Kiya Hua Jab God Or Insan ke Bich Hui wrestling|| Atif Rayan ||

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  • Опубликовано: 3 янв 2025

Комментарии • 21

  • @rehan_khan955
    @rehan_khan955 11 месяцев назад +1

    ATIF Reyyan 🎉

  • @AlAnsar0
    @AlAnsar0 11 месяцев назад +1

    ATIF BHAI Rock 💪 Jewish Shock 😲

  • @AcknowledgeIslam
    @AcknowledgeIslam 11 месяцев назад

    Zabardast

  • @etihaadresponds
    @etihaadresponds 11 месяцев назад

    Masha Allah Atif Bhai Zabardast ❤️❤️❤️

    • @Tiger00078
      @Tiger00078 10 месяцев назад +1

      Assalamualaikum amir bhai ❤
      Ye padna jo deya he sanatni punarjanam ka bolne he unke leye,

    • @Tiger00078
      @Tiger00078 10 месяцев назад +1

      स वेदैतत् परमं ब्रह्म धाम उपासते यत्र विश्वं निहितं भाति शुभ्रम्। पुरुषं ये ह्यकामा- स्ते शुक्रमेतदतिवर्तन्ति धीराः ॥ १ ॥
      २७४ page
      ईशादि नौ उपनिषद्
      [ मुण्डक ३
      सः- वह (निष्कामभाववाला पुरुष); एतत्-इस; परमम् परम; शुभ्रम्-विशुद्ध
      (प्रकाशमान); ब्रह्म धाम ब्रह्मधामको; वेद जान लेता है; यत्र जिसमें; विश्वम् सम्पूर्ण जगत्; निहितम् स्थित हुआ; भाति प्रतीत होता है; ये हि जो भी कोई; अकामाः निष्काम साधकः पुरुषम् उपासते परमपुरुषकी उपासना करते हैं; ते-वे; धीराः बुद्धिमान्; शुक्रम्-रजोवीर्यमय; एतत्-इस शरीरको; अतिवर्तन्ति-अतिक्रमण कर जाते हैं॥ १॥
      व्याख्या - थोड़ा-सा विचार करनेपर प्रत्येक बुद्धिमान् मनुष्यकी समझमें यह बात आ जाती है कि इस प्रत्यक्ष दिखायी देनेवाले जगत्के रचयिता और परमाधार कोई एक परमेश्वर अवश्य हैं। इस प्रकार जिनमें यह सम्पूर्ण जगत् स्थित हुआ प्रतीत होता है, उन परम विशुद्ध प्रकाशमय धामस्वरूप परब्रह्मपरमात्माको समस्त भोगोंकी कामनाका त्याग करके निरन्तर उनका ध्यान करनेवाला साधक जान लेता है। यह बात निश्चित है कि जो मनुष्य उन परम पुरुष परमात्माकी उपासना करते हैं और एकमात्र उन्हींको चाहते हैं, वे सर्वथा पूर्ण निष्काम होकर रहते हैं। किसी प्रकारके भोगोंमें उनका मन नहीं अटकता, अतः वे इस रजोवीर्यमय शरीरको लाँघ जाते हैं। उनका पुनर्जन्म नहीं होता। इसीलिये उन्हें बुद्धिमान् कहा गया है; क्योंकि जो सार वस्तुके लिये असारको त्याग दे वही बुद्धिमान् है ॥ १ ॥

    • @Tiger00078
      @Tiger00078 10 месяцев назад +1

      स वेदैतत् परमं ब्रह्म धाम उपासते यत्र विश्वं निहितं भाति शुभ्रम्। पुरुषं ये ह्यकामा- स्ते शुक्रमेतदतिवर्तन्ति धीराः ॥ १ ॥
      २७४ page
      ईशादि नौ उपनिषद्
      [ मुण्डक ३
      सः- वह (निष्कामभाववाला पुरुष); एतत्-इस; परमम् परम; शुभ्रम्-विशुद्ध
      (प्रकाशमान); ब्रह्म धाम ब्रह्मधामको; वेद जान लेता है; यत्र जिसमें; विश्वम् सम्पूर्ण जगत्; निहितम् स्थित हुआ; भाति प्रतीत होता है; ये हि जो भी कोई; अकामाः निष्काम साधकः पुरुषम् उपासते परमपुरुषकी उपासना करते हैं; ते-वे; धीराः बुद्धिमान्; शुक्रम्-रजोवीर्यमय; एतत्-इस शरीरको; अतिवर्तन्ति-अतिक्रमण कर जाते हैं॥ १॥
      व्याख्या - थोड़ा-सा विचार करनेपर प्रत्येक बुद्धिमान् मनुष्यकी समझमें यह बात आ जाती है कि इस प्रत्यक्ष दिखायी देनेवाले जगत्के रचयिता और परमाधार कोई एक परमेश्वर अवश्य हैं। इस प्रकार जिनमें यह सम्पूर्ण जगत् स्थित हुआ प्रतीत होता है, उन परम विशुद्ध प्रकाशमय धामस्वरूप परब्रह्मपरमात्माको समस्त भोगोंकी कामनाका त्याग करके निरन्तर उनका ध्यान करनेवाला साधक जान लेता है। यह बात निश्चित है कि जो मनुष्य उन परम पुरुष परमात्माकी उपासना करते हैं और एकमात्र उन्हींको चाहते हैं, वे सर्वथा पूर्ण निष्काम होकर रहते हैं। किसी प्रकारके भोगोंमें उनका मन नहीं अटकता, अतः वे इस रजोवीर्यमय शरीरको लाँघ जाते हैं। उनका पुनर्जन्म नहीं होता। इसीलिये उन्हें बुद्धिमान् कहा गया है; क्योंकि जो सार वस्तुके लिये असारको त्याग दे वही बुद्धिमान् है ॥ १ ॥

  • @Islam-is-Truth102
    @Islam-is-Truth102 11 месяцев назад

    Masha Allah ❤ ❤❤❤bhaiya

  • @salmaghazal4623
    @salmaghazal4623 10 месяцев назад +1

    Allah se kushti.... astaghfirullah.... ... kya bole, na hasi aati hai or na thik se rona aata hai... mai soch rahi hu jo isko follow karte hain vo kitne confusion me rehte honge
    Alhamdulillah ke Allah ne hame maa ki god me kalma ata kiya

  • @KattarMuslim-b4x
    @KattarMuslim-b4x 11 месяцев назад

    Atif reyyan❤

  • @JamesCameron881
    @JamesCameron881 11 месяцев назад +1

    Waah Atif Bhai Zabardast Atif Bhai Mja Aa Gya 😂

  • @sameersiddique12340
    @sameersiddique12340 11 месяцев назад

    Asslam alikum

  • @GyanArsh
    @GyanArsh 10 месяцев назад

    😂😂😂😂😂😂😂😂

  • @Kamransmgp0
    @Kamransmgp0 10 месяцев назад

    Assalam walaikum
    Meri gujaris hai mere bete ko sudhar dijie

  • @mdarsh0713
    @mdarsh0713 10 месяцев назад

    😂😂😂

  • @MohsinKhan-ix8bh
    @MohsinKhan-ix8bh 11 месяцев назад

    Yar isme aamir haq bhai hone chaiye the unki speciality hai

  • @TheEagleOfficial
    @TheEagleOfficial 11 месяцев назад

    Bhai WhatsApp bandh hai aapka ??

    • @halalroaster.2.0
      @halalroaster.2.0  11 месяцев назад

      Ji

    • @TheEagleOfficial
      @TheEagleOfficial 11 месяцев назад

      @@halalroaster.2.0 are to raabta kaise Karu

    • @Tiger00078
      @Tiger00078 10 месяцев назад

      ​स वेदैतत् परमं ब्रह्म धाम उपासते यत्र विश्वं निहितं भाति शुभ्रम्। पुरुषं ये ह्यकामा- स्ते शुक्रमेतदतिवर्तन्ति धीराः ॥ १ ॥
      २७४ page
      ईशादि नौ उपनिषद्
      [ मुण्डक ३
      सः- वह (निष्कामभाववाला पुरुष); एतत्-इस; परमम् परम; शुभ्रम्-विशुद्ध
      (प्रकाशमान); ब्रह्म धाम ब्रह्मधामको; वेद जान लेता है; यत्र जिसमें; विश्वम् सम्पूर्ण जगत्; निहितम् स्थित हुआ; भाति प्रतीत होता है; ये हि जो भी कोई; अकामाः निष्काम साधकः पुरुषम् उपासते परमपुरुषकी उपासना करते हैं; ते-वे; धीराः बुद्धिमान्; शुक्रम्-रजोवीर्यमय; एतत्-इस शरीरको; अतिवर्तन्ति-अतिक्रमण कर जाते हैं॥ १॥
      व्याख्या - थोड़ा-सा विचार करनेपर प्रत्येक बुद्धिमान् मनुष्यकी समझमें यह बात आ जाती है कि इस प्रत्यक्ष दिखायी देनेवाले जगत्के रचयिता और परमाधार कोई एक परमेश्वर अवश्य हैं। इस प्रकार जिनमें यह सम्पूर्ण जगत् स्थित हुआ प्रतीत होता है, उन परम विशुद्ध प्रकाशमय धामस्वरूप परब्रह्मपरमात्माको समस्त भोगोंकी कामनाका त्याग करके निरन्तर उनका ध्यान करनेवाला साधक जान लेता है। यह बात निश्चित है कि जो मनुष्य उन परम पुरुष परमात्माकी उपासना करते हैं और एकमात्र उन्हींको चाहते हैं, वे सर्वथा पूर्ण निष्काम होकर रहते हैं। किसी प्रकारके भोगोंमें उनका मन नहीं अटकता, अतः वे इस रजोवीर्यमय शरीरको लाँघ जाते हैं। उनका पुनर्जन्म नहीं होता। इसीलिये उन्हें बुद्धिमान् कहा गया है; क्योंकि जो सार वस्तुके लिये असारको त्याग दे वही बुद्धिमान् है ॥ १ ॥