महात्मा श्री आपके चरणों में दंडवत प्रणाम आपका विवेक और आपकी वाणी को मैं साधुवाद देता हूं जो इस अमृतवाणी को पिएगा वह परम तत्व को प्राप्त हो जाएगा ऐसी अमृतवाणी है
Parnam aapko, Mera ek prashan hai ki Jaise Premanand Maharaj ji ne sirf Naam Jaap par hi mehatab diya hai lekin unhone kabi Anhad naad aur Shabad ke upar jor nahi diya.Toh kya Parmatma ko sirf Naam jaap se bi paaya jaasakta hai ki Shabad maain smaana jaroori hai.
भक्ति अपने आप पर कीजिए जो ऊर्जा श्रोत का आगमन होगा अपने अंदर विश्वास आत्मज्ञान और श्रद्धा पूर्वक दूसरे के सोच द्वारा नही बल्कि अपने मन से विचार कीजिए अपने अंदर आकाश तत्व का अनुभव का एहसास होने लगता है आकाश प्रकाश हवा अंधकार जल यह दिखता नहीं है अनुभव से एहसास किया जा सकता है गुरु जी प्रणाम मातृ पितृ देव भव यही जन्म विधाता है राम
संसार की सारी दौलत और रिश्ते यही रह जाएंगे केवल आपका कर्म ही साथ जाएगा, इसलिए सच्चे हृदय से अपना कर्तव्य निभाएं। परमात्मा सबको देखता है और सबका हिसाब करता है 🙏
नानक देव ने खुद ने कहा है कबीर परमात्मा के बारे में हका करिम कबीर बेएब पर्वतीगार एक और कहा है फाइ सुरत मुल्की देश ए ठगवाडा ठगी देश खरा शियाना भोता वार धानक रूप में रहा करतार कबीर परमात्मा था वो
aatma ka vaas hirde mai hai trikuti mai aatma ki jot man ka parkash hai. Dil ko dhadkaane waali aatma hai. Wahi sai aatma phephado dwara saans le or chod rahi hai.aatma ek kachue ki tarah hai raat ko man ko samet leti hai subhah phir ise trikuti mai chod deti hai. Hum Man naa to hirde ki dhadkan ko band kar sakte hai or naa hi swaaso ko jyaada der tak rok sakte hai. Swaaso par halka sa niyantran hai par dil to Dil hai jo ek baar dhadka to kabi nahi rukta kyoki waha par swam aatma ka control hai. Kabir sahib ji ka shabad hai bande khoj dil har roj naa phir paresaani maahe.
चेतन शरीर नही, शरीरी है। पूजा शरीर की नही, आत्म तत्व की होती हैं। उसको देखने के लिए बर्षों तक नाम जाप और साधना करनी पड़ती है, मन को शुद्ध करना पड़ता है सत्यनारायण जी। बताइए आपने अभी तक क्या किया मेरा बताया हुआ। जो कुछ बताता हूँ उसे सुनने के साथ साथ उस पर अमल भी कीजिए नही तो प्रश्नों में ही उम्र बीत जाएगी भगत जी 🙏
Jay Baba MERI maddtkro baba MERI maddtkro baba me bahut parmesan hu baba mere upar tantric kriya Nash Karo Baba muth kriya karayi nashkaro baba ap MERI maddtkro baba
@@satgurugyanganga9475aatma ka vaas hirde mai hai trikuti mai aatma ki jot man ka parkash hai. Dil ko dhadkaane waali aatma hai. Wahi sai aatma phephado dwara saans le or chod rahi hai.aatma ek kachue ki tarah hai raat ko man ko samet leti hai subhah phir ise trikuti mai chod deti hai. Hum Man naa to hirde ki dhadkan ko band kar sakte hai or naa hi swaaso ko jyaada der tak rok sakte hai. Swaaso par halka sa niyantran hai par dil to Dil hai jo ek baar dhadka to kabi nahi rukta kyoki waha par swam aatma ka control hai. Kabir sahib ji ka shabad hai bande khoj dil har roj naa phir paresaani maahe.
यही तो भेद है, कबीर साहेब जी परमात्मा के ज्ञान अवतार थे, इसलिए वो ईश्वर हैं, लेकिन जिस मूर्ति को आपने लगा रखा है क्या वो मूर्ति ईश्वर है, नहीं ना। फिर दुविधा किस लिए ? जो नाम और रूप धारण करता है वह ईश्वर है ना कि वो नाम रूप वाला शरीर। शरीर माया है और शरीरी सत्य, आपका सपना माया है लेकिन आप सत्य?
🏵️तू आत्मा कहां है कैसे दिखेगी? ???ऐसा कौन कह रहा है? इस पंच भौतिक शरीर में यह कौन कह रहा है या पूछ रहा है कि 🌻तू आत्मा कहां है कैसे दिखेगी? मनुष्य शरीर में आये सभी जीवो के लिए ये ही सबसे बडा भर्म है। जीव, जीवात्मा,आत्मा या परमात्मा या परमब्रह्म या परमेश्वर या ब्रह्म , इनके के विषय में कौन तर्क-वितर्क कर रहा है?इस सत्य के ऊपर कोई भी विचार नही करता है।इस पंच भौतिक शरीर में आत्मा या परमात्मा या परमब्रह्म को जानने या पाने या ढूंढने के संबंध में प्रश्न कौन कर रहा है?ये ही तथ्य समझने के लिए है।जब आत्मा या परमात्मा या परब्रह्म ही सब कुछ जानन हार है तब आत्मा को इस शरीर में अर्थात माया के आवरण में कौन जाने गा। इस लिए यह कहना कि आत्मा को जानो या आत्मा को देखो या आत्मा कहां है?कैसे दिखाई देगी? ये ही सबसे बडी भ्रम की स्थिति हैऔर ये ही बहुत बडी अज्ञानता और विवेकहीनता की बात है। सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है कि आत्म ज्ञान कथे सो अन्धा, आत्म खबर न पाई हो।। सप्रेम सादर नमन साहेब जी। कोटि-कोटि साहेब बंदगी साहेब जी। आप विचार करे की इन मायावी शरीरों में यह कौन कह रहा है या तर्क वितर्क कर रहा है कि आत्मा को जानों , आंखें बंद करो, शरीर के अन्दर देखो, परन्तु वह कौन है?जो शरीर के अंदर या बाहर से आंखें बंद करने शरीर में मिलेगा?
This man is just giving sermon on the Mount. Anurag Sagar has many statements which do not stand scrutiny. He is claiming himself to be master of the universe. Not possible!
I have gone through the scriptures on which you are relying. This is simply jugglery of words. If this man considers himself to be manifest Braham, then let him do something for 81 crore people in India who are struggling for 2 squares meals a day.
Sat saheb ji dandabat pranam gyani ji❤❤🙏🙏
Satsaheb ji, m das hu gyani nhi🙏
Sat saheb bandagi ❤❤
Ram ram bhai 🙏
सादर सप्रेम साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
🙏
Jai Gurudev 🙏
🙏मालिक आपका कल्याण करे
Thank you❤❤❤
Satnam shaev vandegi
🙏
jaya mera malik jaya mera satguru aapka charadoma kotikoti naman ❤❤
सतगुरु के चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏
Pranam guruji satsang bhout achaa hai
🙏राम राम जी
महात्मा श्री आपके चरणों में दंडवत प्रणाम आपका विवेक और आपकी वाणी को मैं साधुवाद देता हूं जो इस अमृतवाणी को पिएगा वह परम तत्व को प्राप्त हो जाएगा ऐसी अमृतवाणी है
धन्यवाद जी, ये सेवक पर मालिक की कृपा है
Satguru Kabir Saheb ki Jay Ho aapka Baat bahut dhanyvad
🙏
Bahut achcha satsang 🙏
🙏राम राम जी
Bahut bahut dhanyvad sat saheb ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏sat saheb
sat saheb ji
Gurudev aapko sat sat Naman Sahib Bandagi Saheb sat Saheb Bandagi Saheb Saheb
साहेब बंदगी जी
You are absolutely right thank you very much om om om
🙏
राम राम गुरु जी प्रणाम सत साहेब साहेब बंदगी
राम राम भगत जी, सतगुरु आपका पथ प्रदर्शित करे 🙏
Atma Puja kaise kare aur kis nam ka sumiran kare atm bodh guru kaha milega.kripa karke samjhaye.pranam v
ruclips.net/video/_bfIRoKKOas/видео.html
इसमें सब कुछ बताया है 🙏
Sahib bandagi , sadguru madhu pramhansh sahib ji ke pash milega ek baar jarur sampark kare aap khud anubhav karenge
🌹satnamvaheguruji🙏
🙏 jo bole so nihal Satshriakal
Waheguru ji ka khalsa waheguru ji ki Fateh , kahe kabir Jan bhaye khalse prem bhagat jin jaani@@satgurugyanganga9475
Ram Ram guru ji 🙏🙏🙏♥️
राम राम जी 🙏
Parnam aapko, Mera ek prashan hai ki Jaise Premanand Maharaj ji ne sirf Naam Jaap par hi mehatab diya hai lekin unhone kabi Anhad naad aur Shabad ke upar jor nahi diya.Toh kya Parmatma ko sirf Naam jaap se bi paaya jaasakta hai ki Shabad maain smaana jaroori hai.
Naam jaap pahli sidhi h, shabad me samana dusri, bina naam jaap ke saar sabad nhi jagrit hoga aur bina shabad me samaye aage nhi badh sakte 🙏
👌👍🌹🤝🥰🙏
🙏
Ram Ram guru ji
Satvik aahaar or bhakt ke dincharya kya honi chahiye kabir das ji ki Vani main bataye
प्रश्नोत्तर की वीडियो में देखिए
भक्ति अपने आप पर कीजिए जो ऊर्जा श्रोत का आगमन होगा अपने अंदर विश्वास आत्मज्ञान और श्रद्धा पूर्वक दूसरे के सोच द्वारा नही बल्कि अपने मन से विचार कीजिए अपने अंदर आकाश तत्व का अनुभव का एहसास होने लगता है आकाश प्रकाश हवा अंधकार जल यह दिखता नहीं है अनुभव से एहसास किया जा सकता है
गुरु जी प्रणाम
मातृ पितृ देव भव यही जन्म विधाता है
राम
ram ram ji
Good good good very very nice
🙏
सिमरिया पार पहुंचे लो सतगुरु साख भरलो
🙏
गुरुदेव जीविका के लिए काम भी तो करने होते है तो ज्यादा टाइम सुमिरन कैसे करे कृपा मार्गदर्शन करे
Thik h, batayenge
Haat pair kar kaam sab chit niranjan naam. Aap apna chit jode rakhe ram ke saath. Apni aadte sudhaar lijiye bhajan hota hi rehta hai har waqt
Parmatma ke anter mei drashan ho jaye to ham kya kare
फिर कुछ करना शेष नहीं रहता, उसी परमात्मा से एक हो जाओ
Malik ji, mere pita ji ne mujhe kabhi bhi hack ki baat nahi ki , mein aapni jimmedari ko nibhata hoon ji,🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹♥️♥️♥️♥️♥️
संसार की सारी दौलत और रिश्ते यही रह जाएंगे केवल आपका कर्म ही साथ जाएगा, इसलिए सच्चे हृदय से अपना कर्तव्य निभाएं। परमात्मा सबको देखता है और सबका हिसाब करता है 🙏
Sandar best and better
🙏धन्यवाद प्रभु
नानक देव ने खुद ने कहा है कबीर परमात्मा के बारे में हका करिम कबीर बेएब पर्वतीगार एक और कहा है फाइ सुरत मुल्की देश ए ठगवाडा ठगी देश खरा शियाना भोता वार धानक रूप में रहा करतार कबीर परमात्मा था वो
aatma ka vaas hirde mai hai trikuti mai aatma ki jot man ka parkash hai. Dil ko dhadkaane waali aatma hai. Wahi sai aatma phephado dwara saans le or chod rahi hai.aatma ek kachue ki tarah hai raat ko man ko samet leti hai subhah phir ise trikuti mai chod deti hai. Hum Man naa to hirde ki dhadkan ko band kar sakte hai or naa hi swaaso ko jyaada der tak rok sakte hai. Swaaso par halka sa niyantran hai par dil to Dil hai jo ek baar dhadka to kabi nahi rukta kyoki waha par swam aatma ka control hai. Kabir sahib ji ka shabad hai bande khoj dil har roj naa phir paresaani maahe.
नहीं जी, प्रेम और विश्वास के साथ नाम जाप कीजिए और सत्संग सुनिए, फिर बताना कि आत्मा कहां है 🙏परमात्मा आपका कल्याण करे
Jay gúru me aap ka pràbachan suna wo çhar dag kon sa ha esko nahi btaye batane ki keripa karege
मृत शरीर को जंगल में कीड़े और जानवरों के लिए फेंक देना, पानी में बहा देना, अग्नि में जलाना और दफनाना
Sat sahib ji
Satsaheb ji
MAHATMA JI AAP BHI KOLU KA BELL BANA RAHE HAY
क्यूँ भाई आपको ऐसा क्यूँ लगा, क्या आपको भी जादू की छड़ी चाहिए या पुरुषार्थ नहीं करना चाहते
Vivek apne aap aata h kab aaya aake bta ta rhta h or apne aap shant ho jata chalat rahta h jab bhi koe bhi bat hoti h bta jata h🙏🙏
पिछला जो छोटा सा झूठ बोला था वो कब और क्यूँ बोला था, थोड़ा सा जोर डालिए दिमाग पर, फिर बताना 🙏
Kya vivek ka adhar Truthness detachment aur unexpectation hai?
विवेक सही गलत, अच्छे बुरे की पहचान कराता है, सत्य असत्य में फर्क़ दिखाता है और आपको आत्म अनुभव की और ले जाता है
❤😂🎉🎉😢
🙏
Sant ji apna ph no dijiye baat karni hai ap se jaruri
कमेन्ट बॉक्स में पोस्ट कर दीजिए
Guru ji aatma ka sathan kaha per hai humare sareer main
नैनों के पीछे
Nhi mahraj naab kval astan jiv ka svasa lag lag ave agar glat ho to maaf ker dena nadan he ji ham to
नमस्कार गुरूजी साहेब बंदगी मी एक भगत आहे मी सत्संग ऐकतो आणि सत्संग ला जात असतो पण मला रामदास सवामी यांचे निरुपण ला जावू शकतो का ऐकणेसाठी
जा सकते हो, परमात्मा का नाम लीजिए
Aap kis ghar se Kabir panth me,
जो मालिक का हो गया उसका पंथ भी मालिक और घर भी मालिक 🙏
Sahab ji Chetan ka saw rup hai kaya hai Chetan ko dharsao Chetan phieer bagti batana ya sarir ki bagti karwate ho
चेतन शरीर नही, शरीरी है। पूजा शरीर की नही, आत्म तत्व की होती हैं। उसको देखने के लिए बर्षों तक नाम जाप और साधना करनी पड़ती है, मन को शुद्ध करना पड़ता है सत्यनारायण जी। बताइए आपने अभी तक क्या किया मेरा बताया हुआ। जो कुछ बताता हूँ उसे सुनने के साथ साथ उस पर अमल भी कीजिए नही तो प्रश्नों में ही उम्र बीत जाएगी भगत जी 🙏
Jeev aur peev me kya antar h fir
अज्ञानी आत्मा जीव और शुद्ध परमात्मा पीव
Jab koi jiv apne app ko jan leta he vhi peev ho jata he
Ye jiv hi peev he
Jay Baba MERI maddtkro baba MERI maddtkro baba me bahut parmesan hu baba mere upar tantric kriya Nash Karo Baba muth kriya karayi nashkaro baba ap MERI maddtkro baba
जो नाम दान दिया है, उसका निरंतर जाप कीजिए, सारी तांत्रिक क्रिया विफल हो जाएंगी 🙏
भजन कीजिए और नाम लीजिए, फिर कोई तंत्र काम नहीं करेगा 🙏
Per guru ji nitin Dass katha hai ki ankhon ke piche niranjan ratha hai aatma humari baher hai nishani koi
aatma aagya chakr me hi h, bahar nhi. aatma bahar h to sharir jivit kaise h. apna vivek lagaiye sahab ji
@@satgurugyanganga9475aatma ka vaas hirde mai hai trikuti mai aatma ki jot man ka parkash hai. Dil ko dhadkaane waali aatma hai. Wahi sai aatma phephado dwara saans le or chod rahi hai.aatma ek kachue ki tarah hai raat ko man ko samet leti hai subhah phir ise trikuti mai chod deti hai. Hum Man naa to hirde ki dhadkan ko band kar sakte hai or naa hi swaaso ko jyaada der tak rok sakte hai. Swaaso par halka sa niyantran hai par dil to Dil hai jo ek baar dhadka to kabi nahi rukta kyoki waha par swam aatma ka control hai. Kabir sahib ji ka shabad hai bande khoj dil har roj naa phir paresaani maahe.
12 panth kabir saheb ke baad aye hain
🙏
Aapke anusar atma hi brahm h bhagwan h fir atma ko jeev aur parmatma ko peev kyon kaha garibdass ji ne
ये उपाधि का भेद है और कुछ नहीं, जब तक अज्ञान है तो जीव तत्व रूप का ज्ञान होते ही उस मालिक के साथ एक हो जाता है
Kon sa Ram Dasrath ka beata Ram ya koi or
निर्गुण राम
12 va panth garibdass panth h jo abhi chal raha h
बाकी 11 कौन से हैं
Jab joote naam asali choro ko bhagasakte hai, tho Asali tulasidas ka Ram naam taarbhisaktahai, sukh aur shaanti samrudhi jeete jee mukth rehsakta hai, baaki badme.
Naam koi bhi ho lekin prem aur vishwas jaruri h
सत साहिब भैया आप अगली वीडियो में तो बोल रहे थे कि कबीर जी ईश्वर है भगवान है सब कुछ है सब कुछ है और इस वीडियो में बोलते हैं कि आप कबीर जी कीभी मत करो
यही तो भेद है, कबीर साहेब जी परमात्मा के ज्ञान अवतार थे, इसलिए वो ईश्वर हैं, लेकिन जिस मूर्ति को आपने लगा रखा है क्या वो मूर्ति ईश्वर है, नहीं ना। फिर दुविधा किस लिए ? जो नाम और रूप धारण करता है वह ईश्वर है ना कि वो नाम रूप वाला शरीर। शरीर माया है और शरीरी सत्य, आपका सपना माया है लेकिन आप सत्य?
सतनाम साहिब बंदगी आप सही कह रहे हैं क्या करें क्या नाकरें समझ में नहीं आ रहा बीच में फंसे
roj satsang suniye, duvidha door ho jayegi
बारा संख्या है। तेरा संख्या नहीं है। तेरा का अर्थ तुझका, तेरा अपना पन्थ(रास्ता) (तरीका) समस्याओं के हल करने का ढंग।
तेरा तो समझ में आ गया लेकिन ये 12 पंथ कौन कौन से हैं, बता देंगे तो दास पर आपकी अति कृपा होगी 🙏
satnamwhaguruji
sat sri akal ji
भेदु भ्रम मैभटके नहीं व्यापक हैवह नाम
🙏
Dadu saheb kehte hain Jin moku nij naam diya soye satguru hamaar dadu dusra koi nhi kabir sarijanhar
🙏
तू आत्मा कहां है कैसे दिखेगी
बाहर की आंखे बंद करके अंदर की आंखे खोलने से
🏵️तू आत्मा कहां है कैसे दिखेगी?
???ऐसा कौन कह रहा है? इस पंच भौतिक शरीर में यह कौन कह रहा है या पूछ रहा है कि
🌻तू आत्मा कहां है कैसे दिखेगी?
मनुष्य शरीर में आये सभी जीवो के लिए ये ही सबसे बडा भर्म है। जीव, जीवात्मा,आत्मा या परमात्मा या परमब्रह्म या परमेश्वर या ब्रह्म , इनके के विषय में कौन तर्क-वितर्क कर रहा है?इस सत्य के ऊपर कोई भी विचार नही करता है।इस पंच भौतिक शरीर में आत्मा या परमात्मा या परमब्रह्म को जानने या पाने या ढूंढने के संबंध में प्रश्न कौन कर रहा है?ये ही तथ्य समझने के लिए है।जब आत्मा या परमात्मा या परब्रह्म ही सब कुछ जानन हार है तब आत्मा को इस शरीर में अर्थात माया के आवरण में कौन जाने गा। इस लिए यह कहना कि आत्मा को जानो या आत्मा को देखो या आत्मा कहां है?कैसे दिखाई देगी? ये ही सबसे बडी भ्रम की स्थिति हैऔर ये ही बहुत बडी अज्ञानता और विवेकहीनता की बात है। सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है कि
आत्म ज्ञान कथे सो अन्धा,
आत्म खबर न पाई हो।।
सप्रेम सादर नमन साहेब जी। कोटि-कोटि साहेब बंदगी साहेब जी।
आप विचार करे की इन मायावी शरीरों में यह कौन कह रहा है या तर्क वितर्क कर रहा है कि आत्मा को जानों , आंखें बंद करो, शरीर के अन्दर देखो, परन्तु वह कौन है?जो शरीर के अंदर या बाहर से आंखें बंद करने शरीर में मिलेगा?
This man is just giving sermon on the Mount. Anurag Sagar has many statements which do not stand scrutiny. He is claiming himself to be master of the universe. Not possible!
gentleman please go through the teachings of Kabir ji and you will come to know the truth
I have gone through the scriptures on which you are relying. This is simply jugglery of words. If this man considers himself to be manifest Braham, then let him do something for 81 crore people in India who are struggling for 2 squares meals a day.
Jaake sir mor mukut mero pati soi .mere to girdhar Gopal dusro na koi
जिसके सिर मोर मुकुट था वो शरीर तो खाक हो गया, गीता पढ़िए और तत्व रूप को जानिए 🙏
Tum Rampal wale ho photo to Nanak jiki laga Rajbir hai
Kaun rampal