हरे कृष्ण प्रभु जी दंडवत प्रणाम। बहुत अच्छा विश्लेषण आप ने किया। मेरी एक शंका है, यदि कोई भक्त भगवान की भक्ति करता है, और शुद्ध भक्त नहीं हो पाता, शरीर छोड़ने पर वह ऊंचे लोकों में,जैसे स्वर्ग, लोक महर्लोक, जन लोक, तप लोक सत्य लोक में चले जाय तो उन लोकों में भी भक्ति करके वो वहां से भगवद्धाम जा सकता है, या भगवद्धाम जाने के लिए उसे पुनः इस मृत्युलोक में ही आना पड़ता है, कृपया मार्ग दर्शन कीजिए हरे कृष्ण।
देवता भी मनुष्य शरीर से आशावान है कि मनुष्य शरीर में लेने पर मैं भी देवता से मोक्ष को प्राप्त हो अतः मोक्ष पाने के लिए मनुष्य शरीर के द्वारा ही भक्ति किया जा सकता है
Hare Krishan Prabhu dandvat pranam 🙏 Prabhu ji Aaj ke session सुनने से मुझे बहुत बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ मेरी बहुत सी जिज्ञासा शांत हुई जे मैं शब्दों में नही बता सकती इससे मेरी भक्ति में गंभीरता आएगी आपका कोटी कोटी धन्यवाद इस वीडियो को में बहुत जायदा वायरल करूंगी जिसे इसका लाभ सबको प्राप्त हो हरे कृष्ण 🙏
Hare krishana Super👍👍 Apne hamaari ankhe khol di, itna badhia Or esi example de ker apne ji gyan diya hai uske liye apka bahut bahut dhanyavaad Or koti koti parinaam.
परमात्मा आत्मा में रहते हैं। आत्मा और परमात्मा संसार से अलग है। इस बात की साक्षी रामायण भी देती है। सोहंमसि इति ब्रह्म अखंडा दीप शिखा सोई परम प्रचंडा। आत्मा और परमात्मा संसार से अलग अखंड एक रस अद्वैत आनंद स्वरूप है।
महात्मा जी। आपका साक्षात्कार बहुत अच्छा लगा। आप बहुत विद्वान है। एक बड़े भगवद भक्त हैं। फिर भी एक प्रश्न है :- आध्यात्मिकता में कुछ आगे बढ़ चुके लोग अपने नाम के साथ प्रभु , स्वामी , जगद्गुरु आदि लिखते हैं । क्या यह उचित है। क्योंकि प्रभु , स्वामी , जगद्गुरु तो भगवान ही है। और जितंने भी आध्यात्मिक जन साधु , संत , वैरागी , मठाधीश आदि हैं वो सब किसी न किसी देवी , देवता , अथवा भगवान के उपासक, साधक , सेवक ( दास) होते हैं। फिर ये स्वामी, प्रभु , जगद्गुरु किसके होते हैं। कृपया इस पर भी प्रकाश डालिए।
श्रीश्रीराधाकुंजबिहारी भगवान की जय। निताई गौर प्रेमानंदे हरी हरी बोल। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण। गुरुदेव के चरणों में अक्षयरूपी दंडवत प्रणाम।
❤❤🎉🎉❤❤ JAi Shree Krishna Chaitanya maha parnhuji hirdayma basnuhune Shree Hari Krishna bhagwanlai bar bar naman gardaxu suikar kiliy Bhagwan mere Swami mere iswor mere Malik mere data parbhulai lakhu lakh dhanyabad sukriya arpan gardai guruji sangat pariwarma hirday dekhi Koti Koti parnam arpan gardaxu jay gurudev om Guru parmatmany namo namah by Mai Nepal se hu gurudev ❤❤🎉🎉❤❤❤🎉🎉❤❤
When Krishna gave Geeta preaches in battle field.who was noting the discussion. What was the language used. While Sanskrit came in existence after 8th century ad.
कृष्ण भगवान् को आज भी देखा जा सकता है उनके लोक में जाकर। इसके लिए संत शरण में जाये और नाम दान लेकर साधना करो आज भी मिला जा सकता है। मै विज्ञान का विद्यार्थी रहा कुछ नहीं मानते थे जब बाबा जयगुरुदेव जी के पास गया तो मुझे विश्वास नहीं था लेकिन जब साधना की तो बहुत कुछ देखा। जो संसार में कहीं नहीं। अगर आप मिलना चाहते हैं तो अवश्य मिलेगा। यह मेरी गारंटी है
श्री.महंत .जी . आपने जो स्वर्ग का विवेचन किया देवता और परमेश्वर के बीच वो मुझे अच्छा लगा और सही है मगर जो आपने वैकुंठ मे भगवान जी का स्थान बतया ओ सही नही है क्युकी स्वर्ग के आगे 1 स्थान है सत्य,कैलास वैकुंठ ये 3 तिनी स्थानो का एकी स्थान है इसके उपर दो स्थान के बाद चैतन्य आता है उसके उपर का जो स्थान आता है ओ ब्रह्मरूप है उसके परेहि भगवान जी का स्थान रहता है परब्रह्म परमेश्वर! दंडवत प्रणाम
How could you conclude in that way ? God/ Lord Krishna can not be confined in a particular place. Because if so, then God becomes limited. And what is limited in a particular place that is under cause and time. God is omnipresent, omnipotent and He is at the same time nowhere as well as everywhere. So Vedant says, " তত্ তম্ অসি "
सभी मनुष्य आत्माएं एकत्र अंतरिक्ष से परे रहते हैं। अंतरिक्ष से परे ब्रह्म तत्व है। मनुष्य के चिंतन व परिकल्पना से बृहत् है आकाश। आकाश के एक अंश मात्र धरती तत्व पर अपनी आदायगी प्रस्तुत करने आत्माएं आते रहते हैं। जब आत्माएं उस ब्रह्म तत्व से आना खत्म होता है। तब इस धरती पर विनाश भी होता है।
सब पुराणों की कल्पना पर आधारित ज्ञान है। कोई प्रमाण नही। बस गपोड दो कुछ भी। विज्ञान से भक्तों का कोई वास्ता नही। तर्क बुद्धि बाबाओं के यहां बेच आते हैं। भगवत धाम से लौटकर आजतक किसी ने प्रमाण नही दिया।
तू ही बता दे तू इस धरती पर कैसे आया प्रमाणित कर कुछ चीज़ें जीवन चैतन्य लोगों के ही समझ में आती हैं सब की नही जैसे किसी अंधे को लाख बताओ की हरा रंग ऐसा होता वो नही समझ सकता उसके लिए आंखों की जरूरत होती हैं बस चैतन्यता वही आंख हैं बात बहुत गहरीभाईं दोस्त इतनी आसानी से किसी को भी झूठा नही कहना चाहिए।
@@Abhyudayaaaaaaaaaaaa बिना प्रमाण के सब कपोल कल्पना ही कही जाएगी। और इस कल्पना पर दुनिया के सिर्फ 100 करोड़ लोग विश्वास कर सकते हैं। बाकी 700 करोड़ लोगों की अलग मान्यताएं हैं हालांकि प्रमाण उनके पास भी अपनी मान्यताओं के नहीं हैं। सृष्टि की शुरुवात कैसे हुई इसके संबंध में डार्विन के विकासवाद के वैज्ञानिक सिद्धांत सत्यता के काफी समीप लगते हैं। ये सिद्धांत इन कल्पनाओं को पूरी तरह से ध्वस्त कर देती है। इसलिए देश की धार्मिक सरकार ने डार्विन के टॉपिक को पाठ्यक्रम से निकाल दिया है। भेड़चाल चलने के बजाए तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। किसी के कहने भर से बातों को मान लेना मानसिक गुलामी का परिचायक है। ऐसे लोगों को दुनिया मे भक्त कहते हैं और भक्तों के पास बुद्धि विवेक का अभाव ही होता है।
JAI SHREE KRISHNA
BAHUT SUNDAR VARANN KIYA >>AAPNE..
Hare Krishna Radhe Radhe
हरे कृष्ण प्रभु जी दंडवत प्रणाम। बहुत अच्छा विश्लेषण आप ने किया। मेरी एक शंका है, यदि कोई भक्त भगवान की भक्ति करता है, और शुद्ध भक्त नहीं हो पाता, शरीर छोड़ने पर वह ऊंचे लोकों में,जैसे स्वर्ग, लोक महर्लोक, जन लोक, तप लोक सत्य लोक में चले जाय तो उन लोकों में भी भक्ति करके वो वहां से भगवद्धाम जा सकता है, या भगवद्धाम जाने के लिए उसे पुनः इस मृत्युलोक में ही आना पड़ता है, कृपया मार्ग दर्शन कीजिए हरे कृष्ण।
Hare Krishna prabhuji dandavat pranam about hi acha paricharcha.
Hare Krishna 🙏 Bilkul waha se bhi bhakti karke bhagwadham ja sakta hai.
No swarag me bhakti ka fall 0 hai
Bhagwatdha ke liya bhakti karne मनुष्य yonime janam lena hoga???
देवता भी मनुष्य शरीर से आशावान है कि मनुष्य शरीर में लेने पर मैं भी देवता से मोक्ष को प्राप्त हो अतः मोक्ष पाने के लिए मनुष्य शरीर के द्वारा ही भक्ति किया जा सकता है
Jai Shree Krishna
Hare Krishan Prabhu dandvat pranam 🙏
Prabhu ji Aaj ke session सुनने से मुझे बहुत बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ मेरी बहुत सी जिज्ञासा शांत हुई जे मैं शब्दों में नही बता सकती इससे मेरी भक्ति में गंभीरता आएगी
आपका कोटी कोटी धन्यवाद
इस वीडियो को में बहुत जायदा वायरल करूंगी जिसे इसका लाभ सबको प्राप्त हो
हरे कृष्ण 🙏
Radhe Radhe prabhu ji🙏🙏
Radhe krishna ji prabhu
हरी कृष्ण प्रभु ऐसी प्रोग्राम लाती रहा कार्य बहुत अच्छा लगा आनंद आया धन्यवाद
Radhe Radhe
प्रभुजी का ज्ञान अदभुत है सुनकर आनंदआया इन्हे गुरु बनाने का मन करता है
Hare krisana.hare.rama.
जहा सत्य वोहा भगबान है ।
Jigar prabhu ji k prashn bhi bilkul sab k man k hote hai .
Thank you prabhu ji dandwat pranaam
ज़िन्दगी के🚶सफर में गुजर जाते हैं जो🤷मकाम ,
वो फिर नहीं😴आते.....वो फिर नहीं😓आते !👍
🙏🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna! Dandavat pranam prabhuji. Very nice program prabhuji 🙏🙏🙏
Hare krishana
Super👍👍
Apne hamaari ankhe khol di, itna badhia Or esi example de ker apne ji gyan diya hai uske liye apka bahut bahut dhanyavaad Or koti koti parinaam.
Hari bol 😇😇👏
Ram Ram hare Krishna hare Krishna Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna
🙏🙏🙏
Guruji sata koti pranam radhe Krishna radhe Krishna radhe radhe radhe radhe
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ❤❤
सत सत नमन गुरु कृष्ण किशोर महाराज।❤
Aap ka bahot bahot dhanyawad prabhuji 🙏
Hare Krishna 🙏🌹
Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare hare ram hare ram ram ram hare hare
Amazing questions and extraordinary answers.. Thank you prabhuji🙏🙏🙏🙏jaya shree hari jay bholenath🙏🙏🙏🙏🙏
Khub ,sundar
Hare Krishna ❤
Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha 🙏
Jaimataji ki
Hare Krishna Hare Krishna krishna jkrishna hare hare hare ram hare ram ram ram hare hare
Hare krishna prabhuji dandavat pranaam🙏🙏
Jay Shree Krishna 🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Hare Krishna prabhuji dandwat pranam
Hare Krishna prabhuji dandwat pranam 🙏
Hare Krishna Prabhu ji dandvat pranam 🙏
Hare Krishna prabhuji ❤
बहुत सुन्दर प्रस्तुति आपको साधुवाद
Bahut acchi video hai man lagakar sune accha gyan diya logon ko hare krishna hare rama hare hare
Jai shri krishna
🙏🏻🙏🏻
❤
Radha Radha Radha
Hare Krishna Krishna
Hare Krishna 🎉❤🎉
Hare Krishna Prabhu ji
बहोत अच्छे उदाहरण के माध्यम से आपने समझाया प्रभू जी बहोत सुन्दर 👌👌
❣️❣️❣️❣️❣️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हरे कृष्णा ❣️🙏🏻🙏🏻
Hare krisna harekrisna hare ram hare ram hare hare
Hare Krishna prabhuji dandvat pranam...
श्री कृष्णार्पणमस्तु 🙏श्रीराम 🙏
আপনার উপদেশ আমার খুব ভালো লেগেছে। হরেকৃষ্ণ হরেকৃষ্ণ কৃসন কৃসন হরে হরে হরে রাম হরে হরে রাম রাম রাম হরে হরে 🙏🙏🙏
परमात्मा आत्मा में रहते हैं। आत्मा और परमात्मा संसार से अलग है। इस बात की साक्षी रामायण भी देती है।
सोहंमसि इति ब्रह्म अखंडा दीप शिखा सोई परम प्रचंडा।
आत्मा और परमात्मा संसार से अलग अखंड एक रस अद्वैत आनंद स्वरूप है।
Mind blowing... Hare Krishna Dandavata Pranam prabhu ji 🙏
Really??? Religious indoctrination....
Bahot hi sundar
Hare Krishna prabhu ji dandvat pranam
Hare Krishna Parbhu ji main Kamika Akadashi main yeh lecture sun rahi hoon bahut accha laga
Hare Rama Hare Krishna 🕉️📿🙏🔱🙏🚩
❤❤
Namaskar. Jai shri Krishna
कृष्ण प्रभु हमारे कितने जन्म होतें हैं. कृपया सिर्फ आपका आशिर्वाद चाहता हूं. जय श्री राम जय श्री कृष्ण जय श्री गणेश.
बहुत सुन्दर
tu bhut badiya kamm kr raha h .in jesa logo ke bare m video bnaa rah h
Great
महात्मा जी। आपका साक्षात्कार बहुत अच्छा लगा। आप बहुत विद्वान है। एक बड़े भगवद भक्त हैं। फिर भी एक प्रश्न है :- आध्यात्मिकता में कुछ आगे बढ़ चुके लोग अपने नाम के साथ प्रभु , स्वामी , जगद्गुरु आदि लिखते हैं । क्या यह उचित है। क्योंकि प्रभु , स्वामी , जगद्गुरु तो भगवान ही है। और जितंने भी आध्यात्मिक जन साधु , संत , वैरागी , मठाधीश आदि हैं वो सब किसी न किसी देवी , देवता , अथवा भगवान के उपासक, साधक , सेवक ( दास) होते हैं। फिर ये स्वामी, प्रभु , जगद्गुरु किसके होते हैं। कृपया इस पर भी प्रकाश डालिए।
Mera rahene ka tin jaga hai .
1 -khira Sagar ki Baikunth pur .
2-Dhrub mandal se 24 jojan ke upar .
3- patal mein Ananta murati rupiya mein .
Nature is real भगवान.
HARE Krishna
🎉🎉🎉
प्रभू जी का सत्संग कहा होता है
प्रभु जी को दंडवत प्रणाम 🎉
Swargpuri ( Heaven) revolving Golden city above Black Matter
Guru ji ap ka sawal jawab bahut achha luga
जब हम ये सोचते हैं की मुझे सर्वग या किसी और ऊपर के लोक मै जाना है, ये सिद्धांत भी राजो गुण का ही है जहा बचना है वा रजो गुण है
Hare Krishna pranam aapki or gouranga prabhuji ka same voice lage 😊
श्रीश्रीराधाकुंजबिहारी भगवान की जय।
निताई गौर प्रेमानंदे हरी हरी बोल।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
हरे कृष्ण।
गुरुदेव के चरणों में अक्षयरूपी दंडवत प्रणाम।
Every where
Prabhu ji .
Janm.
Karma
Jiwan.
Mirthu.
Moukch.
Ka explain kar digiye.
Nice
Different Religion Love to love Different love they found
अद्भुत ज्ञान मैं तो सदगद हो गया आपको नमन और धन्यवाद
Suraj upar meiy roshni dharti meiy padta hai I am like that ..
❤❤🎉🎉❤❤ JAi Shree Krishna Chaitanya maha parnhuji hirdayma basnuhune Shree Hari Krishna bhagwanlai bar bar naman gardaxu suikar kiliy Bhagwan mere Swami mere iswor mere Malik mere data parbhulai lakhu lakh dhanyabad sukriya arpan gardai guruji sangat pariwarma hirday dekhi Koti Koti parnam arpan gardaxu jay gurudev om Guru parmatmany namo namah by Mai Nepal se hu gurudev ❤❤🎉🎉❤❤❤🎉🎉❤❤
Human to me hai🙏🦋👌🌺🍎🇳🇵
Jay shree krishna guru ji mere man me question hai ki itni aatma ati kaha se hai or qyo
Your sapta Rishi nirban ka aanand le rahe hai .Kratu ,Pulaha etc.
Aavaj bahothiachha hai
Bhagvan antariks me nahi , bhagvan aadmike man me , viswas me , dil me rahte hai .
When Krishna gave Geeta preaches in battle field.who was noting the discussion. What was the language used. While Sanskrit came in existence after 8th century ad.
देखिए भगवान है एक जिंदगी जीने की कला तब जाकर उसको मनुष्य कहते हैं भगवन क्योंकि जो कल है वह इस प्रकृति का दबाव में नहींआएगा
मूरख भगवान विराजमान है
कृष्ण भगवान् को आज भी देखा जा सकता है उनके लोक में जाकर। इसके लिए संत शरण में जाये और नाम दान लेकर साधना करो आज भी मिला जा सकता है।
मै विज्ञान का विद्यार्थी रहा कुछ नहीं मानते थे जब बाबा जयगुरुदेव जी के पास गया तो मुझे विश्वास नहीं था लेकिन जब साधना की तो बहुत कुछ देखा। जो संसार में कहीं नहीं। अगर आप मिलना चाहते हैं तो अवश्य मिलेगा। यह मेरी गारंटी है
महाशय ऐसी भ्रामक तथ्य नहीं फैलाएं ऐसी कोई स्थूल स्वरूप नहीं है , ये सूक्ष्म मानसिक आध्यात्मिक स्तर होते हैं।
श्री.महंत .जी . आपने जो स्वर्ग का विवेचन किया देवता और परमेश्वर के बीच वो मुझे अच्छा लगा और सही है मगर जो आपने वैकुंठ मे भगवान जी का स्थान बतया ओ सही नही है क्युकी स्वर्ग के आगे 1 स्थान है सत्य,कैलास वैकुंठ ये 3 तिनी स्थानो का एकी स्थान है इसके उपर दो स्थान के बाद चैतन्य आता है उसके उपर का जो स्थान आता है ओ ब्रह्मरूप है उसके परेहि भगवान जी का स्थान रहता है परब्रह्म परमेश्वर!
दंडवत प्रणाम
Kamanara binash dukhat binash .
How could you conclude in that way ? God/ Lord Krishna can not be confined in a particular place. Because if so, then God becomes limited. And what is limited in a particular place that is under cause and time.
God is omnipresent, omnipotent and He is at the same time nowhere as well as everywhere. So Vedant says, " তত্ তম্ অসি "
सभी मनुष्य आत्माएं एकत्र अंतरिक्ष से परे रहते हैं। अंतरिक्ष से परे ब्रह्म तत्व है। मनुष्य के चिंतन व परिकल्पना से बृहत् है आकाश। आकाश के एक अंश मात्र धरती तत्व पर अपनी आदायगी प्रस्तुत करने आत्माएं आते रहते हैं। जब आत्माएं उस ब्रह्म तत्व से आना खत्म होता है। तब इस धरती पर विनाश भी होता है।
Ossho
Adhvait vedant sahi hai
Aadi shankaracharya vivekanand, Raman Maharshi ka marg scientific hai
सब पुराणों की कल्पना पर आधारित ज्ञान है। कोई प्रमाण नही। बस गपोड दो कुछ भी। विज्ञान से भक्तों का कोई वास्ता नही। तर्क बुद्धि बाबाओं के यहां बेच आते हैं। भगवत धाम से लौटकर आजतक किसी ने प्रमाण नही दिया।
तू ही बता दे तू इस धरती पर कैसे आया प्रमाणित कर कुछ चीज़ें जीवन चैतन्य लोगों के ही समझ में आती हैं सब की नही जैसे किसी अंधे को लाख बताओ की हरा रंग ऐसा होता वो नही समझ सकता उसके लिए आंखों की जरूरत होती हैं बस चैतन्यता वही आंख हैं बात बहुत गहरीभाईं दोस्त इतनी आसानी से किसी को भी झूठा नही कहना चाहिए।
@@Abhyudayaaaaaaaaaaaa बिना प्रमाण के सब कपोल कल्पना ही कही जाएगी। और इस कल्पना पर दुनिया के सिर्फ 100 करोड़ लोग विश्वास कर सकते हैं। बाकी 700 करोड़ लोगों की अलग मान्यताएं हैं हालांकि प्रमाण उनके पास भी अपनी मान्यताओं के नहीं हैं। सृष्टि की शुरुवात कैसे हुई इसके संबंध में डार्विन के विकासवाद के वैज्ञानिक सिद्धांत सत्यता के काफी समीप लगते हैं। ये सिद्धांत इन कल्पनाओं को पूरी तरह से ध्वस्त कर देती है। इसलिए देश की धार्मिक सरकार ने डार्विन के टॉपिक को पाठ्यक्रम से निकाल दिया है। भेड़चाल चलने के बजाए तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। किसी के कहने भर से बातों को मान लेना मानसिक गुलामी का परिचायक है। ऐसे लोगों को दुनिया मे भक्त कहते हैं और भक्तों के पास बुद्धि विवेक का अभाव ही होता है।