दतिया रियासत का इतिहास और उसके इर्दगिर्द का इतिहास के साथ ही जो आपने मुगलकाल के हुमायूँ से लेकर 1946 तक के इतिहास को बर्णन किया है वह बहुत ही उथलपुथल का है, इसमें किसी भी धर्म यानि हिंदू मुसलमानों की लड़ाई का जिक्र नहीं है वल्कि यह शुद्ध रुप से राजाओं सचल्तनों के राज्य विस्तार की ही लड़ाई दिखाई देती है और मुगलों के बाद अंग्रेजों के साथ सहयोग कर हिंदू राजा ऐनकेनप्रकारेण सत्ता में बने रहने की ही जुगाड़ दिखाई देती है और अपने अपने फायदे के लिये अपनों का ही साथ नहीं देते और अपनों को मारने और मरवाने का भी काम करते है जिसमें दोनो धर्म के लोग बराबरी से शामिल हैं जो यह सावित करता है कि हम कभी एकसाथ मिलकर नहीं रहे चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, मगर फिर भी हमारे देश को अंग्रेजों ने अपने शासन के अधीन कर देश को एकसूत्र में बाधा चाहे इसके लिये उन्होंने साम दाम दंड भेद की नीति ही क्यों न अपनाई हो जो आज का भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश है वह है वह हमारे ही फूट का परिणाम है जिसे अंग्रेजों ने ही हवा दी थी, भारत की आजादी के समय भी हम 565 रियासतों में बंटे होकर भी अंग्रेजी शासन के अधीनस्थ थे, लेकिन आजादी का ऐलाश होते ही फिर से हम सभी रियासतों के राजा महाराजा और नबाबों ने भारत मे मिलने मे संदेह ही बना हुआ था, लेकिन फिर ततकालीन गवर्नर जनरल माऊंटबेटन और ग्रहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मिलकर योजना बनाई और सरदार पटेल के द्रढ़निश्चय ने भारत को एक राष्ट्र भारत बनाने मे सभी रियासत़ं ने भी मजबूरीबस साथ दिया, लेकिन आज यह भारत के लोग दिल और दिमाग से एक नहीं हैं, कोई राजा है कोई नबाब है और वाकी जनता नहीं उनकी प्रजा है, राजेरजबाड़े तो चले गये लेकि उनकी संपत्ति, अकड़ और गुरूर वाकी है जशता भी लोकतंत्र की व्यवस्थाओं को नहीं समझती है वह के राजाओं और नबाबों के प्रजा और रियाया ही समदती है अपनेआप को, और अब त़ लैकतंत्र में नय नये नेता भी उभरकर आ गये हैं जो अपने आपको राजा और नबाबों से कम नहीं समझते, भारत के लोगों को और उसके इतिहास को जितना भी समझने की कोशिश करेंगे उतनी आसान बात नहीं होगी
भाई साहब आपने इतिहास बहुत बताया जहांगीर महल जब बनकर तैयार हुआ उसमें जहांगीर कभी नहीं आए उनको एक ही दिन रुकना था इसलिए महल बनवाया गया था कृपया सभी को सही इतिहास बताएं आपने गोविंद सिंह के बाद और किसी राजा का जिक्र नहीं किया महाराजा बलभद्र सिंह महाराज गोविंद सिंह के पुत्र थे महाराजा बलभद्र सिंह के पुत्र महाराजा श्री कृष्णा सिंह जोड़े हुए वह सांसद भी थे भिंड से उसके बाद उनके पुत्र राजेंद्र सिंह जी हुए अब उनके पुत्र हैं मैं भी दतिया रियासत से ताल्लुक रखता हूं कृपया इतिहास सही बताएं
Thanks for making a video of datia state. Fulfilled with its knowledgeable history, glorious history...i also have a special attachment with datia because it is my birth place ..so thanks for this video ❣😃
पेशवा बाजीराव, ग्वालियर के शिंदे, होळकर, धार के पवार, गायकवाड, दाभाडे, नागपूर के भोसले, इत्यादी सब सातारा के छत्रपति के अधीन होकार काम करते थे...... फिर क्यू आप सातारा रियासत पर व्हिडिओ नहीं बना रहे हैं....
Thanks for sharing a detail history of Datia empire. During 1698 Aurangazeb period Killedar Swarup singh of Bundelkhand deputed to Gingee fort at Tamilnadu to capture Maratha empire Rajaram who was hiding at fort . After demise of Swarup Singh and his son Raja Tej Singh @ Raja Desingh many bundelas settled in south india. Now called as Bondil / Bondilis . It would be great to know the historical facts the origin of Killedar Swarup Singh at Bundelkhand. Thanking you in advance Harish Singh
भाई साहब आपसे एक निवेदन है, आप विडिओ बहुत अच्छा बना रहे हैं, इतिहास भी सही तरीके से खोजने की कोशिश कर रहे हैं पर अधिकाँध समय आप स्थान और व्यक्तियों के नाम का उच्चारण गलत करते हैं, छेड़ी नहीं चेदि जनपद था शायद, चंदेल है चंडेल नहीं.। बाकी सारी जानकारी बड़ी ही रोचक है.।
Meri team hai jo khajane ki khoj kar rahi hai aur mai us team ka leader hu is hi mahal mai mai datia ka hi rehne bala hu or to or mai sara khajana lekar chumantar ho jaonga or tum log bas ye video's hi dekhte rehna bas.🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🔥🔥🔥🔥🔥I am not telling a lie.
भारत स्वतंत्र होने के बाद भी, जभी भी माधवराव सिंधिया जी की मा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया सातारा आती थी तो सातारा के वंशज के सामने समान गद्दी पर नहीं बैठती थी। सातारा के छत्रपति का मान सम्मान आज भी कम नहीं हुआ है।
Sir ji khangar rajaon ki history prathavi raj singh chauhan ke main samant the khetsingh khangar jinko prathviraj chauhan ne mahoba ki kila diya tha fir khet singh ji ne Gadkundar ke kile ko banaya Or baha par 1180 se 1340 tak raj kiya or raja khoob singh ko dhoke se mar kar raj kiya tha jaha par har saal 27 December ko maharaja khet singh khangar judev ki jayanti manayi jati hai or Sare desh se khangar rajput sammilit hote hai
7:17 अरे कौन सा और कहां से इतिहास पढ़ें हो बे जो जहांगीर को अकबर का इकलौता बेटा बता रहे हो। चिचा ओ *** वाले चिचा अकबर के पांच बेटे थे जहांगीर, मुराद मिर्ज़ा, दानियाल मिर्ज़ा, हुसैन और हसन । समझे 😂😂😂
भाई साहब कोन सा इतिहास पढा है आप ने दतिया का सरकारी और इतिसिक गजट पढो कोई दांगी राजपूत होते है जो सागर मै निवास करते ठाकुर बोलते उन्हें हमने गजेटियर पढा है बुंदेलखंड का सन् 1200 से 1500 शताब्दी तक दांगी राजपूतों ने एक छत राज किया है क ई किले निमार्ण करवाये उदा ० विराहठा का किले सबदल सिंह दांगी राजपूत थे जिन्होंने मुगल सूबेदार अलिमदन खां से युद्ध किया था 1400 महलाओ ने जौहर किया और कुमुद पद्धमनी ने बेतवा नदी मै जल जौहर किया और ठीक उन राजपूतों का इतिहास मराठा और बुंदेला ने दबाया है नोट _आप बुंदेलखंड का 74 गजट पढे सभी भाई लोग आप लोगो से निवेदन है मेरा आप सभी को सच्चाई पता चल जायेगी इतिहास बुक _ वृदांवन वमा ने इन दांगी राजपूतों सौहार गाथाओं का वणन किया आप सभी पढे
They were both allies and rivals to the Mughal dyansty. They were top ranking members of the Mughal administration and very friendly during the reign of some Mughal Emperors but during the reign of Aurangzeb and some of the others, they were unfriendly and rebellious.
आप ग्वालियर के सिंधिया, इन जैसों कि बात करते है, लेकिन सिंधिया तो नाममात्र सरदार थे, सातारा के छत्रपति को रिपोर्टिंग करना पड़ता था उन्हें। सिंधिया कोई महाराज नहीं है। सरदार है सिर्फ।
दतिया रियासत का इतिहास और उसके इर्दगिर्द का इतिहास के साथ ही जो आपने मुगलकाल के हुमायूँ से लेकर 1946 तक के इतिहास को बर्णन किया है वह बहुत ही उथलपुथल का है, इसमें किसी भी धर्म यानि हिंदू मुसलमानों की लड़ाई का जिक्र नहीं है वल्कि यह शुद्ध रुप से राजाओं सचल्तनों के राज्य विस्तार की ही लड़ाई दिखाई देती है और मुगलों के बाद अंग्रेजों के साथ सहयोग कर हिंदू राजा ऐनकेनप्रकारेण सत्ता में बने रहने की ही जुगाड़ दिखाई देती है और अपने अपने फायदे के लिये अपनों का ही साथ नहीं देते और अपनों को मारने और मरवाने का भी काम करते है जिसमें दोनो धर्म के लोग बराबरी से शामिल हैं जो यह सावित करता है कि हम कभी एकसाथ मिलकर नहीं रहे चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, मगर फिर भी हमारे देश को अंग्रेजों ने अपने शासन के अधीन कर देश को एकसूत्र में बाधा चाहे इसके लिये उन्होंने साम दाम दंड भेद की नीति ही क्यों न अपनाई हो जो आज का भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश है वह है वह हमारे ही फूट का परिणाम है जिसे अंग्रेजों ने ही हवा दी थी, भारत की आजादी के समय भी हम 565 रियासतों में बंटे होकर भी अंग्रेजी शासन के अधीनस्थ थे, लेकिन आजादी का ऐलाश होते ही फिर से हम सभी रियासतों के राजा महाराजा और नबाबों ने भारत मे मिलने मे संदेह ही बना हुआ था, लेकिन फिर ततकालीन गवर्नर जनरल माऊंटबेटन और ग्रहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मिलकर योजना बनाई और सरदार पटेल के द्रढ़निश्चय ने भारत को एक राष्ट्र भारत बनाने मे सभी रियासत़ं ने भी मजबूरीबस साथ दिया, लेकिन आज यह भारत के लोग दिल और दिमाग से एक नहीं हैं, कोई राजा है कोई नबाब है और वाकी जनता नहीं उनकी प्रजा है, राजेरजबाड़े तो चले गये लेकि उनकी संपत्ति, अकड़ और गुरूर वाकी है जशता भी लोकतंत्र की व्यवस्थाओं को नहीं समझती है वह के राजाओं और नबाबों के प्रजा और रियाया ही समदती है अपनेआप को, और अब त़ लैकतंत्र में नय नये नेता भी उभरकर आ गये हैं जो अपने आपको राजा और नबाबों से कम नहीं समझते, भारत के लोगों को और उसके इतिहास को जितना भी समझने की कोशिश करेंगे उतनी आसान बात नहीं होगी
Bahi sub aub Congress's hain, chahey kishi bhee state ki Congress party main dekhlo. 🙏🌷
Thanks for educative info of Datia n Bundelkhand. Col kr Ajeet singh gaur.
Very interesting min bahut din se wait kar raha tha is video ka
भाई साहब आपने इतिहास बहुत बताया जहांगीर महल जब बनकर तैयार हुआ उसमें जहांगीर कभी नहीं आए उनको एक ही दिन रुकना था इसलिए महल बनवाया गया था कृपया सभी को सही इतिहास बताएं आपने गोविंद सिंह के बाद और किसी राजा का जिक्र नहीं किया महाराजा बलभद्र सिंह महाराज गोविंद सिंह के पुत्र थे महाराजा बलभद्र सिंह के पुत्र महाराजा श्री कृष्णा सिंह जोड़े हुए वह सांसद भी थे भिंड से उसके बाद उनके पुत्र राजेंद्र सिंह जी हुए अब उनके पुत्र हैं मैं भी दतिया रियासत से ताल्लुक रखता हूं कृपया इतिहास सही बताएं
SIR.JI.RAM.RAM. SUPER KNOWLED VERY BEAUTIFUL VIDEOS THANKS JAY.HIND 👍👌🥀🌈🌹❤💘🙏🙏🙏GOD.SAVE YOU 🙏
Bahut ache se sir apne batya main bhi datia se hu but itna detail history mujhe bhi pata nhi thi very good sir
Wonderful picture of the Datia history. It contrasts the pro and anti establishment approaches and the advantages & disadvantages of each..
Thanks for making a video of datia state. Fulfilled with its knowledgeable history, glorious history...i also have a special attachment with datia because it is my birth place ..so thanks for this video ❣😃
Thank you sir for sharing the knowledge!!!!! I surely visit that palace
Good Approach in regard of Datia Riyasat, Maharaja Govind Singh and Many Respected king.
Thank You 😊
Wonder ful information thanks
दतिया के बारे में आपने बहुत सुंदर जानकारी बहुत-बहुत धन्यवाद आपको। अबू फजल की लूट के बारे में भी एक वीडियो बनाने की कृपा करें
Nicely explained in Hindi🙏🙏🙏💐💐
Thanks sir
Wonderful presentation
भाई पन्ना के बारे मै। महराज छत्रसाल जू देव के बारे बताओ।।।
महाराजा छत्रसाल बुंदेला की जय।
भाई आपने बहुत अच्छा जानकारी दी है
Good.
Pls make video on 'chanderi riyasat'.
Especially cover 'Maharaja mardan Singh ju dev' revolut.... Pls 🥺
जय मध्य प्रदेश जय टाइगर स्टेट वीर भोग्य वसुंधरा राजा रामचंद्र की जय जय महाकाल जय बुंदेलखंड
Everywhere same history. Palaces and forts for pleasure of royals.
Please make a video on Mardan Singh also.
@Kabir Bal yes
Tikamgad ke bare mai batao
Maharaja chatrasal aur mahrani laxmi bai ki jai 🙏
पेशवा बाजीराव, ग्वालियर के शिंदे, होळकर, धार के पवार, गायकवाड, दाभाडे, नागपूर के भोसले, इत्यादी सब सातारा के छत्रपति के अधीन होकार काम करते थे...... फिर क्यू आप सातारा रियासत पर व्हिडिओ नहीं बना रहे हैं....
Yes vedio बनणं चहाये
Jai Rajputana jai Kshatriya dharma
Dewas ke pawar ke bare mai bhi daale kuch roshni
Sir REWA BAGHELKHAND ka bi video bnayiye pls
Thanks for sharing a detail history of Datia empire.
During 1698 Aurangazeb period Killedar Swarup singh of Bundelkhand deputed to Gingee fort at Tamilnadu to capture Maratha empire Rajaram who was hiding at fort .
After demise of Swarup Singh and his son Raja Tej Singh @ Raja Desingh many bundelas settled in south india. Now called as Bondil / Bondilis .
It would be great to know the historical facts the origin of Killedar Swarup Singh at Bundelkhand.
Thanking you in advance
Harish Singh
In South India, which area they settled.?
Good
Upload after long time by channel but welcome
भाई मध्यप्रदेश की बागली तहसील में स्थित हीरापुर जागीर के बारे मैं भी वीडियो बनाओ ना
chanderi pe banaye ek video
🙏
Nice
Veer Singh Dev ki rajdhani kya thi...
दतिया में दीवान मोहनलान यादव रहे थे दीवान एन उददीन से पहले क्या आप उनके बारे में मुझे कुछ जानकारी बता सकते हैं ... I'm requesting to u sir!
भाई साहब आपसे एक निवेदन है, आप विडिओ बहुत अच्छा बना रहे हैं, इतिहास भी सही तरीके से खोजने की कोशिश कर रहे हैं पर अधिकाँध समय आप स्थान और व्यक्तियों के नाम का उच्चारण गलत करते हैं, छेड़ी नहीं चेदि जनपद था शायद, चंदेल है चंडेल नहीं.। बाकी सारी जानकारी बड़ी ही रोचक है.।
orchha State ka tikamgarh raja ka video badhai
Raghogad riyast madhyapradesh ki Bare ma Batiya
Hare bundela jite parmar bhage dhandere kurru maar 🔥💯
Meri team hai jo khajane ki khoj kar rahi hai aur mai us team ka leader hu is hi mahal mai mai datia ka hi rehne bala hu or to or mai sara khajana lekar chumantar ho jaonga or tum log bas ye video's hi dekhte rehna bas.🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🔥🔥🔥🔥🔥I am not telling a lie.
તારો અવાજ ખુબ જ સુંદર છે
Chatarpati shivaji maharaj
Kehene me kiya *****
भारत स्वतंत्र होने के बाद भी, जभी भी माधवराव सिंधिया जी की मा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया सातारा आती थी तो सातारा के वंशज के सामने समान गद्दी पर नहीं बैठती थी। सातारा के छत्रपति का मान सम्मान आज भी कम नहीं हुआ है।
जय महाराजा छत्रसाल जय विक्रमादित्य
Sir ji khangar rajaon ki history prathavi raj singh chauhan ke main samant the khetsingh khangar jinko prathviraj chauhan ne mahoba ki kila diya tha fir khet singh ji ne Gadkundar ke kile ko banaya Or baha par 1180 se 1340 tak raj kiya or raja khoob singh ko dhoke se mar kar raj kiya tha jaha par har saal 27 December ko maharaja khet singh khangar judev ki jayanti manayi jati hai or Sare desh se khangar rajput sammilit hote hai
Love from Sonagir ji❤️
I am from दतिया
जन जन की है थी यही पुकार एनुद्दीन को देयो निकार।।
स्वागत। बस कुछ जगह कुछ नाम का ठीक उच्चारण नही, पवैया नही पवाया है, चन्डेल नहीं चन्देलहै, नागा नहीं नाग वंश है।
बिल्कुल सही
English and Hindi pronounciation difference
सर उदय पुर रियासत की कहानी भी लाइये
उदयपुर नहीं मेवाड़ की बात हो रही है।
7:17 अरे कौन सा और कहां से इतिहास पढ़ें हो बे जो जहांगीर को अकबर का इकलौता बेटा बता रहे हो।
चिचा ओ *** वाले चिचा अकबर के पांच बेटे थे जहांगीर, मुराद मिर्ज़ा, दानियाल मिर्ज़ा, हुसैन और हसन ।
समझे 😂😂😂
Chandel Rajputo ki Jai ..
Jahangir akbar ka iklauta beta nhi tha 2 or bhi they
Apse zyada to dekhne walo ko jankari h, apko dekhne ka kya fayda?
Jai khangar Rajput
भाई साहब कोन सा इतिहास पढा है आप ने दतिया का सरकारी और इतिसिक गजट पढो
कोई दांगी राजपूत होते है जो सागर मै निवास करते ठाकुर बोलते उन्हें हमने गजेटियर पढा है बुंदेलखंड का सन् 1200 से 1500 शताब्दी तक दांगी राजपूतों ने एक छत राज किया है क
ई किले निमार्ण करवाये
उदा ० विराहठा का किले सबदल सिंह दांगी राजपूत थे जिन्होंने मुगल सूबेदार अलिमदन खां से युद्ध किया था 1400 महलाओ ने जौहर किया और कुमुद पद्धमनी ने बेतवा नदी मै जल जौहर किया और ठीक उन राजपूतों का इतिहास मराठा और बुंदेला ने दबाया है
नोट _आप बुंदेलखंड का 74 गजट पढे सभी भाई लोग आप लोगो से निवेदन है मेरा आप सभी को सच्चाई पता चल जायेगी
इतिहास बुक _ वृदांवन वमा ने इन दांगी राजपूतों सौहार गाथाओं का वणन किया आप सभी पढे
Bahi aakhir maharaja key bansaj aub Congress's hokar mahal main baithtey hai. 👑
आप सातारा रियासत पर वीडियो बनाइए 🙏🏻🙏🏻
Yis Mahal ka rakh rakaw hona chahiye .
छत्रसाल नही ।।। छत्रसाल जू देव बोलो।।।।।
Kul milakar mughlo k dalal the ye sab
They were both allies and rivals to the Mughal dyansty. They were top ranking members of the Mughal administration and very friendly during the reign of some Mughal Emperors but during the reign of Aurangzeb and some of the others, they were unfriendly and rebellious.
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બનાવો
मराठा राजधानी सातारा रियासत पर आप व्हिडिओ क्यू नहीं बना रहे हैं.... एक समय था जब सातारा से संपूर्ण हिंदुस्थान का राज चलता था......
आपके सब व्हिडिओ मे मराठो का जिक्र होता है.... फिर भी आप सातारा रियासत पर व्हिडिओ क्यू नहीं बना रहे हैं......
आप ग्वालियर के सिंधिया, इन जैसों कि बात करते है, लेकिन सिंधिया तो नाममात्र सरदार थे, सातारा के छत्रपति को रिपोर्टिंग करना पड़ता था उन्हें। सिंधिया कोई महाराज नहीं है। सरदार है सिर्फ।