@@AnjuDevi-pg9oy madam pure uk ki baat bol rhi h ap. Jonsar bawar me abi bhi sb kuch hai Naki apke Himachal ki trha jo sb chandigarh chl bse hai. Or kash kr ladkiyaan kripya toda aank kol kr dekhe.🙏🙏
@@summuthakur8027 Jai char Bhai mahasu maharaj ...bahi jaunsar bawar Himachal ka hi part tha sirmaur riyasat ka ek maatr jagah ha uttrakhand ma jaunsar jiska culture humare sirmaur district sa milta ha...or Rahi baat Chandigarh ki Himachal ka aadmi jitna Marzi bahar rah le moodta vapis Himachal hi ha uttrakhand jaise nahi ha 😂
मैं पौड़ीगढ़वाल से हूं। जौनसार एक बहुत सुंदर जगह है उत्तराखंड की। जितनी सुंदर जगह उतनी सुंदर लोग। जैसा अतिथि सत्कार यहां देखने को मिलता है वैसा कहीं नहीं। पता नहीं क्यों लोग यहां के बारे में भ्रांतियां फेलते हैं। मैं कई बार गया हूं वहां। जादू वादू की सब बातें मन गडंत है
मैं पौड़ी गढ़वाल bironkhal ब्लॉक का रहने वाला हूं । मैंने एक साल से ज्यादा जौनसार के अलग अलग जगहों में काम किया है । पर मुझको ऐसा कुछ नही लगा कि वहां के लोग जादू टोना कुछ करते हैं । वहां के लोग मेरे काम में मेरे साथ हमेशा खड़े रहते थे । वहां के लोग बहुत अच्छे हैं । उन्हें नई चीजों में कोई भी दिलचस्पी नहीं है । वो अपने पौराणिक रीति रिवाजों के प्रति सच्चे रूप में खड़े रहते हैं ।
@@chakratawale4224 bhai ji m v Pauri s hun lkin pune m hun as a software engineer . Kya ap mujhe buddhi diwali m invite kroge mera bhut man h lkin koi h he nhi mera wha jan n wala
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है मैं रवांई से हूं और हम लोगों की हमेशा कोशिश रही है कि जौनपुर जौनसार रवांई में एकता बनी रहे इस वजह से हमारे यहां सारे गाने भी जौनसारी लगते हैं, हमारे यहां हर पट्टी में अपने अपने देवता है लगभग 300 प्लस गांव है महासू देवता में हमारी आस्था बहुत है हमारे रिश्ते भी जौनसार से बहुत लगते हैं जौनसार को सिंचने वाली टोंस और यमुना नदी भी हमारे क्षेत्र से उद्गम होती है जय जौनसार रवांई जौनपुर जय राजा रघुनाथ
@@bunny-gp4ug Kyunki jaunsari log gharwali nahi hai kyun bolenge woh apne aap ko garhwali woh garhwaliyo se alag hai aur himachaliyo se jyada similiar hai
झूठ फेलाया जाता है, जौनसार के लोगों में आतिथ्य की जो भावना है, उतनी हम गढवालियो में भी नहीं,मै कर्णप्रयाग चमोली से हूं दगड्यो, जौनसार का सेवा भाव का वर्णन नहीं कर सकता मै,
धन्यवाद मैडम, आपके पूरे टीम को धन्यवाद । आप लोगों ने हमारे क्षेत्र के बारे में फैलायी गयी भ्रांतियो को काफी हद तक तार्किक ढंग से प्रस्तुत किया । ले खंबे और ताबीज धारण करना इसी क्षेत्र में प्रचलन में नहीं है बल्कि मुसीबत में फंसने पर अ पने को सभ्य के नए वाले लोग भी मंदिर मस्जिद या बाबाओं और अघोरियों के चक्कर काटते दिख जाते हैं और चुनावों में तो नेता अभिनेता भी चादर चढ़ाते या गंडे,ताबीज और जने कोट के बाहर पहनते दिख जायेंगे ।
कोई जादू टोना नही होता है, 3 साल क्वांसी में रह आस पास के गांवों में घूमा, दिल और दौलत से बड़े अमीर लोग हैं, और अपनी संस्कृति को संभाल कर रखते हैं, सीधे को छेड़ते नही और टेढ़े को (कहीं का) छोड़ते नही।।।।
मैं करीब करीब चार साल 1962 से 1967 तक सहिया v त्यूणी में अध्यन किया। में अपने स्थानीय दोस्तों के साथ उनके गांवों में जाया करता था मेरे बड़े भाई सहिया में हेड मास्टर थे। इस कारण से भी गांव में बहुत प्यार मिलता था। जौं सार के लोग बहुत ही शरीफ व्यक्तित्व के लोग होते है । बहुत सत्कार करते है। अपने बड़े को वे लोग मामा से संबोधित करते हैं। में अभी दिल्ली में रहता हूं और एक बार फिर जौनसार v बावर जाने दिल करता है।बाबर से श्री गुलाब सिंह जी विधायक हुआ करते थे जब वे अपने गांव कोटि आते थे तो वे मेरे बड़े साहब v मुझे अवश्य कोटि बुलाते थे बड़ी आतिर खातिर होती थी। एक बार अवश्य हिअपनी याद दास्त ताजा करूंगा।
जौनसारकेबारेगढ़वालकेईतिहासमैकहीपर जिक्र नहीहैअबरहा बावर,का अर्थ क्या है ॽहमारेकुमाऊं मैभावर शब्द ब्रिटिश कालसेहै र्पवतियक्षेत्रकेलगतेमैदानीभावर कहलातेहैफिरउससेनीचेकेक्षेत्र तराई कहलातेहै
Hello dosto mai pauri garhwal uttrakhand se hun or mai bahut baar jausar ja chuka hun vha ka rehn sehn or vha ke log bhtt ache hain vha ke logo ne apni sanskriti abhi bhi bchaa rakkhi hai or rahi baat mehmandaari ki toh vha ke logo apne mhemano ko bhagwan ke sman samman dete hain so i like jaunsar and i will again visit in jaunsar. Jai mahashu devta...
आपकी टीम का धन्यवाद मैं जौनसार का निवासी हूं और मुझे इस बात का गर्व है कि मेरा जन्म इस स्वर्ग तुल्य जौनसार बावर में हुआ में दुखी इस बात से हूं कि कुछ गठिया लोग इसे बदनाम करते हैं ।
गलत जगह या गांव नही होते लोग होते है और वो कही बी होते है अब हमरा गांव ही देख लो सब साले गलत है तो पूरे गांव मे सोहला लोग बचे है वो बाई बड़े बूढ़े गलत देवता को बी करते है यह लोग
Mai almora kumau se hu aur jaunsar, jaunpur aur rawain ghati me kaafi rha hu aur mjhe sabhi pahadi ek jaise hi lagte h... Atithi devo bhava ka paalan krne wale hote h pahadi
आपने बहुत अच्छा और तथ्यों के आधार पर बताया है जिसके लिये धन्यवाद करता हूँ किंतु अंत मैं महासू को शिव का रूप कहा गया वह किस आधार पर और किस पुस्तक से लिया गया था। कृपया बताने का कष्ट करें 🙏🏻🙏🏻
कुछ लोग पहले गरीब को आगे नही देखना नही चाहता बहार के लोगो को गलत सन्देश देने वाले भी हमारे लोग थे मुखिया का बोल बाला था या गांव मै सेठ जिन्हे धनवान कहे वही लोग थे जिन्होंने गलत प्रचार किये आज जब लोग पुरे गढ़वाल के तथा बहार के लोग देख रहे है शायद जौनसार बावर जैसा इलाका कही नही मिलगा जादू अगर कोई सिखता होगा वह जौनसार बावर का नही गतल विचारो वाले कही भी हो सकते है धन्यवाद ऐसी महिलाओ के लिए जिन्होने जौनसार बावर की सच्चाई सामने रखी है
आपने बहुत ही सरलता से बहुत कुछ समझा दिया, जो आज तक लोगो मे गलतफहमी थी आपने दूर कर दिया, मैं भी इसी क्षेत्र से हूँ, आपका बहुत धन्यवाद, आप महासू देवता के विषय मे एक वीडियो बनाये,
I want to express my heartfelt gratitude to the Ghughuti Team for sharing the rich culture and authentic spirit of our Jaunsar-Bawar. Your insights have truly illuminated the beauty and traditions of this region.
आपका बहुत बहुत आभार,आपने जोनसार बावर के ऊपर जो मिथ्य थे,उससे लोगो को उजागर किया। में आनंद नेगी, जौनसार के कालसी ब्लॉक से हूं। आशा करता हुं की अब लोग हमारे बारे में ऐसी सोच नही रखेंगे। थैंक यू सो मच, घुगुति 🙏🏻🙏🏻
टीम घुघूती को धन्यवाद!! आप इसकी गहराइयों की तह तक पहुचने की कोशिश जारी रखे??? इतिहास को लेकर भ्रांतियां है?? इसे टटोलने प्रयास विभिन्न स्रोतों से प्रयासरत रहे??
जौनसार, बावर उत्तराखंड का अकेला धनाढ्य क्षेत्र है।यहाँ के मकान, रहन सहन बेटी बहुओं सोने से लदी रहती है।आप उत्तराखंड के किसी और इलाके से इसकी तुलना नही कर सकते। यही कारण है। कि जलन के मारे कुछ मूर्ख जिन्होंने जौनसार, जौनपुर, रोवाई, नही देखा है।जादू टोने की बात करते है।
Pehli baat yha tehri aao fir dikhate hai ki kitna sona chandi hmari orate pehnti hai dusra hmne reservation thukraya or tum logo ne reservation ke liye ladai ldi dehradun me tumhare ghr se hr ek aadmi govt officer h
@@surajchauhan123-aa gey na baat reservation pr baat agar reservation ki hai to kuch factors hote hote jiski wjey se reservation di jati hai bina knowledge k baat krna achi baat nhi
@@manoj1827 lagta hai bhai apko reservation based facts pata nhi reservation unko tribes ko dey jate hai jo samaj se alag traditional, culture, area, less population, backward, uniques characters, unki har ek cheej unique honi chaye , agr hum jaunsari jese st mei aate hai agt humko general mei dal dete to sayd aaj hum endangered tribal community mei aate to humara desh jana hi apne diversity basis pr hai to governmant nhi chaye ki koi bhi tribe eshi problems face krey
आपने बहुत सटीक जानकारी दी है जिसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏❤ लेकिन कुछ शब्दो का उच्चारण थोड़ा सही नही है जैसे की बाशिक महाराज को आपने बासीक बोला है जैसे विवाहित महिला को रेहनती नही रोयीन बोलते और मायके में दियांतुरी बोलते है बाकी आपने अच्छा प्रयास करा ही❤
Madam your topic is really informative,important,and interesting Thanks to you for highlighting jounsari culture to the rest of world Your presentation is really appreciable
Thank you so much. Apne iss topic ko light me laaya and btaya ki jaunsar k love ko galat btaya hai, black magic ka name diya hai....but in reality yaha ka love hi hai jo sabko attract krta hai.. Baki I am proud to be Jaunsari ❤
Ye pehnaava poore garhwal mandal ka hai. Ghaaghra to kumaun me bhi pehna jaata hai. Lekin dhaatu ki jagah pichod pehna jaata hai. Tehri aur pauri me anaupchaarik roop se saadi aa gayi pehnaave me kyuki in kshetro ne bheeshan gareebi dekhi hain. Maine apne gaon me aajtak kisi ko paaramparik aabhooshan pehne nahi dekha kyuki vo kehte hain ki gareebi k kaaran tudwa diye. Meri naani k kaano me karnphool k aur naak me bulaak nishaan hai lekin aabhooshan nahi. Aupchaarik poshaak ghaaghra, kurti, angidi aur dhaatu hi hai garhwal mandal. Chamoli, tehri aur roodrprayaag side me buzurg mahilaaye pagdi jaisa kapda bhi daalti hain sir par jise ठाँट bolte suna hai.
@@pahadi_camera75 bhoo kaanoon aur mool nivaas ka na hona uttarakhand ki 50% problems ka kaaran hai. Agar uk k logo ko wahi naukri aur skills milte to vo kabhi baahar ni jaate aur desiyo k rang me nahi rangte. Desi log apne paiso k dam par pahaado me zameen khareed lete aur fir pahaado ka sarvnaash kar dete. Goomkhaal hi dekh lo. Ghaatiyaan kachre se bhari hui hain.
Thanks to all bhai bahan from Jaun saar region. Trading of agri produces between Sarsawa...Saharanpur have given support to J.saar economy since vv olden times...
Aapka kotish dhanayvad..pahali baar aapke source se pta chla ha ki Haripur ..jo Jaunsaar ka dkshini maidani bhag ha ka karya mandal Sarsawa jo UP ke ditt Saharnpur ha hissa rha ha.. Jaun saar ki sayanna pratha ka jikar 1950...60 ki beech me vha bhi sunne ko milta tha...ladies ke kyee vastron pr bhi Jaunnsaar ka us samay prabhav dikhta tha...ya vha ka Jaunsar ke pahanave pr.. ..Pandav bhi yha Hastinapur se Saharsnpur marg se hi Jaunsar aaye honge
Super coverage by ghughuti, aapne bhut hi acche se Jaunsari culture ko dikhaya, iske liya aapka shukriya, lekin aapne Jaunsari k etihas btane k doran Sirmour Riyast me Veer Nantram Negi ji ka khi ullekh nhi kiya jo jaunsar k hero rhe hai mugalkal k doran, me chahunga ki aap ek coverage Veer Nantram Negi pr b bnaye 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपका और आपकी टीम का बहुत बहुत धन्यवाद. आपकी प्रस्तुति बहुत प्रभावी है. आपकी अनुमति चाहता हूँ क्या आपके यह वीडियो हम स्कूलो मे प्रयोग कर सकते है ताकि बच्चो को इतिहास को समझने का वैज्ञानिक नजरिया दिया जा सके. एक और आग्रह है क्या आप महाभारत की कहानियों से यहाँ की प्रथाओ पर कुछ और विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकते है. आपको एक सुझाव है जिन किताबों और श्रोतो का जिक्र आपने किया कृपया उनके लिंक उपलब्ध कराने का कष्ट करे ताकि स्वयं अध्ययन भी किया जा सके
जौनपुर जौनसार में जादू-टोना की बिद्या कहां से आया -जब राजा परिक्षित शिकार खेलने जंगल में गयेऔर उनको प्यास लगी तो वे ऋषि के कुटिया में पानी मागने गये। उस ऋषि ध्यान में बैठे थे। इससे पहले परिक्षित की मुलाकात कलयुग से हो जाती है और परिक्षित कलयुग से कहते हैं कि तुम ऐसी जगह रहो,जहां गलत काम होते हों। कलयुग ने कहा महाराज यह तो सिमित है। फिर राजा परिक्षित ने कहा कि तुम सोने में भी वास करो। राजा ने कोहनूर वाला सोने का मुकुट पहना हुआ था और कलयुग राजा के मुकुट में वास कर लेता है और राजा की बुद्धि को खराब कर लेता है। परिक्षित को क्रोध आ जाता है और वे ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल देते हैं और कुछ देर बाद ऋषि का बेटा आता है और राजा को शाप देता है कि जिसने भी ये काम किया है, उसे सात दिन के बाद तक्षक नाग डस देगा और वह मर जाएगा। उसके बाद ऋषि का ध्यान टूट जाता है और लड़का सारी बात बताता है और ध्यान लगाते हैं कि वह कौन था। जब ऋषि को पता चलता है कि वे हमारे राजा परिक्षित थे तो वे राजा के पास संदेश भिजवाते कि आपके पास सात दिन शेष हैं। उस समय धन्वन्तरी नाम के एक वैद्य थे जो मरे हुए को भी जिन्दा कर सकते थे। वैद्य राजा परिक्षित को बचाने के और नाग डसने के आ रहे थे। रास्ते में दोनों की भेंट हो जाती है। वे एक-दूजे को पूछते हैं तो सांप पूछता कि तुम कौन हो और कहां जा रहे हो तो बैद्य बताते हैं कि मैं सब-कुछ जान सकता हूं लेकिन पीठ पीछे की बात नहीं जानता हूं। बैद्य ने सांप से कहा कि तू अपनी शक्ति दिखा। वहां पर एक बड़ा हरा पेड़ था,सांप ने उस पेड़ पर अपना फन मारा और पेड़ तुरन्त सूख गया और उसके बाद धन्वन्तरी वैद्य ने मंत्र फूंका और पेड़ फिर से हरा हो जाता है। वैद्य ने तो अपनी कमजोरी सांप को बता ही दी थी कि मैं पीठ पीछे की बात नहीं जानता हूँ फिर वे अलग हो जाते हैं। राजा परिक्षित को मुनी लोग सतसंग सुना रहे थे और ऋषियों ने आशिर्वाद के रूप में फूल राजा परिक्षित के सिर पर रखे और उन फूलों के अन्दर से नाग प्रकट हो जाता है और राजा परिक्षित मर जाते हैं। इससे पहले जब बैद्य अपनी कमजोरी सांप को बता ही चुका था। सांप चला जाता है और आगे रास्ते में सोने की छड़ बन जाता है और बैद्य उस सोने की छड़ को पीठ पीछे लटका देता है और वह छड़ सांप बन कर डस देता है। बैद्य के शिष्य भी उनके साथ थे और शिष्यों ने कहा कि गुरु जी आप तो मर जाओगे, लेकिन हमारी विद्या तो अदुरी रह गयी तो बैद्य ने कहा कि तुम मेरा मीट खा लेना और मेरी विद्या तुम सीख जाओगे। वे वैसा ही करने लग गये, तब तक वही नाग भेष बदल कर आ गया और तुम कैसे चेले हो,अपने ही गुरु को खाओगे?शिष्यों ने सोचा कि ये आदमी ठीक ही तो कह रहा है। उन्होंने ने वह शिकार एक घड़े में भर कर समुद्र में बहा दिया और वह बंगाल में पहुंच गया। वहां कुछ लोग भूखे बैठे थे और वे घड़े को किनारे लाते हैं और मीट खा लेते हैं और बैद्य की विद्या उनको आ जाती है। इसलिए बंगाल का जादू-टोना प्रसिद्द हो जाता है और वहां से कुछ लोग जौनपुर जौनसार में में बस जाते हैं और वहां भी ये जादू वहां भी पहुंच जाता है। वे लोग किसी को भी बना सकते थे और खुद भी कोई भेष धारण कर सकते थे और जादू-टोना कर सकते थे। उस समय की सरकारों की शक्ति के कारण यह बहुत कम हो गया और लोगों ने डर के मारे वह जादू-टोना की किताब को जला दिया था। यदि उस समय किसी सरकारी कर्मचारी की बदली वहां हो जाय तो वह बहुत घबरा जाता था।
यह राजा की कहानी तो नहीं सुनी पर जादू टोना सुना है।यह असत्य कैसे हो सकता है। मेरे अच्छे दोस्त जो उस क्षेत्र से हैं वै पहले की पीढ़ियों में एसा होना सहृदय स्वीकार करते हैं। इस विषय में खासकर वै कहते हैं महिलाएं बहुत गूढ़ ज्ञानी होती थी।
maine bahi bachpan mai suna tha ki jonsar mai jadu tona hota hai, lekin aaj apki kahani ke madhyam se ye Mithya dur ho gayi or mai gayi hu Mahasu devta bahut khubsurati se bhara hai jonsar...log b bahut ache hai or aaj tq b apni parampara ko nibha rahe hai jana pahad ke log bhulte jare hai..
बावर में रावण की मान्यता है यह तथ्य सही नही है, जौनसार को शाठी और बावर को पाशी कहा जाता है यह भी सही नहीं है। वास्तव में जौनसार बावर के बावर क्षेत्र को शाठी कहा जाता है और उत्तरकाशी के बंगाण क्षेत्र को पाशी कहा जाता है। यह क्षेत्र चार महासू की भूमि कहा जाता है और इन्हीं की दैवीय व्वस्था से यहां सामजिक परिवेश आज भी है जिसे कई नाम और उप नाम दिये गये। आप का प्रयास अच्छा है, मूल जौनसारी स्रोतों का उल्लेखऔर गहन अध्यन की आवश्यकता तो हमेशा रहती ही है पर अब केवल बहू पत्नी और बहू पति पर बात नहीं होती है यह अच्छा बदलाव है।
Bahu pati aur bahu patni vivaah ki poore uttarakhand me zaroorat hai. Kyuki pahaad ki ladkiyaan desiyo k saath muh maar rahi hain. Bohot badnaami kar rakhi hai inhone.
M or mere husband pauri garhwal se h lekin unhone uttrakashi se he padhai ki h unke dost b uttarkashi se h...pauri se koi dost he ni h unka....unko uttarkashi he acha lgta h or kuch Jaunsari dost b h unke....lekin garhwal kumaun k koi dost ni h unke
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है मैं रवांई से हूं और हम लोगों की हमेशा कोशिश रही है कि जौनपुर जौनसार रवांई में एकता बनी रहे इस वजह से हमारे यहां सारे गाने भी जौनसारी लगते हैं, हमारे यहां हर पट्टी में अपने अपने देवता है लगभग 300 प्लस गांव है महासू देवता में हमारी आस्था बहुत है हमारे रिश्ते भी जौनसार से बहुत लगते हैं जौनसार को सिंचने वाली टोंस और यमुना नदी भी हमारे क्षेत्र से उद्गम होती है जय जौनसार रवांई जौनपुर जय राजा रघुनाथ
It is correct Bhramins of specially mahipaaoota and other places were great magicians of tantra mantra art. You cant ignore it It is truth you cant deny Today it is less in practice
Bhai ji m uttarakhand se hu kya aap kese pandit ji ko jante ho Jo bhagwan narsing ji ke bare m janta ho un ke vidhi vidhan tantra m expert. Ho unka no de. Dedei
देहरादून के जौनसार और उत्तरकाशी के रवांई ने अभी तक उत्तराखंड की संस्कृति को संभाल रखा है। ❤💐
Aao kabhi Himachal agar culture dekhna ho to uttrakhand to bacha hi nahi ab saare pahadi uk k zameen bech kar baagh gye
@@AnjuDevi-pg9oy madam pure uk ki baat bol rhi h ap.
Jonsar bawar me abi bhi sb kuch hai
Naki apke Himachal ki trha jo sb chandigarh chl bse hai.
Or kash kr ladkiyaan kripya toda aank kol kr dekhe.🙏🙏
टेहरी के जौनपुर ने
Bulao bhai kabhi. Hum bhi tayar he.. address batao
@@summuthakur8027 Jai char Bhai mahasu maharaj ...bahi jaunsar bawar Himachal ka hi part tha sirmaur riyasat ka ek maatr jagah ha uttrakhand ma jaunsar jiska culture humare sirmaur district sa milta ha...or Rahi baat Chandigarh ki Himachal ka aadmi jitna Marzi bahar rah le moodta vapis Himachal hi ha uttrakhand jaise nahi ha 😂
मैं पौड़ीगढ़वाल से हूं। जौनसार एक बहुत सुंदर जगह है उत्तराखंड की। जितनी सुंदर जगह उतनी सुंदर लोग। जैसा अतिथि सत्कार यहां देखने को मिलता है वैसा कहीं नहीं। पता नहीं क्यों लोग यहां के बारे में भ्रांतियां फेलते हैं। मैं कई बार गया हूं वहां।
जादू वादू की सब बातें मन गडंत है
मैं पौड़ी गढ़वाल bironkhal ब्लॉक का रहने वाला हूं । मैंने एक साल से ज्यादा जौनसार के अलग अलग जगहों में काम किया है । पर मुझको ऐसा कुछ नही लगा कि वहां के लोग जादू टोना कुछ करते हैं । वहां के लोग मेरे काम में मेरे साथ हमेशा खड़े रहते थे । वहां के लोग बहुत अच्छे हैं । उन्हें नई चीजों में कोई भी दिलचस्पी नहीं है । वो अपने पौराणिक रीति रिवाजों के प्रति सच्चे रूप में खड़े रहते हैं ।
🙏
@@chakratawale4224 bhai ji m v Pauri s hun lkin pune m hun as a software engineer . Kya ap mujhe buddhi diwali m invite kroge mera bhut man h lkin koi h he nhi mera wha jan n wala
Dhanyawad bhaiji❤
❤
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है मैं रवांई से हूं और हम लोगों की हमेशा कोशिश रही है कि जौनपुर जौनसार रवांई में एकता बनी रहे इस वजह से हमारे यहां सारे गाने भी जौनसारी लगते हैं, हमारे यहां हर पट्टी में अपने अपने देवता है लगभग 300 प्लस गांव है महासू देवता में हमारी आस्था बहुत है हमारे रिश्ते भी जौनसार से बहुत लगते हैं जौनसार को सिंचने वाली टोंस और यमुना नदी भी हमारे क्षेत्र से उद्गम होती है जय जौनसार रवांई जौनपुर जय राजा रघुनाथ
To ap log garhwali kyu ni bolte khud ko koi puche ki ap garhwali go to ap bolte ho nhi jaunsari hu esa kyu bhyi
@@bunny-gp4ug Kyunki jaunsari log gharwali nahi hai kyun bolenge woh apne aap ko garhwali woh garhwaliyo se alag hai aur himachaliyo se jyada similiar hai
झूठ फेलाया जाता है, जौनसार के लोगों में आतिथ्य की जो भावना है, उतनी हम गढवालियो में भी नहीं,मै कर्णप्रयाग चमोली से हूं दगड्यो, जौनसार का सेवा भाव का वर्णन नहीं कर सकता मै,
Dhanyawad🌸😇😇😇🙏🏻
Shukriya 🙏
🙏❤️
❤❤❤
Thank you so much sir,me jonshar se hu
धन्यवाद मैडम, आपके पूरे टीम को धन्यवाद । आप लोगों ने हमारे क्षेत्र के बारे में फैलायी गयी भ्रांतियो को काफी हद तक तार्किक ढंग से प्रस्तुत किया । ले खंबे और ताबीज धारण करना इसी क्षेत्र में प्रचलन में नहीं है बल्कि मुसीबत में फंसने पर अ पने को सभ्य के नए वाले लोग भी मंदिर मस्जिद या बाबाओं और अघोरियों के चक्कर काटते दिख जाते हैं और चुनावों में तो नेता अभिनेता भी चादर चढ़ाते या गंडे,ताबीज और जने कोट के बाहर पहनते दिख जायेंगे ।
हम सभी उत्तराखंड एक हैं ऐसी ही भावना होनी चाहिए जय उत्तराखंड ❤
कोई जादू टोना नही होता है, 3 साल क्वांसी में रह आस पास के गांवों में घूमा, दिल और दौलत से बड़े अमीर लोग हैं, और अपनी संस्कृति को संभाल कर रखते हैं, सीधे को छेड़ते नही और टेढ़े को (कहीं का) छोड़ते नही।।।।
Bilkul sahi baat hai
Jaunsar bavar, rwai bhot sundr hai..
❤
Bilkul एक जैसे लोग और संस्कृति।।
हमारे सिरमौर में हैं।।
Jaunsaari himachali comunity hai..aur sirmour ka hi part tha...madam itihaas to sach bata do....
मैं करीब करीब चार साल 1962 से 1967 तक सहिया v त्यूणी में अध्यन किया। में अपने स्थानीय दोस्तों के साथ उनके गांवों में जाया करता था मेरे बड़े भाई सहिया में हेड मास्टर थे। इस कारण से भी गांव में बहुत प्यार मिलता था। जौं सार के लोग बहुत ही शरीफ व्यक्तित्व के लोग होते है । बहुत सत्कार करते है। अपने बड़े को वे लोग मामा से संबोधित करते हैं। में अभी दिल्ली में रहता हूं और एक बार फिर जौनसार v बावर जाने दिल करता है।बाबर से श्री गुलाब सिंह जी विधायक हुआ करते थे जब वे अपने गांव कोटि आते थे तो वे मेरे बड़े साहब v मुझे अवश्य कोटि बुलाते थे बड़ी आतिर खातिर होती थी। एक बार अवश्य हिअपनी याद दास्त ताजा करूंगा।
बहुत अच्छा लगा । सही जानकारी ।
बासबा नन्द ध्यानी
आपने जौनसार बावर क्षेत्र की बहुत अच्छी जानकारी दी है तथा अपने ज्ञान को बहुत संयत एवं उपयुक्त शब्दों में सामने रखा है.... बधाई🎉🎊
जौनसारकेबारेगढ़वालकेईतिहासमैकहीपर जिक्र नहीहैअबरहा बावर,का अर्थ क्या है ॽहमारेकुमाऊं मैभावर शब्द ब्रिटिश कालसेहै र्पवतियक्षेत्रकेलगतेमैदानीभावर कहलातेहैफिरउससेनीचेकेक्षेत्र तराई कहलातेहै
I love jaunsar. They are very simple and nice people.
Hello dosto mai pauri garhwal uttrakhand se hun or mai bahut baar jausar ja chuka hun vha ka rehn sehn or vha ke log bhtt ache hain vha ke logo ne apni sanskriti abhi bhi bchaa rakkhi hai or rahi baat mehmandaari ki toh vha ke logo apne mhemano ko bhagwan ke sman samman dete hain so i like jaunsar and i will again visit in jaunsar.
Jai mahashu devta...
Jaunsary Culture is very rich. Iam proud of Deva Mahasu.
धन्यवाद पुरी टीम का जिन्होने जौनसार बावर के बारे में बहुत अच्छी तरह समझाया और समाज से रुबरू कराया
बहुत सुन्दर प्रस्तुति जौनसार की संस्कृति
अमूल्य है हमें गर्व है यहां की संस्कृति पर
जानकारी देने के लिए आभार 🙏
जय महासू देवता 🙏
घुघुति की नई video का नोटिफिकेशन आना मतलब हमारे प्यारे uttarakhand के बारे में कुछ नई जानकारी 😊😊❤❤❤❤ thanks from uttarakhand Tehri Garhwal
😂😂😂
Thank you Shivani Ji... इस प्रेम और सहृदय प्रेम के लिए
जौनसार की देवतुल्य जनता को मेरा नमन, इस कलयुग में ऐसे भोले भाले, निष्कपट, अतिथि देवो भव: एवम मेहनती, स्वाभिमानी लोग देश में अन्यत्र नही हैं
टीम घुघुती का प्रयास अच्छा है। जौनसार बाबर के बारे में अभी और अध्ययन की आवश्यकता है। आपने काफी संतुलित तरीके से वीडियो को प्रस्तुत किया है।
आपकी टीम का धन्यवाद मैं जौनसार का निवासी हूं और मुझे इस बात का गर्व है कि मेरा जन्म इस स्वर्ग तुल्य जौनसार बावर में हुआ में दुखी इस बात से हूं कि कुछ गठिया लोग इसे बदनाम करते हैं ।
Bhai ji m bhe uttarakhand se hu kya aap kese ko jante ho Jo bhagwan narsing je ke bare m janta hai aur un ke vidhi vidhan m expert ho koi pandit ji ho
बढ़िया जानकारी दी गई धन्यवाद ❤️🙏🙏
@@SaurabhSingh-oi6vs bhai ji koi pandit ji ho to unka no dedegei
गलत जगह या गांव नही होते लोग होते है और वो कही बी होते है अब हमरा गांव ही देख लो सब साले गलत है तो पूरे गांव मे सोहला लोग बचे है वो बाई बड़े बूढ़े गलत देवता को बी करते है यह लोग
@@padamsingh6930 bhai ji apka konsa gaun h or apka pura name ky h kuch caste tw hogi apki
धन्यवाद टीम घुघुती.... आपकी जानकारी हमे बहुत अच्छा लगा..... जय भारत जय उत्तराखंड.....
धन्यवाद सर
Mai almora kumau se hu aur jaunsar, jaunpur aur rawain ghati me kaafi rha hu aur mjhe sabhi pahadi ek jaise hi lagte h... Atithi devo bhava ka paalan krne wale hote h pahadi
रनवाई की बात ही अलग है जौंसार जैसी आवभगत कही नहीं
जौनसार बाबर की जय ।। आप कभी भी जौनसार बाबर आये यहाँ की संस्कृति और कला बहुत ही अच्छि हैं
😅😅 Babar nahi re bhabhar 😅😅.. nahi to koi bolega ki Babar mugal rehta tha yha 😅
घुगुती जी मै ynha जा चुका हु।ynha 4 महासू देवता की भूमि है।और बहुत khubsurat जगह है।
आपने बहुत अच्छा और तथ्यों के आधार पर बताया है जिसके लिये धन्यवाद करता हूँ किंतु अंत मैं महासू को शिव का रूप कहा गया वह किस आधार पर और किस पुस्तक से लिया गया था।
कृपया बताने का कष्ट करें 🙏🏻🙏🏻
बहुत अच्छी जानकारी उत्तराखंड की नई पीढ़ी को मिली जिसकेलिए मैडम जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
कुछ लोग पहले गरीब को आगे नही देखना नही चाहता बहार के लोगो को गलत सन्देश देने वाले भी हमारे लोग थे मुखिया का बोल बाला था या गांव मै सेठ जिन्हे धनवान कहे वही लोग थे जिन्होंने गलत प्रचार किये आज जब लोग पुरे गढ़वाल के तथा बहार के लोग देख रहे है शायद जौनसार बावर जैसा इलाका कही नही मिलगा जादू अगर कोई सिखता होगा वह जौनसार बावर का नही गतल विचारो वाले कही भी हो सकते है धन्यवाद ऐसी महिलाओ के लिए जिन्होने जौनसार बावर की सच्चाई सामने रखी है
आपने बहुत ही सरलता से बहुत कुछ समझा दिया, जो आज तक लोगो मे गलतफहमी थी आपने दूर कर दिया, मैं भी इसी क्षेत्र से हूँ, आपका बहुत धन्यवाद, आप महासू देवता के विषय मे एक वीडियो बनाये,
I want to express my heartfelt gratitude to the Ghughuti Team for sharing the rich culture and authentic spirit of our Jaunsar-Bawar. Your insights have truly illuminated the beauty and traditions of this region.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति धन्यवाद जय उत्तराखंड देवभूमि जोनसर बावर
आपका बहुत बहुत आभार,आपने जोनसार बावर के ऊपर जो मिथ्य थे,उससे लोगो को उजागर किया।
में आनंद नेगी, जौनसार के कालसी ब्लॉक से हूं। आशा करता हुं की अब लोग हमारे बारे में ऐसी सोच नही रखेंगे।
थैंक यू सो मच, घुगुति 🙏🏻🙏🏻
kalasi mai kuch din pahle gaya tha. I am proud of the culture & beauty of this region
आपने बहुत ही सुंदर तरीके से जौनसार के बारे मे अपने सुंदर विचार शोध किया है जौनसार को जादू टोना के नाम से बदनाम कर रखा था
टीम घुघूती को धन्यवाद!!
आप इसकी गहराइयों की तह तक पहुचने की कोशिश जारी रखे???
इतिहास को लेकर भ्रांतियां है?? इसे टटोलने प्रयास विभिन्न स्रोतों से प्रयासरत रहे??
😅😅 पापा आपने भी रिप्लाई किया।।क्या बात h😂
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने टीम घुगूती का बहुत बहुत धन्यवाद
जौनसार की वेशभूषा बोली भाषा खानपान सब हिमाचल से ज्यादा मिलता है और उत्तराखंड से कम,, ये पूरा हिमाचल के सिरमौर से 100 प्रतिशत मिलता है ❤️
जौनसार, बावर उत्तराखंड का अकेला धनाढ्य क्षेत्र है।यहाँ के मकान, रहन सहन बेटी बहुओं सोने से लदी रहती है।आप उत्तराखंड के किसी और इलाके से इसकी तुलना नही कर सकते। यही कारण है। कि जलन के मारे कुछ मूर्ख जिन्होंने जौनसार, जौनपुर, रोवाई, नही देखा है।जादू टोने की बात करते है।
सही कहा जौनपुर जौनसार रंवाई हमेशा से आगे रहा है और एकता मे भी रहा है
Pehli baat yha tehri aao fir dikhate hai ki kitna sona chandi hmari orate pehnti hai dusra hmne reservation thukraya or tum logo ne reservation ke liye ladai ldi dehradun me tumhare ghr se hr ek aadmi govt officer h
@@surajchauhan123-aa gey na baat reservation pr baat agar reservation ki hai to kuch factors hote hote jiski wjey se reservation di jati hai bina knowledge k baat krna achi baat nhi
@@Jaunsar sone chaandi walo ko reservation? Kya fact batao jara?
@@manoj1827 lagta hai bhai apko reservation based facts pata nhi
reservation unko tribes ko dey jate hai jo samaj se alag traditional, culture, area, less population, backward, uniques characters, unki har ek cheej unique honi chaye , agr hum jaunsari jese st mei aate hai agt humko general mei dal dete to sayd aaj hum endangered tribal community mei aate to humara desh jana hi apne diversity basis pr hai to governmant nhi chaye ki koi bhi tribe eshi problems face krey
आपने बहुत सटीक जानकारी दी है जिसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏❤ लेकिन कुछ शब्दो का उच्चारण थोड़ा सही नही है जैसे की बाशिक महाराज को आपने बासीक बोला है जैसे विवाहित महिला को रेहनती नही रोयीन बोलते और मायके में दियांतुरी बोलते है बाकी आपने अच्छा प्रयास करा ही❤
बहुत जानकारीपूर्ण सुंदर प्रस्तुति। धन्यवाद।
Jaunsar aur Jaunsar ke log bahut ache hote hai👌🙏🏻🙌❤️
Jai Shri Mahasu Devta 🙏🙏
Madam your topic is really informative,important,and interesting
Thanks to you for highlighting jounsari culture to the rest of world
Your presentation is really appreciable
Thank you so much.
Apne iss topic ko light me laaya and btaya ki jaunsar k love ko galat btaya hai, black magic ka name diya hai....but in reality yaha ka love hi hai jo sabko attract krta hai..
Baki I am proud to be Jaunsari ❤
हमारे उत्तराखंड में वेशभूषा भाषा और संस्कृति को लेकर काफी विविधताऐं हैं पर हम सब एक हैं सीधे और सरल ।
जोनसारी लोग ही है जिन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति को संभाला हुआ है बाकी तो सब अंग्रेज होते जा रहे हैं
Good reporter 👏 she has lots of knowledge knows history well 👍
Whoever from your team Ghughuti edited this video and added that sound from 0:40 seconds, is just mind blowing, loved it 🤩
Thank you very much....
देहरादून और उत्तरकाशी जिले अपनी संस्कृति के लिए विदेशों तक प्रसिद्ध हैं
यहां का पहनावा बहुत लुभावना हैं (घागरा और ढाटु)❤️❤️
Ye pehnaava poore garhwal mandal ka hai. Ghaaghra to kumaun me bhi pehna jaata hai. Lekin dhaatu ki jagah pichod pehna jaata hai. Tehri aur pauri me anaupchaarik roop se saadi aa gayi pehnaave me kyuki in kshetro ne bheeshan gareebi dekhi hain. Maine apne gaon me aajtak kisi ko paaramparik aabhooshan pehne nahi dekha kyuki vo kehte hain ki gareebi k kaaran tudwa diye. Meri naani k kaano me karnphool k aur naak me bulaak nishaan hai lekin aabhooshan nahi.
Aupchaarik poshaak ghaaghra, kurti, angidi aur dhaatu hi hai garhwal mandal. Chamoli, tehri aur roodrprayaag side me buzurg mahilaaye pagdi jaisa kapda bhi daalti hain sir par jise ठाँट bolte suna hai.
@@Kukhyaati log dheere dheere apni sanskriti ko bhulte ja rhe hai
@@pahadi_camera75 bhoo kaanoon aur mool nivaas ka na hona uttarakhand ki 50% problems ka kaaran hai. Agar uk k logo ko wahi naukri aur skills milte to vo kabhi baahar ni jaate aur desiyo k rang me nahi rangte. Desi log apne paiso k dam par pahaado me zameen khareed lete aur fir pahaado ka sarvnaash kar dete. Goomkhaal hi dekh lo. Ghaatiyaan kachre se bhari hui hain.
धन्यवाद आपका जी ❤❤🎉
Garhwali kumauni jaunsari bhai bhai ❤
Bro you drop this👑❤️
Nhi sirf jonsari
जौनसार का अतिथि सत्कार बहुत ही अच्छा है।
Very Very good information, you have explained truth in positive way
Dhanyavad is jankari ko uplabdha karne ke liye
Aap nai bahut Sahi jankari di hai mai vikash nagar se huin so ush area ko achchi jankari hai good job
Devghar ❤
Thanks to all bhai bahan from Jaun saar region. Trading of agri produces between Sarsawa...Saharanpur have given support to J.saar economy since vv olden times...
जौनसार पांच पांडव की भूमि है❤🙏🙏🙏 जौनसार ,बाबर, रवाईं क्षेत्र यह अपनी पारंपरिक संस्कृति के लिए काफी प्रसिद्ध है🙏🙏 जय देवभूमी उत्तराखण्ड
Aapka presentation and jaunpur jaunsar ki sateek jankari bahut achchhi and tarq sangat hai isse sara bhram shankayen bhi nhi rahti hai dhanyvad
Aapka kotish dhanayvad..pahali baar aapke source se pta chla ha ki Haripur ..jo Jaunsaar ka dkshini maidani bhag ha ka karya mandal Sarsawa jo UP ke ditt Saharnpur ha hissa rha ha.. Jaun saar ki sayanna pratha ka jikar 1950...60 ki beech me vha bhi sunne ko milta tha...ladies ke kyee vastron pr bhi Jaunnsaar ka us samay prabhav dikhta tha...ya vha ka Jaunsar ke pahanave pr.. ..Pandav bhi yha Hastinapur se Saharsnpur marg se hi Jaunsar aaye honge
बहुत सुंदर जानकारी है । धन्यवाद ।।
I am uttrakhand Teri gadwal all distick nice love you jonsar jonpoor kumauu poudi
Mai Someswar Almora Se Hon Muje joinsar Garwal Kumaon sab Eka jaisa Lagta hai munje sab bahut Ache lagte hai
सुन्दर प्रस्तुति के लिए साधुवाद है आपको।
Dhnywaad sir
जौनसार भावर, रंवाई में आज भी पहाड़ की संस्कृति बहुत अच्छा है और जगह की तुलना मैं...🖍️
Super coverage by ghughuti, aapne bhut hi acche se Jaunsari culture ko dikhaya, iske liya aapka shukriya, lekin aapne Jaunsari k etihas btane k doran Sirmour Riyast me Veer Nantram Negi ji ka khi ullekh nhi kiya jo jaunsar k hero rhe hai mugalkal k doran, me chahunga ki aap ek coverage Veer Nantram Negi pr b bnaye 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय भूमियाल देवता जय बाबा महासु देवता
आपने बहुत सटीक जानकारी दी आपका बहुत धन्यवाद
बेहतरीन वीडियो।
बहुत अच्छी रिसर्च। मगर आवाज कम प्रतीत होती है °®
Mera experience hai jesi seva bao jaunsar Babar k ander hai vesa world m kahi nahi hai..... Yeah strangers ko bhi apna hi samja jata hai....
There is NO jadu tona.. Jaunsari's are very Honest and Innocent people. They are very welcoming towards Outsiders...
Very true।
Mam jonsaar ka matalab hai jamuna paar ke khet , yaha saar ka arth kheton se hai
Jai mahashu devta, bahut bahut bahut khubsurat jagah he ek hi baar jaane Ka muka mila tha.
Informative narrative. I enjoyed listening this information a lot.
Bahut sundar jaankari di aapne jonsar bahut khubsurat hai savya samaj hai ❤❤❤❤❤
जय केदार नाथ बाबा की जय ❤❤❤❤🙏🌼🌼🌹🌹💐💐🌺🌺🚩🍎🍊
Aapne bhot achi jankari de aapka dhanyawad🙏🤗
You are most beautiful
आपकी दी गई जानकारी बहुत ही अच्छी है परन्तु यह भी समझने की अपेक्षा है कि खस जाती का नाम का क्या तातपर्य है🙏👍सादर 🙏
Aap sab खस हो, सच कड़वा है
Ghughuti आपके चैनल का नाम अति सुन्दर है , शयद एक पक्षी के नाम (पाहाडी भाषा में) से प्रेरित है
आपका और आपकी टीम का बहुत बहुत धन्यवाद. आपकी प्रस्तुति बहुत प्रभावी है. आपकी अनुमति चाहता हूँ क्या आपके यह वीडियो हम स्कूलो मे प्रयोग कर सकते है ताकि बच्चो को इतिहास को समझने का वैज्ञानिक नजरिया दिया जा सके. एक और आग्रह है क्या आप महाभारत की कहानियों से यहाँ की प्रथाओ पर कुछ और विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकते है. आपको एक सुझाव है जिन किताबों और श्रोतो का जिक्र आपने किया कृपया उनके लिंक उपलब्ध कराने का कष्ट करे ताकि स्वयं अध्ययन भी किया जा सके
जौनपुर जौनसार में जादू-टोना की बिद्या कहां से आया -जब राजा परिक्षित शिकार खेलने जंगल में गयेऔर उनको प्यास लगी तो वे ऋषि के कुटिया में पानी मागने गये। उस ऋषि ध्यान में बैठे थे। इससे पहले परिक्षित की मुलाकात कलयुग से हो जाती है और परिक्षित कलयुग से कहते हैं कि तुम ऐसी जगह रहो,जहां गलत काम होते हों। कलयुग ने कहा महाराज यह तो सिमित है। फिर राजा परिक्षित ने कहा कि तुम सोने में भी वास करो। राजा ने कोहनूर वाला सोने का मुकुट पहना हुआ था और कलयुग राजा के मुकुट में वास कर लेता है और राजा की बुद्धि को खराब कर लेता है। परिक्षित को क्रोध आ जाता है और वे ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल देते हैं और कुछ देर बाद ऋषि का बेटा आता है और राजा को शाप देता है कि जिसने भी ये काम किया है, उसे सात दिन के बाद तक्षक नाग डस देगा और वह मर जाएगा। उसके बाद ऋषि का ध्यान टूट जाता है और लड़का सारी बात बताता है और ध्यान लगाते हैं कि वह कौन था। जब ऋषि को पता चलता है कि वे हमारे राजा परिक्षित थे तो वे राजा के पास संदेश भिजवाते कि आपके पास सात दिन शेष हैं। उस समय धन्वन्तरी नाम के एक वैद्य थे जो मरे हुए को भी जिन्दा कर सकते थे। वैद्य राजा परिक्षित को बचाने के और नाग डसने के आ रहे थे। रास्ते में दोनों की भेंट हो जाती है। वे एक-दूजे को पूछते हैं तो सांप पूछता कि तुम कौन हो और कहां जा रहे हो तो बैद्य बताते हैं कि मैं सब-कुछ जान सकता हूं लेकिन पीठ पीछे की बात नहीं जानता हूं। बैद्य ने सांप से कहा कि तू अपनी शक्ति दिखा। वहां पर एक बड़ा हरा पेड़ था,सांप ने उस पेड़ पर अपना फन मारा और पेड़ तुरन्त सूख गया और उसके बाद धन्वन्तरी वैद्य ने मंत्र फूंका और पेड़ फिर से हरा हो जाता है। वैद्य ने तो अपनी कमजोरी सांप को बता ही दी थी कि मैं पीठ पीछे की बात नहीं जानता हूँ फिर वे अलग हो जाते हैं। राजा परिक्षित को मुनी लोग सतसंग सुना रहे थे और ऋषियों ने आशिर्वाद के रूप में फूल राजा परिक्षित के सिर पर रखे और उन फूलों के अन्दर से नाग प्रकट हो जाता है और राजा परिक्षित मर जाते हैं। इससे पहले जब बैद्य अपनी कमजोरी सांप को बता ही चुका था। सांप चला जाता है और आगे रास्ते में सोने की छड़ बन जाता है और बैद्य उस सोने की छड़ को पीठ पीछे लटका देता है और वह छड़ सांप बन कर डस देता है। बैद्य के शिष्य भी उनके साथ थे और शिष्यों ने कहा कि गुरु जी आप तो मर जाओगे, लेकिन हमारी विद्या तो अदुरी रह गयी तो बैद्य ने कहा कि तुम मेरा मीट खा लेना और मेरी विद्या तुम सीख जाओगे। वे वैसा ही करने लग गये, तब तक वही नाग भेष बदल कर आ गया और तुम कैसे चेले हो,अपने ही गुरु को खाओगे?शिष्यों ने सोचा कि ये आदमी ठीक ही तो कह रहा है। उन्होंने ने वह शिकार एक घड़े में भर कर समुद्र में बहा दिया और वह बंगाल में पहुंच गया। वहां कुछ लोग भूखे बैठे थे और वे घड़े को किनारे लाते हैं और मीट खा लेते हैं और बैद्य की विद्या उनको आ जाती है। इसलिए बंगाल का जादू-टोना प्रसिद्द हो जाता है और वहां से कुछ लोग जौनपुर जौनसार में में बस जाते हैं और वहां भी ये जादू वहां भी पहुंच जाता है। वे लोग किसी को भी बना सकते थे और खुद भी कोई भेष धारण कर सकते थे और जादू-टोना कर सकते थे। उस समय की सरकारों की शक्ति के कारण यह बहुत कम हो गया और लोगों ने डर के मारे वह जादू-टोना की किताब को जला दिया था। यदि उस समय किसी सरकारी कर्मचारी की बदली वहां हो जाय तो वह बहुत घबरा जाता था।
यह राजा की कहानी तो नहीं सुनी पर जादू टोना सुना है।यह असत्य कैसे हो सकता है।
मेरे अच्छे दोस्त जो उस क्षेत्र से हैं वै पहले की पीढ़ियों में एसा होना सहृदय स्वीकार करते हैं।
इस विषय में खासकर वै कहते हैं महिलाएं बहुत गूढ़ ज्ञानी होती थी।
Jaunsar bahut hi sunder hai. log bhi ache sunder hai.
🙏आपकी टीम को तय दिल से शुक्रिया 💐💐
जौनसार के लोग बहुत अच्छे होते हैं❤, मैं गढ़वाली हूं पर मेरे कुछ दोस्त हैं जौनसार से।।
एकदम सही कहा आपने
Hn par pataani ku kuch garhwali kumaoni hame hate karte h 🥲
maine bahi bachpan mai suna tha ki jonsar mai jadu tona hota hai, lekin aaj apki kahani ke madhyam se ye Mithya dur ho gayi or mai gayi hu Mahasu devta bahut khubsurati se bhara hai jonsar...log b bahut ache hai or aaj tq b apni parampara ko nibha rahe hai jana pahad ke log bhulte jare hai..
Bahut sahi baat kahi aapne...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ❤
बावर में रावण की मान्यता है यह तथ्य सही नही है, जौनसार को शाठी और बावर को पाशी कहा जाता है यह भी सही नहीं है। वास्तव में जौनसार बावर के बावर क्षेत्र को शाठी कहा जाता है और उत्तरकाशी के बंगाण क्षेत्र को पाशी कहा जाता है। यह क्षेत्र चार महासू की भूमि कहा जाता है और इन्हीं की दैवीय व्वस्था से यहां सामजिक परिवेश आज भी है जिसे कई नाम और उप नाम दिये गये। आप का प्रयास अच्छा है, मूल जौनसारी स्रोतों का उल्लेखऔर गहन अध्यन की आवश्यकता तो हमेशा रहती ही है पर अब केवल बहू पत्नी और बहू पति पर बात नहीं होती है यह अच्छा बदलाव है।
Right
सही जानकारी जी ।
ये लोग कम ज्ञान म ही vedio बना देते है।जो सही नही है
Bhut sahi kaha aapne .....yahi sach h....PTA nhi ye kon hi Aisa itihas likhta h
Bahu pati aur bahu patni vivaah ki poore uttarakhand me zaroorat hai. Kyuki pahaad ki ladkiyaan desiyo k saath muh maar rahi hain. Bohot badnaami kar rakhi hai inhone.
Atti sunder.jai Uttarakhand.
Jaunsari athiti satkar bahut acha karte hain. Inhone hi uttrakhand ki sanskriti ko bacha rakha hai.
उपयोगी जानकारी।
आप ने पहाड़ी होने संस्कृति केवल जौनसार में बचा है।
बहुत सुन्दर कोशिश की है। ❤
M or mere husband pauri garhwal se h lekin unhone uttrakashi se he padhai ki h unke dost b uttarkashi se h...pauri se koi dost he ni h unka....unko uttarkashi he acha lgta h or kuch Jaunsari dost b h unke....lekin garhwal kumaun k koi dost ni h unke
Didi pre uttarkashi toh gadwal me hi aata haa
Orr vaha saare gadwali rehte hnn
Bahut badhiya. Aapne bahut badhiya jankari di.
उत्तराखंड की सबसे शांत और अतिथि सत्कार वाली जगह है जौनसार
bahut sahi information aapne btayi hai
__meJaunsari😊
अतिथि सत्कार में जौनपुर आज भी आवल है । सरकार की अनदेखी से आज जौनपुर पिवजड रहा ह लेकिन आने वाले समय मैं जौनपुर के लोग फिर जाग उठेंगे ।
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है मैं रवांई से हूं और हम लोगों की हमेशा कोशिश रही है कि जौनपुर जौनसार रवांई में एकता बनी रहे इस वजह से हमारे यहां सारे गाने भी जौनसारी लगते हैं, हमारे यहां हर पट्टी में अपने अपने देवता है लगभग 300 प्लस गांव है महासू देवता में हमारी आस्था बहुत है हमारे रिश्ते भी जौनसार से बहुत लगते हैं जौनसार को सिंचने वाली टोंस और यमुना नदी भी हमारे क्षेत्र से उद्गम होती है जय जौनसार रवांई जौनपुर जय राजा रघुनाथ
दमदार डौक्युमेंटरी।
बहुत सुंदर जानकारी
Tantra shakti poore Himalayan belt m h aur yhi karan h ki hmare mndir jagrit awastha m rhte h
Jonsari Sanskrit pure India ko sikni chahiye hamare yaha sb ki respect Keri jati hai 😊😊😊😊❤
It is correct
Bhramins of specially mahipaaoota and other places were great magicians of tantra mantra art.
You cant ignore it
It is truth you cant deny
Today it is less in practice
Bhai ji m uttarakhand se hu kya aap kese pandit ji ko jante ho Jo bhagwan narsing ji ke bare m janta ho un ke vidhi vidhan tantra m expert. Ho unka no de. Dedei
Jai.uttrakhand.jai.jonshar
Very interesting story of jaonsar भाबर❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
Thakur Karam chand ke baare m kux detail mil skti h bhut important h