श्रीकांत वर्मा की 'मगध' की चिंगारियों को फिर से हवा दी है राहुल सोनी के अनुवाद ने | Shrikant Verma
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- Опубликовано: 8 окт 2024
- 25 मई को हिंदी में ‘नई कविता आंदोलन’ के सशक्त हस्ताक्षर रहे ‘श्रीकांत वर्मा’ जी की पुण्यतिथि के अवसर पर हमने ‘द वायर’ पर ख़ास तौर पर इस वीडियो के ज़रिये एक बार से उनकी यादें ताज़ा कीं, जिसमें अहम वजह बना राहुल सोनी द्वारा किया गया ‘मगध’ का अनुवाद। ‘मगध’ श्रीकांत वर्मा जी की हिंदी में लिखी गई अत्यंत महत्वपूर्ण काव्य-कृति है, जिसे उन्होंने रचा था लगभग अस्सी के दशक में, जब देश में सत्ता और व्यवस्था, दोनों करवटें ले रही थीं। श्रीकांत वर्मा की इस काव्य-कृति में उठाए गए विषय और उनके विद्रोही तेवर ने इस कृति को आज भी उतना ही प्रासंगकि बना रखा है, जितना कि यह अपने लेखन के समय थी। इस कृति को साल 1987 के ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया था। राहुल सोनी, जो कि स्वयं एक अच्छे अनुवादक होने के साथ-साथ संपादक और लेखक भी हैं, उन्होंने इस कृति का हिंदी से अंग्रेज़ी अनुवाद किया, जिसे हाल ही में पुनर्प्रकाशित किया है, इका- एन इम्प्रिंट ऑफ वेस्टलैंड बुक्स (EKA- An Imprint of Westland books) ने। किताब का मूल्य है- 599 रुपये। पाठक ऑनलाइन इसे ऑर्डर कर सकते हैं।
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बहुत समय के पश्चात आप आईं बहुत अच्छा लगा।आपका धन्यवाद 🙏🙏
दामिनी जी को मेरा प्रणाम बहुज दिनों बाद आप एपिसोड्स लेकर आई आपके बोलने का अंदाज़ काफी प्रभावित करता हैं मुझे
सत्ता सवाल ही देश हित है।
💜
Thosth y no English news, atleast English subtitles. I'm tamilan
जिस देश का प्रधानमंत्री फ़र्ज़ी डिग्री लेकर उड़ रहा हो...
उस देश में पढ़ने लिख़ने वालों को रेंगते ही रहना पड़ेगा
या हो सकता है भविष्य में ज़मीन के नीचे ही छुपना पड़े ! 🙏🙏
🙏🙏🙏🔥🔥🔥