आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति से जीवन में सच्ची शांति और सुख आता है | सत्संग श्री ओंकारेश्वराचार्य जी

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  • Опубликовано: 8 фев 2025
  • भगवद गीता के अनुसार, मानव जीवन का उद्देश्य आत्म उद्धार करना है। भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि मनुष्य का सर्वोत्तम लक्ष्य आत्मा की सच्चाई को समझना और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करना है। आत्म उद्धार का अर्थ है व्यक्ति का आत्मा के साथ मिलन, संसारिक बंधनों से मुक्ति और परम सत्य की प्राप्ति।
    भगवद गीता के कुछ प्रमुख श्लोक इस उद्देश्य को स्पष्ट करते हैं:
    1. *"उद्धरेतात्मनात्मनं नात्मानमवसादयेत्। आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः॥"* (भगवद गीता 6.5)
    "मनुष्य को स्वयं को स्वयं से उद्धार करना चाहिए, आत्मा ही आत्मा का मित्र है और आत्मा ही आत्मा का शत्रु है।"
    2. *"तस्मिन्क्षये परे ब्रह्मणि शान्ते परमं सुखम्।"* (भगवद गीता 2.72)
    "जो ब्रह्म में स्थित है, वह परम शांति और सुख का अनुभव करता है।"
    इस प्रकार, भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने स्पष्ट रूप से बताया है कि आत्म-उद्धार या मोक्ष प्राप्ति ही मानव जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य है।
    अगर आपका कोई भी प्रश्न है, तो आप व्हाट्सएप माध्यम से इस नंबर पर जुड़ सकते हैं: 8447604928

Комментарии • 2

  • @satyaprakashpandey2087
    @satyaprakashpandey2087 24 дня назад +2

    मानव कल्याण की भावना से ओतप्रोत अति उत्तम प्रवचन

  • @ArvindKumar-z3p6n
    @ArvindKumar-z3p6n 7 дней назад

    Jai shree radhe