राक्षसी पूतना का अंत कैसे हुआ? | Shri Krishna Janmashtami Scene | Mahabharat | BR Chopra| Pen Bhakti
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- Опубликовано: 12 сен 2024
- राक्षसी पूतना का अंत कैसे हुआ? | Shri Krishna Janmashtami Scene | Mahabharat | B R Chopra | Pen Bhakti
|| श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं ||
कृष्ण पक्ष की अष्टमी अर्धरात्रि बुधवार, कारागृह में कंस के भयो कृष्ण अवतार, भयो कृष्ण अवतार, सिंह राशि के सूर्य है उदित उच्च के चंद्र। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
Mahabharat is an Indian television series based on the Hindu epic.
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Produced & Directed By - B.R. Chopra
Music Composer - Raj Kamal
Script - Rahi Masoom Raza
Presented By - PEN Studios
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Jis Krishna ke andar unke Baal roop me hi itni takat thi ki woh choti si umar itne shaktishali khatarnak rakshaso ko maar dete the aur aur apni sirf ek hi ungli se woh ek badhe parwat ko utha lete the socho unke andar me badhe hone ke baad me kitni takat rahi hogi 😳❤️
Jai Surya Dev ❤💖😘
🙏🚩🙏 Jay Kanhaiya Lal ki hathi ghoda paalki ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🙏💐💐💐🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺😀😀😀😀😀😀😀😀
Happy Birthday DaDa kishan ji 🙏🙏🙏
देवभुमा आज भरी हे रगोसे नगरमे ढोल नगारे बजेहे
Jai Shree Krishna ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Jai Jai Shree Krishna radhe radhe radhe krishna
श्री कृष्ण जन्मदिवस व उत्सव की हार्दिक शुभकामनाए..
.."जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे
जान बाक़ी है मगर साँस रुकी हो जैसे"..
..keep you good news to yourself;not everyone genuinely happy for you..
.."कैसे थे लोग जिन की ज़बानो मे नूर था
अब तो तमाम झूट है सच्चाइयो मे भी"..
मोहर सोनेकि हे मोरमे शीवका वाआस हे सूनेरा मुकुट किरीशन के सुनारा मुकुड नारायेन सूरे के किरनो से ही तेज हो हे मोर भारत हासतीना पुर कि एक सोनेके बारा गराम का शीका हे मोर मे एक रुप सतरगहे ढग आये तोही मोहर का मन मोहक होता हेराजे कि देकभाल शीव करते हेपुरवज गुरूके आशीरवादसे चसले सारा संसार सतीका हे
🙏🙏🙏🙏🙏 Jay Kanhaiya Lal ki hathi ghoda paalkiji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भारत रत में भुतांना एक गर्दी नारी का पानी संता हे हिर एक एक दो भाग हे ही त्या भुतांना का जन्म दररीती हे ही हूवा हे पानि के दो कलर हे नारी का पानी ही समुद्र में मीलता हे धौनेमे इंसान के कर्म का पिनीसे वायर्स आंगणे हे बाहर जाते हे वो वायरस हे भतनाका जन्म हूवा हे सारे गावकि गधगी भुतनाके जीसम में समाधी हेभुतना राकेसको जन्म देती हे राकेसनी शनिदेव को भरती हे शनीआवतार शीव का ही हे
भुतनाका जनम नालीसे हूवा हे नालीकि गद हे वूसमे गलत शरीर का धोयाभार भागे मे भुतनाका हे नकटी हे रेकेसनी हे राकेसोकि ईन हे गदी वीचार के वीचा गलतहे सते के सात रहे तो सत का गयान मीलता हे गलतको गलत ही दीकाये देते हे भूतना सुपनका हे एक बारा साया हे आचाई मे बुरी सोच रकने विले कूच लोग रथे हे हे सते हे आचाई बराई एक ही जका हे राज कि चेनाव हे चुनाव का भाव भगतिके सग हे सते के सतरि लोग कोन हे ईसीके सात सता बाठि जाती हे सच का साम ना मनसे हि पेचान हे राज कि सवीके सात कितने लोजकि जनम कुडली मीलाई जाति हे कुडली के दो आग हे बठवाडा हे सते का कवुसके सात कोन हे किरीशनके सात सता हे रगमे रग गये लोग नगर मे खेले होली रगोकी रगमे रकतका कलर लाल लाये हे धयाडि फोढे हे पथरसे पथर ही शीव शे मिले रग रगीले लोग हे इवधमे आज रगने वाले हे कुच लोग हे काना के रगभुमी हे चकर चले आज किलकि वोर हे देव भूमी हेमेरी एक माती मा हेसारा राजे कनयाका हेराजका कनयालाल की जे जेकनया लाल कि जेजेजे
भुतनाभोत बडी हे सबकि गदगी वूसके जीसमे हे वो हामेशा सोई रहेति हे वूसके जीसमे कीडे हे नाशनि हे भुतं नी हे गावकि सारे बचे मारनेकि वुसका एक लक शहेसते को मारनेके लीये राकेस भुतनाको महामारी करने का काम सोपते हे पतादीशा का देते हे धूरपती सिता माई जगती हे जगको बचाने को करम धरम जीवत मीरतु दो नोमे एक ईवध होता हे सती आपनेमे आपने बचेमे संत पुरवज का गयान मान शकति जगाति हे आपने युकतिका नसतमाल करती हे नाकेस भुतनाको शकती हे शकतीका बुरा वुपयोग करते हेयूकतिका शकतीका भगतीका हे एक सतीके तीन रुप हेआपनी युकतिकी सते भाव भारत जगके लीये हे सवीको स ई का गयान हो हे भगतीका केती हे तीनो एक हे