अनहद नाद: कैसे पहचानें सही आवाज़ ध्यान में?

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  • Опубликовано: 11 янв 2025

Комментарии • 133

  • @bhupinderjuss6829
    @bhupinderjuss6829 6 дней назад

    Informative chapter

  • @MrANILSAIN
    @MrANILSAIN 15 дней назад

    Prabhu ji ❤

  • @bimlakumari6679
    @bimlakumari6679 19 дней назад

    Radha Soami ji. Thanks ji ਸਾਨੂੰ ਸਮਝਾਉਣ ਵਾਸਤੇ।

    • @Santmatt
      @Santmatt  19 дней назад

      🙏🏻🙏🏻

  • @Mannat1946
    @Mannat1946 Месяц назад +4

    Aapke sabhi videos boht gyanvardhak hote hai . Boht dhanyawad 🙏

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      Regards 🙏🏻

  • @gautamgohel2097
    @gautamgohel2097 25 дней назад +1

    Jay guru dev

  • @ratnamishra7492
    @ratnamishra7492 14 дней назад

    Pranam gurudev aj ki jankari mere liye bahut mahtva purn hai .mai bhi bahut samay se ek hi awaz par ruki hun .agle video ka intajar hai .🎉🎉

    • @Santmatt
      @Santmatt  14 дней назад

      प्रणाम! आपके प्रेम और समर्पण के लिए हार्दिक धन्यवाद। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आज की जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण रही। साधना में धैर्य और एकाग्रता बनाए रखना ही आपकी प्रगति की कुंजी है। आपकी जिज्ञासा और समर्पण देखकर बहुत खुशी होती है। अगले वीडियो में और भी गहन जानकारी आपके साथ साझा करूंगा। आपका समर्थन और विश्वास इसी तरह बना रहे। 🎉🙏✨

  • @jasbirkaur3529
    @jasbirkaur3529 Месяц назад +1

    Very informative 🙏🏼

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      🙏🏻🙏🏻

  • @RanmalbhaiAhir-g1x
    @RanmalbhaiAhir-g1x Месяц назад

    Jay ho

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      🙏🏻🙏🏻

  • @bandananeupanae5518
    @bandananeupanae5518 Месяц назад

    Thanks guru ji

  • @neelamgaur385
    @neelamgaur385 Месяц назад +1

    🙏🙏🙏🙏

  • @Luckygill08
    @Luckygill08 Месяц назад

    Amazing 👏

  • @mukesyopar2989
    @mukesyopar2989 Месяц назад

    Radha Soami Ji

  • @basantwadekar7426
    @basantwadekar7426 Месяц назад

    बिल्कुल सही कहा है नाद को आज्ञा चक्र पर ही महसूस करना चाहिए

  • @shripalchauhan8562
    @shripalchauhan8562 17 дней назад

    *सदगुरु कबीर के अमृत वचन*
    संतों सो सद्गुरु मोंहि भावें,
    जो आवागमन मिटावें।।टेक
    डोलत डींगे न बोलत बिसरे,
    अस उपदेश दृढावै।
    बिना श्रम हठ क्रिया से न्यारा,
    सहज समाधि लगावै।।१
    *द्वार निरोध पवन नहीं रोके,*
    *नहीं अनहद उरझावै।*
    *ये मन जहां जाय तहाँ निर्भय,*
    *समता से ठहरावै।।२*
    कर्म करें और रहे अकर्मी ,
    ऐसी युक्ति बतावै।
    सदा आनंद फंद से न्यारा,
    भोग मे योग सिखावै।।३
    तज धरती आकाश अधर में,
    प्रेम मड़ैया छावै ।
    ज्ञान शिखर की मुक्ति शिला पर,
    आसन अचल जमावै।।४
    बाहर भीतर एक हि देखे,
    दूजा भाव न आवे।
    कहै कबीर सद्गुरु सोई सांचा,
    घट में अलख लखावै।।4।।
    साहेब बंदगी साहेब
    **********************

  • @jayabenprajapati6881
    @jayabenprajapati6881 Месяц назад

    थैंक्स सर मेरा भी यही प्रश्न था बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏🙏

  • @bharamgyaan8935
    @bharamgyaan8935 Месяц назад

    Brahma Gyaan Dhyaan omkarom kar OM 🕉

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      🙏🏻🙏🏻

  • @RajinderKumar-qk1dq
    @RajinderKumar-qk1dq 29 дней назад

    Radha Swami ji Rajinder Kumar Jammu

  • @visharanjansarkar8085
    @visharanjansarkar8085 Месяц назад

    Gurudev pranam rasta dikhane ke liye dhanyvad aapko

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      Regards🙏🏻🙏🏻

  • @Bhartiyvoter143
    @Bhartiyvoter143 Месяц назад +1

    राधास्वामी जी एक असमंजस को समझ में ला दिया 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹

  • @PANKAJMISHRA-df7tu
    @PANKAJMISHRA-df7tu 13 дней назад

    Mujhe assi awaaz aati h jaisa tillchata krta h.... Ghanti jaise awaaz kaan se aati ... Or mera mind sunn ho jaata h or jittna usspe dhyaan deta hu uttna zyadda mera sir vibrate krta h

    • @Santmatt
      @Santmatt  13 дней назад

      यह अनुभव अनहद नाद हो सकता है, जो आध्यात्मिक साधना में एक महत्वपूर्ण अवस्था का संकेत देता है। अनहद नाद एक दिव्य ध्वनि है, जिसे आंतरिक चेतना के गहरे स्तरों पर सुना जा सकता है। यह आपकी साधना और आत्मा के जागरण का प्रतीक हो सकता है। इसे ध्यान और आत्मिक अनुभवों के माध्यम से और अधिक समझने की कोशिश करें।
      कृपया अपने गुरु से इस अनुभव के बारे में चर्चा करें, क्योंकि गुरु ही इस प्रकार के सूक्ष्म अनुभवों का सही मार्गदर्शन कर सकते हैं। यदि आपके पास कोई गुरु नहीं है, तो प्रार्थना करें और अपनी साधना जारी रखें, इससे आपको पूर्ण गुरु की प्राप्ति का मार्ग मिल सकता है।
      यदि यह अनुभव आपको असहज कर रहा है या आपके दैनिक जीवन में परेशानी पैदा कर रहा है, तो किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श लेना उपयोगी हो सकता है। साथ ही, ध्यान और श्वसन क्रियाओं के माध्यम से अपने मन को शांति देने की कोशिश करें।

  • @BrijeshSinghpmkc
    @BrijeshSinghpmkc 29 дней назад

    Bahut acha lga ki aap aisi videos daalte h.. shukr h Akaalpurakh, bhagwan ji ka.. jo ki parkash roop h..
    Ek baat doubt lgi ki jo bhi hyms/ sounds sunaai deti h vo right or left ear se nhi balki 9 dwaaro se upar daswe se sunti h.. kaan hmare 9 dwaro ka hi part h.. and nirankaar ji ka naam shabad sabhi 10th dwaar mein chlte h.... "Nau dar thake dhawat rahei daswe nij ghar vaasaa pae" jaisi ki rest time par hum log apni asthool dehi chohr dete h aur sukhm shareer is nashwar dunia ko daily chohr deta h, chahe kisi ko is lok mein anhad naam sunai de ya na de.. fr sukhm roop mein shabad nirantar chalte h aur Guru Satgur ji kirpa anusaar usko sunn pate h..

    • @Santmatt
      @Santmatt  29 дней назад

      धन्यवाद ब्रिजेश जी, आपके विचार और प्रश्न ने वीडियो की गहराई को और भी सुंदर बना दिया। आपने बिलकुल सही कहा कि यह आवाज़, यह नाद या शब्द, हमारे भौतिक कानों से नहीं सुनी जाती, बल्कि यह हमारे भीतर के कानों से सुनी जाती है, जो दसवें द्वार के माध्यम से संभव होता है।
      जब हम इस दिव्य नाद या शब्द को सुनने का प्रयास करते हैं, तो अक्सर हम अपने बाहरी कानों को बंद कर लेते हैं ताकि बाहरी शोर से ध्यान भंग न हो। इस प्रक्रिया में, कभी यह शब्द हमें दाईं ओर सुनाई देता है, कभी बाईं ओर, और कभी-कभी हमारे मस्तिष्क के भीतर कहीं। इसका कारण यह है कि यह नाद हमारी स्थूल इंद्रियों से परे है और हमारे सूक्ष्म शरीर के स्तर पर प्रकट होता है।
      जब हमें यह अनुभव होता है कि नाद दाईं ओर से सुनाई दे रहा है, तो हम अपने दाएँ कान पर ध्यान केंद्रित करते हैं और उसे बंद कर लेते हैं ताकि बाहरी ध्वनि हमें बाधित न करे। इसी प्रकार, यदि नाद बाईं ओर से सुनाई दे रहा हो, तो हम बाईं ओर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन असल में, यह सब भीतर के कान से ही सुना जा रहा होता है।
      यह नाद निरंतर चलता रहता है, चाहे हम इसे सुन पाएं या न सुन पाएं। यह केवल हमारे सूक्ष्म शरीर और गुरु कृपा के आधार पर अनुभव किया जा सकता है। जब हमारा ध्यान गहरा और स्थिर हो जाता है, तो हम इस नाद को अधिक स्पष्ट रूप से सुनने और समझने में सक्षम हो पाते हैं।
      आपके इस सुन्दर दृष्टिकोण और गुरमुखी भावना के लिए पुनः धन्यवाद। आपका प्रश्न और विचार सभी साधकों के लिए प्रेरणादायक हैं। गुरु साहिब की कृपा से आप इस मार्ग पर और प्रगति करें।
      यह अनुभव अपने आप में एक दिव्य आशीर्वाद है। सतगुरु की कृपा से हम सभी इस अनुभव को आत्मसात कर सकें।

  • @waryamthakur4303
    @waryamthakur4303 Месяц назад +2

    वाद्य यंत्र तो बाहर की ध्वनि है,इसका भीतर के नाद से कोई संबंध नहीं है,वैसे भी जब तक इंद्रियों का हस्तक्षेप है,जिससे बहुत से भ्रम होते हैं,और लोग बड़े बड़े संतों का नाम जोड़ कर उसे ठीक सिद्ध करने लगते है🔱🔱🔱

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +2

      “आपने बिल्कुल सही कहा है, बाहरी साधनों का आंतरिक आध्यात्मिक अनुभव से कोई संबंध नहीं होता। यहाँ बात ‘अनहद नाद’ की हो रही है, किसी भी बाहरी ध्वनि की नहीं। यह चर्चा ‘धुनात्मक नाम’ की है, न कि ‘वर्णात्मक’। जब तक इंद्रियों का प्रभाव रहता है, तब तक भ्रम पैदा होता है। सच्ची साधना वह है जो मन और आत्मा के भीतर के नाद और प्रकाश को पहचानने में सहायक हो। हमें सत्य को पहचानने के लिए संतों की सच्ची शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि बाहरी दिखावे पर।”

  • @BholaSingh-vg7it
    @BholaSingh-vg7it Месяц назад +3

    गुरु जी कोटि कोटि प्रणाम गुरु जी मुझे नाद कि आवाज आज्ञा चक्र पे नहीं बल्कि जब ध्यान से सुनती हूं तो मुझे सहशतरार चक्र पे सुनाई देता है और सर के उपर एक सरसराहट जैसा अनुभव होता है और खुले कानों से सुनाई देता है क्या यैसा होना ठीक है या नहीं कृपया मार्गदर्शन करें

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      आपका अनुभव बहुत ही खास और अद्भुत है। सहस्रार चक्र पर नाद सुनाई देना एक उच्च आध्यात्मिक अवस्था का संकेत है। यह दर्शाता है कि आपका ध्यान सही दिशा में है और आप आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हैं। यह अनुभव आपकी साधना और आंतरिक शांति का परिणाम है। कृपया अपने गुरु का मार्गदर्शन लें और उनकी सलाह अनुसार अपनी साधना को जारी रखें। इससे आपको और अधिक गहराई से इस अनुभव को समझने और उसमें स्थिरता पाने में सहायता मिलेगी।

  • @bharamgyaan8935
    @bharamgyaan8935 Месяц назад

    Gyaan ki Ganga OM kar OM 🕉

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      🙏🏻🙏🏻

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      🙏🏻🙏🏻

  • @GurmatVicharTv6151
    @GurmatVicharTv6151 24 дня назад

    Muje bhi hr vakt janjanahat puri body me hr vakt mahsus hota h mathe k bich me se sanate hi sound bhi ati hai

    • @Santmatt
      @Santmatt  24 дня назад

      ऐसे अनुभव अक्सर आध्यात्मिक यात्रा के दौरान महसूस होते हैं। माथे के बीच की अनुभूति और सुनाई देने वाली ध्वनि को ‘आंतरिक नाद’ या ‘सहज ध्वनि’ कहा जाता है। यह ईश्वरीय कृपा और आंतरिक चेतना का संकेत हो सकता है। इस अनुभव को और गहराई से समझने और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपने गुरु की सहायता लें।
      गुरु आपकी आध्यात्मिक यात्रा में मार्गदर्शक होते हैं, जो इस तरह के अनुभवों को सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। यदि आपके पास कोई गुरु नहीं है, तो एक सच्चे गुरु की तलाश करें। सच्चा गुरु वह है, जो आत्मज्ञान का मार्ग दिखाए और आपको ईश्वर से जोड़ने में मदद करे। जैसा कि गुरुबाणी में कहा गया है:
      “सतगुरु बिन गुरु नाही कोय।”
      (सच्चे गुरु के बिना मार्गदर्शन संभव नहीं।)
      अपने अनुभव को ध्यान, सिमरन और गुरु के मार्गदर्शन से और गहराई से जानने की कोशिश करें। ईश्वर की कृपा आपके साथ बनी रहे।

  • @madandheeraj
    @madandheeraj Месяц назад +1

    Si jaisey contine awaz right ear se sunai deti hai...kabhi kabhi simran par na bhi baithe ho to bhi lagataar chalti rehi hai

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +1

      यह बहुत अच्छी बात है कि आपको दाईं कान से लगातार आवाज सुनाई देती है, चाहे आप सिमरन पर बैठे हों या न हों। यह इस बात का संकेत है कि शब्द खुल रहा है। कृपया अपने गुरुजी के मार्गदर्शन पर चलें और मालिक के साथ प्रेम और प्यार को बढ़ाएं। यह आध्यात्मिक उन्नति का एक महत्वपूर्ण चरण है।

    • @madandheeraj
      @madandheeraj Месяц назад

      Sir pls batana g

  • @seemamishra6051
    @seemamishra6051 Месяц назад

    प्रणाम प्रभु जी , क्या लेट कर ध्यान कर सकते हैं

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      प्रणाम। लेट कर ध्यान करना संभव है, लेकिन आदर्श रूप से ध्यान बैठकर किया जाए तो बेहतर है। बैठने से रीढ़ सीधी रहती है, जिससे ऊर्जा का प्रवाह सुचारू होता है और एकाग्रता में मदद मिलती है। फिर भी, यदि किसी कारणवश बैठना संभव न हो, तो आप लेट कर भी ध्यान कर सकते हैं। ध्यान का उद्देश्य मन को शांत करना और आत्मा से जुड़ना है, और यह किसी भी स्थिति में किया जा सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि आपका मन और आत्मा पूरी तरह ध्यान में लीन हों।

  • @AspirantKhushivlog
    @AspirantKhushivlog 7 дней назад

    Muje ye smjh ni aata h ki jhingur jesi aawaj sunu ki left ya right se jo aawaj aa rhi h use sunu.pls btae

    • @Santmatt
      @Santmatt  7 дней назад

      “आपकी समस्या को समझते हुए, ऐसा लगता है कि आप ध्वनि की दिशा को लेकर भ्रमित हैं। अगर झींगुर जैसी आवाज़ सुनाई दे रही है, तो पहले शांत वातावरण में ध्यान लगाकर यह पता करने की कोशिश करें कि आवाज़ बाएं से आ रही है या दाएं से। अपनी आँखें बंद करें और धीरे-धीरे दोनों ओर ध्यान केंद्रित करें। आप इसे अपने सिर के सेंटर में सुनने की कोशिश करें। इसके ऊपर एक डिटेल्ड वीडियो भी हमने बनाया हुआ है, कृपया उसे ज़रूर देखें। आशा है कि यह मदद करेगा। 🙏”

    • @Santmatt
      @Santmatt  7 дней назад

      “आपकी समस्या को समझते हुए, ऐसा लगता है कि आप ध्वनि की दिशा को लेकर भ्रमित हैं। अगर झींगुर जैसी आवाज़ सुनाई दे रही है, तो पहले शांत वातावरण में ध्यान लगाकर यह पता करने की कोशिश करें कि आवाज़ बाएं से आ रही है या दाएं से। अपनी आँखें बंद करें और धीरे-धीरे दोनों ओर ध्यान केंद्रित करें। आप इसे अपने सिर के सेंटर में सुनने की कोशिश करें। इसके ऊपर एक डिटेल्ड वीडियो भी हमने बनाया हुआ है, कृपया उसे ज़रूर देखें। आशा है कि यह मदद करेगा। 🙏”

    • @AspirantKhushivlog
      @AspirantKhushivlog 6 дней назад

      @Santmatt muje kbhi left se to kbi right se aawaj aati he or vo jhingur jesi aawaj se bilkul alg hoti he starting me kan bnd krte hi aati he.pr smj ni aata ki jhingur jesi aawaj sunu bich me dhyan lgake ki left ya right se sunu

    • @AspirantKhushivlog
      @AspirantKhushivlog 6 дней назад

      @Santmatt or jb me left se ya right se aawaj aati he dono same hoti he jb me use sunti hu to jhingur jesi aawaj usse jyada ane lgti he or vo vali aawaj km sunai dene lg jati he

    • @AspirantKhushivlog
      @AspirantKhushivlog 6 дней назад

      @Santmatt reply me pls

  • @RahulKumar-qf4db
    @RahulKumar-qf4db 14 дней назад

    Abaj sunai deti lekin jhugar ki dhiyan or andhera or kuchh nhi kya kare

    • @Santmatt
      @Santmatt  14 дней назад

      मैं आपके प्रश्न को पूरी तरह समझ नहीं पाया। कृपया इसे थोड़ा विस्तार से समझाने का कष्ट करें ताकि मैं सही ढंग से आपकी सहायता कर सकूं।

  • @manjusuthar5860
    @manjusuthar5860 25 дней назад

    भाई साहब मेरा प्रश्न यह है कि क्या सिर्फ यह आवाज सुनने मात्र से हम परमात्मा की प्राप्ति कर सकते हैं? या मंत्रजाप भी करना चाहिए।
    आपने जो जो आवाज़ बताई वह मुझे बड़ी स्पष्ट रूप से सुनते हुए ध्यान करती हूं।

    • @Santmatt
      @Santmatt  24 дня назад +1

      आपका प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण और गहन है। केवल आवाज़ सुनना अपने आप में एक शुभ संकेत है, लेकिन परमात्मा की पूर्ण प्राप्ति के लिए यह पर्याप्त नहीं है। मन और आत्मा को सही दिशा में साधना के लिए मंत्रजाप और सच्चे मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
      सबसे पहले आपको किसी पूर्ण गुरु से दीक्षा,नामदान लेना चाहिए। गुरु ही वह सच्चा मार्गदर्शक होते हैं, जो साधक को सही दिशा में चलने का मार्ग दिखाते हैं। गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलते हुए जब आप उनके निर्देशों का पालन करेंगे, तब आपकी साधना धीरे-धीरे और गहरी होगी।
      ध्यान रखें, इस मार्ग पर चलते हुए कई बार कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ भी आ सकती हैं। ये कठिनाइयाँ मन की उथल-पुथल या आध्यात्मिक अनुभवों की वजह से होती हैं, लेकिन गुरु की कृपा और आपकी श्रद्धा इन बाधाओं को पार करने में आपकी मदद करेगी।
      साधना के समय मंत्रजाप अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह मन को स्थिर करता है और ध्यान की गहराई को बढ़ाता है। गुरु द्वारा दिए गए नाम (मंत्र) का जाप करने से आप अपनी ऊर्जा को एकाग्र कर पाते हैं और धीरे-धीरे परमात्मा की ओर बढ़ते हैं।
      इसलिए, सबसे पहले किसी पूर्ण गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त करें, दीक्षा लें और उनके बताए हुए मार्ग पर धैर्य और श्रद्धा के साथ आगे बढ़ें। धीरे-धीरे परमात्मा की प्राप्ति का यह पथ आपके लिए स्पष्ट और आनंददायक हो जाएगा।

  • @msisuhanivishwakarma
    @msisuhanivishwakarma Месяц назад +1

    Kya mai Aap ko Apna guru bana sakti hu

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +1

      “आपके इस विश्वास और स्नेह के लिए हृदय से धन्यवाद। 🙏 गुरु एक ऐसा मार्गदर्शक होता है जो हमें सत्य और आत्मा की गहराई तक पहुंचने में सहायता करता है। मैं स्वयं एक साधक हूँ और अपनी यात्रा में जो भी ज्ञान प्राप्त किया है, उसे आप सभी के साथ साझा करता हूँ।
      आपका मार्गदर्शन परमात्मा और आपके भीतर की आत्मा ही करेगा। जो भी प्रश्न या शंका हो, मैं सदैव आपकी सहायता के लिए उपलब्ध हूँ। आप हमारी वीडियोस को देखती रहें, हो सकता है कि उनसे आपको कोई सहायता मिल सके और मैं आपकी किसी तरह मदद कर सकूं। अपनी साधना को निरंतर बनाए रखें और अपने भीतर के गुरु को पहचानने का प्रयास करें। 🌼”

  • @brijbhusanverma6223
    @brijbhusanverma6223 20 дней назад

    महाशय ,,, प्रणाम
    बहुत तेज सिटी सी आवाज , माथे के बीच के बजाय सिर के बीच (top of the head) से आती महसूस होती है साथ में बाइब्रेशन भी ,,,
    यह क्या है ,,,

    • @Santmatt
      @Santmatt  20 дней назад

      आपका अनुभव गहरे ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक हो सकता है। सिर के ऊपरी हिस्से (top of the head) से आने वाली तेज़ सिटी जैसी आवाज़ और वाइब्रेशन, ध्यान के दौरान ऊर्जात्मक केंद्रों (चक्रों) के सक्रिय होने का संकेत है। इसे अक्सर आध्यात्मिक जागृति या नाद का अनुभव कहा जाता है।
      यह अनुभव ध्यान की गहराई और मानसिक एकाग्रता का परिणाम हो सकता है। सिर के शीर्ष पर सहस्रार चक्र स्थित है, जिसे दिव्य ऊर्जा और चेतना का केंद्र माना जाता है। जब यह चक्र सक्रिय होता है, तो ऐसी ध्वनियां और कंपन महसूस हो सकती हैं। इसे आध्यात्मिक प्रगति का संकेत मानें, लेकिन इसे सच्चाई में परखने के लिए अपने गुरु से मार्गदर्शन लें।
      ध्यान रखें कि यह अनुभव मार्ग का केवल एक पड़ाव है, अंतिम लक्ष्य नहीं। इसे अपने भीतर की यात्रा को समझने और गहराई में जाने का अवसर मानें। अगर आपके पास सच्चे गुरु हैं, तो उनसे सलाह लें। सच्चे गुरु ही इन अनुभवों के सही अर्थ और दिशा को स्पष्ट कर सकते हैं। अपनी साधना जारी रखें और विश्वास बनाए रखें। आपका मार्गदर्शन अवश्य मिलेगा।

    • @brijbhusanverma6223
      @brijbhusanverma6223 20 дней назад

      जी ,,, बहुत बहुत धन्यवाद
      इस यात्रा में , मै अकेला ही हूं , बस चल पड़ा हूं , एक बार पुनः आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,,,

  • @vikramhudda6556
    @vikramhudda6556 Месяц назад +3

    गुरु जी कान बंद करके ध्यान लगाने की कोशिश करता हूं लेकिन 15-20 मिनट में ऐसा लगने लगता है कि शरीर सुन्न सा होने लगा है। 🙏🙏🙏

    • @waryamthakur4303
      @waryamthakur4303 Месяц назад +2

      प्रिय बंधु, सुन्न हो रहा है,तो तुम्हारा आसन गलत है,इसे स्थिर होना चाहिए,तभी ध्यान समझो,वरना मन की कल्पना🔱🔱🔱

    • @vikramhudda6556
      @vikramhudda6556 Месяц назад

      @waryamthakur4303 आपका बहुत-बहुत धन्यवाद गुरु जी आपकी दया मेहर हम पर रखना ताकि हम सही रूप से सुमिरन कर सकें।🙏🙏🥺🥺🥺

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +2

      आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन मैं कोई गुरु नहीं हूँ, वास्तव में मैं कुछ भी नहीं हूँ। मैं भी आपकी तरह एक साधक हूँ, जो इस मार्ग पर सीखने और समझने का प्रयास कर रहा है। यह सब मेरे बाबाजी की कृपा है। आइए, हम सब मिलकर सही रूप से सुमिरन करें और इस आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाएं। 🙏🙏”

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +1

      “प्रिय बंधु, आपके अनुभव और विचारों का हम आदर करते है। हम यहाँ जो चर्चा कर रहे हैं, वह हमारे व्यक्तिगत अनुभवों और उन शिक्षाओं पर आधारित हजो हमने अपने गुरुजी से सीखी हैं। जब सुरत उपर की ओर बढ़ती है या जहाँ-जहाँ से सिमटती है, उस शरीर के हिस्से में ‘सुनता’ का अनुभव होता है। यदि यह अनुभव नहीं हो रहा है, तो इसका अर्थ है कि अभी सुरत का सिमटन शुरू नहीं हुआ है।
      हम आपके विचारों और अनुभवों के प्रति कृतज्ञ हैं और यह साझा यात्रा हमें और भी अधिक समझने का अवसर देती है। ध्यान और आत्मिक विकास का यह मार्ग हर किसी का अपना अनूठा अनुभव होता है। आपके सवाल और साझा विचार हमारी यात्रा को और गहराई देते हैं।”

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      “प्रिय बंधु, आपकी साधना का मार्गदर्शन करते हुए यह कहना चाहता हूँ कि कान बंद करके ध्यान लगाने का उद्देश्य ध्यान करना नहीं, बल्कि शब्द सुनना है, जिसे नाद भी कहते हैं। शब्द सुनने और ध्यान करने की प्रक्रियाएँ भिन्न होती हैं। शब्द सुनने में हमारा ध्यान नाद पर केंद्रित होता है, जो हमें भीतर की यात्रा में सहायक बनता है। आपकी लगन और भक्ति के प्रति मन में गहरी कृतज्ञता है। कृपया इसे अपनी साधना में अपनाएँ और अपने अनुभव साझा करते रहें। 🙏🙏”

  • @GurmatVicharTv6151
    @GurmatVicharTv6151 24 дня назад

    Japp ko kitna vakt dena chahiye Guru ji

    • @Santmatt
      @Santmatt  24 дня назад

      जप और ध्यान के लिए समय देने का महत्व अत्यधिक है। संतजन कहते हैं कि हमें प्रतिदिन कम से कम 2.5 घंटे, जो 24 घंटे का 10% होता है, आध्यात्मिक साधना के लिए समर्पित करना चाहिए। इस समय में 2 घंटे सिमरन करना और आधा घंटा शब्द या धुन को सुनने में लगाना चाहिए। यह समय हमारी आत्मा को शुद्ध करने और प्रभु के साथ जुड़ने के लिए अनिवार्य है।
      जैसा कि गुरबाणी में कहा गया है:
      “एक घड़ी आधी घड़ी, आधी हुं फिर आध।”
      (अगर आप थोड़े समय के लिए भी सच्चे मन से प्रभु का सिमरन करें, तो वह जीवन को बदलने में सक्षम है।)
      यह अनुशासन हमें हमारे लक्ष्य की ओर ले जाता है। इसलिए, इस समय को अपने दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाएं। Waheguru जी की कृपा आप पर बनी रहे।

    • @GurmatVicharTv6151
      @GurmatVicharTv6151 24 дня назад

      Sukriya bahut bahut,

  • @humukchandlalit422
    @humukchandlalit422 23 дня назад

    मैं बहुत समय से jhingur की आवाज़ पर रुक गया हूं आगे कुच्छ नही हो रहा कृपया मार्गदर्शन करें धन्यवाद l

    • @Santmatt
      @Santmatt  23 дня назад

      “ध्यान में ऐसा अक्सर होता है कि हम किसी एक ख़ास आवाज़ या स्थान पर रुक जाते हैं। यह ध्यान की प्रक्रिया का हिस्सा है। आप इसके बारे में अधिक ना सोचें। हमें केवल अपनी कोशिश जारी रखनी है और गुरु के बताए मार्ग पर चलते रहना है। एक सच्चे गुरु की शरण लें, उनका मार्गदर्शन आपके लिए सबकुछ स्पष्ट करेगा। धन्यवाद।”

  • @Horroroftheheart-h7c
    @Horroroftheheart-h7c 19 дней назад

    प्रभु मुझे 2 तीन आवाजें सुनाई दे रही हैं आपके उत्तर से कुछ राहत मिली किस पर केंद्रित हो ये जानकारी दी धन्यवाद 🙏🙏

    • @Santmatt
      @Santmatt  19 дней назад

      “आपको जो ध्वनियाँ सुनाई दे रही हैं, वो अनहद नाद का अनुभव हो सकता है, जो आपकी आध्यात्मिक यात्रा का संकेत है। इसे सुनने के दौरान अपने मन को शांत रखें और ध्यान की गहराई में उतरें। इस मार्ग पर सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक पूर्ण गुरु की शरण लें, क्योंकि गुरु ही आपको इस अनुभव की गहराई को समझने और इसे सही तरीके से साधने का मार्ग दिखा सकते हैं।
      पूर्ण गुरु कैसा होता है, इस पर हमने एक वीडियो बनाया है। इसे ज़रूर देखें, ताकि आप जान सकें कि सही गुरु को पहचानने और उनकी शरण में जाने का महत्व क्या है। निरंतर साधना और भक्ति में लगे रहें। प्रभु की कृपा आपके साथ है। धन्यवाद 🙏”

    • @Horroroftheheart-h7c
      @Horroroftheheart-h7c 13 дней назад

      @beinwardshindi प्रभु मेरे गुरु थे लेकिन वो अभी कुछ समय पहले ब्रह्मलीन हो गए और आप जैसे गुरुओं की वीडियो देख देख कर अपना मार्ग सुलभ कर रहा हु धन्यवाद चरण वंदन 🙏🙏🙏

  • @arkalgudgopalkrishnakashin5765
    @arkalgudgopalkrishnakashin5765 24 дня назад

    These sounds l had heard nearly 30yrs ago.then due personal problem l.had.not.into deep meditation stage.Now l.restarted.deep.meditation.process. will the sounds.re.heard.by me ornot.kindly Answer me.Guruji. my name is kashinath A.G..

    • @Santmatt
      @Santmatt  24 дня назад

      Dear Kashinath Ji,
      The sounds you experienced during deep meditation 30 years ago were a reflection of your inner harmony and spiritual progress. Now that you have restarted your meditation practice, it is possible for those experiences to return. These sounds arise naturally when the mind becomes calm and aligns with higher dimensions. Be consistent and patient in your practice, as such experiences cannot be forced-they emerge when the time is right.
      I also encourage you to find a true guru for guidance. A guru’s wisdom will help you deepen your practice and navigate your spiritual journey with clarity. Remember, don’t strive or try to achieve specific experiences or sounds. Let go of expectations and trust the process. Everything will happen in its own time.
      Om Shanti.

    • @arkalgudgopalkrishnakashin5765
      @arkalgudgopalkrishnakashin5765 23 дня назад

      @beinwardshindi Thanks Guruji. then.actually.l was.not aware.of.these.sounds and.also astonishing about these experiences then l started by 'OM'chanting and hearing in right then l.heard all types of sound are experienced and atthe.they.die in mouna then that stage remained on future meditation and now I started with mantra chanting of OM.NAM.SHIVAYA. or shall I start again with OM only.Guruji please Guide me because I am confused weather that or this. I stayed in an old-age home.unable to meet you.inthis matter.kashinath.

  • @RahulKumar-qf4db
    @RahulKumar-qf4db 14 дней назад

    Ek baar dhiyan kar rha to mera sharir haba me udane laga mene kisi guru se naam nhi liya me kafi samey se dhiyan kar rha hu

    • @Santmatt
      @Santmatt  14 дней назад

      यह आपके मन का वहम हो सकता है। ध्यान में ऐसा महसूस होना सामान्य है कि शरीर हल्का हो रहा है या उठ रहा है, लेकिन यह प्रारंभिक अवस्था में शारीरिक रूप से संभव नहीं होता। यह आपके ध्यान और ऊर्जा के प्रवाह का असर है।
      आपको एक सच्चे गुरु की तलाश करनी चाहिए, क्योंकि गुरु के बिना यह यात्रा पूरी नहीं हो सकती। जब आपके भीतर परमात्मा को पाने की सच्ची चाहत होगी, तो गुरु स्वयं प्रकट होंगे। परंतु गुरु पूर्ण होना आवश्यक है। मैंने "कैसे पहचानें कि गुरु पूर्ण है" इस विषय पर एक वीडियो बनाया है, जिसे आप देख सकते हैं। धन्यवाद! 🙏✨

  • @gillsab3832
    @gillsab3832 16 дней назад

    Bhai ji jdo main simran karti hu tab main piche kyu gir jati hu

    • @Santmatt
      @Santmatt  16 дней назад

      बहन जी, जब आप सिमरन करते हुए पीछे की ओर गिरती हैं या ऐसा महसूस करती हैं, तो यह आपकी साधना का एक स्वाभाविक अनुभव हो सकता है। यह अनुभव कई बार ऊर्जा के प्रवाह, मन और शरीर की प्रतिक्रिया, या साधना के दौरान ध्यान की गहराई से जुड़ा होता है। इसे समझने के लिए कुछ पहलुओं पर विचार करें:
      1. ऊर्जा का प्रवाह:
      सिमरन करते समय जब आपकी चेतना उच्च स्तर पर जाती है, तो आपके शरीर में ऊर्जा का एक प्रवाह होता है। यह ऊर्जा आपके शरीर को संतुलित करने की कोशिश करती है, और कई बार इसके प्रभाव से ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आप पीछे गिर रहे हैं। यह कोई डरने वाली बात नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि आपका ध्यान गहराई में जा रहा है।
      2. मन और शरीर का संबंध:
      सिमरन के दौरान जब आप अपने विचारों से मुक्त होती हैं, तो शरीर पर ध्यान कम हो जाता है। यह भावनात्मक या मानसिक शांति का संकेत है। इस स्थिति में शरीर हल्का महसूस कर सकता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि आप पीछे की ओर खिंच रही हैं।
      3. साधना की प्रगति:
      कई बार, जब आत्मा ध्यान की गहराई में प्रवेश करती है, तो शरीर पर इसका असर पड़ता है। संत-महात्मा इसे आत्मा की एकाग्रता का संकेत मानते हैं। यह बताता है कि आपका सिमरन सही दिशा में जा रहा है।
      4. गुरु की कृपा:
      ध्यान और सिमरन के दौरान गुरु की कृपा से ऐसे अनुभव होते हैं। यह आपको याद दिलाने का माध्यम हो सकता है कि आप अपने साधना के मार्ग पर आगे बढ़ रही हैं।
      समाधान और सलाह:
      - डरें नहीं: यह अनुभव साधारण है। इसे सहज रूप में स्वीकार करें।
      - शरीर का सहारा लें: सिमरन करते समय एक आरामदायक जगह पर बैठें, और दीवार या कुर्सी का सहारा लें।
      - गुरु से मार्गदर्शन लें: अपने सतगुरु या किसी अनुभवी साधक से इस बारे में चर्चा करें। वे आपको बेहतर तरीके से समझा सकते हैं।
      - सिमरन जारी रखें: यह अनुभव साधना की गहराई का हिस्सा है। इसे बाधा न मानें और अपने सिमरन को निरंतर बनाए रखें।
      याद रखें, परमात्मा की ओर बढ़ने का हर अनुभव एक आशीर्वाद है। सच्चे मन से सिमरन करते रहिए, गुरु की कृपा से आपकी साधना और भी गहन और फलदायी होगी। 🙏

    • @gillsab3832
      @gillsab3832 16 дней назад

      @beinwardshindi thank u

  • @kamleshbhonsle5317
    @kamleshbhonsle5317 21 день назад

    मेरे सिर मे गुंजन हो रहा है आगे क्या करू जब देखो गुंजन हो रहा है

    • @Santmatt
      @Santmatt  21 день назад +1

      “आपका अनुभव यह दर्शाता है कि आप एक गहरे आध्यात्मिक चरण में प्रवेश कर रहे हैं। यह आवाजें आपके भीतर की ऊर्जा और कंपन का परिणाम हो सकती हैं, जो आपको मार्गदर्शन देने का संकेत दे रही हैं। अब आपको इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए एक सच्चे गुरु की आवश्यकता है। सच्चे गुरु का मार्गदर्शन ही आपके इन अनुभवों को सही दिशा और गहराई प्रदान करेगा।
      अपनी साधना को जारी रखें और श्रद्धा व विश्वास के साथ एक पूर्ण गुरु की खोज करें। जब सच्चे मन से प्रयास किया जाता है, तो गुरु अवश्य मिलते हैं। यही मार्ग आपको आत्मिक शांति और उन्नति की ओर ले जाएगा। ॐ शांति।”

  • @kamleshbhonsle5317
    @kamleshbhonsle5317 21 день назад

    मुझे काफी दिनों से आवाज सुनाई दे रही है आगे क्या करू

    • @Santmatt
      @Santmatt  21 день назад

      “आपका अनुभव यह दर्शाता है कि आप एक गहरे आध्यात्मिक चरण में प्रवेश कर रहे हैं। यह आवाजें आपके भीतर की ऊर्जा और कंपन का परिणाम हो सकती हैं, जो आपको मार्गदर्शन देने का संकेत दे रही हैं। अब आपको इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए एक सच्चे गुरु की आवश्यकता है। सच्चे गुरु का मार्गदर्शन ही आपके इन अनुभवों को सही दिशा और गहराई प्रदान करेगा।
      अपनी साधना को जारी रखें और श्रद्धा व विश्वास के साथ एक पूर्ण गुरु की खोज करें। जब सच्चे मन से प्रयास किया जाता है, तो गुरु अवश्य मिलते हैं। यही मार्ग आपको आत्मिक शांति और उन्नति की ओर ले जाएगा। ॐ शांति।”

  • @AaratiMata
    @AaratiMata 28 дней назад

    Aapka name or kha rahte hai please btaey ❤❤❤😊🎉

    • @Santmatt
      @Santmatt  28 дней назад

      “आपका स्नेह और उत्सुकता देखकर मन प्रसन्न हो गया। 🙏🌸 नाम और स्थान से अधिक महत्वपूर्ण है हमारे बीच की आत्मीयता और प्रेमपूर्ण संवाद। जहां भी हम हों, सच्चाई और अध्यात्म हमें जोड़कर रखता है। आपसे जुड़ना ही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है। ❤️✨”

  • @gourienimbalkar3823
    @gourienimbalkar3823 18 дней назад

    Swamiji यह नाद ध्यान करते समय तो सूनाई देता है ,परंतु दिनभर बाहर कितना भी शोर गुल हो फिर भी जोर से सूनाई देता है ....क्या करे ...

    • @Santmatt
      @Santmatt  18 дней назад

      “आप वास्तव में भाग्यशाली हैं कि आपको नाद सुनाई देता है, यह संकेत है कि आपकी चेतना जागृत हो रही है। अब समय आ गया है कि आप एक सच्चे गुरु की तलाश करें, जो आपको इस दिव्य यात्रा में सही मार्गदर्शन दे सके। एक सच्चे गुरु का साथ आपकी साधना को और भी गहराई और दिशा प्रदान करेगा, जिससे आप परम सत्य के और अधिक निकट पहुंच सकेंगे। अपनी श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें, गुरु का सानिध्य आपको निश्चित ही प्राप्त होगा।”

    • @gourienimbalkar3823
      @gourienimbalkar3823 17 дней назад

      @beinwardshindi प्रेम नमन स्वामीजी ,आपकी कृपा बरसे , व मुझे सद्गुरू का सान्निध्य प्राप्त हो जाए, बाकी तो उसकी मर्जी पुरी हो ,till then only patiently wait and watch ,

  • @ramamaskey7831
    @ramamaskey7831 22 дня назад

    Mukhe nid bahath aati h dhyanke absthama

    • @Santmatt
      @Santmatt  22 дня назад

      “ध्यान करते समय नींद आना बिल्कुल सामान्य है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा मन हमें परेशान करता है और ध्यान में बाधा डालता है। लेकिन आप धैर्य रखें और ध्यान करना कभी न छोड़ें। धीरे-धीरे अभ्यास के साथ यह समस्या ठीक हो जाएगी। नियमितता और संयम से आपका ध्यान गहरा और अधिक प्रभावशाली बनेगा।”

  • @mayurpatel3500
    @mayurpatel3500 Месяц назад

    कई सालों से तीखी सीटी और जिंगुर की आवाज हमेशा सुनाई देती है कभी धीरी तो कभी बहोत तेजी से

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      जो तीखी सीटी और झिंगुर की आवाज़ के रूप में सुनाई देता है, नाद हो सकता है। नाद को समझने और उसके गूढ़ अर्थ को जानने के लिए अपने गुरु से मार्गदर्शन लेना चाहिए। गुरु ही इस नाद की गहराई और इसके दिव्य स्वरूप को उजागर करने में सहायक होते हैं। यह नाद बाहरी नहीं, बल्कि भीतर की अनुभूति हो सकती है, जो कभी धीमी तो कभी तीव्र स्वर में हमारी आत्मा से जुड़ती है।”

    • @mayurpatel3500
      @mayurpatel3500 Месяц назад

      मार्गदर्शन के लिए आपका बहुत आभारी हूँ 🙏🏻

    • @shripalchauhan8562
      @shripalchauhan8562 18 дней назад

      आत्मा/चेतना किस माध्यम से ये नाद अर्थात अनहद नाद सुनती है?
      आत्मा शरीर या में रहकर श

  • @ksmaan5145
    @ksmaan5145 Месяц назад

    Aap kirpa kar Baba Rajinder Singh ji ka address de do kion k beas Guru ji ko milna aam insan ke bas ki baat hai.isli Baba Rajinder Singh ji se niji tor pe Milan ho sakta hai to mil kar hi unse sari baat karne ge ji

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +1

      “भगवान के सच्चे मार्ग पर चलने के लिए पूरी श्रद्धा और मेहनत ज़रूरी है। गुरु का मिलना और उनसे मार्गदर्शन लेना एक पवित्र कोशिश है, लेकिन इस कोशिश के लिए अपने अंदर की श्रद्धा और तपस्या को जागृत करना भी आवश्यक है। अपने अंदर मालिक के प्रति प्रेम प्यारा रखें, आप देखेंगे कि गुरु खुद आपके पास पहुँच जाएँगे। आप मेरी बात को मज़ाक मत समझना, बस प्रेम-प्यार मालिक के प्रति रखो और फिर देखना चमत्कार। सतगुरु के आशीर्वाद के बिना यह मार्ग कठिन ज़रूर है, लेकिन नाम सिमरन और भक्ति से सब कुछ संभव है। जय गुरु।”

  • @raman13696
    @raman13696 21 день назад

    मुझे घुंघरू की आवाज़ सुनती है और फिर एक तीखी और मीठी आवाज़ बनकर सिर के चारों तरफ घुमती है. आगे क्या करूँ❤

    • @Santmatt
      @Santmatt  21 день назад

      जो आप सुन रहे हैं, वह शबद धुन हो सकती है, जिसे संत-महात्मा अनहद नाद कहते हैं। यह आत्मा के जागरण और ईश्वर से जुड़ने का संकेत हो सकता है। इस ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें और सच्चे गुरु की शरण लें, क्योंकि गुरु ही इसका सही मार्गदर्शन दे सकते हैं। गुरु बानी कहती है, “अनहद बाजे शब्द निसानी।” यह ध्वनि आपको परम सत्य की ओर ले जा सकती है।

  • @sunnyanand81
    @sunnyanand81 Месяц назад

    Ek hi sound sunta hai change nahi ho reha kafi time ho geya hai

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +1

      आप साधना जारी रखें। किसी भी प्रकार का प्रयास न करें। बस शांत रहें और अपने भीतर के अनुभवों को सहजता से स्वीकार करें। यदि आवश्यकता हो, तो आप अपने गुरु की सहायता ले सकते हैं। उनका मार्गदर्शन आपको सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

    • @SUKHEINDUSHERGHOSH
      @SUKHEINDUSHERGHOSH Месяц назад

      ​@beinwardshindi. बहुत बहुत धन्यवाद!

  • @RanmalbhaiAhir-g1x
    @RanmalbhaiAhir-g1x Месяц назад

    Muje anhdnad bhgvn sunate he roj bhmreki gujar jesa avaj ata he or me dhyan beth jata hu roj bap

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      🙏🏻🙏🏻

  • @latasharma5538
    @latasharma5538 Месяц назад

    प्रणाम भाई जी 🙏🏻
    भाई मैं सिमरन के लिए बैठती हु तो धुन सुनती है बार बार सिमरन छूटता है तो फिर मैं भजन के liy बैठती हूँ तो ख़याल नहीं टिक पाता कभी धुन सुनती है और कभी विचार आते रहते है और फिर मन भटक जाने पर मैं उठ जाती हूँ क्या करूँ मैं

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      “प्रणाम बहन जी 🙏
      आपकी समस्या का समाधान यह है कि सबसे पहले अपनी साधना में धैर्य और नियमितता बनाए रखें। जब ध्यान भटकता है, तो मन को बिना किसी दबाव के वापस लाने का प्रयास करें। ‘धुन सुनने’ और ‘भजन’ के दौरान मन स्थिर करने के लिए अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। यह साधना के लिए एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।
      इसके अलावा, यह स्वीकार करें कि प्रारंभ में यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन समय के साथ मन की स्थिरता बढ़ेगी। हर दिन थोड़ा समय नियमित रूप से बैठने का प्रयास करें और बाहरी विचारों को प्यार से जाने दें।
      आप अपनी आत्मा से जुड़े रहने का प्रयास करें और परमात्मा के प्रति समर्पण का भाव रखें। सब कुछ धीरे-धीरे सहज हो जाएगा। 🌸”

    • @latasharma5538
      @latasharma5538 Месяц назад

      @beinwardshindi🙏🏻🙏🏻सुक्रिया भाई जी

  • @9kTrader
    @9kTrader Месяц назад

    3 saal se sun rhaa huu. Bhut irritating hai. Esko band krne ke liye kuch btao .

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад +2

      आप बहुत भाग्यशाली हैं कि आपको यह अनुभव हो रहा है। यह ईश्वर का संकेत है कि आपका ध्यान उनकी ओर केंद्रित है। जो चीज़ आपको “irritating” लग रही है, वह वास्तव में एक गहरा आशीर्वाद हो सकती है। इसे स्वीकार करें और इसे समझने का प्रयास करें। अगर यह अनुभव गहरा हो जाए, तो किसी अनुभवी गुरु से मार्गदर्शन लें। यह संकेत हो सकता है कि आपकी आत्मा किसी विशेष आध्यात्मिक दिशा में बढ़ने के लिए तैयार है।

  • @himanshuchotliya5539
    @himanshuchotliya5539 Месяц назад

    Ye aavaj dhyan ke konse stage par Aate hai
    Mai aagya chakra par ek sal se dhyan kar raha hu shayad me vo stage par nahi pahucha hu

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      “ध्यान में ध्वनियां (आवाज़) सुनाई देना इस बात का संकेत है कि आप अपनी अंतर्मुखी यात्रा में गहराई तक जा रहे हैं। यह ध्यान के गहन स्तरों या ऊर्जा जागरूकता का परिणाम हो सकता है। हालांकि, यह अनुभव हर व्यक्ति की साधना और आंतरिक स्थिति पर निर्भर करता है।
      आज्ञा चक्र पर ध्यान करते हुए धैर्य और निरंतरता बनाए रखें। अपने अनुभवों को स्वाभाविक रूप से स्वीकार करें और किसी विशेष लक्ष्य को पाने की कोशिश न करें। समभाव रखें, क्योंकि इस मार्ग पर धैर्य और गुरु का साथ बहुत ज़रूरी है।
      एक सच्चे और पूर्ण गुरु को पाने की इच्छा रखें गुरु स्वयं आपको ढूंढ लेगा।
      आपके ध्यान का फल आपके समर्पण और आंतरिक संतुलन के साथ प्रकट होगा। शुभकामनाएं!”

    • @Santmatt
      @Santmatt  Месяц назад

      “आपका कोई भी सवाल हो, आप निःसंकोच कभी भी हमसे पूछ सकते हैं। हमें आपकी सहायता करने का सौभाग्य मिलेगा। आपके मार्गदर्शन में सहभागी बनकर हमें प्रसन्नता होगी।”

    • @himanshuchotliya5539
      @himanshuchotliya5539 Месяц назад

      @beinwardshindi dhanyvad

    • @himanshuchotliya5539
      @himanshuchotliya5539 Месяц назад

      @beinwardshindi
      Dhanyavad aapka
      Aapke utar se muje kafi achchha mahesusbhua hai aur mera shanshay dur hua hai !
      Aapka firse dhanyavad

  • @gulshankakkar9272
    @gulshankakkar9272 23 дня назад

    🙏🙏