इस गीत को सुनकर मन आत्मविश्वास से भर उठता है.....! जब मैंने पहली बार इस गीत को आंखें बंद करके और कानों में headphones 🎧 लगा कर सुना तो मानो मेरे अब तक के जीवन का स्मरण हो गया 🥹 आत्ममुग्ध और आनंदित करने वाला गीत..! धन्यवाद भाईसाहब 🙌 एक साधारण स्वयंसेवक ❤️
परम आदरणीय श्री निंबाराम जी भाई साहब जी को वंदन... राष्ट्र सेवा और सनातन संस्कृति के पथ को युवाओं और प्रदेश में दर्शाने वाले महान व्यक्तित्व के धनी परम आदरणीय भाई साहब जी... वंदे सनातन जय मां भारती 🙏🏼🙏🏼
हम सभी राष्ट्र भक्तों के अति सम्माननीय एवम् आदरणीय श्री बलराम केशवराव हेडगेवार जी के श्री चरणों में हम सभी का बारंबार प्रणाम है, नमन है जी, जय विजय हिन्द वन्दे मातरम्.❤❤🎉
चल पड़े पैर जिस ओर पथिक, उस पथ से फिर डरना कैसा यह रुक-रुक कर बढ़ना कैसा २ चल पर पैर जिस ओर पथिक... हो कर चलने को उद्यम तुम, ना तोड़ सके बंधन घर के २ सपने सुख वैभव के राही, ना छोड़ सके अपने उर के । जब शोलों पर ही चलना है २, पग फूँक- फूँक रखना कैसा ।।1।। यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा २, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक... पहले ही तुम पहचान चुके, यह पथ तो काँटो वाला है। पग-पग पर पड़ी शिलाएँ हैं, कंकड़ मय गड्ढों वाला है। दुर्गम पथ अँधियारा छाया २, फिर मखमल का सपना कैसा ।।2।। यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा २, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक २... होता है प्रेम फकीरी से, इस पथ पर चलने वालों को पथ पर बिछ जाना पड़ता है, इस पथ पर चलने वालों को अपने सुख को खोने आकर २, यह सुख दुख का रोना कैसा।।3।। यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा २, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक २ यह रुक रुक कर बढना कैसा, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक इस पथ पर बढ़ने वालों को, बढ़ना ही है केवल आता आती जो जग में बाधायें, उनसे बस लड़ना ही आता। तुम भी जब चलते उस पथ पर २, फिर रुकना और झुकना कैसा।।4। यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा ५...
हमेशा प्रेरित करने वाला गीत, हमेशा प्रेरित करने वाले परम् आदरणीय क्षेत्र प्रचारक जी के मुखारविंद से सुनकर अप्रतिम सुकून मिला। बार बार सुनने का मन करता है। प्रणाम 🙌🙌🙌
चल पड़े पैर जिस ओर पथिक उस पथ से फिर डरना कैसा यह रुक-रुक कर बढ़ना कैसा होकर चलने को उद्यत तुम ना तोड़ सके बन्धन घर के सपने सुख वैभव के राही ना छोड़ सके अपने उर के। जब शोलों पर ही चलना है पग फूँक-फूँक रखना कैसा॥१॥ पहले ही तुम पहचान चुके यह पथ तो काँटों वाला है। पग-पग पर पड़ी शिलाएँ है कंकड़ मय काँटों वाला है। दुर्गम पथ अंधियारा छाया फिर मखमल का सपना कैसा॥२॥ होता है प्रेम फकीरी से इस पथ पर चलने वालों को पथ पर बिछ जाना पड़ता है इस पथ पर बढ़ने वालों को अपने सुख को खोने आकर यह सुख-दुख का रोना कैसा॥३॥ वह माल मलीदे दूर रहे रोटी के भी पड़ते लाले मखमल रेशम के बदले में चिथड़ों से हैं पड़ते पाले। यह राह भिखारी बनने की सुख वैभव का सपना कैसा॥४॥ इस पथ पर बढ़ने वालों को बढ़ना ही है केवल आता। आती जो मग में बाधाएँ उनसे बस लड़ना ही आता। तुम भी जब चलते उस पथ पर फिर रुकना औ झुकना कैसा॥५॥
स्वर में जैसे साक्षात् माता भगवती सरस्वती विराजमान हो।
कभी लगता है आज के ऋषि मुनी संघ के प्रचारक ही है ❤
जय हिन्द, जय भारत।।
वंदे मातरम्, भारत माता की जय।।
जय हिन्द, जय हिन्द की सेना।।❤
जय मां भारती, मां भारती के लाडले सपूत भाई साहब निम्बाराम जी को सादर प्रणाम
विराट संघ के ओजस्वी कार्यकर्ता...प्रणाम भाईसाहब जी ...जय हिन्द.
भाईसाब के स्वर में उनका समर्पण भाव स्पष्ट परिलक्षित होता है--संघ कार्यकर्ताओं के लिए अद्वितीय गीत🙏🏻🚩
गर्व है में भी RSS me hu ❤❤❤❤❤
जय मां भारती 🙏 🚩
आदरणीय निंबाराम जी भाई साहब के हर संघ गीत में नूतन ऊर्जा का संचार होता है।
पहली बार यह गीत कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम कोटा में सुना था। मन प्रसन्न हो जाता है। यह गीत सुनकर।❤❤🚩🚩
मैने भी 🚩🙏
Kv .1 गण क्रमांक 61🚩
❤
राम राम
मेने भी प्रारंभिक शिक्षा वर्ग में
इस गीत को सुनकर मन आत्मविश्वास से भर उठता है.....!
जब मैंने पहली बार इस गीत को आंखें बंद करके और कानों में headphones 🎧 लगा कर सुना तो मानो मेरे अब तक के जीवन का स्मरण हो गया 🥹
आत्ममुग्ध और आनंदित करने वाला गीत..! धन्यवाद भाईसाहब 🙌
एक साधारण स्वयंसेवक ❤️
परम आदरणीय श्री निंबाराम जी भाई साहब जी को वंदन...
राष्ट्र सेवा और सनातन संस्कृति के पथ को युवाओं और प्रदेश में दर्शाने वाले महान व्यक्तित्व के धनी परम आदरणीय भाई साहब जी...
वंदे सनातन
जय मां भारती 🙏🏼🙏🏼
मां शारदा का आप पर हमेशा आर्शीवाद बना रहे जय मां भारती 🚩🚩🚩
🙏🙏 ऐसा महत्वपूर्ण संघ की सुरुआत करने वालों महान लोगों को हार्दिक नमन।
युग की ये ही चुनौती मेरे हिंदू भाईयो को एक करना
इसे महान कार्य करने वाले सभी महापुरुषों को मेरा नमन 🙏
जय हिन्द जय भारत
हम सभी राष्ट्र भक्तों के अति सम्माननीय एवम् आदरणीय श्री बलराम केशवराव हेडगेवार जी के श्री चरणों में हम सभी का बारंबार प्रणाम है, नमन है जी, जय विजय हिन्द वन्दे मातरम्.❤❤🎉
आर. एस. एस. गित.उपनिषद और संविधान. कोई वकिल देस्त ऐवज नाही.
बल्की जिवन पध्दती है.
चल पड़े पैर जिस ओर पथिक, उस पथ से फिर डरना कैसा
यह रुक-रुक कर बढ़ना कैसा २
चल पर पैर जिस ओर पथिक...
हो कर चलने को उद्यम तुम, ना तोड़ सके बंधन घर के २
सपने सुख वैभव के राही, ना छोड़ सके अपने उर के ।
जब शोलों पर ही चलना है २, पग फूँक- फूँक रखना कैसा ।।1।।
यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा २, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक...
पहले ही तुम पहचान चुके, यह पथ तो काँटो वाला है।
पग-पग पर पड़ी शिलाएँ हैं, कंकड़ मय गड्ढों वाला है।
दुर्गम पथ अँधियारा छाया २, फिर मखमल का सपना कैसा ।।2।।
यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा २, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक २...
होता है प्रेम फकीरी से, इस पथ पर चलने वालों को
पथ पर बिछ जाना पड़ता है, इस पथ पर चलने वालों को
अपने सुख को खोने आकर २, यह सुख दुख का रोना कैसा।।3।।
यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा २, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक २
यह रुक रुक कर बढना कैसा, चल पड़े पैर जिस ओर पथिक
इस पथ पर बढ़ने वालों को, बढ़ना ही है केवल आता
आती जो जग में बाधायें, उनसे बस लड़ना ही आता।
तुम भी जब चलते उस पथ पर २, फिर रुकना और झुकना कैसा।।4।
यह रुक रुक कर बढ़ना कैसा ५...
❤❤ अति सुंदर वाणी😊
सभी हिंदु युवा संघ से जुड़े जय श्री राम
जय श्री राम।।🎉
बहुत ही प्रबुद्ध और प्रेरणादायक गीत है और हिन्दू राष्ट्र के लिए उर्जा का संचार होगा ।
जय राम की भाईसाहब जी. ..
आदरणीय भाईसाहब को प्रणाम
सुकूनदेह मधुर गीत 🚩
अति सुन्दर भाईसाब 🎉❤😊
संघ शक्ति 🚩
राष्ट्र साधक को नमन। मुझे गर्व है कि मैं संघ का स्वयं सेवक हूं।
बहुत ही सुंदर। अहोभाग्य हमारा कि हम संघ के स्वयंसेवक है।
Jai jai koti भुजस्विनी माता को भी वाद्य सहित स्वर देवें तो और भी आनंद आ जायेगा भाई साहब
हमेशा प्रेरित करने वाला गीत, हमेशा प्रेरित करने वाले परम् आदरणीय क्षेत्र प्रचारक जी के मुखारविंद से सुनकर अप्रतिम सुकून मिला। बार बार सुनने का मन करता है।
प्रणाम 🙌🙌🙌
चल पड़े पैर जिस ओर पथिक उस पथ से फिर डरना कैसा
यह रुक-रुक कर बढ़ना कैसा
होकर चलने को उद्यत तुम ना तोड़ सके बन्धन घर के
सपने सुख वैभव के राही ना छोड़ सके अपने उर के।
जब शोलों पर ही चलना है पग फूँक-फूँक रखना कैसा॥१॥
पहले ही तुम पहचान चुके यह पथ तो काँटों वाला है।
पग-पग पर पड़ी शिलाएँ है कंकड़ मय काँटों वाला है।
दुर्गम पथ अंधियारा छाया फिर मखमल का सपना कैसा॥२॥
होता है प्रेम फकीरी से इस पथ पर चलने वालों को
पथ पर बिछ जाना पड़ता है इस पथ पर बढ़ने वालों को
अपने सुख को खोने आकर यह सुख-दुख का रोना कैसा॥३॥
वह माल मलीदे दूर रहे रोटी के भी पड़ते लाले
मखमल रेशम के बदले में चिथड़ों से हैं पड़ते पाले।
यह राह भिखारी बनने की सुख वैभव का सपना कैसा॥४॥
इस पथ पर बढ़ने वालों को बढ़ना ही है केवल आता।
आती जो मग में बाधाएँ उनसे बस लड़ना ही आता।
तुम भी जब चलते उस पथ पर फिर रुकना औ झुकना कैसा॥५॥
अति सुन्दर आवाज भाई साहब जी 🚩
यह गीत प्रथम बार कार्यकर्ता विकास वर्ग कोटा में सुना था। वाकई मन को सुकुन देने वाला गीत है
Bharat Mata ki Jay jay garudev 🙏🚩
आदरणीय निम्बाराम जी भाईसाहब
वन्दे मातरम् जय श्री राम।
चरैवेति चरैवेति
भाईसाहब द्वारा बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ये गीत भी बहुत सुंदर में राशमी चित्तौड़गढ़ से ❤
इस गीत की बहुत समय से प्रतीक्षा थी
वाह! भाई साहब किया गीत गाया है आपने, अद्भुत। मैं भी एक स्वयंसेविका हूं।🙏⛳⛳
क्या स्वर दिया है, भाई साहब, जय हो..
गीत और जीवन एक समान उदहारण केवल संघ में ही संभव है
बहुत ही आनंददायी... जय भारत माता 🇮🇳
Jai shree Ram
Jai hind 🇮🇳🇮🇳 Jay shree Ram Jai Jai guru dev 🎉🎉🎉
संघ के सभी प्रचार जीवन जीने वाले भाई साहब को सत सत नमन मुझे भी गर्व है कि मैं एक स्वयंसेवक हूं
संघ शक्ति सर्वोपरी भारत माता कि जय RSS ❤❤❤🎉🚩🙏
रास्ता अगर कांटों का चुन लिया, फिर डरना कैसा।
Fantastic song 🙏🥰
परमवैभवनेतुतम भारत माता की जय
❤
संघ शक्ति कलियुगे 🚩
जय माँ भारती 🚩
Jay Hindu rashtrawad Jay Shri Ram 🚩🚩🚩🚩🙏🙏
Jai Maa Bharti 🙏
निवण प्रणाम भाई साहब
❤❤❤
जय श्री राम
वन्दे मातरम् ❤❤
Jay ho
Jai shree Ram 🙏🏻🚩🕉️
शानदार भाई साहब निम्बाराम जी ❤
🎉 अद्भुत
Wahhh
Bhut shandar
Jai Hind Jai Bharat
आदरणीय भाई साहब, ,,सादर प्रणाम 🙏 🚩
Jai BHARATH Jai ho 🙏
आनंद और प्रेरक गीत।
हे पथिक कभी न रुकना।
कोटी कोटी प्रणाम जय मा भारती भाई साहब
मन को झकझोर करने वाला गीत
जोरदार
Sangh Sakti ki Joy Rastriy Ekta ki Joy Bharat Mata ki Joy 🎉❤🎉😮❤😮🎉Joy Hind🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
Dil khus hua by m.l. saklley (khatirye lodha)
बहुत बहुत बधाई भाईसाहब 🎉❤😊
प्रेरणादायक ❤
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩🚩🚩 भैया जी प्रणाम 🚩🚩🚩🚩
Proud to be a bhartiya ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
वन्दे मातरम्
Bharat mata ki jay
Jay mathrubhumi 🙏
बहुत सुंदर। वन्दे मातरम् भाईसाहब जी
यह गीत कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम मे प्रभात जागरण मे सुनना अत्यन्त आनंद महसूस होता था
🚩🕉🙏
प्रेरक एवं विचार को दृढ़ करने की प्रेरणा की सुन्दर प्रस्तुति
आदरणीय भाई साहब को कोटि कोटि प्रणाम
आदरणीय भाईसाब को प्रणाम 🙏
देश हित सर्वोपरि मानते हुए
बहुत सुंदर भाईसाब ❤
भाई साहब बहुत सुन्दर गाते है ❤❤
अति सुन्दर ❤❤
जय श्री राम 🙏🙏
❤
संघ कार्य विस्तार दृढ़ीकरण का ध्येय गीत.....
Dhanyavadamulu 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
वंदे मातरम्। भारत माता की जय।
भाई साहब को सादर प्रणाम
बहुत सुन्दर
Jay shree ram
❤🚩👏🏻
🎉🎉🎉🎉🎉NAMASKAR 🎉🎉🎉🎉
भाईसाहब
जय मां भारती
सात्विक, आत्मिक प्रेम की गंगा,,,,,,संघ,,,,,,
जय श्री राम 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर,
जय श्री राम
अति मधुर वाणी ❤
शानदार संगीत
बहुत ही बढ़िया
नमस्कार बहुत सुंदर पणक्तिया तथा स्वर अप्रतिम.