जगद्गुरू शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती स्वामी जी, के चरणो मे अनन्त बार प्रणाम आपके श्री चरणो मे कोटि-कोटि-कोटि नमन है ।। हर हर महादेव हरे कृष्ण हरे राम
गुरुदेव मेरा जन्मस्थान असम के मुक्तिनाथ के जनपद शिवसागर के नाजिरा डाकघर के बीहूबर चायबागान में श्रीमती मायादेवी और श्री उमादत्तशर्मा पाराशर जी के संयोग से हुआ । हमारा पैतृक गाँव इमलौटा, जनपद भिवानी हरियाणा में स्थित है। मेरे पितामह देशराम पाराशर तथा पितामही निहालीदेवी बड़े उदार और सरल व्यक्तित्व के धनी थे ।उनके संस्कारों का ही परिणाम है कि आज प्रत्येक व्यक्ति मुझे सर्वसाधारण के रूप में जान पाया है ।
Sankara charya ki bate manana jaruri hai hum to arya samaji bn gaye lekin rakshhaso ko jaise sukra charya Nhi bacha paye vaise hinduvo ko Sankara charya Nhi bacha payenge kyo ki Hindu sankara charya ko yad bhi Nhi karte aadi sankara charya ko Mai roj pranam krta hoo
Ha ha what a joke? Lol ask Modi and his Hindu Ram mandir team, why they have not invited Sankaracharya?? Not even taken any advice from Sankaracharya? Matlab ram is not any thing but only for bjp vote.
@@P.K-lc6dg सब सतयुग में ही नहीं हुआ है, अलग अलग कल्पों में, और उसके अलग अलग युगों में हुआ है, यह कोई पहली बार नहीं है, पृथ्वी पर इसके पूर्व भी जीव रहते थे और आगे भी रहेंगे। मत्स्य अवतार , कुर्म, वराह इत्यादि की कथा विस्तार से पढ़िए। वर्तमान में श्वेतवाराह कल्प चल रहा है और कलयुग का 27वा कल्प है, इसके पूर्व में भी 26 कलयुग आ चुके हैं सभी का अंत भिन्न भिन्न प्रकार से होता है, इस बार कल्कि अवतार होगा जो इस कलयुग के अंतिम चरण में होगा, कलयुग की आयु 4लाख 32 हजार वर्ष होती है, अभी तो केवल 5 हजार वर्ष ही पूरे हुए, भयानक कलयुग जो की अंतिम चरण में होता है अभी वह आना बाकी है।
@@uncensoredhealth1453 वैसे शीव और कृष्ण का डीएनए टेस्ट हुआ है क्या❓❓यदि यह दोनों गैर आर्यन या आर्यन थे भी तो क्या ❓ आपको थोड़ा विस्तार से लिखना होगा कि आप क्या कहना चाहते हो |
Buddhist literature itself indicated that Buddha took his birth in yasodharas garba and magnified the same as Narayana Sthema ;that is Visakhayuup inParamapada or Vaikuntha of Lord Narayana;anybody Interested may refer Lalitavistara the oldest work of Buddhistic literature where the life of Buddha is available
aap BHAVISHYA PURAAN kyon nahi padhte? google se kyon nahi download karr lete aur haan AGNI POORAN bhee download karlo SANATAN DHARM me BHAGWAAN VISHNU ke jitne bhee avataar hue hain jaise RAM KRISHNA kisii ne alag dharma nahi chalaya aur BHAGWAAN VISHNU ke avataar hain BHAGWAAN BUDHAA toh fir BUDHAA DHARMA kahan se aaya? sochiye gaa
You people never believe in Buddha but when in debate you refer him. Why? Why don't you believe in soul and believe in Geeta? And you people are just for 33 crore devi and devta. And the most important question is why Sankaracharya does not visit to any Temple and does not believe and follow any Devi Devta, but he peddles gyan about Temple stories, why why?????
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
Means Hindu Bhudda is different from Baudha Bhudda. Then when Hindu Bhudda took birth and what are his achievements to count his name in 10 most famous avataras of Lord Vishnu.
@@lalitjfk8878 Gautama Buddha believed in Vedas and never rejected them... yes he was not an incarnation and he never understood the concept of Shakti. The rejection of the Vedas comes with neo-buddhism. Not aware of the second Buddha he is talking about.
@@lalitjfk8878 true said... I can Challenge what Buddhist Monks can do, No other Vedic Monks can do... Just send those and see how they can hug a tiger and lion like Buddhist Monks... Ahankar aur garb me bhare pade he vedic ke monks.. They can't hug a Tiger in the deep forest... Chhiii
🌿🌷🌿 *_महाराजश्री के श्रीचरणों में अनंत कोटि प्रणाम_* 🌿🌷🌿 🙏😊 *_सभी धर्मबन्धुओं और भगिनियों को सादर प्रणाम और जय जय श्रीजगन्नाथ_* 😊🙏 *_।। महादेव 🌿 महादेव 🌿 महादेव ।।_*
अजिन पुत्र बुद्ध (भागवत) गौतम बुद्ध (भविष्य पुराण) शुद्धोदन पुत्र बुद्ध (कल्कि पुराण) तीनों का वर्णन मिलता है। धर्मसम्राट् करपात्री स्वामी आदि ने इसिलिये गौतम बुद्ध को अवतरण नहीं माना क्योंकि अम्बेडकर के बौद्ध बन जाने से अंग्रेजों ने सवर्ण तथा दलित नाम का जो कथित विभाजन किया था, उसमे दलित जन सनातन विरोधी हो रहे थे। साथ ही वे यह भी मानते थे कि गौतम ही एक मात्र बुद्ध हैं। उससे पहले कोई बुद्ध नहीं हुआ। इसीलिए करपात्री जी ने गौतम को अवतरण नहीं मानने की दूरगामी नीति अपनायी ताकि लोग बाद में भ्रमित न हों। साथ ही उन्होंने अजिन पुत्र पर भी जोर दिया। यदि गौतम से विरोध होता तो आचार्य शंकर, आचार्य कुमारिल तथा आचार्य उदयन आदि, जो गौतम से कुछ ही समय बाद हुए थे, कभी न कभी कहीं न कहीं यह ज़रूर कहते कि अजिन पुत्र ही वास्तव में बुद्ध अवतार हैं। यह गौतम नाम का आदमी फ़र्ज़ी बुद्ध था। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। क्योंकि वे इस बात को अच्छे से जानते थे। आदिगुरु ने कभी गौतम के अवतार न होने की बात कही ? या ये कि वो फ़र्ज़ी बुद्ध है। एक मात्र अजन पुत्र ही बुद्ध हैं। और केवल वे ही अवतार हैं। कुमारिल भट्ट या आचार्य उदयन ने भी नहीं कहा। जबकि गौतम के सबसे निकट समकालीन बौद्ध खंडक तो वही लोग थे। कारण मैं बता रहा हूँ। अम्बेडकर के बौद्ध बनने से सनातनियों का बड़ा वर्ग जो अंग्रेजों की कूटनीति का शिकार था, बुद्ध की ओर आकर्षित हुआ। यदि धर्मसम्राट जी जैसा अतिमान्य व्यक्तित्व यह कहता कि गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार हैं तो बाकी सुधरे हुए सनातनियों में यह भ्रम होता कि विष्णु के कृष्ण और बौद्ध अवतार के उपदेश में इतनी विसंगति क्यों है। मूल उद्देश्य जो अवतारों का था, उससे वे परिचित तो थे नहीं। अब बुद्ध का मत भौतिकवादी है। मायाप्रधान है। बहुत लुभावना है, बहुत आकर्षक है। अतः यदि उन्हें विष्णु का अवतार कह देते तो लोग और तेजी से बुद्ध की ओर भागते। ये कह कर कि बौद्ध बनने से हमें भौतिकवाद का लाभ मिलेगा और लोग हमें गलत भी नहीं कहेंगे क्योंकि बुद्ध तो विष्णु के अवतार थे। अतः उन्होंने सीधा कह दिया कि गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार ही नहीं है। यहाँ ध्यान दें कि नीति उन्होंने वही अपनायी जो विष्णु भगवान् ने बौद्धवतार में लगायी थी। ईश्वर के नाम पर अधर्म करने वालों को यह कह कर रोका कि ईश्वर ही नहीं है। इस प्रकर धर्मसम्राट करपात्री स्वामी जी ने सनातन का बहुत बड़ा वर्ग बचा लिया जो बौद्ध बनने जा रहे थे। अब जैसे हमारे हज़ारों जन्मों में हज़ारों माता पिता हुए, पर हमने उसी को प्रधानता दी, उसी से प्रभावित हुए जो सबसे अर्वाचीन है। वैसे ही सभी लोग अजन पुत्र की अपेक्षा गौतम से अधिक प्रभावित हुए। अब गौतम का विरोध करने से ऐसे लोग, जो यह सोच रहे थे कि बौद्ध मत का लाभ लेंगे लेकिन धर्मभीरु होने से बौद्ध मत को भी सनातन ही मान रहे थे, यह कह कर कि गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार हैं, अतः हम सही हैं, ऐसे लोगों पर विराम लग गया। लेकिन बौद्ध अवतार हुआ तो था, अतः उन्होंने अजन पुत्र को अवतार माना। इससे बुद्ध का विरोध हुआ भी, और नहीं भी हुआ। दोनों कार्य साध लिये। और वेदविरोधी होने से भगवान् का बुद्ध विग्रह श्रेष्ठ नहीं माना गया, अतः उनका विरोध भी पापकारक नहीं हुआ। जय श्री राम ।
Bhai sahab gltfymi m ho to rho itna yad rakhna nis din kisi bodh bhikshu se bhid gye sab santani ka nam tk bhul jaoge phle apne dhrm ka itihas jano pir bat krna budh k bare m jhut mt felao kuch pta h ni chle h gyan batne or ye baba g insan h no to gyani kese bn gye dimag khrab h inka inko phle dr ko dikhao
यह भगवान बुद्ध अलग और नेपाल के बुद्ध अलग है। बौद्ध ने घालमेल की ओर अब नव बौद्ध गाली देते फिर रहे brahmino को। और वो नेपालि बुद्ध को मानते हैं। हमको उनसे क्या। वैसे ओशो ने बहुत propogate किया नेपाल बुद्ध गौतम को मिला दिय्या। हद हो गई। उनकी हिस्ट्री कमज़ोर थी। 😮😮🎉😊जय श्री हरि नारायण महविष्णु भगवान की जय🎉🎉
Budh dharma ki mahanta se prabhavit hokar gautam buddha ko vishnu ji ka avatar bata diya gaya taaki sabhi ke upar sanatan hai is baat ko sthapita kiya ja sake. So simple
What is the meaning of peace if, your identity vanished... Look at Afganistan, Tibet.. and even Bharat got too much devaluation due to Buddhism and Jainism.
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विन्दम।। ।। Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan. Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan, Bharat. ।। आषाढ शुक्ल ४,सम्वत २०८१ तद्नुसार बुधवार,१०.०७.२०२४ ।। ७.३५ प्रातः ।।जय श्री गौ माता।। ।। श्री राम जय राम जय जय राम।। ।।जय श्री शिवावतार आद्य शंकराचार्य जी महाभाग।। ।।जय श्री करपात्री जी महाभाग।। ।।जय श्री सनातन धर्म।। ।।जय श्री सनातन संस्कृति।। ।।जय श्री सनातन राष्ट्र।। ।।जय श्री सनातन धरा।। ।।जय श्री मां भारती।। ।।वंदे मातरम्।। ।। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
Ekdum sahi kaha Pujya Sankaracharya ji, buddhism ek nastik ideology hai, aur ye Dharam hai nahi, man made political ideology hai, man made political ideology Dharam nahi hota hai , sari chis ye Sanatani oo ka copy karte hai laghbhag lekin nastik banke rahete hai
@@miteshrajsrivastava7257 buddha ko enlightenment mila. Par unhone apna parchar kar diya. Agar vo bhagwan hote to enlightment kaise mila. Kya kabhi shri ram Or shri hari krishnaji ko enlightenment mila suna ha. Ram Or krishna ko dekhkar to log enlightenment jo jate ha
महात्मा गौतमबुद्ध और महावीर स्वामी तत्कालीन समाज की कुरीतियों दुखों से अत्यंत खिन्न होकर युवा अवस्था में क्षत्रिय राजकुमार होते हुए भी सुंदर पत्नी पुत्र पुत्री के पिता होते हुए भी घर छोड़कर संन्यासी होकर तपस्वी हो गये। ज्ञानी बने उपदेश देने लगे। भिक्षावृत्ति से जीवन यापन करने लगे। इतिहास के अनुसार स्वामी महावीर ईसा पूर्व 600/599बर्षो और महात्मा गौतमबुद्ध ईसा पूर्व 563बर्षो में जन्म लेकर 72/80बर्षोतक जीवित रह कर ईसा पूर्व 540/483 बर्षो में मृत्यु को प्राप्त हुए। दोनों के क्षेत पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिमी मध्य विहार रहे।मगध कोशल वैशाली काशी आदि जनपदीय राजाओं के राजाश्रय में भी अपने अपने विचारों को प्रचारित करने में मदद मिली।
यद्यपि की दोनों महापुरुषों ने जैन और बौद्ध दो धर्मों के संस्थापक सद्गुरु बने और मौर्य साम्राज्य में राजाओं को करूणा सत्य सदाचार अहिंसा के उपदेश से देश में सुख और शांति बढ़ी। किंतु राजाश्रय कमजोर हो जाने पर पश्चिमी देशों से हिंसक बर्बर जातियां आक्रमण करने लगीं। समाज के शिक्षित पंडित वाद-विवाद शास्त्रार्थों में आपस में लड़ने झगड़ने लगे।कृषक श्रमजीवी कलाकार घर छोड़ छोड़ संन्यासी बन संधो में जाने लगे।जीवन को दुःख मान मुक्ति कैवल्य मोक्ष समाधि निर्वाण पाने की भावना से सारा भारत देश ज्ञानी बनने लगे।दान भिक्षावृत्ति से साधारण अन्न फल पैदा करने वाले कृषकों पर बहुत बोझ बढ़ गया।वनों पर्वतों नदियों के किनारे साधुओं श्रमणों भिक्खुओ की भीड़ होने लगी। स्त्रियों को भी साधू संन्यासी वनाया गया। मठों विहारों गुफाओं आश्रमों में व्यभिचार फैल गया। स्त्रियां नर्तकी वैश्या वृत्ति करने लगी।सारा देश रांड भांड़ साधू संन्यासी से भर गया । जिसका प्रभाव आजतक है। ज्ञान झाड़ कर आराम से पेट भरता हो मान सम्मान मिले तो परिश्रम कौन करेगा। मौर्य राजवंश के समाप्त होने पर पुष्यमित्र शुंग राजवंश परमार क्षत्रिय राजवंश विक्रमादित्य गुप्त राजवंश श्रीगुप्त समुद्र गुप्त चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय आदि कुछ अच्छे राजा हुए तब शकों पहलवों आरवो यवनों तुर्को हूणों के आक्रमणों से कुछ बचाव हुआ देश में कानून व्यवस्था सुख सुविधाएं शांति साहित्य में उन्नति हुई।भोजराज हर्षवर्धन दक्षिण के कयी राजा अच्छे हुए। इसके बाद फिर पतन हुआ।राजा झगड़ालू विलासी कमजोर हो गये। यवनों तुर्को मुगलों के आक्रमणों से देश की वह दुर्दशा हुई कि कहा नहीं जा सकता है। मंदिरों को तोड़ना पुस्तकों को जलाना धन-संपत्ति लूटना ब्राह्मणों क्षत्रियों कीहत्या सुंदर युवा स्त्रियों को बलात्कार छीनने लाहौर गंधार सिंधुदेश काबुल में नंगी कर के बेचना। रोना आ रहा है नहीं लिख सकता। उन्हीं की संतानें आज की बंगलादेश पाकिस्तान अफगानिस्तान भारत में है जिन्हें इस सच्चाई का पता हीं नहीं है। धन्यवाद
जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम! जय श्री राम!जय जय श्री राम!
पेशेवर टीम को शूटिंग करनी चाहिए। सार्वजनिक स्थल होते हुए भी सही प्रॉडक्शन हो पाए। एंबियंस कई बार डिस्टर्बिंग ज्यादा होता है। पूरा वैचारिक फ्लो बिगड़ता है।
अवतार क्या होता है?क्या आत्मा मोक्ष से संसार में वापीस लौटती है?महापुरुष तो मोक्ष को उपलब्ध होते है।लेकिन अवतरित क्यों होते है? क्या वे कर्म से पुर्ण मुक्त नही हुये। यह प्रश्न पुने का कारण मै अज्ञानी हुँ।
Avatar Bhagvan ye Devpurush ka hi hota hai. Manushya ka Avatar nahi hota, uska punarjanm hota hai. Aur ek Baar moksh prapti ho jaye to use aur mrityulok me ana nahi padta hai.
आपने एक साथ तीन प्रश्न किए हैं श्रीमान अवतार सिर्फ दिव्यात्माओ का ही होता है वो किसी विशेष धार्मिक क्षति की पूर्ति लिए होता है आत्माओं का मोक्ष हो जाने पर वो परमतत्व में लय हो जाती है किंतु यदि प्रारब्ध शेष रह गया तो पूर्ण जन्म निश्चित होगा महापुरुष अवतार नही लेते ॐ नमो नारायण
Geeta me likha hai avtar yada hi dharmasya jab jab dharam (dharam mean Satya)ki hanne hote hi tab tab mai Satya yane dharam ke roop me pragat hota hu sadhu ko tarne dusto ka sanghar aur dharm yani Satya ko stapna karne ke liye yug yug me jab jab hanne hote hi
Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan. Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan, Bharat. ०७.५५ ए एम। मगसर कृष्णा ७, संवत २०८० तद्नुसार सोमवार, ४.१२.२०२३. ।। जय श्री गौ माता।। ।। जय श्री सनातन राष्ट्र।। ।।वंदे मातरम।। ।।भारत माता की जय।।
aap BHAVISHYA PURAAN kyon nahi padhte? google se kyon nahi download karr lete aur haan AGNI POORAN bhee download karlo SANATAN DHARM me BHAGWAAN VISHNU ke jitne bhee avataar hue hain jaise RAM KRISHNA kisii ne alag dharma nahi chalaya aur BHAGWAAN VISHNU ke avataar hain BHAGWAAN BUDHAA toh fir BUDHAA DHARMA kahan se aaya? sochiye gaa
@@gautammohan4227 Please read following i am not a google product, i made from swadhyay . Cousins, LS (1996), "The dating of the historical Buddha: a review article", Pali scholar K. R. Norman, a life span for the Buddha of c. 480 to 400 BCE (and his teaching period roughly from c. 445 to 400 BCE) "
भाई लोग नमस्कार आप लोग अच्छा डिबेट कर रहे है परंतु इन तथ्यों पर भी ध्यान दीजिए कोई भी भगवान स्वयं अपने आप को भगवान घोषित नही करते भगवान राम ने भी कभी नहीं कहा कि वह भगवान हैं बल्कि साधारण मानव की तरह जीवन व्यतीत किया कभी भी अपने दिव्य शक्तियों का प्रयोग नहीं किया भगवान बुद्ध स्वयं सनातन हिंदू धर्म में ही अवतरित हुये है ।उस समय सनातन धर्म में जो विसंगतियां आ गई थी उन्हें दूर किया जैसे कि उग्रता ,पाखंड इन दोनों को भगवान बुद्ध ने त्यागने को कहा और सत्य और अहिंसा का मार्ग बताया उन्होंने किसी नए धर्म का निर्माण नहीं किया भगवान बुद्ध के पांचों सिद्धांत वेदों से ही लिए गए है। सनातन धर्म को अलग अलग धर्मों में शासक वर्ग नें बांटा है। भगवान बुद्ध के अनुयायियों को अलग धर्म बनाकर सम्राट अशोक ने पेश किया जिस प्रकार कांग्रेस सरकार ने सन 2014 में अलग जैन धर्म और 2018 में अलग लिंगायत धर्म बनाने का प्रयास किया है आप लोग अनावश्यक ही वाक युद्ध कर रहे हो ब्राम्हण इस देश का शत्रु नहीं है इस देश पर जो भी समस्याएं आई हैं उन्हें ब्राह्मणों ने भी झेला है और सब ने झेला है अतः बुद्धिमानी यही है की षडयंत्रकारियों के द्वारा धर्म ग्रंथों में मिलावट किए गए तथ्यों से भ्रमित ना हो और अपनी बुद्धि का भी प्रयोग करें।
Krishna ne swaya ko Ishwar kaha hai ... Shree Bhagvat Gita me unhone swayam kaha hai ke wohi Ishwar Hai ... Unhone hi ye sab Bramhand banaya hai ... Jo unki Sharan me aayega wo mukti ko praapt hoga ... Bramhno ne iss desh ko Jaati Pratha di aur jiski sajaa aaj bhi karodo log bhugat rahe hai ...Magar aaj bahot si baate samne aane lagi hai ... Isliye aap ye vidhaan mat hi kijiye ke Desh ki saari samsyaaye bramhanone jheli hai ... Ye Asatya hai ...
Sanatan parampara ke antargat sabhi sanatanio ko Bhagwan Adi Shankaracharya ji ke baatye raaste pe chalne ki zaroorat hain. Isiliye 4 pramukh peeth(Puri, Sringeri, Dwarka aur Badri/Jyotir) peeth ke 4 Pramukh Shankaracharya hum sabke jagat guru hain aur dharm ke sachche rakhshk bhi. Inki kahi hui baato ka jo maan rakhega vahi moksh ki praapti kar paayega.
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ।
The humanity need rational and scintific future development not Going to the Past mythology... The Buddha was a historical personalty not a Avatara ...
@@narayani6687 gautam Budh hosakta hai. Budh ek title hai na ki ek nam. Gautam ka pura nam siddhartha gautama tha. Budh unke upar ek title lagaya gaya tha
Without associating buddha, hinduism had no credibility and worth so lord buddha was addeded as an avtar to get needed respect and credibility to hindism.
ye to koi murkh bhi samjh skta hai ki budh 2 hue hai gautam budh jaha bolte hai ki iswr ka koi astitva nahi hi yagya or vedo ke sath karmkand nhi karna chahiye sansar aadikal s3 hai iska koi nirmata nahi n vinashak jabki vishnu ji apne sabhi avtaroe ye bolte hai ki mai hi saswat ishvar hu mere dwara hi ved rachit hai maine sansar ki utpti ki hai mai raksak hu mai hi sab hu or ved yagya hawan adi dwra mai prasan hota hu . 😉ab batao baki 8 avtar ved samrthak yagya puja sab kuch pr gautm budh virodhi . itna jaldi insan apne adarsh nhi badalta to bhagwan kaise bdl salte hai mtlb baudho ne sach me ghal mele kia hai . isiliye hamlog ko new pusymitra shung chahiye 💪💪
जगद्गुरू शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती स्वामी जी, के चरणो मे अनन्त बार प्रणाम
आपके श्री चरणो मे कोटि-कोटि-कोटि नमन है ।।
हर हर महादेव
हरे कृष्ण
हरे राम
दो-दो अलग-अलग बुद्ध थे, यह मुझे पता ही नहीं था। माननीय शंकराचार्य जो इस ज्ञान के लिए धन्यवाद।
गुरुदेव मेरा जन्मस्थान असम के मुक्तिनाथ के जनपद शिवसागर के नाजिरा डाकघर के बीहूबर चायबागान में श्रीमती मायादेवी और श्री उमादत्तशर्मा पाराशर जी के संयोग से हुआ ।
हमारा पैतृक गाँव इमलौटा, जनपद भिवानी हरियाणा में स्थित है।
मेरे पितामह देशराम पाराशर तथा पितामही निहालीदेवी बड़े उदार और सरल व्यक्तित्व के धनी थे ।उनके संस्कारों का ही परिणाम है कि आज प्रत्येक व्यक्ति मुझे सर्वसाधारण के रूप में जान पाया है ।
अनुगुञ्ज me bhi sivsagar ka hu
Sankara charya ki bate manana jaruri hai hum to arya samaji bn gaye lekin rakshhaso ko jaise sukra charya Nhi bacha paye vaise hinduvo ko Sankara charya Nhi bacha payenge kyo ki Hindu sankara charya ko yad bhi Nhi karte aadi sankara charya ko Mai roj pranam krta hoo
जय हो शंकराचार्य
Adi Shankaracharya ko pranam krte ho to iska matlab apke mata pita ne apko acche sanskar diye hai bhai
Dwait, visistadwit wale hinduoko bantdiya..... Hami log bhagavan ka ekatako mante hai....bhajagovindam , Kanakadhara stotra shankarcharine diya...nahito Govind ka shabd bhi nhihota.
Ha ha what a joke? Lol ask Modi and his Hindu Ram mandir team, why they have not invited Sankaracharya?? Not even taken any advice from Sankaracharya? Matlab ram is not any thing but only for bjp vote.
@@royal_Rajput235chup kr tu bevkuf hai.
वाह। 😮😮अद्बुतथ। भगवान बुद्धने शील,अहिंसा, करुणा का परिचय दिय्या। जय आदि गुरु शंकराचार्य जी की। जय गुरुदेव😮😊🎉
Oh wow ! This is stunning , it changes the whole narrative that goes on in our minds on 10 avatars of Vishnu !! Thank you .
Koi oolu bana raha aur khud wo mandir ko ya devi devta ko nehi man raha
@@asanatan1329 bhai kitna pagal pana karraha hai tu
@@wow8791 pagal to tu he jo Dharm k Afim kha liya aur asli Bharat ki culture ko bhul k wohi Aryans Iranian k changul me aagaya.
Sankaracharya se puchho wo aj tak Jagannath mandir kyu nehi gaya??
@@asanatan1329 youtube chalana ata hai toh waha likh do Shankaracharya in jagganath. Footage ke sath milega
परमपूज्य गुरूदेव श्रीमद् जगद्गुरू शंकराचार्य भगवान की जय 🙏🏻 हर हर महादेव 🙏🏻
Sabko bhagwan banadoge matlab kuch bhi
राम राम
राम राम सत्य है
आँखें खोल दी हमारी.
आज तक हमे पता नही था यह सत्य की बुध भी कोई और थे गौतम बुध नही
इसी के साथ मेरे प्रश्न का भी समाधान हो गया । 🙏
भगवान पहले सतयुग में मछली,सूवर,कछुआ का भी अवतार लेकर आतें थे ❓लेकिन अब कलयुग में कौन सा अवतार लेकर आएगें ❓❓❓
@@P.K-lc6dg सब सतयुग में ही नहीं हुआ है, अलग अलग कल्पों में, और उसके अलग अलग युगों में हुआ है, यह कोई पहली बार नहीं है, पृथ्वी पर इसके पूर्व भी जीव रहते थे और आगे भी रहेंगे। मत्स्य अवतार , कुर्म, वराह इत्यादि की कथा विस्तार से पढ़िए।
वर्तमान में श्वेतवाराह कल्प चल रहा है और कलयुग का 27वा कल्प है, इसके पूर्व में भी 26 कलयुग आ चुके हैं सभी का अंत भिन्न भिन्न प्रकार से होता है, इस बार कल्कि अवतार होगा जो इस कलयुग के अंतिम चरण में होगा, कलयुग की आयु 4लाख 32 हजार वर्ष होती है, अभी तो केवल 5 हजार वर्ष ही पूरे हुए, भयानक कलयुग जो की अंतिम चरण में होता है अभी वह आना बाकी है।
@@ShubhamMishra-ed7mb क्या महाराज जी मैंने पूछ क्या लिया तुम तो मनोहर कहानियों📖 की किताब📕📚 ही खोलकर बैठ गए |
@@P.K-lc6dg aryan dna studies padho bhai indus valley ki and history ....shiva and krishna dono hi non aryna god hai
@@uncensoredhealth1453 वैसे शीव और कृष्ण का डीएनए टेस्ट हुआ है क्या❓❓यदि यह दोनों गैर आर्यन या आर्यन थे भी तो क्या ❓ आपको थोड़ा विस्तार से लिखना होगा कि आप क्या कहना चाहते हो |
गुरु जी को प्रणाम। यह जानकारी मैं बहुत दिनों से जुटा रहा हूँ। 🙏🙏🙏🚩🚩🚩
Buddhist literature itself indicated that Buddha took his birth in yasodharas garba and magnified the same as Narayana Sthema ;that is Visakhayuup inParamapada or Vaikuntha of Lord Narayana;anybody Interested may refer Lalitavistara the oldest work of Buddhistic literature where the life of Buddha is available
Konsi kitab aur page number batao. Ese murkh mat banao.
Page number and book?
aap BHAVISHYA PURAAN kyon nahi padhte? google se kyon nahi download karr lete aur haan AGNI POORAN bhee download karlo SANATAN DHARM me BHAGWAAN VISHNU ke jitne bhee avataar hue hain jaise RAM KRISHNA kisii ne alag dharma nahi chalaya aur BHAGWAAN VISHNU ke avataar hain BHAGWAAN BUDHAA toh fir BUDHAA DHARMA kahan se aaya? sochiye gaa
U seems to have read distorted version 😂
You people never believe in Buddha but when in debate you refer him. Why? Why don't you believe in soul and believe in Geeta? And you people are just for 33 crore devi and devta. And the most important question is why Sankaracharya does not visit to any Temple and does not believe and follow any Devi Devta, but he peddles gyan about Temple stories, why why?????
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
पूज्य गुरुदेव जी के श्रीचरण कमलों में कोटि कोटि प्रणाम🙏
Satya gaan hai aap ke paas🙏prabhu
अग्निपुराण मे जो बुद्ध अवतार वर्णन किया है उसमे बुद्ध के पिता का नाम शुद्धोधन कहा गया है जिनके अनुयायी बौद्ध है।
पूज्य गुरु देव भगवान के श्री चरणों मे कोटि कोटि नमन वंदन निवेदित
हर हर महादेव
Means Hindu Bhudda is different from Baudha Bhudda. Then when Hindu Bhudda took birth and what are his achievements to count his name in 10 most famous avataras of Lord Vishnu.
He is spreading false information bcoz buddha never believed in veda he rejected bhraminsism and the buddha he is talking about just his imagination
@@lalitjfk8878 Gautama Buddha believed in Vedas and never rejected them... yes he was not an incarnation and he never understood the concept of Shakti.
The rejection of the Vedas comes with neo-buddhism.
Not aware of the second Buddha he is talking about.
@@lalitjfk8878 true said... I can Challenge what Buddhist Monks can do, No other Vedic Monks can do... Just send those and see how they can hug a tiger and lion like Buddhist Monks... Ahankar aur garb me bhare pade he vedic ke monks.. They can't hug a Tiger in the deep forest... Chhiii
@@lalitjfk8878 true said
@@lalitjfk8878 true
🌿🌷🌿 *_महाराजश्री के श्रीचरणों में अनंत कोटि प्रणाम_* 🌿🌷🌿
🙏😊 *_सभी धर्मबन्धुओं और भगिनियों को सादर प्रणाम और जय जय श्रीजगन्नाथ_* 😊🙏
*_।। महादेव 🌿 महादेव 🌿 महादेव ।।_*
अजिन पुत्र बुद्ध (भागवत)
गौतम बुद्ध (भविष्य पुराण)
शुद्धोदन पुत्र बुद्ध (कल्कि पुराण)
तीनों का वर्णन मिलता है।
धर्मसम्राट् करपात्री स्वामी आदि ने इसिलिये गौतम बुद्ध को अवतरण नहीं माना क्योंकि अम्बेडकर के बौद्ध बन जाने से अंग्रेजों ने सवर्ण तथा दलित नाम का जो कथित विभाजन किया था, उसमे दलित जन सनातन विरोधी हो रहे थे। साथ ही वे यह भी मानते थे कि गौतम ही एक मात्र बुद्ध हैं। उससे पहले कोई बुद्ध नहीं हुआ। इसीलिए करपात्री जी ने गौतम को अवतरण नहीं मानने की दूरगामी नीति अपनायी ताकि लोग बाद में भ्रमित न हों। साथ ही उन्होंने अजिन पुत्र पर भी जोर दिया। यदि गौतम से विरोध होता तो आचार्य शंकर, आचार्य कुमारिल तथा आचार्य उदयन आदि, जो गौतम से कुछ ही समय बाद हुए थे, कभी न कभी कहीं न कहीं यह ज़रूर कहते कि अजिन पुत्र ही वास्तव में बुद्ध अवतार हैं। यह गौतम नाम का आदमी फ़र्ज़ी बुद्ध था। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। क्योंकि वे इस बात को अच्छे से जानते थे।
आदिगुरु ने कभी गौतम के अवतार न होने की बात कही ? या ये कि वो फ़र्ज़ी बुद्ध है। एक मात्र अजन पुत्र ही बुद्ध हैं। और केवल वे ही अवतार हैं। कुमारिल भट्ट या आचार्य उदयन ने भी नहीं कहा। जबकि गौतम के सबसे निकट समकालीन बौद्ध खंडक तो वही लोग थे।
कारण मैं बता रहा हूँ। अम्बेडकर के बौद्ध बनने से सनातनियों का बड़ा वर्ग जो अंग्रेजों की कूटनीति का शिकार था, बुद्ध की ओर आकर्षित हुआ। यदि धर्मसम्राट जी जैसा अतिमान्य व्यक्तित्व यह कहता कि गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार हैं तो बाकी सुधरे हुए सनातनियों में यह भ्रम होता कि विष्णु के कृष्ण और बौद्ध अवतार के उपदेश में इतनी विसंगति क्यों है। मूल उद्देश्य जो अवतारों का था, उससे वे परिचित तो थे नहीं। अब बुद्ध का मत भौतिकवादी है। मायाप्रधान है। बहुत लुभावना है, बहुत आकर्षक है। अतः यदि उन्हें विष्णु का अवतार कह देते तो लोग और तेजी से बुद्ध की ओर भागते। ये कह कर कि बौद्ध बनने से हमें भौतिकवाद का लाभ मिलेगा और लोग हमें गलत भी नहीं कहेंगे क्योंकि बुद्ध तो विष्णु के अवतार थे। अतः उन्होंने सीधा कह दिया कि गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार ही नहीं है। यहाँ ध्यान दें कि नीति उन्होंने वही अपनायी जो विष्णु भगवान् ने बौद्धवतार में लगायी थी। ईश्वर के नाम पर अधर्म करने वालों को यह कह कर रोका कि ईश्वर ही नहीं है। इस प्रकर धर्मसम्राट करपात्री स्वामी जी ने सनातन का बहुत बड़ा वर्ग बचा लिया जो बौद्ध बनने जा रहे थे। अब जैसे हमारे हज़ारों जन्मों में हज़ारों माता पिता हुए, पर हमने उसी को प्रधानता दी, उसी से प्रभावित हुए जो सबसे अर्वाचीन है। वैसे ही सभी लोग अजन पुत्र की अपेक्षा गौतम से अधिक प्रभावित हुए। अब गौतम का विरोध करने से ऐसे लोग, जो यह सोच रहे थे कि बौद्ध मत का लाभ लेंगे लेकिन धर्मभीरु होने से बौद्ध मत को भी सनातन ही मान रहे थे, यह कह कर कि गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार हैं, अतः हम सही हैं, ऐसे लोगों पर विराम लग गया।
लेकिन बौद्ध अवतार हुआ तो था, अतः उन्होंने अजन पुत्र को अवतार माना। इससे बुद्ध का विरोध हुआ भी, और नहीं भी हुआ। दोनों कार्य साध लिये। और वेदविरोधी होने से भगवान् का बुद्ध विग्रह श्रेष्ठ नहीं माना गया, अतः उनका विरोध भी पापकारक नहीं हुआ। जय श्री राम ।
संभव हो तो कृपया अपना संपर्क-सूत्र उपलब्ध कराएं।
त्रिपिटक ग्रंथों में प्राचिन आर्य ऋषियों के वर्णन मिलते हैं।
Bhai sahab gltfymi m ho to rho itna yad rakhna nis din kisi bodh bhikshu se bhid gye sab santani ka nam tk bhul jaoge phle apne dhrm ka itihas jano pir bat krna budh k bare m jhut mt felao kuch pta h ni chle h gyan batne or ye baba g insan h no to gyani kese bn gye dimag khrab h inka inko phle dr ko dikhao
@@PardeepKumar-ym6qm bahi, g Ye Gautam budh farji hai samjha bahi Ye nastik thha
Mujhe to Pata hai
@@PardeepKumar-ym6qm बौद्ध भिक्षु इनके सामने आ जाए तो उनका भी वही हश्र होगा जो आदि शंकराचार्य के सामने समस्त बौद्ध मत का हुआ था, समझे झोपड़ी के!
यह भगवान बुद्ध अलग और नेपाल के बुद्ध अलग है। बौद्ध ने घालमेल की ओर अब नव बौद्ध गाली देते फिर रहे brahmino को। और वो नेपालि बुद्ध को मानते हैं। हमको उनसे क्या। वैसे ओशो ने बहुत propogate किया नेपाल बुद्ध गौतम को मिला दिय्या। हद हो गई। उनकी हिस्ट्री कमज़ोर थी। 😮😮🎉😊जय श्री हरि नारायण महविष्णु भगवान की जय🎉🎉
Budh dharma ki mahanta se prabhavit hokar gautam buddha ko vishnu ji ka avatar bata diya gaya taaki sabhi ke upar sanatan hai is baat ko sthapita kiya ja sake. So simple
Buddhism Is Most Peaceful And Greatest Religion In This Universe ☸️ ✨️ ❤️
What is the meaning of peace if, your identity vanished... Look at Afganistan, Tibet.. and even Bharat got too much devaluation due to Buddhism and Jainism.
Go and watch sanatan samiksha you will how much peacful it is 😂😂
@@rishabhyadav6705 mujhe samajh nahi aata ki kaun sa scientific formula unhone khoja, sirf, Ahinsa kiya aur humare desh ko gulaami ki aadat daali
A path of ignorance. No wonder most of the former Buddhist nations were either turned islamic or Atheist.
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विन्दम।।
।। Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan.
Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan, Bharat.
।। आषाढ शुक्ल ४,सम्वत २०८१ तद्नुसार बुधवार,१०.०७.२०२४ ।।
७.३५ प्रातः
।।जय श्री गौ माता।।
।। श्री राम जय राम जय जय राम।।
।।जय श्री शिवावतार आद्य शंकराचार्य जी महाभाग।।
।।जय श्री करपात्री जी महाभाग।।
।।जय श्री सनातन धर्म।।
।।जय श्री सनातन संस्कृति।।
।।जय श्री सनातन राष्ट्र।।
।।जय श्री सनातन धरा।।
।।जय श्री मां भारती।।
।।वंदे मातरम्।।
।। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
Jai guru dev I am from Nepal .
Ekdum sahi kaha Pujya Sankaracharya ji, buddhism ek nastik ideology hai, aur ye Dharam hai nahi, man made political ideology hai, man made political ideology Dharam nahi hota hai , sari chis ye Sanatani oo ka copy karte hai laghbhag lekin nastik banke rahete hai
Gautam Buddha ke sidhant bhut achche h lekin wo Koi Vishnu avatar or ishwer nhi the
@angry watermelon kya kuch bhi bol rahe ho? Matlab hamare sare siddhant galat aur aapke acche?
@@Anand22488 ha
@angry watermelon 👎👎👎
@@Anand22488 bilkul gLt hai tumhara sidhant.
Nastik darsn prastoot kiya tha Buddha ne.
@@miteshrajsrivastava7257 buddha ko enlightenment mila. Par unhone apna parchar kar diya. Agar vo bhagwan hote to enlightment kaise mila. Kya kabhi shri ram Or shri hari krishnaji ko enlightenment mila suna ha. Ram Or krishna ko dekhkar to log enlightenment jo jate ha
New information. Thanks Guruji.
Jagannath swami Nayan pathagami bhavatu me 🙏Bhagwan Shree Shankaracharyaji ko koti Pranam 🙏 🙏🙏 🙏
Shri pujniya Gurudev Shri Anant vibhushit Rigvediya purvamanay Goverdhan math Puri Pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji mahabhag ke Shri Kamal charnon mein dandwat vandan hai.
Hindu Nagar Sheoganj (Rajasthan).
जय हो जय हो जय हो गुरुदेव भगवान की जय हो
Jai gurudev 🙏🙏
Very true 🚩🔱🙏
महात्मा गौतमबुद्ध और महावीर स्वामी तत्कालीन समाज की कुरीतियों दुखों से अत्यंत खिन्न होकर युवा अवस्था में क्षत्रिय राजकुमार होते हुए भी सुंदर पत्नी पुत्र पुत्री के पिता होते हुए भी घर छोड़कर संन्यासी होकर तपस्वी हो गये। ज्ञानी बने उपदेश देने लगे। भिक्षावृत्ति से जीवन यापन करने लगे। इतिहास के अनुसार स्वामी महावीर ईसा पूर्व 600/599बर्षो और महात्मा गौतमबुद्ध ईसा पूर्व 563बर्षो में जन्म लेकर 72/80बर्षोतक जीवित रह कर ईसा पूर्व 540/483 बर्षो में मृत्यु को प्राप्त हुए। दोनों के क्षेत पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिमी मध्य विहार रहे।मगध कोशल वैशाली काशी आदि जनपदीय राजाओं के राजाश्रय में भी अपने अपने विचारों को प्रचारित करने में मदद मिली।
यद्यपि की दोनों महापुरुषों ने जैन और बौद्ध दो धर्मों के संस्थापक सद्गुरु बने और मौर्य साम्राज्य में राजाओं को करूणा सत्य सदाचार अहिंसा के उपदेश से देश में सुख और शांति बढ़ी। किंतु राजाश्रय कमजोर हो जाने पर पश्चिमी देशों से हिंसक बर्बर जातियां आक्रमण करने लगीं। समाज के शिक्षित पंडित वाद-विवाद शास्त्रार्थों में आपस में लड़ने झगड़ने लगे।कृषक श्रमजीवी कलाकार घर छोड़ छोड़ संन्यासी बन संधो में जाने लगे।जीवन को दुःख मान मुक्ति कैवल्य मोक्ष समाधि निर्वाण पाने की भावना से सारा भारत देश ज्ञानी बनने लगे।दान भिक्षावृत्ति से साधारण अन्न फल पैदा करने वाले कृषकों पर बहुत बोझ बढ़ गया।वनों पर्वतों नदियों के किनारे साधुओं श्रमणों भिक्खुओ की भीड़ होने लगी। स्त्रियों को भी साधू संन्यासी वनाया गया। मठों विहारों गुफाओं आश्रमों में व्यभिचार फैल गया। स्त्रियां नर्तकी वैश्या वृत्ति करने लगी।सारा देश रांड भांड़ साधू संन्यासी से भर गया । जिसका प्रभाव आजतक है। ज्ञान झाड़ कर आराम से पेट भरता हो मान सम्मान मिले तो परिश्रम कौन करेगा। मौर्य राजवंश के समाप्त होने पर पुष्यमित्र शुंग राजवंश परमार क्षत्रिय राजवंश विक्रमादित्य गुप्त राजवंश श्रीगुप्त समुद्र गुप्त चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय आदि कुछ अच्छे राजा हुए तब शकों पहलवों आरवो यवनों तुर्को हूणों के आक्रमणों से कुछ बचाव हुआ देश में कानून व्यवस्था सुख सुविधाएं शांति साहित्य में उन्नति हुई।भोजराज हर्षवर्धन दक्षिण के कयी राजा अच्छे हुए। इसके बाद फिर पतन हुआ।राजा झगड़ालू विलासी कमजोर हो गये। यवनों तुर्को मुगलों के आक्रमणों से देश की वह दुर्दशा हुई कि कहा नहीं जा सकता है। मंदिरों को तोड़ना पुस्तकों को जलाना धन-संपत्ति लूटना ब्राह्मणों क्षत्रियों कीहत्या सुंदर युवा स्त्रियों को बलात्कार छीनने लाहौर गंधार सिंधुदेश काबुल में नंगी कर के बेचना। रोना आ रहा है नहीं लिख सकता। उन्हीं की संतानें आज की बंगलादेश पाकिस्तान अफगानिस्तान भारत में है जिन्हें इस सच्चाई का पता हीं नहीं है। धन्यवाद
जय श्री राम!जय जय श्री राम!
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Hare krishna prabhu ji dhand wat pradam
।। जय श्री राम ।।
जय श्री रांड।
जय श्री रांड
जय श्री रांड
जय श्री बलात्कारी राम
जय श्री बलात्कारी ब्रह्मा।
जय श्री बलात्कारी इंद्र
जय श्री बलात्कारी देवी
Rishi panchale y dude what hv they done to you if u don’t believe then just leave them alone
@@suascb5042 ye Hindu ke bhagwan he😅😅
Radha krishna
🙏🏼कोटि-कोटि प्रणाम गुरुदेव 🌷🌷🌷
मैं बौद्ध धर्म से आता हूं और हिंदू धर्म की वर्ण व्यवस्था से दूर रहता हूं
गौतम बुद्ध पर अवतार बाद की झूठी फिलासफी फिट नहीं बैठती, लेकिन वो दैवीय प्रकाश से पूरी तरह भरे हुए थे, इसमें कोई सन्देह नहीं।
jai ho bhgvan.apko koti koti pranam bhgvan koti koti pranam.jai shri hari .
Jai gurudev ji ❤
जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏
पेशेवर टीम को शूटिंग करनी चाहिए। सार्वजनिक स्थल होते हुए भी सही प्रॉडक्शन हो पाए। एंबियंस कई बार डिस्टर्बिंग ज्यादा होता है। पूरा वैचारिक फ्लो बिगड़ता है।
अनंत अनंत प्रणाम
Bhagwan Vishnu ke dashavtaar sanatan hindu :-
Dwee vanchar-nrisingh, varah Dwee varichar- Matsya, Kurma
Chaar Vipra brahman kul-Vaman, Parshuram, Buddha kalki,
Dwee kshatriya-Ram, krishna
गजब गुरुदेव आपकी जय हो
Absolutely correct.
Jai Gurudev❤🕉🙏
Aap k charno me sastang pranam
Excellent Explanation. Longstanding doubt cleared. 🙏
Jai ho bhagwan🙏🙏🙏
कोटि कोटि नमन🙏🙏
Gurudev ji ko paranam
प्रणाम गुरु जी🙏🚩
श्री राधा वल्लभ श्री हित हरिवंश!
Buddha ko avtar batana ek bari sajish hai.
Govind Ram bhai Jo unhone kary kiye wo kisi ishwar se km nhi
@Abhijit Kumar Tiwary अच्छा इसलिये ओ पुरी दुनिया में हे,हिंदू बैठे लवडा पकड के
Namo Raghvaya
अवतार क्या होता है?क्या आत्मा मोक्ष से संसार में वापीस लौटती है?महापुरुष तो मोक्ष को उपलब्ध होते है।लेकिन अवतरित क्यों होते है? क्या वे कर्म से पुर्ण मुक्त नही हुये। यह प्रश्न पुने का कारण मै अज्ञानी हुँ।
Avtar dharti par kisi visesh karya ke liye hote hai taki samaj me faile andhkar ko Kam kiya jaye
@@नवभारतयोद्धा very nice g
Jai shree Krishna g
Avatar Bhagvan ye Devpurush ka hi hota hai. Manushya ka Avatar nahi hota, uska punarjanm hota hai. Aur ek Baar moksh prapti ho jaye to use aur mrityulok me ana nahi padta hai.
आपने एक साथ तीन प्रश्न किए हैं श्रीमान
अवतार सिर्फ दिव्यात्माओ का ही होता है वो किसी विशेष धार्मिक क्षति की पूर्ति लिए होता है
आत्माओं का मोक्ष हो जाने पर वो परमतत्व में लय हो जाती है किंतु यदि प्रारब्ध शेष रह गया तो पूर्ण जन्म निश्चित होगा
महापुरुष अवतार नही लेते
ॐ नमो नारायण
Geeta me likha hai avtar yada hi dharmasya jab jab dharam (dharam mean Satya)ki hanne hote hi tab tab mai Satya yane dharam ke roop me pragat hota hu sadhu ko tarne dusto ka sanghar aur dharm yani Satya ko stapna karne ke liye yug yug me jab jab hanne hote hi
Hari bol.
Jay ho Guru ji 🙏
Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan.
Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan, Bharat.
०७.५५ ए एम।
मगसर कृष्णा ७, संवत २०८०
तद्नुसार सोमवार, ४.१२.२०२३.
।। जय श्री गौ माता।।
।। जय श्री सनातन राष्ट्र।।
।।वंदे मातरम।।
।।भारत माता की जय।।
Gautam buddh is not ninth avatar. Vishnu buddh is the ninth avatar
Sadashiva samarambha sankracharya Madhyamaa Asmad aachaarya pariyantaam Vande Guru paramparaam.......🙏
🌷🙏🌷
The Goutam budhaa was Kshatriya by birth the son of raja shudhodhan
aap BHAVISHYA PURAAN kyon nahi padhte? google se kyon nahi download karr lete aur haan AGNI POORAN bhee download karlo SANATAN DHARM me BHAGWAAN VISHNU ke jitne bhee avataar hue hain jaise RAM KRISHNA kisii ne alag dharma nahi chalaya aur BHAGWAAN VISHNU ke avataar hain BHAGWAAN BUDHAA toh fir BUDHAA DHARMA kahan se aaya? sochiye gaa
What is Goole? Google is feed by people like you. Google is not Shastra.
@@gautammohan4227
Please read following i am not a google product, i made from swadhyay .
Cousins, LS (1996), "The dating of the historical Buddha: a review article",
Pali scholar K. R. Norman, a life span for the Buddha of c. 480 to 400 BCE (and his teaching period roughly from c. 445 to 400 BCE) "
Sab janma se hi kar do tum
Good information 🙏
Charan asparsh maharaja.aap ke darshan se hum kretarth huye.
भाई लोग नमस्कार आप लोग अच्छा डिबेट कर रहे है परंतु इन तथ्यों पर भी ध्यान दीजिए कोई भी भगवान स्वयं अपने आप को भगवान घोषित नही करते भगवान राम ने भी कभी नहीं कहा कि वह भगवान हैं बल्कि साधारण मानव की तरह जीवन व्यतीत किया कभी भी अपने दिव्य शक्तियों का प्रयोग नहीं किया भगवान बुद्ध स्वयं सनातन हिंदू धर्म में ही अवतरित हुये है ।उस समय सनातन धर्म में जो विसंगतियां आ गई थी उन्हें दूर किया जैसे कि उग्रता ,पाखंड इन दोनों को भगवान बुद्ध ने त्यागने को कहा और सत्य और अहिंसा का मार्ग बताया उन्होंने किसी नए धर्म का निर्माण नहीं किया भगवान बुद्ध के पांचों सिद्धांत वेदों से ही लिए गए है।
सनातन धर्म को अलग अलग धर्मों में शासक वर्ग नें बांटा है। भगवान बुद्ध के अनुयायियों को अलग धर्म बनाकर सम्राट अशोक ने पेश किया जिस प्रकार कांग्रेस सरकार ने सन 2014 में अलग जैन धर्म और 2018 में अलग लिंगायत धर्म बनाने का प्रयास किया है आप लोग अनावश्यक ही वाक युद्ध कर रहे हो ब्राम्हण इस देश का शत्रु नहीं है इस देश पर जो भी समस्याएं आई हैं उन्हें ब्राह्मणों ने भी झेला है और सब ने झेला है अतः बुद्धिमानी यही है की षडयंत्रकारियों के द्वारा धर्म ग्रंथों में मिलावट किए गए तथ्यों से भ्रमित ना हो और अपनी बुद्धि का भी प्रयोग करें।
Krishna ne swaya ko Ishwar kaha hai ... Shree Bhagvat Gita me unhone swayam kaha hai ke wohi Ishwar Hai ... Unhone hi ye sab Bramhand banaya hai ... Jo unki Sharan me aayega wo mukti ko praapt hoga ... Bramhno ne iss desh ko Jaati Pratha di aur jiski sajaa aaj bhi karodo log bhugat rahe hai ...Magar aaj bahot si baate samne aane lagi hai ... Isliye aap ye vidhaan mat hi kijiye ke Desh ki saari samsyaaye bramhanone jheli hai ... Ye Asatya hai ...
Jatibad hi Hindu dharm ko nasta kiya he aur Binash kardega. Jab apni dharmke logon ke upar anyaya atyachar karoge. Ye kahan ki dharm bali baat he.
vishnu puran me budha avtar kayao huaa ....kuchh din me mohmad paigmbar ko bhi bana doge vishnu ka avtar
budha avtar ki kahani nahi bataya easne our unki sikchha ko bhi chura liya Dr Rajendra Prasad ke vedio dekh lena usame sachchai hai sabuto ke sath
prashant kamble क्या बात कर रहे हो मित्र । 1990 मे 7 लाख कश्मीरी पंडितों का पलायन क्या था
परम पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में सादर चरण स्पर्श प्रणाम।
Sanatan parampara ke antargat sabhi sanatanio ko Bhagwan Adi Shankaracharya ji ke baatye raaste pe chalne ki zaroorat hain. Isiliye 4 pramukh peeth(Puri, Sringeri, Dwarka aur Badri/Jyotir) peeth ke 4 Pramukh Shankaracharya hum sabke jagat guru hain aur dharm ke sachche rakhshk bhi. Inki kahi hui baato ka jo maan rakhega vahi moksh ki praapti kar paayega.
Shrimad JagatGuru Bhagwan ki Jai 🙏🏻
Namo Naraina . Jai ho
JAI BHARAT.
🔱🚩🕉🙏✅
Radha Krishna
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ।
Pujya shankaracharya ji jaati par bahut mahatwa dete hain
The humanity need rational and scintific future development not Going to the Past mythology... The Buddha was a historical personalty not a Avatara ...
पूज्य चरणों में सादर प्रणाम
अधबुध
buddh ka Hindu bharam seekoi Lena Dena nhi h ...hme buddh ke chakar me nhi padna h ....we r hindu
Dandavat Pranaam ji 🙏🌸
Pranam guru jèe...
प्रणाम गुरुजी
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Bhagwan Budh,mahaveer swami ka janm kashtriya kul me hua h ye kisi se chupa nhi h
Ayyapa swamy is one of Vishnu avtaar not Gautam bhudh
Yes off course he is but in das avatars of vishnu(ten avatars) Gautama Buddha is one.
स्वामी शरणम् अयप्पा,, Swami Ayappa is son of Shree Harihar,, not inscaration of Shree Vishnu only,, स्वामी शरणम् अयप्पा
@Dragon Gaming YT sorry I refer the same.
@@narayani6687 gautam Budh hosakta hai. Budh ek title hai na ki ek nam. Gautam ka pura nam siddhartha gautama tha. Budh unke upar ek title lagaya gaya tha
Without associating buddha, hinduism had no credibility and worth so lord buddha was addeded as an avtar to get needed respect and credibility to hindism.
ye to koi murkh bhi samjh skta hai ki budh 2 hue hai gautam budh jaha bolte hai ki iswr ka koi astitva nahi hi yagya or vedo ke sath karmkand nhi karna chahiye sansar aadikal s3 hai iska koi nirmata nahi n vinashak jabki vishnu ji apne sabhi avtaroe ye bolte hai ki mai hi saswat ishvar hu mere dwara hi ved rachit hai maine sansar ki utpti ki hai mai raksak hu mai hi sab hu
or ved yagya hawan adi dwra mai prasan hota hu .
😉ab batao baki 8 avtar ved samrthak yagya puja sab kuch pr gautm budh virodhi . itna jaldi insan apne adarsh nhi badalta to bhagwan kaise bdl salte hai mtlb baudho ne sach me ghal mele kia hai .
isiliye hamlog ko new pusymitra shung chahiye 💪💪
🙏🙏🙏praanam
Koi koti vandan
Kya bath h? Puri k Maharaj sri Ka ne'er khir veevak or shasriya parmpar Ka lramanik vivechan moti moti vandan or jaijai
Har har Mahadev...
Gotama Buddha (The Buddhist Buddha) was born in Sri Lanka in 623 BCE.
Look if u dont anything dont commnt
Which brand do you drink?
Which brand do you prefer🤣🤣🤣🤣Desi daru?
@@jaglinuxmint 😆
@@jaglinuxmint it's very strong
Mahrishi upvarsh also called bhodhacharya is real bhudha
💯%बौद्धिक ठग 👍
Buddhism is most scientific religion in World
😂
।। महाराज को हर हर महादेव।।