विनोद भैयाजी का यह इंटरव्यू eyeopner है, जो जैन दर्शन की विशालता व उदारता को दर्शाता है, जबकि हम जो सुनते आए हैं उससे हम जैन दर्शन को एक कठोर, नियमों मे ही उलझे रहने वाला मानने लगे l स्वयं आचार्य श्री भी अन्य दर्शनों के महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानते मानते थे बशर्ते के आगम दर्शन को केंद्र मे रखा जाए l वे अन्य दर्शनों को कमतर नहीं मानते थे लु कितना उदार व व्यापक दृष्टिकोण था l नमोस्तु भगवान
आदरणीय रविन्द्र जी आपका ह्रदय से साधुवाद जो श्रधेय भैया जी के माध्यम से आपने हमे आचार्य भगवन के अलौकिक चिंतन से परिचय करवाया। आचार्य श्री वास्तव में इस युग के तीर्थंकर ही थे जो हर प्राणी मात्र के कल्याण के साथ स्व कल्याण भी करते हुए समाधिस्थ हुए।
👌👌👌👏👏👏 Achary. Shrika chintan aur. Antrik. Bhav . unki nisprihata janne ko mili. Ham bhi bhauk huye Hamare gurudev ne. Jo. Hame marg. Bataya. Hai. Usi. Par. Chalne. Ke liye. Paryasrat hai. Ham. Bade. Bhagyshali hai jo unke ug. Me janam liya. Jay. Jay jay. Gurudev🙏🙏🙏
आदरणीय ब्रह्मचारीजीआपने आचार्य श्री के अमूल्य अद्वितीय विचारो गुप्त क्यो रखा समाज मे आने पर जैन धर्म की महती प्रभावना होती और उनका चिंतन जन जन को लाभ पहुचता । अभी भी जो आपकी स्मृति में उनका संकलन कर सभी को लाभ पहुचाये ।।जय जिनेन्द्र
Ham apne Acharyashree ko jaan hi nahi paaye...Guruji ko jaan na unke upkaaro ka dhyaan dilata rehta he....kaise aise jeev aate he jinhone kotne upkaar kiye hote he wo aabhar vyakt karne wale ko pata hi nahi rehta....Jainam Jayatu Sashnam
विनोदजी आपने दीक्षा तो नहीं ली पर कभी केशलोच ट्राय किया क्या ?रजनीश / ओशो ,कानजी स्वामी,सुशील मुनि,आचार्य तुलसी आदि ने जैन मत को चर्चा और चलन में बनाए रखापर विद्यानंदजी और विद्यासागर जी आचार्य शांति सागर की धारा के रत्न हैं जिनका योगदान अप्रतिम है ।
हम सब महान मूर्ख है आचार्य श्री संघ की व्यवस्था कर रहे थे विगत 2 से 3 वर्षों से और हम नही समझ पा रहे थे कि वे अपनी संलेखना की व्यवस्था कर रहे थे एक बाप अपने अंतिम समय मे अपने पुत्र को प्रोपर्टी के कागज देता है। वैसे ही गुरुदेव निर्यापक पद नही अपना अंतिम फर्ज पूरा कर रहे थे और हम खुशी से तालिया बजा रहे थे। 2022 का कुंडलपुर महोत्सव कोई महोत्सव नही एक प्रकार से गुरुदेव का अपने शिष्यों के लिए विदाई समारोह था fairwell अपने भाई को अंतिम दीक्षा देकर इतना दूर भेज दिया कि अब वे आचार्य पद समारोह मे तक नही आ सकते। रिश्तों से सही मायने मे ममत्व का त्याग क्या होता है आचार्य श्री से सीखे कोई।। हमे तो लग रहा था उनका हीरक दीक्षा महोत्सव भी मनाने का अवसर मिलेगा।। लेकिन हमारा पुण्य स्वर्ण तक था हीरे तक जाने का हम सबका पुण्य नही था😢
आचार्य विद्यासागर जी महाराज नमस्तू आचार्य विद्यासागर जी महाराजजी हमारे पूज्य है, लेकिन एक बारवी आचार्य शांतिसागर जी के बारे में उनके विचार क्या थे उसके बारे में किसी को पता नही है
कुछ भी हानि नही हुआ वे और उन्नति केमार्ग पर नव तन के साथ आरूढ हुए और यहाॅ सैकडों मुनि आर्यिका उनके समान और हजारों श्रावक भी जो मार्ग पर चल रहे हैं अपनी अपनी आहुति यज्ञ में देते जाएंगे ।
पूज्य 108 विद्यासागर जी महाराज अपने आप में पूर्ण थे। उनका सानिध्य विनोद भैया जी को मिला इनका सौभाग्य है उम्मीद है विनोद भैया जी ने चर्चा से अलग उनसे चारित्र पर चलने के विषय में भी ग्रहण किया होगा और अपने जीवन में आगे उस पर चलने का भी प्रयास करेंगे।।
Arrey the teeth of acharya shri was eaten ny your highest delhi Ministorials by mixiing Slow poison in to the Ahar meal food Most problably acharya shri ji has left Most of eattings
Namostu Bhagwan Namostu Gurudev Namostu AacharyShriji Ratnatry Dhari Utkrast Charya Sadhana Shiromani Tapodhan ke pawan Punit Charno me Barambar Kotishah Namostu Namostu Namostu
विनोद भैयाजी का यह इंटरव्यू eyeopner है, जो जैन दर्शन की विशालता व उदारता को दर्शाता है, जबकि हम जो सुनते आए हैं उससे हम जैन दर्शन को एक कठोर, नियमों मे ही उलझे रहने वाला मानने लगे l स्वयं आचार्य श्री भी अन्य दर्शनों के महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानते मानते थे बशर्ते के आगम दर्शन को केंद्र मे रखा जाए l वे अन्य दर्शनों को कमतर नहीं मानते थे लु कितना उदार व व्यापक दृष्टिकोण था l नमोस्तु भगवान
बहुत ही रहस्यमय चिंतनहै
Jay jinendra is Tarah aur share Kariy vinod bhaiya ke saath
आदरणीय रविन्द्र जी आपका ह्रदय से साधुवाद जो श्रधेय भैया जी के माध्यम से आपने हमे आचार्य भगवन के अलौकिक चिंतन से परिचय करवाया।
आचार्य श्री वास्तव में इस युग के तीर्थंकर ही थे जो हर प्राणी मात्र के कल्याण के साथ स्व कल्याण भी करते हुए समाधिस्थ हुए।
प्राकृत भाषा में अभिनव आचार्य पूज्य श्री समयसागर जी महाराज की वन्दना
ruclips.net/video/HT21QODMXcU/видео.html
अद्भुत ..... आचार्य श्री को बारम्बार नमोस्तु
Br Vinod ji ke or video banaye, taaki or gehan vichar acharya shri ke hame pata chale. Aj mere bahut se doubt ka solution mila h. thanku
thanks for sharing. It feels unfiltered and close to real ground. :)
बहुत ही सराहनीय इंटरव्यू
🙏🙏 संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज कि ಜೈ ಹೋ ಸಮಸ್ತ आचार्य संघ की ಜೈ ಹೋ
अद्भुत 🙏
👌👌👌👏👏👏
Achary. Shrika chintan aur. Antrik. Bhav . unki nisprihata janne ko mili. Ham bhi bhauk huye
Hamare gurudev ne. Jo. Hame marg. Bataya. Hai. Usi. Par. Chalne. Ke liye. Paryasrat hai.
Ham. Bade. Bhagyshali hai jo unke ug. Me janam liya.
Jay. Jay jay. Gurudev🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏namostu vinodji
Bhut Sundar charch
Bahut hi sargarbhit aur bhavuk interview 🙏👏👏👏
Gurudev ki jai ho🙏🙏🙏🙏🙏
आदरणीय ब्रह्मचारीजीआपने आचार्य श्री के अमूल्य अद्वितीय विचारो गुप्त क्यो रखा समाज मे आने पर जैन धर्म की महती प्रभावना होती और उनका चिंतन जन जन को लाभ पहुचता । अभी भी जो आपकी स्मृति में उनका संकलन कर सभी को लाभ पहुचाये ।।जय जिनेन्द्र
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आचार्य श्री सबके भगवान थे लेकिन उनके जाने के बाद जो भ्रम फैलाया बह गलत है आचार्य श्री के अंतिम शब्दो का अक्षरता पालन होना चाहिए
विनोद भैया जय जिनेद्र
रविंद्र जी आपका जितना भी आभार व्यक्त किया जावे कम है,,
वैभव जैन "सम्यक ,, जगदलपुर
Acharya Shree ki Gehraai, unki Unchaai unki vyapakata bhi hamare andaaze se pare he....aaj phir anubhav hua
Jayjinendr
Dhanyavad
Ham apne Acharyashree ko jaan hi nahi paaye...Guruji ko jaan na unke upkaaro ka dhyaan dilata rehta he....kaise aise jeev aate he jinhone kotne upkaar kiye hote he wo aabhar vyakt karne wale ko pata hi nahi rehta....Jainam Jayatu Sashnam
Namostu bhagwan.
Jai jai gurudev🙏🙏🙏🙏🙏
Jay. Jinendra. Bhayaji 🙏
🙏🙏🙏👍👍👍👏👏👏
विनोदजी आपने दीक्षा तो नहीं ली पर कभी केशलोच ट्राय किया क्या ?रजनीश / ओशो ,कानजी स्वामी,सुशील मुनि,आचार्य तुलसी आदि ने जैन मत को चर्चा और चलन में बनाए रखापर विद्यानंदजी और विद्यासागर जी आचार्य शांति सागर की धारा के रत्न हैं जिनका योगदान अप्रतिम है ।
😢 13:42
He swami namostu namostu namostu
Nmostu gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद विनोद जी
हम सब महान मूर्ख है
आचार्य श्री संघ की व्यवस्था कर रहे थे विगत 2 से 3 वर्षों से
और हम नही समझ पा रहे थे कि वे अपनी संलेखना की व्यवस्था कर रहे थे
एक बाप अपने अंतिम समय मे अपने पुत्र को प्रोपर्टी के कागज देता है।
वैसे ही गुरुदेव निर्यापक पद नही अपना अंतिम फर्ज पूरा कर रहे थे और हम खुशी से तालिया बजा रहे थे।
2022 का कुंडलपुर महोत्सव कोई महोत्सव नही एक प्रकार से गुरुदेव का अपने शिष्यों के लिए विदाई समारोह था fairwell
अपने भाई को अंतिम दीक्षा देकर इतना दूर भेज दिया कि अब वे आचार्य पद समारोह मे तक नही आ सकते।
रिश्तों से सही मायने मे ममत्व का त्याग क्या होता है आचार्य श्री से सीखे कोई।।
हमे तो लग रहा था उनका हीरक दीक्षा महोत्सव भी मनाने का अवसर मिलेगा।।
लेकिन हमारा पुण्य स्वर्ण तक था हीरे तक जाने का हम सबका पुण्य नही था😢
Ekdm marmik vichar apke Hriday ko chhoo gye 🙏🙏
Jai Ho 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jai jinendra 8:53
9:12
आचार्य विद्यासागर जी महाराज नमस्तू आचार्य विद्यासागर जी महाराजजी हमारे पूज्य है, लेकिन एक बारवी आचार्य शांतिसागर जी के बारे में उनके विचार क्या थे उसके बारे में किसी को पता नही है
बहुत गहरा चिंतन
बार-बार रविन्द्र जी प्रश्न पूछने में हिचकीचा क्यों कर रहे हैं और विनोद जी का व्यक्तव्य बहुत पहले क्यों नहीं आना चाहिए था रिकॉर्डिंग कहा ह
और भी रहस्य विनोद भैया प्राप्त कर सकते है आप दोनों प्रणाम वंदना स्वीकार करे ।
Bilkul sahi kaha
कुछ भी हानि नही हुआ वे और उन्नति केमार्ग पर नव तन के साथ आरूढ हुए और यहाॅ सैकडों मुनि आर्यिका उनके समान और हजारों श्रावक भी जो मार्ग पर चल रहे हैं अपनी अपनी आहुति यज्ञ में देते जाएंगे ।
पूज्य 108 विद्यासागर जी महाराज अपने आप में पूर्ण थे। उनका सानिध्य विनोद भैया जी को मिला इनका सौभाग्य है उम्मीद है विनोद भैया जी ने चर्चा से अलग उनसे चारित्र पर चलने के विषय में भी ग्रहण किया होगा और अपने जीवन में आगे उस पर चलने का भी प्रयास करेंगे।।
Vinod ji bhind me kis gaon ke he ।
Arrey the teeth of acharya shri was eaten ny your highest delhi
Ministorials by mixiing
Slow poison in to the
Ahar meal food
Most problably acharya shri ji has left
Most of eattings