koti koti dhnyabaad pahaad ki puraani kahaani sunnane ke liye! Bahut hi kushal, educated and professional team hai. Sabko ko sadhubad. Jai Hind.
बारामासा को सपोर्ट करें:
UPI: Baramasa@icici
सब्स्क्राइब करें: baramasa.in/subscribe/
We depend on our viewers. If you like our content, do support Baramasa. You can subscribe us through the link below or can directly support us through our
UPI id: Baramasa@icici
baramasa.in/subscribe/
#SupportArchivingUttarakhand
महान गायक स्व.चंद्र सिंह रही जी एवं अमर लोकगायक पप्पू कार्की जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि,मेरा भी सौभाग्य रहा इस गीत में अपनी आवाज देना का,समस्त जनों ने गीत को बहुत पसंद किया,सभी का दिल से धन्यवाद👏
❤❤❤❤❤❤
❤❤❤❤
बचपन की यादें ताजा हो गई।मैने भी कोटद्वार स्टेशन पर यह गीत भरोसीलाल(सूरदासजी) के मुख से कई बार सुना था।टीम बारामासा को साधुवाद एवम हार्दिक शुभकामनाएँ।
Aap bhut lucky ho jo apne ye gana real mai suna tha kash us samay koi recording ho gayi hoti soory
Maine bhi unhe suna tha but kuch dusra gaana tha. Unhe hum chandigarh bhi le kar aaye the shadi mai.
Unka ek famous dialogue tha " Topdaar" . Mai us time karib 8 se 10 saal ka tha.
सच मैं बहुत कमाल के इंसान होंगे भरोसी लाल जी काश मै उन से ये गाना सुन पता
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
Old to get old version of song, with lyrics
बैतडी मा बाघ लाग्यो nepali song .
बहुत सुन्दर चारु दा।
मेरा सौभाग्य है कि मुझे बचपन में सूरदास जी श्री भरोसी लाल जी को लाइव सुनने का सुअवसर मिला है।
लोकपुरुष चन्द्र सिंह राही जी यदि इस गीत को नही गाते तो स्व भरोसी लाल जी का पुनर्जन्म नही होता। स्व. भरोसी लाल एवं लोकपुरुष स्व चन्द्र सिंह राही जी को मेरा वन्दन और नमन।
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
एक दिन नोयडा जब मैंने अपने बेटे के फ्लैट के लिए लिफ्ट ली तो एक ब्यकति एक युवती व एक बच्चा भी लिफ्ट में आये । वे काफी हंसमुख थे और बार बार मुझे देखकर मुस्करा रहे थे। छठे फ्लोर में मैं उतर गया और संकोच बस मैं उनसे गुफ्तगू नहीं कर पाया। दिमाग चकरा रहा था कि ये कौन थे । फिर सोचा अब मिलेंगे तो पूछूंगा। बाद में जब फ्वां बागा रे को देखा तो पता चला कि ये लेखक और गायक चन्द्र सिंह राही जी थे। इतने हंसमुख थे फ्वां बागा ये वाले राही जी
बारामासा की टीम को श्री भरोसे लाल के समुचित उल्लेख के लिए अनेकानेक धन्यवाद|
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी है आपने बहन। Thanks a lot.
टीम बारामासा को साधुवाद। इस लोकप्रिय गाने की उत्पति व् इतिहास का रुचिकर प्रस्तुति करण। ऐसे ही प्रयासों से लोग अपनी जड़ों से जुड़ते हैं। शुभकामनायें।
O lp
Kahe ka ye sdakir mulla muala wale hain
Bahut Sundar hai
बहुत ही सटीक सुन्दर जानकारी आप लोगों की टीम ने जुटा कर आज की पीढ़ी को बताई है मै 10,12,वर्ष का रहा होगा तब उस महान् गायक को हमने भी सुना है वैसे उस दौर मे वे पहाड़ के लोकगीतों को गाकर मांग कर अपना गुजर बसर कर रहे थे फिर भी मुझे याद है बुजुर्गों व महिलाओं से घिर जाते थे सूरदास जी।धन्यवाद् आपको
महान फकीर कलाकार को शत शत नमन
उदिता जी और बारामासा की टीम को साधुवाद और सूरदास बाबा, चंद्र सिंह रही जी, पप्पू कार्कि जी को विनम्र श्रद्धांजलि.
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
बारामास टीम द्वारा, गढ़वाल की सांस्कृतिक धरोहर को सृजन, चित्रण करने के लिए बहुत बहुत बधाई व साधुवाद। उम्मीद है आगे और बहुत कुछ उत्तराखंड की संस्कृति व उत्तराखंडीयो के इतिहास का बारे मे जाकरी मिलेगी।
बचपन से बड़े होने तक माँ ने बहुत सारे किस्से सुनाये है। और आपको सुनते हुए मुझे वैसे ही महसूस हो रहा है।। बहुत सुंदर बोलती है आप।
चारु दा, सलाम।
बहुत शानदार प्रस्तुति। शुक्रिया 'बारहमासा'।
Good. Job. Sir
भरोसी लाल जी कोटि कोटि नमन, हम सदा गौरव महसूस करते हैं कि आप जैसे लोग हमारे देवभूमि में अवतरित हुए l देव रानी जी ने बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया l
धन्यवाद पिथौरागढ़ से
बहुत खूब दियाणी उदिता , बारामास की पूरी टीम तैं बहुत बहुत साधुवाद प्यार प्रणाम ।
स्वर्गीय भरोसी लाल, गढ़वाल का महान लोकसंगीतज्ञ स्वर्गीय चंद्रसिंह राही जी व प्यारे भाई पप्पू कार्की तैं भावभीनी श्रद्धांजलि 🙏🏻
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
मैं भी कोटद्वार का रहने वाला हूं, और यह दिलचस्प किस्सा सुन कर बहुत उत्साहित हूं। टीम बारामासा को बहुत धन्यवाद इस तरह की लोक कथा लाने के लिए। बहुत बहुत शुभकामनाएं, ऐसे ही गढ़वाल के इतिहास को उजागर करते रहिए👍🏻
शानदार प्रस्तुति। कारवां यूँ बढ़ता रहे बारामासा
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
मुझे भी इन आदरणीय जी को प्रत्यक्ष सुनने का सौभाग्य प्राप्त है। 🌹🙏
उदिता देवरानी जी बहुत बहुत धन्यवाद अपने उत्तराखंड की संस्कृति और प्रेरित करने वाले संस्मरणों को साझा करने के लिए। जय उत्तराखंड। जय हिन्द।
Pappu karki ❣️❣️❣️❣️❣️👌👌👌
श्री भरोसी लाल जी पहले पौड़ी बस स्टैंड पर डफ़ली के साथ गाया करते थे , बाद में रेल के डिब्बे में नजीबाबाद से कोटद्वार तक उनके गाने सुनते हुए आते थे । एक गाना "सात समुंदर पार च जाना bwe" भी अक्सर सुनाते थे । पौड़ी गांव के ही रहने वाले थे । बहुत अच्छा प्रयास पुरानी यादें ताजा हुईं ।
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
टीम बारामासा को अपनी लोक गीत संग्रह प्रकाशित के लिए बहुत बहुत बधाई
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
अति सुंदर अभिव्यक्ति और जानकारी ईश्वरीय अनुकम्पा बनी रहे और आप यूहीं गढवाली परम्परा कि जानकारी देते रहें
ज़रूरी हैं. ऐसे लेख आलेख, कुछ तो मिले अपनी विरासत जानने के लिए.... आलेख प्रस्तोता, लेखक, छायाकार,गायक,लोक गायक सभी का धन्यवाद,झोंक्कि सूरदास जी,राही जी,पप्पू कार्की सभी लोगों को हार्दिक नमन।
बोहोत सुंदर आप लोंगो का बोहोत बोहोत धन्यवाद उत्तराखंड के प्रति तो मेरा प्यार बोहोत ज्यादा है पर उत्तराखंड से जुडी जानकारियों से मेरा झोला भरने के लिए आपका बोहोत बोहोत धन्यवाद
-19 वर्षीय गढ़वाली
'बाssघ कि ह्वे डैssराs' has such a universal appeal that you cannot restrain yourself from ' jhoomimg' ( dancing to the melody of the song ) in where ever position you are, sitting or standing, in bed or on your legs.
'Fuaan baagha', in its different renderings, is so catchy that you're bound to love it. The south Indian film song '...ganeshaa ' also thrills us much.
The team Fuaan Baaghaa deserves high commendation and love for presenting the story to us all. God bless !
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है. प्रस्तुती करण उच्चतम कोटि का.
भजन सिंह नेगी पनिया कोलागाड
बहुत ही आनन्दायक सुंदर बिबरण देवरानी जी । बारामासा की तुम एक अद्भुत खोज हो ।शुभकामना ।
एतिहासिक व अद्भुत जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद।
इतने संक्षिप्त समय में आपने इतना अच्छा वर्णन किया कि अपने पहाड़ को हम हृदय से छू पा रहे हैं आप के ज्ञान को कोटि कोटि नमन 🙏, अपने भाव की कड़ी जुड़ेगी तभी तो माला कहलाएगी, वो भी अपनेपन की,
जय उत्तराखंड 🚩 जय भारत 🇮🇳
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
Bahut hi marmik jankari. Baramas ki puri teem ko jankari Dene ke leye dhanyawad
आपकी विस्तृत जानकारी वाली पोस्ट प्रशंसनीय है । गाना जितना अच्छा उतनी ही अच्छी जानकारी ।
यह उत्तराखंड का अकेला गीत है जो पूरी दुनिया मे छा गया जिसमें मुख्य भूमिका टिकटोक की रही जिसमे कई देशों के लोगो ने इस पर नृत्य किया । इसलिए कहते है कि संगीत की कोई भाषा नही होती है बस धुन मधुर होनी चाहिए।
बहुत ही सुन्दर रचना
जानकारी के लिए कोटि कोटि धन्यवाद शायद आप कई जानकारी देते होंगे जरुर देखते है आगे से शुभ कामनाएं
आप की गीतों की प्रति जानकारी देना व गीतों क़े पीछे की पूरी कहानी याने किसने गाया, संगीत, किस तरह तैयार हुआ। बहुत ही अच्छा l
अति राम्रो प्रस्तुति !
गीतको पृष्ठभूमि सुन्दा म भावुक भएर आँसु थाम्न सकिन !
गीत, संगीत राज्यको सीमाभन्दा चौडा , दिल छुने, आकर्षण गराउने, मनलाई उद्वेलित तुल्याउने एक अदभुत चिज रहेछ । मलाई यो गीत अति मनपर्छ ! यस गीतका स्वर्गीय सबै सर्जकहरुप्रति हार्दिक श्रध्दाञ्जलि अर्पण गर्दछु । साथै यो गीतको पृष्ठभूमिको बारेमा सुन्दर तरिकाले जानकारी दिने लेखक, प्रस्तुतकर्ता बहिनी लगायत सबैमा धन्यवाद !
इन्द्रप्रसाद
चितवन, नेपाल ।
प्रत्येक कहानी की प्रस्तुति में, भाषा का संप्रेषण, उदिता द्वारा अति उत्तम शब्दो के रूप में किया जाता हैं। जो सुनने वालों को अपनी तरफ खींचती हैं। धन्यवाद!
Ati sundar baaraamaash ko dhanyabaad. Aage bhi hame ar video bheje.
आपने पुरानी यादें ताजा कर दीं। वो समय आज के समय से बहुत अच्छा था। लोग मिलनसार थे। भरोसीलाल जी गढ़वाल के पूरे समाचार दे देते थे। गुड़, चना, इलाइची दाना आदि वस्तुओं के दाम भी बताते थे।
बहुत सुंदर। मैं इस बात का प्रत्यक्ष दर्शी हूं,जब हम बचपन में दिल्ली से अपने गांव जाते थे उस समय मैंने सूरदास जी को देखा व सुना था। आज बचपन की पुरानी यादें ताजा हो गई। धन्यवाद।
भौत ही भलि खोजपूर्णि , रोचक एतिहासिक जानकारी ,एका वास्ता समस्त बारामासा टीम कु बहुत बहुत आभार।
काफ़ी अच्छी जानकारी को और बेहद शानदार और खूबसूरत प्रस्तुति 👍
मजा आ गया, एक गाने के पीछे छुपी इतनी बड़ी कहानी को आप लोग सबके समक्ष लाए, साधुवाद ।
बहुत ही सुन्दर आप ने हम लोगों को बचपन कि याद दिला दी हम लोगों ने सूना और अपने आंखों से देखा है उस समय शायद 25/ पैसे या 50/-पैसे देते थे अब तो शायद मसुरी एक्सप्रेस नहीं चलती थी बहुत ही अच्छा समय था लोकगीतों के सही मायने थे
बहुत ही सुंदर, भगवान आपकी पूरी टीम पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।।
अभी मंजिले और भी है फसाने और भी है।।।
इस गीत की उत्पत्ति की जानकारी बताने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद.
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
बहुत सुन्दर जानकारी युवाओं को प्रेरणा 🙏🙏🙏
धन्यवाद बारामासा। एक बेहतरीन जानकारी के लिए ।
आगे भी इन्तजार रहेगा, कुछ और जानने के लिए।
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
Baramas channel ke sabhi logo ko humari tarf se shubhkamnaein
Aise hi channel ki jarorat hai Uttrakhand ko
Bahot badiya pori baramaas team ko.
Ek hi channel hai jaha hum ye sochte hai kya naya ayega or Jo kuch bhi ayega bahot badiya ayega.
Jai Badri Kedar..
बचपन की याद दिलाने के लिए हृदय से आपका आभार व्यक्त करता हूं
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
अपनी भाषा के लिए आगे आने के लिए।
मोती सिंह राजवंशी उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मानवाधिकार एवम इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन
आपकी तरह आपके द्वारा दी गई जानकारी भी बहुत खूबसूरत है आप इसी तरह की जानकारी हमारे लिए लाए ऐसी आशा करते हैं
Mai ne Surdas ji ko Pauri bus stand me dafali bajate n gate hui 1965 to 1970 me dekha tha. Mai MIC pauri me 6 to 12th tak education li. Purani yad taja ho gai.
लोकसंगीत और लोकगायक को मधुर यादों से फिर से जेहन में उतारना, अद्भुत । धन्यवाद बारामासा व देवरानी जी ।
शानदार प्रस्तुति तथा सुन्दर शब्दो की अभिव्यक्ति यह कहानी बार बार सुनने का मन करता हैं.. आपको एवं आपकी टीम को बहुत -बहुत धन्यवाद 🌹🙏
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
बारामासा की टीम को इस सराहनीय प्रस्तुति के लिए कोटि कोटि धन्यवाद एवं बधाई । आप लोगों का ये प्रयास बहुत ज्ञान वर्धक एवम प्रेरणा दायक है ।
बहुत शानदार जानकारी। बारामास चैनल के माध्यम से अपनी संस्कृति, लोकगीतों और लोककथाओं के बारे में जानकारी मिलती है। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
बहुत सुंदर गीत। Phuwa बाग रि। फावाबाग बहुत सुंदर तर्ज
अत्यंत रुचिकर प्रस्तुतिकरण ।इतिहास से इसका सम्बंध के बारे में दी गई जानकारी वास्तव में अनुपम है ।उदिता आपने लाजवाब और प्रभावशाली कार्य किया है आपको साधुवाद और धन्यवाद ।
उदिता जी बहुत ही शानदार शैली में आपने इस विषय को छुआ।। शब्दों का चयन भी अद्भुत है।।
Very nice explanation...please keep up this type of informatic video in future also which remind us our culture and feel proud being the origin of Garhwal.
Great job done by team baramasa. Respectfully Bhuvanesh Dabral
इस गाने को सुनकर पुरानी यादें ताजा हो गई,नब्बे के चार पांच वर्षों बाद यह गुनगुनाहट नहीं सुनाई दी, ऐसे गायक को साधुवाद.
सबसे पहले आम जनता के लिए बहुत ही सरल भाषा में स्व० चन्द्र सिंह राही जी ने इसे प्रस्तुत किया जो आज करोड़ों लोगों की पसन्द बना |
Bahut sunder information
बड़ी ही खोजपरख जानकारी दी आपने, बारहमासा को धन्यवाद,और आपको भी सुरीली आवाज की विशेष सुभकामना
बहुत सुंदर प्रस्तुति!
शानदार, खोजपूर्ण जानकारी, पूरी टीम को बधाई
बहुत बढ़िया
अपनी जड़ों और पहचान से पुनः जुड़वाने के लिए सादर आभार।।
आपको पर अपार बधाई और शुभकामनाएं!!❤
बहना मैने खुद सुना हे बुवडा जी को गाते हुवे, मेरा कोई रिश्ता नहीं किन्तु बुवाडा जी को सुन कर ही राही जी के गीतों का में फैन बना
आपकी प्रस्तुति मन मोहक और दिल को छू लेने वाली है । मैं 80 के दशक के आरंभ से ही उत्तराखंड से बाहर रहा हू। पिछले कुछ समय से बारहमासा और काफल ट्री के माध्यम से विशुद्ध रूप से सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक जानकारी मिल रही है । इसके लिए आप सब धन्यवाद के पात्र हैं । आशा करता हूं की आप भविष्य में भी इस लौ को जलाएं रखेंगे ।
टीम बारामासा को बधाई
Bahut hi achchi jankari aur prastuti
मुझे ये सोच सोच कर बड़ा दुःख होता है कि आज जिन भरोसी लाल जी के गीतों से लोग इतना धन कमा रहे है वो बेचारे ग़रीबी की मार झेलतेझेलते मर गये । भरोसी लाल जी और उनकी लाचार पत्नी उनका हाथ अपने कंधे पर रख कर रोज़ उनको रास्ता सुझाते हुए कोटद्वार रेलवे स्टेशन की और जाते हुए मुझे आज भी याद आते हैं । मेरा बचपन उनके मधुर गीतों को सुनते हुए बीता है
Very Nice Information and
beautifully described by Udita Ji
बहुत ही सुन्दर जानकारी आपने हम तक पहुँचाई है, वर्ना हम लोग तो इस अभूत पूर्व जानकारी से अनभिज्ञ रह जाते।
बहुत खूब ❤️❤️
ऐसी ही जानकारीयां लाते रहिए 🙏🏻🙏🏻✊🏻😊
पप्पू कार्की की मधुर आवाज ने इस गीत को अमर कर दिया।
बेहतर प्रस्तुति स्पष्ट आवाज क्रमबद्ध घटनाक्रम और सबसे हमारे उत्तराखंड की संस्कृति जिसमें हुड़के के साथ गायन ईतिहास रहा है बधाईयॉ
How much ever we appreciate, it's less! The efforts put in the background work and research in amazing. Each and every word selected while preparing the script is awesome. Hindi to its utmost elegance, which is rare to see now a days. Congratulations Ms. Charu Tiwari. Illustrations are so apt and perfect. And Ms. Udita is all time ❤️
Thank you so much team Baramasa.
Sorry for the mistake. Congratulations Mr. Charu Tiwari
garhwali ni aundi kya tumu te
ruclips.net/video/-Xfb9EGAhq8/видео.html
आपकी कलात्मक प्रस्तुति कमाल की है उदिता जी...सम्पूर्ण जानकारी है इस वीडियो में...साधुवाद...God bless.
That's a never forgetable step by team baramasa
बेहद खूबसूरत वर्णन 👌👌
इसी अदा ने हमें बारामासा का फैन बनाया है
वाह! अत्योत्तम, बेहतरीन जानकारी, रोमांचकारी प्रस्तुति के साथ
टीम को बधाई 💐💐
बहुत ही अच्छा विचार है हमारे गढ़वाल की पुरानी गाथाओं और पुरानी हकीकत बातों का व घटनाओं का पता चलता है ज्ञान मिलता है और कुछ मनोरंजनों का भी संयोग बनता है धन्यवाद बीरेंद्र सिंह गढ़वाली चंडीगढ़ से
Pappu karki ne khoobsurat awaz mai gaya hai iss lok geet ko naman bharosey lal sati or Pappu karki ji ko
बहुत सुन्दर रिसर्च
बहुत ही सुंदर प्रस्तुतीकरण।
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद💐💐💐💐🙏🙏
शानदार रिसर्च , बधाई
बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस तरह की वीडियो मैंने कम ही देखी है। इसे विस्तार और ऐतिहासिक तथ्यों के साथ जोड़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
udita devrani you are really very good. baramassa mai आपको सुनने देखने का सदैव उत्सुक रहता हूं।गढ़वाली बोलना कोई जाने तो तुम से सीखे।
bahut badiya information keep it up
बहुत बढ़िया लोकगीत है भरोसी लाल जी का उदिता देवरानी जी आपकी सारी वीडियोस अच्छी हैं मेरे पास शब्द नहीं है अति सुंदर
Baramassa team ko koti koti dhnyabaad pahaad ki puraani kahaani sunnane ke liye! Bahut hi kushal, educated and professional team hai. Sabko ko sadhubad. Jai Hind.
अतिव सुन्दर प्रस्तुतीकरण व जानकारी के लिए धन्यवाद 💐
बहुत ही सुन्दर और अच्छा बताते हैं आप मैम 🙏🙏🇮🇳 जय उत्तराखंड 🙏
ये सब सुन कर अपने पहाड़ की याद आ रहि हैं 😭😭 जब सुना तो बार बार सुन रहा हूं कल सै 10 बार सुन लिया ये धन्यवाद जी आपका 😔😔😔🙏🙏
Thanks!
Thankyou so much for your support:)